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वैकल्पिक विषय मनोविज्ञान का पाठ्यक्रम

यूपीएससी सिविल सेवा की प्रारम्भिक परीक्षा को पास करने के बाद उम्मीदवार मुख्य परीक्षा में शामिल होते हैं जहाँ उन्हें सामान्य अध्ययन के 4 अनिवार्य विषयों   के साथ किसी 1 विषय को वैकल्पिक विषय के तौर पर चुनना होता है | वैकल्पिक विषय की परीक्षा 2 पत्रों में ली जाती है | प्रत्येक पत्र 250 अंकों का होता है | इस लेख में वैकल्पिक विषय के तौर पर मनोविज्ञान के दोनों पत्रों के  पाठ्यक्रम की सम्पूर्ण जानकारी दी गई है | मनोविज्ञान के महत्वपूर्ण पुस्तकों की जानकारी के लिए देखें हमारा हिंदी लेख मनोविज्ञान पुस्तक सूचि

पाठक  लिंक किए गए लेख में आईएएस हिंदी के बारे में जानकारी पा सकते हैं।  

मनोविज्ञान का पाठ्यक्रम 

प्रश्न पत्र -1 

(मनोविज्ञान के आधार)

  1. परिचय : मनोविज्ञान की परिभाषा: मनोविज्ञान का ऐतिहासिक पूर्ववृत्त एवं 21वीं शताब्दी में प्रवृत्तियां , मनोविज्ञान एवं वैज्ञानिक पद्धति, मनोविज्ञान का अन्य सामाजिक और प्राकृतिक विज्ञानों से संबंध, सामाजिक समस्याओं में मनोविज्ञान का अनुप्रयोग।
  2. मनोविज्ञान की पद्धति : अनुसंधान के प्रकार – वर्णनात्मक मूल्याकन, नैदानिक एवं पूर्वानुमानिक अनुसंधान पदधति, प्रेक्षण, सर्वेक्षण, व्यक्ति अध्ययन एवं प्रयोग, प्रयोगात्मक तथा अप्रयोगात्मक अभिकल्प की विशेषताएं, परीक्षण सदृश अभिकल्प, केंद्रीय समूह चर्चा, विचारावेश आधार सिद्धांत उपागम।
  3. अनुसंधान प्रणाली : मनोवैज्ञानिक अनुसंधान में मुख्य चरण (समस्या कथन, प्राक्कल्पना निरूपण, अनुसंधान अभिकल्प, प्रतिचयन ,आंकड़ा संग्रह के उपकरण ,विश्लेषण एवं व्याख्या तथा विवरण लेखन, मूल के विरुद्ध अनुप्रयुक्त अनुसंधान आंकड़ा संग्रह की विधियां (साक्षात्कार, प्रेक्षण, प्रश्नावली), अनुसंधान अभिकल्प (कार्योत्तर एवं प्रयोगात्मक), सांख्यिकी प्रविधियों का अनुप्रयोग (T-परीक्षण, द्विमार्गी एनोवा, सहसंबंध, समाश्रयण एवं फैक्टर विश्लेषण), मद अनुक्रिया सिद्धांत।
  4. मानव व्यवहार का विकास : वृद्धि एवं विकास ; विकास के सिद्धांत, मानव व्यवहार को निर्धारित करने वाले आनुवांशिक एवं पर्यावरणीय कारकों की भूमिका, समाजीकरण में सांस्कृतिक प्रभाव; जीवन विस्तृति विकास – अभिलक्षण, विकासात्मक कार्य, जीवन विस्तृति के प्रमुख चरणों में मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य का संवर्धन | 
  5. संवेदन, अवधान और प्रत्यक्षण : संवेदन – सीमा की संकल्पना, निरपेक्ष एवं न्यूनतम बोध-भेद देहली, संकेत उपलंभन एवं सतर्कता, अवधान को प्रभावित करने वाले कारक जिसमें विन्यास एवं उद्दीपन अभिलक्षण  शामिल हैं। प्रत्यक्षण की परिभाषा और संकल्पना ,प्रत्यक्षण में जैविक कारक, प्रात्यक्षिक संगठन, पूर्व अनुभवों का प्रभाव ; प्रात्यक्षिक रक्षा – सांतराल एवं गहनता प्रत्यक्ष को प्रभावित करने वाले कारक, आमाप आकलन एवं प्रात्यक्षिक तत्परता | प्रत्यक्षण की सुग्राहयता, अतीन्द्रिय प्रत्यक्षण, संस्कृति एवं प्रत्यक्षण, अवसीम प्रत्यक्षण |
  6. अधिगम : अधिगम की संकल्पना तथा सिद्धांत (व्यवहारवादी, गेस्टाल्टवादी एवं सूचना प्रक्रमण मॉडल)। विलोप, विभेद एवं सामान्यीकरण की प्रक्रियाएं ,कार्यक्रमबदध अधिगम ,प्रायिकता अधिगम, आत्म अनुदेशात्मक अधिगम , प्रबलीकरण की संकल्पनाएं, प्रकार एवं सारणियां, पलायन, परिहार एवं दंड, प्रतिरूपण एवं सामाजिक अधिगम |
  7. स्मृति : संकेतन एवं स्मरण; अल्पावधि स्मृति, दीर्घावधि स्मृति, संवेदी स्मृति, प्रतिमापरक स्मृति, अनुरणन स्मृति, मल्टिस्टोर मॉडल, प्रकमण के स्तर, संगठन एवं स्मृति सुधार की स्मरणजनक तकनीक, विस्मरण के सिद्धांत, क्षय, व्यक्तिकरण एवं प्रत्यानयन विफलन, अधिस्मृतिः स्मृतिलोपः, आघातोत्तर एवं अभिघातपूर्व |
  8. चिंतन एवं समस्या समाधान : पियाजे का संज्ञानात्मक विकास का सिद्धांत, संकल्पना निर्माण प्रक्रम, सूचना प्रक्रमण, तर्क एवं समस्या समाधान, समस्या समाधान में सहायक एवं बाधाकारी कारक। समस्या समाधान की विधिया, सृजनात्मक चिंतन एवं सृजनात्मकता का प्रतिपोषण, निर्णयन एवं अधिनिर्णय को प्रभावित करने वाले कारक, अभिनव प्रवृत्तियां।
  9. अभिप्रेरण तथा संवेग : अभिप्रेरण संवेग के मनोवैज्ञानिक एवं शरीर क्रियात्मक आधार, अभिप्रेरण तथा संवेग का मापन, अभिप्रेरण एवं संवेग का व्यवहार पर प्रभाव, बाह्य एवं अंतर अभिप्रेरण, अंतर अभिप्रेरण को प्रभावित करने वाले कारक, संवेगात्मक सक्षमता एवं संबंधित मुद्दे |
  10. बुद्धि एवं अभिक्षमता : बुद्धि एवं अभिक्षमता की संकल्पना, बुद्धि का स्वरूप एवं सिद्धांत-स्पियरमैन, थर्सटन गलफोर्ड बर्नान, स्टेशनबर्ग एवं जे पी दास; संवेगात्मक बुद्धि, सामाजिक बुद्धि, बुद्धि एवं अभिक्षमता का मापन, बुद्धिलब्धि की संकल्पना, विचलन बुद्धिलब्धि, बुद्धिलब्धि स्थिरता, बहु बुद्धि का मापन, तरल बुद्धि एवं क्रिस्टलित बुद्धि |
  11. व्यक्तित्व : व्यक्तित्व की संकल्पना तथा परिभाषा, व्यक्तित्व के सिद्धात (मनोविश्लेणात्मक- सांस्कृतिक, अतर्वैयक्तिक (विकासात्मक मानवतावादी, व्यवहारवादी विशेष गुण एवं जाति उपागम); व्यक्तित्व का मापन (प्रक्षेपी परीक्षण, पेंसिल- पेपर परीक्षण); व्यक्तित्व के प्रति भारतीय दृष्टिकोण, व्यक्तित्व विकास हेतु प्रशिक्षण | नवीनतम उपागम जैसे कि बिग-5 फैक्टर सिद्धांत, विभिन्न परंपराओं में स्व का बोध |
  12. अभिवृत्तियां, मूल्य एवं अभिरूचियां : अभिवृत्तियां, मूल्यों एवं अभिरूचियों की परिभाषाएं, अभिवृत्तियों के घटक; अभिवृत्तियाँ का निर्माण एवं अनुरक्षण, अभिवृत्तियाँ,मूल्यों एवं अभिरूचियों का मापन | अभिवृत्ति परिवर्तन के सिद्धांत, मूल्य प्रतिपोषण की विधियां, रूढ धारणाओं एवं पूर्वाग्रहों का निर्माण | अन्य के व्यवहार को बदलना , गुणारोप के सिद्धांत, अभिनव प्रवृत्तियां |
  13. भाषा एवं संज्ञापन : मानव भाषा-गुण, संरचना एवं भाषागत सोपान, भाषा अर्जन पूर्वानुकूलता, क्रांतिक अवधि, प्राक्कल्पना, भाषा विकास के सिद्धांत (स्कीनर, चोम्स्की), संज्ञापन की प्रक्रिया एवं प्रकार, प्रभावपूर्ण संज्ञापन एवं प्रशिक्षण |
  14. आधुनिक समकालीन मनोविज्ञान में मुद्दे एवं परिप्रेक्ष्य : मनोवैज्ञानिक प्रयोगशाला एवं मनोवैज्ञानिक परीक्षण में कम्प्यूटर अनुप्रयोग, कृत्रिम बुद्धि, साइकोसाइबरनेटिक्स , चेतना-नींद-जागरण कार्यक्रमों का अध्ययनः स्वप्न, उद्दीपनवंचन, ध्यान, हिप्रोटिक/औषध प्रेरित दशाएं; अतीन्द्रिय प्रत्यक्षण; अंतरीन्द्रिय प्रत्यक्षण मिथ्याभास अध्ययन।

मनोविज्ञान का पाठ्यक्रम 

प्रश्न पत्र – 2 

(मनोविज्ञान: विषय व अनुप्रयोग)

  1. व्यक्तिगत विभिन्नताओं का वैज्ञानिक मापन : व्यक्तिगत भिन्नताओं का स्वरूप, मानकीकृत मनोवैज्ञानिक परीक्षणों की विशेषताएं और संरचना, मनोवैज्ञानिक परीक्षणों के प्रकार, मनोवैज्ञानिक परीक्षणों के उपयोग, दुरूपयोग तथा सीमाएं। मनोवैज्ञानिक परीक्षाओं के प्रयोग में नीतिपरक विषय |
  2. मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य तथा मानसिक विकार : स्वास्थ्य-अस्वास्थ्य की संकल्पना, सकारात्मक स्वास्थ्य, कल्याण, मानसिक विकार (चिंता विकार, मन स्थिति विकार सीजोफेनियां तथा भ्रमिक विकार, व्यक्तित्व विकार, तात्विक दुर्व्यवहार विकार), मानसिक विकारों के कारक तत्व, सकारात्मक स्वास्थ्य, कल्याण, जीवनशैली तथा जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करने वाले कारक ।
  3. चिकित्सात्मक उपागम : मनोगतिक चिकित्साएं, व्यवहार चिकित्साएं, रोगी केन्द्रित चिकित्साएं, संज्ञानात्मक चिकित्साएं, देशी चिकित्साएं (योग, ध्यान) जैव पुनर्निवेश चिकित्सा | मानसिक रुग्णता की रोकथाम तथा पुनर्स्थापना क्रमिक स्वास्थ्य प्रतिपोषण।
  4. कार्यात्मक मनोविज्ञान तथा संगठनात्मक व्यवहार : कार्मिक चयन तथा प्रशिक्षण उद्योग में मनोवैज्ञानिक परीक्षणों का उपयोग | प्रशिक्षण तथा मानव संसाधन विकास, कार्य अभिप्रेरण सिद्धांत-हर्ज वग्र, मास्लो, एडम ईक्विटी सिद्धांत, पोर्टर एवं लावलर, ब्रूम नेतृत्व तथा सहभागी प्रबंधन |विज्ञापन तथा विपणन | दबाव एवं इसका प्रबंधन, श्रम दक्षता शास्त्र, उपभोक्ता मनोविज्ञान, प्रबंधकीय प्रभाविता, रूपांतरण नेतृत्व, संवेदनशीलता प्रशिक्षण, संगठनों में शक्ति एवं राजनीति |
  5. शैक्षिक क्षेत्र में मनोविज्ञान का अनुप्रयोग : अध्यापन -अध्ययन प्रक्रिया को प्रभावी बनाने में मनोवैज्ञानिक सिद्धांत। अध्ययन शैलियां | प्रदत्त, मंदक, अध्ययन हेतु-अक्षम और उनका प्रशिक्षण | स्मरण शक्ति बढ़ाने तथा बेहतर शैक्षणिक उपलब्धि के लिए प्रशिक्षण | व्यक्तित्व विकास तथा मूल्य शिक्षा | शैक्षिक, व्यावसायिक मार्गदर्शन तथा जीविकोपार्जन परामर्श | शैक्षिक संस्थाओं में मनोवैज्ञानिक परीक्षण |मार्गदर्शन कार्यक्रमों में प्रभावी कार्यनीतियां।
  6. सामुदायिक मनोविज्ञान : सामुदायिक मनोविज्ञान की परिभाषा और संकल्पना | सामाजिक कार्यकलाप में छोटे समूहों की उपयोगिता | सामाजिक चेतना की जागृति और सामाजिक समस्याओं को सुलझाने की कार्यवाही | सामाजिक परिवर्तन के लिए सामूहिक निर्णय लेना और नेतृत्व प्रदान करना सामाजिक परिवर्तन के लिए प्रभावी कार्य नीतियां।
  7. पुनर्वास मनोविज्ञान: प्राथमिक, माध्यमिक तथा तृतीयक निवारक कार्यक्रम | मनोवैज्ञानिकों की भूमिका – शारीरिक, मानसिक तथा सामाजिक रूप से चुनौती प्राप्त व्यक्तियाँ, जैसे वृद्ध व्यक्तियों के पुनर्वासन के लिए सेवाओं का आयोजन | पदार्थ दुरुपयोग, किशोर अपराध, आपराधिक व्यवहार से पीड़ित व्यक्तियों का पुनर्वास | हिंसा के शिकार व्यक्तियों का पुनर्वास | HIV/AIDS रोगियों का पुनर्वास | सामाजिक अभिकरणों की भूमिका |
  8. सुविधावंचित समूहों पर मनोविज्ञान का अनुप्रयोग : सुविधावंचित, वंचित  की संकल्पनाएं, सुविधावंचित तथा वंचित समूहों के सामाजिक, भौतिक, सांस्कृतिक तथा आर्थिक परिणाम, सुविधावंचित का विकास की ओर शिक्षण तथा अभिप्रेरण | सापेक्ष एवं दीर्घकालिक वचन । 
  9. सामाजिक एकीकरण की मनोवैज्ञानिक समस्या :  सामाजिक एकीकरण की संकल्पना, जाति, वर्ग, धर्म, भाषा विवादों और पूर्वाग्रह की समस्या | अंतर्ससमूह तथा बहिसमूह के बीच पूर्वाग्रह का स्वरूप तथा अभिव्यक्ति | ऐसे विवादों और पूर्वाग्रहों के कारक तत्व | विवादों और पूर्वाग्रहों से निपटने के लिए मनोवैज्ञानिक नीतियां | सामाजिक एकीकरण पाने के उपाय |
  10. सूचना प्रौद्योगिकी और जनसंचार में मनोविज्ञान का अनुप्रयोग : सूचना प्रौद्योगिकी और जन संचार गूंज का वर्तमान परिदृश्य और मनोवैज्ञानिकों की भूमिका | सूचना प्रौद्योगिकी और जन संचार क्षेत्र में कार्य लिए मनोविज्ञान व्यवसायियों का चयन और प्रशिक्षण | सूचना प्रौद्योगिकी और जन-संचार माध्यम से दूरस्थ शिक्षण | ई- कॉमर्स के द्वारा उद्यमशीलता | बहुस्तरीय विपणन, दूरदर्शन का प्रभाव एवं सूचना प्रौद्योगिकी और जन-संचार के द्वारा मूल्य प्रतिपोषण | सूचना प्रौद्योगिकी में अभिनव विकास के मनोवैज्ञानिक परिणाम।
  11. मनोविज्ञान तथा आर्थिक विकास : उपलब्धि अभिप्रेरण तथा आर्थिक विकास, उद्यमशील व्यवहार की विशेषताए। उद्यमशीलता तथा आर्थिक विकास के लिए लोगों का अभिप्रेरण तथा प्रशिक्षण उपभोक्ता अधिकारी तथा उपभोक्ता संचेतना, महिला उद्यमियों समेत युवाओं में उद्यमशीलता के संवर्धन के लिए सरकारी नीतियां।
  12. पर्यावरण तथा संबद्ध क्षेत्रों में मनोविज्ञान का अनुप्रयोग : पर्यावरणीय मनोविज्ञान, ध्वनि प्रदूषण तथा भीड़भाड़ के प्रभाव, जनसंख्या मनोविज्ञान- जनसंख्या विस्फोटन और उच्च जनसंख्या घनत्व के मनोवैज्ञानिक परिणाम। छोटे परिवार के मानदंड का अभिप्रेरण। पर्यावरण के अवक्रमण पर द्रुत वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकीय विकास का प्रभाव |
  13. मनोविज्ञान के अन्य अनुप्रयोग : 

(क) सैन्य मनोविज्ञान-

चयन, प्रशिक्षण, परामर्श में प्रयोग के लिए रक्षा कार्मिकों के लिए मनोवैज्ञानिक परीक्षणों की रचना, सकारात्मक स्वास्थ्य संवर्धन के लिए रक्षा कार्मिकों के साथ कार्य करने के लिए मनोवैज्ञानिकों का प्रशिक्षण, रक्षा में मानव-इंजीनियरी |

(ख) खेल मनोविज्ञान-

एथलीटों एवं खेलों के निष्पादन में सुधार में मनावैज्ञानिक हस्तक्षेप; व्यष्टि एवं टीम खेलों में भाग लेने वाले व्यक्ति |

(ग) समाजोन्मुख एवं समाजविरोधी व्यवहार पर संचार माध्यमों का प्रभाव |

(घ) आतंकवाद का मनोविज्ञान।

  1. लिंग का मनोविज्ञान : भेदभाव के मुद्दे, विविधता का प्रबंधन; ग्लास सीलिंग प्रभाव, स्वतः साधक भविष्योक्ति, नारी एवं भारतीय समाज |

अन्य सम्बन्धित लिंक :

IAS मुख्य परीक्षा के लिए समाजशास्त्र की किताबें  यूपीएससी भूगोल (वैकल्पिक विषय) का पाठ्यक्रम
वैकल्पिक विषय इतिहास का पाठ्यक्रम मुख्य परीक्षा में वैकल्पिक विषयों की सूचि 

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