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सरदार सरोवर बांध

जल के बंटवारे की तकनीक को लेकर मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के बीच उपजे विवादों के कारण सरदार सरोवर बांध हाल ही में एक बार फिर समाचारों में था | यह बांध देश के सबसे बड़े बांध होने के साथ -साथ सबसे ज्यादा विवादित बांधों में से भी एक है | इस बांध के निर्माण की नींव भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 1961 में रखी, लेकिन इसका उद्घाटन अंततः 17 सितंम्बर 2017 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा हुआ | विवादों के कारण ही इस बांध के पूरा होने में 6 दशक का समय लगा | यह विवाद 2 प्रकार के थे | पहला , इस बांध से प्रभावित होने वाले राज्यों मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के बीच इसके जल के बंटवारे तथा बांध की ऊंचाई को लेकर उपजे विवाद और दूसरा बांध के निर्माण के विरोध में होने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं के आन्दोलन जिसमें मेधा पाटेकर द्वारा निर्देशित नर्मदा बचाओ आन्दोलन (N.B.A) प्रमुख है | इस लेख में सरदार सरोवर बांध के विभिन्न पहलुओं की विस्तृत जानकारी दी गई है | अंग्रेजी माध्यम में इस लेख को पढने के लिए देखें Sardar Sarovar Dam Project

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सरदार सरोवर बांध : महत्वपूर्ण तथ्य

  • सरदार सरोवर बांध नर्मदा नदी पर गुजरात राज्य के बड़ौदा जिले के केवरिया गांव या नौगांव- भरूच नामक स्थान पर निर्मित है ,
  • सरदार सरोवर बांध संयुक्त राज्य अमेरिका के ग्रांड कोली बांध के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा कंक्रीट का बांध (गुरुत्वीय बांध) है,जबकि जल के डिस्चार्ज करने की क्षमता के लिहाज से यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बांध है | ऊंचाई के अनुसार यह भारत का तीसरा सबसे ऊंचा कंक्रीट बांध है ( पहले एवं दूसरे स्थान पर क्रमशः भाखड़ा नांगल बांध -226 मीटर; हिमाचल प्रदेश और लखवार बांध -193 मीटर; उत्तराखंड है ) ,
  • इसकी लम्बाई 1.2 कि.मी. है और इसकी ऊँचाई वर्तमान में 138.68 मीटर है,
  • वर्तमान में बांध की जल भण्डारण क्षमता 4.73 मिलियन एकड़ फीट (M.A.F) है,
  • इस बांध के जल से गुजरात में 8,00,000 हेक्टेयर भूमि और राजस्थान में 2,46,000 हेक्टेयर भूमि सिंचित की जाएगी जो कि मुख्यतः सूखा प्रभावित क्षेत्र में आते हैं । यह बांध 4 राज्यों – महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश एवं राजस्थान के 131 शहरों और कस्बों तथा 9,633 गांवों को पेयजल प्रदान करेगा,
  • बांध की गहराई करीब 163 मी. है और इसमें बिजली उत्पादन की दो इकाइयां स्थापित की गई हैं जिनकी कुल स्थापित उत्पादन क्षमता 1,450 मेगा वाट है,। अब तक, दोनों इकाइयों ने 4,141 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन किया है,
  • परियोजना समझौते के अनुसार इसमें से महाराष्ट्र को 57 प्रतिशत बिजली , मध्य प्रदेश को 27 प्रतिशत और गुजरात को 16 प्रतिशत बिजली प्राप्त होगी,
  • इस बांध के द्वारा जो नहर निकाली गई है उसे नर्मदा नहर कहा जाता है | 532 किलोमीटर लम्बी यह नहर न केवल भारत बल्कि दुनिया बहर की बड़ी नहरों में गिनी जाती है | इस नहर के द्वारा कुल 1.9 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्रफल के कृषि क्षेत्र पर सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराइ गई है ,जिसमें से 1.85 मिलियन हेक्टेयर सिंचाई क्षेत्र गुजरात राज्य में तथा शेष क्षेत्रफल राजस्थान के 2 जिलों में है | इसके द्वारा मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र को तो सिंचाई के दृष्टिकोण से कोई लाभ नहीं मिला ,परंतु जल विद्युत उत्पादन में इन दोनों राज्यों को लाभ मिला है |

सरदार सरोवर बांध परियोजना का इतिहास

  • सरदार सरोवर बांध परियोजना भारत के प्रथम उप-प्रधानमंत्री व गृह मंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल द्वारा प्रस्तावित की गई थी | इस बांध के निर्माण की नींव भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के द्वारा 1961 में रखी गई |
  • 1968 में गुजरात ने अंतर राज्यीय जल विवाद कानून के तहत पंचाट (Tribunal) गठित कराने की मांग की, जिसके बाद अक्टूबर 1969 में में नर्मदा जल विवाद पंचाट बना | 12 जुलाई 1974 को गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट और गुजरात के बीच बांध को लेकर समझौता हुआ | योजना नुसार यह उम्मीद की गई कि सरदार सरोवर बांध से गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र के सूखा प्रभावित इलाकों के एक बड़े हिस्से की सिंचाई हो सकेगी, राजस्थान और गुजरात की एक बड़ी आबादी को नर्मदा का पानी पीने के लिए मिलेगा, जल-विद्दयुत का उत्पादन होगा और निकट के कई वन्य जीव अभ्यारण्यों को भी इससे लाभ मिलेगा |
  • बांध का निर्माण 1987 में शुरू हुआ |
  • 1995 में सुप्रीम कोर्ट ने इस बांध की ऊंचाई 80 मीटर से अधिक करने पर रोक लगाई लेकिन बाद में इसे 85 मीटर तक ऊंचा करने की अनुमति प्रदान की गई |
  • 2001 में बांध को 90 मीटर तक ऊंचा किया गया | 3 वर्ष के बाद इसकी ऊंचाई एक बार फिर बढ़ाई गई और यह 110 मीटर हो गया | 2014 आते-आते यह अपनी वर्तमान उचाई तक पहुंच गया |
  • किंतु यह परियोजना निरंतर विवाद में रही | सरदार सरोवर बांध के विरोध में मेधा पाटेकर के नेतृत्व में “नर्मदा बचाओ आंदोलन” वर्ष 1989 में शुरू हुआ | आंदोलनकारियों की मांग थी कि चूँकि इस परियोजना से दो लाख से ज्यादा लोग विस्थापित होंगे,आसपास के सैकड़ों गांव जलमग्न हो जाएंगे जिससे कृषि क्षेत्र में भारी कमी आएगी और क्षेत्र के पर्यावरण तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, अतः इस बांध का निर्माण न किया जाये | कुछ वैज्ञानिकों ने यह तर्क भी दिया कि बड़े बांधों के निर्माण से भूकंप का ख़तरा बढ़ सकता है | बांध-निर्माण विरोधी आंदोलनों के कारण 1993 में विश्व बैंक ने सरदार सरोवर परियोजना से अपना समर्थन वापस ले लिया | हालांकि बाद में नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं ने यह मांग भी रखी कि इस बांध का निर्माण सशर्त किया जाए जैसे बांध को एक सीमित ऊंचाई से अधिक ना बढ़ाना , विस्थापितों के पुनर्वास की व्यवस्था तथा भविष्य में किए जाने वाले ऐसे किसी भी बांध के निर्माण के समय पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखना |

बड़े बांध को लेकर विरोध के कारण

हम देखते हैं कि बड़े बांधों के निर्माण को लेकर पर्यावरणविदों ने हमेशा आशंका जताई है और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सदा इसका विरोध किया है | आलोचकों द्वारा इसके कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित बताए जाते हैं:

  • विस्थापन वह सबसे बड़ा कारण है जिसके आधार पर बड़े बांधों के निर्माण का विरोध किया जाता है | आमतौर पर ऐसा देखा गया है की जनजातीय लोगों को इस विस्थापन का दंश अधिक झेलना पड़ता है | नर्मदा बचाओ आंदोलन में भी यह एक बड़ा कारक रहा था |
  • वनों एवं वनस्पतियों का ह्रास : जब बांधों का निर्माण किया जाता है तो आसपास की भूमि जलमग्न हो जाती है | वनस्पति पानी में समा जाते हैं और वे पौधे मर जाते हैं। यह प्रत्यक्ष तौर पर वनस्पति का नुकसान है |
  • बांधों के निर्माण के फलस्वरूप ऐसे जलाशयों में गाद और अवसादन का भी निर्माण/ विक्षेपण होता है |
  • भूमि के जलमग्न हो जाने से कृषि योग्य भूमि की भी हानि होती है |
  • भू वैज्ञानिकों के अनुसार जलाशय प्रेरित भूकंपीयता के कारण भूकंप का भी खतरा ऐसे क्षेत्रों के आस पास बढ़ जाता है |
  • क्योंकि आसपास के कृषि योग्य क्षेत्रों में सिंचाई की पर्याप्त सुविधा ऐसे बांध उपलब्ध कराते हैं अतः कई बार अति – सिंचाई के कारण खेतों में जलभराव और खारापन भी देखने को मिलता है | इसके कारण मृदा की उर्वरता में कमी आने की आशंका होती है |
  • बाढ़ (Flash Floods) : बांधों के विफल हो जाने से या इनके द्वारा अचानक अधिक मात्रा में पानी छोड़े जाने से आसपास के क्षेत्रों में कई बार बाढ़ से तबाही के उदाहरण भी देखने को मिले हैं |
नर्मदा नदी

नर्मदा नदी की लंबाई लगभग 1300 किलोमीटर है | यह नदी मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में स्थित मैकाल पर्वत माला में जो कि सतपुड़ा- विंध्याचल पर्वत श्रृंखला का हिस्सा है, अमरकंटक से लगभग 1000 मीटर की ऊंचाई पर उद्गमित होती है | भारत की सभी प्रमुख व बड़ी नदियों में से यही एकमात्र नदी है जो पश्चिम की तरफ बह कर अरब सागर में मिलती है , अन्यथा सभी नदियां बंगाल की खाड़ी में जाकर मिलती है | नर्मदा की 40 से भी अधिक छोटी- बड़ी सहायक नदियां है जिनमें से कुछ प्रमुख है:- बरनार, बंजर, शेर, शक्कर, दूधी, तवा, गंजाल, छोटी तवा, कुन्दी, देव, गोई, हिरन, तिन्दोली, बरना, चोरल, कानर, मान, ऊटी, हथनी, शहर, अमरकंटक, डिण्डौरी, मंडला, होशंगाबाद, बड़वाह, बड़वानी, महेश्वर, ओंकारेश्वार, खंडवा , बड़ोदरा, राजपीपला, धर्मपुरी और भरुच |

यह नदी मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में भेड़ाघाट नामक स्थान पर धुआंधार जलप्रपात का निर्माण करती है | इस नदी का कुल बेसिन क्षेत्र लगभग 1 लाख किलोमीटर है जो कि विशालकाय है | इसका 88% मध्य प्रदेश 2% महाराष्ट्र और शेष 10% गुजरात में आते हैं |

भारत के कुछ अन्य प्रमुख बांध
राज्य बांध एवं नदी जिसपर ये बांध निर्मित हैं
1.अरुणाचल प्रदेश रांगानदी बांध (रांगा नदी ); सुबनसिरी बांध (सुबनसिरी नदी ); दिबांग बांध (दिबांग नदी)
2.आंध्र प्रदेश श्रीशैलम बांध (कृष्णा नदी);नागर्जुन सागर (कृष्णा नदी); सोमासिला बांध (पेन्नार नदी);पोलावरम बांध (गोदावरी नदी )
3.बिहार कोसी बांध (कोसी नदी पर)
4.छत्तीसगढ़ दुधवा बांध (महानदी );हसदेव परियोजना (हसदेव नदी )
5.गुजरात उकाई बांध ( ताप्ती नदी);धरोई बांध ( साबरमती) ; कडाणा बांध ( माही नदी); दंतीबड़ा बांध ( बनास नदी)
6.हिमाचल प्रदेश भाखड़ा नंगल बांध (सतलज नदी );नाथ-पा (सतलज नदी );चमेरा बांध (रावी नदी);पोंग बांध (व्यास नदी)
7.जम्मू कश्मीर उरी बांध (झेलम नदी);दुलहस्ति बांध (चिनाब नदी); बगलिहार बांध (चिनाब नदी)
8.झारखण्ड मैथन डैम (बराकर नदी ); चांडिल (स्वर्ण रेखा ); पंचैत (दामोदर नदी )
9.कर्नाटक कृष्णा राजा सागर बांध (कावेरी नदी); शिव समुद्रम बांध परियोजना ( कावेरी नदी); अलमाटी बांध (कृष्णा नदी); तुंग-भद्रा बांध (तुंग-भद्रा नदी)
10.केरल इडुक्की बांध (पेरियार नदी); मुल्ला-पेरियार बांध (पेरियार नदी) ;बनसुरा सागर बांध (काबिनी नदी);मल्लमपूजा बांध (मल्लमपूजा नदी );
11.महाराष्ट्र कोयना बांध (कोयना नदी); उज्जनी बांध (भीमा नदी); जायकवाडी बांध (गोदावरी नदी); येदारी बांध (पूर्णा नदी );गंगा पुर बांध (गोदावरी )
12.मध्य प्रदेश गांधी सागर बांध (चंबल नदी); इंदिरा सागर बांध (नर्मदा नदी); ओंकारेश्वर बांध परियोजना (नर्मदा नदी);बर्ना बांध (बर्ना नदी )
13.उड़ीसा इंद्रावती बांध (इंद्रावती नदी );हीरा कुंड बांध (महानदी )
14.पंजाब रणजीत सागर बांध (रावी नदी )-पंजाब एवं जम्मू कश्मीर ;दमसाल डैम (दमसाल नदी);माधो पुर (रावी नदी )
15.राजस्थान बीसलपुर बांध (बनास नदी); माही बजाज सागर (माही नदी);. राणा प्रताप सागर बांध (चंबल नदी); जवाहर सागर बांध (चंबल नदी)
16.तेलन्गाना पोचमपाद बांध (श्रीराम सागर प्रोजेक्ट) (गोदावरी नदी)
17.तमिलनाडु मेट्टूर बांध (कावेरी नदी); कल्लनाई बांध (कावेरी नदी);वैगई बांध (वैगई नदी )
18.उत्तराखंड टिहरी बांध (भागीरथी नदी); धौलीगंगा बांध (धौली गंगा नदी)
19.उत्तर प्रदेश रिहंद बांध (रिहंद नदी); रानी लक्ष्मीबाई (राजघाट बांध) (बेतवा नदी); माता टीला बांध (बेतवा नदी)

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