02 अप्रैल 2023 : समाचार विश्लेषण
A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: इतिहास और संस्कृति:
B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: अर्थव्यवस्था:
D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E. संपादकीय: पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी:
F. प्रीलिम्स तथ्य:
G. महत्वपूर्ण तथ्य:
H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: |
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:
इतिहास और संस्कृति:
कोई मूर्ति नहीं, कोई हथियार नहीं : पट्टनम का रहस्य
विषय: प्राचीन काल से भारतीय संस्कृति और वास्तुकला
प्रारंभिक परीक्षा: पट्टनम के बारे में
मुख्य परीक्षा: पट्टनम में उत्खनन और इसकी संस्कृति का अवलोकन
विवरण:
- पट्टनम मध्य केरल का एक गाँव है। ऐसा माना जाता है कि यह भारतीय उपमहाद्वीप के दक्षिण-पश्चिमी तट पर एकमात्र बहुसांस्कृतिक पुरातात्विक स्थल है।
- पट्टनम मुज़िरिस का एक हिस्सा है जिसे हिंद महासागर का ‘पहला एम्पोरियम’ (शॉपिंग कॉम्प्लेक्स) कहा जाता है।
- ग्रीको-रोमन शास्त्रीय युग मुज़िरिस में एक प्राचीन दक्षिण भारतीय सभ्यता के साथ प्रत्यक्ष संपर्क में था।
पट्टनम में उत्खनन:
- इस क्षेत्र में अभी तक 1% से भी कम स्थल का उत्खनन किया गया है।
- इस क्षेत्र से अभी तक 45 लाख से अधिक टुकड़े (या चीनी मिट्टी के टुकड़े) का उत्खनन किया गया है। इनमें भूमध्यसागरीय क्षेत्रों, नील नदी, लाल सागर, पूर्वी और पश्चिमी हिंद महासागर और दक्षिण चीन सागर से संबंधित लगभग 1.4 लाख वस्तुएँ शामिल हैं।
- इस क्षेत्र से एक स्फिंक्स मुहर ( seal of a sphinx) भी मिली है, जो प्राचीन यूनानी शहर थेब्स से संबंधित है।
- प्रौद्योगिकी, धातुकर्मिकी, साहित्यिक और कलात्मक प्रगति के आधार पर, यह पाया गया है कि पट्टनम में सांस्कृतिक और वाणिज्यिक विनिमय होता था।
- इस प्रकार यह अनुमान लगाया गया है कि पट्टनम एक संपन्न शहरी केंद्र था जो 5वीं शताब्दी ईसा पूर्व (B.C.) से 5वीं शताब्दी ईस्वी (A.D.) तक अस्तित्व में था। इसके अलावा, 100 ईसा पूर्व से 300 ईस्वी तक चरम काल था।
- विशेष रूप से, प्राचीन पट्टनम में संस्थागत धर्म के अस्तित्व का कोई प्रमाण नहीं है। इसके अलावा, जाति व्यवस्था की श्रेणीबद्ध असमानता का कोई साक्ष्य नहीं मिला है जिसे समकालीन केरल और अधिकांश भारत में वर्णित किया गया है।
- यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि पट्टनम में अत्याधुनिक हथियारों का अभाव था। यह अन्य समकालीन स्थलों जैसे मिस्र में बेरेनिके (Berenike) और ओमान में खोर रोरी (Khor Rori) के विपरीत है, जहाँ अत्याधुनिक हथियार पाए गए थे।
- कब्रों पर खंडित कंकाल अवशेष दफन की “द्वितीयक” प्रकृति को उजागर करते हैं। अर्थात, मृतकों का पहले अंतिम संस्कार किया जाता था और फिर अस्थि अवशेषों को औपचारिक रूप से दफनाया जाता था।
- इसके अलावा, अलग-अलग पृष्ठभूमि के लोगों को एक ही तरह से दफनाया गया था। यह एक धर्मनिरपेक्ष लोकाचार के प्रसार के बारे में प्रमाण प्रस्तुत करता है।
- स्थल से प्राप्त नमूनों का आनुवंशिक और वंशावली विश्लेषण दक्षिण एशियाई, पश्चिम एशियाई और भूमध्यसागरीय वंशावली के साथ इसके जुड़ाव को दर्शाता है।
- कोई भी कलाकृति किसी भी धार्मिक रीति-रिवाजों को नहीं दर्शाती है।
- भौतिक साक्ष्य इस बात पर प्रकाश डालते हैं कि पट्टनम का समाज कई जनजातीय समाजों की तरह प्रकृति के साथ सद्भाव में रहता था।
- हालाँकि, स्थल के अधिकांश भाग का उत्खनन किया जाना अभी शेष है।
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
अर्थव्यवस्था:
पश्मीना शॉल का खराब परीक्षण अभी भी एक समस्या बना हुआ है
विषय: उद्योग- हस्तशिल्प उद्योग
प्रारंभिक परीक्षा: पश्मीना शॉल के बारे में
मुख्य परीक्षा: पश्मीना शॉल के व्यापार से जुड़ी चिंता
विवरण:
- कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (KCCI) ने पश्मीना शॉल की जब्ती और खराब परीक्षण पर चिंता जताई है।
- KCCI ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि भारत में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर सीमा शुल्क विभाग द्वारा शॉल की खेप को जब्त किए जाने के मामले बढ़ रहे हैं।
- ऐसा कहा जाता है कि अगर बाधाओं को समाप्त कर दिया जाए तो कश्मीरी शॉल का निर्यात ₹1,000 करोड़ से ₹2,000 करोड़ के बीच पहुंच जाएगा।
- यह शिल्प हजारों पुरुषों और महिलाओं को रोजगार प्रदान करता है।
कश्मीर हस्तशिल्प विभाग से निर्यात का आधिकारिक आंकड़ा
वर्ष |
शॉल का निर्यात |
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2018-19 |
₹305 करोड़ |
2019-20 |
₹272 करोड़ |
2020-21 |
₹172 करोड़ |
2021-22 |
₹166 करोड़ |
संबद्ध चिंताएं:
- हवाई अड्डे पर मौजूद सामान्य सूक्ष्मदर्शी द्वारा पश्मीना शॉल (पश्मीना बकरी से प्राप्त ऊन) के रूप में वर्गीकृत किए गए प्रतिबंधित शाहतोश के बालों (चिरु बकरी या तिब्बती मृग से प्राप्त ऊन) का आसानी से पता लगाया जा सकता है।
- पश्मीना ऊन के धागे की चौड़ाई 13 से 16 माइक्रोन होती है, जबकि शाहतोश की चौड़ाई 11 माइक्रोन से कम होती है।
- इसके बाद शॉल को देहरादून या कोलकाता में परीक्षण प्रयोगशालाओं में भेजा जाता है और रिपोर्ट तैयार करने में महीनों लग जाते हैं।
- इसके अलावा, रिपोर्ट विभिन्न मामलों में अपूर्ण होती हैं।
- रिपोर्ट तैयार करने के बीच में या तो व्यापारियों से पूछताछ की जाती है या कारीगरों पर सीबीआई के छापे मारे जाते हैं।
- भारतीय वन्यजीव ट्रस्ट (WTI) के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में स्विट्जरलैंड के अधिकारियों द्वारा लगभग 537 शाहतोश स्कार्फ के अवैध आयात की सूचना दी गई थी।
- पशमीना शॉल और शाह्तोश के बीच सम्मिश्रण होने का खतरा होता है क्योंकि कारीगर दोनों में अंतर नहीं कर पाते हैं।
शाहतोश पर प्रतिबंध:
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भावी कदम:
- KCCI ने सीमा शुल्क निकासी को आसान बनाने के लिए श्रीनगर और दिल्ली में नवीनतम पश्मीना परीक्षण मशीन लगाने की मांग की है।
- इसके अलावा, सामान्य सूक्ष्मदर्शी परीक्षण के बजाय डीएनए परीक्षण को अपनाया जाना चाहिए।
सारांश:
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संपादकीय-द हिन्दू
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी:
क्या जलवायु परिवर्तन संबंधित मामले में देशों पर मुकदमा चलाया जा सकता है?
विषय: जलवायु परिवर्तन
प्रारंभिक परीक्षा: ICJ की सलाहकार प्रकृति की राय
मुख्य परीक्षा: जलवायु परिवर्तन पर UNGA प्रस्ताव और इसके निहितार्थ
संदर्भ:
- UNGA ने जलवायु परिवर्तन के संबंध में देशों के दायित्व को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया है।
विवरण:
- संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 29 मार्च 2023 को एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) से संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन ढांचागत सम्मेलन (UNFCCC) के तहत की गई प्रतिबद्धताओं के आधार पर जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए देशों के लिए तय दायित्व के मुद्दे पर एक राय प्रदान करने के लिए कहा गया।
- यह प्रस्ताव पैसिफिक आइलैंड ऑफ़ वानुआतु द्वारा पेश किया गया था।
- यह प्रशांत महासागर में एक छोटा सा द्वीपीय देश है।
- 2015 में आए चक्रवात पाम (जलवायु परिवर्तन प्रेरित) ने इसकी 95% फसलों को नष्ट कर दिया था और इसकी दो-तिहाई आबादी को प्रभावित किया था।
अधिक जानकारी के लिए, यहाँ क्लिक कीजिए: Role of International Courts in Climate Change [UPSC Current Affairs]
प्रस्ताव के बारे में विवरण:
- A/77/L.58 नामक मसौदा प्रस्ताव में संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 96 का आह्वान करते हुए ICJ से दो प्रश्नों को संबोधित करने के लिए कहा गया है:
- वर्तमान और भावी पीढ़ियों के लिए जलवायु प्रणाली की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रोटोकॉल के तहत राष्ट्रों के क्या दायित्व हैं?
- राष्ट्रों के लिए इन दायित्वों के तहत कानूनी परिणाम क्या हैं, जहां उन्होंने अपने कार्यों और उपेक्षा से जलवायु प्रणाली के जरिए विशेष रूप से छोटे द्वीप विकासशील राज्यों (SIDS) और प्रभावित लोगों को बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचाया है?
- प्रस्ताव में पेरिस समझौते, UNCLOS और मानवाधिकार जैसे विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल का भी उल्लेख है।
- ICJ को इस मामले पर विचार करने और चर्चा करने में कम से कम 18 महीने लगेंगे।
- मामले को उच्चतम न्यायालय में ले जाने का विचार पैसिफिक आइलैंड के 27 विधि छात्रों के एक समूह द्वारा प्रस्तावित किया गया था। इस मुद्दे को पैसिफिक आइलैंड्स फोरम में उठाया गया था।
- मसौदा प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र महासभा में 132 देशों द्वारा सह-प्रायोजित किया गया था और सर्वसम्मति से पारित किया गया था।
- अमेरिका द्वारा कुछ आपत्तियों के बावजूद, किसी भी देश ने इस प्रस्ताव का विरोध नहीं किया।
- ICJ द्वारा एक कानूनी निर्णय यह सुनिश्चित करेगा कि सभी देश जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग को कम करने की दिशा में आगे बढ़ते हुए सुझाई गई 1.5-2 डिग्री सेल्सियस की सीमा का ध्यान रखें।
- विवादास्पद मामलों (जैसे विकसित दुनिया द्वारा जलवायु सुधार) पर ICJ के निर्णय और अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) लक्ष्यों को प्राप्त नहीं करने वाले देशों के खिलाफ कानूनी कार्रवाइयों पर बारीकी से नजर रखी जाएगी।
- इस प्रस्ताव को प्रस्तुत करने की कार्रवाई अधिक समावेशी और दो पूर्ववर्ती प्रयासों, अर्थात छोटे द्वीप राज्यों द्वारा समुद्री कानून के लिये अंतर्राष्ट्रीय न्यायाधिकरण (दिसंबर 2022) से और कोलंबिया तथा चिली द्वारा इंटर-अमेरिकन कोर्ट ऑफ ह्यूमन राइट्स (IACHR) (जनवरी 2023) से “जलवायु आपातकाल” से संबंधित देशों के लिए मानवाधिकार दायित्वों पर एक सलाहकार राय मांगने की तुलना में बेहतर है।
भारत का रुख:
- जलवायु न्याय का समर्थक होने और जलवायु परिवर्तन के लिए विकसित दुनिया को जवाबदेह ठहराने के बावजूद भारत इस प्रस्ताव पर मौन रहा।
- भारत उन अधिकांश देशों में शामिल नहीं हुआ, जिन्होंने इस प्रस्ताव को सह-प्रायोजित किया था। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका और मालदीव जैसे पड़ोसी देश सह-प्रायोजक थे।
- भारत अमेरिका और चीन जैसी वैश्विक शक्तियों की प्रतिक्रिया को करीब से देख रहा है।
ICJ की सलाहकारी राय:
- ICJ की सलाहकार प्रकृति की राय कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं है।
- हालाँकि, ICJ का निर्णय पर्यावरणीय कानूनों को और अधिक सुव्यवस्थित बना देगा, विशेष रूप से जलवायु न्याय, जलवायु वित्त, तथा “नुकसान और क्षति” जैसे मुद्दों पर। विदित हो कि इन मुद्दों पर COP 27 में सहमति हुई थी।
- यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि फिलिस्तीनी मुद्दे (दीवार का निर्माण) और परमाणु खतरों जैसे मामलों पर ICJ की सलाहकार प्रकृति की राय का सम्मान किया गया था।
संबंधित लिंक:
UPSC Exam Comprehensive News Analysis. Nov 4th, 2022 CNA. Download PDF
सारांश:
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प्रीलिम्स तथ्य:
- भारत, मलेशिया ने डॉलर के बजाय रुपये में व्यापार करने पर सहमति जताई
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
विषय: अंतर्राष्ट्रीय संबंध
प्रारंभिक परीक्षा: भारत-मलेशिया संबंध
संदर्भ:
- भारत और मलेशिया ने भारतीय रुपये में व्यापार करने हेतु समझौता किया।
विवरण:
- विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत और मलेशिया भारतीय रुपये में व्यापार करने पर सहमत हो गए हैं।
- यह रूस-यूक्रेन युद्ध के प्रभाव से भारतीय व्यापार को सुरक्षित रखने के लिए किए गए प्रयासों का परिणाम है।
- इस कदम से यह भी संकेत मिलता है कि भारत अपने अंतरराष्ट्रीय व्यापार के डी-डॉलरीकरण की दिशा में ठोस कदम उठाने और अमेरिकी डॉलर (अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रमुख आरक्षित मुद्रा) से दूरी बनाने के लिए तैयार है।
- यूनियन बैंक ऑफ इंडिया इस विकल्प का परिचालन करने वाला और मलेशिया में अपने संबंधित बैंक यानी इंडिया इंटरनेशनल बैंक ऑफ मलेशिया के माध्यम से एक विशेष रुपया वोस्ट्रो खाता खोलने वाला भारत का पहला बैंक बन गया है।
- जुलाई 2022 में, भारतीय रिज़र्व बैंक ने वैश्विक व्यापार के विकास को सुविधाजनक बनाने और वैश्विक व्यापारिक समुदाय के हितों का समर्थन करने के लिए भारतीय रुपये (INR) में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के निपटान की अनुमति दी थी।
- रूस पर प्रतिबंधों के परिणामस्वरूप, अमेरिकी डॉलर में भुगतान करना बहुत कठिन हो गया है। इसके बदले में डी-डॉलरीकरण और राष्ट्रीय मुद्राओं में समाधान की खोज शुरू हो गई है।
- राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में बताया गया कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने 18 देशों के बैंकों को रुपये में भुगतान निपटान के लिए विशेष रुपया वोस्ट्रो खाते खोलने की अनुमति दी है।
- इस कदम से व्यापार की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं के लिए बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इससे भारत और मलेशिया दोनों के व्यापारियों को लाभ होगा।
- यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि मलेशिया आसियान (सिंगापुर और इंडोनेशिया के बाद) समूह में भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
- 2021-22 के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 19.4 अरब डॉलर तक पहुंच गया था।
यह भी पढ़ें: India-Malaysia Relations: Latest Developments [UPSC International Relations Notes]
- बेहतर सहयोग के लिए भारत-रोमानिया रक्षा समझौता
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
विषय: अंतर्राष्ट्रीय संबंध
प्रारंभिक परीक्षा: भारत-रोमानिया समझौता
विवरण:
- भारत और रोमानिया ने सैन्य हार्डवेयर के सह-विकास और सह-उत्पादन सहित पारस्परिक हित के क्षेत्रों पर ज्ञान के आदान-प्रदान के माध्यम से सहयोग को मजबूत करने के लिए एक रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए।
- इस समझौते से वैज्ञानिक अनुसंधान, रक्षा चिकित्सा, साइबर रक्षा, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्रों में अवसर खुलेंगे।
- इसके अलावा, काला सागर और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति और बहुपक्षीय ढांचे में सहयोग जैसे मुद्दों को भी शामिल किया गया।
महत्वपूर्ण तथ्य:
- महाराजाओं के समय के बांदीपुर ने प्रोजेक्ट टाइगर रिजर्व के रूप में 50 साल पूरे किए:
- 1 अप्रैल 1973 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने प्रोजेक्ट टाइगर नामक एक प्रमुख बाघ संरक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया था।
- इस प्रकार बांदीपुर ने प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे कर लिए हैं।
- 1973 में बांदीपुर में बाघों की आबादी केवल 12 थी। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा प्रकाशित ‘स्टेटस ऑफ टाइगर्स को-प्रीडेटर्स एंड प्रे इन इंडिया, 2018’ के अनुसार, अब यह बढ़कर 173 हो गई है।
- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की शुरुआत से बहुत पहले, मैसूरु के तत्कालीन शासकों ने वनस्पतियों और जीवों के संरक्षण के महत्व को महसूस किया था। उदाहरण के लिए,
- मैसूर गजेटियर के अनुसार, कई वन क्षेत्रों को टाइगर ब्लॉक के रूप में संरक्षित किया गया था और शिकार करने पर प्रतिबंध था।
- वेणुगोपाल वन्यजीव उद्यान का गठन 1941 में किया गया था। उद्यान के भीतर लगभग 82 वर्ग मील का क्षेत्र बांदीपुर अभयारण्य के रूप में जाना जाता था।
- वेणुगोपाल वन्यजीव उद्यान मोयार नदी से गुंडलूपेट तक विस्तारित है।
- इसमें 1450 मीटर ऊंचा हिमावद गोपालस्वामी बेट्टा भी शामिल है।
- इसका नाम पहाड़ी के ऊपर स्थित मंदिर के देवता वेणुगोपाल के नाम पर रखा गया है।
यह भी पढ़ें: Bandipur Tiger Reserve – Facts, History & Tiger Conservation
- रक्षा निर्यात 15,920 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचा: राजनाथ
- वित्त वर्ष 2022-23 में भारत का रक्षा निर्यात 15,920 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है।
- यह 2021-22 की तुलना में लगभग ₹3000 करोड़ अधिक है और 2016-17 की तुलना में 10 गुना से अधिक बढ़ गया है।
- भारत 85 से अधिक देशों को रक्षा उत्पादों/उपकरणों का निर्यात करता है।
- यह डोर्नियर-228, 155 मिमी उन्नत टोएड आर्टिलरी गन, ब्रह्मोस मिसाइल, सतह से हवा में मार करने वाली आकाश मिसाइल, पिनाका रॉकेट लॉन्च सिस्टम, बख्तरबंद वाहन, रडार, सिमुलेटर, माइन-प्रोटेक्टेड वाहन, गोला-बारूद, थर्मल इमेजर्स, बॉडी आर्मर आदि का निर्यात करता है।
यह भी पढ़ें: India’s Defence Prowess: Sansad TV Perspective Discussion of 14th Feb 2023
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. तिरा (Thirra) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं? (स्तर – कठिन)
- यह तमिलनाडु के मंदिरों में किया जाने वाला एक आनुष्ठानिक नृत्य है।
- इस कला रूप का प्रदर्शन मलय समुदाय के कलाकारों द्वारा किया जाता है।
विकल्प:
- केवल 1
- केवल 2
- दोनों
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर: b
व्याख्या:
- कथन 1 सही नहीं है: तिरा केरल में मालाबार क्षेत्र के मंदिरों में किया जाने वाला एक आनुष्ठानिक नृत्य है।
- कथन 2 सही है: यह मलय समुदाय के कलाकारों द्वारा किया जाता है।
प्रश्न 2. गोदावरी नदी के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं? (स्तर – मध्यम)
- गोदावरी नदी प्रायद्वीपीय भारत की सबसे बड़ी नदी प्रणाली है।
- यह नदी महाराष्ट्र के नासिक जिले में मौजूद त्र्यंबकेश्वर के पास सह्याद्रि में निकलती है।
- पूर्णा, प्राणहिता और इंद्रावती गोदावरी के दाहिने तट की सहायक नदियाँ हैं।
विकल्प:
- केवल 1 और 2
- केवल 2 और 3
- केवल 1 और 3
- 1, 2 और 3
उत्तर: a
व्याख्या:
- कथन 1 सही है: लंबाई, जलग्रहण क्षेत्र और बहाव के संदर्भ में, गोदावरी प्रायद्वीपीय भारत की सबसे बड़ी नदी है। इसे दक्षिण गंगा के नाम से जाना जाता है।
- कथन 2 सही है: नदी का स्रोत महाराष्ट्र के नासिक जिले में मौजूद त्र्यंबकेश्वर के पास सह्याद्री में है।
- कथन 3 सही नहीं है: बाणगंगा, कदवा, शिवना, पूर्णा, कदम, प्राणहिता, इंद्रावती, तालीपेरु और सबरी गोदावरी के बाएं तट की सहायक नदियाँ हैं।
प्रश्न 3. बैस्टिल (Bastille) दिवस के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – कठिन)
- यह फ्रांस का राष्ट्रीय दिवस है, जो प्रत्येक वर्ष 14 जुलाई को मनाया जाता है।
- यह फ्रांसीसी क्रांति की एक प्रमुख घटना, वर्साय पैलेस पर आक्रोश (Storming of the Versailles palace) की घटना की वर्षगाँठ है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
- केवल 1
- केवल 2
- दोनों
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर: a
व्याख्या:
- कथन 1 सही है: बैस्टिल दिवस फ्रांस का राष्ट्रीय दिवस है। यह प्रत्येक वर्ष 14 जुलाई को मनाया जाता है।
- कथन 2 सही नहीं है: यह 14 जुलाई 1789 को बैस्टिल के पतन की वर्षगांठ है।
प्रश्न 4. कालाजार के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से गलत है/हैं? (स्तर-मध्यम)
- यह प्रोटोजोआ परजीवी के कारण होता है जो संक्रमित मादा फेलोबोटोमाइन मरूमक्षिका (phlebotomine sandflies) के काटने से फैलता है।
- भारत में लीशमैनिया डोनोवानी एकमात्र परजीवी है जो इस बीमारी का कारण बनता है।
- कालाजार को रोकने के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है।
विकल्प:
- केवल 1
- केवल 3
- 1, 2 और 3
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर: d
व्याख्या:
- कथन 1 सही है: विसरल लीशमैनियासिस (VL) या काला-अजार प्रोटोजोआ परजीवी के कारण होता है जो संक्रमित मादा फेलोबोटोमाइन मरूमक्षिका के काटने से फैलता है।
- कथन 2 सही है: भारतीय उपमहाद्वीप में सामान्य रूप से पाई जाने वाली प्रजाति लीशमैनिया डोनोवानी है।
- कथन 3 सही है: कालाजार को रोकने के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है। हालांकि, टीके विकास के चरण में हैं।
प्रश्न 5. निम्नलिखित में से किस स्थान पर अंतर्राष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर प्रायोगिक रिएक्टर (ITER) परियोजना का निर्माण किया जाना है?
- उत्तरी स्पेन
- दक्षिणी फ्रांस
- पूर्वी जर्मनी
- दक्षिणी इटली
उत्तर: b
व्याख्या:
अंतर्राष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर प्रायोगिक रिएक्टर (ITER) 35 देशों का एक सहयोग है जिसे 1985 में शुरू किया गया था। यह दक्षिणी फ्रांस में स्थित है।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. विश्व की जलवायु न्याय व्यवस्था में उत्तरदायित्व निर्धारित करने की आवश्यकता पर चर्चा कीजिए। (10 अंक, 150 शब्द) [GS-3 पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी]
प्रश्न 2. “पशमीना शॉल व्यापारियों की कठिन परीक्षा हस्तशिल्प क्षेत्र में राष्ट्र द्वारा अधिक तकनीकी हस्तक्षेप की आवश्यकता को चिंहित करती है” टिप्पणी कीजिए। (10 अंक, 150 शब्द) [GS-3 अर्थव्यवस्था]