02 अक्टूबर 2022 : समाचार विश्लेषण

A.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

B.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

  1. रूस के ‘जनमत संग्रह’ की निंदा करने वाले UNSC के प्रस्ताव से भारत दूर

शासन

  1. स्वच्छ सर्वेक्षण 2022

C.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

D.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

E.सम्पादकीय:

सामाजिक न्याय:

  1. उच्चतम न्यायालय ने गर्भपात के अधिकारों का विस्तार किस प्रकार किया?

पर्यावरण:

  1. ग्लोबल वार्मिंग पर भारत अपने प्रभाव को किस प्रकार कम कर सकता है

F. प्रीलिम्स तथ्य:

  1. औषधीय कवक
  2. सेना में आर्टिलरी गन को शामिल करना

G.महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. जूरोंग रोवर (Zhurong rover)

H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

रूस के ‘जनमत संग्रह’ की निंदा करने वाले UNSC के प्रस्ताव से भारत दूर

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

विषय: रूस के साथ द्विपक्षीय संबंध

मुख्य परीक्षा: संयुक्त राष्ट्र में भारत

संदर्भ: भारत ने रूस के “अवैध जनमत संग्रह” की निंदा और चार यूक्रेनी क्षेत्रों के कब्जे को अमान्य घोषित करने वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के एक प्रस्ताव पर होने वाली वोटिंग में भाग नहीं लिया।

पृष्ठभूमि:

  • हाल ही में व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के डोनेट्स्क, लुहान्स्क, खेरसॉन और ज़ापोरिज्जिया क्षेत्रों पर रूस के कब्जे को औपचारिक रूप देने के लिए “परिग्रहण संधियों” पर हस्ताक्षर किए।
  • इन क्षेत्रों में रूस द्वारा किए गए जनमत संग्रह के परिणामों के आधार पर संधियों पर हस्ताक्षर किए गए थे।
  • ये चार क्षेत्र यूक्रेन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सीमाओं के अंदर हैं।

संयुक्त राष्ट्र का प्रस्ताव:

  • रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा इन क्षेत्रों को मिलाने वाली संधियों पर हस्ताक्षर करने के बाद, “यूक्रेन में अवैध जनमत संग्रह” पर अमेरिका और अल्बानिया द्वारा प्रस्तुत मसौदा प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मतदान किया।
  • इस प्रस्ताव में जनमत संग्रह की निंदा की गई थी और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से यूक्रेन के क्षेत्र में किसी भी परिवर्तन को मान्यता नहीं देने तथा रूस से यूक्रेन से अपनी सेना वापस लेने का आह्वान किया गया था।
  • 10 समर्थक वोट प्राप्त होने के बावजूद, यूएनएससी में यह प्रस्ताव पारित होने में विफल रहा क्योंकि रूस ने इस प्रस्ताव पर वीटो कर दिया।
  • भारत ने अन्य UNSC सदस्यों – चीन, ब्राजील और गैबॉन के साथ इस प्रस्ताव पर हो रही वोटिंग में भाग नहीं लिया।

भारत ने प्रस्ताव पर हो रही वोटिंग में भाग क्यों नहीं लिया:

  • भारत ने यह कहते हुए प्रस्ताव पर हो रही वोटिंग में भाग नहीं लिया कि “बयानबाजी या तनाव का बढ़ना किसी के हित में नहीं है” और “यह जरूरी है कि संवाद के लिए मार्गों की पहचान की जाए।”
  • हाल ही में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यूक्रेन युद्ध के प्रक्षेपवक्र को “बहुत ही चिंताजनक” और परमाणु युद्ध के जोखिम को “विशेष चिंता” के रूप में वर्णित किया।
  • भारत को रूस के साथ सकारात्मक संबंध बनाए रखने की आवश्यकता है क्योंकि उसे अपने पड़ोसियों, विशेष रूप से चीन के साथ अपने क्षेत्रीय संघर्षों के समाधान में इसके सहयोग की आवश्यकता है।
  • रूस ने कश्मीर मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र में भारत का बार-बार समर्थन किया है।
  • कूटनीतिक स्तर पर भारत शत्रुता और हिंसा को तत्काल समाप्त करने के लिए जोर दे रहा है। भारत ने शुरू से ही यूक्रेन और रूस के बीच संवाद को प्रोत्साहित किया है।

वैश्विक दृष्टिकोण:

  • रूस ने इस मसौदा प्रस्ताव के प्रस्तावकों पर आरोप लगाया कि उन्होंने जानबूझकर रूस को वीटो का प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया । इसने अमेरिका पर ताइवान के संदर्भ में दोहरे मानक अपनाने का आरोप लगाया और ताइवान की रक्षा के लिए बल प्रयोग करने की उसकी तत्परता का उदाहरण दिया।
  • यूक्रेन ने वीटो करने के लिए रूस को सोवियत संघ के अधिकार का लाभ उठाने की अनुमति देने की सुरक्षा परिषद के निर्णयों की वैधता पर सवाल उठाया। ज्ञात हो कि ये निर्णय संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने की अपनी प्राथमिक जिम्मेदारी का प्रयोग करने से संयुक्त राष्ट्र को प्रभावी ढंग से रोकते हैं।
  • अमेरिका ने कब्जे वाले क्षेत्रों में रूस द्वारा आयोजित जनमत संग्रह की वैधता पर सवाल उठाया।
  • निकट भविष्य में संयुक्त राष्ट्र महासभा – जहां रूस के पास वीटो नहीं है – में ऐसा ही प्रस्ताव पेश किए जाने की संभावना है।
  • चीन ने संघर्ष के लिए एक राजनयिक और राजनीतिक समाधान का आग्रह किया।

सारांश:

  • वैश्विक व्यवस्था संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतर्राष्ट्रीय कानून और संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान पर आधारित थी। राजनीतिक अलगाव, दबाव, ब्लॉक टकराव और प्रतिबंध शांति को बढ़ावा नहीं देते बल्कि इस समस्या को बढ़ाते हैं। तत्काल युद्ध विराम और संघर्ष के समाधान के लिए शांति वार्ता की शीघ्र बहाली पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

स्वच्छ सर्वेक्षण 2022

शासन:

विषय: सरकारी नीतियां

मुख्य परीक्षा: ‘स्वच्छ भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार की पहल।

संदर्भ: हाल ही में भारत के राष्ट्रपति ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 के परिणामों की घोषणा की।

2022 सर्वेक्षण:

  • भारत के राष्ट्रपति ने औपचारिक रूप से स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 डैशबोर्ड जारी किया और स्वच्छ भारत मिशन के तहत आयोजित आजादी@75 स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 के हिस्से के रूप में पुरस्कार प्रदान किए गए।
  • “1 लाख से अधिक आबादी” की श्रेणी में इंदौर ने लगातार छठे वर्ष सबसे स्वच्छ शहर का खिताब जीता, जबकि सूरत दूसरे स्थान पर रहा और नवी मुंबई को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ।
  • इंदौर ने भारत के पहले 7-स्टार कचरा मुक्त शहर के रूप में उभरकर अपनी स्थिति को और मजबूत किया, जबकि सूरत, भोपाल, मैसूर, नवी मुंबई, विशाखापत्तनम और तिरुपति को 5-स्टार कचरा मुक्त प्रमाणन प्राप्त हुआ।
    • कचरा मुक्त शहरों की संशोधित स्टार रेटिंग प्रोटोकॉल की शुरुआत 2021 में ठोस कचरा प्रबंधन मानकों पर शहरों का समग्र मूल्यांकन करने के लिए की गई थी।
  • 1 लाख से कम की जनसंख्या की श्रेणी में महाराष्ट्र के पंचगनी और कराड ने क्रमश: पहला और तीसरा स्थान हासिल किया, जबकि छत्तीसगढ़ के पाटन ने दूसरा स्थान प्राप्त किया।
  • तिरुपति को सफाई मित्र सुरक्षा श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ शहर का पुरस्कार मिला।
  • उत्तराखंड के हरिद्वार को एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में सर्वश्रेष्ठ गंगा शहर का पुरस्कार मिला।
  • कर्नाटक में शिवमोग्गा को फास्ट मूवर सिटी का पुरस्कार प्राप्त हुआ।
  • मध्य प्रदेश “100 से अधिक शहरी स्थानीय निकायों” की श्रेणी में ‘सबसे स्वच्छ राज्य’ के रूप में उभर कर सामने आया, जबकि पिछले 3 वर्षों का सबसे स्वच्छ राज्य, छत्तीसगढ़ दूसरे स्थान पर रहा। महाराष्ट्र तीसरे सबसे स्वच्छ राज्य के रूप में उभरा।
  • त्रिपुरा को “100 से कम शहरी स्थानीय निकायों की श्रेणी” में सबसे स्वच्छ राज्य का पुरस्कार प्राप्त हुआ। झारखंड और उत्तराखंड को क्रमश: दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है।
  • इस वर्ष के सर्वेक्षण में 4,355 शहरों ने भाग लिया, जिसमें अभूतपूर्व संख्या में नागरिकों के फीडबैक भी शामिल थे। पिछले वर्ष 5 करोड़ की तुलना में इस वर्ष 9 करोड़ से अधिक लोगों का फीडबैक प्राप्त हुआ।

चित्र स्त्रोत: The Hindu

स्वच्छ सर्वेक्षण:

  • केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा 2016 से इसका आयोजन किया जा रहा है।
  • यह विश्व का सबसे बड़ा शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण है।
  • यह शहरों और कस्बों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ावा देने और नागरिकों को उनकी सेवा वितरण में सुधार करने तथा स्वच्छ शहर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
  • स्वच्छ सर्वेक्षण का प्राथमिक लक्ष्य बड़े पैमाने पर नागरिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना और समाज के सभी वर्गों के बीच शहरों को रहने के लिए बेहतर स्थान बनाने की दिशा में मिलकर काम करने के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करना है।
  • स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के दायरे में आयोजित, वार्षिक सर्वेक्षण लोगों, संसाधनों और अधिकारियों तक यह संदेश पहुंचाने में सफल रहा है कि उनका शहर, भारत के सभी शहरों में से, सबसे स्वच्छ है और वहाँ धारणीय व्यवस्था है।

सारांश:

  • वर्षों से, स्वच्छ सर्वेक्षण शहरी परिदृश्य को बदलने के लिए एक प्रभावी साधन के रूप में उभरा है। यह पुरस्कार समारोह कचरा मुक्त शहरों के दृष्टिकोण की दिशा में नए उमंग के साथ आगे बढ़ने के लिए शहरों और नागरिकों की प्रतिबद्धता की पुन:पुष्टि के लिए एक मंच था।

संपादकीय-द हिन्दू

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित

सामाजिक न्याय

उच्चतम न्यायालय ने गर्भपात के अधिकारों का विस्तार किस प्रकार किया?

विषय: महिलाओं से संबंधित मुद्दे

मुख्य परीक्षा: भारत का गर्भपात कानून.

प्रारंभिक परीक्षा: मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट।

संदर्भ: गर्भपात के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय का हालिया निर्णय।

पृष्ठभूमि विवरण:

  • उच्चतम न्यायालय ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी (MTP) अधिनियम, 1971 के नियमों की व्याख्या करते हुए निर्देश दिया कि 20 से 24 सप्ताह के बीच की गर्भधारण वाली एकल / अविवाहित महिलाएं विवाहित महिलाओं के समान कानूनी और सुरक्षित गर्भपात देखभाल तक एक्सेस प्राप्त कर सकती हैं।
  • पीठ ने कहा कि “प्रजनन स्वायत्तता, गोपनीयता और गरिमा के अधिकार अविवाहितों को पसंद का अधिकार देते हैं कि वे एक विवाहित महिला की तरह बच्चे को जन्म दें या नहीं।”
  • न्यायालय ने यह भी फैसला सुनाया (एक अन्य न्यायिक चर्चा में) कि वैवाहिक बलात्कार (पति द्वारा अपनी पत्नी पर यौन हमला) को बलात्कार के रूप में लिया जा सकता है। वर्तमान में भारतीय दंड संहिता वैवाहिक बलात्कार को अपराध के रूप में मान्यता नहीं देती है।
  • MTP अधिनियम में आईपीसी की धारा 312 से 318 तक गर्भपात के अपराधीकरण के लिए अपवाद निर्धारित किया गया है।
  • इससे पूर्व मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी रूल्स, 2003 में अविवाहित महिलाओं के लिए 24 सप्ताह पूरे होने से पहले गर्भावस्था को समाप्त करने की अनुमति नहीं दी गई थी।
  • एक 25 वर्षीय महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए “हितकारी कानून” का “उद्देश्यपूर्ण” दृष्टिकोण लेते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि अविवाहित महिलाओं को MTP नियम के नियम 3B के दायरे में शामिल किया जाना चाहिए। ज्ञात हो कि इस महिला का 24 सप्ताह पूरा होने से पहले गर्भावस्था को समाप्त करने का अनुरोध दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा खारिज (MTP अधिनियम की तरह) कर दिया गया था।
  • MTP (संशोधन) अधिनियम, 2021 के धारा 3 में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया। इसने गर्भावस्था को समाप्त करने की ऊपरी सीमा को 20 से बढ़ाकर 24 सप्ताह कर दिया। विशेष रूप से, स्पष्टीकरण II जिसमें कहा गया था कि- किसी भी “विवाहित महिला या उसके पति” द्वारा उपयोग किए जाने वाले किसी भी उपकरण या विधि की विफलता के परिणामस्वरूप गर्भावस्था के कारण होने वाली पीड़ा के स्थान पर “किसी भी महिला या उसके साथी” खंड का प्रयोग किया गया था। इस प्रकार यह गर्भधारण को विवाह संस्था के बाहर “कानून की छतरी” के भीतर लाता है।

उच्चतम न्यायालय के फैसले के पीछे तर्क:

  • संवैधानिक मूल्य जिनके कारण MTP अधिनियम और नियमों की पुनर्व्याख्या हुई:
    • प्रजनन स्वायत्तता का अधिकार
    • सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार
    • समानता का अधिकार
    • निजता का अधिकार
  • न्यायालय का विचार है कि – “गर्भपात के संदर्भ में, गरिमा के अधिकार में गर्भावस्था को समाप्त करने के निर्णय सहित प्रजनन निर्णय लेने के लिए प्रत्येक महिला की क्षमता और अधिकार को मान्यता देना शामिल है”।

वर्तमान परिदृश्य:

  • भारत में अविवाहित और एकल महिलाओं को अपने अधिकारों का प्रयोग करते समय बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जिससे अधिक जोखिम और जटिलताएं होती हैं। इसके कारण के रूप में हम देश की पितृसत्तात्मक मानसिकता और सामाजिक लांछन को ले सकते हैं।
  • कई महिलाओं को अनचाहे गर्भ की स्थिति में झोलाछाप डॉक्टरों का सहारा लेना पड़ता है।
  • 2019 के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 5 के अनुसार, 18-49 वर्ष की आयु वर्ग की 29.3% महिलाएँ वैवाहिक हिंसा (यौन और शारीरिक दोनों) का सामना करती हैं।
  • अदालतों ने स्पष्ट किया है कि असुरक्षित गर्भपात भारत में मातृ मृत्यु दर का प्रमुख कारण है।
  • हालांकि, भारत में गर्भपात कानून सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, खासकर ऐसे समय में जब संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों ने गर्भपात के अधिकार को उलट दिया है।
  • वर्तमान में वैवाहिक संबंध आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम, 2013 के दायरे से बाहर हैं।

वैवाहिक बलात्कार में न्यायालय का फैसला:

  • न्यायालय ने फैसला सुनाया है कि नियम 3B(a) में “बलात्कार” या “यौन हमला” शब्दों के अर्थ में एक पति द्वारा अपनी पत्नी पर किए गए बलात्कार या यौन हमले को शामिल किया जाना चाहिए। इस प्रकार इसका अर्थ यह है कि बलात्कार का अर्थ वैवाहिक बलात्कार भी होना चाहिए, केवल MTP अधिनियम के प्रयोजनों के लिए।
  • विभिन्न मानवाधिकार विशेषज्ञों ने इंगित किया है कि यदि अनुच्छेद 14 और 21 के तहत व्यक्तियों को स्वायत्तता, गरिमा और समानता की गारंटी दी जाती है, तो वैवाहिक बलात्कार को एक आपराधिक अपराध माना जाना चाहिए।
  • इसी तरह, न्यायमूर्ति वर्मा समिति ने सिफारिश की थी कि कानून में स्पष्ट रूप से निर्दिष्ट होना चाहिए कि वैवाहिक संबंध यौन हिंसा का बहाना नहीं हो सकते। समिति ने निष्कर्ष निकाला है कि “एक बलात्कारी पीड़िता के साथ अपने संबंधों से परे बलात्कारी ही रहता है”।

सारांश:

जैसा कि वर्तमान निर्णय से स्पष्ट है, महिलाओं की गरिमा और स्वायत्तता की बात करें तो भारत सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। हालाँकि, वैवाहिक बलात्कार के मामले में बहुत कुछ किए जाने की आवश्यकता है।

सम्पादकीय:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-3 से संबंधित:

पर्यावरण:

ग्लोबल वार्मिंग पर भारत अपने प्रभाव को किस प्रकार कम कर सकता है

विषय: ग्लोबल वार्मिंग

मुख्य परीक्षा: कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन और कृषि की भूमिका

विवरण:

  • अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (EPA) के अनुसार, औद्योगिक क्रांति (1800 के बाद) और मानवीय गतिविधियां भारी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड और ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन के लिए उत्तरदायी हैं। जिसके कारण पृथ्वी की जलवायु में परिवर्तन हो रहा है।
    • ग्रीनहाउस गैसों में नाइट्रस ऑक्साइड, मीथेन और फॉस्फोरस, सल्फर आदि के यौगिक शामिल होते हैं।

रुझान में वृद्धि:

  • वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर में 40% से अधिक की वृद्धि हुई है। यह 18वीं सदी के 280 PPM की तुलना में 2020 में 414 PPM तक पहुंच गया है।
  • भारत की जनसंख्या 1800 के 170 मिलियन से बढ़कर 2020 में 1.4 बिलियन हो गई है। इसके अलावा, स्वतंत्रता के बाद शुरू हुई औद्योगिक क्रांति से गरीबी में कमी आई है, लेकिन इसके कारण वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड और ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन कई गुना बढ़ा है।
  • खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के अनुसार, भारत की सत्तर प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है, जहां कृषि एक मुख्य व्यवसाय है। भारत में कुल खाद्यान्न उत्पादन 275 मिलियन टन है। इसलिए कृषि क्षेत्र में कार्बन फुटप्रिंट को कम करने की संभावना अधिक है।

भावी कदम:

  • डीजल से चलने वाले पंपों के बजाय अपने खेतों में सौर पैनलों का उपयोग करना जैसे किसानों के कुछ सराहनीय कदम का अनुकरण अन्य लोगों द्वारा किया जा सकता है।
  • कार्बन प्रबंधन पत्रिका के अनुसार, जलवायु अनुकूल कृषि में प्रतिवर्ष भारत के कुल कार्बन उत्सर्जन को लगभग 45-62 मिलियन टन कम करने की क्षमता है। इस प्रकार यह नवीन आय का स्रोत प्रदान करता है और दीर्घ अवधि में भी टिकाऊ होता है।
  • एक अन्य पत्रिका के अनुसार, मछलियां पोषण सुरक्षा प्रदान करने के अलावा कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में सहायक होती हैं। यह भारत के लिए लाभदायक हो सकता है क्योंकि
    • भारत में सत्तर प्रतिशत आबादी मांसाहारी है।
    • भारत में विभिन्न नदियाँ और विशाल समुद्र तट भी है, जिससे मछली की खपत को बढ़ावा मिलता है।
  • भारतीय आबादी को भी अपने आहार में बाजरा को शामिल करना चाहिए, क्योंकि यह न केवल स्वास्थ्य के लिए अच्छा है, बल्कि कार्बन और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने में भी सहायक होता है।

सारांश:

कार्बन डाइऑक्साइड और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में भारतीय कृषि की भूमिका महत्त्वपूर्ण है। इस प्रकार भारतीय किसानों, मछुआरों, सरकार और पेशेवर समूहों को कार्बन फुटप्रिंट को कम करने और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ाने के लिए सहयोग करना चाहिए।

प्रीलिम्स तथ्य:

1. औषधीय कवक

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:

प्रारंभिक परीक्षा: जैव प्रौद्योगिकी-कवक प्रजाति

संदर्भ: गणितीय विज्ञान संस्थान, चेन्नई (IMSc) के शोधकर्ताओं द्वारा औषधीय कवक पर किए गए एक विश्लेषणात्मक अध्ययन से पता चलता है कि कुछ रसायन जिसका स्त्राव औषधीय कवक करते हैं, का उपयोग नोबेल दवाओं के रूप में किया जा सकता है।

मुख्य विवरण:

  • शोधकर्ताओं ने एक डेटाबेस, MeFSAT (मेडिसिनल फंगी सेकेंडरी मेटाबोलाइट्स एंड थेरेप्यूटिक्स) का उपयोग करके औषधीय कवक के 1,830 द्वितीयक मेटाबोलाइट्स की संरचना का विश्लेषण किया, जिसमें मशरूम सहित 184 औषधीय कवक की जानकारी संकलित है।
  • द्वितीयक मेटाबोलाइट्स एक रासायनिक यौगिक होते हैं। तनाव स्थितियों वाले कवक द्वारा इसका स्राव होता है। वे कवक की जीवित रहने की क्षमता को बढ़ाते हैं।
  • चिकित्सा और स्वास्थ्य दोनों के संदर्भ में कई द्वितीयक मेटाबोलाइट्स को मनुष्यों के लिए लाभदायक माना जाता है।
    • उदाहरण के लिए: कॉर्डीसेपीन जो कवक की कॉर्डिसेप्स प्रजाति द्वारा निर्मित एक द्वितीयक मेटाबोलाइट है को उसके एंटीट्यूमर गुणों के लिए जाना जाता है।
  • शोध में पाया गया कि द्वितीयक मेटाबोलाइट मौजूदा दवाओं से संरचनात्मक रूप से अलग थे।
  • औषधीय कवक के द्वितीयक मेटाबोलाइट्स में पहचाने गए लगभग 94% रासायनिक स्कैफोल्ड (आणविक स्कैफोल्ड को बेहतर जैव सक्रिय गुणों वाले अणु की मुख्य संरचना के रूप में परिभाषित किया गया है) अनुमोदित दवाओं में मौजूद नहीं थे।
  • जहां तक पूरी रासायनिक संरचना का प्रश्न है, द्वितीयक मेटाबोलाइट्स अनुमोदित दवाओं से काफी भिन्न थे।
  • हालांकि, औषधीय कवक के द्वितीयक मेटाबोलाइट्स में आणविक गुण होते हैं, जो अनुमोदित दवाओं के समान दवा की समानता के लिए महत्वपूर्ण होते हैं, जो औषधीय कवक के द्वितीयक मेटाबोलाइट्स को अब तक अज्ञात रासायनिक स्कैफोल्ड के साथ नोबेल दवाओं की पहचान के लिए उपयुक्त बनाता है।

औषधीय कवक:

  • औषधीय कवक दो टैक्सोनोमिक वर्ग अर्थात बेसिडिओमाइकोटा (basidiomycota)और एस्कोमाइकोटा (ascomycota) से संबंधित है।
  • मशरूम बेसिडिओमाइकोटा वर्ग से संबंधित है। उदाहरण- एगारिकस बिस्पोरस, बटन मशरूम, जिसका सेवन किया जा सकता है।
  • असोमाइकोटा वर्ग से संबंधित कवक आमतौर पर मशरूम नहीं होते हैं। इनमें इसारिया सिकाडे और शिरिया बम्बुसिकोला शामिल हैं जिनका उपयोग पारंपरिक चीनी चिकित्सा में किया जाता है।

2. सेना में आर्टिलरी गन को शामिल करना

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

विभिन्न सुरक्षा बल और एजेंसियां और उनका आधिदेश:

प्रारंभिक परीक्षा: स्वदेशी हथियार प्रणाली

संदर्भ: सेना में स्वदेशी हथियारों सहित विभिन्न हथियारों को शामिल करने से आर्टिलरी रेजिमेंट के बल में अगले पांच वर्षों में महत्वपूर्ण प्रगति होगी।

मुख्य विवरण:

इसमें धनुष, सारंग, M777 अल्ट्रा लाइट होवित्जर (ULH), अतिरिक्त K9-वज्र हॉवित्जर और उन्नत टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) शामिल हैं।

M777 अल्ट्रा लाइट होवित्जर (ULH):

  • M777 की सातवीं रेजिमेंट का संचालन प्रक्रिया में है और अमेरिका स्थित बीएई सिस्टम्स से अनुबंधित सभी 145 तोपों को शामिल करने का काम अगले कुछ वर्षों में पूरा हो जाएगा।
  • ये तोपें 145 M777 तोपों के लिए अमेरिकी सरकार के साथ 2016 में भारत द्वारा हस्ताक्षरित $ 750 मिलियन के सौदे का हिस्सा हैं।
  • भारत द्वारा खरीदी गई M777 तोपों में भारतीय गोला-बारूद का प्रयोग होगा और ये 24-40 किमी के बीच कहीं भी लक्ष्य पर प्रहार करने में सक्षम होंगी।
  • तोप का वजन लगभग 4.2 टन है, जो सामान्य 155 मिमी होवित्जर के वजन का लगभग एक तिहाई है। यह अल्ट्रा लाइट टैग को स्पष्ट करता है।

K9-वज्र स्वचालित होवित्जर:

  • K9-वज्र स्वचालित होवित्जर का वजन 50 टन है और यह 50 किलोमीटर दूर दुश्मन के ठिकानों पर हमला कर सकता है।
  • ये हॉवित्जर शून्य त्रिज्या पर भी घूम सकते हैं, मूल रूप से उसी स्थान पर जहां उसे रखा गया होता है।
  • इन तोपों को केंद्र की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत गुजरात के लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के आर्मर्ड सिस्टम कॉम्प्लेक्स में बनाया जा रहा है।
  • एलएंडटी ने 2017 में रक्षा मंत्रालय से K9-वज्र की 100 इकाइयों की आपूर्ति के लिए 4,500 करोड़ रुपये का अनुबंध प्राप्त किया था।
  • भारतीय सेना ने 2021 में चीन के साथ लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ लद्दाख में सीमा क्षेत्रों में पहली K9-वज्र स्वचालित होवित्जर रेजिमेंट को तैनात किया है।

धनुष आर्टिलरी सिस्टम:

  • धनुष होवित्जर, 155mm/39 कैलिबर फील्ड होवित्जर (FH) 77B जिसे बोफोर्स, स्वीडन द्वारा निर्मित किया गया है, का उन्नत संस्करण है, एवं ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत डीआरडीओ, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड और अन्य निजी फर्मों के तकनीकी सहयोग से, 2021 में स्थापित एक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU) एडवांस वेपंस एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (AWEIL) द्वारा विकसित किया गया है।
  • स्वदेशी धनुष आर्टिलरी सिस्टम की एक रेजिमेंट को व्यापक मान्यता के बाद उत्तरी सीमाओं पर ऊंचाई वाले क्षेत्र में शामिल और संचालित किया गया है।
  • मार्च 2023 तक सेना को दूसरी धनुष रेजिमेंट बनाने के लिए 18 तोपें मिलने की उम्मीद है।

शारंग तोप:

  • 155 मिमी शारंग, 130 मिमी एम -46 फील्ड गन का उन्नत संस्करण है।
  • यह 100% स्वदेशी आर्टिलरी गन है जिसे ओएफबी द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया है। शारंग आर्टिलरी गन की मारक क्षमता 39 किलोमीटर है।
  • पहली स्वदेशी शारंग संशोधित आर्टिलरी गन प्रणाली फरवरी 2020 में भारतीय सेना को सौंपी गई थी।
  • चौथी रेजिमेंट के साथ अब तक तीन रेजिमेंटों का संचालन किया जा चुका है।
  • तीन अलग-अलग DPSU द्वारा 300 तोपों का आर्डर दिया गया है।

महत्वपूर्ण तथ्य:

1.जूरोंग रोवर (Zhurong rover)

  • चीन के ज़ूरोंग रोवर ने मंगल की सतह का अध्ययन किया। इसे दो विशाल बाढ़ के प्रमाण मिले हैं जिसने मंगल के भू परिदृश्य को आकार दिया है।
    • रोवर के ग्राउंड-पेनेट्रेटिंग रडार से प्राप्त चित्रों में सतह के नीचे एक स्तरित पैटर्न देखा गया, जो लगभग 1.6 बिलियन साल पहले आई दो प्रमुख बाढ़ से लाई गई तलछटी चट्टानों से बना है।
  • ज़ूरोंग एक सक्रिय मार्स रोवर है जो चीन का ऐसा पहला रोवर है जो दूसरे ग्रह पर उतरा है (पहले चंद्रमा पर दो रोवर उतार चुका है)।
  • यह चीन के मंगल ग्रह के तियानवेन-1 मिशन का हिस्सा है जिसका संचालन चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (CNSA) द्वारा किया जा रहा है ।
  • मई 2021 से, ज़ूरोंग मंगल के उत्तरी गोलार्ध में यूटोपिया प्लैनिटिया पर अन्वेषण कर रहा है।

UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. निम्नलिखित में से कौन यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा हैं?

  1. भरतनाट्यम
  2. दुर्गा पूजा
  3. मोहिनीअट्टम
  4. रामलीला
  5. योग

विकल्प:

  1. केवल 1, 2 और 3
  2. केवल 2, 4 और 5
  3. केवल 1, 3 और 5
  4. 1, 2, 3, 4 और 5

उत्तर: b

व्याख्या:

  • यूनेस्को ने 2021 में मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में “कोलकाता की दुर्गा पूजा” को शामिल किया। यह भारत की ओर से इस सूची में शामिल सबसे हालिया अमूर्त सांस्कृतिक विरासत है।
  • यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल अन्य भारतीय सांस्कृतिक विरासत निम्नलिखित हैं:

प्रश्न 2. ह्यूमनॉइड रोबोट ऑप्टिमस का विकास निम्नलिखित में से किस कंपनी द्वारा किया जा रहा है?

  1. अमेज़न
  2. फेसबुक
  3. गूगल
  4. टेस्ला

उत्तर: d

व्याख्या:

  • ‘ऑप्टिमस’ टेस्ला द्वारा निर्मित एक ह्यूमनॉइड रोबोट है।
  • प्रोटोटाइप रोबोट को वार्षिक टेस्ला एआई [आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस] दिवस के दौरान प्रस्तुत किया गया था।

प्रश्न 3. लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण के लिए प्रयोगशाला (LaCONES) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?

  1. यह भारत की एकमात्र प्रयोगशाला है जिसने वन्यजीवों से सीमन और अंडक (oocytes) के संग्रह और क्रायोप्रिजर्वेशन के तरीके विकसित किए हैं।
  2. यह हैदराबाद में स्थित है तथा कोशिकीय एवं आणविक जीव विज्ञान केंद्र (CCMB) का हिस्सा है।

विकल्प:

  1. केवल 1
  2. केवल 2
  3. दोनों
  4. इनमें से कोई भी नहीं

उत्तर: c

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है, LaCONES भारत में एकमात्र प्रयोगशाला है जिसने वन्यजीवों के सीमन और अंडक के संग्रह और क्रायोप्रिजर्वेशन के तरीके विकसित किए हैं तथा लुप्तप्राय ब्लैकबक, चित्तीदार हिरण और निकोबार कबूतरों का प्रजनन सफलतापूर्वक किया है।
  • कथन 2 सही है, यह हैदराबाद में सीएसआईआर के सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (CCMB) की एक समर्पित सुविधा है जो लुप्तप्राय वन्यजीवों के संरक्षण के लिए आधुनिक जैव प्रौद्योगिकी का उपयोग करता है।

प्रश्न 4. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए:

बाघ अभयारण्य राज्य

  1. कॉर्बेट बाघ अभयारण्य उत्तराखंड
  2. कालागढ़ बाघ अभयारण्य मध्य प्रदेश
  3. पलामू बाघ अभयारण्य छत्तीसगढ़
  4. वाल्मीकि बाघ अभयारण्य उत्तर प्रदेश

उपर्युक्त युग्मों में से कौन सा/से सुमेलित है/हैं?

  1. केवल एक युग्म
  2. केवल दो युग्म
  3. केवल तीन युग्म
  4. सभी चारों युग्म

उत्तर: a

व्याख्या:

  • युग्म 1 सही है, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान का एक हिस्सा है जो उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जिले में स्थित है। भारत के इस पहले राष्ट्रीय उद्यान को 1936 में ब्रिटिश राज के दौरान स्थापित किया गया था और संयुक्त प्रांत के गवर्नर विलियम मैल्कम हैली के नाम पर इसे हैली नेशनल पार्क नाम दिया गया था।
  • युग्म 2 गलत है, कालागढ़ टाइगर रिजर्व उत्तराखंड में स्थित है और यह जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान का एक हिस्सा है।
  • युग्म 3 गलत है, पलामू टाइगर रिजर्व झारखंड में स्थित है। यह बेतला राष्ट्रीय उद्यान और पलामू वन्यजीव अभयारण्य का हिस्सा है।
  • युग्म 4 गलत है, वाल्मीकि टाइगर रिजर्व बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में मौजूद वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान का एक हिस्सा है।

प्रश्न 5. भारतीय इतिहास के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः

  1. डच लोगों ने पूर्वी तटीय क्षेत्रों में गजपति शासकों द्वारा प्रदान की गई जमीनों पर अपनी फैक्ट्रियां/गोदाम स्थापित किए।
  2. अल्फांसो डी अल्बुकर्क ने बीजापुर सल्तनत से गोवा को छीन लिया था।
  3. अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी ने मद्रास में विजयनगर साम्राज्य के एक प्रतिनिधि से पट्टे पर ली गई जमीन के एक प्लॉट पर फैक्ट्री स्थापित की थी।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?

  1. केवल 1 और 2
  2. केवल 2 और 3
  3. केवल 1 और 3
  4. 1, 2 और 3

उत्तर: b

व्याख्या:

  • कथन 1 गलत है, गजपति शासकों ने कलिंग, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल के वृहद भूभाग तथा मध्य प्रदेश और झारखंड के पूर्वी व मध्य भागों पर 1435 से 1541 CE तक शासन किया।
  • जबकि डच ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में 1605 ईस्वी में मसूलीपट्टनम, पुलिकट (1610 ईसवी), सूरत (1616 ईस्वी), बिमलीपट्टम (1641 ईस्वी), कराईकल (1645 ईस्वी) में कारखाने स्थापित किए।
  • कथन 2 सही है, अल्फांसो डी अल्बुकर्क ने 1510 ईस्वी में बीजापुर के सुल्तान इस्माइल आदिल शाह से गोवा को छीन लिया।
  • कथन 3 सही है, अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1639 में मद्रास में विजयनगर साम्राज्य के प्रतिनिधियों से पट्टे पर ली गई जमीन पर फैक्ट्री स्थापित किया। इन प्रतिनिधियों को नायक कहा जाता था।

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :

  1. भारत के गर्भपात कानून पर टिप्पणी कीजिए और इस संदर्भ में उच्चतम न्यायालय की हालिया व्याख्या के महत्व को स्पष्ट कीजिए। (15 अंक; 250 शब्द) (सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-1; सामाजिक मुद्दे)
  2. जलवायु परिवर्तन की स्थिति में जलवायु अनुकूल कृषि पद्धतियां भुखमरी और गरीबी को कम करने में सहायक हो सकती हैं। चर्चा कीजिए। (10 अंक; 150 शब्द) (सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-3; पर्यावरण और पारिस्थितिकी)