A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: अर्थव्यवस्था
D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E. संपादकीय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
F. प्रीलिम्स तथ्य:
G. महत्वपूर्ण तथ्य:
H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: |
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
यूक्रेन में शांति की उम्मीद?
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: विकसित और विकासशील देशों की नीतियों और राजनीति का भारत के हितों पर प्रभाव।
मुख्य परीक्षा: अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में विकास, वैश्विक मुद्दों पर भारत की स्थिति, और भारत के हितों पर भू-राजनीतिक घटनाओं के निहितार्थ।
प्रारंभिक परीक्षा: यूक्रेन की 10 सूत्री शांति योजना, चीन की 12 सूत्री योजना और अन्य पहलों के बारे में।
प्रसंग:
- सऊदी अरब अमेरिका, कुछ यूरोपीय देशों, भारत और ब्राजील सहित विभिन्न प्रतिभागियों के साथ रूस-यूक्रेन युद्ध पर शांति वार्ता की मेजबानी करेगा। यूक्रेन अपनी 10-सूत्री शांति योजना के लिए समर्थन चाहता है।
भूमिका
- सऊदी अरब रूस-यूक्रेन युद्ध पर शांति वार्ता की मेजबानी करने के लिए तैयार है, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, कुछ यूरोपीय देशों, भारत और ब्राजील सहित विभिन्न क्षेत्रों के देशों को आमंत्रित किया जाएगा। यह वार्ता 5 और 6 अगस्त को जेद्दा में निर्धारित की गई है, जिसमें यूक्रेन पिछले साल प्रस्तावित अपनी 10-सूत्री शांति योजना के लिए समर्थन मांग रहा है।
संघर्ष की वर्तमान स्थिति
- रूस ने यूक्रेन के खिलाफ 17 महीने से जारी सैन्य अभियान से पीछे हटने के कोई संकेत नहीं दिखाया है।
- यूक्रेन सक्रिय रूप से इस संघर्ष में शामिल रहा है और उसे यूरोप और अमेरिका से रक्षा वित्तपोषण सहित पर्याप्त सैन्य सहायता प्राप्त हुई है।
- संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस स्तर पर शांति वार्ता की संभावना पर संदेह व्यक्त किया, क्योंकि दोनों पक्षों का मानना है कि वे जीत हासिल कर सकते हैं।
यूक्रेन और रूस का रुख
- यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की का कहना है कि रूसी सैनिकों की वापसी के बिना शांति वार्ता नहीं हो सकती है और यूक्रेन को अपनी शांति शर्तों को परिभाषित करने का नियंत्रण होना चाहिए।
- रूस ने यूक्रेन की शांति योजना को खारिज कर दिया, और “नई वास्तविकताओं” पर विचार करने पर जोर दिया, जिसमें सीमाओं का पुनर्निर्धारण करना और कब्जे वाले क्षेत्रों को बनाए रखना शामिल है।
पिछली शांति वार्ता
- पूर्व में अस्थायी युद्ध विराम और मानवीय गलियारों के प्रयास किए गए थे, लेकिन पिछले साल मई के बाद से प्रत्यक्ष वार्ता नहीं हुई है।
- विभिन्न देशों और गुटों ने शांति के लिए अपने-अपने रोडमैप पेश किए हैं, लेकिन दोनों पक्षों ने किसी भी योजना को स्वीकार नहीं किया है।
चीन की शांति योजना और अन्य पहल
- चीन ने “यूक्रेन संकट के राजनीतिक समाधान” के लिए 12-सूत्री योजना का प्रस्ताव रखा, जिसे रूस के पक्ष में माना गया और यूक्रेन ने स्वीकार नहीं किया।
- अफ्रीकी देशों ने 10-सूत्रीय योजना का प्रस्ताव रखा, जिसका लक्ष्य रूस और यूक्रेन दोनों की संप्रभुता को मान्यता देना और शांति वार्ता शुरू करने का आह्वान करना था।
- ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा ने चर्चा को सुविधाजनक बनाने के लिए गैर-शामिल और सैन्य रूप से गुटनिरपेक्ष देशों के “शांति क्लब” का नेतृत्व करने का सुझाव दिया।
जेद्दा में आगामी वार्ता
- यूनाइटेड किंगडम, यूरोपीय संघ, दक्षिण अफ्रीका और पोलैंड ने वार्ता के लिए अपनी उपस्थिति की पुष्टि की है, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के शामिल होने की संभावना है।
- रूस, जिसने यूक्रेन की शांति योजना को अस्वीकार कर दिया था, आमंत्रित देशों में से नहीं है।
- वार्ता को रचनात्मक तीसरे पक्ष की मध्यस्थता और वैश्विक दक्षिण के गुटनिरपेक्ष देशों को शामिल करने के अवसर के रूप में देखा जाता है।
निष्कर्ष
- हालांकि जेद्दा में बातचीत से तत्काल शांति में सफलता नहीं मिल सकती है, लेकिन यह पश्चिम देशों के अतिरिक्त अन्य देशों को शामिल करते हुए रचनात्मक बातचीत और मध्यस्थता का मौका पेश करती हैं। रूस के साथ घनिष्ठ संबंधों और ओपेक+ तेल कार्टेल में प्रभाव को देखते हुए मध्यस्थ के रूप में सऊदी अरब की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है।
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
जीएसटी काउंसिल ऑनलाइन गेमिंग पर 28% टैक्स वसूलने की अपनी योजना पर कायम
अर्थव्यवस्था:
विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था और योजना, संसाधन जुटाने, वृद्धि, विकास और रोजगार से संबंधित मुद्दे।
मुख्य परीक्षा: कराधान के माध्यम से सरकारी राजस्व सृजन, विभिन्न क्षेत्रों पर कर दरों का प्रभाव और डिजिटल अर्थव्यवस्था में कराधान की चुनौतियाँ।
प्रारंभिक परीक्षा:ऑनलाइन गेमिंग से संबंधित कर नीतियों में हालिया बदलाव।
प्रसंग:
- जीएसटी परिषद ने ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और घुड़दौड़ में दांव पर 28% कर लगाने का फैसला किया है, जिसे 1 अक्टूबर से लागू करने का लक्ष्य है। कुछ राज्यों ने इसको लेकर चिंता व्यक्त की है, लेकिन निर्णय अपरिवर्तित रहा है।
भूमिका
- जीएसटी परिषद ने ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और घुड़दौड़ में लगाए गए दांव पर 28% कर लगाने का विकल्प चुना है।
- यह फैसला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में किया गया।
- कर का कार्यान्वयन 1 अक्टूबर से शुरू होने वाला है।
जीएसटी कानून में संशोधन
- केंद्र ने 28% कर के कार्यान्वयन को सक्षम करने के लिए संसद के वर्तमान सत्र के दौरान वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून में संशोधन करने की योजना बनाई है।
- सिक्किम और गोवा ने कैसीनो उपयोगकर्ताओं के लिए कर के तौर-तरीकों पर असहमति व्यक्त की लेकिन परिषद ने कार्यान्वयन के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया।
प्रतिबंधित ऑनलाइन गेमिंग के लिए छूट
- तमिलनाडु ने ऑनलाइन गेमिंग पर राज्यव्यापी प्रतिबंध पर कर के प्रभाव के बारे में चिंता जताई।
- वित्त मंत्री सीतारमण ने आश्वासन दिया कि नए मानदंडों में स्पष्ट होगा कि उन क्षेत्रों में कर नहीं लगाया जा सकता है जहां ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध है।
राज्यों से मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ
- दिल्ली ने ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर के लिए नए सिरे से समीक्षा की मांग की।
- हालाँकि, अधिकांश अन्य राज्यों ने परिषद के पिछले निर्णय पर कायम रहने का समर्थन किया, जो तीन साल के विचार-विमर्श के बाद लिया गया था।
मूल्यांकन नियमों पर महत्वपूर्ण स्पष्टीकरण
- ऑनलाइन गेमिंग उद्योग ने निवेश और नौकरियों पर प्रभाव के बारे में चिंता व्यक्त की है।
- जीएसटी परिषद ने स्पष्ट किया कि कर केवल प्रवेश राशि पर लगाया जाएगा, किसी जीत पर नहीं।
- उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति ₹1,000 के चिप्स खरीदता है, एक राउंड खेलता है और ₹300 जीतता है, तो कर केवल ₹1,000 की प्रवेश राशि पर लगाया जाएगा, न कि ₹1,300 पर।
ऑनलाइन गेमिंग एसोसिएशन की ओर से सराहना
- ई गेमिंग फेडरेशन और फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स ने इस स्पष्टीकरण का स्वागत किया क्योंकि यह “आवर्ती कराधान” के बारे में व्याप्त चिंताओं को संबोधित करता है और कर गणना पर स्पष्टता प्रदान करता है।
- हालाँकि, उद्योग कर के समग्र प्रभाव को लेकर चिंतित है।
सारांश: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद 1 अक्टूबर से ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और घुड़दौड़ पर 28% कर लगाने के लिए तैयार है। कुछ राज्यों की चिंताओं के बावजूद, निर्णय अपरिवर्तित है, और उद्योग को कर गणना पर स्पष्टीकरण दिया गया है। |
संपादकीय-द हिन्दू
संपादकीय:
डीप टेक स्टार्टअप साहसिक जोखिम उठा रहे हैं:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
विषय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास और उनके अनुप्रयोग एवं रोजमर्रा की जिंदगी में प्रभाव, प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण और नई प्रौद्योगिकी का विकास।
मुख्य परीक्षा: अर्थव्यवस्था में स्टार्टअप की भूमिका और भारत को आत्मनिर्भर बनाना।
प्रसंग:
- भारत में गहन तकनीकी स्टार्टअप,विभिन्न क्षेत्रों पर उनका प्रभाव, तथा वास्तविक क्षेत्रों में अधिक विकास और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए “स्टार्टअप इंडिया 2.0” के माध्यम से सरकारी समर्थन की आवश्यकता।
डीप टेक्नोलॉजी स्टार्टअप क्या है?
- डीप टेक स्टार्टअप उपभोक्ता इंटरनेट और ई-कॉमर्स से आगे बढ़कर अंतरिक्ष और सुदूर संवेदन (remote sensing),कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial intelligence) तथा रोबोटिक्स, बायोटेक एवं फार्मा, इलेक्ट्रिक वाहन, ड्रोन, रक्षा, दूरसंचार, अर्धचालक और अन्य क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
- इन स्टार्टअप्स का अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है, जिससे नए क्षेत्रों में औद्योगीकरण होता है और अधिक रोजगार के अवसर पैदा होते हैं।
- वे सार्वजनिक क्षेत्र की प्रयोगशालाओं से वैज्ञानिक और तकनीकी खोजों को बाजार में लाने में भी सहायक हैं।
भारत में स्टार्टअप की सफलता की कहानी:
- पिछले दशक के ग्रेट इंडियन स्टार्टअप उछाल ने, सरकार के स्टार्टअप इंडिया आंदोलन के साथ मिलकर, भारत में उद्यमिता के माहौल को बढ़ावा दिया हैं।
- यह आंदोलन मेट्रो शहरों से परे पहुंचा है, तथा यह उपनगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों के उद्यमियों को आकर्षित कर रहा है, लगभग आधे मान्यता प्राप्त स्टार्टअप टियर 2 और टियर 3 शहरों से आ रहे हैं।
- अंतरिक्ष एवं विमानन, बायोटेक और अन्य क्षेत्रों में उभर रहे स्टार्टअप के साथ डीप टेक उद्यमिता ने गति पकड़ी है।
- आईआईटी मद्रास के रिसर्च पार्क, सी-कैंप और नेशनल केमिकल लेबोरेटरी के वेंचर सेंटर जैसे इनक्यूबेशन/उद्भवन केंद्रों ने गहन तकनीकी स्टार्टअप का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- शिक्षा जगत में संकाय सदस्यों को अपने या अपने पूर्व छात्रों द्वारा स्थापित स्टार्टअप के माध्यम से अपनी खोजों को आगे बढ़ाना आसान हो जाता है, जिससे विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत के ऐतिहासिक निवेश को बढ़ावा मिलता है।
स्टार्टअप इंडिया 2.0 के लिए भावी कदम:
- सरकार को उद्यमिता के दूसरे चरण, स्टार्टअप इंडिया 2.0 को प्राथमिकता देनी चाहिए, जिसमें गहन तकनीकी क्षेत्रों सहित वास्तविक क्षेत्रों पर विशेष जोर दिया जाना चाहिए।
- डीप टेक स्टार्टअप्स के लिए बड़ी जोखिम पूंजी उपलब्ध कराने की जरूरत है, और मौजूदा सिडबी फंड ऑफ फंड्स को इन क्षेत्रों में निवेश को प्राथमिकता देनी चाहिए।
- उद्योग को अपने अनुसंधान कोष को डीप टेक स्टार्टअप के वित्तपोषण के लिए बढ़ाकर और निर्देशित करके योगदान देना चाहिए।
- स्वदेशी रूप से विकसित प्रौद्योगिकियों की बड़े पैमाने पर खरीद को सक्षम करने के लिए, विभिन्न सरकारी मंत्रालयों के बीच एक ठोस प्रयास आवश्यक है।
- हालाँकि रक्षा, स्मार्ट सिटी और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों ने इस प्रकार की पहल, पहले से ही यह शुरू कर दी है, लेकिन इसे और बढ़ाये जाने की आवश्यकता हैं।
- उद्योग निकाय और हितधारक स्थानीय स्तर पर निर्मित प्रौद्योगिकियों के विकास और खरीद को प्रोत्साहित करने के लिए अपने क्षेत्रों में मांग एकत्र कर सकते हैं।
- इनक्यूबेटरों को उत्पादों और समाधानों के सह-निर्माण में भूमिका निभानी चाहिए, इसके बाद बड़े पैमाने पर नवीन वस्तुओं की खरीद के लिए तेजी से परीक्षण, प्रमाणन और समर्थन करना चाहिए।
- स्टार्टअप इंडिया 2.0 का लक्ष्य भारतीय उद्यमियों के प्रयासों को घरेलू औद्योगिक और सार्वजनिक क्षमताओं के निर्माण की दिशा में संरेखित करना होना चाहिए, जो आर्थिक विकास, रोजगार सृजन, राष्ट्रीय सुरक्षा और समग्र राष्ट्रीय क्षमताओं में योगदान देगा।
सारांश:
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प्रीलिम्स तथ्य:
- भारत ने निजी कंपनियों को लिथियम के लिए बोली लगाने और खनन करने की अनुमति देने वाला कानून पारित किया
विषय: अर्थव्यवस्था
प्रारंभिक परीक्षा: खनन क्षेत्र में हालिया नीति परिवर्तन।
भूमिका
- हाल ही में भारत की संसद ने एक कानून पारित किया है जो सरकार को लिथियम और अन्य खनिजों के नए खोजे गए भंडार की नीलामी और खनन करने का अधिकार देता है। इस कदम का उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बैटरियों में उपयोग होने वाले महत्वपूर्ण इनपुट के खनन को बढ़ावा देना है।
परमाणु खनिज सूची से लिथियम और अन्य खनिजों को हटाना
- कानून परमाणु खनिजों की पिछली सूची से लिथियम और अन्य खनिजों को बाहर करता है।
- यह निष्कासन निजी कंपनियों को इन खनिजों की खोज और खनन में भाग लेने की अनुमति देता है।
- सरकार ने कहा कि इस बदलाव से देश में अन्वेषण और खनन गतिविधियों में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है।
लिथियम भंडार पर प्रभाव
- इस साल की शुरुआत में, जम्मू और कश्मीर में महत्वपूर्ण लिथियम भंडार की खोज की गई थी।
- सरकार की योजना इस वर्ष के अंत में और अधिक भंडार की खोज जारी रखने की है।
खनन एवं नीलामी हेतु अन्य खनिजों का समावेश
- यह कानून न केवल लिथियम पर लागू होता है बल्कि इसमें टाइटेनियम, बेरिल, नाइओबियम और ज़िरकोनियम जैसे अन्य खनिज भी शामिल हैं।
- पहले, केवल सरकारी कंपनियों को ही इन खनिजों के खनन की अनुमति थी, जिससे उत्पादन सीमित हो गया था।
- खनन गतिविधियों में वृद्धि के लिए निजी कंपनियों की भागीदारी को संभावित ‘बल गुणक’ के रूप में देखा जाता है।
महत्वपूर्ण तथ्य:
- स्वास्थ्य मंत्रालय ने फार्मा कंपनियों के प्रमाणन के लिए समय सीमा तय की:
- भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय का लक्ष्य राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा देने के लिए दवा निर्माताओं के गुणवत्ता प्रबंधन में सुधार करना है।
- मंत्रालय ने विश्व स्वास्थ्य संगठन-गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिसेज (WHO-GMP) प्रमाणन प्राप्त करने के लिए छोटे निर्माताओं के लिए छह महीने और बड़ी इकाइयों के लिए बारह महीने की समय सीमा तय की है।
- WHO-GMP प्रमाणीकरण में अनिवार्य मानक शामिल होते हैं जो सामग्री, विधियों, मशीनों, प्रक्रियाओं, कर्मियों और सुविधा/पर्यावरण पर सख्त नियंत्रण उपायों के माध्यम से उत्पाद की गुणवत्ता सुनिश्चित करते हैं।
- औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियम, 1945 की अनुसूची M में GMP प्रणाली का समावेश 1988 में हुआ।
- इस कदम से वैश्विक बाजार में भारतीय फार्मास्युटिकल उत्पादों की प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता बढ़ने की उम्मीद है।
- WHO-GMP प्रमाणन प्राप्त करके, निर्माता अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों के अनुपालन का प्रदर्शन कर सकते हैं, निर्यात के अवसरों की संभावना बढ़ा सकते हैं और व्यापार को बढ़ा सकते हैं।
- प्रमाणन प्रक्रिया फार्मास्युटिकल कंपनियों को विनिर्माण और गुणवत्ता नियंत्रण के उच्च मानकों को बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
- यह कदम स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को मजबूत करने और भारत को गुणवत्तापूर्ण दवाओं के एक विश्वसनीय स्रोत के रूप में बढ़ावा देने के सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
- सरकार ने संविदात्मक विवाद निपटान योजना शुरू की:
- केंद्र ने सरकार से जुड़े विक्रेताओं या आपूर्तिकर्ताओं के साथ अनुबंध संबंधी विवादों को संबोधित करने के लिए ‘विवाद से विश्वास II – (संविदात्मक विवाद)’ नामक एक निपटान योजना शुरू की है।
- इस योजना की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट के दौरान की थी और इसके संचालन के लिए दिशानिर्देशों का संकेत व्यय विभाग द्वारा पहले दिया गया था।
- इस योजना के तहत विचार के लिए कंपनियों के लिए अपने दावे प्रस्तुत करने की समय सीमा 31 अक्टूबर है।
- निपटान के लिए पात्र होने के लिए, विवादों को 31 जनवरी, 2023 तक मध्यस्थ निर्णय या 30 अप्रैल, 2023 तक अदालत का आदेश प्राप्त होना चाहिए।
- यह योजना देश के भीतर सभी संविदात्मक विवादों के लिए मान्य है, जहां या तो भारत सरकार या उसके अधिकार के तहत संगठन शामिल हैं।
- अदालती फैसलों से संबंधित विवादों के लिए ठेकेदार को प्रदान की जाने वाली अधिकतम निपटान राशि अदालत द्वारा दी गई या पुष्टि की गई शुद्ध राशि के 85% तक सीमित होगी।
- मध्यस्थ निर्णय के मामले में, निपटान की सीमा दी गई शुद्ध राशि के 65% तक होगी।
- कूनो पार्क में एक और चीते की मौत, मरने वालों चीतों की संख्या छह हो गई
- बुधवार को वन्यजीव अधिकारियों ने मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में एक और चीते की मौत की पुष्टि की।
- मृतक चीता, जिसका नाम धात्री है, दक्षिण अफ्रीका से लाया गया था और ऐसा माना जा रहा है कि बार-बार खरोंचने और खुद को घायल करने के कारण वह परजीवी संक्रमण का शिकार हो गया था।
- नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 20 चीतों में से यह छठी मौत है। पिछली मौतें संभवतः चीतों द्वारा पहने गए रेडियो कॉलर के रगड़ने से हुए संक्रमण के कारण हुई थी। कॉलर ने आर्द्र जलवायु में उनकी त्वचा को नाजुक बना दिया, जिससे वे परजीवियों के संपर्क में आ गए, जिनके खिलाफ उनमें कोई प्राकृतिक प्रतिरक्षा नहीं थी।
- ये जानवर पिस्सू और किलनी द्वारा लाए गए स्थानीय परजीवियों के अनुकूल ढलने में असमर्थ हो सकते हैं, जिसके घातक परिणाम हो सकते हैं। जलवायु के प्रति चीतों की अत्यधिक संवेदनशीलता के कारण कार्यक्रम के लिए भविष्य में जानवरों की सोर्सिंग पर पुनर्विचार की आवश्यकता हो सकती है।
- पर्यावरण मंत्रालय और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने दुर्घटनाओं की संभावना को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट में कहा कि चीतों की मौत प्राकृतिक कारणों का परिणाम थी।
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
1. लिथियम-आयन बैटरी के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन सा सही है?
- निकिल-कैडमियम बैटरियों की तुलना में लिथियम-आयन बैटरियों में कम ऊर्जा घनत्व होता है।
- लिथियम-आयन बैटरियों के साथ प्रमुख चुनौती उनका छोटा जीवन काल है।
- लिथियम-आयन बैटरियां पूरी तरह से परिपक्व होती हैं और धातुओं और रसायनों में परिवर्तन के अधीन नहीं होती हैं।
- लिथियम-आयन बैटरियों को सुरक्षित वोल्टेज और करंट स्तर सुनिश्चित करने के लिए एक सुरक्षा सर्किट की आवश्यकता होती है।
उत्तर: d
व्याख्या:
- लिथियम-आयन बैटरियों को विस्फोटों और आग को रोकने के लिए वोल्टेज और करंट को सुरक्षित सीमा के भीतर बनाए रखने के लिए एक सुरक्षा सर्किट की आवश्यकता होती है।
2. WHO – गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस (GMP) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- GMP उनके इच्छित उपयोग के लिए उपयुक्त गुणवत्ता मानकों के अनुसार उत्पादों का सतत उत्पादन और नियंत्रण सुनिश्चित करता है।
- इसका प्राथमिक उद्देश्य क्रॉस-संदूषण और गलत लेबलिंग से जुड़े जोखिमों को कम करना है।
- यह फार्मास्युटिकल उत्पादों की सुरक्षा, गुणवत्ता और प्रभावकारिता सुनिश्चित करने में जोखिम मूल्यांकन के महत्व पर जोर देता है।
उपर्युक्त कथनों में से कितने सही हैं?
- केवल एक
- केवल दो
- सभी तीनों
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर: c
व्याख्या:
GMP सतत रूप से उत्पाद की गुणवत्ता सुनिश्चित करता है, फार्मास्युटिकल उत्पादन में जोखिम कम करता है, और डब्ल्यूएचओ दिशानिर्देशों में जोखिम मूल्यांकन पर जोर देता है।
3. “सनराइज उद्योग” शब्द के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन सा सही है?
- सनराइज उद्योग धीमी विकास दर वाले प्रतिष्ठित क्षेत्र हैं।
- उद्यम पूंजी निधि में गिरावट इन उद्योगों की विशेषता है।
- ये विकास के प्रारंभिक चरण में होते हैं और तेजी से विकास होने की उम्मीद होती है।
- सनराइज उद्योग परिपक्व हो गए हैं और अब स्टार्टअप को आकर्षित नहीं करते हैं।
उत्तर: c
व्याख्या:
सनराइज उद्योग उच्च स्टार्ट-अप गतिविधि और उद्यम पूंजी वित्तपोषण के साथ तीव्र विकास को दर्शाते हैं।
4. स्टार्टअप्स के लिए फंड ऑफ फंड्स (FFS) योजना के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- FFS घरेलू पूंजी तक पहुंच को सक्षम करने के लिए सीधे स्टार्टअप में निवेश करता है।
- भारतीय स्टेट बैंक (SBI) FFS के तहत पूंजी वितरित करने के लिए उत्तरदायी है।
- FFS के तहत समर्थित AIF को FFS के तहत प्रतिबद्ध राशि का कम से कम आधा हिस्सा स्टार्टअप में निवेश करना होगा।
उपर्युक्त कथनों में से कितने गलत हैं?
- केवल एक
- केवल दो
- सभी तीनों
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर:c
व्याख्या:
- यह सीधे निवेश के बजाय सेबी-पंजीकृत AIF के माध्यम से स्टार्टअप को बढ़ावा देता है। सिडबी संवितरण की देखरेख करता है, और FFS के तहत AIF को प्रतिबद्ध राशि का कम से कम 2 गुना निवेश करना होगा।
5. “विवाद से विश्वास-2 (संविदात्मक विवाद)” योजना के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- इस योजना का उद्देश्य सरकार और सरकारी उपक्रमों से जुड़े संविदात्मक विवादों को हल करना है।
- इसमें 30 सितंबर 2022 तक के विवाद शामिल हैं।
- इस योजना के तहत दी जाने वाली निपटान राशि 30 अप्रैल 2023 को या उससे पहले पारित अदालती आदेश के लिए दी गई शुद्ध राशि का 85% तक है।
उपर्युक्त कथनों में से कितने सही हैं?
- केवल एक
- केवल दो
- सभी तीनों
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर: c
व्याख्या:
- सभी तीनों कथन सही हैं।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
- “रूस और यूक्रेन के बीच शांति स्थापित करने के लिए जेद्दा में होने वाली बैठक में कई संभावनाएँ हैं” टिप्पणी कीजिए (150 शब्द, 10 अंक) [सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र- II: अंतर्राष्ट्रीय संबंध]
- “भारतीय स्टार्टअप का भविष्य डीप टेक में निहित है” स्पष्ट कीजिए? (150 शब्द, 10 अंक) [सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र- III: अर्थव्यवस्था]
(नोट: मुख्य परीक्षा के अंग्रेजी भाषा के प्रश्नों पर क्लिक कर के आप अपने उत्तर BYJU’S की वेबसाइट पर अपलोड कर सकते हैं।)