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UPSC परीक्षा कम्प्रेहैन्सिव न्यूज़ एनालिसिस - 07 February, 2023 UPSC CNA in Hindi

07 फरवरी 2023 : समाचार विश्लेषण

A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:

  1. वॉयस डीप फेक किस प्रकार उत्पन्न, उपयोग, दुरुपयोग और विभेदित होते हैं ?

D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

E. संपादकीय:

सुरक्षा:

  1. जम्मू, गाँवों की सुरक्षा और शासन:

अंतरराष्ट्रीय संबंध:

  1. कमज़ोर होते संबंध:

राजव्यवस्था एवं शासन:

  1. जीवन समाप्त करने वाले फैसले:

F. प्रीलिम्स तथ्य:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

G. महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. नेवल LCA आईएनएस विक्रांत पर उतरने वाला पहला हवाई जहाज बना:
  2. भारत, कनाडा विदेश मंत्रियों ने हिन्द-प्रशांत सहयोग एवं व्यापार पर चर्चा की:
  3. भारत की बढ़ती ऊर्जा मांग निवेश के अवसर प्रदान करती है: प्रधानमंत्री

H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

वॉयस डीप फेक किस प्रकार उत्पन्न, उपयोग, दुरुपयोग और विभेदित होते हैं ?

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:

विषय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी-विकास और इससे संबंधित विषय।

प्रारंभिक परीक्षा: डीपफेक और वॉयस डीपफेक से संबंधित जानकारी।

मुख्य परीक्षा: वॉयस डीपफेक – से संबंधित चिंताएं और इसके संभावित समाधान।

प्रसंग:

  • हाल ही में “4chan” नाम के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के उपयोगकर्ताओं ने “स्पीच सिंथेसिस” और “वॉयस क्लोनिंग” फ़ीचर्स का इस्तेमाल करके मशहूर हस्तियों के वॉयस डीपफेक का निर्माण किया और उनसे नस्लवादी, अपमानजनक और हिंसक टिप्पणियाँ की।

डीपफेक:

  • डीपफेक डिजिटल सामग्री जैसे वीडियो, ऑडियो और छवियों को संदर्भित करता है, जिसमे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक का उपयोग कर उनको संपादित, परिवर्तित और हेरफेर किया जाता है।
  • डीपफेक कृत्रिम चित्र और ऑडियो होते हैं जिन्हें अक्सर मशीन-लर्निंग एल्गोरिदम का उपयोग करके संयोजित किया जाता है और गलत सूचना फैलाने और किसी व्यक्ति की उपस्थिति, आवाज आदि की नक़ल करने के लिए उपयोग किया जाता है।
  • डीप फेक बनाने के लिए उपयोग की जाने वाली मुख्य मशीन लर्निंग मेथड्स डीप लर्निंग पर आधारित होती हैं और इसमें जेनेरेटिव न्यूरल नेटवर्क आर्किटेक्चर जैसे कि ऑटोएन्कोडर्स या जेनरेटिव एडवरसैरियल नेटवर्क (GANs) का प्रशिक्षण शामिल होता है।
  • डीपफेक से संबंधित अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए: Deepfakes

वॉयस डीपफेक:

  • सार्वजनिक हस्तियों या मशहूर हस्तियों के “वॉयस स्किन” या “वॉयस क्लोन” बनाने के लिए ऑडियो को डीपफेक भी किया जा सकता है।
  • वॉइस डीपफेक का मतलब उस व्यक्ति के स्वर, उच्चारण और अन्य अनूठी विशेषताओं की सटीक नकल करके वास्तविक व्यक्ति की आवाज की नकल करना है।
  • वॉयस डीपफेक का निर्माण AI, उन्नत ग्राफिक्स कार्ड और मजबूत क्लाउड कंप्यूटिंग तकनीकों के साथ उन्नत कंप्यूटरों का उपयोग करके किया जाता है।
  • डीपफेक बनाने के लिए विशेष एप्लिकेशन और सॉफ्टवेयर के अलावा प्रशिक्षण डेटा को AI मॉडल में फीड किया जाता है।
  • इस प्रशिक्षण डेटा में लक्षित व्यक्ति की मूल वॉयस रिकॉर्डिंग शामिल होती है ताकि AI एक प्रामाणिक-ध्वनि वाली आवाज को प्रस्तुत करने के लिए प्रशिक्षण डेटा का उपयोग कर सके।
  • वॉइस क्लोनिंग के लिए उपयोग किए जाने वाले जाने-माने टूल/सॉफ़्टवेयर: OpenAI’s Vall-e, My Own Voice, Resemble, Descript, ReSpeecher, और iSpeech।

वॉयस डीपफेक से जुड़ी चिंताएं:

चित्र स्रोत: www.fortinet.com

  • ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां वॉयस डीपफेक का इस्तेमाल यूजर्स को धोखा देने और कई अन्य गैरकानूनी गतिविधियों जैसे फोन स्कैम और सोशल मीडिया पर फर्जी वीडियो पोस्ट करने के लिए किया गया है।
  • संयुक्त अरब अमीरात में, एक बैंक मैनेजर को एक व्यक्ति द्वारा 35 मिलियन डॉलर का धोखा दिया गया, जिसने कंपनी के निदेशक की आवाज का क्लोन बनाया था।
  • आलोचकों ने डीपफेक और वॉयस डीपफेक का उपयोग करके पहचान की चोरी के संभावित जोखिमों को भी चिन्हित किया है।
  • साथ ही फिल्म निर्माण में वॉयस डीपफेक के उपयोग ने प्रौद्योगिकी के उपयोग के बारे में नैतिक चिंताओं को जन्म दिया है।
  • इसके अलावा मौजूदा तकनीकों में सुधार और प्रगति से लोगों की स्पष्ट वॉयस रिकॉर्डिंग को संकलित करना और AI मॉडल को फीड किए गए डेटा की गुणवत्ता में सुधार करना बहुत आसान हो गया है। इसने अधिक सटीक और विश्वसनीय डीपफेक आवाजों के निर्माण की सुविधा प्रदान की है जो भयावह स्थितियों को जन्म दे सकती है।

वॉयस डीपफेक का पता लगाने के तरीके और भावी कदम:

  • वॉयस डीप फेक का पता लगाने के लिए अत्यधिक उन्नत एप्लिकेशन, सॉफ्टवेयर और तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता होती है, जिसमें स्पीच पैटर्न, बैकग्राउंड शोर और अन्य तत्वों को संश्लेषित करने की क्षमता निहित होती है।
  • हालाँकि, अभी भी कोई साइबर सुरक्षा उपकरण नहीं है जो ऑडियो डीपफेक का एक सटीक तरीके से पता लगा सके।
  • डीपफेक तकनीक का पता लगाने के लिए दुनिया भर के शोधकर्ता वॉटरमार्क और ब्लॉकचैन तकनीकों का उपयोग करने की संभावनाओं की जांच कर रहे हैं।
  • मौजूदा एप्लिकेशन जैसे “डीपट्रेस” कुछ हद तक सुरक्षा प्रदान करने में मदद कर रहे हैं।
  • “डीपट्रेस” एप्लिकेशन एंटीवायरस और स्पैम फिल्टर के संयोजन का उपयोग करता है जो डेटा का सर्वेक्षण करता है और संदिग्ध सामग्री को चिह्नित करता है।
  • फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने भी एक ऐसी तकनीक प्रस्तुत की है जो मूल आवाज के नमूनों और कृत्रिम रूप से बनाए गए ध्वनिक और प्रवाही गतिशील अंतर को मापती है।
  • वॉयस डीपफेक से खतरे को कम करने के लिए दुनिया भर के कॉल सेंटरों को विभिन्न उपाय करने की आवश्यकता है।
  • डीपफेक से जुड़े जोखिमों को दूर करने के लिए मल्टीफैक्टर ऑथेंटिकेशन (एमएफए) और धोखाधड़ी-रोधी समाधान को प्रयोग करने की जरूरत है।
  • इसके अतिरिक्त, आईडी सत्यापन, डिजिटल टोन विश्लेषण और की-प्रेस के लिए कॉल मेटाडेटा तैयार करने जैसे कारकों का उपयोग व्यवहार बायोमेट्रिक्स का विश्लेषण करने और नकली या संदिग्ध कॉल की पहचान करने के लिए किया जाता है।
  • इस विषय से संबंधित अधिक जानकारी के लिए 29 अक्टूबर 2020 का UPSC परीक्षा विस्तृत समाचार विश्लेषण देखें।

सारांश:

  • हाल के दिनों में डीप फेक तकनीक साइबर सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे पैदा कर रही है। इस मुद्दे से उत्पन्न चुनौतियों के लिए दुनिया भर की सरकारों को नियमों और प्रौद्योगिकी हस्तक्षेपों की शुरूआत के साथ-साथ एक बहु-हितधारक और बहु-मॉडल दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है।

संपादकीय-द हिन्दू

संपादकीय:

जम्मू, गाँवों की सुरक्षा और शासन:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

सुरक्षा:

विषय: सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियाँ और उनका प्रबंधन।

मुख्य परीक्षा: सीमावर्ती क्षेत्रों में ग्राम रक्षा समितियाँ।

प्रसंग:

  • राजौरी और पुंछ (जम्मू संभाग का सीमावर्ती जिला) में आतंकवादी हमलों में वृद्धि।

विवरण:

  • उग्रवाद से संबंधित सूचकांकों में खतरनाक संकेत नहीं दिखाई देने के बावजूद, सरकार द्वारा किसी भी तरह की आत्मतुष्टि के परिणामस्वरूप मध्यम और दीर्घकालिक शांति में गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
  • शांतिपूर्ण क्षेत्र जम्मू में उग्रवाद कश्मीर में प्रचलित उग्रवाद से अलग है क्योंकि जनसांख्यिकीय प्रोफ़ाइल में हिंदुओं और मुसलमानों का अनुपात लगभग समान है।
  • यह याद रखना चाहिए कि ऐसे क्षेत्रों में संघर्ष समाधान निर्णय निर्माण और निष्पादन प्रक्रियाओं में लोगों की भागीदारी का उपयोग करने किया जा सकता है।

पृष्ठभूमि:

  • पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में कई आतंकवादी-संबंधी घटनाएं देखी गईं। हालांकि, 1 जनवरी 2023 को हुआ डांगरी हमला सबसे भीषण था।
  • दक्षिण एशिया आतंकवाद पोर्टल (जनवरी 2023) के अनुसार, घुसपैठ के प्रयास, युद्धक सामग्री की बरामदगी, एक स्थानीय विधायक के घर पर गोलिबारी के बाद विस्फोट, ठिकानों को निष्क्रिय करना और राजौरी और पुंछ में संदिग्धों की गिरफ्तारी जैसी घटनाएं हुईं थी।
  • डांगरी कांड के बाद ग्राम रक्षा समितियों (VDC) को पुनर्जीवित करने की मांग उठी।
    • VDC (विलेज डिफेंस गार्ड्स या VDGs के रूप में पुनर्नामित) आत्म-सुरक्षा की भावना पैदा करता है, जिसमें जिले के पुलिस अधीक्षक को कमान और नियंत्रण का अधिकार दिया जाता है।
    • वे एक बल गुणक हैं जो सुरक्षा बलों के आने तक आतंकवादियों के खिलाफ मोर्चा संभाले रहते हैं।
    • हालाँकि, कई उदाहरणों में, VDCs अपने अधिकार का दुरुपयोग करने और कथित मानवाधिकारों के उल्लंघन के कारण प्रतिकूल साबित हुए हैं।

भावी कदम:

  • यह सुझाव दिया जाता है कि VDG पर राज्य नीति को नकारात्मक धारणा को कम करना चाहिए और एक नया कमांड एंड कंट्रोल तंत्र विकसित करना चाहिए। वर्तमान में, टॉप-डाउन दृष्टिकोण का पालन पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में किया जाता है, जिसके लिए करीबी पर्यवेक्षण की आवश्यकता होती है और यह आदर्श स्थिति नहीं हो सकती है।
  • स्थानीय सरकारी निकायों को सशक्त किया जाना चाहिए और चुनाव से भी आगे ले जाया जाना चाहिए।
  • VDG का पुनर्क्रियान्वयन स्थानीय निकायों को और सशक्त करेगा। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि पंचायतें संघर्ष क्षेत्र में स्थानीय गतिशीलता को सबसे अच्छी तरह समझती हैं।
  • इसके अतिरिक्त, पंचायतों को संस्थागत तरीके से स्थानीय पुलिस की सहायता करने का काम सौंपा जाना चाहिए। इसके परिणामस्वरूप सुरक्षा मामलों में जनभागीदारी का विस्तार होगा, चयन के दौरान VDG संवर्गों की गुणवत्ता की जांच होगी, उनकी गतिविधियों की निगरानी होगी, और निरीक्षण और निवारण द्वारा नियंत्रण को मजबूत किया जाएगा।
  • इसके अलावा, VDG की भूमिका खुफिया और सामरिक संचालन के बजाय आत्मरक्षा और प्रतिरोध तक ही सीमित रहनी चाहिए।
  • अंतत: जम्मू और कश्मीर में सभी चुनौतियों की कुंजी लोकतंत्र को मजबूत करके और जमीनी स्तर पर इसे और अधिक सहभागी बनाकर स्थानीय आबादी को सशक्त बनाने में निहित है।

संबंधित लिंक:

UPSC Exam Comprehensive News Analysis. Jan 16th, 2023 CNA. Download PDF

सारांश:

  • जम्मू संभाग में आतंकवादी घटनाओं की बढ़ती संख्या ने एक बार फिर राज्य द्वारा उचित कार्रवाई की मांग उठाई है। यह सुझाव दिया गया है कि स्थानीय निकायों को ग्राम रक्षा गार्डों का प्रबंधन सौंपने से न केवल उग्रवाद को रोका जा सकेगा बल्कि स्थानीय आबादी से सकारात्मक प्रतिक्रिया भी प्राप्त होगी।

कमज़ोर होते संबंध:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

अंतरराष्ट्रीय संबंध:

विषय: विकसित देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध।

मुख्य परीक्षा: चीन-अमेरिका संबंध।

प्रसंग:

  • अमेरिकी सेना ने चीनी निगरानी गुब्बारे को मार गिराया।

विवरण:

  • अमेरिकी सेना द्वारा एक चीनी निगरानी गुब्बारे को मार गिराना दो वैश्विक महाशक्तियों के बीच गहरे अविश्वास को दर्शाता है।
  • मोंटाना के ऊपर गुब्बारे के होने का पता चला था। इसने एक कूटनीतिक संकट को जन्म दिया और इसके परिणामस्वरूप अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने चीन की यात्रा (6 फरवरी 2023 से निर्धारित) को रद्द कर दिया। विशेष रूप से, यह 2018 के बाद से किसी शीर्ष अमेरिकी राजनयिक की पहली यात्रा होती।
  • यह सुझाव दिया जाता है कि गुब्बारा विवाद ने अमेरिका और चीन के बीच संबंधों में स्थिरता बहाल करने की प्रक्रिया को रोक दिया है।
  • चीन की दलीलें:
    • चीन ने कहा कि गुब्बारा “नागरिक” (मौसम विज्ञान) उद्देश्यों के लिए था और अमेरिका की ओर चला गया था।
    • इसने गुब्बारे को मार गिराने के निर्णय को “अति प्रतिक्रियावादी” कदम भी करार दिया।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका का पक्ष:
    • अमेरिका ने अपने हवाई क्षेत्र में अंदर तक निगरानी गुब्बारे की तैनाती को गंभीर उकसावा करार दिया है। इसने आगे सुझाव दिया कि इस तरह की गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

पृष्ठभूमि विवरण और संबंधित चिंताएं:

  • ऐसा ही एक वाकया ट्रंप प्रशासन के दौरान हुआ था। इस तरह के गुब्बारे 2020 और 2021 में जापान और 2022 में अंडमान द्वीप समूह (भारत) में भी देखे गए थे।
  • हालांकि, किसी भी सरकार ने गुब्बारों को नहीं गिराया, संभवतः यह निष्कर्ष निकाला कि उन्नत उपग्रहों द्वारा संचालित सूचनाओं के युग में गुब्बारे बहुत महत्वपूर्ण नहीं थे।
  • यह घटना भारत और जापान को भविष्य में इस तरह की घुसपैठ का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए प्रेरित कर सकती है।
  • चीन खुफिया जानकारी एकत्र करने के लिए एक नए और उकसाने वाला प्रतीत होते उपकरण के फायदे और नुकसान दोनों पर भी पुनर्विचार करेगा।
  • गुब्बारों को देखने पर बाइडन प्रशासन की प्रतिक्रिया और परिणामस्वरूप शीर्ष-राजनयिक की बीजिंग यात्रा रद्द करना यह दर्शाता है कि चीन अमेरिकी राजनीति में एक ज्वलंत मुद्दा बन गया है।
  • यह माना जाता है कि बढ़ती प्रतिद्वंद्विता, ताइवान मुद्दे पर ताकत दिखाने और तीखे घरेलू बयानों के कारण संकट उत्पन्न हो सकता है।

संबंधित लिंक:

U.S. ‘ Pivot to Asia ‘ responsible for tensions in S. China Sea | UPSC Current Affairs

सारांश:

  • अमेरिका और चीन के बीच संबंध अपने सबसे निचले स्तर पर हैं। अमेरिकी हवाई क्षेत्र में तथाकथित चीनी निगरानी गुब्बारे का पता लगने और उसके परिणामस्वरूप गुब्बारे को मार गिराए जाने के कारण संबंध और भी खराब हो गए हैं। दोनों देशों के बीच संबंधों को पुनर्जीवित करना मुश्किल लगता है और इसके लिए दोनों को काफी प्रयास करने की आवश्यकता होगी।

जीवन समाप्त करने वाले फैसले:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

राजव्यवस्था एवं शासन:

विषय: न्यायिक मामले।

मुख्य परीक्षा: अग्रिम चिकित्सा निर्देश और निष्क्रिय इच्छामृत्यु (पेसिव युथेनेशिया)।

प्रारंभिक परीक्षा: अग्रिम चिकित्सा निर्देशों और निष्क्रिय इच्छामृत्यु में नए संशोधन।

प्रसंग:

  • संविधान पीठ ने अग्रिम चिकित्सा निर्देशों और निष्क्रिय इच्छामृत्यु में नए संशोधन निर्धारित किए हैं।

विवरण:

  • 2018 में, सर्वोच्च न्यायालय ने ‘अग्रिम चिकित्सा निर्देशों’ की अवधारणा को कानूनी दर्जा दिया और निष्क्रिय इच्छामृत्यु (Euthanasia) (कुछ शर्तों के अधीन) की अनुमति दी।
  • इसे जीवन को समाप्त करने के निर्णयों पर रोगी की स्वायत्तता और गरिमापूर्ण मृत्यु के अधिकार दोनों के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण निर्णय के रूप में देखा गया। बाद में डॉक्टरों द्वारा यह सुझाव दिया गया कि कुछ विशिष्ट शर्तें “दुर्गम बाधाएं” बन गईं।

नए संशोधन:

  • 3 फरवरी 2023 को एक संविधान पीठ ने इसे और अधिक व्यावहारिक और सरल बनाने के लिए पहले के निर्देशों में संशोधन किया।

कुछ नए संशोधन इस प्रकार हैं:

    • अग्रिम निर्देश को न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित करने की आवश्यकता नहीं है और इसे केवल नोटरी या राजपत्रित अधिकारी के समक्ष प्रमाणित किया जा सकता है। इसका तात्पर्य यह है कि नोटरी या अधिकारी की संतुष्टि के लिए यह पर्याप्त है कि दस्तावेज़ स्वेच्छा से, बिना किसी दबाव या प्रलोभन के और पूरी समझ के साथ निष्पादित किया गया है।
    • पहले के फैसले में, यह निर्देश दिया गया था कि निष्पादक को एक अभिभावक या एक करीबी रिश्तेदार का उल्लेख करना चाहिए जो रोगी के निर्णय लेने में असमर्थ होने की स्थिति में चिकित्सा उपचार से इनकार करने या वापस लेने की सहमति देने के लिए अधिकृत होगा। इसमें एक से अधिक अभिभावकों या रिश्तेदारों को शामिल करने के लिए संशोधन किया गया है।
    • पहले यह मजिस्ट्रेट की जिम्मेदारी थी कि वह परिवार के सदस्यों को दस्तावेज़ के बारे में सूचित करे (यदि वे इसके निष्पादन के समय अनुपस्थित हैं)। इसे संशोधित किया गया है और अब यह दायित्व स्वयं व्यक्तियों पर है कि वे इसमें नामित अभिभावकों या करीबी रिश्तेदारों और परिवार के चिकित्सक को अग्रिम निर्देश की एक प्रति प्रदान करें।
    • अग्रिम निर्देश को डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड में भी शामिल किया जा सकता है।
    • नए दिशानिर्देशों के अनुसार, अस्पताल को एक प्राथमिक चिकित्सा बोर्ड का गठन करना होगा जो उपचार से इनकार करने या वापस लेने के निर्देशों को प्रमाणित करेगा।
    • अस्पताल स्तर पर एक माध्यमिक बोर्ड का भी गठन किया जाए। इस बोर्ड में जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा नामित डॉक्टर शामिल होना चाहिए। बोर्ड का कार्य प्राथमिक बोर्ड के प्रमाण पत्र का समर्थन करना है।
    • गौरतलब हो कि मूल गाइडलाइन (2018) में जिला कलेक्टर को द्वितीय मेडिकल बोर्ड गठित करना था।
    • नए दिशानिर्देश मेडिकल बोर्ड के सदस्यों के अनुभव और विशेषज्ञता को भी निर्धारित करते हैं।
  • ये दिशानिर्देश “लिविंग विल” और अग्रिम चिकित्सा निर्देशों की अवधारणा के लिए महत्वपूर्ण और उपयोगी हैं।
  • यह भी सुझाव दिया जाता है कि संसद को इस संबंध में एक व्यापक कानून बनाना चाहिए। ऐसे कानून में अग्रिम निर्देशों के भंडार का भी प्रावधान होना चाहिए।

नए दिशानिर्देशों के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहां पढ़ें: UPSC Exam Comprehensive News Analysis. Feb 4th, 2023 CNA. Download PDF

संबंधित लिंक:

RSTV – The Big Picture: Passive Euthanasia: Death with Dignity

सारांश:

  • न्यायालय की संविधान पीठ ने 2018 की दिशानिर्देशों में नए संशोधन कर प्रक्रिया को सरल बनाया है। यह मरणासन्न रूप से बीमार उन रोगियों के लिए ‘अग्रिम चिकित्सा निर्देशों’ को लागू करने में “दुर्गम बाधाओं” को दूर करेगा जो इलाज या आशा से परे हैं।

प्रीलिम्स तथ्य:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. नेवल LCA आईएनएस विक्रांत पर उतरने वाला पहला हवाई जहाज बना:
  • स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस का नौसैनिक संस्करण आईएनएस विक्रांत पर उतरा, जो एक स्वदेशी विमानवाहक पोत है, जो आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) पर एक फिक्स्ड-विंग विमान की पहली लैंडिंग है।
  • आईएनएस विक्रांत को सितंबर 2022 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।
  • स्वदेशी विमान वाहक से एयरक्राफ्ट को लॉन्च करने के लिए शॉर्ट टेक-ऑफ बट अरेस्टेड रिकवरी (STOBAR) मॉडल का उपयोग किया गया।
  • LCA के उतरने के बाद दो इंजन वाले मिग-29K फाइटर जेट भी आईएनएस विक्रांत पर उतरे और उन्होंने वापस उड़ान भरी।
  • इससे पहले जनवरी 2020 में, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने INS विक्रमादित्य (INS Vikramaditya) पर नेवल LCA की सफल अरेस्टेड लैंडिंग का प्रदर्शन किया था।
  • हाल के विकास को एक ऐतिहासिक मील का पत्थर और रक्षा में “आत्मनिर्भरता” प्राप्त करने की दिशा में एक कदम माना गया है।
  • इसके अलावा, यह कदम स्वदेशी लड़ाकू विमानों के साथ IAC के डिजाइन, विकास, निर्माण और संचालन की भारत की क्षमता को भी प्रदर्शित करता है।
  • लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस से संबंधित अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए: Light Combat Aircraft (LCA) Tejas
  1. भारत और कनाडा के विदेश मंत्रियों ने हिन्द-प्रशांत सहयोग एवं व्यापार पर चर्चा की:
  • कनाडा के विदेश मंत्री और भारतीय विदेश मंत्री ने दिल्ली में भारत-कनाडा सामरिक वार्ता में मुलाकात की जिसमें हिन्द-प्रशांत सहयोग और व्यापार पर चर्चा शामिल थी।
  • वार्ता के नवीनतम दौर को दोनों देशों द्वारा द्विपक्षीय संबंधों को पुनर्जीवित करने का एक प्रयास कहा जा रहा है। जो कई वर्षों से उतार-चढ़ाव भरे संबंधों के साक्षी रहे हैं।
  • कनाडा ने अपनी “हिंद-प्रशांत रणनीति” जारी की थी जिसमें उसने कहा था कि हिन्द-प्रशांत क्षेत्र उसके भविष्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, साथ ही इसमें चीन को एक तेजी से बढ़ती विघटनकारी वैश्विक शक्ति माना, और भारत को एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में मान्यता दी।
  • इस रणनीतिक दस्तावेज़ में उल्लेख किया गया था कि कनाडा सुरक्षा, लोकतंत्र को बढ़ावा देने, बहुलवाद और मानवाधिकारों जैसे सामान्य हित के क्षेत्रों में भारत के साथ सहयोग करने और बातचीत में शामिल होने के अवसरों की तलाश करेगा।
  • मुक्त, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत के साझा दृष्टिकोण को स्वीकार करते हुए, भारत ने कनाडा द्वारा हिन्द-प्रशांत रणनीति की घोषणा का स्वागत किया है।
  • ओटावा के पूर्व उच्चायुक्त के अनुसार, हिन्द-प्रशांत रणनीति अभिसरण और व्यापार वार्ता के मद्देनजर, 2023 भारत-कनाडा संबंधों की पुनर्स्थापना का वर्ष बन सकता है, जिसमें दोनों देशों के बीच एक प्रारंभिक प्रगति व्यापार समझौते (Early Progress Trade Agreement (EPTA)) पर बातचीत हो सकती है।
  • भारत-कनाडा संबंधों के बारे में अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए: India-Canada Relations
  1. भारत की बढ़ती ऊर्जा मांग निवेश के अवसर प्रदान करती है: प्रधानमंत्री
  • बेंगलुरु में भारत ऊर्जा सप्ताह (IEW), 2023 का उद्घाटन करते हुए, भारतीय प्रधानमंत्री (PM) ने कहा कि भारत में ऊर्जा की मांग में काफी वृद्धि हुई है जो कंपनियों को ऊर्जा फर्मों के साथ निवेश और सहयोग करने के अवसर प्रदान करती है।
  • IEW 2023 को भारत का पहला व्यापक ऊर्जा कार्यक्रम कहा जाता है, जो G20 अध्यक्षता ( G20 presidency) वाले वर्ष में संपूर्ण मूल्य श्रृंखला को कवर करता है।
  • IEW 2023 को ऊर्जा सुरक्षा, सामर्थ्य और पहुंच सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  • प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि देश की ऊर्जा मांग में काफी वृद्धि हुई है और वर्तमान में 5% की तुलना में आने वाले वर्षों में वैश्विक मांग के 11% तक पहुंचने की उम्मीद है।
  • प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (National Green Hydrogen Mission ) के तहत हरित हाइड्रोजन के लिए ₹1 लाख करोड़ आवंटित किए थे जो भारत को ग्रे हाइड्रोजन के उपयोग को प्रतिस्थापित करने में मदद करेगा।
  • केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री ने यह भी कहा कि भारत के ऊर्जा परिदृश्य में महत्वपूर्ण परिवर्तन आया है और सरकार जैव ईंधन, इलेक्ट्रिक वाहन और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे निम्न कार्बन विकल्पों को अपनाने और नवीनतम विकास को समायोजित करने में एक उत्प्रेरक की भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
  • IEW 2023 के बारे में अधिक जानकारी के लिए 05 फरवरी 2023 का यूपीएससी PIB सारांश का लेख देखें।

UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. भारत में आदिवासियों के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – मध्यम)

  1. 2011 की जनगणना के अनुसार भारत के जनजातीय समुदायों की संख्या देश की जनसंख्या का 8.6% है।
  2. अनुसूचित जनजातियों (ST) के एकीकृत सामाजिक-आर्थिक विकास पर अधिक केंद्रित दृष्टिकोण प्रदान करने के उद्देश्य से सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के विभाजन के बाद 1999 में जनजातीय मामलों के मंत्रालय की स्थापना की गई थी।
  3. आदिवासी मामलों का मंत्रालय ‘संकल्प से सिद्धि’ पहल संचालित करता है, जिसे ‘मिशन वन धन’ के रूप में भी जाना जाता है, जो भारत की आदिवासी आबादी के लिए एक स्थायी आजीविका स्थापित करने के प्रधान मंत्री के उद्देश्य के अनुरूप है।

सही कूट चुनें:

(a) केवल 1 और 2

(b) केवल 2 और 3

(c) केवल 1 और 3

(d) उपर्युक्त सभी

उत्तर: d

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार, आदिवासियों की संख्या भारत की जनसंख्या का 8.6% है।
  • कथन 2 सही है: अनुसूचित जनजातियों के एकीकृत सामाजिक-आर्थिक विकास पर अधिक केंद्रित दृष्टिकोण प्रदान करने के उद्देश्य से सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के विभाजन के बाद 1999 में जनजातीय मामलों के मंत्रालय की स्थापना की गई थी।
  • कथन 3 सही है: जनजातीय मामलों के मंत्री ने जनजातीय आजीविका पहल “संकल्प से सिद्धि” या “मिशन वन धन” की शुरुआत की है।
    • यह पहल भारत की जनजातीय आबादी के लिए स्थायी आजीविका स्थापित करने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

प्रश्न 2. आईएनएस विक्रांत के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – सरल)

  1. विक्रांत का नाम भारत के पहले विमानवाहक पोत के नाम पर रखा गया है, जिसे USSR से खरीदा गया था और 1961 में कमीशन किया गया था।
  2. विक्रांत भारत में डिजाइन और निर्मित होने वाला सबसे बड़ा नौसैनिक जहाज है।
  3. नेवल LCA आईएनएस विक्रांत पर उतरने वाला पहला हवाई जहाज बन गया।

सही कूट का चयन कीजिए:

(a) केवल 1 और 2

(b) केवल 2 और 3

(c) केवल 1 और 3

(d) उपर्युक्त सभी

उत्तर: b

व्याख्या:

  • कथन 1 गलत है: INS विक्रांत का नाम भारतीय नौसेना के बेड़े की शोभा बढ़ाने वाले पहले विमानवाहक पोत के नाम पर रखा गया है, जिसे 1961 में कमीशन किया गया था।
    • ब्रिटिश रॉयल नेवी के HMS हरक्यूलिस को भारतीय नौसेना द्वारा खरीदे जाने के बाद ‘विक्रांत’ के रूप में नया नाम दिया गया था।
  • कथन 2 सही है: INS विक्रांत भारत के समुद्री इतिहास में डिजाइन और निर्मित अब तक का सबसे बड़ा जहाज है।
  • कथन 3 सही है: स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस का नौसैनिक संस्करण INS विक्रांत पर उतरा और इस तरह INS विक्रांत पर एक फिक्स्ड-विंग विमान की पहली लैंडिंग हुई।

प्रश्न 3. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – सरल)

  1. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को पहले भरतपुर पक्षी अभयारण्य के रूप में जाना जाता था।
  2. यह यूनेस्को विश्व धरोहर और रामसर स्थल है।
  3. गंभीर और बाणगंगा दो नदियाँ हैं जो इस राष्ट्रीय उद्यान से होकर बहती हैं।

सही कूट का चयन कीजिए:

(a) केवल 1 और 2

(b) केवल 2 और 3

(c) केवल 1 और 3

(d) उपर्युक्त सभी

उत्तर: d

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (राजस्थान में) जिसे दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण पक्षी प्रजनन और आहार स्थलों में से एक माना जाता है, को पहले भरतपुर पक्षी अभयारण्य के रूप में जाना जाता था।
  • कथन 2 सही है: केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को 1985 में यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल के रूप में सूचीबद्ध किया गया था और इसे 1981 में रामसर कन्वेंशन के तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्व की एक आर्द्रभूमि के रूप में भी नामित किया गया था।
  • कथन 3 सही है: केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान गंभीर और बाणगंगा नदियों के संगम पर स्थित है।

प्रश्न 4. भूकंप के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:(स्तर – मध्यम)

  1. उथले भूकंप आम तौर पर अधिक विनाशकारी होते हैं क्योंकि सतह पर उत्पन्न होने पर वे अधिक ऊर्जा धारण करते हैं।
  2. परिमाण को एक लघुगणकीय पैमाने पर मापा जाता है, जिसका अर्थ है कि 6 की तीव्रता के भूकंप से उत्पन्न भूकंपीय तरंगों का आयाम 5 की तीव्रता के भूकंप से उत्पन्न तरंगों की तुलना में 10 गुना अधिक होता है।
  3. भूकंपीय तरंगें प्रकाश की गति से काफी तेज गति से यात्रा करती हैं।

सही कूट का चयन कीजिए:

(a) केवल 1 और 2

(b) केवल 2 और 3

(c) केवल 1 और 3

(d) उपर्युक्त सभी

उत्तर: a

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: उथले भूकंप आम तौर पर अधिक विनाशकारी होते हैं क्योंकि जब वे सतह पर उत्पन्न हैं तो वे अधिक ऊर्जा धारण करते हैं।
  • कथन 2 सही है: परिमाण (तीव्रता) को एक लघुगणकीय पैमाने पर मापा जाता है, जिसका अर्थ है कि 6 की तीव्रता के भूकंप से उत्पन्न भूकंपीय तरंगों का आयाम 5 की तीव्रता के भूकंप से उत्पन्न होने वाली तरंगों की तुलना में 10 गुना अधिक होता है।
    • तीव्रता इस बात का माप है कि तरंगें कितनी बड़ी हैं, जबकि शक्ति का तात्पर्य उस ऊर्जा से है जो तरंगें वहन करती हैं।
  • कथन 3 गलत है: भूकंपीय तरंगें प्रकाश की गति से काफी धीमी गति से यात्रा करती हैं अर्थात 5 से 13 किमी प्रति सेकंड के बीच।

प्रश्न 5. भारत में कार्बोफ्यूरेन, मेथिल पैराथियॉन, फोरेट और ट्राइऐजोफॉस के इस्तेमाल को आशंका से देखा जाता है। ये रसायन किस रूप में इस्तेमाल किए जाते हैं? (PYQ (2019) (स्तर – कठिन)

(a) कृषि में पीड़कनाशी

(b) संसाधित खाद्यों में परिरक्षक

(c) फल-पक्कन कारक

(d) प्रसाधन सामग्री में नमी बनाए रखने वाले कारक

उत्तर: a

व्याख्या:

  • कार्बोफ्यूरेन, मेथिल पैराथियॉन, फोरेट और ट्राइऐजोफॉस कृषि में इस्तेमाल होने वाले प्रतिबंधित कीटनाशक हैं।
  • कृषि मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर बेनोमिल, कार्बेरिल, डायज़िनॉन, फेनारिमोल, फेन्थियन, लिनुरॉन, MEMC, मिथाइल पार्थियन, सोडियम साइनाइड, थायोमेटोन, ट्राइडेमोर्फ, ट्राइफ्लुरेलिन, एलाक्लोर, डाईक्लोरवोस, फोरेट, फॉस्फैमिडोन, ट्रायज़ोफॉस और ट्राइक्लोरफ़ोन सहित पीड़कनाशकों/कीटनाशकों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने के संबंध में हितधारकों से आपत्तियां और सुझाव आमंत्रित किए हैं।

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. एक ‘टोही गुब्बारा’ (स्पाई बैलून) क्या है? अमेरिका और चीन से जुड़े हालिया विवाद का परीक्षण कीजिए। (250 शब्द, 15 अंक) (जीएस II – अंतर्राष्ट्रीय संबंध)

प्रश्न 2. इच्छामृत्यु और सम्मान के साथ ‘मरने के अधिकार’ के संबंध में भारत में कानूनी परिदृश्य का समालोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए। (250 शब्द, 15 अंक) (जीएस II – राजव्यवस्था एवं शासन)