12 जुलाई 2022 : समाचार विश्लेषण
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A.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: सामाजिक मुद्दे:
B.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: शासन:
C.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
D.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E.सम्पादकीय: अर्थव्यवस्था:
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
F. प्रीलिम्स तथ्य:
G.महत्वपूर्ण तथ्य:
H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : |
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
डार्क मैटर की खोज:
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
विषय: अंतरिक्ष के क्षेत्र में जागरूकता।
प्रारंभिक परीक्षा: डार्क मैटर और डार्क एनर्जी।
संदर्भ:
- अमेरिका में साउथ डकोटा में LUX-ZEPLIN (LZ) नाम का डार्क मैटर डिटेक्टर प्रयोग चर्चा में है।
- इसे वर्तमान में दुनिया का सबसे संवेदनशील डार्क मैटर डिटेक्टर माना जाता है।
डार्क मैटर और डार्क एनर्जी:
- कई भौतिक विज्ञानीयों का दृढ़ विश्वास हैं कि ब्रह्मांड में सभी परमाणु और प्रकाश मिलकर ब्रह्मांड की कुल सामग्री का पांच प्रतिशत से भी कम का निर्माण कर पाते हैं।
- ऐसा माना जाता है कि ब्रह्मांड का शेष भाग डार्क मैटर और डार्क एनर्जी से बना हुआ है।
- डार्क मैटर पदार्थ का एक काल्पनिक रूप है।
- डार्क मैटर को “डार्क” कहा जाता है,क्योंकि यह विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र के साथ परस्पर क्रिया नहीं करता है, जिसका तात्पर्य यह है कि यह विद्युत चुम्बकीय विकिरण (प्रकाश की तरह) को अवशोषित, प्रतिबिंबित या उत्सर्जित नहीं करता है और इसलिए इसका पता लगाना मुश्किल है।
- शब्द “मैटर/पदार्थ” (matter) को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया है क्योंकि इनका द्रव्यमान सामान्य पदार्थ की तरह होता हैं, और गुरुत्वाकर्षण के माध्यम से परस्पर क्रिया करते हैं।
- डार्क एनर्जी ऊर्जा का सैद्धांतिक रूप है,जिसे गुरुत्वाकर्षण के प्रतिरोध में कार्य करने के लिए नियत किया जाता हैं।
डार्क मैटर का पता लगाना क्यों मुश्किल है?
- डार्क मैटर का निर्माण उन कणों से होता है जिन पर कोई आवेश/चार्ज नहीं होता है।
- इसलिए डार्क मैटर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक (विद्युत चुम्बक से सम्बन्धित) परस्परिक क्रिया के माध्यम से किसी प्रकार का कोई प्रभाव नहीं डालता है।
- डार्क मैटर द्वारा प्रदर्शित गुरुत्वाकर्षण बल को अभी पूरी तरह से समझा नहीं जा सका है और यह बेहद कठिन भी है।
- इसलिए, डार्क मैटर का पता लगाना काफी मुश्किल हो जाता है।
डार्क मैटर के सबूत:
- डार्क मैटर के बहुत ही मजबूत अप्रत्यक्ष सबूत मिले हैं, और ये सबूत विभिन्न स्तरों (या दूरी के पैमानों) पर परिलक्षित होते है।
- छोटी दूरी का पैमाना – आकाशगंगाओं का घूर्णन का तरीका आकाशगंगा में डार्क मैटर की उपस्थिति का संकेत है,क्योंकि आकाशगंगा के विभिन्न स्थानों पर विभिन्न तारों के घूमने की अलग-अलग गति की व्याख्या करने के लिए इसके आलावा अभी तक कोई अन्य स्पष्टीकरण संभव नहीं है।
- अन्य साक्ष्यों में गुरुत्वाकर्षण लेंसिंग के साथ-साथ दृश्य ब्रह्मांड की वर्तमान संरचना के खगोलीय अवलोकन शामिल हैं।
- ब्रह्मांड की फिलामेंटस (filamentous-बारीक धागों के समान रचनाओं से बना हुआ) प्रकृति भी डार्क मैटर के अस्तित्व का द्योतक है।
- गुरुत्वाकर्षण लेंसिंग की प्रक्रिया तब होती है जब एक विशाल आकाशीय पिंड – जैसे कि एक आकाशगंगा समूह – इसके चारों ओर प्रकाश के मार्ग के लिए स्पेसटाइम की पर्याप्त वक्रता का कारण बनता है, जो कि एक लेंस द्वारा स्पष्ट रूप से मुड़ा हुआ हो।
- प्रकाश को मोड़ने वाले वाले तत्व को तदनुसार गुरुत्वाकर्षण लेंस कहा जाता है।
- लम्बी दूरी मापने का पैमाना- दो आकाशगंगा समूहों के विलय से आकाशगंगाओं के बुलेट समूहों का बनना भी डार्क मैटर के अस्तित्व का संकेत है।
- डार्क एनर्जी ब्रह्मांड के त्वरित विस्तार के पीछे की प्रेरक शक्ति की व्याख्या करती है।
- हाल के कॉस्मिक माइक्रोवेव बैकग्राउंड में किये गए अध्ययन भी डार्क एनर्जी की उपस्थिति का संकेत देते हैं।
- कॉस्मिक माइक्रोवेव बैकग्राउंड (CMB) बिग बैंग या उस समय का बचा हुआ विकिरण है जब ब्रह्मांड की शरुआत हुई थी।
- सीएमबी एक फीका या मंद ब्रह्मांडीय पृष्ठभूमि विकिरण है जो साऱी जगह को भर देता है।
वर्तमान में डार्क मैटर का पता लगाने के हेतु किये जा रहे प्रयास:
- डार्क मैटर और डार्क एनर्जी के अस्तित्व का पता लगने हेतु विश्वसनीय अप्रत्यक्ष प्रेक्षणों और गणनाओं को देखते हुए,डार्क मैटर कणों का निर्णायक रूप से पता लगाने के लिए विभिन्न प्रयोग किए गए हैं।
डार्क मैटर कणों के लिए कण/अभ्यर्थी:
- न्युट्रीनो (Neutrino) :
- एक न्यूट्रिनो एक उप-परमाणु कण है जो एक इलेक्ट्रॉन के समान होता है लेकिन इसमें कोई विद्युत आवेश नहीं होता है और इसका द्रव्यमान भी बहुत कम होता है, जो शून्य भी हो सकता है। न्यूट्रिनो ब्रह्मांड में सबसे प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले कणों में से एक हैं।
- Z बोसॉन का एक अति सममित (सुपरसिमेट्रिक-Supersymmetric) भागीदार हैं।
- Z बोसॉन एक उदासीन मूल कण है।
- अक्षतंतु (Axions):
- अक्षतंतु (Axions) एक बोसॉन और डार्क मटर को घनीभूत करने वाला कण हैं।
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सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
अनुचित व्यापार प्रथाओं को रोकने हेतु नवीन दिशानिर्देश:
शासन:
विषय: विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकारी नीतियां,हस्तक्षेप, उनके डिजाइन और कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
प्रारंभिक परीक्षा: केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (Central Consumer Protection Authority)।
संदर्भ:
- हाल ही में, केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने होटल और रेस्तरां पर सेवा शुल्क लगाने के संबंध में दिशानिर्देशों की घोषणा की हैं।
- इसके साथ ही केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने इन नए दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने का भी आह्वान किया है और इन दिशा-निर्देशों के उल्लंघन किये जाने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।
पृष्ठ्भूमि:
- केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA):
- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम (CPA), 2019 के तहत केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) की स्थापना की गई है।
- केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) के पास उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करने, उन्हें बढ़ावा देने,उन्हें लागू करने और अधिनियम के तहत उनके अधिकारों के उल्लंघन को रोकने का अधिकार है।
- यह प्राधिकरण उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन, अनुचित व्यापार प्रथाओं और झूठे या भ्रामक विज्ञापनों को नियंत्रित करेगा जो जनता के लिए हानिकारक होते हैं।
सेवा शुल्क (Service charge):
- सेवा शुल्क (Service charge) एक प्राथमिक उत्पाद या सेवा की खरीद से जुड़ी सेवाओं के भुगतान के लिए एकत्र किया गया एक शुल्क है।
- यह ग्राहकों को सेवा देने के लिए होटल और रेस्तरां में शुल्क के रूप में लिया जाता है।
नवीन दिशानिर्देश:
- नवीन दिशानिर्देशों के तहत होटल और रेस्तरां सेवा शुल्क नहीं लगा सकते हैं।
- उन्हें उपभोक्ताओं को स्पष्ट रूप से सूचित करना चाहिए कि इस सेवा शुल्क का भुगतान करना स्वैच्छिक, वैकल्पिक और उनके विवेक पर निर्भर हैं।
- साथ ही होटल और रेस्तरां सेवा शुल्क न देने के आधार पर प्रवेश या सेवाओं को प्रतिबंधित भी नहीं कर सकेंगे।
नए दिशानिर्देशों के पक्ष में तर्क:
- होटल और रेस्तरां के मेनू में प्रदर्शित खाद्य पदार्थों की कीमत के अलावा किसी ग्राहक से लागू करों के अलावा अन्य शुल्क वसूलना CPA के तहत एक गैर क़ानूनी होगा।
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सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:
वनों में विफलता (Failing the forest):
सामाजिक मुद्दे:
- इस लेख को पहले 4 मार्च 2019 के व्यापक समाचार विश्लेषण में कवर किया गया हैं। इस विषय से सम्बंधित जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए:https://byjus.com/free-ias-prep/upsc-exam-comprehensive-news-analysis-mar04-2019/
संपादकीय-द हिन्दू
सम्पादकीय:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
अर्थव्यवस्था:
स्कैम फॉल्टलाइन भारतीय बैंकिंग व्यवस्था के लिए नुकसानदेह:
विषय: बैंकिंग प्रणाली।
मुख्य परीक्षा: भारत की बैंकिंग प्रणाली का समालोचनात्मक विश्लेषण करें।
संदर्भ:
- इस लेख में बेकिंग उद्योग में हाल ही में हुई सबसे बड़ी धोखाधड़ी का विश्लेषण किया गया है।
पृष्टभूमि:
- भारत में अब तक की सबसे बड़ी ऋण धोखाधड़ी मामले में, CBI ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (DHFL) के पूर्व प्रमोटरों, कपिल वधावन और धीरज वधावन सहित 13 आरोपियों पर 17 बैंकों के एक संघ से मिलकर 34,000 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के मामले में केस दर्ज किया गया है।
- यह इस साल का पहला मामला नहीं है, बल्कि फरवरी में सुराल की ABG शिपयार्ड लिमिटेड नाम की कंपनी ने फर्जी तरीके से 23,000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया ।
ऋणदाता बैंक और की गई कार्रवाई:
- मीडिया रिपोर्टों में घोटाला सामने आने के बाद, 1 फरवरी, 2019 को कंसोर्टियम लेंडर्स की एक बैठक हुई, जिसमें भारतीय स्टेट बैंक (SBI), बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB), बैंक ऑफ इंडिया ( BOI), केनरा बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, सिंडिकेट बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया सहित सात सबसे बड़े ऋणदाताओं ने (मुख्य बैंक और शिकायतकर्ता बैंक) एक कोर समिति का गठन किया था।
- कंसल्टेंसी फर्म KPMG को 1 अप्रैल, 2015 से 31 मार्च, 2019 तक DHFL की विशेष समीक्षा ऑडिट करने हेतु ऑडिटर के रूप में नियुक्त किया गया था।
- CBI की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय स्टेट बैंक DHFL की कुल ऋण राशि में से 9,898 करोड़ रुपये के NPA के साथ सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला बैंक था।
- बैंक ऑफ इंडिया और केनरा बैंक का NPA 4000 करोड़ रुपये से अधिक का था। इसी तरह DHFL ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब नेशनल बैंक से धोखाधड़ी से 3000 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण लिया।
NPA के पीछे प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
घोटाले और धोखाधड़ी:
- बढ़ते NPA का मूल कारण बैंकिंग प्रणाली में घोटाले और धोखाधड़ी है।
- RBI के आंकड़ों के अनुसार, बैंकिंग उद्योग में लगभग 34% घोटाले निम्न और मध्यम स्तर के प्रबंधन की कमी के कारण होते हैं।
- ये घोटाले और धोखाधड़ी बैंकिंग उद्योग के विकास में बाधाक हैं।
- यह एक अजीब तथ्य है कि अकेले भारत में ही नहीं, बल्कि KPMG के वैश्विक बैंकिंग धोखाधड़ी सर्वेक्षण के अनुसार यह एक विश्वव्यापी मुद्दा है।
परिचालन विफलता:
- बैंकिंग उद्योग में मुख्य रूप से चार प्रकार की धोखाधड़ी होती है। जिसमे प्रबंधन, बाहरी व्यक्ति, अंदरूनी सूत्र और अंदरूनी एवं बाहरी व्यक्ति शामिल हैं। सभी घोटाले, चाहे वह अंदरूनी हों या बाहरी, परिचालन विफलता के परिणाम हैं।
- डेलॉइट की एक शोध रिपोर्ट ने निष्कर्ष निकाला है कि भुगतान के बाद परिसंपत्तियों की सीमित निगरानी तनावग्रस्त परिसंपत्तियों के बढ़ने के प्रमुख कारणों में से एक थी।
- इसके अलावा, NPA के पीछे अपर्याप्त ड्यू डिलिजेंस एक अन्य महत्वपूर्ण कारक था।
गरीब बैंक कॉर्पोरेट प्रशासन:
- भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) बैंगलोर के एक अध्ययन ने यह स्पष्ट किया कि खराब बैंक कॉर्पोरेट प्रशासन बैंकिंग उद्योग और NPA के बढ़ते घोटालों के कारणों में से एक है।
बढ़ते NPA का प्रभाव:
नागरिक का विश्वास:
- बैंकिंग प्रणाली को अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है। बैंकों को होने वाली किसी भी प्रकार की हानि देश के प्रत्येक व्यक्ति को प्रभावित करती है क्योंकि बैंकों में जमा की गई राशि उस देश के नागरिकों की होती है।
- यह बैंकिंग प्रणाली में नागरिकों के विश्वास को कमजोर करता है।
परिचालन लागत में वृद्धि:
- उच्च NPA के कारण, बैंक का ब्याज मार्जिन कम हो जाता है और बैंक की परिचालन लागत बढ़ जाती है।
- परिचालन व्यय को कवर करने के लिए, बैंक अपने छोटे ग्राहकों से दिन-प्रतिदिन के आधार सुविधा शुल्क बढ़ाते जाते हैं।
एक NPA प्रक्षेपण सूची:
- दिसंबर 2021 में जारी RBI की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट से पता चला है कि बैंकों का सकल NPA सितंबर 2021 में 6.9% से बढ़कर सितंबर 2022 तक कुल संपत्ति का 8.1% (बेसलाइन परिदृश्य के तहत) तथा इसके 9.5% तक बढ़ने का अनुमान है।
- अक्सर नए बैंक घोटालों की खबरें आती रहती हैं जो देश के नागरिकों का विश्वास को कमजोर करती हैं। भारत में बैंक घोटालों के कई उदाहरण हैं जैसे:
- पंजाब नेशनल बैंक से संबंधित नीरव मोदी और मेहुल चौकसी घोटाला (₹ 11,400 करोड़)।
- 13 बैंकों से संबंधित कारोबारी विजय माल्या (₹9,000 करोड़) का घोटाला।
- आंध्रा बैंक धोखाधड़ी (₹ 8,100 करोड़)।
- PMC घोटाला (₹ 4,355 करोड़)।
- रोटोमैक पेन घोटाला (₹ 3,695 करोड़), वीडियोकॉन मामला (₹ 3,250 करोड़)।
- इलाहाबाद बैंक धोखाधड़ी (₹ 1,775 करोड़)।
- सिंडिकेट बैंक घोटाला (₹ 1,000 करोड़)।
- बैंक ऑफ महाराष्ट्र घोटाला (₹ 836 करोड़)।
- कनिष्क गोल्ड बैंक धोखाधड़ी (₹ 824 करोड़)।
- IDBI बैंक धोखाधड़ी (₹ 600 करोड़)।
- RP इंफो सिस्टम्स बैंक घोटाला (₹ 515 करोड़)।
- RBI के आंकड़ों के अनुसार, कुल विज्ञापन ऋणों में से 70% कॉर्पोरेट ऋण से संबंधित हैं, जबकि खुदरा ऋण जिनमें गृह ऋण, व्यक्तिगत ऋण और कार ऋण का योगदान केवल 4% हैं।
कुछ उपायों की आवश्यकता है:
उचित सावधानी:
- खराब ऋण समय के साथ उच्च NPA का कारण बनते हैं। इसलिए, बैंकों को ऋण देते समय उचित सावधानी बरतनी चाहिए।
चार्टर्ड एकाउंटेंट का विनियमन:
- NPA को कम करने के महत्वपूर्ण कदमों में चार्टर्ड एकाउंटेंट का विनियमन और नियंत्रण है।
- विदेशों में भारी मात्रा में कर्ज लेने वाली कंपनियों को कर्ज देते समय बैंकों को सतर्क रहना चाहिए।
लेखापरीक्षा प्रणाली:
- बैंकों की आंतरिक और बाह्य लेखा परीक्षा प्रणाली को कड़ा किया जाना चाहिए।
कर्मचारियों का रोटेशन:
- बैंक ऋण विभाग के कर्मचारियों का स्थानान्तरण निश्चित समय सीमा में किया जाए।
आंतरिक रेटिंग एजेंसी:
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को ऋण स्वीकृत करने से पहले बड़ी परियोजनाओं के मूल्यांकन हेतु एक आंतरिक रेटिंग एजेंसी बनानी चाहिए।
- व्यावसायिक परियोजनाओं के बारे में पूर्व चेतावनी संकेतों की निगरानी के लिए एक प्रभावी प्रबंधन सूचना प्रणाली (MIS) स्थापित की जानी चाहिए।
- उधारकर्ता के CIBIL स्कोर का मूल्यांकन संबंधित बैंकों और RBI के अधिकारियों द्वारा भी किया जाना चाहिए।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता:
- बैंकिंग प्रणाली में AI के उपयोग से बैंकिंग घोटालों कम हो सकते है। AI द्वारा वित्तीय लेनदेन की निगरानी की जा सकती है।
- हालाँकि, एक चिंता यह भी है कि AI केवल मात्रात्मक जानकारी ही देती है, गुणात्मक पहलुओं की नहीं।
भावी कदम:
- RBI और भारत सरकार ने घोटालों की समस्या को हल करने के लिए बैंकिंग क्षेत्र में कई सुधार किए हैं, लेकिन अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना बाकी है।
- भारतीय बैंकिंग उद्योग को फंसे कर्ज को बट्टे खाते में डालने के बजाय कर्ज वसूली प्रक्रिया में सुधार पर ध्यान देना चाहिए।
- नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (NARCL) की स्थापना करना वास्तविक समाधान नहीं है। यह तभी मददगार होगा जब कोई ऋण खराब (bad loans) हो जाएगा, लेकिन ऋण को खराब ऋण होने से नहीं रोकेगा।
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सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
आकाश में सुरक्षा:
विषय: भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी।
मुख्य परीक्षा: विमानन प्रौद्योगिकी।
संदर्भ:
- पिछले कुछ महीनों में एविएशन से जुड़ी कुछ तकनीकी समस्याएं चिन्हित की गई हैं जिसका इस लेख में विस्तारपूर्वक विश्लेषण किया गया है।
पृष्टभूमि:
- विगत 2 महीनों में, स्पाइसजेट ने कम से कम नौ विमानन संबंधी तकनीकी समस्याओं का अनुभव किया है।
- एक स्पाइसजेट विमान, जिसने दिल्ली से उड़ान भरी थी और दुबई जा रहा था, को तकनीकी खराबी के बाद पाकिस्तान के कराची में आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी।
- स्पाइसजेट से जुड़ी एक अन्य घटना में, गुजरात के कांडला से उड़ान भरने वाले Q400 टर्बोप्रॉप विमान की बाहरी विंडशील्ड में दरार आने के बाद प्राथमिकता के साथ मुंबई में लैंड कार्य गया।
- हाल ही में इसी तरह की घटनाएं जैसे बर्ड हिट, कंपोनेंट फेल्योर, इंजन में उछाल और ब्लेड फेल होना, फ्लाइट डेक इंडिकेटर्स, सिस्टम से संबंधित चेतावनियां, फ्लाइट डायवर्जन आदि घटी हैं।
- इन घटनाओं से यात्रियों की सुरक्षा के संबंध में चिंता पैदा कर दी है।
कारण बताओ नोटिस:
- नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने स्पाइसजेट को सुरक्षित, कुशल और विश्वसनीय सेवाएं देने में विफल रहने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया।
- DGCA के एक अधिकारी के अनुसार, घूमने-फिरने, डायवर्सन, चिकित्सा आपात स्थिति या तकनीकी खराबी जैसी घटनाएं आम हैं और औसतन एक दिन में ऐसी 30 घटनाएं होती हैं। हालांकि, उनमें से अधिकांश का सुरक्षा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
- स्पाइसजेट के मामले में, एक नियामक समीक्षा में खराब आंतरिक निरीक्षण और अपर्याप्त सुरक्षा रखरखाव कार्यों का खुलासा हुआ है (क्योंकि अधिकांश घटनाएं या तो घटक विफलता या सिस्टम से संबंधित विफलता से संबंधित हैं) जिसके परिणामस्वरूप सुरक्षा मार्जिन में गिरावट आई है।
तकनीकी खराबी के कारण:
अपर्याप्त रखरखाव:
- सितंबर 2021 में DGCA द्वारा किए गए एक वित्तीय मूल्यांकन से पता चला है कि स्पाइसजेट कैश एंड कैरी के आधार पर काम कर रही थी तथा आपूर्तिकर्ताओं एवं अनुमोदित विक्रेताओं को नियमित आधार पर भुगतान नहीं कर रही थी, जिससे पुर्जों की कमी हो गई तथा न्यूनतम उपकरणों सूची (MEL) की मांग में वृद्धि हुई।
खराब आंतरिक निरीक्षण:
- यह कई बार देखा गया है कि विमान खराब सुरक्षा मार्जिन के साथ या तो अपने मूल स्टेशन पर वापस आ गया या उसका गंतव्य का सफर जारी रहा।
स्पाइसजेट का जवाब:
- स्पाइसजेट ने DGCA के जवाब में कहा कि कंपनी IATA-IOSA प्रमाणित एयरलाइन है।
- स्पाइसजेट ने अक्टूबर 2021 में पुन: प्रमाणन हेतु ऑडिट कार्यक्रम सफलतापूर्वक पूर्ण किया।
- स्पाइसजेट के सभी विमानों का एक महीने पहले नियामक द्वारा ऑडिट किया गया था और उन्हें सुरक्षित पाया गया था।
- इस विषय के संबंध में स्पाइसजेट की सभी उड़ानें DGCA नागरिक उड्डयन विनियमों के नियमों के के तहत संचालित की जाती हैं
क्या किया जाए?
- बार-बार होने वाली घटनाएँ, खतरे का सूचक हैं तथा ये सुरक्षा निरीक्षण प्रणाली में खराबी की ओर इशारा करती हैं।
- श्रेणीबद्ध वर्गीकरण का उपयोग कर घटना की दर को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा मुद्दों का विश्लेषण किया जाना चाहिए और लक्षित खतरों में कमी करना चाहिए।
- यात्रियों की संख्या अब प्री-कोविड स्तर पर पुनः पहुंच गई है। नई एयरलाइंसों ने भी इस उद्योग में प्रवेश किया है जिस कारण मौजूदा खिलाड़ी आक्रामकता के साथ एयरलाइंसों के विस्तार हेतु मजबूर है। इसलिए, नियामकों को अधिक सतर्क दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है।
- किसी भी सूरत में यात्रियों की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जाना चाहिए।
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सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
बहुत दूर:
विषय: भारत और उसके पड़ोसी संबंध।
मुख्य परीक्षा: भारत और चीन के बीच संबंधों पर चर्चा करें।
संदर्भ:
- 7 जुलाई, 2022 को, स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री वांग यी ने भारतीय विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर से बाली द्वीप पर ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (G20) विदेश मंत्रियों की बैठक के मौके पर मुलाकात की।
पृष्टभूमि:
- भारत और चीन के बीच 2 वर्षों से अधिक समय से चल रहे सैन्य गतिरोध के बीच, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 7 जुलाई 2022 को बाली में चीनी विदेश मंत्री और स्टेट काउंसलर वांग यी से मुलाकात की।
- यह वार्ता जी20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान हुई।
- 24 और 25 मार्च को वांग के भारत दौरे के बाद, दोनों विदेश मंत्रियों के बीच यह पहली मुलाकात थी।
भारत का रूख:
LAC मुद्दा:
- भारत स्थिति में सुधार हेतु पूर्वी लद्दाख में सभी विवादित बिंदुओं से संबंधों की मजबूती व सीमा पर शांति और स्थिरता के मद्देनजर सैनिकों को जल्दी से हटाने का दबाव डाल रहा है।
भारतीय छात्र:
- बीजिंग के कोविड -19 प्रतिबंधों के कारण हजारों भारतीय छात्र 2 वर्षों से अधिक समय से चीन नहीं लौट पाए है। श्री जयशंकर ने प्रक्रिया में तेजी लाने और छात्रों की शीघ्र वापसी पर जोर दिया है।
बीजिंग स्टैंड:
- चीन दृष्टिकोण, सीमा पर सामान्य स्थिति बहाल करने के भारत के दृष्टिकोण के विपरीत है।
- चीन ने भारत के साथ ब्रिक्स और SCO जैसे विभिन्न समूहों में जुड़ाव पर जोर दिया है।
- चीन और रूस इन मंचों को पश्चिम के लिए प्रतिकारात्मक उपाय मानते हैं तथा एक निष्पक्ष अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बढ़ावा देने की बात करते है।
निष्कर्ष:
- भारत-चीन संबंधों को पुनर्जीवित करने का एक और प्रयास एक स्पष्ट गतिरोध के साथ समाप्त हो गया क्योंकि एक घंटे की बैठक के दौरान सीमा गतिरोध या भारतीय छात्रों के पुन: प्रवेश के मुद्दे को हल करने पर कोई प्रभावी चीनी प्रतिक्रिया नहीं मिली।
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सारांश:
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प्रीलिम्स तथ्य:
1. आरबीआई ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार का रुपये में सेटलमेंट करने के लिए एक प्रणाली स्थापित की:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
अर्थव्यवस्था:
विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था और योजना, संसाधन संग्रहण, संवृद्धि, विकास और रोजगार से संबंधित मुद्दे।
प्रारंभिक परीक्षा: रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता; मूल्यह्रास।
संदर्भ:
- भारतीय रिजर्व बैंक ने रुपये में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की सुविधा के लिए एक तंत्र स्थापित किया है।
- इस सुविधा के तहत व्यापार को रुपये में मूल्यवर्गित और चालान किया जा सकता है और दो भागीदार देशों की मुद्राओं के बीच विनिमय दर बाजार-निर्धारित होगी।
इस कदम के उद्देश्य/लाभ:
- अल्पावधि में ही इस कदम से भारत से निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
- इस कदम से ईरान और रूस जैसे प्रतिबंधों के तहत देशों के साथ व्यापार में भी मदद मिलेगी।
- यह कदम रुपये के मूल्यह्रास के जोखिम को भी कम करेगा क्योंकि यह व्यापार प्रवाह के रुपये के निपटान को बढ़ावा देकर विदेशी मुद्रा की मांग को कम करने में मदद करेगा।
- इसे रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता की दिशा में एक कदम के रूप में देखा जा रहा है। लंबे समय में इससे वैश्विक वित्तीय प्रणाली में रुपये को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
महत्वपूर्ण तथ्य:
1. भारत जनसंख्या के मामले में चीन को पछाड़ने के लिए तैयार: संयुक्त राष्ट्र रिपोर्ट
- विश्व जनसंख्या दिवस पर जारी संयुक्त राष्ट्र की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत 2023 में दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में चीन को पीछे छोड़ देगा।
- वर्ष 2011 में भारत की जनसंख्या 1.21 अरब थी।
- इस रिपोर्ट का अनुमान है कि इस साल तक दुनिया की आबादी 8 अरब तक पहुंच जाएगी और वर्ष 2100 में बढ़कर यह 10.4 अरब हो जाएगी।
- इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2050 तक वैश्विक जनसंख्या में आधी से अधिक वृद्धि आठ देशों – कांगो, मिस्र, इथियोपिया, भारत, नाइजीरिया, पाकिस्तान, फिलीपींस और संयुक्त गणराज्य तंजानिया में होगी।
- साथ ही इस रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि इतनी अधिक जनसंख्या आने वाले समय में आर्थिक विकास को चुनौती देगी।
2. सांसदों के पैनल ने मध्यस्थता विधेयक का विरोध किया:
- कानून और न्याय पर संसदीय स्थायी समिति ने मध्यस्थता के संस्थागतकरण के लिए बनाए गए मध्यस्थता विधेयक में बदलाव की सिफारिश की है।
सिफारिशें:
- पैनल ने पूर्व-मुकदमा मध्यस्थता को अनिवार्य बनाने के खिलाफ सिफारिश की है।
- इससे मामलों के निपटारे में देरी हो सकती है।
- इसने उच्च न्यायालयों को मध्यस्थता के लिए नियम बनाने की शक्ति न देने की भी सिफारिश की है,क्योंकि यह इस तरह के कदम को असंवैधानिक मानता है।
- इस पैनल ने मध्यस्थता परिषद में नियुक्ति की प्रक्रिया के साथ-साथ सदस्यों का चयन उनकी योग्यता के आधार पर करने की सिफारिशें की हैं।
- पैनल ने इस बात की सिफारिश भी की है कि भारतीय मध्यस्थता परिषद के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति केंद्र द्वारा गठित चयन समिति द्वारा की जानी चाहिए।
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – मध्यम)
- यधपि भारत वर्ष 1950 में सबसे पहले इज़राइल को मान्यता देने वाले देशों में से एक था लेकिन जवाहरलाल नेहरू यहूदी राज्य के साथ पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने से पीछे हट गए।
- हालाँकि पीवी नरसिम्हा राव सरकार ने इज़राइल के साथ पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित किए, लेकिन न हीं उन्होंने इज़राइल की यात्रा की और न ही किसी इज़राइली प्रधान मंत्री से मुलाकात की।
- वर्ष 2018 में अपनी पहली इज़राइल यात्रा के दौरान, श्री मोदी पहले भारतीय प्रधान मंत्री बने जिन्होंने फिलिस्तीन की यात्रा की।
सही कथन का चयन कीजिए:
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर: d
व्याख्या:
- हालाँकि भारत इजरायल को मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था, लेकिन वह अन्य पश्चिम एशियाई देशों के विरोध के डर की वजह से इजरायल के साथ पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने से पीछे हट गया।
- हालांकि 1990 की पीवी नरसिम्हा राव सरकार ने इज़राइल के साथ पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित किए, लेकिन दोनों देशों के बीच कोई प्रधान मंत्री स्तर की यात्रा नहीं हुई।
- नरेंद्र मोदी इजरायल की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री थे।
- विशेष रूप से, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2018 में फिलिस्तीन के मुद्दे पर उसके साथ एकजुटता दिखाने के लिए भी फिलिस्तीन का दौरा किया था। यह पश्चिम एशियाई क्षेत्र के साथ विदेशी संबंधों में डिहाईफेनेशन नीति (dehyphenation policy) का मामला था।
प्रश्न 2. भारत के राष्ट्रीय प्रतीक के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – सरल)
- मुंडकोपनिषद् से सत्यमेव जयते (जिसका अर्थ है ‘केवल सत्य की जीत’) देवनागरी लिपि में अबेकस के नीचे अंकित हैं।
- भारत सरकार की आधिकारिक मुहर के रूप में भारत के राज्य चिह्न का उपयोग, भारत राज्य (अनुचित उपयोग का निषेध) अधिनियम, 2005 द्वारा विनियमित है।
- यह प्रतीक अशोक के सिंह स्तंभ का एक रूपांतर है, जो मौर्य साम्राज्य के शासनकाल के दौरान 280 ईस्वी पुरानी एक प्राचीन मूर्ति है।
सही कथन का चयन कीजिए:
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर: a
व्याख्या:
- यह प्रतीक अशोक के सिंह स्तंभ का एक रूपांतर है, जो मौर्य साम्राज्य के शासनकाल के दौरान 280 ईसा पूर्व की एक प्राचीन मूर्ति है।
प्रश्न 3. भारत में वनों के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – मध्यम)
- भारतीय वन अधिनियम 1927 में किसी क्षेत्र को आरक्षित वन, संरक्षित वन या ग्राम वन घोषित करने हेतु अपनाई जाने वाली प्रक्रिया की व्याख्या की गई है।
- आरक्षित वनों में, स्थानीय लोगों को जाने से प्रतिबंधित किया जाता है, जब तक कि किसी वन अधिकारी द्वारा बंदोबस्त के दौरान विशेष अनुमति नहीं दी जाती है।
- वन बंदोबस्त कार्यालय की नियुक्ति, केंद्र सरकार द्वारा, किसी भी व्यक्ति के पक्ष में या किसी आरक्षित वन भूमि के किसी भी अधिकार के अस्तित्व, प्रकृति और सीमा की जांच करने और निर्धारित करने हेतु की जाती है।
सही कथन का चयन कीजिए:
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर: a
व्याख्या:
- वन बंदोबस्त कार्यालय की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा की जाती है।
प्रश्न 4. किसके माध्यम से नॉर्ड स्ट्रीम गैस पाइपलाइन, रूस से जर्मनी तक गैस पहुंचाती है: (स्तर – सरल)
(a) उत्तरी सागर
(b) बाल्टिक सागर
(c) अज़ोव सागर (Sea of Azov)
(d) काला सागर
उत्तर: b
व्याख्या:
- नॉर्ड स्ट्रीम यूरोप में अपतटीय प्राकृतिक गैस पाइपलाइनों की एक जोड़ी है जो रूस से जर्मनी तक बाल्टिक सागर के नीचे से गई है।
प्रश्न 5. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – मध्यम)
- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाती है।
- भारत के संविधान के कतिपय प्रावधान केंद्र सरकार को जनहित में RBI को निर्देश जारी करने का अधिकार देते हैं।
- RBI के गवर्नर को RBI अधिनियम के तहत अधिकार (शक्ति) दिए गए हैं।
उपर्युक्त में से कौन से कथन सही हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर: c
व्याख्या:
- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाती है। कैबिनेट समिति द्वारा उनके नामों को मंजूरी दी जाती है। अतः कथन 1 सही है।
- आरबीआई अधिनियम 1934 की धारा 7 केंद्र सरकार को आरबीआई गवर्नर के परामर्श से समय-समय पर जनहित में केंद्रीय बैंक को निर्देश देने का अधिकार प्रदान करती है। अत: कथन 2 सही नहीं है।
- आरबीआई के गवर्नर को आरबीआई अधिनियम के तहत शक्तियां दी जाती हैं। अत: कथन 3 सही है। इसलिए, उत्तर (C) है।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
प्रश्न 1. डार्क मैटर से आप क्या समझते हैं? LUX-ZEPLIN (LZ) के प्रयोग का क्या महत्व है? विस्तार से परीक्षण कीजिए। (250 शब्द; 15 अंक) (जीएस पेपर 3/विज्ञान और प्रौद्योगिकी)
प्रश्न 2. केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण की भूमिका और कार्यों का मूल्यांकन कीजिए। (250 शब्द; 15 अंक) (जीएस पेपर 2/शासन)