12 नवंबर 2022 : समाचार विश्लेषण
A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: अर्थव्यवस्था
D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E. संपादकीय: सामाजिक न्याय:
F. प्रीलिम्स तथ्य:
G. महत्वपूर्ण तथ्य:
H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: |
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
मूडीज ने भारत की विकास दर के अनुमान को घटाकर 7% किया
अर्थव्यवस्था:
विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा इसकी वृद्धि और विकास से संबंधित मुद्दे
मुख्य परीक्षा: भारत और जी-20 देशों के लिए मूडीज के विकास अनुमानों का विश्लेषण
संदर्भ
वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने 2022-23 के लिए भारत के विकास अनुमान को 7.7% से घटाकर 7% कर दिया है।
भारत के लिए मूडीज का विकास अनुमान
- मूडीज ने रुपए के अवमूल्यन और मौजूदा तेल की उच्च कीमतों को भारत के विकास अनुमानों को घटाने के प्रमुख कारणों के रूप में उद्धृत किया है।
- रुपए के कमजोर होने और तेल की उच्च कीमतों से मुद्रास्फीति पर दबाव बढ़ गया है जिसके परिणामस्वरूप मुद्रास्फीति और ब्याज दरें उच्च बनी हुई हैं, धीमी वैश्विक वृद्धि के साथ आर्थिक गति के अनुमान से अधिक कम रहने की उम्मीद है।
- मूडीज ने अनुमान जताया कि वृद्धि की गति 2023 में कम होकर 4.8 फीसदी रह जाएगी, फिर 2024 में यह बढ़कर करीब 6.4 फीसदी होगी।
- 2023-24 के लिए मूडीज के विकास अनुमानों को अन्य एजेंसियों की तुलना में काफी कम बताया गया है।
- उदाहरण: S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत की वृद्धि दर के 2022-23 में 7.3% और 2023-24 में 6.5% तक बढ़ने का अनुमान लगाया है।
- हालाँकि, 2022 में भारत का 7% विकास अनुमान अभी भी चीन के 3% के विकास अनुमानों से अधिक है।
जी-20 देशों के लिए मूडीज का विकास अनुमान
- मूडीज ने 2023-24 के अपने हालिया वैश्विक मैक्रो आउटलुक में अमेरिका, चीन, जापान, भारत और कई यूरोपीय देशों जैसे विभिन्न जी -20 देशों के पूर्वानुमानों को कम कर दिया है।
- रिपोर्ट के अनुसार, जी -20 अर्थव्यवस्थाओं की वास्तविक GDP के 2022 के 2.5% से घटकर 2023 में 1.3% होने का अनुमान है, जो मूडीज के 2.1% के पूर्व के अनुमान से कम है।
- मूडीज के अनुसार, जी -20 के उभरते देशों के विकास के परिणाम आर्थिक संरचनाओं के आधार पर बदल जाएंगे तथा भारत और ब्राजील जैसे घरेलू रूप से संचालित उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं के निर्यात-उन्मुख देशों की तुलना में कमजोर जी -7 विकास के प्रति कम संवेदनशील होने का अनुमान है।
- वैश्विक विकास प्रचालकों में एक नकारात्मक प्रवृत्ति के बावजूद, मूडीज ने स्पष्ट किया है कि अमेरिका, ब्राजील और भारत जैसे घरेलू स्तर पर संचालित अर्थव्यवस्थाओं में, देश-विशिष्ट विशेषताओं जैसे कि कोविड रिकवरी के बाद उपभोक्ता लचीलापन और सेवाओं पर व्यय में हुई वृद्धि ने एक ताकत प्रदान की है।
भावी कदम
- मूडीज के अनुसार, देश की विकास गतिशीलता मौलिक रूप से मजबूत है और सेवा गतिविधियों में सुधार, सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय में वृद्धि और विनिर्माण क्षमता उपयोग में सुधार से इसे बढ़ावा मिला है।
- ये घरेलू ताकतें घरेलू विकास को मजबूती प्रदान करेंगी जबकि वैश्विक वित्तीय तंगी और कमजोर बाह्य मांग 2023 में विकास पर नीचे की ओर दबाव बनाएगी।
- जैसा कि जुलाई में 7% तक गिरने के बाद सितंबर 2022 में खुदरा मुद्रास्फीति 7.5% के स्तर को पार कर गई है, मूडीज को उम्मीद है कि आरबीआई मुद्रास्फीति अनुमानों को स्थिर करने और रुपये की विनिमय दर का समर्थन करने के लिए रेपो दर में 50 आधार अंकों की वृद्धि करेगा।
- मूडीज ने आगे स्पष्ट किया कि यदि दर में वृद्धि से मुद्रास्फीति के दबावों को संतुलित करने पर वांछित प्रभाव पड़ता है, तो नियत समय में, आरबीआई मुद्रास्फीति प्रबंधन के स्थान पर विकास पर विचार करेगा।
- यह स्वीकार करते हुए कि भारत का ऋणमुक्त निजी क्षेत्र वर्तमान में पूंजीगत व्यय को बढ़ाने के लिए तैयार है, मूडीज को यह भी उम्मीद है कि आपूर्ति श्रृंखलाओं के विविधीकरण के बीच भारत को चीन से दूर हो रहे वैश्विक पूंजी निवेश जैसे बदलाव से लाभ होगा।
सारांश:
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संपादकीय-द हिन्दू
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित
सामाजिक न्याय
स्वायत्तता और उच्च शिक्षा
विषय: सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं-शिक्षा के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय
मुख्य परीक्षा: भारतीय उच्च शिक्षा प्रणाली में शामिल विभिन्न विषय
संदर्भ: हाल ही में QS एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2023 जारी की गई थी।
भूमिका:
- QS एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग वैश्विक उच्च शिक्षा थिंक-टैंक क्वाक्यूरेली साइमंड्स, और दुनिया के मोस्ट कंसल्टेड विश्वविद्यालय रैंकिंग पोर्टफोलियो के संकलक द्वारा जारी की गई थी।
- 2023 के रैंकिंग की शीर्ष 200 सूची में लगभग 19 भारतीय विश्वविद्यालय शामिल हैं।
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई ने QS एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग में 40वें स्थान पर मौजूद रहते हुए देश के शीर्ष विश्वविद्यालय के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखी है। इसके बाद IIT दिल्ली 46वें स्थान पर रहा। IISC बैंगलोर 52 वें स्थान पर था।
- QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2023 जून 2022 में जारी की गई थी।
- यह यूनिवर्सिटी रैंकिंग वर्ष में एक बार जारी की जाती है और इसमें वैश्विक संस्थानों का समग्र और विषयवार विश्लेषण शामिल होता है जिसमें निम्नलिखित छह मैट्रिक्स का मूल्यांकन होता है:
- एकेडमिक रेपुटेशन
- एंपलॉयर रेपुटेशन
- फैकेल्टी/स्टूडेंट रेशियो
- साईंटेशन पर फैकल्टी
- इंटरनेशनल फैकल्टी रेशियो
- इंटरनेशनल स्टूडेंट्स रेशियो
- मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) लगातार 11वें वर्ष दुनिया का शीर्ष विश्वविद्यालय है।
- 2023 के संस्करण में 41 भारतीय विश्वविद्यालय शामिल हैं, जिनमें से 12 ने अपनी स्थिति में सुधार किया है, 12 अपने स्थान पर स्थिर रहे, 10 की रैंकिंग में गिरावट आई और सात नए विश्वविद्यालय शामिल हुए हैं।
- शीर्ष -100 की सूची में लगातार छठे वर्ष किसी भी भारतीय विश्वविद्यालय को शामिल नहीं किया गया है।
- IISc विश्व स्तर पर 155 वें स्थान पर है, और साईंटेशन पर फैकल्टी (CpF) संकेतक में वैश्विक स्तर पर शीर्ष पर है, जिसका उपयोग QS विश्वविद्यालयों द्वारा हुए अनुसंधान के प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए करता है।
- केवल तीन भारतीय विश्वविद्यालय IISc बेंगलुरु, IIT बॉम्बे और IIT दिल्ली शीर्ष 200 में शमिल हैं।
- IIT बॉम्बे का रैंक पिछले साल के 117 से इस साल 172 पर आ गया जो कि एक बड़ी गिरावट है।
- रिपोर्ट से पता चलता है कि शीर्ष 500 श्रेणी में भारत की उपस्थिति भी दुनिया भर के अन्य IIT की तरह IIT संचालित है।
चित्र स्रोत: Business Standard
विश्व रैंकिंग में भारतीय संस्थानों का खराब प्रदर्शन:
- भारत का कोई भी उच्च शिक्षा संस्थान दुनिया के शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों की सूची में नहीं है।
- भारत के केवल तीन उच्च शिक्षण संस्थान दुनिया के शीर्ष 200 में शामिल हैं। अन्य तीन को शीर्ष 300 में गिना जाता है जबकि दो और शीर्ष 400 में हैं।
- कुल मिलाकर, 41 भारतीय शिक्षा संस्थानों ने इस रैंकिंग में जगह बनाई, जिन्होंने कई प्रमुख मैट्रिक्स में खराब प्रदर्शन किया है।
- उदाहरण के लिए, 41 में से 30 विश्वविद्यालयों को केवल चार रिकॉर्डिंग सुधारों के साथ, फैकल्टी स्टूडेंट रेशियो (FSR) संकेतक में गिरावट का सामना करना पड़ा है।
- इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस योजना की शुरुआत के बाद से किसी भी अन्य भारतीय विश्वविद्यालय, (सार्वजनिक या निजी) को विश्व स्तर पर शीर्ष 500 श्रेणी में जगह नहीं मिली है।
- टाइम्स हायर एजुकेशन यूनिवर्सिटी रैंकिंग (THE) द्वारा केवल एक भारतीय संस्थान (IISc) को दुनिया भर के शीर्ष 400 संस्थानों में स्थान दिया गया है। वैश्विक विश्वविद्यालयों की अकादमिक रैंकिंग (ARWU) में समान पैटर्न का अनुपालन होता है।
शीर्ष रैंक वाले संस्थानों में स्वायत्तता:
- उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए स्वायत्तता को एक आवश्यक और पर्याप्त शर्त माना जाता है।
- दुनिया के सबसे अच्छे विश्वविद्यालय के पास संसाधनों की कमी नही है तथा उनके पास अकादमिक, प्रशासनिक और वित्तीय स्वायत्तता बड़े स्तर पर है।
- दुनिया में शीर्ष क्रम के विश्वविद्यालयों को अपनी स्वायत्तता के महत्व के बारे में लगातार जागरूक किया जाता है और उन्हें अपने निर्णय लेने के लिए प्रशिक्षित और सक्षम बनाया जाता है।
- यूरोपीय विश्वविद्यालय संघ (EUA), उदाहरण के लिए, एक ‘विश्वविद्यालय स्वायत्तता साधन’ का निर्धारण करता है जिससे प्रत्येक सदस्य विश्वविद्यालय को सभी सदस्य देशों में अन्य यूरोपीय उच्च शिक्षा प्रणालियों के साथ स्वायत्तता के स्तर की तुलना करने की सुविधा मिलती है।
भारतीय विश्वविद्यालयों में स्वायत्तता:
- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) दोनों के साथ भारत का रिकॉर्ड खराब है। इन दोनों संस्थाओं को सुविधा प्रदाताओं की तुलना में अधिक शिक्षा नियंत्रक माना जाता है।
- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के माध्यम से वित्त पोषित, सभी विश्वविद्यालय बहुत सख्त नियामक व्यवस्था के अधीन हैं।
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IITs) बेहतर वित्त पोषित हैं और आम तौर पर स्वशासित भी हैं, जिन्हें अधिक स्वायत्तता प्राप्त है क्योंकि ये विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) जैसी एजेंसियों के नियामक दायरे से बाहर हैं।
- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के नियम और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) दिशानिर्देश में उच्च शिक्षा संस्थानों के लगभग सभी पहलुओं को शामिल किया गया है जैसे कि संकाय भर्ती, छात्र प्रवेश और डिग्री प्रदान करना। कई मामलों में, उन्हें नियामक अधिकारियों द्वारा सूक्ष्म रूप से प्रबंधित किया जाता है।
- लाइसेंसिंग शक्तियों वाले नियामक निकाय पेशेवर उच्च शिक्षा की स्वायत्तता को चोट पहुँचाते हैं, जिससे वे जिस द्वैध शासन में थे, उसमें गंभीर असंतुलन पैदा हो गया और शिक्षा के कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में पेशेवर उच्च शिक्षा से सामान्य शिक्षा का विभाजन हो गया।
नई शिक्षा नीति और स्वायत्तता:
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 सहित शिक्षा पर राष्ट्रीय नीतियों सहित बड़ी संख्या में आयोगों और समितियों ने उच्च शिक्षा स्वायत्तता की आवश्यकता पर प्रकाश डाला है।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रभावी शासन और नेतृत्व के महत्व को समझा गया है और यह कि भारत सहित विश्व स्तर पर सभी विश्व स्तरीय संस्थानों की एक सामान्य विशेषता मजबूत स्वशासन और संस्थागत नेताओं की योग्यता-आधारित नियुक्तियाँ है। इसमें कहा गया है कि 15 वर्षों की अवधि में, भारत के सभी उच्च शिक्षण संस्थान स्वतंत्र स्वशासी संस्थान बन जाएंगे।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति में उच्च शिक्षा को बहु-विषयक बनाने के लिए शैक्षणिक और प्रशासनिक स्वायत्तता को आवश्यक माना गया है, तथा रचनात्मकता और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए शिक्षक और संस्थागत स्वायत्तता आवश्यक है।
- इस नीति में स्वायत्तता की कमी को उच्च शिक्षा की प्रमुख समस्याओं में से एक माना गया है तथा एक अत्यधिक स्वतंत्र और अधिकार प्राप्त प्रबंधन बोर्ड के माध्यम से संकाय और संस्थागत स्वायत्तता सुनिश्चित करने का वादा किया गया है जो अकादमिक और प्रशासनिक स्वायत्तता के साथ निहित होगी।
- इस नीति में एक ‘सुगम लेकिन सख्त’ नियामक ढांचे के लिए भी तर्क दिया गया है और जोर दिया गया है कि नई नियामक व्यवस्था सशक्तिकरण की संस्कृति को बढ़ावा देगी।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार, मान्यता की एक मजबूत प्रणाली धीरे-धीरे सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को पूर्ण शैक्षणिक और प्रशासनिक स्वायत्तता देगी।
- लेकिन पाठ (text) की सुविधाजनक व्याख्या के आधार पर नीति का चयनात्मक क्रियान्वयन उच्च शिक्षा को विपरीत दिशा में धकेल रहा है।
सारांश: विभिन्न रैंकिंग में भारतीय विश्वविद्यालयों का निम्न प्रदर्शन देश में उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए उपलब्ध अल्प स्वायत्तता को दर्शाता है। उच्च शिक्षण संस्थानों को मानकीकृत नियमों और विनियमों का पालन करने के लिए मजबूर करना राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधान के विपरीत है। इन शिक्षण संस्थानों का सूक्ष्म प्रबंधन उच्च शिक्षा को उत्कृष्टता से बहुत दूर ले जाता है।
प्रीलिम्स तथ्य:
1. ट्विन इंजन डेक बेस्ड फाइटर (TEDBF)
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
सुरक्षा:
प्रारंभिक परीक्षा:ट्विन इंजन डेक बेस्ड फाइटर (TEDBF) के बारे में
संदर्भ
विमान वाहक से संचालित होने वाले ट्विन इंजन डेक बेस्ड फाइटर (TEDBF) को विकसित करने की परियोजना चल रही है।
ट्विन इंजन डेक बेस्ड फाइटर (TEDBF)
चित्र स्त्रोत: idrw.org
- TEDBF एक दो इंजन वाला, वाहक-आधारित, मध्यम वजन का, बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान है जिसका विकास वर्तमान में भारतीय नौसेना के लिए किया जा रहा है।
- TEDBF को एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) द्वारा डिजाइन और विकसित किया जा रहा है और इसका निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा किया जाएगा।
- TEDBF विमान मिग-29K लड़ाकू विमानों की जगह लेगा।
- TEDBF एक 4.5++ जेन डेक-आधारित फाइटर जेट है जो राफेल एम श्रेणी के समान है लेकिन यह विंग फोल्डिंग मैकेनिज्म के कारण 1.5 टन भारी है और करियर से अधिक वजन उठाता है।
- TEDBF एयर सुप्रीमेसी, एयर इंटरडिक्शन, एंटी-एक्सेस/एरिया डिनाएल (A2/AD), एंटी शिप वारफेयर (ASW) और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध (EW) जैसे विभिन्न अभियानों को करने में सक्षम है।
- वर्तमान में, DRDO द्वारा आंतरिक निधियों के साथ सुपरसोनिक विशेषताओं का परीक्षण करने के लिए उच्च गति मॉडलिंग का संचालन किया जा रहा है और TEDBF विमानों के 2031-32 तक नौसेना में शामिल होने का अनुमान है।
2. हिमालयन ग्रे लंगूर
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
पर्यावरण एवं जैव विविधता:
प्रारंभिक परीक्षा: हिमालयन ग्रे लंगूर
संदर्भ
- जर्नल ऑफ थ्रेटन टैक्सा में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में पाया गया है कि अलग-अलग ऊंचाई पर निवास की स्थितियों के कारण हिमालयी ग्रे लंगूर के एक समूह को फल और दूसरे समूह को फूल पसंद है।
हिमालयन ग्रे लंगूर
चित्र स्त्रोत: The Hindu
- हिमालयन ग्रे लंगूर या चंबा पवित्र लंगूर, जिसका वैज्ञानिक नाम सेम्नोपिथेकस अजाक्स (Semnopithecus ajax) है, कोलोबिन (पत्ती खाने वाले बंदर) की एक प्रजाति है।
- 2001 से पहले, सेम्नोपिथेकस एंटेलस (हनुमान लंगूर) को कई उप-प्रजातियों के साथ केवल एक प्रजाति के रूप में माना जाता था। 2001 में, इन उप-प्रजातियों को वर्ग सेम्नोपिथेकस के तहत प्रजातियों के रूप में अलग किया गया था।
- तदनुसार, सात अलग-अलग प्रजातियों को मान्यता दी गई है, जिसमें सेम्नोपिथेकस अजाक्स शामिल है।
- हिमालयन ग्रे लंगूर व्यापक रूप से भारतीय उपमहाद्वीप में हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, पाकिस्तान और नेपाल के अन्य हिस्सों में पाए जाते हैं।
- हिमालयन ग्रे लंगूर की विशिष्ट विशेषता वयस्क पुरुष के कंधे के लंबे बाल हैं।
- हिमालयन ग्रे लंगूर एक विशेष क्षेत्र में वर्ष के कुछ समय में ही देखे जाते हैं क्योंकि वे भोजन और पर्यावरणीय परिस्थितियों की उपलब्धता के आधार पर विभिन्न मौसमों के दौरान अपना स्थान बदलते रहते हैं।
- IUCN स्थिति: संकटग्रस्त
- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972: अनुसूची II
महत्वपूर्ण तथ्य:
1.पंजाब चारे की कमी से प्रभावित केरल को धान की पराली की आपूर्ति करेगा
- पंजाब पशुओं के चारे के रूप में केरल को धान के पुआल की आपूर्ति करने पर सहमत हो गया है क्योंकि केरल में दुग्ध क्षेत्र हरे चारे और घास की भारी कमी का सामना कर रहा है।
- दोनों राज्य केंद्र की किसान रेल योजना के माध्यम से धान की पराली के परिवहन पर सहमत हुए हैं।
- इस पहल को दोनों राज्यों के लिए लाभप्रद स्थिति के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि इसके माध्यम से केरल को आवश्यक चारा मिलेगा और पंजाब को अतिरिक्त धान की पराली की समस्या को हल करने में मदद मिलेगी।
- केरल का डेयरी क्षेत्र दुग्ध उत्पादन के मामले में पंजाब के बाद दूसरे स्थान पर है और अधिकांश किसानों के लिए आजीविका का साधन है। हालांकि, गुणवत्तापूर्ण पशु चारे की भारी कमी और उच्च कीमत इस क्षेत्र के लिए प्रमुख बाधाएं रही हैं।
2. सितम्बर में औद्योगिक उत्पादन में 3.1% की वृद्धि, विनिर्माण कमजोर रहा
- बिजली उत्पादन में दो अंकों की वृद्धि के कारण सितंबर में देश के औद्योगिक उत्पादन में 3.1% की वृद्धि हुई है, जो अगस्त के महीने में संकुचन से रिकवरी को दर्शाता है, जबकि विनिर्माण उत्पादन में वृद्धि 1.8% के साथ कमजोर स्थिति में है।
- सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा जारी औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) के अनुमानों में यह भी कहा गया है कि अगस्त में लगभग 4% गिरावट के बाद सितंबर में खनन उत्पादन में 4.6% की वृद्धि हुई।
- इसके अतिरिक्त, अनुमानों में कहा गया है कि मुद्रास्फीति उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं के उत्पादन के साथ-साथ गैर-टिकाऊ वस्तुओं के क्रमशः 4.5% और 7.1% की कमी के साथ खपत की मांग को प्रभावित करती है।
- यह लगातार तीसरे महीने उपभोक्ता गैर-टिकाऊ वस्तुओं के उत्पादन में कमी को दर्शाता है।
- जबकि उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं का उत्पादन लगातार दूसरे महीने धीमा रहा है।
3. उच्चतम न्यायालय ने प्रधानमंत्री राजीव गांधी के मामले में आजीवन कारावास वाले सभी दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया
- उच्चतम न्यायालय ने राजीव गांधी हत्याकांड में 30 साल से अधिक समय से जेल में बंद छह दोषियों को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया।
- उच्चतम न्यायालय की पीठ ने कहा कि तमिलनाडु कैबिनेट ने सितंबर 2018 में राज्यपाल को समय से पहले रिहाई की सिफारिश की थी और राज्यपाल ने फैसला लेने के बजाय उनकी फाइलों को केंद्र को सौंप दिया था।
- पीठ ने कहा कि राज्यपाल हत्या के मामलों में कैबिनेट की सलाह को मानने के लिए बाध्य हैं क्योंकि उनको आतंकवाद और विघटनकारी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (टाडा अधिनियम) के तहत सजा दी गई थी, जो अब समाप्त हो गई है।
- उच्चतम न्यायालय की पीठ ने उच्चतम न्यायालय के उस फैसले का भी जिक्र किया जिसमें संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का प्रयोग करके पूर्व दोषी एजी पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया गया था।
- उनकी रिहाई का आदेश देते हुए, उच्चतम न्यायालय की पीठ ने इस तथ्य को भी स्पष्ट किया कि इनमें से प्रत्येक दोषियों ने अपने कारावास के दौरान संतोषजनक आचरण दिखाया था और अपनी सजा काटने के दौरान स्नातकोत्तर और डिप्लोमा की डिग्री भी अर्जित की थी।
4. अमेरिकी ट्रेजरी ने भारत को मुद्रा निगरानी सूची से हटा दिया
- अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने भारत, इटली, मैक्सिको, थाईलैंड और वियतनाम को अपने प्रमुख व्यापारिक भागीदारों की मुद्रा निगरानी सूची से हटा दिया।
- मुद्रा निगरानी में मुद्रा प्रथाओं और व्यापक आर्थिक नीतियों पर ध्यान दिया जाता है तथा भारत पिछले दो वर्षों से इस सूची में शामिल था।
- जिन देशों को सूची से हटा दिया गया है, वे लगातार दो रिपोर्टों में तीन मानदंडों में से केवल एक मानदंड को पूरा कर पाए हैं।
- चीन, जापान, कोरिया, जर्मनी, मलेशिया, सिंगापुर और ताइवान जैसे देश और अर्थव्यवस्थाएं वर्तमान में मुद्रा निगरानी सूची का हिस्सा हैं।
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर-कठिन)
- जस्टिस सीकरी उच्चतम न्यायालय की पीठ में सीधे नियुक्त होने वाले पहले वकील थे।
- जब उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति की बात आती है, तो सरकार कॉलेजियम की सिफारिशों को पुनर्विचार के लिए उन्हें वापस भेज सकती है और यदि कॉलेजियम उन नामों को पुनः भेजता है, तो सरकार आगे किसी भी तरह की आपत्ति नहीं कर सकती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
- केवल 1
- केवल 2
- दोनों
- इनमें से कोई भी नहीं
उत्तर:
विकल्प c
व्याख्या:
- कथन 1 सही है, 1964 में न्यायमूर्ति सीकरी सर्वोच्च न्यायालय की खंडपीठ में सीधे नियुक्त होने वाले पहले वकील बने।
- कथन 2 सही है, यदि सर्वोच्च न्यायालय का कॉलेजियम केंद्र सरकार को अपनी सिफारिशें भेजता है, तो सरकार उस नाम को कॉलेजियम द्वारा पुनर्विचार के लिए वापस भेज सकती है। हालाँकि, यदि कॉलेजियम सर्वसम्मति से उन नामों को पुनः भेजता है, तो सरकार आगे इस पर आपत्ति नहीं कर सकती है और राष्ट्रपति नियुक्ति पत्र जारी करने के लिए बाध्य है।
प्रश्न 2. नादप्रभु केम्पेगौड़ा के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं? (स्तर-मध्यम)
- वे होयसल साम्राज्य से जुड़े सामंत थे।
- उन्हें बेंगलुरु के संस्थापक के रूप में जाना जाता है। सम्राट नृपकाम से अनुमति लेने के बाद, उन्होंने बैंगलोर किले का निर्माण किया।
- वे बहुभाषी थे और तेलुगु भाषा के एक यक्षगान नाटक कविराजमार्ग के लेखक थे।
विकल्प:
- केवल 1 और 2
- केवल 3
- 1, 2 और 3
- इनमें से कोई भी नहीं
उत्तर:
विकल्प d
व्याख्या:
- कथन 1 सही नहीं है, नादप्रभु केम्पेगौड़ा विजयनगर साम्राज्य से जुड़े 16वीं शताब्दी के सामंत थे।
- कथन 2 सही नहीं है, केम्पेगौड़ा को बेंगलुरु के संस्थापक के रूप में जाना जाता है और उन्होंने विजयनगर सम्राट अच्युतराय से अनुमति लेकर बैंगलोर किले का निर्माण किया था।
- कथन 3 सही नहीं है, कविराजमार्ग राष्ट्रकूट के राजा नृपतुंग अमोघवर्ष-I द्वारा लिखा गया था।
- श्री विजया कविराजमार्ग के सह-लेखक है और यह कन्नड़ भाषा में काव्य, व्याकरण, वाक्पटुता पर उपलब्ध सबसे पुरानी कृति है।
प्रश्न 3. निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं? (स्तर-कठिन)
- प्रतापगढ़ किला सांगली जिले में स्थित एक पहाड़ी किला है।
- यह छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्मस्थान है।
- छत्रपति शिवाजी महाराज और बीजापुर सल्तनत के सेनापति अफजल खान के बीच की ऐतिहासिक लड़ाई प्रतापगढ़ में हुई थी।
विकल्प:
- केवल 1 और 2
- केवल 3
- 1, 2 और 3
- इनमें से कोई भी नहीं
उत्तर:
विकल्प b
व्याख्या:
- कथन 1 सही नहीं है, प्रतापगढ़ किला महाराष्ट्र के सतारा जिले में स्थित एक पहाड़ी किला है।
- कथन 2 सही नहीं है, शिवाजी महाराज का जन्म शिवनेरी के पहाड़ी किले में हुआ था, जो जुन्नार शहर के निकट है और वर्तमान में पुणे जिले में स्थित है।
- कथन 3 सही है, प्रतापगढ़ की लड़ाई (1659 ईस्वी) में, बीजापुर के सुल्तान (आदिल शाह) ने शिवाजी के विरुद्ध अफजल खान को भेजा।
- लेकिन शिवाजी ने अफजल खान की हत्या कर दी और मराठा सैनिकों ने पन्हाला के शक्तिशाली किले पर कब्जा कर लिया एवं दक्षिण कोंकण और कोल्हापुर जिलों में विजय प्राप्त की।
- शिवाजी की सैन्य विजय ने उन्हें मराठा क्षेत्र में एक महान व्यक्ति बना दिया।
प्रश्न 4. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- हिमालयन ग्रे लंगूर की IUCN स्थिति गंभीर रूप से संकटग्रस्त है।
- कालाटोप खज्जियार अभयारण्य हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में स्थित एक पशु अभयारण्य है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से गलत है/हैं?
- केवल 1
- केवल 2
- दोनों
- इनमें से कोई भी नहीं
उत्तर:
विकल्प a
व्याख्या:
- कथन 1 सही नहीं है, हिमालयन ग्रे लंगूर (सेमनोपिथेकस अजाक्स) की IUCN स्थिति संकटग्रस्त है।
- कथन 2 सही है, कालाटोप खज्जियार अभयारण्य हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में कालाटोप और खज्जियार में स्थित है।
प्रश्न 5. भारत में, निम्नलिखित में से कौन मुद्रास्फीति को नियंत्रित कर कीमत स्थिरता बनाए रखने के लिए उत्तरदायी है ?
- उपभोक्ता मामले विभाग
- व्यय प्रबंधन आयोग
- वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद
- भारतीय रिजर्व बैंक
उत्तर:
विकल्प d
व्याख्या:
- भारतीय रिजर्व बैंक, अधिनियम, 1934 (2016 में संशोधित) के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक, (RBI) को भारत में मौद्रिक नीति के संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई है, इसका प्राथमिक उद्देश्य विकास को ध्यान में रखते हुए मूल्य स्थिरता को बनाए रखना है।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
- “भारत में उच्च शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक सुगम, लेकिन सख्त नियामक ढांचे की आवश्यकता है” चर्चा कीजिए
(150 शब्द, 10 अंक)(सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 – शिक्षा)
- “सहकारी संघवाद भारत में पराली जलाने की समस्या का समाधान हो सकता है” टिप्पणी कीजिए
(150 शब्द, 10 अंक)(सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 – पर्यावरण)