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A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित समाचार उपलब्ध नहीं हैं। B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: अंतर्राष्ट्रीय संबंध
C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: पर्यावरण
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित समाचार उपलब्ध नहीं हैं। E. संपादकीय: आज इससे संबंधित समाचार उपलब्ध नहीं हैं। F. प्रीलिम्स तथ्य:
G. महत्वपूर्ण तथ्य: आज इससे संबंधित समाचार उपलब्ध नहीं हैं। H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: |
14 April 2024 Hindi CNA
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ईरान द्वारा जब्त किए गए इजरायली मालवाहक जहाज पर 17 भारतीय सवार हैं
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित
अंतर्राष्ट्रीय संबंध
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
मुख्य परीक्षा: भारत-ईरान-इज़राइल संबंध।
प्रसंग: ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड ने होर्मुज की खाड़ी में पुर्तगाली ध्वज वाले मालवाहक जहाज MSC एरीज़ को जब्त कर लिया।
- चालक दल के 25 सदस्यों में से 17 भारतीय नागरिक थे। यह जहाज संयुक्त अरब अमीरात से भारत जा रहा था।
मुद्दे:
- जब्ती और चालक दल की सुरक्षा: ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड द्वारा जहाज को जब्त करने से 17 भारतीय नागरिकों सहित चालक दल की सुरक्षा और स्वास्थ्य के बारे में चिंता पैदा हो गई है।
- तनाव में वृद्धि: यह घटना क्षेत्र में तनाव को बढ़ाने में योगदान देती है, विशेष रूप से ईरान, इज़राइल और संयुक्त राज्य अमेरिका से संबंधित जारी संघर्षों और भूराजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के बीच।
- अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन: इज़राइल और अन्य देशों ने इस जब्ती को अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताते हुए इसकी निंदा की है और इसे “समुद्री डकैती का कृत्य” करार दिया है।
महत्व:
- यह घटना क्षेत्र में बढ़े हुए तनाव के बीच हुई है, जिसमें गाजा में इजरायली हमले और यमन में हुती विद्रोहियों द्वारा इजरायल से जुड़े वाणिज्यिक शिपिंग को निशाना बनाने जैसे हालिया संघर्ष शामिल हैं।
- यह होर्मुज की खाड़ी जैसे रणनीतिक समुद्री चोकपॉइंट्स में भू-राजनीतिक तनाव और सैन्य कार्रवाइयों के प्रति वाणिज्यिक जहाजों की संवेदनशीलता को उजागर करता है।
समाधान:
- राजनयिक चैनल: भारत ने भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और शीघ्र रिहाई सुनिश्चित करने के लिए तेहरान और दिल्ली में राजनयिक चैनलों के माध्यम से ईरानी अधिकारियों के साथ बातचीत की है।
- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: ईरान के कार्यों के लिए उसके विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय निंदा और प्रतिबंधों के आह्वान की इज़राइल द्वारा वकालत और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा समर्थन किया गया है।
- उन्नत समुद्री सुरक्षा: अदन की खाड़ी और हॉर्न ऑफ़ अफ्रीका में समुद्री डकैती जैसे समुद्री सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए भारतीय नौसेना सहित नौसेनाओं द्वारा निरंतर प्रयास।
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सारांश:
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समवर्ती हीटवेव और समुद्र के स्तर में वृद्धि समुद्र तट के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित
पर्यावरण
विषय: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण।
मुख्य परीक्षा: समुद्र तट पर समवर्ती हीटवेव और समुद्र के स्तर में वृद्धि का प्रभाव।
प्रसंग:
- समवर्ती हीटवेव और समुद्र के स्तर में अत्यधिक अल्पकालिक वृद्धि विश्व स्तर पर समुद्र तट के लिए बढ़ते खतरे का कारण बन रही है।
- कम्युनिकेशंस अर्थ एंड एनवायरनमेंट में प्रकाशित एक अध्ययन से इन समवर्ती घटनाओं में वृद्धि का पता चलता है, खासकर उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में।
मुद्दे:
- CHWESL घटनाओं की बढ़ती आवृत्ति: 1998 और 2017 के बीच, पिछले दो दशकों की तुलना में समवर्ती हीटवेव और समुद्र के स्तर में अत्यधिक वृद्धि की घटनाओं में काफी वृद्धि हुई है।
- तटीय समुदायों पर प्रभाव: CHWESL घटनाएं मानव स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के लिए संभावित जोखिमों के साथ तटीय समुदायों के लिए एक गंभीर खतरा पैदा करती हैं।
- उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों की संवेदनशीलता: उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में CHWESL घटनाओं में अधिक वृद्धि होने की संभावना है, जिससे इन क्षेत्रों में निम्न या मध्यम आय वाले देशों के सामने आने वाली चुनौतियाँ बढ़ गई हैं।
महत्व:
- अध्ययन तटीय समुदायों के लिए CHWESL घटनाओं के बढ़ते खतरे को संबोधित करने के लिए अनुसंधान और कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।
- प्रभावी अनुकूलन और शमन रणनीतियों को विकसित करने के लिए इन घटनाओं की विशेषताओं को समझना महत्वपूर्ण है।
समाधान:
- अनुसंधान और निगरानी: उनके प्रभाव को बेहतर ढंग से समझने और लक्षित प्रतिक्रियाएं विकसित करने के लिए CHWESL घटनाओं की विशेषताओं और घटित होने पर शोध बढ़ाना आवश्यक है।
- अनुकूलन उपाय: तटीय समुदायों को CHWESL घटनाओं के प्रभावों को कम करने के लिए तटीय सुरक्षा, प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली और शहरी नियोजन रणनीतियों जैसे अनुकूली उपायों को लागू करने की आवश्यकता है।
- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: देशों के बीच सहयोगात्मक प्रयास, विशेष रूप से उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में, CHWESL घटनाओं से उत्पन्न आम चुनौतियों का समाधान करने और कमजोर समुदायों का समर्थन करने के लिए आवश्यक हैं।
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सारांश:
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ब्लड बैंक अध्ययन से दीर्घावधिक कोविड की वास्तविक घटना का पता चलता है
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबधित
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
विषय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव।
मुख्य परीक्षा : दीर्घावधिक कोविड की वास्तविक घटना क्या है?
प्रसंग:
- दीर्घावधिक कोविड, जिसमें संक्रमण के बाद तीन महीने तक लगातार लक्षण बने रहते हैं, कोविड-19 से बचे लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य चिंता का विषय है।
- दीर्घावधिक कोविड की वास्तविक घटनाओं पर नज़र रखना चुनौतीपूर्ण रहा है, लेकिन हाल के अध्ययनों ने इसकी व्यापकता और प्रभाव पर प्रकाश डाला है।
मुद्दे:
- दीर्घावधिक कोविड के मापन में चुनौतियाँ: विभिन्न तरीकों और धीमी गति से शुरू होने वाले लक्षणों के कारण कोविड -19 संक्रमण के बाद दीर्घकालिक स्वास्थ्य मुद्दों पर नज़र रखना जटिल है।
- रिपोर्ट की गई घटना दरों की विस्तृत श्रृंखला: पिछले अध्ययनों में दीर्घावधिक कोविड की विभिन्न घटनाओं की दर की सूचना दी गई है, जिससे इसके वास्तविक प्रसार और प्रभाव के बारे में अनिश्चितता पैदा हो गई है।
महत्व:
- JAMA नेटवर्क ओपन में अध्ययन पुष्टि किए गए SARS-CoV-2 संक्रमण वाले व्यक्तियों को अलग करने के लिए मजबूत मापदंडों का उपयोग करके दीर्घावधिक कोविड को सटीक रूप से मापने की चुनौती का समाधान करता है।
- प्रभावित व्यक्तियों के लिए प्रभावी स्वास्थ्य देखभाल रणनीतियों और सहायता प्रणालियों को विकसित करने के लिए दीर्घावधिक कोविड की व्यापकता और विशेषताओं को समझना महत्वपूर्ण है।
समाधान:
- मजबूत पद्धतियां: भविष्य के शोध में पिछले कोविड -19 संक्रमण वाले व्यक्तियों की सटीक पहचान करने के लिए एंटीबॉडी परीक्षण परिणामों और स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर निदान का लाभ उठाने जैसी मजबूत पद्धतियां अपनाई जानी चाहिए।
- व्यापक स्वास्थ्य देखभाल सहायता: स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों को दीर्घावधिक कोविड का अनुभव करने वाले व्यक्तियों के लिए व्यापक सहायता प्रदान करने की आवश्यकता है, जिसमें विशेष देखभाल, मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं और पुनर्वास कार्यक्रमों तक पहुंच शामिल है।
- सार्वजनिक स्वास्थ्य जागरूकता: सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियानों को दीर्घावधिक कोविड के बारे में जागरूकता बढ़ानी चाहिए ताकि लक्षणों की शीघ्र पहचान और समय पर हस्तक्षेप को प्रोत्साहित किया जा सके, जिससे प्रभावित व्यक्तियों पर दीर्घकालिक प्रभाव कम हो सके।
स्रोत: The Hindu
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सारांश:
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वायरल हेपेटाइटिस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी क्यों जारी की है?
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
विषय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव।
प्रारंभिक परीक्षा: हेपेटाइटिस
मुख्य परीक्षा: हेपेटाइटिस के कारण और टीके।
प्रसंग:
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वैश्विक स्तर पर, विशेषकर भारत जैसे देशों में इसके महत्वपूर्ण रोग बोझ के कारण वायरल हेपेटाइटिस को लेकर चेतावनी जारी की है।
- वैश्विक हेपेटाइटिस रिपोर्ट 2024 का विमोचन वायरल हेपेटाइटिस से जुड़ी व्यापकता, प्रभाव और चुनौतियों पर प्रकाश डालता है, जिसमें तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया गया है।
मुद्दे:
- भारत में रोग का उच्च बोझ: वायरल हेपेटाइटिस रोग के बोझ के मामले में भारत विश्व स्तर पर दूसरे स्थान पर है, जहाँ कुल बोझ का 11.6% है।
- दीर्घकालिक संक्रमणों की बढ़ती व्यापकता: दीर्घकालिक वायरल हेपेटाइटिस B और C संक्रमण भारत में बीमारी के बोझ में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं, व्यापक स्क्रीनिंग कार्यक्रमों की कमी और सीमित जागरूकता समस्या को बढ़ा रही है।
- गैर-वायरल रूपों का उद्भव: हेपेटाइटिस के गैर-वायरल रूप, जैसे अल्कोहलिक लीवर रोग (ALD) और गैर-अल्कोहल फैटी लीवर रोग (NAFLD), शराब के अधिक सेवन, मोटापा और गतिहीन जीवन शैली जैसे कारकों के कारण बीमारी का बोझ बढ़ा रहे हैं।
महत्व:
- वैश्विक हेपेटाइटिस रिपोर्ट वैश्विक स्तर पर वायरल हेपेटाइटिस के रोग बोझ में चिंताजनक वृद्धि पर प्रकाश डालती है, जिसमें इस बीमारी के कारण सालाना 1.3 मिलियन मौतें होती हैं।
- रिपोर्ट वायरल हेपेटाइटिस से निपटने और महामारी को और बढ़ने से रोकने के लिए व्यापक रोकथाम, जांच और उपचार रणनीतियों की तत्काल आवश्यकता पर जोर देती है।
समाधान:
- निवारक उपाय: हेपेटाइटिस B के खिलाफ टीकाकरण और संचरण को रोकने के लिए सुरक्षित प्रथाओं को बढ़ावा देना वायरल हेपेटाइटिस की घटनाओं को कम करने के लिए महत्वपूर्ण है। भारत में बचपन के टीकाकरण कार्यक्रम में हेपेटाइटिस B के टीके को शामिल करना एक सकारात्मक कदम है।
- स्क्रीनिंग और निदान: स्क्रीनिंग कार्यक्रमों को बढ़ाना और शीघ्र निदान के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना वायरल हेपेटाइटिस वाले व्यक्तियों की पहचान करने और उनका इलाज करने के लिए आवश्यक है, जिससे आगे संचरण को रोका जा सके।
- उपचार की पहुंच: एंटीवायरल थेरेपी सहित वायरल हेपेटाइटिस के लिए किफायती और प्रभावी उपचार तक पहुंच सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। सरकारों को जेनेरिक दवाओं की खरीद को प्राथमिकता देनी चाहिए और वायरल हेपेटाइटिस सेवाओं को मौजूदा स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों में एकीकृत करना चाहिए।
- सार्वजनिक स्वास्थ्य दृष्टिकोण: 2030 तक महामारी को समाप्त करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वायरल हेपेटाइटिस के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य दृष्टिकोण अपनाना, परीक्षण, निदान और न्यायसंगत उपचार तक पहुंच बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है।
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सारांश:
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जलवायु परिवर्तन विधिक सिद्धान्त में रुझान
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित
पर्यावरण
विषय: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण
मुख्य परीक्षा: जलवायु परिवर्तन विधिक सिद्धान्त का महत्व
प्रसंग:
- जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों के खिलाफ नागरिकों के अधिकारों की पुष्टि करने वाला सर्वोच्च न्यायालय का हालिया फैसला भारत में जलवायु परिवर्तन विधिक सिद्धान्त में एक महत्वपूर्ण विकास का प्रतीक है।
- ग्रेट इंडियन बस्टर्ड पर बिजली लाइनों के प्रभाव और नवीकरणीय ऊर्जा के लिए भारत की प्रतिबद्धताओं पर चिंताओं के जवाब में जारी किया गया फैसला, पर्यावरण संरक्षण, मानवाधिकार और जलवायु परिवर्तन के बीच अंतरसंबंध पर प्रकाश डालता है।
सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की पृष्ठभूमि:
- ग्रेट इंडियन बस्टर्ड पर चिंता: राजस्थान और गुजरात में बिजली लाइनों के कारण लुप्तप्राय ग्रेट इंडियन बस्टर्ड की आबादी में गिरावट ने पर्यावरणविदों को 2019 में सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर करने के लिए प्रेरित किया।
- भूमिगत ट्रांसमिशन लाइनों पर बहस: पर्यावरणविदों ने पक्षियों की सुरक्षा के लिए सभी ओवरहेड ट्रांसमिशन लाइनों को भूमिगत स्थानांतरित करने की वकालत की, जबकि बिजली कंपनियों और सरकार ने तर्क दिया कि यह महंगा होगा और भारत के सौर विद्युतीकरण लक्ष्यों में बाधा उत्पन्न करेगा।
- विशेषज्ञ समिति और नवीनतम निर्णय: न्यायालय ने स्थिति का आकलन करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया और अपने हालिया फैसले में, सौर ऊर्जा विस्तार के साथ पर्यावरण संरक्षण को संतुलित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
मानवाधिकार और जलवायु परिवर्तन के बीच संबंध:
- संवैधानिक गारंटी: जलवायु परिवर्तन को संबोधित करने के लिए मौजूदा कानून और सरकारी प्रयासों के बावजूद, न्यायालय ने भारत में जलवायु परिवर्तन से संबंधित विशिष्ट कानून की अनुपस्थिति के तथ्य को स्वीकार किया है।
- अधिकारों की स्पष्ट मान्यता: न्यायालय ने जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों के खिलाफ नागरिकों के अधिकारों को स्पष्ट किया, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के तहत गारंटीकृत समानता, जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता जैसे मौलिक अधिकारों से स्पष्ट रूप से जोड़ा।
- अंतर्राष्ट्रीय मिसालें: 2015 के पेरिस समझौते और उसके बाद संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार निकायों की रिपोर्टों ने मानवाधिकारों और जलवायु परिवर्तन के बीच संबंध को मजबूत किया है, जिसमें मानवाधिकारों पर अंतर-अमेरिकी आयोग में शीला वाट-क्लाउटियर की याचिका जैसी मिसालें शामिल हैं।
फैसले के निहितार्थ:
- सार्वजनिक विमर्श में बदलाव: पर्यावरण संबंधी मामलों पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों ने ऐतिहासिक रूप से सार्वजनिक विमर्श और सरकारी कार्रवाई को प्रभावित किया है, जिससे पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण प्रयासों के लिए मिसाल कायम हुई है।
- नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार को संतुलित करना: यह फैसला टिकाऊ विकास प्रथाओं के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, पर्यावरण संरक्षण के साथ नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार को संतुलित करने की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
- सरकारी प्रतिक्रिया और सार्वजनिक धारणा: यह फैसला जलवायु परिवर्तन शमन और अनुकूलन उपायों के संबंध में सरकारी नीतियों और कार्यों को प्रभावित कर सकता है, जिससे पर्यावरण संरक्षण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता के बारे में सार्वजनिक धारणा प्रभावित हो सकती है।
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सारांश:
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संपादकीय-द हिन्दू
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प्रीलिम्स तथ्य:
जनजाति: मुरिया
- स्थान: चुक्कलपाडु बस्ती, अल्लूरी सीतारमा राजू जिला, आंध्र प्रदेश, भारत।
- प्रथा: एक व्यक्ति द्वारा अपने नवजात शिशु के लिए बांस का पालना बुनना आवश्यक है, जिसे “वूकाडा” कहा जाता है, जो पिता और बच्चे दोनों के लिए जीवन भर की स्मृति है।
- महत्व: प्रत्येक पालना परिवार में एक बच्चे का प्रतीक है, पालनों की संख्या परिवार में पैदा हुए बच्चों की कुल संख्या को दर्शाती है।
- संरक्षण: एक बार जब बच्चा पालने से बड़ा हो जाता है, तो उसे संरक्षित कर लिया जाता है और किसी अन्य उद्देश्य के लिए उपयोग नहीं किया जाता है।
- उदाहरण: मुरिया आदिवासी किसान कोववासी चुक्कैया ने आदिवासी रीति-रिवाज के अनुसार अपने दोनों बच्चों के लिए पालने बुने हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य:
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UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. बांस का बुना हुआ पालना ‘वूकाडा’ इनमें से किस जनजाति से संबंधित है?
- मुरिया
- टोडा
- ओंग
- जारवा
उत्तर: a
प्रश्न 2. इनमें से कितने देशों की सीमा फारस की खाड़ी से लगती है?
- बहरीन
- ईरान
- कुवैत
- इज़राइल
निम्नलिखित कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए:
- केवल एक
- केवल दो
- केवल तीन
- सभी चार
उत्तर: c
प्रश्न 3. निम्नलिखित में से कौन-सा ‘समवर्ती हीटवेव और चरम समुद्र स्तर’ (CHWESL) घटना का सबसे अच्छा वर्णन है:
- यह तब होता है जब एक ही तटीय स्थान पर एक ही समय में हीटवेव और अत्यधिक दीर्घकालिक समुद्र स्तर में वृद्धि की घटना घटती है।
- यह असामान्य रूप से गर्म मौसम की अवधि है जो किसी भी जलाशय में लगभग एक सप्ताह तक रहती है।
- यह तब होता है जब दो अलग-अलग तटीय स्थानों पर एक ही समय में हीटवेव और समुद्र के स्तर में अत्यधिक अल्पकालिक वृद्धि की घटना घटती है।
- ऐसा तब होता है जब एक ही तटीय स्थान पर लू और समुद्र के स्तर में अत्यधिक अल्पकालिक वृद्धि दोनों घटनाएं एक साथ घटती है।
उत्तर: d
प्रश्न 4. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- हेपेटाइटिस B में यकृत में सूजन आ जाती है जो हेपेटाइटिस B वायरस (HBV) के संक्रमण के कारण होती है।
- हेपेटाइटिस B और C मिलकर यकृत सिरोसिस, यकृत कैंसर का कारण बनते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन गलत है/हैं?
- केवल 1
- केवल 2
- 1 और 2 दोनों
- न तो 1, न ही 2
उत्तर: d
प्रश्न 5. जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना (NAPCC) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- इसे जलवायु परिवर्तन को व्यापक रूप से संबोधित करने के लिए 2008 में भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया था।
- NAPCC में जलवायु परिवर्तन शमन और अनुकूलन के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने वाले बारह मिशन शामिल हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन गलत है/हैं?
- केवल 1
- केवल 2
- 1 और 2 दोनों
- न तो 1, न ही 2
उत्तर: b
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
- जलवायु परिवर्तन के व्यापक संदर्भ पर विचार करते हुए, तटीय समुदायों और पर्यावरण पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों पर चर्चा कीजिए। (Discuss the implications of global warming on coastal communities and the environment, considering the broader context of climate change.)
- राजनीतिक भागीदारी को बढ़ावा देने, जवाबदेही सुनिश्चित करने और सामाजिक एकजुटता को बढ़ावा देने में पारदर्शी चुनावी प्रणालियों की भूमिका का मूल्यांकन कीजिए। लोकतांत्रिक शासन और राजनीतिक प्रक्रिया में नागरिक विश्वास पर चुनावी कदाचार के परिणामों पर प्रकाश डालते हुए, ऐतिहासिक और समकालीन दोनों संदर्भों के उदाहरणों के साथ अपने उत्तर को स्पष्ट कीजिए। (Evaluate the role of transparent electoral systems in promoting political participation, ensuring accountability, and fostering social cohesion. Illustrate your answer with examples from both historical and contemporary contexts, highlighting the consequences of electoral malpractices on democratic governance and citizen trust in the political process.)
(150 शब्द) (सामान्य अध्ययन – III, पर्यावरण)
(150 शब्द) (सामान्य अध्ययन – II, राजव्यवस्था)
(नोट: मुख्य परीक्षा के अंग्रेजी भाषा के प्रश्नों पर क्लिक कर के आप अपने उत्तर BYJU’S की वेव साइट पर अपलोड कर सकते हैं।)