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UPSC परीक्षा कम्प्रेहैन्सिव न्यूज़ एनालिसिस - 15 October, 2022 UPSC CNA in Hindi

15 अक्टूबर 2022 : समाचार विश्लेषण

A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

सामाजिक न्याय:

  1. वैश्विक भुखमरी सूचकांक 2022

C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

E. संपादकीय:

सामाजिक मुद्दे:

  1. महिला पशुपालक की भूमिका को नजरअंदाज न करें

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:

  1. भारतीय डीप टेक और एक स्ट्रेटेजिक फण्ड

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

  1. भ्रामक उपचार से परहेज परमावश्यक

F. प्रीलिम्स तथ्य:

  1. हरियाणा, पंजाब के मुख्यमंत्री के बीच सतलुज यमुना लिंक नहर विवाद पर आम सहमति नहीं बनी

G. महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. सशस्त्र बल कल्याण कोष: दान के लिए निर्मित एक वेबसाइट
  2. आईएनएस अरिहंत से अहम मिसाइल परीक्षण किया गया

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

वैश्विक भूखमरी सूचकांक 2022

सामाजिक न्याय:

विषय: महिलाओं की भूमिका और महिला संगठन एवं संबद्ध मुद्दे,

प्रारंभिक परीक्षा: वैश्विक भूखमरी सूचकांक 2022

मुख्य परीक्षा: भुखमरी से संबंधित मुद्दे

संदर्भ: वैश्विक भूखमरी सूचकांक 2022 जारी की गई।

विवरण:

  • वैश्विक भूखमरी सूचकांक (GHI) व्यापक रूप से क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भूखमरी का मापन और ट्रैक करता है। इस सूचकांक में चार संकेतकों के आधार पर विभिन्न देशों के स्कोर का मूल्यांकन किया जाता है।
    • अल्पपोषण
    • चाइल्ड स्टंटिंग
    • चाइल्ड वेस्टिंग
    • बाल मृत्यु दर
  • चार संकेतकों के मूल्यों के आधार पर GHI में 100-बिंदु पैमाने पर भूखमरी का निर्धारण किया जाता है जहाँ 0 सबसे अच्छा संभव स्कोर है (शून्य भूखमरी) और 100 को सबसे खराब माना जाता है।
  • संबंधित स्कोर के आधार पर, देशों को भुखमरी की ‘निम्न’, ‘मध्यम’, ‘गंभीर’, ‘खतरनाक’ और ‘बेहद खतरनाक’ श्रेणी में वर्गीकृत किया जाता है।
  • हाल ही में जारी 2022 संस्करण इसका सत्रहवां वार्षिक संस्करण है जिसका प्रकाशन संयुक्त रूप से वेल्थुंगरहिल्फ़ और कंसर्न वर्ल्डवाइड द्वारा किया गया है।

भारत-विशिष्ट निष्कर्ष:

  • वैश्विक भूखमरी सूचकांक में भारत का स्थान 121 देशों में 107वां है। भारत की स्थिति अफगानिस्तान को छोड़कर अन्य सभी दक्षिण एशियाई देशों की तुलना में खराब है।
  • भारत का स्कोर 29.1 है और इस प्रकार इसे ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा गया है। भारत की रैंक श्रीलंका (64), नेपाल (81), बांग्लादेश (84), और पाकिस्तान (99) जैसे अपने पड़ोसियों से भी नीचे है।
  • दक्षिण एशिया में अफगानिस्तान एकमात्र ऐसा देश है जिसका प्रदर्शन भारत से भी खराब है। यह 109वें स्थान पर है।
  • चीन 5 से कम स्कोर वाले सामूहिक रूप से 1 और 17 के बीच की रैंक वाले देशों में से एक है।

स्रोत: www.globalhungerindex.org

  • समग्र स्कोर में कमी हुई है, यह 2014 में 28.2 था जबकि 2022 में 29.1 हो गया है।
  • भारत में चाइल्ड वेस्टिंग दर (ऊंचाई की तुलना में कम वजन) 19.3% है जो 2014 में 15.1% और वर्ष 2000 में 17.15 प्रतिशत थी। यह दुनिया के सभी देशों में सबसे अधिक है।
  • अल्पपोषण (गंभीर पोषण की कमी का सामना करने वाली आबादी का अनुपात) भी 2018-2020 के 14.6% से बढ़कर 2019-2021 में 16.3% हो गया है। इसका तात्पर्य है कि भारत में 224.3 मिलियन लोग कुपोषित हैं।
  • भारत में चाइल्ड स्टंटिंग में सुधार हुआ है, जो 2014 के 38.7% से घटकर 2022 में 35.5% हो गया है। इसके अलावा, बाल मृत्यु दर भी इसी अवधि के दौरान 4.6% से घटकर 3.3% हो गई है।
  • यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि GHI की वार्षिक रिपोर्ट में रैंकिंग अलग-अलग वर्षों में एक दूसरे के साथ तुलनीय नहीं है। 2022 के लिए GHI स्कोर की तुलना केवल वर्ष 2000, 2007 और 2014 के स्कोर से की जा सकती है।

स्त्रोत:www.globalhungerindex.org

सारांश:

  • वैश्विक भूखमरी सूचकांक में भारत का प्रदर्शन लगातार खराब हो रहा है। हालांकि चाइल्ड स्टंटिंग और बाल मृत्यु दर संकेतकों में सुधार हुआ है, लेकिन भारत में अल्पपोषण और चाइल्ड वेस्टिंग जैसे संकेतक और खराब हो गए हैं। इस स्थिति का गंभीरतापूर्वक विश्लेषण और समस्या के समाधान का प्रयास वर्तमान समय की मांग है।

संपादकीय-द हिन्दू

संपादकीय:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

महिला पशुपालक की भूमिका को नजरअंदाज न करें

सामाजिक मुद्दे:

विषय: महिलाओं की भूमिका और महिला संगठन एवं संबद्ध मुद्दे,

प्रारंभिक परीक्षा: अंतर्राष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस और राष्ट्रीय पशुधन नीति (NLP)

मुख्य परीक्षा: भारत में पशुधन क्षेत्र, इस क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका और उनकी मुख्य समस्याएं।

संदर्भ

“अंतर्राष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस” (15 अक्टूबर) के अवसर पर, इस आलेख में पशुपालन में महिलाओं की भूमिका का विश्लेषण किया गया है।

भारत में पशुधन क्षेत्र

  • भारत में पशुधन क्षेत्र ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सबसे तेजी से वृद्धि करने वाले क्षेत्रों में से एक है।
  • 2018-19 में भारत में पशुधन क्षेत्र की हिस्सेदारी राष्ट्रीय आय में लगभग 5% और कृषि सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 28% थी।
  • पिछले छह वर्षों में, इस क्षेत्र में 7.9% की दर से वृद्धि हुई है जबकि फसल की खेती में 2% की वृद्धि दर्ज की गई है।

पशुधन क्षेत्र में महिलाएं

  • विभिन्न क्षेत्रों के अध्ययनों से पता चलता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में, विशेष रूप से उन घरों में जिनके पास पशुधन है, महिलाएं पशु पालन में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
  • अध्ययन में यह पाया गया कि 2015-16 में डेयरी सहकारी समितियों में 50 लाख से अधिक महिला सदस्य थीं जो 2020-21 तक बढ़कर 54 लाख हो गईं।
  • 2020-21 में डेयरी उत्पादक सहकारी समितियों के कुल सदस्यों में लगभग 31% महिलाएं थीं।
  • इसके अतिरिक्त, महिला डेयरी सहकारी समितियों की संख्या भी 2012 के 18,954 की तुलना में बढ़कर 2015-16 में 32,092 हो गई।
  • हालांकि, डेयरी सहकारी क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी के अलावा, पशुधन अर्थव्यवस्था में उनकी भूमिका को व्यापक रूप से नहीं जाना जाता है और न हीं इस पर पर्याप्त ध्यान दिया गया है।

पर्याप्त डेटा का अभाव

  • भारत में किए गए पारंपरिक श्रम बल सर्वेक्षण में पशुपालन में महिलाओं की भूमिका को पर्याप्त रूप से दर्ज नहीं किया गया है।
  • पशुपालन का कार्य दिन भर में कुछ समय के लिए किया जाता है और जो आमतौर पर घर के भीतर होता है। ये कारण डेटा संग्रह के सामने प्रमुख बाधाएँ हैं।
  • कर्नाटक के एक गाँव में किए गए टाइम यूज़ सर्वे के अनुसार, एक गरीब किसान महिला पशुधन से संबंधित काम पर करीब 3.5 घंटे व्यतीत करती है, जो उसके घर के अन्य रूढ़िवादी कामों के साथ जुड़ जाता है।
    • इसके अलावा, कर्नाटक में फाउंडेशन फॉर एग्रेरियन स्टडीज द्वारा किए गए सर्वेक्षणों के आंकड़ों से पता चलता है कि हर ग्रामीण परिवार में, जिसके पास एक दुधारू जानवर होता है, एक महिला दिन में कम से कम दो से आठ घंटे पशु पालन पर व्यतीत करती है।
    • इस तरह के काम की प्रकृति से महिलाओं के लिए “पशुपालन” को एक आर्थिक गतिविधि के रूप में रिपोर्ट करना कठिन होता है।
  • इसके अतिरिक्त, पशुधन गतिविधियों में संलग्न महिलाओं की संख्या को व्यापक रूप से कम करके आंका गया है।
    • 2011-12 के रोजगार और बेरोजगारी सर्वेक्षण पर आधारित एक अनुमान के अनुसार, 1.2 करोड़ ग्रामीण महिलाएं पशुपालन में संलग्न थीं।
    • हालांकि, व्यापक परिभाषा के साथ एक अन्य अनुमानों से पता चलता है कि 4.9 करोड़ से अधिक ग्रामीण महिलाएं पशुपालन में लगी हुई थीं, जो आधिकारिक अनुमान से चार गुना अधिक है।

पशुधन क्षेत्र में संलग्न महिलाओं से जुड़ी मूलभूत समस्याएं

  • राष्ट्रीय स्तर के पारंपरिक रोजगार सर्वेक्षण जैसे आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण प्राथमिक रूप से घरेलू कार्यों में संलग्न व्यक्तियों की विशिष्ट गतिविधियों पर डेटा एकत्र करने में विफल रहते हैं। इसके परिणामस्वरूप पशुधन क्षेत्र में महिलाओं की कुल संख्या कम हो गई है।
  • देश में महिला पशुपालकों को दी जाने वाली सेवाएं काफी हद तक अपर्याप्त हैं।
  • आधिकारिक अनुमानों के अनुसार 2021 में देश भर में केवल 80,000 पशुपालकों को प्रशिक्षित किया गया था और इसमें से महिला पशुपालकों की संख्या बहुत कम रही होगी।
  • फील्ड अध्ययनों के अनुसार, महिलाओं को ऋण या ऋण सुविधाओं का लाभ प्राप करने में हो रही कठिनाइयों के कारण पशुधन का क्रय मुश्किल हो गया था।
    • किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना के तहत पशुपालकों को लगभग 15 लाख नए KCC प्रदान किए गए लेकिन इनमें महिला किसानों की संख्या ज्ञात नहीं है।
  • इसके अलावा, देश में महिला पशुपालकों के पास पशुओं के चुनाव और पशु चिकित्सा देखभाल में वैज्ञानिक विशेषज्ञता का अभाव था।
  • अध्ययनों से यह भी पता चलता है कि महिलाओं को डेयरी बोर्डों की संरचना और कार्यों के बारे में पता नहीं है और महिला केंद्रित डेयरी सहकारी समितियों में भी निर्णय लेने में पुरुषों का वर्चस्व है। इसके अलावा भूमिहीन और गरीब महिलाओं की आवाज को भी नजरअंदाज किया गया है।
  • राष्ट्रीय पशुधन नीति (NLP) जिसे सतत पशुधन उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के दृष्टिकोण से शुरू किया गया था, में पाया गया कि पशुधन क्षेत्र में लगभग 70% महिला श्रमिक है।
    • हालांकि, NLM में अब तक कोई भी ऐसा कार्यक्रम शामिल नहीं है जो विशेष रूप से महिला पशुधन किसानों को लाभान्वित करता हो।

सारांश: चूंकि पशुधन क्षेत्र में लगभग 70% महिला श्रमिक है, इसलिए पशुधन अर्थव्यवस्था के लिए महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस प्रकार पशु चिकित्सा देखभाल, सेवाओं का विस्तार, प्रशिक्षण, ऋण सुविधाओं और निर्णय लेने जैसे पशुधन विकास के सभी पहलुओं में महिलाओं को शामिल करने की आवश्यकता है।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित

विज्ञान और प्रौद्योगिकी

भारतीय डीप टेक और एक स्ट्रेटेजिक फण्ड

विषय: प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण और विकासोन्मुख नई तकनीक।

मुख्य परीक्षा: भारत में डीप टेक इकोसिस्टम – इसका महत्व, चुनौतियाँ और भावी कदम।

संदर्भ

जैसा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार सैन्य प्रौद्योगिकी, सेमी-कंडक्टर और विज्ञान आधारित व्यवसायों में आत्मनिर्भरता पर जोर दे रही है, वहीं इन उद्योगों को वित्तपोषित करने के लिए “इंडिया स्ट्रैटेजिक फंड” की स्थापना पर ध्यान दिया गया है।

पृष्ठभूमि

  • अगले 25 वर्षों में आत्मनिर्भर और विकसित देश बनने के लिए, भारत को कुछ क्षेत्रों में विश्व स्तरीय डीप टेक क्षमताओं का निर्माण करना चाहिए क्योंकि डीप टेक लगभग हमेशा दोहरे उपयोग वाली होती है।
    • उदाहरण: GPS और NavIC जैसी पोजीशन नेविगेशन टाइमिंग तकनीक का उपयोग न केवल नागरिक नेविगेशन उद्देश्यों के लिए किया जाता है, बल्कि रक्षा सेवाओं में भी किया जाता है।
  • हालांकि, उद्यम पूंजीपति से निवेश की कमी और सरकार से अपर्याप्त वित्त पोषण के कारण बाजार की विफलता डीप टेक क्षमताओं की संभावनाओं के लिए एक महत्वपूर्ण बाधा बन गई है।
  • विशेषज्ञों के अनुसार, वर्तमान में चार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र हैं और ये सेमीकंडक्टर, 5G, जीव विज्ञान में क्रांति और स्वायत्तता हैं।
    • लेकिन ये सभी क्षेत्र सैन्य संघर्ष, स्वास्थ्य आपात स्थिति और प्राकृतिक आपदाओं जैसी चुनौतियों के प्रति संवेदनशील हैं।
  • इस संदर्भ में, विशेषज्ञ “इंडिया स्ट्रेटेजिक फंड” की स्थापना का प्रस्ताव करते हैं, जिसमें मौजूदा कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) बजट और उच्च निवल मूल्य वाले व्यक्ति (HNI) कराधान से एक निश्चित राशि का आवंटन किया जा सकता है।

पर्याप्त वित्तपोषण का महत्व

  • देश में एक संपन्न स्टार्टअप इकोसिस्टम और कई यूनिकॉर्न होने के बावजूद, भारत ने अपनी डीप टेक क्षमताओं को बढ़ाने में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया है।
    • इसका कारण पूंजी या वित्तपोषण की कमी है।
  • यू.एस., इज़राइल और उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) सदस्यों जैसे देशों में, सरकार डीप टेक के लिए धन का सबसे बड़ा स्रोत बनी हुई है।
    • रक्षा उन्नत अनुसंधान परियोजना एजेंसी (USA), रक्षा अनुसंधान और विकास निदेशालय (इज़राइल) तथा डिफेन्स एंड सिक्यूरिटी एक्सेलेरेटर (U.K) जैसी एजेंसियों के माध्यम से बड़ी मात्रा में धन प्रवाह होता है, जिन्होंने छोटे व्यवसायों को प्रोत्साहन और प्रेरणा प्रदान किया है।
  • इन देशों में इस बढ़े हुए वित्तपोषण ने स्टार्टअप्स को IEEE प्रकाशनों या एकेडेमिया प्रोटोटाइप और उत्पादन के बड़े उद्योगों के बीच एक सेतु के रूप में कार्य करने की सुविधा प्रदान की है।

भारत में वित्तपोषण की कमी

  • पर्याप्त धन और पूंजी आवंटन की कमी के कारण स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र, शिक्षा और उत्पादन उद्योग के बीच एक सेतु की भूमिका निभाने में विफल रहा है।
  • भारत में, उद्यम पूंजी पारिस्थितिकी तंत्र अभी भी निवेश को लेकर संशय में है क्योंकि ये अभी भी डीप टेक की समझ नहीं रखते हैं और इसलिए भी कि ये निवेश उनके 10 साल के फंड रिटर्न चक्र में सही से नहीं आते हैं क्योंकि उन्हें रिटर्न हासिल करने में अधिक समय लगता है जो उनके लिए एक तरह से एंट्री बैरियर के रूप में कार्य करता है।
  • इसके अलावा, उद्यम पूंजी पारिस्थितिकी तंत्र से धन की कमी के अलावा, सरकारी पूंजी भी पर्याप्त नहीं है या पर्याप्त रूप से तेज नहीं है।

अनुशंसाएँ

  • सरकार द्वारा भारतीय सेमीकंडक्टर मिशन और रक्षा मंत्रालय की प्रमुख iDEX और TDF योजनाओं जैसी पहलों की घोषणा, जो काफी हद तक वित्तपोषण, डीप और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी में निवेश पर निर्भर करता है, महत्वपूर्ण हो गए हैं।
  • डीप टेक में शामिल उद्योगों या स्टार्टअप्स को फंड देने के लिए एक विशिष्ट इंडिया स्ट्रेटेजिक फंड बनाने की जरूरत है।
  • इंडिया स्ट्रेटेजिक फंड को दो स्रोतों से वित्त पोषित किया जा सकता है:
    • सीएसआर बजट: अनुमान के अनुसार, वार्षिक CSR बजट ₹15,000 करोड़ है, जिसमें से एक बड़ा हिस्सा अप्रयुक्त है जिसका उपयोग रणनीतिक प्रौद्योगिकी के विकास के लिए किया जा सकता है।
    • उच्च निवल मूल्य वाले व्यक्ति (HNI) कराधान: महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी स्टार्टअप में इक्विटी निवेश को आकर्षित करने के लिए HNI को कर प्रोत्साहन की पेशकश की जा सकती है और निवेश के इस कोष को कर कटौती योग्य बनाया जाना चाहिए।
  • इसके अलावा, यह सुनिश्चित करने के लिए कि इन निधियों का उचित उपयोग किया जाए, योग्यता मानदंड बनाया जा सकता है और निवेश योग्य कंपनियों के पूल को सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त लोगों तक ही सीमित रखा जाना चाहिए तथा स्टार्टअप को भारतीय सेना या या रक्षा मंत्रालय से “एक्सेप्टेंस आफ नेसेसिटी” दी जानी चाहिए।
  • श्रृंखला में बने रहना
  • निकट भविष्य में भारत महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी का शुद्ध आयातक बना रहेगा। जहाँ एक आत्मानिर्भर भारत के लिए प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण ने सही गति पैदा की है, वहीं इसे फलने-फूलने में करीब एक दशक या उससे अधिक समय लगेगा। अगर सरकार द्वारा शुरू किए गए कार्यक्रमों के साथ सही ढंग से चला जाता है, तो सीएसआर फंड और HNI के लिए सही कर प्रोत्साहन नवीन भारतीय डीप टेक पारिस्थितिकी तंत्र में लगभग स्व-आपूर्ति की भविष्यवाणी कर सकते हैं।

सारांश: भारत के प्रमुख क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करने के साथ, डीप टेक क्षमताओं के दोहरे उपयोग का महत्व सामने आया है। इस संदर्भ में, सीएसआर फंड और HNI को कर प्रोत्साहन की मदद से इंडिया स्ट्रेटेजिक फण्ड का निर्माण आत्मनिर्भर भारतीय डीप टेक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में सहायक हो सकता है।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित

अंतरराष्ट्रीय संबंध

भ्रामक उपचार से परहेज परमावश्यक

विषय: भारत से जुड़े और/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय समझौते।

मुख्य परीक्षा: गाम्बिया कफ सिरप स्कैंडल और भारत पर इसके प्रभाव

संदर्भ

हाल ही में गाम्बिया में लगभग 70 बच्चों की मृत्यु हो गई, जो घटना भारत में बने दूषित कफ सिरप के उपयोग से जुड़ी हुई है।

पृष्ठभूमि

  • हरियाणा स्थित मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड अपने अवमानक बाल चिकित्सा कफ सिरप के लिए जांच के दायरे में है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, कफ सिरप डायथाइलीन ग्लाइकॉल (DEG) और एथिलीन ग्लाइकॉल से दूषित हो सकते हैं, जिससे किडनी खराब हो सकती है एवं परिणामस्वरूप इन बच्चों की मृत्यु हो सकती है।
  • इस घटना से दुनिया भर में हाहाकार जैसी स्थिति देखने को मिली है।

भारत पर इस घटना के प्रभाव

  • भारत अफ्रीका के लिए एक प्रमुख दवा आपूर्तिकर्ता है और ये दवाएं अफ्रीकी देशों के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। अफ्रीका में मौजूद सभी जेनेरिक दवाओं का 45% हिस्सा भारत से आता है।
    • इस नवीन घटना ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में फलते-फूलते भारत-अफ्रीका संबंधों को खतरे में डाल दिया है।
  • जिस घटना से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हाहाकार देखने को मिला है, वह भारत की “विश्व की फार्मेसी” होने की प्रतिष्ठा के सामने हानिकारक होगी क्योंकि भारत दवाओं और टीकों का एक प्रमुख वैश्विक आपूर्तिकर्ता है।
  • निर्यात की जाने वाली भारतीय दवाएं, दवाएं और टीके अब अधिक जांच के दायरे में आएंगे जिनका अन्य देशों द्वारा फायदा उठाया जा सकता है।

घटना पर भारत की प्रतिक्रिया

  • केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) जो भारत का शीर्ष दवा नियामक है, ने मेडेन फार्मास्यूटिकल्स को औषधीय दवाओं के निर्माण से रोकते हुए प्रतिबंध लगा दिया है।
  • स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार ने कंपनी के खिलाफ भविष्य की कार्रवाई को लेकर सरकार को सलाह देने के लिए एक टेक्निकल समिति का गठन किया है।
  • भारत में, ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 के प्रावधानों में मिलावटी दवाएं बनाने और स्थापित चिकित्सा पद्धतियों का उल्लंघन करने पर निर्माताओं के खिलाफ 10 साल तक की कैद और 10 लाख तक के जुर्माने के साथ कड़े कानून हैं।

भावी कदम

  • भारत की शीर्ष एजेंसियों की मदद से पूरी जांच होनी चाहिए और जो लोग इस घटना के लिए जिम्मेदार हैं उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और दंडित किया जाना चाहिए।
  • CDSCO को यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम करना चाहिए कि इस तरह की घटनाएँ दोबारा न हों।
  • अपने टीकों या दवाओं की मूल्य श्रृंखला को बढ़ाने हेतु, भारत को एक निष्पक्ष और स्वतंत्र नियामक होने की अपनी छवि को सुधारने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए, जिस पर विश्व स्तर पर भरोसा किया जा सके।

सारांश: चूंकि इस तरह की घटनाओं का भारत की प्रतिष्ठा, द्विपक्षीय और बहुपक्षीय संबंधों के साथ-साथ इसकी अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ता है, इसलिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के विश्वास को बनाए रखने के लिए फार्मा उद्योग पर कड़े मानकों और विनियमों को लागू करना महत्वपूर्ण हो जाता है।

प्रीलिम्स तथ्य:

1. हरियाणा, पंजाब के मुख्यमंत्री के बीच सतलुज यमुना लिंक नहर विवाद पर आम सहमति नहीं बनी

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

विषय: संघीय ढाँचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियाँ-अंतरराज्यीय संबंध

प्रारंभिक परीक्षा: सतलुज यमुना लिंक

प्रसंग: सतलुज-यमुना लिंक नहर पर चर्चा के लिए दो राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक।

विवरण:

  • हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्री सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर परियोजना पर आम सहमति तक पहुंचने में विफल रहे। दोनों राज्यों में जल के बंटवारे को लेकर विवाद चल रहा है।
  • उच्चतम न्यायलय के निर्देश पर दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच बैठक हुई.
  • नहर का निर्माण हरियाणा के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह राज्य की जीवन रेखा है। जबकि पंजाब का मानना है कि राज्य के पास साझा करने के लिए पर्याप्त जल नहीं है।
  • पंजाब के मुख्यमंत्री के अनुसार, राज्य को 18.56 मिलियन एकड़ फीट (MAF) जल मिल रहा था, जो घटकर 12.63 MAF हो गया है।

सतलुज-यमुना लिंक के बारे में अधिक जानकारी के लिए 7 सितंबर, 2022 के विस्तृत समाचार विश्लेषण का अध्ययन कीजिए।

महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. सशस्त्र बल कल्याण कोष: दान के लिए निर्मित एक वेबसाइट
  • भारत के रक्षा मंत्री ने सशस्त्र बल युद्ध हताहत कल्याण कोष (AFBCWF) के लिए ‘मां भारती के सपूत’ वेबसाइट लॉन्च की।
  • AFBCWF एक ट्राई-सर्विसेज फंड है, जिसका उपयोग उन एयरमैन / सैनिकों / नाविकों के आश्रितों / रिश्तेदारों को तत्काल वित्तीय सहायता देने के लिए किया जाता है, जो गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं या जो सक्रिय सैन्य अभियानों में शहीद हो जाते हैं।
  • यह वेबसाइट आम जनता को ऑनलाइन माध्यम से सीधे कोष में योगदान करने में सक्षम बनाएगी। योगदान का प्रमाण पत्र भी ऑनलाइन डाउनलोड किया जा सकता है।
  • अमिताभ बच्चन इस पहल के ‘सद्भावना राजदूत’ हैं।
  1. आईएनएस अरिहंत से अहम मिसाइल परीक्षण किया गया
  • भारत की पहली बैलिस्टिक मिसाइल परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत से सबमरीन लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल (SLBM) का सफल प्रक्षेपण किया गया।
  • मिसाइल का एक पूर्व निर्धारित सीमा में परीक्षण किया गया और इसने उच्च सटीकता के साथ बंगाल की खाड़ी में लक्ष्य का भेदन किया।
  • इस प्रकार इस परीक्षण से देश की दूसरी-स्ट्राइक परमाणु क्षमता और भारत की विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोध क्षमता सिद्ध हुई ।

UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. अभी तक इसरो ने वाणिज्यिक प्रक्षेपण के लिए केवल ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) का उपयोग किया है।
  2. भारत में वर्तमान में तीन प्रक्षेपण वाहन प्रयोग में हैं – पीएसएलवी, जीएसएलवी, और जीएसएलवी एमके III।
  3. सरकार ने 2020 में निजी कंपनियों के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र को खोल दिया।

निम्नलिखित कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए:

  1. केवल 1 और 2
  2. केवल 2 और 3
  3. केवल 1 और 3
  4. उपर्युक्त सभी

उत्तर: d

व्याख्या:

कथन 1 सही है: अब तक इसरो ने वाणिज्यिक प्रक्षेपण के लिए केवल पीएसएलवी का उपयोग किया है। पीएसएलवी का उपयोग कर आठ वाणिज्यिक प्रक्षेपण किए गए हैं। हालांकि, जीएसएलवी एमके III 36 उपग्रहों को लॉन्च करने और वाणिज्यिक क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए तैयार है।

कथन 2 सही है: भारत के पास वर्तमान में तीन ऑपरेशनल प्रक्षेपण वाहन पीएसएलवी, जीएसएलवी, और जीएसएलवी एमके III हैं। इसरो का लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान आंशिक रूप से सफल रहा।

कथन 3 सही है: निजी कंपनियों को नियमित अंतरिक्ष सेवा प्रदान करने और इसरो को वैज्ञानिक मिशनों पर ध्यान केंद्रित करने के उद्देश्य से सरकार ने 2020 में निजी कंपनियों के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र को खोला।

प्रश्न 2. गिफ्ट (GIFT – गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक) सिटी के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. इसमें एक बहु-सेवा विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) शामिल है, जिसमें भारत का पहला अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC) और एक विशेष घरेलू टैरिफ क्षेत्र (DTA) है।
  2. इसमें किसी प्रकार की आवासीय सुविधा नहीं है।
  3. गिफ्ट (GIFT) सिटी में इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज (IIBX) भी है जो कि भारत का पहला इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज भी है।

निम्नलिखित कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए:

  1. केवल 1
  2. केवल 1 और 3
  3. केवल 2
  4. उपर्युक्त सभी

उत्तर: b

व्याख्या:

कथन 1 सही है और कथन 2 गलत है: यह भारत का पहला सक्रीय ग्रीनफील्ड स्मार्ट सिटी और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र है जिसमें एक बहु-सेवा SEZ शामिल है। यह शहर साबरमती नदी के तट पर स्थित है। इस शहर में वाणिज्यिक, वित्तीय और आवासीय परिसर शामिल हैं।

कथन 3 सही है: गिफ्ट सिटी में भारत का पहला अंतर्राष्ट्रीय बुलियन एक्सचेंज स्थित है जिसे इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज (IIBX) कहा जाता है।

प्रश्न 3. भारत के इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम के संदर्भ में, सरकार ने पेट्रोल में ______ इथेनॉल सम्मिश्रण का लक्ष्य ______ तक प्राप्त करना निर्धारित किया है।

  1. 15%, 2025
  2. 20%, 2025
  3. 25%, 2025
  4. 20%, 2030

उत्तर: b

व्याख्या: भारत सरकार ने पेट्रोल (जिसे E20 भी कहा जाता है) में 20% इथेनॉल मिश्रण के 2030 तक लक्ष्य को संशोधित कर 2025 कर दिया है। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री के अनुसार बीस प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल के दिसंबर 2022 या जनवरी 2023 में भारत में उपलब्ध होने की संभावना है।

प्रश्न 4.भारत में चुनावी बॉण्ड के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. ये जारी होने की तिथि से 15 दिनों के लिए वैध होते हैं।
  2. केवल वे राजनीतिक दल जो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29A के तहत पंजीकृत हैं और पिछले आम चुनाव में लोक सभा या विधान सभा के लिए डाले गए वोटों का कम से कम 1% वोट हासिल किया है, चुनावी बॉण्ड प्राप्त करने के लिए पात्र हैं।
  3. ये बॉण्ड भारत के किसी भी नागरिक द्वारा जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर के महीनों में दस दिनों की अवधि तक खरीद के लिए उपलब्ध होते हैं जैसा कि आरबीआई द्वारा निर्दिष्ट किया जा सकता है।

निम्नलिखित कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए:

  1. केवल 1 कथन सही है।
  2. केवल 2 कथन सही हैं।
  3. सभी कथन सही हैं।
  4. कोई भी कथन सही नहीं है।

उत्तर: b

व्याख्या:

कथन 1 सही है: चुनावी बांड जारी होने की तारीख से 15 दिनों के लिए वैध होते हैं।

कथन 2 सही है: केवल वे राजनीतिक दल जो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29A के तहत पंजीकृत हैं और जिन्होंने पिछले आम चुनाव में लोक सभा या विधान सभा में डाले गए वोटों का कम से कम 1% मत प्राप्त किया है, चुनावी बांड प्राप्त करने के पात्र हैं।

कथन 3 गलत है: यह बांड भारत के किसी भी नागरिक द्वारा जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर के महीनों में दस दिनों की अवधि के लिए खरीद के लिए उपलब्ध होते हैं जैसा कि केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है।

प्रश्न 5. “विधि का नियम सूचकांक” (रूल ऑफ़ लॉ इंडेक्स) को निम्नलिखित में से किसके द्वारा जारी किया जाता है?

  1. एमनेस्टी इंटरनेशनल
  2. अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय
  3. संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार आयुक्त कार्यालय
  4. विश्व न्याय परियोजना

उत्तर: d

व्याख्या: विश्व न्याय परियोजना (वर्ल्ड जस्टिस प्रोजेक्ट) ने अपनी रूल ऑफ लॉ इंडेक्स 2017-18 रिपोर्ट जारी की, जिसमें उस अवधि में 113 देशों द्वारा विधि के शासन का अनुपालन करने की सीमा का मापन है। भारत की रैंक 62 थी, जो चीन, पाकिस्तान, म्यांमार और बांग्लादेश से बेहतर थी; डेनमार्क शीर्ष स्थान पर है।

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :

  1. भारत में दवा संबंधित नियमों के ढीले मानकों के कारण, गाम्बिया मेडिकल सिरप त्रासदी जैसी घटना होनी ही थी। टिप्पणी कीजिए।
  2. विगत कुछ वर्षों में सरकार की ओर से किए गए विभिन्न प्रयासों के बावजूद, वैश्विक भुखमरी सूचकांक में भारत की रैंकिंग निराशाजनक रही है। इसके संभावित कारण क्या हो सकते हैं?