A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित समाचार उपलब्ध नहीं हैं। B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: अंतर्राष्ट्रीय संबंध
C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: आज इससे संबंधित समाचार उपलब्ध नहीं हैं। D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित समाचार उपलब्ध नहीं हैं। E. संपादकीय: अंतर्राष्ट्रीय संबंध
F. प्रीलिम्स तथ्य:
G. महत्वपूर्ण तथ्य: आज इससे संबंधित समाचार उपलब्ध नहीं हैं।
H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: |
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित
मालदीव और भारत के बीच हुए हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण समझौते का नवीनीकरण नहीं
अंतर्राष्ट्रीय संबंध
विषय: विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियों एवं राजनीति का भारत के हितों पर प्रभाव
मुख्य परीक्षा: भारत-मालदीव संबंध
सन्दर्भ: मालदीव ने संयुक्त हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण के लिए भारत के साथ हुए 2019 के समझौता ज्ञापन को नवीनीकृत नहीं करने का निर्णय लिया। इस द्वीप राष्ट्र से भारतीय सैनिकों की वापसी की मांग की जा रही है।
संयुक्त हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण निर्णय:
- कैबिनेट निर्णय:
- मालदीव की कैबिनेट ने 2023 में समाप्त होने वाले MoU को नवीनीकृत नहीं करने का निर्णय लिया।
- मुख्य प्रवक्ता मोहम्मद शाहिब ने बिना कारण बताए इसे कैबिनेट का निर्णय बताया।
- सर्वेक्षणों की पृष्ठभूमि:
- 2019 समझौते के बाद से तीन संयुक्त हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण आयोजित किए गए।
- उन्नत नेविगेशनल सुरक्षा और ब्लू इकोनॉमी विकास के लिए अद्यतन नेविगेशनल चार्ट तैयार करने का लक्ष्य है।
- आलोचकों का विरोध:
- अब्दुल्ला यामीन के नेतृत्व में ‘इंडिया आउट’ अभियान का हिस्सा सरकारी आलोचक इस पहल का विरोध करते हैं।
- इसको लेकर मालदीव की संप्रभुता के उल्लंघन के आरोप लगते हैं।
सेना वापसी की मांग:
- राष्ट्रपति की घोषणा:
- राष्ट्रपति मुइज्जू ने भारतीय सैनिकों की वापसी की मांग की घोषणा की।
- यह घोषणा UAE में COP-28 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई बैठक के बाद आई है।
- नेताओं की चर्चा:
- सेना वापसी मुद्दे पर पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू के बीच संक्षिप्त चर्चा हुई
- विदेश मंत्रालय ने राष्ट्रपति की घोषणा पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
भावी कदम:
- संवाद और कूटनीति:
- इन निर्णयों के पीछे के कारणों को समझने के लिए कूटनीतिक चर्चा में शामिल होना।
- सरकारी आलोचकों द्वारा उठाई गई चिंताओं पर स्पष्टीकरण मांगना।
- संप्रभुता संबंधी चिंताओं का समाधान करना:
- संयुक्त पहल की सहयोगी प्रकृति को लेकर आश्वासन प्रदान करना।
- मालदीव की संप्रभुता के लिए पारस्परिक लाभ और सम्मान पर जोर देना।
- सेना वापसी पर बातचीत:
- चिंताओं को दूर करने और शर्तों पर बातचीत करने के लिए संवाद चैनल खोलना।
- द्विपक्षीय सहयोग बनाए रखने के लिए पारस्परिक रूप से सहमत समाधान की दिशा में काम करना।
सारांश: मालदीव द्वारा लिए गए निर्णयों के घटनाक्रम से भारत-मालदीव संबंधों के लिए चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। सामंजस्यपूर्ण साझेदारी सुनिश्चित करने, चिंताओं को समझने और इसके समाधान के लिए राजनयिक प्रयासों की आवश्यकता है। |
संपादकीय-द हिन्दू
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित
भारत-ओमान संबंध
अंतर्राष्ट्रीय संबंध
विषय: विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियों एवं राजनीति का भारत के हितों पर प्रभाव
मुख्य परीक्षा: भारत-ओमान संबंध
सन्दर्भ: सुल्तान हैथम बिन तारिक 16 दिसंबर, 2023 से भारत की राजकीय यात्रा पर हैं। भारत के लिए ओमान के रणनीतिक महत्व को देखते हुए इस यात्रा का महत्व है।
ऐतिहासिक संबंध
- भारत और ओमान के बीच व्यापार का इतिहास कई सहस्राब्दियों पुराना है और ओमान में पुरातात्विक उत्खनन से ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी के आसपास के प्राचीन काल के दौरान भारत-ओमान व्यापार के साक्ष्य मिले हैं।
- बाद में, ओमान का गुजरात के माध्यम से भारतीयों के साथ और मालाबार तट के साथ तमिलकम के साथ संपर्क स्थापित हुआ।
- ओमान और ज़ांज़ीबार के सुल्तानों ने जयराम शिवजी जैसे कच्छ के साहूकारों पर काफी भरोसा किया।
- बड़ी संख्या में कच्छ के भाटिया समुदाय कच्छ से मस्कट और मस्कट से ज़ांज़ीबार गए।
समकालीन संबंध
- 2008 में प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह की ओमान यात्रा के दौरान इस संबंध को रणनीतिक साझेदारी में परिणत किया गया था।
- ओमान भारत की पश्चिम एशिया नीति का एक प्रमुख स्तंभ रहा है।
- ओमान खाड़ी में भारत का एक रणनीतिक साझेदार है तथा खाड़ी सहयोग परिषद (GCC), अरब लीग, हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (IORA) और हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी (IONS) में महत्वपूर्ण वार्ताकार है।
ओमान का सामरिक महत्व:
- भूराजनीतिक महत्व:
- भारत से निकटता, अरब सागर के किनारे प्रमुख ओमानी बंदरगाह, ओमान की खाड़ी और फारस की खाड़ी तक पहुंच।
- ओमान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के साथ, खाड़ी क्षेत्र में भारत के लिए महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदारी सुनिश्चित करता है।
- ऐतिहासिक संबंध:
- ओमान और भारत के शासक परिवार के बीच मजबूत ऐतिहासिक संबंध।
- सुल्तान काबूस का भारत के प्रति सकारात्मक रुख, भारतीय कंपनियों और पेशेवरों को आमंत्रित करना।
- कूटनीति और शांति में भूमिका:
- संघर्ष-प्रवण क्षेत्र में शांति के द्वीप के रूप में ओमान की भूमिका।
- संयम, मध्यस्थता और सुचिंतित तटस्थता पर आधारित विदेश नीति का अनुसरण।
- प्रमुख राजनयिक सहभागिता:
- 2019 में फारस की खाड़ी संकट के दौरान तनाव फैलाने में ओमान की भूमिका।
- जुलाई 2015 में ईरान परमाणु समझौते में ओमान की भागीदारी।
- 2017 में कतर के साथ राजनयिक संबंध तोड़ने से इंकार किया।
भारत-ओमान रणनीतिक साझेदारी:
- रक्षा एवं सुरक्षा:
- 2005 में रक्षा और सुरक्षा जुड़ाव को प्रशासित करने वाला समझौता ज्ञापन।
- भारत की रक्षा सेनाओं के तीनों अंगों के साथ संयुक्त अभ्यास।
- संयुक्त सैन्य अभ्यास: अल नजाह (सैन्य अभ्यास), ईस्टर्न ब्रिज (वायु सेना अभ्यास), नसीम अल बहर (नौसेना अभ्यास)।
- डुक्म पोर्ट: 2018 में, भारत ने घोषणा की कि उसने भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना के लिए डुक्म में सुविधाओं तक पहुंच सुरक्षित कर ली है।
- जून 2019 में फारस की खाड़ी संकट के दौरान, भारतीय नौसेना ने भारतीय ध्वज वाले जहाजों के सुरक्षित मार्ग को सुनिश्चित करने के लिए ‘ऑपरेशन संकल्प’ शुरू किया, जो प्रायः ओमान के तट से संचालित हुए।
- सूडान में ऑपरेशन कावेरी और अदन की खाड़ी में समुद्री डकैती विरोधी मिशन।
- आर्थिक एवं सांस्कृतिक संबंध
- ओमान भारत के लिए तेल, खनिज, LNG, पॉलीथीन, प्रोपाइलेट, एल्यूमीनियम और यूरिया का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता है।
- ओमान के मामले में, भारत उसके आयात के लिए तीसरा सबसे बड़ा (UAE और चीन के बाद) स्रोत था और उसके गैर-तेल निर्यात के लिए तीसरा सबसे बड़ा बाजार (UAE और सऊदी अरब के बाद) था।
- प्रमुख भारतीय वित्तीय संस्थानों की ओमान में मौजूदगी है।
- 2022 में, भारत और ओमान ने ओमान में रुपे डेबिट कार्ड लॉन्च किया, जो दुनिया में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) को बढ़ावा देने की भारत की पहल का प्रमुख आधार है।
- भारतीय कंपनियों ने ओमान में लोहा और इस्पात, सीमेंट, उर्वरक, कपड़ा आदि क्षेत्रों में निवेश किया है।
- ओमान में लगभग 7 लाख लोगों का बड़ा भारतीय समुदाय रहता है।
- व्यापार एवं वाणिज्य:
- वित्त वर्ष 2022-23 में द्विपक्षीय व्यापार 12.388 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया।
- 7.5 बिलियन डॉलर से अधिक के निवेश के साथ 6,000 से अधिक भारत-ओमान संयुक्त उद्यम।
- 2022 में ओमान के कच्चे तेल निर्यात के लिए भारत दूसरा सबसे बड़ा बाजार था।
- हालिया घटनाक्रम:
- अक्टूबर 2022 में ओमान में रुपे डेबिट कार्ड लॉन्च हुआ।
- अंतरिक्ष सहयोग पर समझौता ज्ञापन और दुर्लभ मृदा धातुओं की संयुक्त खोज पर संभावित समझौता।
- भारत-मध्य-पूर्व-यूरोप कनेक्टिविटी कॉरिडोर (IMEEC) और दक्षिण एशिया गैस एंटरप्राइज (SAGE) पाइपलाइन परियोजना के लिए प्रस्ताव।
सारांश: ओमान पश्चिम एशिया के लिए भारत का प्रवेश द्वार है और क्षेत्रीय स्थिरता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। चल रहे इज़राइल-हमास युद्ध से सुल्तान हैथम बिन तारिक की यात्रा का महत्व बढ़ जाता है, जो इस यात्रा को भारत और इस क्षेत्र के लिए सामयिक और महत्वपूर्ण बनाता है। |
प्रीलिम्स तथ्य
1. इथेनॉल उत्पादन पर सरकार का यू-टर्न
सन्दर्भ: इथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ने के रस के इस्तेमाल पर लगे प्रतिबंध पर सरकार का रूख बदला है। गन्ने के रस और बी-हैवी शीरा दोनों के उपयोग के लिए लचीलापन दिया गया, 2023-24 में इसके लिए 17 लाख टन चीनी उपयोग (डायवर्जन) की सीमा तय की गई।
पृष्ठभूमि और निर्णय में बदलाव:
- प्रारंभिक प्रतिबंध:
- एक सप्ताह पहले सरकार ने इथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ने के रस और चीनी सिरप के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था।
- उद्योग जगत ने फैसले को वापस लेने की मांग की थी।
- संशोधित निर्णय:
- 15 दिसंबर: सरकार ने प्रतिबंध वापस ले लिया और इथेनॉल के लिए गन्ने के रस और बी-हैवी शीरा के उपयोग की अनुमति दी।
- 2023-24 आपूर्ति वर्ष के लिए चीनी उपयोग 17 लाख टन पर सीमित किया गया।
चीनी उत्पादन संबंधित चुनौतियाँ:
- 2023-24 में चीनी उत्पादन में 32.3-33 मिलियन टन की गिरावट का अनुमान।
- कारक: कम गन्ना उत्पादन, हाल की बारिश से रिकवरी पर असर, महाराष्ट्र और कर्नाटक में सूखा।
इथेनॉल सम्मिश्रण लक्ष्य:
- 2023-24 आपूर्ति वर्ष के लिए पेट्रोल में 15% इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य।
- पिछले आपूर्ति वर्ष (2022-23) में 12% सम्मिश्रण हासिल किया गया।
- उद्योग का वित्तीय स्वास्थ्य
चिंताएं और मांग:
- चीनी की कम कीमतें, चीनी का निर्यात नहीं होने और इथेनॉल के लिए गन्ने के रस पर प्रतिबंध के कारण उद्योग को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
- मिल मालिकों की वित्तीय सेहत में सुधार के लिए इथेनॉल की कीमतों में संशोधन की मांग।
निर्यात और उत्पादन अनुमान:
- विपणन वर्ष 2022-23 में भारत ने 64 लाख टन चीनी का निर्यात किया।
- 2023-24 में 325 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान है, जिसमें इथेनॉल के लिए 17-20 लाख टन का संभावित उपयोग शामिल है।
निवेश और जोखिम:
- उद्योग ने इथेनॉल उत्पादन क्षमता के लिए पिछले तीन वर्षों में ₹15,000 करोड़ का निवेश किया।
- नीतियों में अनिश्चितताओं के कारण बड़े निवेश से जुड़ा जोखिम है।
इथेनॉल मूल्य निर्धारण की मांगें:
- इथेनॉल मूल्य संशोधन: बी-हैवी शिरा के लिए इथेनॉल की कीमतें ₹59 से बढ़ाकर ₹64 प्रति लीटर करने की मांग। सी-हैवी शिरा की कीमत ₹49 प्रति लीटर से बढ़ाकर ₹58-59 प्रति लीटर की जाएगी।
2. G7 ने रूसी हीरों पर प्रतिबंध लगाया
सन्दर्भ: G7 देशों ने अपने बाज़ारों में रूसी हीरों के प्रवेश को रोकने की योजना बनाई है।
- ये प्रतिबंध 1 मार्च, 2024 से एक कैरेट और उससे अधिक के हीरों पर लागू होंगे, जो ट्रेसबिलिटी सिस्टम के साथ सितंबर से आधा कैरेट या उससे कम तक बढ़ जाएंगे।
भारत का आत्मविश्वास और प्रतिबद्धता:
- प्रभाव का आकलन:
- भारतीय व्यापार अधिकारियों ने विश्वास व्यक्त किया कि G7 द्वारा लगाया गया हीरे पर प्रतिबंध भारत के हीरा प्रसंस्करण व्यवसायों को कम से कम बाधित करेगा।
- चिंताओं को दूर करने और समाधान खोजने के लिए EU और G7 तकनीकी टीमों के साथ जुड़ाव।
- रूसी हीरे की विशेषताएं:
- कच्चे रूसी हीरे आम तौर पर छोटे होते हैं।
- भारत द्वारा काटे और पॉलिश किये गये हीरे मुख्यतः 0.5 कैरेट से कम के होते हैं।
- भारत पर अपेक्षित प्रभाव आरंभिक अनुमान से कम रहेगा।
- हीरा प्रसंस्करण में भारत का महत्व:
- भारत में दुनिया के 90-95% हीरों की पॉलिशिंग होती है।
- हीरा उद्योग में भारत के महत्व को G7 द्वारा समझा गया है।
- भारत के हस्तक्षेप से G7 योजनाओं में समायोजन हुआ।
3. लाल सागर में हुती का हमला
सन्दर्भ: यमन के हुती विद्रोहियों ने लाल सागर में हालिया हमले में मालवाहक जहाज को निशाना बनाया।
विवरण:
- यमन के हुती विद्रोहियों ने लाइबेरिया के झंडे वाले मालवाहक जहाज अल-जसरा पर हमला किया, जिससे डेक पर आग लग गई। यह व्यावसायिक रूप से महत्वपूर्ण जलमार्ग पर हमलों की लगभग दैनिक आधार पर होने वाली घटना है।
- ईरान समर्थित हुती का कहना है कि वे गाजा पट्टी में फिलिस्तीनी हमास आतंकवादियों के साथ युद्ध में शामिल इजरायल पर दबाव बनाने के लिए इन जहाज़ों को निशाना बना रहे हैं।
4. एस्सेकिबो क्षेत्र
सन्दर्भ: वेनेज़ुएला, गुयाना भूमि विवाद को निपटाने के लिए ‘बल प्रयोग’ नहीं करने पर सहमत हुए।
विवरण:
- वेनेज़ुएला और गुयाना के राष्ट्रपति ने तेल-समृद्ध एस्सेकिबो क्षेत्र पर लंबे समय से चल रहे और हाल ही में फिर से हुए विवाद को निपटाने के लिए बल-प्रयोग का सहारा नहीं लेने के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त की।
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
1. प्रायः चर्चा में रहने वाला एस्सेक्विबो क्षेत्र, निम्नलिखित से किन देशों के बीच विवाद का कारण है?
(a) गुयाना और वेनेज़ुएला
(b) वेनेजुएला और ब्राजील
(c) ब्राजील और गुयाना
(d) गुयाना और सूरीनाम
उत्तर: a
व्याख्या:
एस्सेक्विबो गुयाना का पश्चिमी क्षेत्र है जिस पर वेनेज़ुएला अपना दावा करता है। यह खनिज-समृद्ध क्षेत्र वेनेज़ुएला और गुयाना के बीच विवाद का कारण है।
2. इथेनॉल के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. यह चीनी और स्टार्च-आधारित फीडस्टॉक्स जिसका उपयोग आहार और पशु चारे के रूप में भी किया जाता है, से उत्पादित जैव ईंधन है।
2. अनाज से इथेनॉल की पैदावार शीरा की तुलना में अधिक होती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
उत्तर: c
व्याख्या: दोनों कथन सही हैं।
3. निम्नलिखित में से किस देश की सीमा लाल सागर से नहीं लगती है?
(a) लीबिया
(b) यमन
(c) सूडान
(d) इरीट्रिया
उत्तर: a
व्याख्या: लीबिया की सीमा लाल सागर से नहीं लगती है। इसकी सीमा भूमध्य सागर से लगती है।
4. निम्नलिखित देशों में से कौन सा G7 और G20 दोनों का सदस्य है?
(a) ऑस्ट्रेलिया
(b) मेक्सिको
(c) ब्राजील
(d) कनाडा
उत्तर: d
व्याख्या: कनाडा G7 समूह के साथ-साथ G20 का भी सदस्य है।
5. अभ्यास ‘अल नजाह’, ‘ईस्टर्न ब्रिज’ और ‘नसीम अल बहर’ भारत और निम्नलिखित में से किस देश के बीच का संयुक्त सैन्य अभ्यास हैं?
(a) ओमान
(b) सऊदी अरब
(c) संयुक्त अरब अमीरात
(d) मालदीव
उत्तर: a
व्याख्या:
भारत और ओमान के बीच के संयुक्त सैन्य अभ्यास इस प्रकार हैं: अल नजाह (सैन्य अभ्यास), ईस्टर्न ब्रिज (वायु सेना अभ्यास), नसीम अल बहर (नौसेना अभ्यास)।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
1. ओमान पश्चिम एशिया में भारत के प्रवेश द्वार के रूप में उभरा है। इनके रणनीतिक संबंधों और प्राथमिकताओं में विकास का भारत के लिए क्या महत्त्व है ? चर्चा कीजिए। (250 शब्द, 15 अंक) (सामान्य अध्ययन – II, अंतर्राष्ट्रीय संबंध)
2. मालदीव के साथ भारत के संबंधों में हालिया गिरावट के कारणों का विस्तार से परीक्षण करते हुए विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द, 15 अंक) (सामान्य अध्ययन – II, अंतर्राष्ट्रीय संबंध)
(नोट: मुख्य परीक्षा के अंग्रेजी भाषा के प्रश्नों पर क्लिक कर के आप अपने उत्तर BYJU’S की वेव साइट पर अपलोड कर सकते हैं।)