A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

आज इससे संबंधित समाचार उपलब्ध नहीं हैं।

B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

राजव्यवस्था

  1. CAA और इसके नियमों पर रोक लगाने की मांग वाली याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय 19 मार्च को सुनवाई करेगा

शासन

  1. कई शीर्ष चुनावी बांड चंदा दाता ED, आयकर विभाग की जांच के दायरे में थे

C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

अर्थव्यवस्था

  1. भारत ने EV पर आयात शुल्क 70-100% से घटाकर 15% करके टेस्ला को आकर्षित किया

सुरक्षा

  1. व्यवहार विश्लेषण के साथ प्रौद्योगिकी-प्रयोग वित्तीय धोखाधड़ी को रोक सकती है: दास

D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित:

आज इससे संबंधित समाचार उपलब्ध नहीं हैं।

E. संपादकीय:

अर्थव्यवस्था

  1. खाद्य कारक

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

  1. सेंट पैट्रिक दिवस पर भविष्य की ओर दृष्टिकोण

F. प्रीलिम्स तथ्य:

  1. राजनाथ सिंह ने दिल्ली में नौसेना के अत्याधुनिक मुख्यालय का उद्घाटन किया।

G. महत्वपूर्ण तथ्य:

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H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

16 March 2024 Hindi CNA
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित

CAA और इसके नियमों पर रोक लगाने की मांग वाली याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय 19 मार्च को सुनवाई करेगा

राजव्यवस्था

विषय: भारतीय संविधान के महत्वपूर्ण संशोधन

प्रारंभिक परीक्षा: CAA के प्रावधान

मुख्य परीक्षा: CAA कार्यान्वयन के मुद्दे

संदर्भ: नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) और इसके नियमों को लेकर विवाद से इसके कार्यान्वयन पर रोक लगाने की मांग करने वाली कई याचिकाएँ डाली गई हैं। भारत का उच्चतम न्यायालय 19 मार्च, 2024 को इन याचिकाओं पर सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया है। 2019 में अधिनियमित CAA का उद्देश्य अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता तेजी से प्रदान करना है। हालाँकि, इसकी वैधता को धर्म के आधार पर भेदभाव को लेकर चुनौती दी गई है।

मुद्दे

  • कानूनी चुनौती: प्राथमिक तर्क यह है कि CAA धर्म के आधार पर नागरिकता प्रदान करने में भेदभाव करता है, जो संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन है।
  • CAA के सामने चुनौतियाँ: इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) CAA की वैधता को चुनौती देने वाली मुख्य याचिकाकर्ता है, जिसका तर्क है कि यह धर्म के आधार पर नागरिकता देने में भेदभाव करता है। डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (DYFI) ने भी एक आवेदन दायर कर कानून के कार्यान्वयन पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की है।
  • कार्यान्वयन का समय: चुनाव से ठीक पहले नियमों को अधिसूचित करने के समय को लेकर चिंताएँ व्यक्त की गई हैं, जिससे राजनीतिक उद्देश्यों पर संदेह पैदा हो रहा है।
  • अपरिवर्तनीय प्रक्रिया: एक बार CAA के तहत नागरिकता प्रक्रिया शुरू होने के बाद, यह तर्क दिया गया है कि इसमें बदलाव नहीं किया जा सकता है, जिससे संभावित रूप से दीर्घकालिक प्रभाव पड़ सकते हैं।

महत्व

  • संवैधानिक निहितार्थ: इन याचिकाओं के नतीजे के नागरिकता अधिकारों और कानून के समक्ष समानता के संबंध में महत्वपूर्ण संवैधानिक निहितार्थ हैं।
  • राजनीतिक प्रभाव: CAA से जुड़े विवाद के राजनीतिक प्रभाव हैं, जो सार्वजनिक चर्चा और धारणाओं को प्रभावित कर रहे हैं।
  • मानवाधिकार संबंधी चिंताएँ: अल्पसंख्यक अधिकारों की सुरक्षा और भारतीय संविधान में निहित धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों के संबंध में बड़े स्तर पर चिंताएँ हैं।

समाधान

  • न्यायिक समीक्षा: CAA याचिकाओं की उच्चतम न्यायालय की समीक्षा इसकी संवैधानिकता के संबंध में चिंताओं को दूर करने के लिए एक कानूनी अवसर प्रदान करती है।
  • विधायी संशोधन: यदि आवश्यक समझा जाए, तो उठाए गए मुद्दों का समाधान करने और गैर-भेदभावपूर्ण नागरिकता मानदंड सुनिश्चित करने के लिए CAA में संशोधन प्रस्तावित किया जा सकता है।
  • सार्वजनिक चर्चा और जागरूकता: निरंतर सार्वजनिक चर्चा और जागरूकता अभियान भारतीय समाज के लिए समस्याग्रस्त मुद्दों और उनके निहितार्थों की समझ को बढ़ावा दे सकते हैं।

सारांश: CAA और इसके नियमों पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने का उच्चतम न्यायालय का निर्णय इस कानून द्वारा उत्पन्न कानूनी और संवैधानिक चुनौतियों के महत्व को दर्शाता है। इन कार्यवाहियों के नतीजे न केवल नागरिकता नीतियों को आकार देंगे बल्कि भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों तथा समावेशिता और समानता के प्रति प्रतिबद्धता पर भी व्यापक प्रभाव डालेंगे।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित

कई शीर्ष चुनावी बांड चंदा दाता ED, आयकर विभाग की जांच के दायरे में थे

शासन

विषय: विभिन्न क्षेत्रों के विकास के लिए सरकारी नीतियां और हस्तक्षेप

मुख्य परीक्षा: चुनावी बांड से जुड़े मुद्दे

सन्दर्भ: यह जानकारी सामने आयी है कि कई शीर्ष चुनावी बांड दाता पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आयकर (I-T) विभाग जैसी एजेंसियों द्वारा जांच के दायरे में थे, जो राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता और शुचिता को लेकर महत्वपूर्ण चिंताएं उत्पन्न करती है। ऐसे पैटर्न सामने आए हैं जहां कंपनियों ने जांच का सामना करने से पहले या बाद में चुनावी बांड की पर्याप्त खरीदारी की, जो राजनीतिक चंदे और नियामक कार्रवाइयों के बीच संभावित संबंधों का सुझाव देता है।

मुद्दे

  • चंदे का संदिग्ध समय: कंपनियों द्वारा चुनावी बांड खरीद का समय, प्रवर्तन एजेंसियों की जांच से पहले या बाद में, राजनीतिक योगदान के पीछे संभावित उद्देश्यों का संदेह पैदा करता है।
  • नियामक कार्रवाइयों पर संभावित प्रभाव: चन्दा और नियामक जांच के बीच सहसंबंध से राजनीतिक फंडिंग के माध्यम से प्रभाव डालने की संभावना बनती है, जिससे नियामक प्रक्रियाओं की शुचिता को लेकर चिंताएं बढ़ जाती हैं।
  • चुनावी बांड की अपारदर्शी प्रकृति: चुनावी बांड के आसपास की अपारदर्शिता, जिसमें दाताओं की गुमनामी और प्रकटीकरण आवश्यकताओं की कमी शामिल है, राजनीतिक फंडिंग में जवाबदेही और पारदर्शिता के बारे में चिंताओं को बढ़ाती है।

डेटा:

  • फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज पीआर: लॉटरी घोटाले के लिए ईडी द्वारा जांच किए जाने के बावजूद, यह कंपनी चुनावी बांड मार्ग के माध्यम से राजनीतिक दलों को सबसे बड़ी चन्दा दाता थी। इसने ईडी की तलाशी से पहले और बाद में चुनावी बांड की बड़ी खरीदारी की।
  • समान निदेशक वाली कोलकाता स्थित कंपनियां: केवेंटर फूड पार्क इंफ्रा लिमिटेड, MKJ एंटरप्राइजेज लिमिटेड, और मदनलाल लिमिटेड एक ही पते पर पंजीकृत तीन कंपनियां हैं और इनके एक ही निदेशक हैं। उन्होंने सामूहिक रूप से चुनावी बांड के माध्यम से बड़ी मात्रा में चन्दा दिया, जिसमें विशिष्ट बैचों में उल्लेखनीय खरीद की गई।
  • केवेंटर एग्रो को लेकर विवाद: पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा मेट्रो डेयरी में अपनी हिस्सेदारी केवेंटर एग्रो को बेचने के बाद केवेंटर एग्रो को विवाद का सामना करना पड़ा। ED ने विनिवेश की जांच की लेकिन कानूनी कार्यवाही के बाद जांच की गति धीमी हो गई।
  • यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ग्रुप: आयकर विभाग द्वारा इसके परिसरों की तलाशी के बाद इस समूह ने चुनावी बांड के माध्यम से बड़ी राशि चन्दा दिया।
  • अरबिंदो फार्मा: अरबिंदो फार्मा के निदेशक की गिरफ्तारी के बाद कंपनी ने चुनावी बांड खरीदे। गिरफ्तारी के बाद भी कंपनी ने बांड खरीदना जारी रखा।
  • शिरडी साई इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड और कल्पतरु प्रोजेक्ट्स इंटरनेशनल: दोनों कंपनियों को आयकर तलाशी का सामना करना पड़ा। शिरडी साई इलेक्ट्रिकल्स ने तलाशी के बाद चुनावी बांड खरीदे, जबकि कल्पतरु प्रोजेक्ट्स इंटरनेशनल ने इसी तरह की तलाशी से पहले और बाद में बांड खरीदे।

महत्त्व

  • लोकतांत्रिक सिद्धांतों के लिए खतरा: कॉर्पोरेट संस्थाओं और राजनीतिक दलों के बीच संभावित वस्तुओं-सेवाओं के आदान-प्रदान (Quid pro quo) की घटनाएं जवाबदेही और निष्पक्ष प्रतिनिधित्व के लोकतांत्रिक सिद्धांतों को कमजोर करती हैं।
  • सार्वजनिक अविश्वास: राजनीतिक दान और नियामक कार्यों के बीच सांठगांठ को लेकर खुलासे राजनीतिक व्यवस्था में जनता के अविश्वास को बढ़ावा देते हैं और शासन में विश्वास को कम करते हैं।
  • सुधार की आवश्यकता: इस तरह के पैटर्न का सामने आना पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए राजनीतिक फंडिंग तंत्र में सुधार की तात्कालिकता को रेखांकित करता है।

समाधान

  • नियामक निरीक्षण को मजबूत करना: राजनीतिक प्रक्रियाओं पर अनुचित प्रभाव को रोकने और नियामक कार्यों में निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए नियामक निरीक्षण तंत्र को मजबूत करने की आवश्यकता है।
  • राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता: राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता बढ़ाने के उपायों को लागू करना, जिसमें चुनावी बांड के लिए व्यापक प्रकटीकरण आवश्यकताएं और चंदा दाता जानकारी तक सार्वजनिक पहुंच शामिल है, जवाबदेही को बढ़ावा दे सकता है और अवैध प्रथाओं को रोक सकता है।
  • कानूनी सुधार: कॉरपोरेट संस्थाओं द्वारा अनुचित प्रभाव को बढ़ावा देने वाली खामियों और कमजोरियों को दूर करने के लिए राजनीतिक फंडिंग को प्रशासित करने वाले मौजूदा कानूनों और विनियमों की समीक्षा करना।

सारांश: प्रवर्तन एजेंसियों की जांच के दायरे में रही कंपनियों द्वारा चुनावी बांड चंदा का खुलासा भारत के राजनीतिक फंडिंग परिदृश्य में सुधारों की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करता है।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित

भारत ने EV पर आयात शुल्क 70-100% से घटाकर 15% करके टेस्ला को आकर्षित किया

अर्थव्यवस्था

विषय: भारत में आर्थिक विकास

मुख्य परीक्षा: भारत की इलेक्ट्रिक वाहन नीति

सन्दर्भ: इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) पर आयात शुल्क को 70-100% से घटाकर 15% करने के भारत के कदम का उद्देश्य टेस्ला जैसे वैश्विक कंपनियों को देश के भीतर विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने के लिए आकर्षित करना है। यह नीति EV निर्माताओं को स्थानीय उत्पादन में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करती है, जिससे इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में घरेलू विनिर्माण और तकनीकी प्रगति को बढ़ावा मिलता है।

मुद्दे

  • उच्च आयात शुल्क: इलेक्ट्रिक वाहनों के CBU पर पहले के उच्च आयात शुल्क ने भारतीय बाजार में वैश्विक कंपनियों के प्रवेश में बाधा उत्पन्न की, जिससे तकनीकी प्रगति और प्रतिस्पर्धा में बाधा उत्पन्न हुई।
  • स्थानीय विनिर्माण की आवश्यकता: भारत का लक्ष्य आयात पर निर्भरता कम करने और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में घरेलू विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ावा देना है।
  • घरेलू चिंताओं को संतुलित करना: सरकार को विदेशी निवेश और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को आकर्षित करने के लक्ष्य के साथ घरेलू निर्माताओं के हितों को संतुलित करने की चुनौती का सामना करना पड़ता है।

महत्त्व

  • वैश्विक कंपनियों को आकर्षित करना: आयात शुल्क कम करने से भारत वैश्विक EV निर्माताओं के लिए अधिक आकर्षक गंतव्य बन जाता है, जिससे घरेलू बाजार में प्रतिस्पर्धा और नवाचार को बढ़ावा मिलता है।
  • इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने को बढ़ावा: यह नीति टेस्ला जैसे तकनीकी रूप से उन्नत और विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त ब्रांडों के प्रवेश की सुविधा प्रदान करके इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने को प्रोत्साहित करती है, जिससे वायु प्रदूषण से निपटने और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के भारत के प्रयासों में योगदान मिलता है।
  • आर्थिक विकास और नौकरी सृजन: वैश्विक कंपनियों द्वारा स्थानीय विनिर्माण इकाइयों की स्थापना आर्थिक विकास को प्रोत्साहित कर सकती है, रोजगार के अवसर पैदा कर सकती है और इलेक्ट्रिक वाहन पारिस्थितिकी तंत्र में तकनीकी क्षमताओं को बढ़ा सकती है।

समाधान

  • सशर्त शुल्क में कटौती: आयात शुल्क में कटौती को न्यूनतम निवेश, स्थानीय विनिर्माण और घरेलू मूल्यवर्धन जैसी शर्तों से जोड़ना यह सुनिश्चित करता है कि लाभ घरेलू इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के विकास से जुड़े हैं।
  • अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देना: विदेशी और घरेलू कंपनियों के बीच अनुसंधान और विकास सहयोग को प्रोत्साहित करने से इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में जानकारी हस्तांतरण और तकनीकी नवाचार की सुविधा मिल सकती है।
  • घरेलू कंपनियों के लिए सहयोग: जहां वैश्विक कंपनियों को आकर्षित करना महत्वपूर्ण है, वहीं घरेलू निर्माताओं को प्रौद्योगिकी को उन्नत करने और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए सहयोग और प्रोत्साहन प्रदान करना संतुलित विकास पथ के लिए महत्वपूर्ण है।

सारांश: इलेक्ट्रिक वाहनों पर आयात शुल्क कम करने का भारत का निर्णय सतत गतिशीलता को बढ़ावा देने और इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में निवेश और नवाचार के लिए अनुकूल माहौल को बढ़ावा देने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित

व्यवहार विश्लेषण के साथ प्रौद्योगिकी-प्रयोग वित्तीय धोखाधड़ी को रोक सकती है: दास

सुरक्षा

विषय: भारत में आंतरिक सुरक्षा चुनौतियाँ

मुख्य परीक्षा: वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए कदम

सन्दर्भ: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मुंबई में RBI लोकपाल के वार्षिक सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने में व्यवहारिक विश्लेषण के साथ प्रौद्योगिकी-प्रयोग की क्षमता पर प्रकाश डाला। संदिग्ध उपभोक्ता व्यवहार का पता लगाने में ऐसी प्रौद्योगिकियों की प्रभावशीलता को स्वीकार करते हुए, उन्होंने ग्राहक डेटा और गोपनीयता से समझौता करने के जोखिमों के प्रति भी आगाह किया।

मुद्दे

  • विसंगतियों का पता लगाना: उपभोक्ता व्यवहार में अनियमितताओं की पहचान करना, जैसे असामान्य घंटों के दौरान लेनदेन या सामान्य पैटर्न से विचलन, वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने में महत्वपूर्ण है।
  • डेटा समझौते का जोखिम: व्यवहार विश्लेषण के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग गोपनीयता के उल्लंघन और उपभोक्ता डेटा के संभावित हेरफेर को लेकर चिंताएं बढ़ाता है, जिसके लिए उचित सुरक्षा उपायों की आवश्यकता होती है।
  • AI प्रयोग का प्रारंभिक चरण: जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) धोखाधड़ी की रोकथाम, पहचान सत्यापन और डेटा सुरक्षा का विश्वास प्रदान करता है, वहीं इन क्षेत्रों में इसका वर्तमान प्रयोग प्रारंभिक चरण में है, जिससे प्रभावी कार्यान्वयन में चुनौतियाँ पैदा होती हैं।

महत्त्व

  • बढ़ी हुई धोखाधड़ी की रोकथाम: व्यवहार विश्लेषण के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने से धोखाधड़ी का पता लगाने की क्षमताओं में काफी वृद्धि हो सकती है, जिससे वित्तीय संस्थानों और उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी गतिविधियों से बचाया जा सकता है।
  • ग्राहक अनुभव: AI-संचालित चैटबॉट और वर्चुअल असिस्टेंट के माध्यम से वैयक्तिक संपर्क ग्राहक सेवा अनुभव को बढ़ाती है, समग्र संतुष्टि और वफादारी में सुधार करती है।
  • वित्तीय संस्थानों में विश्वास: बैंकिंग क्षेत्र में विश्वास और भरोसा कायम रखना स्थिरता बनाए रखने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है, जो लोकपाल ढांचे जैसे प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र के महत्व पर प्रकाश डालता है।

समाधान

  • डेटा सुरक्षा उपाय: व्यवहार विश्लेषण में प्रौद्योगिकी के उपयोग से जुड़े जोखिमों को कम करने के लिए मजबूत डेटा सुरक्षा उपायों और गोपनीयता सुरक्षा उपायों को लागू करना आवश्यक है।
  • AI का नैतिक उपयोग: AI प्रौद्योगिकियों के नैतिक उपयोग को सुनिश्चित करने में पारदर्शी प्रथाएं, जिम्मेदार डेटा प्रबंधन तथा दुरुपयोग और हेरफेर को रोकने के लिए नियामक दिशानिर्देशों का अनुपालन शामिल है।
  • निरंतर निगरानी और सुधार: उभरते खतरों से निपटने और धोखाधड़ी रोकथाम उपायों की प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए AI क्षमताओं की नियमित निगरानी और निरंतर सुधार आवश्यक है।

सारांश: वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने में व्यवहारिक विश्लेषण के साथ जुड़े प्रौद्योगिकी की क्षमता पर शक्तिकांत दास का जोर बैंकिंग क्षेत्र में नवाचार और अनुकूलन के महत्व को रेखांकित करता है।

संपादकीय-द हिन्दू

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित

खाद्य कारक

अर्थव्यवस्था

विषय: भारत में आर्थिक विकास

मुख्य परीक्षा: उच्च खुदरा मुद्रास्फीति के मुद्दे

सन्दर्भ:​ हालिया खुदरा मुद्रास्फीति डेटा अस्थिर खाद्य कीमतों से उत्पन्न निरंतर चुनौती को सामने लाता है, जो न केवल व्यापक मुद्रास्फीति को प्रभावित कर रहा है बल्कि आर्थिक विकास के प्रमुख प्रचालक व्यक्तिगत उपभोग को भी कमजोर कर रहा है।

मुद्दे

  • खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतें: खाद्य मुद्रास्फीति, विशेष रूप से सब्जियों जैसी आवश्यक वस्तुओं में, एक प्रमुख चिंता का विषय बनी हुई है, जिसमें साल-दर-साल उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है, जो परिवारों और बड़े पैमाने पर अर्थव्यवस्था के लिए चुनौतियां खड़ी कर रही है।
  • आपूर्ति-पक्ष की बाधाएँ: कुछ खाद्य पदार्थों पर निर्यात प्रतिबंध जैसे सरकारी हस्तक्षेपों के बावजूद, कीमतों को कम करने पर प्रभाव सीमित रहा है, जो निहित आपूर्ति-पक्ष की बाधाओं और अक्षमताओं को दर्शाता है।
  • कृषि दृष्टिकोण: आगामी उद्यान-कृषि फसल वर्ष के अनुमान प्याज और आलू के उत्पादन में संभावित घाटे का संकेत देते हैं, जो पानी की कमी जैसे कारकों के कारण और बढ़ सकता है, जिससे खाद्य कीमतों का दबाव और बढ़ सकता है।

महत्त्व

  • व्यक्तिगत उपभोग पर प्रभाव: लगातार उच्च खाद्य मुद्रास्फीति विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू बजट को बाधित करती है, जिससे व्यक्तिगत उपभोग कम हो जाती है, जो परिणामस्वरूप समग्र आर्थिक विकास को प्रभावित करती है।
  • आर्थिक विकास संबंधी चिंताएँ: निजी उपभोग सकल घरेलू उत्पाद का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, साथ ही बढ़ी हुई खाद्य मुद्रास्फीति से तनाव, विशेष रूप से आगामी चुनावों के संदर्भ में, समावेशी और निरंतर आर्थिक विकास के लिए जोखिम पैदा करता है।
  • नीतिगत अनिवार्यताएँ: नीति निर्माताओं को आर्थिक विकास को बनाए रखने की अनिवार्यता के साथ मुद्रास्फीति नियंत्रण उपायों को संतुलित करने की चुनौती का सामना करना पड़ता है, जिससे खाद्य मूल्य अस्थिरता के समाधान के लिए लक्षित हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है।

समाधान

  • उन्नत आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन: भंडारण सुविधाओं और वितरण नेटवर्क सहित कृषि आपूर्ति श्रृंखलाओं में सुधार, बाजारों तक समय पर पहुंच सुनिश्चित करके और बर्बादी को कम करके मूल्य अस्थिरता को कम करने में मदद कर सकता है।
  • सिंचाई के बुनियादी ढांचे में निवेश: सिंचाई के बुनियादी ढांचे और सतत जल प्रबंधन प्रथाओं में निवेश के माध्यम से पानी की कमी का समाधान करना कृषि उत्पादकता को बढ़ाने और जलवायु परिवर्तनशीलता के प्रति लचीलेपन के लिए आवश्यक है।
  • नीति समन्वय: जनसंख्या के कमजोर वर्गों पर खाद्य मूल्य दबाव के प्रभाव को कम करने के लिए लक्षित हस्तक्षेपों पर ध्यान देने के साथ, विकास का समर्थन करते हुए मुद्रास्फीति को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए मौद्रिक और राजकोषीय अधिकारियों के बीच समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है।

सारांश: बढ़ती खाद्य मुद्रास्फीति की चुनौती आपूर्ति पक्ष की बाधाओं को दूर करने तथा व्यक्तिगत उपभोग और आर्थिक विकास पर प्रभाव को कम करने के लिए सक्रिय नीतिगत उपायों के महत्व को रेखांकित करती है।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित

सेंट पैट्रिक दिवस पर भविष्य की ओर दृष्टिकोण

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

विषय: विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियों एवं राजनीति का भारत के हितों पर प्रभाव।

मुख्य परीक्षा: आयरलैंड और भारत के बीच राजनयिक संबंध

सन्दर्भ:​ सेंट पैट्रिक दिवस 2024 भारत में विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह आयरलैंड और भारत के बीच राजनयिक संबंधों के 75 साल पूरे होने का प्रतीक है। यह अवसर स्वतंत्रता के लिए संघर्ष के दौरान दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक साझेदारी और उसके बाद व्यापार, शिक्षा और लोगों से लोगों के संबंधों में वृद्धि पर विचार करने का अवसर प्रदान करता है।

मुद्दे

  • वैश्विक संघर्ष: सेंट पैट्रिक दिवस को मनाने की भावना के बावजूद, समकालीन वैश्विक संघर्ष, जैसे यूक्रेन में रूस की कार्रवाई और इज़राइल पर हमास के हमले, ने इस पर छाया डाला, जिससे इन मुद्दों पर आयरलैंड के रुख पर विचार हुआ।
  • मानवीय चिंताएँ: अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून को बनाए रखने और गाजा जैसे संघर्षों से प्रभावित नागरिकों को सहायता प्रदान करने के लिए आयरलैंड का जोर, कमजोर आबादी की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
  • युवा जुड़ाव: वैश्विक चुनौतियों से निपटने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हुए, आयरलैंड ने जलवायु परिवर्तन शमन और मानवाधिकारों और सतत विकास की वकालत जैसे क्षेत्रों में युवाओं की सक्रियता के महत्व पर जोर दिया है।

महत्त्व

  • राजनयिक जुड़ाव: आयरलैंड और भारत के बीच राजनयिक संबंधों के 75 वर्षों का मील का पत्थर दोनों देशों के बीच मजबूत साझेदारी को सामने लाता है तथा विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग के महत्व को रेखांकित करता है।
  • वैश्विक सदस्य: प्रगति, शांति और समानता के लिए आयरलैंड की प्रतिबद्धता एक जिम्मेदार वैश्विक सदस्य के रूप में उसकी भूमिका को दर्शाती है और गंभीर वैश्विक मुद्दों का समाधान करने में सहयोगात्मक प्रयासों के महत्व को रेखांकित करती है।

समाधान

  • युवा सशक्तिकरण: युवा जुड़ाव को बढ़ावा देना तथा शिक्षा, उद्यमिता और सक्रियता के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन में योगदान करने के लिए युवाओं को सशक्त बनाना।
  • राजनयिक जोर: वैश्विक संघर्षों और मानवीय संकटों से निपटने के लिए मानवीय सिद्धांतों, अंतर्राष्ट्रीय कानून और बहुपक्षीय सहयोग पर जोर देना जारी रखना।
  • द्विपक्षीय सहयोग: आपसी समझ और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए शैक्षिक आदान-प्रदान, सांस्कृतिक साझेदारी और आर्थिक सहयोग के माध्यम से आयरलैंड और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना।

सारांश: सेंट पैट्रिक दिवस 2024 आयरलैंड के लिए भारत के साथ अपने ऐतिहासिक संबंधों को प्रतिबिंबित करने तथा वैश्विक एकजुटता, मानवीय सिद्धांतों और युवा सशक्तिकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि का एक अवसर है।

प्रीलिम्स तथ्य:

1. राजनाथ सिंह ने दिल्ली में नौसेना के अत्याधुनिक मुख्यालय का उद्घाटन किया।

सन्दर्भ: दिल्ली छावनी में भारतीय नौसेना के समर्पित मुख्यालय नौसेना भवन का उद्घाटन, नौसेना के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जिसने 13 विभिन्न स्थानों से अपने संचालन को एक उद्देश्य-निर्मित फैसिलिटी में समेकित किया है।

मुद्दे

  • खंडित संचालन: नौसेना भवन की स्थापना से पहले, भारतीय नौसेना कई स्थानों से संचालित होती थी, जिससे साजो-सामान संबंधी चुनौतियाँ और अक्षमताएँ पैदा होती थीं।
  • एकीकरण की आवश्यकता: नौसेना की बढ़ती परिचालन आवश्यकताओं तथा एक केंद्रीकृत कमांड और नियंत्रण संरचना की आवश्यकता के कारण एक समर्पित मुख्यालय का निर्माण आवश्यक हो गया था।
  • आधुनिक बुनियादी ढाँचा: नौसेना भवन के डिजाइन और निर्माण का उद्देश्य परिचालन दक्षता और पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए नवीन प्रौद्योगिकियों और सतत प्रथाओं को शामिल करना है।

महत्त्व

  • परिचालन दक्षता: नौसेना संचालन को एक ही मुख्यालय में समेकित करने से समन्वय, संचार और निर्णय लेने में वृद्धि होने की संभावना है, जिससे समग्र परिचालन दक्षता में सुधार होगा।
  • स्थिरता: ऊर्जा और जल संरक्षण पर जोर, साथ ही हरित प्रौद्योगिकियों के एकीकरण, पर्यावरणीय प्रबंधन और सतत प्रथाओं के प्रति नौसेना की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
  • सुरक्षा में वृद्धि: नौसेना भवन में अत्याधुनिक सुरक्षा सुविधाएँ और व्यापक त्रि-स्तरीय सुरक्षा प्रणाली नौसेना के मुख्यालय की सुरक्षा स्थिति को बढ़ाती है, जिससे संवेदनशील परिसंपत्तियों और सूचनाओं की सुरक्षा सुनिश्चित होती है।

महत्वपूर्ण तथ्य:

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UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

Q1) इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. इलेक्ट्रिक वाहनों के स्वामित्व की कुल लागत जीवनकाल में पारंपरिक आंतरिक दहन इंजन वाहनों की तुलना में अधिक हो सकती है।
  2. भारत सरकार की FAME इंडिया योजना का उद्देश्य EV की खरीद पर अग्रिम प्रोत्साहन प्रदान करके इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने को बढ़ावा देना है।
  3. अधिकांश इलेक्ट्रिक वाहनों में उपयोग की जाने वाली लिथियम-आयन बैटरियां पूरी तरह से बायोडिग्रेडेबल होती हैं और उनके जीवन चक्र के बाद कोई पर्यावरणीय खतरा पैदा नहीं होता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से गलत है/हैं?

  1. केवल 1 और 2
  2. केवल 2 और 3
  3. केवल 1 और 3
  4. 1, 2, और 3

उत्तर: (c)

Q2) रोगाणुरोधी प्रतिरोध (AMR) के सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. AMR स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र, पशु स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र की समस्या है।
  2. कुछ उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों में AMR पाया गया है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?

  1. केवल 1
  2. केवल 2
  3. 1 और 2 दोनों
  4. इनमे से कोई भी नहीं

उत्तर: (c)

Q3) बायोएथेनॉल के सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. बायोएथेनॉल का उत्पादन मूंगफली, सूरजमुखी तेल और कसावा जैसे कृषि फीडस्टॉक से किया जा सकता है।
  2. बायोएथेनॉल का उत्पादन कार्बन-तटस्थ माना जाता है।
  3. ई-100 ईंधन बायोएथेनॉल ईंधन है जिसमें 100% इथेनॉल होता है और पेट्रोल नहीं होता है।

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?

  1. केवल एक
  2. केवल दो
  3. सभी तीन
  4. इनमे से कोई भी नहीं

उत्तर: (a)

Q4) भोपाल के निकट वायुमंडलीय अनुसंधान परीक्षण स्थल (ART) के सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. ART का लक्ष्य भारत में वर्षा की भविष्यवाणी की सटीकता को बढ़ाना है।
  2. यह भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM), पुणे द्वारा वित्त पोषित एक परियोजना है।
  3. ART के लिए सिलखेड़ा का चयन उसकी अवस्थिति पर आधारित था, जो प्रमुख वर्षा-वाहक प्रणालियों के मार्ग के साथ संरेखित है।

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?

  1. केवल एक
  2. केवल दो
  3. सभी तीन
  4. इनमे से कोई भी नहीं

उत्तर: (b)

Q5) ‘‘यह प्रयोग 3 ऐसे अंतरिक्षयानों को काम में लाएगा जो एक समबाहु त्रिभुज की आकृति में उड़ान भरेंगे जिसमें प्रत्येक भुजा एक मिलियन किलोमीटर लंबी है और इन यानों के बीच लेज़र चमक रही होंगी।’’ यह प्रयोग निम्नलिखित में से किसे संदर्भित करता है?

  1. वोएजर-2
  2. न्यू होराइजन
  3. लिसा पाथफाइंडर
  4. इवॉल्वड LISA

उत्तर: (d)

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

  1. मौद्रिक और राजकोषीय नीतियों को प्रभावित करने में मुद्रास्फीति की भूमिका के साथ-साथ आय वितरण, क्रय शक्ति और बचत पर इसके प्रभाव का विश्लेषण कीजिए। (15 अंक, 250 शब्द) [GS-2, राजव्यवस्था]​
  2. Analyze the role of inflation in influencing monetary and fiscal policies, as well as its impact on income distribution, purchasing power, and savings. (15 marks, 250 words) [GS-2, Polity]]

  3. वित्तीय पारदर्शिता, राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर और शासन पर कॉर्पोरेट हितों के प्रभाव जैसे मुद्दों पर विचार करते हुए, देश के लोकतांत्रिक ढांचे पर चुनावी बांड के संभावित प्रभाव का समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए। (15 अंक, 250 शब्द) [GS-2, राजव्यवस्था]

Critically analyze the potential impact of electoral bonds on the democratic fabric of the country, considering issues such as financial transparency, level playing field for political parties, and the influence of corporate interests on governance. (15 marks, 250 words) [GS-2, Polity]

(नोट: मुख्य परीक्षा के अंग्रेजी भाषा के प्रश्नों पर क्लिक कर के आप अपने उत्तर BYJU’S की वेव साइट पर अपलोड कर सकते हैं।)