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UPSC परीक्षा कम्प्रेहैन्सिव न्यूज़ एनालिसिस - 16 October, 2022 UPSC CNA in Hindi

16 अक्टूबर 2022 : समाचार विश्लेषण

A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

  1. शी जिनपिंग तीसरे कार्यकाल के लिए तैयार, चीन में नए नेतृत्व का चुनाव

C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

पर्यावरण

  1. हाथी की मौत से असम में कम ऊंचाई पर लटकती बिजली की लाइनें पुनः चर्चा में

आंतरिक सुरक्षा

  1. डेथ ऑफ़ कैंप’ अब एक जीवन रक्षक के रूप में

D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

E. संपादकीय:

भारतीय राजव्यवस्था:

  1. कॉलेजियम की कार्यप्रणाली में समस्याएं

अर्थव्यवस्था:

  1. बैंक बेलआउट रिसर्च को नोबेल क्यों मिला?

F. प्रीलिम्स तथ्य:

  1. यूएस-इंडिया ट्रेड पॉलिसी फोरम 8 नवंबर को निर्धारित

G. महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. पश्चिमी घाट के संथानपारा क्षेत्र में नीलकुरिंजी की 6 किस्मों की पहचान

H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

हाथी की मौत से असम में कम ऊंचाई पर लटकती बिजली की लाइनें पुनः चर्चा में

पर्यावरण:

विषय: पर्यावरण और जैव विविधता संरक्षण

प्रारंभिक परीक्षा: देहिंग पटकाई राष्ट्रीय उद्यान।

मुख्य परीक्षा: करंट लगने से हाथी की मौत।

संदर्भ: असम में करंट लगने से एक हाथी की मौत ।

विवरण:

  • देहिंग पटकाई राष्ट्रीय उद्यान के समीप स्थित नामरूप थर्मल प्लांट के पास एक हाथी की करंट लगने से हुई मौत से असम में वन्यजीवों के आवासों के भीतर और आसपास लो-हैंगिंग हाई-टेंशन तारों का मुद्दा पुनः चर्चा में आ गया है।
    • देहिंग पटकाई राष्ट्रीय उद्यान डिगबोई और डिब्रूगढ़ वन प्रभागों के बीच विभाजित है।
  • हाथियों की मौत के मुख्य कारण इस प्रकार हैं:
    • बिजली का करंट
    • ट्रेन दुर्घटनाएं
    • विषाक्तता
  • इस क्षेत्र में एक सर्वेक्षण किया गया था और 25 स्थानों की पहचान की गई जहां हाई-टेंशन वाले तार खतरनाक रूप से कम ऊंचाई पर लटक रहे हैं। इससे हाथियों की जान को खतरा है। बिजली के करंट से होने वाली मौतें प्रायः हो रही हैं। एक सप्ताह की अवधि में इस क्षेत्र में 12 मौतें हुई हैं।
  • हाथियों की मौतों को कम करना और समस्या की पहचान करना महत्वपूर्ण है। हाथियों के आवास-क्षेत्रों में बिजली के तारों को ऊंचा रखा जाना चाहिए।

सारांश:

  • एक हफ्ते की अल्प अवधि में बड़ी संख्या में हाथियों की मौत से एक बार फिर बिजली के करंट से हाथियों की मौत का मामला चर्चा में आ गया है। यह दर्शाता है कि इस दिशा में व्यावहारिक रूप से पर्याप्त कार्रवाई नहीं हुई है। भविष्य में हाथी की मौत को रोकने के लिए तत्काल आधार पर आवश्यक उपाय करना महत्वपूर्ण है।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

शी जिनपिंग तीसरे कार्यकाल के लिए तैयार, चीन में नए नेतृत्व का चुनाव

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

विषय: विकसित देशों की नीतियों और राजनीति का प्रभाव।

मुख्य परीक्षा: चीन में राजनीतिक परिवर्तन।

संदर्भ: चीन में राष्ट्रीय कांग्रेस का आयोजन।

विवरण:

  • चीनी राष्ट्रपति द्वारा एक सप्ताह तक चलने वाली राष्ट्रीय कांग्रेस का उद्घाटन किया जाएगा। आगामी कार्यकाल के लिए नीति निर्देशों को व्यापक रूप से रेखांकित करने हेतु हर पांच साल की अवधि के बाद राष्ट्रीय कांग्रेस का आयोजन किया जाता है।
  • ऐसा अनुमान है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी आने वाले वर्षों में नए नेतृत्व का चुनाव करेगी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग तीसरी बार अपना कार्यकाल शुरू करेंगे।
  • पार्टी की 20वीं राष्ट्रीय कांग्रेस, पार्टी के संविधान में संशोधन भी करेगी और अगली केंद्रीय समिति का चयन करेगी। केंद्रीय समिति में करीब 370 सदस्य होने की संभावना है।
  • पार्टी की सामान्य प्रथा के अनुसार, नई केंद्रीय समिति की पहली बैठक के बाद 25 सदस्यीय पोलित ब्यूरो और 7 सदस्यीय पोलित ब्यूरो स्थायी समिति (PBSC) का चुनाव किया जाएगा।
  • प्रेस मीटिंग के दौरान यह भी सुझाव दिया गया कि चीन की शून्य-कोविड नीति जारी रहेगी, क्योंकि यह सबसे अधिक लागत प्रभावी नीति थी जिससे चीन को सबसे अधिक लाभ हुआ है। इस नीति में वृद्ध आबादी का एक बड़ा वर्ग शामिल था।
  • प्रस्तावित संवैधानिक संशोधन से राष्ट्रीय प्रशासन के लिए नवीन विचारों, सुझावों और रणनीतियों का प्रस्ताव किया जाएगा।
  • विभिन्न पर्यवेक्षकों का यह भी मानना है कि यह संशोधन परोक्ष रूप से शी को माओत्से तुंग के समकक्ष स्थापित करेगा। इसके परिणामस्वरूप आगामी पांच वर्षों और उससे आगे की अवधि के लिए जिनपिंग के निरंतर और निर्विवाद राजनीतिक प्रभुत्व स्थापित होगा।

सारांश:

  • चीनी राष्ट्रीय कांग्रेस ने शी जिनपिंग को चीन के राष्ट्रपति के रूप में तीसरे कार्यकाल का आश्वासन देकर, माओत्से तुंग के समकक्ष ला दिया है। कांग्रेस के अधिवेशन के बाद नवीन नेतृत्व क्रम भी सामने आएगा।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

‘डेथ ऑफ़ कैंप’ अब एक जीवन रक्षक के रूप में

आंतरिक सुरक्षा:

विषय: विकास और फैलते उग्रवाद के बीच संबंध।

मुख्य परीक्षा: मणिपुर में उग्रवाद।

पृष्ठभूमि विवरण:

  • मणिपुर में उग्रवाद का एक लंबा इतिहास रहा है और उग्रवादी इस क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से स्वचालित हथियारों को लेकर चलते थे।
  • 2004 के बाद से मणिपुर में महत्त्वपूर्ण बदलाव आया है।

केस स्टडी:

  • सजिक तम्पक मणिपुर के चंदेल जिले के चकपिकरोंग उपखंड का एक गाँव है। यह मणिपुर की राजधानी इंफाल से लगभग 90 किमी दक्षिण में स्थित है।
  • इस क्षेत्र में एक चिकित्सा इकाई स्थापित की गई है। ज्ञात हो कि यह क्षेत्र पहले चरमपंथी गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण स्थान था। यह चिकित्सा इकाई अब जीवन रक्षक दवाएं और इंजेक्शन उपलब्ध कराती है।
  • यह इकाई उस स्थान से लगभग 300 मीटर की दूरी पर है जहां वर्ष 1994 में नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालिम (NSCN) द्वारा 24 कुकी-जो आदिवासी पुरुषों की हत्या की गई थी।
  • एक दशक बाद घाटी-आधारित विद्रोही समूहों (VBIG) द्वारा इस क्षेत्र में उग्रवादी घटनाओं को अंजाम दिया गया। VBIG ने गैर-आदिवासी मैतेई लोगों की आकांक्षाओं को पूरा किया जो इंफाल घाटी में केंद्रित हैं। इस समूह ने सजिक तंपक को “मुक्त क्षेत्र” घोषित किया।
    • VBIG में प्रमुख रूप से पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA ), यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट, कांग्लेईपाक कम्युनिस्ट पार्टी और पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कांग्लेईपाक (PREPAK) हैं।
    • इन्होंने 1990 के नागा-कुकी संघर्ष के बाद इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया और 2003 में इन्हें इस क्षेत्र से समाप्त कर दिया गया था।
    • VBIG अक्सर सशस्त्र बलों के साथ मुठभेड़ों के दौरान स्थानीय निवासियों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करते थे।
  • वर्ष 2004 में असम राइफल्स के आने के बाद से लोग इस क्षेत्र में शांति से रह रहे हैं। असम राइफल्स एक सरकारी एजेंसी है जो इस क्षेत्र में कार्य करती है और स्थानीय निवासियों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करती है। इसने ग्रामीणों को चिकित्सा सेवा भी प्रदान किया है।
  • मेडिकल इकाई के बगल में एक स्कूल भी स्थापित किया गया है।
  • अक्सर यह अनुमान लगाया जाता है कि अगर मणिपुर के क्षेत्रों से सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम (AFSPA) को हटा लिया जाता है तो छोटी इकाइयों और बटालियनों को वापस बुला लिया जाएगा।
    • 1 अप्रैल, 2022 को मणिपुर के 6 जिलों के 15 पुलिस स्टेशनों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों से AFSPA को वापस ले लिया गया था।
  • यदि सैन्य या अर्धसैनिक बलों को वापस बुला लिया जाता है तो पुरानी स्थिति स्थापित हो सकती है। इसके पीछे प्रमुख कारण सजिक तम्पक की रणनीतिक स्थिति और पर्याप्त रूप से मोबाइल फोन की कनेक्टिविटी का न होना है।
  • भारत और म्यांमार की सीमा पर स्थित कंपनी ऑपरेशन बेस के लिए स्थानीय ग्रामीणों का सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है।

सारांश:

सजिक तम्पक गांव में स्थापित चिकित्सा इकाई उग्रवाद से पीड़ित क्षेत्र के लोगों के लिए वरदान साबित हुई है। इस क्षेत्र के लोगों द्वारा चिकित्सा सुविधाओं की सराहना की जाती है और यह क्षेत्र एक शांतिपूर्ण स्थान बन गया है।

संपादकीय-द हिन्दू

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित

भारतीय राजव्यवस्था

कॉलेजियम की कार्यप्रणाली में समस्याएं

विषय: न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्यप्रणाली।

मुख्य परीक्षा: कॉलेजियम प्रणाली की संरचना और कार्यप्रणाली तथा इससे जुड़ी आलोचना और कमियां।

प्रारंभिक परीक्षा: कॉलेजियम प्रणाली के बारे में तथ्य

संदर्भ: न्यायाधीशों की नियुक्ति में हालिया देरी ने उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम की कार्यपद्धति पर ध्यान वापस ला दिया है।

पृष्ठभूमि विवरण:

  • उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम की बैठक बिना किसी चर्चा और विचार-विमर्श के बंद कर दी गई क्योंकि केंद्रीय कानून मंत्री ने CJI से शीर्ष अदालत में अपने उत्तराधिकारी को नामित करने का अनुरोध किया।
    • कॉलेजियम में भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) और चार वरिष्ठतम न्यायाधीश होते हैं।
  • कॉलेजियम की बैठक के स्थगित होने और अंततः बंद होने से कॉलेजियम की कार्यप्रणाली एक बार फिर सुर्खियों में आ गई है।

इस संदर्भ में अधिक जानकारी के लिए 13 अक्टूबर 2022 का समाचार विश्लेषण पढ़ें।

कॉलेजियम की कार्यप्रणाली:

  • संविधान के अनुसार, भारत के राष्ट्रपति द्वारा CJI के परामर्श से उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति की जाती है।
  • इसकी कार्यप्रणाली का तरीका, प्रक्रिया ज्ञापन में निर्धारित किया गया है।
  • कॉलेजियम प्रणाली देश की उच्च न्यायपालिका में नियुक्तियों और तबादलों के लिए जिम्मेदार है। यह तीन दशकों से चलन में है। इसका कानूनी आधार तीन न्यायाधीश वाले मामले हैं।
    • प्रथम न्यायाधीशों के मामले में, यह निर्णय दिया गया था कि CJI के साथ परामर्श पूर्ण और प्रभावी होना चाहिए।
    • द्वितीय न्यायाधीशों के मामले (1993) में, कॉलेजियम प्रणाली पेश की गई थी। CJI को न्यायिक नियुक्तियों के मामलों पर SC के दो वरिष्ठतम न्यायाधीशों के एक कॉलेजियम से परामर्श करना होगा।
    • ‘तीन न्यायाधीशों वाले मामले’ (1998) ने कॉलेजियम को CJI और उच्चतम न्यायालय के चार वरिष्ठतम जजों की अपनी वर्तमान संरचना तक बढ़ा दिया।
  • कॉलेजियम के प्रस्तावों और सिफारिशों को उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जाता है। हालांकि, वाद-विवाद/चर्चाओं की प्रकृति और कॉलेजियम के सदस्यों (यदि कोई हो) के बीच आंतरिक मतभेद अज्ञात रहते हैं। इस प्रकार अस्पष्टता के लिए इसकी आलोचना की जाती है।
  • यह प्रस्तावों को अपनाकर और फिर उन्हें कानून मंत्रालय को भेजकर प्रमुख रूप से कार्य करता है। यदि न्यायाधीश की नियुक्ति के प्रस्ताव को पुनर्विचार के लिए वापस कर दिया जाता है, तो कॉलेजियम के पास इसे पुनः भेजने की शक्ति है।
    • यदि पुनर्विचार के बाद निर्णय को दोहराया जाता है, तो इसे स्वीकार करना सरकार के लिए बाध्यकारी हो जाता है।

हालिया विवाद और संबंधित मुद्दे:

  • बैठक को स्थगित करना पड़ा क्योंकि कॉलेजियम के सदस्यों में से एक मामलों में व्यस्त थे। इस प्रकार, विचार-विमर्श का पालन करने के तरीके में मतभेद को स्वीकार किया गया।
  • इसके अलावा, भारत के मुख्य न्यायाधीश विभिन्न नियुक्तियों से संबंधित फाइलों को प्रसारित करना चाहते थे। लेकिन कॉलेजियम में मौजूद दो न्यायाधीश प्रसारण के माध्यम से निर्णय के खिलाफ थे और इसके बजाय व्यक्तिगत रूप से विचार-विमर्श को प्राथमिकता दी।
  • केंद्रीय कानून मंत्री ने CJI के उत्तराधिकारी के नाम की भी मांग की।
    • कन्वेंशन के अनुसार, एक बार जब CJI पद के उत्तराधिकारी के लिए सिफारिश हो जाता है, तो कॉलेजियम आगे के निर्णय लेना बंद कर देता है।
    • यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि ऐसा कोई नियम या कानून नहीं है जिसमें यह निर्धारित किया गया हो कि मुख्य न्यायाधीश के कार्यकाल के अंतिम महीने के दौरान कॉलेजियम निष्क्रिय हो जाना चाहिए। इसके बजाय, इसे एक कन्वेंशन के रूप में अभ्यास किया जाता है।
  • हाल के घटनाक्रमों के परिणामस्वरूप जो मुद्दे उभरे हैं वे इस प्रकार हैं:
    • पहला और सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा जो सामने आया है: क्या व्यक्तिगत विचार-विमर्श, संचलन, या दोनों जैसे निर्णय लेने का एक निर्धारित तरीका होना चाहिए।
    • एक और मुद्दा वह व्यवस्था है जिस तरह से सभी कॉलेजियम सदस्यों को अपनी राय देनी चाहिए, जैसे लिखना, या संदेश देना (मौखिक)।
    • और संबंधित प्रश्न निर्णयों की प्रकृति है। उदाहरण के लिए, एकमत या सहमति से।
    • एक लोकप्रिय विचार यह है कि बहुमत की सिफारिश (एक या दो व्यक्त आरक्षण के साथ) सरकार को सिफारिश को अस्वीकार करने के लिए एक वैध आधार प्रदान कर सकती है।
    • इसके अलावा, वर्तमान मुख्य न्यायाधीश के कार्यकाल के अंतिम महीने में कॉलेजियम द्वारा कोई चर्चा नहीं करने की आवश्यकता भी चिंता का विषय है, क्योंकि अधिकांश मुख्य न्यायाधीशों का कार्यकाल आमतौर पर छोटा होता है (वरिष्ठता खंड के कारण)। यह उच्चतम न्यायपालिका के समग्र निर्णय लेने को धीमा कर देता है।

सारांश:

उच्चतम न्यायालय की कॉलेजियम प्रणाली अभी भी कई मुद्दों से जूझ रही है जैसा कि हाल के घटनाक्रमों में स्पष्ट है। समय की मांग है कि इस मामले पर उचित विचार किया जाए ताकि उच्च न्यायपालिका सुचारू रूप से कार्य कर सके।

संपादकीय:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

बैंक बेलआउट रिसर्च को नोबेल क्यों मिला?

अर्थव्यवस्था:

विषय: बैंकिंग क्षेत्र

प्रारंभिक परीक्षा: अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार 2022

मुख्य परीक्षा: अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार और इसका महत्व।

संदर्भ: रॉयल स्वीडिश अकादमी द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में नोबेल पुरस्कारों की घोषणा की गई।

विवरण:

  • रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में 2022 के अर्थशास्त्र में स्वेरिग्स रिक्सबैंक पुरस्कार के विजेताओं के नाम की घोषणा की।
  • संयुक्त रूप से नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किए गए तीन अर्थशास्त्री निम्न हैं:
    • पूर्व यू.एस. फेडरल रिजर्व चेयरपर्सन बेन एस. बर्नान्के। उन्होंने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है।
    • डगलस डब्ल्यू डायमंड, येल विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट।
    • फिलिप एच. डिबविग, येल विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट।
  • इन्हें “बैंकों और वित्तीय संकटों पर शोध” के लिए अर्थशास्त्र में नोबेल से सम्मानित किया गया। यह शोध 1980 के दशक की शुरुआत में किया गया था और यह आधुनिक बैंकिंग से जुड़े विभिन्न शोधों का आधार निर्मित करता है।
  • हालांकि यह विश्लेषण चार दशक पुराना है, फिर भी अर्थव्यवस्था के सुचारू कामकाज को बनाए रखने के लिए बैंकों के महत्व पर जोर देता है। इसके अलावा, इसमें संकट के दौरान बैंकों को और अधिक मजबूत बनाने, और अर्थव्यवस्थाओं पर बैंकों के पतन का वृहद प्रभाव के संभावित तंत्र का विश्लेषण भी शामिल है।
  • इनके अनुसंधान को सिद्धांत से परे व्यावहारिक रूप से वित्तीय बाजारों को विनियमित करने और संकटों के प्रबंधन में लागू किया गया था।
  • इस शोध को इस समय पुरस्कार के लिए चुना गया है क्योंकि कोविड-19 महामारी के परिणामस्वरूप विश्व अर्थव्यवस्था में संकट मंडरा रहा है।

शोध कार्य के मुख्य बिंदु:

  • बर्नांके ने 1983 में 1930 के दशक की महामंदी का विश्लेषण किया।
    • यह महामंदी संयुक्त राज्य अमेरिका में शुरू हुई और विश्व अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित किया।
    • उन्होंने तर्क दिया कि 1930 के दशक के दौरान बैंक की विफलता मंदी का परिणाम नहीं थी, बल्कि आर्थिक संकट में सहायक थी।
    • जमाकर्ताओं पर बैंकों के पतन के सामान्य प्रभाव के अलावा उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि महत्वपूर्ण उधारकर्ता प्रोफाइल खो गई थी जिससे बचत को निवेश में बदलने की क्षमता में बाधा उत्पन्न हुई।
    • अकादमी ने बताया क़ि, उन्होंने मंदी के प्रसार के लिए ऋण चैनल के महत्व को उजागर करने के लिए ऐतिहासिक दस्तावेजी साक्ष्य और अनुभवजन्य डेटा का उपयोग करके अपने विश्लेषण को सिद्ध किया।
  • डायमंड और डायबविग ने 1983 में अर्थव्यवस्था में बैंकों की भूमिका पर सैद्धांतिक मॉडल तैयार करने और क्या उन्हें सुभेद्य बनाता है के लिए सहयोग किया।
    • बैंकों के प्रोफाइल में परिसंपत्ति-देयता बेमेल का अर्थ है कि बैंक के पतन के बारे में अफवाहें भी निकासी का कारण बन सकती हैं। और इस निकासी आवश्यकता को पूरा करने के लिए, एक बैंक अपने दीर्घकालिक निवेश को बेचने के लिए मजबूर होता है।

ढांचे द्वारा दिया गया प्रस्ताव:

  • दोनों अर्थशास्त्रियों ने जमा बीमा या ‘अंतिम पायदान के ऋणदाता (lender of last resort)’ नीति जैसे समाधानों का सुझाव दिया, जिसका उपयोग सरकारों द्वारा ऐसी विफलताओं से बचने के लिए किया जा सकता है।
    • उन्होंने बताया कि जब राज्य जमाकर्ताओं के पैसे की गारंटी देता है, तो तीव्र निकासी से बचा जा सकता है।
    • दुनिया भर के विभिन्न देशों ने जमा बीमा योजनाओं को अपनाया है, भले ही वे आशा करते हैं और यह सुनिश्चित करने का प्रयास करते हैं कि इन जोखिम कवरों का दोहन करने की स्थिति उत्पन्न न हो।
  • 1984 के एक शोध पत्र में, डायमंड ने दिखाया कि बैंक सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण कार्य करते हैं जो बचतकर्ताओं और उधारकर्ताओं के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करते हैं क्योंकि वे उधारकर्ताओं की साख का आकलन करने के लिए सबसे अच्छी स्थिति में होते हैं। वे यह भी सुनिश्चित कर सकते हैं कि ऋण का उपयोग बेहतर निवेश के लिए हो ।
  • उनके निष्कर्ष अर्थव्यवस्था में बैंकों के महत्व को उजागर करते हैं और किस प्रकार उनकी सुभेद्यता विनाशकारी वित्तीय संकट में परिवर्तित हो सकती है।

भारत के लिए महत्व:

  • भारतीय परिवार और नीति निर्माता हाल के दिनों में बैंक की विफलताओं से परिचित हैं, जैसा कि विभिन्न सहकारी बैंकों में निकासी पर रोक से स्पष्ट होता है।
  • सरकार ने उच्च जमा बीमा कवरेज, कमजोर बैंकों के अधिग्रहण और बैड लोन से निपटने के लिए कदम जैसे विभिन्न उपाय अपनाए हैं।
  • ऐसा लगता है कि नोबेल पुरस्कार विजेताओं के कार्यों से मिली सीख को भारत सरकार और बैंकिंग अधिकारियों ने अपनाया है।
  • हालांकि, बड़ी वित्तीय संस्थाओं को बनाने के लिए उधारदाताओं को समेकित करने के उद्देश्य से बैंकों का निजीकरण जारी है। यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि यह कार्य नियामक और विधायी सतर्कता के साथ हो ताकि वित्तीय क्षेत्र में किसी भी दुर्घटना को कम किया जा सके।

सारांश:

अर्थशास्त्र के क्षेत्र में 2022 के नोबेल पुरस्कार ने देश के साथ-साथ विश्व की अर्थव्यवस्था में बैंकिंग के महत्व पर प्रकाश डाला है। नोबेल पुरस्कार विजेताओं के निष्कर्ष इस समय बेहद लाभदायक साबित हो सकते हैं जब महामारी के कारण एक और आर्थिक संकट की अटकलें लगाई जा रही हैं।

प्रीलिम्स तथ्य:

1. यूएस-इंडिया ट्रेड पॉलिसी फोरम 8 नवंबर को निर्धारित, साधारण परिणाम की संभावना

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

विषय: भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंध

प्रारंभिक परीक्षा: यूएस-इंडिया ट्रेड पॉलिसी फोरम

संदर्भ: यूएस-इंडिया ट्रेड पॉलिसी फोरम 8 नवंबर, 2022 को आयोजित होने वाला है।

विवरण:

  • यूएस-इंडिया ट्रेड पॉलिसी फोरम (TPF) 8 नवंबर, 2022 को वाशिंगटन डीसी में आयोजित किया जाएगा।
  • ट्रेड पॉलिसी फोरम का 12वां संस्करण नवंबर 2021 में नई दिल्ली में आयोजित किया गया था। इसे चार साल के अंतराल के बाद आयोजित किया गया था। इसके परिणामों में संयुक्त राज्य अमेरिका में भारतीय आमों और अनार की बिक्री को फिर से शुरू करना और भारत में यू.एस. चेरी का आयात था।
  • अमेरिका और भारत की अर्थव्यवस्थाओं और राजनीतिक विचारों में संरचनात्मक अंतर के कारण इस फोरम के लाभ के भविष्य में साधारण बने रहने की संभावना है।
  • भारत से सेवा क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने की अपेक्षा है, जबकि अमेरिका द्वारा वस्तु बाजार पहुंच और डेटा कानूनों तथा भारत के प्रतिस्पर्धा कानून जैसे नीतिगत वातावरण को लक्षित करने की संभावना है।
  • यू.एस.-इंडिया ट्रेड पॉलिसी फोरम के दौरान जिन मुद्दों को उठाए जाने की संभावना है, ये इस प्रकार हैं:
    • भारत को अल्फाल्फा घास के निर्यात का संकल्प।
    • राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति के दायरे में भारत के इथेनॉल और DDGS (एक पशु चारा उत्पाद) उत्पादन की कमी की पूर्ति।
    • भारत के अनुरोधों में वीजा प्रोसेसिंग समय, श्रमिक वीजा, देशों के बीच सामाजिक सुरक्षा पोर्टेबिलिटी, विभिन्न शुल्क और वरीयता की सामान्यीकृत प्रणाली शामिल हैं।

महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. पश्चिमी घाट के संथानपारा क्षेत्र में नीलकुरिंजी की 6 किस्मों की पहचान
  • केरल के इडुक्की जिले के संथानपारा में कलीपारा की पहाड़ियों पर नीलकुरिंजी का फूल खिल रहा है। वर्तमान पुष्पन ग्रेगरियस पुष्पन का एक प्रकार है।
    • सामूहिक पुष्पन ( Gregarious Flowering) बड़े पैमाने पर एक बार होने वाले पुष्पन को संदर्भित करता है।
  • नीलकुरिंजी कलीपारा पहाड़ियों की लगभग दो सौ एकड़ में फैला हुआ है। इसका तात्पर्य यह है कि यह मुन्नार के संरक्षित क्षेत्र के बाद नीलकुरिंजी आबादी के मामले में दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है।
  • यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान नीलकुरिंजी फूलों का सबसे बड़ा अभयारण्य है।
  • विशेषज्ञों ने इस क्षेत्र में नीलकुरिंजी की कुल 6 किस्मों की पहचान की है। चिन्हित प्रजातियां इस प्रकार हैं:
    • स्ट्रॉबिलेंथस कुंथियाना(Strobilanthes kunthiana)
    • स्ट्रॉबिलेंथस एनामल्लिका(Strobilanthes anamallaica)
    • स्ट्रॉबिलेंथस हेयनियस(Strobilanthes heyneanus)
    • स्ट्रॉबिलेंथस पुलिनेंसिस(Strobilanthes pulnyensis)
    • स्ट्रॉबिलेंथस नियोएस्पर(Strobilanthes neoaspe)
  • चिन्हित प्रजातियां पश्चिमी घाट के लिए स्थानिक हैं।

अधिक जानकारी के लिए 26 सितंबर 2022 के विस्तृत समाचार विश्लेषण का अध्ययन करें

UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?

  1. इसमें अपशिष्ट को तीन भागों में अलग करने के लिए अपशिष्ट उत्पादक को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
  2. आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय इन नियमों की समग्र निगरानी के लिए जिम्मेदार है।
  3. अपशिष्ट उत्पादक को अपशिष्ट (कूड़ा) उठाने वाले को ‘उपयोगकर्ता शुल्क’ देना होगा।
  4. ये नियम अब नगरपालिका क्षेत्रों से परे लागू होते हैं तथा इन्हें शहरी समूहों, जनगणना कस्बों, अधिसूचित औद्योगिक टाउनशिप, बंदरगाह और विशेष आर्थिक क्षेत्रों तक बढाया गया है।

विकल्प:

  1. केवल 1 और 2
  2. केवल 2 और 4
  3. केवल 1, 3 और 4
  4. 1, 2, 3 और 4

उत्तर: c

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: अपशिष्ट को तीन भागों, गीला (बायोडिग्रेडेबल), सूखा (प्लास्टिक, कागज, धातु, लकड़ी, आदि) और घरेलू खतरनाक कचरे (डायपर, नैपकिन, सफाई एजेंट के खाली कंटेनर, मच्छर भगाने वाले, आदि) के रूप में अलग करने और अलग किए गए कचरे को अधिकृत कचरा बीनने वालों या कचरा संग्रहकर्ता या स्थानीय निकायों को सौंपने के लिए उत्पादक के उत्तरदायित्व को शामिल किया गया है।
  • कथन 2 गलत है: पर्यावरण मंत्रालय नियमों की समग्र निगरानी के लिए उत्तरदायी है।
  • कथन 3 सही है: अपशिष्ट उत्पादक को कचरा संग्रहकर्ता को ‘उपयोगकर्ता शुल्क’ देना होगा।
  • कथन 4 सही है: ये नियम अब नगरपालिका क्षेत्रों से परे लागू होते हैं और इन्हें शहरी समूहों, जनगणना कस्बों, अधिसूचित औद्योगिक टाउनशिप, भारतीय रेलवे के नियंत्रण वाले क्षेत्रों, हवाई अड्डों, बंदरगाह, रक्षा प्रतिष्ठानों, विशेष आर्थिक क्षेत्रों, राज्य और केंद्र सरकार के संगठन, तीर्थयात्रियों, धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के स्थान तक बढ़ाया गया है।

प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रजातियों में से कौन अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (International Union for Conservation of Nature – IUCN) की लाल सूची में गंभीर रूप से लुप्तप्राय (Critically Endangered) श्रेणी से संबंधित नहीं है?

  1. अंडमान सफेद दाँतों वाली श्रू (Andaman White-toothed Shrew)
  2. भारतीय बाइसन (गौर)
  3. उत्तरी नदी टेरापिन कछुआ
  4. पुदुचेरी शार्क

उत्तर: b

व्याख्या:

  • गौर, जिसे भारतीय बाइसन के नाम से भी जाना जाता है, दक्षिण और दक्षिण पूर्व के स्थानीय जंगली मवेशियों की सबसे बड़ी प्रजातियों में से एक है। यह सुभेध वर्ग के अंतर्गत आता है।
  • गौर सदाबहार वनों या अर्ध-सदाबहार और पर्णपाती वनों में पाए जाते हैं।
  • मानव निवास से प्रभावित कुछ क्षेत्रों में गौर रात्रिचर, लेकिन अन्य स्थानों पर ये दिनचर होते हैं।

प्रश्न 3. मंगल के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?

  1. मंगल ग्रह को लाल ग्रह के रूप में जाना जाता है क्योंकि मंगल ग्रह की मिट्टी में मौजूद लौह खनिज का ऑक्सीकरण हो जाता है, या इसमें जंग लग जाता है, जिससे वहाँ की मिट्टी और वातावरण लाल दिखाई देता है।
  2. मंगल के दो छोटे चंद्रमा हैं। इनके नाम फोबोस और कैलिस्टो हैं।

विकल्प:

  1. केवल 1
  2. केवल 2
  3. दोनों
  4. इनमें से कोई भी नहीं

उत्तर: a

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: मंगल ग्रह को लाल ग्रह कहा जाता है क्योंकि मंगल ग्रह की मृदा में मौजूद लौह खनिज का ऑक्सीकरण हो जाता है, या इसमें जंग लग जाता है, जिससे मृदा और वातावरण लाल दिखाई देता है।
  • कथन 2 गलत है: फोबोस और डीमोस दो चन्द्रमा हैं जो मंगल की परिक्रमा करते हैं।

प्रश्न 4.प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक 21 वर्ष से अधिक आयु की महिला होनी चाहिए ।
  2. प्रकाशित SECC-2011 डेटा के माध्यम से लाभार्थियों का चयन या पहचान की जाएगी।
  3. इस योजना के तहत, तेल विपणन कंपनियां रीफिलिंग और स्टोव खरीदने के लिए ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करती हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

  1. केवल 1 और 2
  2. केवल 2 और 3
  3. केवल 1 और 3
  4. 1, 2 और 3

उत्तर: b

व्याख्या:

  • कथन 1 गलत है: प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का लाभ उठाने के लिए, आवेदक 18 वर्ष से अधिक आयु की महिला होनी चाहिए। वह भारत की नागरिक भी होनी चाहिए
  • कथन 2 सही है: लाभार्थियों का चयन या पहचान SECC-2011 की प्रकाशित सूची के माध्यम से की जाएगी।
  • कथन 3 सही है: इस योजना के तहत, तेल विपणन कंपनियां रीफिलिंग और स्टोव खरीदने के लिए ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करती हैं।

प्रश्न 5. भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः

  1. अंकित प्रभावी विनिमय दर (NEER) में वृद्धि रुपये की मूल्य वृद्धि को दर्शाता है।
  2. वास्तविक प्रभावी विनिमय दर (Real Effective Exchange Rate -REER) में वृद्धि व्यापार प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार को दर्शाता है।
  3. अन्य देशों में मुद्रास्फीति के सापेक्ष घरेलू मुद्रास्फीति में बढ़ने की प्रवृत्ति NEER और REER के बीच में वर्धमान अपसरण उत्पन्न कर सकता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन से सही हैं?

  1. केवल 1 और 2
  2. केवल 2 और 3
  3. केवल 1 और 3
  4. 1, 2 और 3

उत्तर: c

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: अंकित प्रभावी विनिमय दर में वृद्धि रुपये की मूल्य वृद्धि को दर्शाती है।
  • कथन 2 गलत है: जब वास्तविक प्रभावी विनिमय दर में सुधार या वृद्धि होती है तो इसका परिणाम व्यापार प्रतिस्पर्धा में कमी के रूप में दिखाई देता है।
  • कथन 3 सही है: अन्य देशों में मुद्रास्फीति के सापेक्ष घरेलू मुद्रास्फीति में बढ़ती प्रवृत्ति NEER और REER के बीच में वर्धमान अपसरण उत्पन्न कर सकता है।

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :

  1. मणिपुर में उग्रवाद को जन्म देने वाले कारकों का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए और उग्रवाद के कारण उत्पन्न वर्तमान आंतरिक सुरक्षा परिस्थिति पर प्रकाश डालिए। (250 शब्द; 15 अंक) [सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3- आंतरिक सुरक्षा]
  2. मानवीय गतिविधियों से हाथियों के लिए संकट बढ़ रहा है। इस कथन के आलोक में, भारत में बिजली के करंट के कारण हाथियों की होने वाली मृत्यु की घटनाओं में वृद्धि का मूल्यांकन कीजिए और इस संकट से निपटने के उपयुक्त उपाय हेतु सुझाव दीजिए। (250 शब्द; 15 अंक) [सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3- पर्यावरण और पारिस्थितिकी]