17 दिसंबर 2022 : समाचार विश्लेषण
A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E. संपादकीय: कला और संस्कृति:
सुरक्षा:
F. प्रीलिम्स तथ्य:
G. महत्वपूर्ण तथ्य:
H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: |
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
जापान की सुरक्षा नीति
विषय: भारत के हितों पर विकसित और विकासशील देशों की नीतियों और राजनीति का प्रभाव
मुख्य परीक्षा: एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शांति के लिए जापान की भूमिका
संदर्भ:
- जापान की सरकार ने 16 दिसंबर, 2022 को आमूल चूल परिवर्तन के साथ एक प्रमुख रक्षा नीति को मंजूरी दी।
मुख्य विवरण:
- जापान ने एक नई राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति को मंजूरी दी है, जिसमें सुरक्षा हेतु किए जाने वाले खर्च में महत्वपूर्ण वृद्धि की गई है। यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से हुए देश के सबसे बड़े रक्षा सुधारों में से एक है।
- जापान मंत्रिमंडल ने रणनीति बदलाव को रेखांकित करने वाले तीन दस्तावेजों को मंजूरी दी हैं, ये हैं- राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति (NSS), राष्ट्रीय रक्षा कार्यक्रम दिशानिर्देश और मध्यावधि रक्षा कार्यक्रम।
- जापान ने वर्ष 2027 तक सुरक्षा खर्च को बढ़ाकर सकल घरेलू उत्पाद के 2% तक करने, अपनी सैन्य कमान को फिर से आकार देने और दूर-दराज के दुश्मन प्रक्षेपण स्थलों पर हमला करने में सक्षम नई मिसाइलें विकसित करने का संकल्प लिया है।
- रक्षा खर्च में वृद्धि जापान को नाटो सदस्य दिशानिर्देशों के अनुरूप लाएगी।
निहितार्थ:
- यह देश के शांतिवादी दृष्टिकोण से एक उल्लेखनीय बदलाव है, जो दशकों से इसके राजनीतिक विमर्श पर हावी रहा है।
- ऐसा चीन और भारी हथियारों से लैस उत्तर कोरिया के खतरों का मुकाबला करने के लिए किया गया है।
- जापान चीन को “जापान की शांति और स्थिरता हासिल करने के लिए अब तक की सबसे बड़ी रणनीतिक चुनौती” के साथ-साथ जापान और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए “गंभीर चिंता” के रूप में देखता है।
- नई रणनीति के तहत बीजिंग के खतरों का मुकाबला करने के लिए यह देश अपने दक्षिणी द्वीपों में सैन्य उपस्थिति बढ़ाएगा।
- यह लगभग एक प्रतिशत के ऐतिहासिक खर्च से उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाता है और इसे कैसे वित्तपोषित किया जाएगा, इसको लेकर नई नीति की आलोचना की गई है।
- सार्वजनिक मत से पता चलता है कि जापान की जनता बड़े पैमाने पर बदलाव का समर्थन करती है, लेकिन युद्ध के बाद का जापान का संविधान आधिकारिक तौर पर सेना को मान्यता नहीं देता है और इसे नाममात्र की आत्मरक्षात्मक क्षमताओं तक सीमित करता है।
- दस्तावेज़ में पूर्वव्यापी हमलों/अचानक किए गए आक्रमण (preemptive strikes) को खारिज किया गया है और जोर दिया गया है कि जापान “एक विशेष रूप से रक्षा-उन्मुख नीति” के लिए प्रतिबद्ध है।
- एक प्रभावी जापानी काउंटर स्ट्राइक क्षमता संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ कमांड-एंड-कंट्रोल एकीकरण हेतु वर्तमान की तुलना में एक मजबूत मंच तैयार करेगी।
चीन और रूस के प्रति जापान का नया दृष्टिकोण:
- रक्षा सुधार ने चीन और रूस के प्रति जापान के रूख को काफी सख्त कर दिया है।
- जापान, जो कभी रूस के साथ बेहतर संबंध और सहयोग चाहता था, अब रूस के प्रति एशिया में इसकी सैन्य उपस्थिति के बारे में काफी मुखर है और चीन के साथ इसकी निकटता को “एक मजबूत सुरक्षा चिंता” मानता है।
- यूक्रेन पर आक्रमण के बाद रूस पर प्रतिबंध लगाने में जापान भी G7 में शामिल हो गया था, इसके परिणामस्वरुप रूस ने जापान को “अमित्र” देश करार दिया और जापान के पास अपनी सैन्य गतिविधि बढ़ा दी।
- समुद्री क्षेत्र जागरूकता, जलवायु परिवर्तन, आपदा राहत, साइबर स्पेस और बुनियादी ढांचे की घोषणा में नई पहलों के साथ ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और भारत के साथ क्वाड व्यवस्था को बढ़ावा देने में जापान एक प्रेरक शक्ति रहा है।
सारांश:
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संपादकीय-द हिन्दू
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:
कला और संस्कृति:
दो महान संस्कृतियों के बीच संपर्क स्थापना
विषय: भारतीय विरासत और संस्कृति
मुख्य परीक्षा: काशी तमिल संगमम – काशी और तमिलनाडु के बीच का संबंध।
संदर्भ:
- काशी तमिल संगमम।
विवरण:
- केंद्र सरकार का तीस दिवसीय काशी तमिल संगमम कार्यक्रम काशी (वाराणसी का प्राचीन नाम) और तमिलनाडु के बीच एक भारत, श्रेष्ठ भारत के तहत संबंधों को मजबूती देने पर केंद्रित है।
- एक भारत श्रेष्ठ भारत का उद्देश्य विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लोगों के बीच संपर्क को बढ़ाना है।
- काशी तमिल संगमम के तहत लोग छह दिनों की वाराणसी से सारनाथ, अयोध्या और प्रयागराज की यात्रा करते हैं।
- इस कार्यक्रम की अवधि 16 नवंबर से 19 दिसंबर तक चुनी गई थी, क्योंकि यह अवधि हिंदू महीना कार्तिगई के समय पड़ती है और इस अवधि के चयन से दक्षिण के मेहमान उत्तर भारत के सबसे ठंडे महीनों से पहले अपनी यात्रा पूरी कर सकेंगे।
- इस आयोजन ने भारत में मौजूद पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों के दो सबसे पुराने और सबसे महत्वपूर्ण केंद्रों को जोड़ा है।
दोनों शहरों के बीच ऐतिहासिक संबंध:
- तमिलनाडु के कई प्राचीन दार्शनिक जैसे रामुनाजाचार्य ने अपनी आध्यात्मिक शिक्षा का विस्तार करने के लिए काशी का भ्रमण किया।
- इसके अलावा, पांड्य राजा अधिवीर राम पांडियन वाराणसी की तीर्थ यात्रा पर आए थे एवं परिणामतः तमिलनाडु के तेनकासी और शिवकाशी मंदिरों की व्यवस्थाएँ वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर से प्रेरित हुई।
- तमिल ब्राह्मणों के विवाहों में एक लोकप्रिय प्रथा प्रचलित है जहां वर को वधु से विवाह करने के लिए वापस बुलाए जाने से पहले काशी यात्रा की करनी होती है।
- कालितोकई और तिरुपुगाज़ (Thiruppugazh) जैसे तमिल ग्रंथों में भी काशी के कई संदर्भ मिलते हैं।
पृष्ठभूमि विवरण:
- काशी तमिल संगमम् का प्रस्ताव शिक्षा मंत्रालय द्वारा नियुक्त भारतीय भाषाओं के प्रचार के लिए उच्चाधिकार प्राप्त समिति (भारतीय भाषा समिति) द्वारा दिया गया था।
- कार्यक्रम को लेकर वेबसाइट के अनुसार, इस कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षा के लिए एक “समग्र” दृष्टिकोण सुनिश्चित करना और “भारतीय ज्ञान प्रणालियों के खजाने” का एकीकरण है, जैसा कि 2020 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) में निर्धारित किया गया है। समग्र दृष्टिकोण में कला, संस्कृति, ज्ञान और भाषा जैसे 4 परस्पर संबंधित क्षेत्र शामिल हैं।
- काशी तमिल संगमम के उद्घाटन के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिरुक्कुरल का 13 भाषाओं में अनुवाद जारी किया। उन्होंने आगे घोषणा की कि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में तमिल कवि सुब्रमण्यम भारती या भरतियार को समर्पित एक पीठ स्थापित की जाएगी।
- वाराणसी पहुंचने वाले विभिन्न बैच 12 विभिन्न श्रेणियों (कारीगर, छात्र, व्यवसायी, साहित्य, शिक्षक, विरासत, मंदिर, आध्यात्मिकता, उद्यमी, पेशेवर, ग्रामीण और संस्कृति) के हैं।
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास (IIT मद्रास) इस आयोजन के लिए आईटी सहयोग प्रदान कर रहा है और प्रतिभागियों को पंजीकृत करने के लिए एक समर्पित वेबसाइट लॉन्च की है।
- प्रतिभागियों के शैक्षणिक सत्र के लिए विषयों के कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं:
- साहित्य समूह: भरतियार का काशी संबंध।
- आध्यात्मिक समूह: दो शहरों में वैष्णव एवं शैव मठ और मंदिर तथा भगवान शिव पर व्याख्यान।
- शिक्षक समूह: प्राचीन शैक्षणिक पद्धतियाँ और आधुनिक शिक्षा में कहानी कहने के प्राचीन रूपों को एकीकृत करने की आवश्यकता।
- विरासत समूह: इस समूह के प्रतिभागी कल्लनई बांध के बारे में जानेंगे जो कावेरी नदी पर बना है और चोल राजा करिकालन के शासनकाल के दौरान बनाया गया था।
काशी तमिल संगमम के बारे में अधिक जानकारी यहां पढ़िए:PIB Summary & Analysis for UPSC IAS Exam for 19th Nov 2022
संबंधित लिंक
Kashi Vishwanath Temple Corridor – Facts & Significance [UPSC Notes]
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित
सुरक्षा
आतंक का मुकाबला
विषय: सुरक्षा चुनौतियां और उनका प्रबंधन।
मुख्य परीक्षा: भारत के आतंकवाद विरोधी प्रयास।
संदर्भ:
- ‘वैश्विक आतंकवाद विरोधी दृष्टिकोण’ पर UNSC की विशेष ब्रीफिंग।
विवरण:
- भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर के अनुसार, आतंकवाद से निपटने के दौरान जिन चार प्रमुख क्षेत्रों पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है, वे इस प्रकार हैं:
- आतंक वित्तपोषण के लिए राष्ट्रों का समर्थन।
- बहुपक्षीय तंत्र जो अपारदर्शी और एजेंडा संचालित हैं।
- आतंकवाद का मुकाबला करने के दोहरे मापदंड और राजनीतिकरण।
- आतंकवादियों द्वारा ड्रोन और आभासी मुद्रा जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों का उपयोग जिसे “नेक्स्ट फ्रंटियर” के रूप में संदर्भित किया गया था।
- भारत द्वारा ‘वैश्विक आतंकवाद विरोधी दृष्टिकोण’ पर UNSC की एक विशेष ब्रीफिंग बुलाई गई थी। यह “आतंकवाद पर वैश्विक युद्ध” के रूप में उचित समय पर विचार-विमर्श का आयोजन था और 9/11 के बाद शुरू की गई प्रतिबंध व्यवस्थाएं सही तरह से संचालित नहीं हैं। उदाहरण के लिए, 2021 में अफगानिस्तान से बाहर निकलने की जल्दबाजी में, अमेरिका और यू.के. (UNSC के स्थायी सदस्य) ने तालिबान के साथ बातचीत करके, अफगानिस्तान में सत्ता के लिए उसके मार्ग को आसान बनाकर और पाकिस्तान में मौजूद उसके हैंडलर को फायदा पहुंचाते हुए प्रतिबंध वाली व्यवस्था को अव्यवस्थित कर दिया।
- इसके अलावा, इस बात पर प्रकाश डाला गया कि एक P-5 देश (चीन) लगातार पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया को अवरुद्ध करता है, जिनमें लश्कर और जैश-ए-मुजाहिदीन से इस वर्ष नामित पांच आतंकी शामिल हैं।
- इस बात पर चिंता व्यक्त की गई कि अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर एक व्यापक सम्मेलन के भारत के 1996 के प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए एकजुट होने के बजाय, P-5 देश रूस-यूक्रेन संघर्ष पर विभाजित और ध्रुवीकृत हैं।
- इस दिशा में, भारत अपने दो साल के UNSC कार्यकाल के दौरान मुद्दों को सही ढंग से उजागर कर रहा है और यूएन काउंटर-टेररिज्म कमेटी की बैठक, नो मनी फॉर टेरर कॉन्फ्रेंस और इंटरपोल कॉन्फ्रेंस जैसी कई ब्रीफिंग कर रहा है।
- खेदजनक घटना:
- परिषद के बाहर भारतीय विदेश मंत्री और उनके पाकिस्तानी समकक्ष के बीच गरमागरम बहस के कारण यह ब्रीफिंग पर्याप्त महत्व प्राप्त नहीं कर सकी।
- पाकिस्तान को “आतंकवाद का मुख्य केंद्र” बताए जाने के जवाब में, भारतीय प्रधानमंत्री की व्यक्तिगत तौर पर निंदा की गई।
- सरकार को इन टिप्पणियों पर ध्यान नहीं देना चाहिए और इसके बजाय इस मुद्दे पर एकता की आवश्यकता पर जोर देकर वैश्विक एजेंडा और आतंकवाद-विरोधी व्यवस्था को फिर से सक्रिय करना चाहिए।
- सभी देशों को दुनिया भर में नागरिक आबादी के लिए खतरा पैदा करने वाली कट्टरपंथी विचारधारा से प्रेरित लोगों के खिलाफ लड़ाई में सहयोग करना चाहिए और संसाधन उपलब्ध कराने चाहिए।
संबंधित लिंक:
UN Global Counter-Terrorism Strategy (GCTS) – UPSC Notes
सारांश:
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प्रीलिम्स तथ्य:
- भौगोलिक संकेत (GI) टैग
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
विषय: बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित मुद्दे
प्रारंभिक परीक्षा: भौगोलिक संकेत – भारत
संदर्भ:
- नौ नए उत्पादों को भौगोलिक संकेत (GI) का दर्जा दिया गया है।
मुख्य विवरण:
- असम के गमोचा (गमछे), तेलंगाना के तंदूर रेडग्राम, लद्दाख की रक्तसे कारपो खुबानी और महाराष्ट्र के अलीबाग सफेद प्याज सहित नौ नई वस्तुओं को भौगोलिक संकेत टैग दिया गया है।
- असम का गमोसा एक पारंपरिक कपड़ा है जिसका असम के लोगों के लिए बहुत महत्व है। पूजा और ‘नाम प्रसंग’ से संबंधित सभी अनुष्ठानों में इसका उपयोग किया जाता है।
- तंदूर रेडग्राम तेलंगाना क्षेत्र के वर्षा सिंचित इलाके में उगाई जाने वाली एक पारंपरिक फसल है। इसमें लगभग 22-24% प्रोटीन होता है, जो अनाज में मौजूद प्रोटीन से लगभग तीन गुना अधिक है।
- केरल को इसकी कृषि उपज के लिए पांच जीआई टैग से सम्मानित किया गया है।
- केरल से अट्टापडी अट्टुकोम्बु अवारा (बीन), अट्टापडी थुवारा (लाल चना), ओनाटुकारा एलु (तिल), कंथल्लूर-वट्टावाडा वेलुथुल्ली (लहसुन), और कोडुंगल्लूर पोट्टुवेलारी (स्नैप तरबूज) को जीआई टैग दिया गया है।
- अट्टापडी थुवारा एक महत्वपूर्ण पारंपरिक काष्ठीय झाड़ी है, जिसे आम तौर पर वार्षिक फसल के रूप में उगाया जाता है। केरल सरकार ने आदिवासी लोगों की आजीविका को सुरक्षित करने के लिए क्षेत्र की पारंपरिक फसलों के संरक्षण हेतु अट्टापडी बाजरा ग्राम कार्यक्रम (Attappady Millet Village programme) के तहत एक विशेष योजना तैयार की है।
- इसके साथ, भारत में जीआई टैग की कुल संख्या 432 हो गई है। इनमें से 401 भारतीय मूल के उत्पाद हैं और 31 विदेशी मूल के हैं।
- कर्नाटक और तमिलनाडु सबसे अधिक जीआई टैग प्राप्त करने वाले राज्य हैं, इसके बाद केरल (35), उत्तर प्रदेश (34) और महाराष्ट्र (31) का स्थान है। उत्पादों की अनूठी विशेषताएं, उनके उत्पादन के भौगोलिक क्षेत्र की कृषि-जलवायु परिस्थितियाँ आदि भौगोलिक संकेत टैग प्रदान किए जाने के आधार हैं।
भारत में भौगोलिक टैग पर अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें: Geographical Tags in India.
- हट्टी समुदाय
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
विषय: सामाजिक न्याय
प्रारंभिक परीक्षा: भारत की अनुसूचित जनजातियाँ
संदर्भ:
- 16 दिसंबर, 2022 को लोकसभा ने संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक, 2022 पारित किया।
मुख्य विवरण:
- लोकसभा ने राज्य की अनुसूचित जनजातियों की सूची में हिमाचल प्रदेश के ट्रांस-गिरि क्षेत्र के हट्टी समुदाय को शामिल करने के लिए संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक, 2022 पारित किया।
- विधेयक को राज्यसभा द्वारा पहले ही मंजूरी दे दी गई है।
- समुदाय को उत्तराखंड में पहले से ही अनुसूचित जनजाती (ST) के रूप में सूचीबद्ध किया जा चुका था।
- हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा उन समुदायों को छोड़कर जो पहले से ही हिमाचल प्रदेश में अनुसूचित जाति के रूप में अधिसूचित हैं, केंद्र से इस समुदाय को ST सूची में शामिल करने के अनुरोध करने के बाद सरकार ने विधेयक को पेश किया था।
- 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में 700 से अधिक मान्यता प्राप्त अनुसूचित जनजातियाँ हैं। हालाँकि, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और पुडुचेरी जैसे राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में वर्तमान में कोई सूचीबद्ध अनुसूचित जनजाति नहीं है।
- वाणिज्य मंत्रालय द्वारा व्यापार डेटा
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
विषय: अर्थव्यवस्था
प्रारंभिक परीक्षा: आयात और निर्यात डेटा
संदर्भ:
- केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़े विभिन्न वस्तुओं के आयात-निर्यात रुझान को दिखाते हैं।
आयात:
- वित्त वर्ष 2022-23 की अप्रैल-नवंबर अवधि के दौरान भारत का कच्चे तेल का आयात 52.6% बढ़कर 146.57 बिलियन डॉलर हो गया।
- इसी अवधि में कोयला और कोक का आयात 97.7% बढ़कर 37.25 अरब डॉलर हो गया।
- इलेक्ट्रॉनिक्स, रसायन, परिवहन उपकरण और वनस्पति तेल के आयात में दो अंकों की वृद्धि दर्ज की गई।
- वनस्पति तेल का आयात 16.7% बढ़कर 14.28 अरब डॉलर हो गया।
- इसी अवधि के दौरान सोने का आयात 18.1% घटकर 27.21 अरब डॉलर रह गया।
निर्यात:
- नवंबर 2022 में भारत का निर्यात 0.59% की मामूली वृद्धि के साथ 31.99 बिलियन डॉलर रहा, लेकिन महीने के दौरान व्यापार घाटा बढ़कर 23.89 बिलियन डॉलर हो गया।
- इस अवधि में विभिन्न क्षेत्रों के निर्यात में नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई।
- इंजीनियरिंग सामान (-2%), सूती धागे/कपड़े/मेड-अप (-25.8%) और प्लास्टिक (-9.66%)।
- पेट्रोलियम निर्यात 58.9% बढ़कर 62.65 बिलियन डॉलर हो गया।
- रत्न और आभूषण निर्यात 2% बढ़कर 26.45 अरब डॉलर हो गया।
चित्र स्रोत: PIB
महत्वपूर्ण तथ्य:
- ‘कस्तूरी’:
- कॉटन टेक्सटाइल्स एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (Texprocil) और कॉटन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने मौजूदा सीजन से ‘कस्तूरी’ ब्रांड के तहत भारतीय कपास की ब्रांडिंग और लेबलिंग शुरू करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे।
- केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय ने 7 अक्टूबर 2020 को विश्व कपास दिवस की पूर्व संध्या पर कपास के “कस्तूरी कॉटन इंडिया” ब्रांड की घोषणा की थी।
- इसने भारतीय कपास को एक ब्रांड और एक लोगो प्रदान किया जो सफेदी, कोमलता, शुद्धता, चमक और भारतीयता को दर्शाता है।
- यह घोषणा वैश्विक स्तर पर भारतीय कपास की छवि बनाने, भारत को आत्मनिर्भर बनाने और कपास के क्षेत्र में वोकल फॉर लोकल (vocal for local) पर ध्यान देने के साथ की गई थी।
- यह तंत्र खेत स्तर से ही कपास के पूर्ण अनुरेखण (traceability) को सक्षम बनाएगा, QR कोड आधारित प्रमाणन तकनीक से कपास की पूरी तरह से पहचान करने में मदद करेगा और भारतीय कपास की अंतरराष्ट्रीय धारणा और मूल्यांकन को बढ़ाकर “कस्तूरी कॉटन इंडिया” को एक प्रीमियम ब्रांड के रूप में बढ़ावा देगा।
- यह भारतीय कपास को घरेलू और वैश्विक दोनों बाजारों में एक विश्वसनीय गुणवत्ता वाला उत्पाद बना देगा, जिससे प्रीमियम मूल्य निर्धारण में मदद मिलेगी।
- इस सहयोग से कपास किसानों को ब्रांड निर्माण और गुणवत्ता आश्वासन के कारण उनकी उपज का वास्तविक मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
- किसान, व्यापारी और सूत कातने वाले लोग अपने कपास की ‘कस्तूरी’ ब्रांडिंग के लिए परीक्षण करवाने हेतु आवेदन कर सकते हैं।
- यह भारतीय कपास के अनुरेखण, प्रमाणन और ब्रांडिंग की पूरी जिम्मेदारी लेकर उद्योग को स्व-नियमन के सिद्धांत पर काम करने के लिए भी प्रोत्साहित करेगा।
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर-मध्यम)
- समान जुड़वा बच्चों को छोड़कर प्रत्येक व्यक्ति का DNA अनूठा होता है।
- DNA के नमूने कपड़े, लिनन और कंघों से लिए जा सकते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
- केवल 1
- केवल 2
- दोनों
- इनमें से कोई भी नहीं
उत्तर: C
व्याख्या:
- कथन 1 सही है: समान जुड़वां बच्चों को छोड़कर प्रत्येक व्यक्ति का DNA अनूठा है। चयनित DNA अनुक्रमों (जिसे लोकी (Loci) कहा जाता है) का विश्लेषण करके, अपराध प्रयोगशाला किसी संदिग्ध की पहचान करने के लिए उपयोग की जाने वाली प्रोफ़ाइल विकसित कर सकती है।
- कथन 2 सही है: DNA को कई स्रोतों से प्राप्त किया जा सकता है, जैसे बाल, हड्डी, दांत, लार और रक्त।
- चूँकि मानव शरीर में अधिकांश कोशिकाओं में DNA होता है, अतः शारीरिक द्रव की एक छोटी सी मात्रा या ऊतक भी उपयोगी जानकारी प्रदान कर सकता है। यहां तक कि उपयोग किए गए कपड़े, लिनन, कंघे, या प्रायः उपयोग की जाने वाली अन्य वस्तुओं से भी नमूने लिए जा सकते हैं।
प्रश्न 2. निम्नलिखित कथनों में से कौन सा ईगल (EAGLE) अधिनियम का सर्वोत्तम वर्णन है? (स्तर-कठिन)
- इस अधिनियम में कॉपीराइट, पेटेंट और ट्रेडमार्क जैसे बौद्धिक संपदा कानूनों के कारण संयुक्त राज्य की कंपनियों और उत्पादों के सामने मौजूद व्यापार बाधाओं को स्पष्ट किया गया है।
- यह एक संयुक्त राज्य संघीय कानून है जिसके तहत ईरान, रूस और उत्तर कोरिया के खिलाफ प्रतिबंध लगाए गए हैं।
- इस अधिनियम का लक्ष्य रोजगार पर “प्रति देश” वाली सीमा को समाप्त करके अमेरिकी नियोक्ताओं को जन्मस्थान के बजाय योग्यता के आधार पर अप्रवासियों को काम पर रखने पर ध्यान केंद्रित करने की सविधा प्रदान करना है।
- यह अधिनियम परमाणु सामग्री के नागरिक और सैन्य उपयोग दोनों पर आधारभूत अमेरिकी कानून है।
उत्तर: C
- व्याख्या: यदि EAGLE अधिनियम 2022 पारित हो जाता है, तो यह अमेरिकी नियोक्ताओं को रोजगार-आधारित अप्रवासी वीजा (ग्रीन कार्ड) पर “प्रति देश” वाली सीमा को समाप्त करके अमेरिकी नियोक्ताओं को जन्मस्थान के बजाय योग्यता के आधार पर अप्रवासियों की भर्ती पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति देगा।
- अप्रवासियों को जारी किया गया एक ग्रीन कार्ड, उन्हें स्थायी आधार पर संयुक्त राज्य अमेरिका में रहने और काम करने की अनुमति देता है। कार्ड इस बात के प्रमाण के रूप में कार्य करता है कि धारक को स्थायी रूप से निवास करने का विशेषाधिकार दिया गया है।
प्रश्न 3. न्यायालय अवकाश के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (स्तर-कठिन)
- उच्च न्यायालयों के पास सेवा नियमों (service rules) के अनुसार अपने कैलेंडर की संरचना करने की शक्ति है।
- सर्वोच्च न्यायालय की एक अवकाश पीठ भारत के मुख्य न्यायाधीश द्वारा गठित एक विशेष पीठ है।
- आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधारों की सिफारिश करने के लिए गठित न्यायमूर्ति मलिमथ समिति ने सुझाव दिया कि अवकाश की अवधि कम की जानी चाहिए।
विकल्प:
- केवल 1 और 2
- केवल 2 और 3
- केवल 1 और 3
- 1, 2 और 3
उत्तर: D
व्याख्या:
- कथन 1 सही है: सेवा नियमों के अनुसार, उच्च न्यायालयों को अपने कैलेंडर की संरचना करने की शक्ति है। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायिक कामकाज के लिए एक वर्ष में 193 कार्य दिवस होते हैं, जबकि उच्च न्यायालय लगभग 210 दिनों के लिए कार्य करते हैं, और ट्रायल कोर्ट 245 दिनों के लिए कार्य करते हैं।
- कथन 2 सही है: अवकाश पीठ गर्मियों और सर्दियों की छुट्टियों के दौरान भारत के मुख्य न्यायाधीश द्वारा ‘अत्यावश्यक मामलों’ की सुनवाई के लिए नामित विशेष पीठ हैं, जिसमें जमानत, बंदी प्रत्यक्षीकरण और अन्य मौलिक अधिकारों से संबंधित याचिकाएं शामिल हैं।
- कथन 3 सही है: वर्ष 2000 में, न्यायमूर्ति मलिमथ समिति ने सुझाव दिया था कि मामलों की लंबी लम्बितता को ध्यान में रखते हुए अवकाश की अवधि को 21 दिनों तक कम किया जाना चाहिए।
- इसने सुझाव दिया कि, प्रत्येक वर्ष सर्वोच्च न्यायालय को 206 दिनों के लिए और उच्च न्यायालयों को 231 दिनों के लिए कार्य करना चाहिए।
प्रश्न 4. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए: (स्तर-कठिन)
जीआई उत्पाद राज्य
- गमोसा असम
- अलीबाग का सफेद प्याज महाराष्ट्र
- तंदूर रेडग्राम तेलंगाना
- कोडुंगल्लूर पोट्टुवेलारी केरल
उपर्युक्त युग्मों में से कितना/कितने सुमेलित है/हैं?
- केवल एक युग्म
- केवल दो युग्म
- केवल तीन युग्म
- सभी चारों युग्म
उत्तर: D
व्याख्या:
- असम के गमोचा (गमोसा), तेलंगाना के तंदूर रेडग्राम, लद्दाख के रक्तसे कारपो खुबानी, महाराष्ट्र के अलीबाग सफेद प्याज और केरल के कोडुंगल्लूर पोट्टुवेलारी (स्नैप तरबूज) सहित नौ नई वस्तुओं को हाल ही में जीआई टैग दिया गया है।
प्रश्न 5. यदि किसी विशिष्ट क्षेत्र को भारत के संविधान की पांचवीं अनुसूची के अधीन लाया जाए, तो निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा एक इसके परिणाम को सर्वोत्तम रूप से प्रतिबिंबित करता है? (CSE-PYQ-2022) (स्तर- माध्यम)
- इससे जनजातीय लोगों की जमीनें गैर-जनजातीय लोगों को अंतरित करने पर रोक लगेगी।
- इससे उस क्षेत्र में एक स्थानीय स्वशासी निकाय का सृजन होगा।
- इससे वह क्षेत्र संघ राज्यक्षेत्र में बदल जाएगा।
- जिस राज्य के पास ऐसे क्षेत्र होंगे, उसे विशेष कोटि का राज्य घोषित किया जाएगा।
उत्तर: A
व्याख्या: भारतीय संविधान की 5वीं अनुसूची मिजोरम, मेघालय, त्रिपुरा और असम को छोड़कर सभी भारतीय राज्यों में अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्र नामक कुछ क्षेत्रों के प्रशासन और नियंत्रण से संबंधित है।
- इसके तहत राज्यपाल जनजाति सलाहकार परिषद से परामर्श कर किसी अनुसूचित क्षेत्र की शांति और सुशासन के लिए नियम बना सकता है। इस तरह के नियम आदिवासी द्वारा गैर आदिवासी सदस्यों या अनुसूचित जनजाति के सदस्यों के बीच भूमि के हस्तांतरण को निषिद्ध या प्रतिबंधित कर सकते हैं, अनुसूचित जनजाति के सदस्यों को भूमि के आवंटन को विनियमित कर सकते हैं।
5वीं और 6वीं अनुसूची के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें: 5th and 6th Schedule
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. ‘काशी तमिल संगमम’ जैसे कार्यक्रम भारत में सहकारी संघवाद को मजबूत करने में काफी मददगार साबित हो सकते हैं। विस्तार से चर्चा कीजिए। (250 शब्द; 15 अंक) (जीएस-2; राजव्यवस्था)
प्रश्न 2. जापान की सुरक्षा नीति में बदलाव का क्षेत्र की यथास्थिति पर दीर्घकालिक परिणाम हो सकते हैं। क्या आप सहमत हैं? समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द; 15 अंक) (जीएस-2; अंतर्राष्ट्रीय संबंध)