A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E. संपादकीय: अंतर्राष्ट्रीय संबंध
F. प्रीलिम्स तथ्य:
G. महत्वपूर्ण तथ्य: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।
H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: |
संपादकीय-द हिन्दू
संपादकीय:
भारत – मध्य पूर्व – यूरोपीय संघ गलियारा
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित
अंतर्राष्ट्रीय संबंध
विषय: विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियों एवं राजनीति का भारत के हितों पर प्रभाव
प्रारंभिक परीक्षा: भारत – मध्य पूर्व – यूरोपीय संघ गलियारा
मुख्य परीक्षा: भारत-मध्य पूर्व-यूरोपीय संघ गलियारे का महत्व
सन्दर्भ: हाल ही में भारत, अमेरिका, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और अन्य देशों ने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (IMEC) लॉन्च किया। हालाँकि कई विशेषज्ञों के अनुसार कई चीजों को अंतिम रूप दिया जा रहा है, और कई मार्ग विकल्पों पर विचार किया जा रहा है जिसमें इज़राइल के हाइफ़ा और ग्रीस के पीरियस जैसे बंदरगाह शामिल होंगे।
विवरण:
- IMEC समझौता ज्ञापन पर भारत, अमेरिका, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, यूरोपीय संघ, इटली, फ्रांस और जर्मनी ने अपने नेताओं की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।
- सह-अध्यक्षों – भारत और अमेरिका के अलावा, हस्ताक्षरकर्ताओं में सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, यूरोपीय संघ, ग्रीस, इटली, फ्रांस और जर्मनी शामिल हैं।
प्रस्तावित मार्ग
स्रोत: The hindu
अवसर
- सम्पूर्ण समुद्री मार्ग सुविधाजनक है क्योंकि भारतीय माल एक स्थान से दूसरे स्थान पर उतर सकेगा। यह बिना किसी रुकावट के निर्बाध गति से संभव हो सकेगा।
- IMEC का प्रस्ताव चीन की बेल्ट एंड रोड पहल का मुकाबला करने के लिए किया गया है।
- क्षेत्र के लिए व्यापार और परिवहन में एक नया आयाम – पश्चिम एशिया, विशेष रूप से सऊदी अरब की IMEC में एक बड़ी भूमिका है जहां एक रेलवे गलियारा बनाने का प्रस्ताव किया जा रहा है।
- बढ़ी हुई पारगमन दक्षता – 40% तेज गति
- कम लागत- इस मार्ग से परिवहन लागत कम हो जाएगी।
- उत्सर्जन का कम स्तर
- नौकरियों का सृजन
- एशिया, यूरोप और मध्य पूर्व का एकीकरण
- बुनियादी ढांचा विकास – बिजली, डिजिटल कनेक्टिविटी
- हाइड्रोजन आपूर्ति के लिए पाइपलाइन
बाधाएँ एवं चुनौतियाँ
- हैंडलिंग लागत- प्रस्तावित IMEC में, जहाज से रेल पर कार्गो के स्थानान्तरण प्रक्रिया में माल जितनी बार उतारा जाएगा, हैंडलिंग लागत में वृद्धि होगी जिसमें टर्मिनल-हैंडलिंग शुल्क, कंटेनर यार्ड शुल्क आदि शामिल हैं।
- यह बहुत जटिल कार्यक्रम है और इसके लिए हर चीज़ को साझे मानकों पर लाने की आवश्यकता होगी। उदाहरण- रेलगाड़ियाँ एक ही गेज पर चलनी चाहिए, इंजनों के लिए समान तकनीकों का उपयोग किया जाना चाहिए, कंटेनरों के आयाम समान होने चाहिए।
- बड़े स्तर पर अनुपस्थित संपर्क (missing links) पर काम किया जाना अभी भी बाकी है- ग़्वेइफ़ट और हराध (Haradh) के बीच संपर्क नहीं है, जिन पर काम करने की आवश्यकता होगी।
- परिवहन माध्यम के मानकीकरण की आवश्यकता होगी।
- मिस्र इस योजना पर आपत्ति उठा सकता है क्योंकि अगर स्वेज़ नहर को दरकिनार कर दिया गया तो उसे राजस्व का नुकसान होगा।
- इज़राइल और खाड़ी देशों के बीच संबंधों पर प्रभाव।
- IMEC मार्ग पर चीन की मौजूदगी को नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता क्योंकि पीरियस (Piraeus) बंदरगाह का संचालन चीन के स्वामित्व वाली कंपनी चाइना ओशन शिपिंग (ग्रुप) कंपनी के पास है।
सारांश: भारत-मध्य पूर्व-यूरोपीय संघ गलियारे में कई मार्ग होंगे और यह बेहतरीन अवसर प्रदान करेगा, लेकिन कई चुनौतियाँ अभी भी बनी हुई हैं।
वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन को कहाँ से बल मिल रहा है?
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित
अंतर्राष्ट्रीय संबंध
विषय: विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियों एवं राजनीति का भारत के हितों पर प्रभाव
प्रारंभिक परीक्षा: वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन
मुख्य परीक्षा: वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन का महत्व और चुनौतियाँ
सन्दर्भ: सवाल इस बात पर उठ रहे हैं कि यह गठबंधन किस प्रकार के जैव ईंधन पर ध्यान केंद्रित करने जा रहा है और देश विकल्प खोजने की कोशिश क्यों कर रहे हैं। हालाँकि इस पर राय विभाजित है, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि 2जी इथेनॉल आंतरिक दहन इंजनों के जीवन को बढ़ाते हुए ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी में योगदान देगा, जिससे वाहन निर्माताओं को मजबूत विकल्प तैयार करने का समय मिलेगा।
पृष्ठभूमि:
- नई दिल्ली में वार्षिक जी-20 शिखर सम्मेलन के मौके पर, भारत के नेतृत्व वाला एक समूह पेट्रोलियम और डीजल जैसे जीवाश्म ईंधन के विकल्प, जैव ईंधन के उत्पादन और उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक साथ आया।
- वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन (GBA) नामक समूह देशों को सह-विकास के लिए एक साथ लाने, उत्पादन प्रक्रियाओं में तकनीकी प्रगति में तेजी लाने और विशेष रूप से परिवहन क्षेत्र में जैव ईंधन के उपयोग को मजबूती देने का प्रयास करेगा।
वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन (GBA)
- तीन संस्थापक सदस्य – भारत, अमेरिका, ब्राजील
- अन्य सहायक देश – अर्जेंटीना, कनाडा, इटली और दक्षिण अफ्रीका (G20)
- G20 आमंत्रित सदस्य – बांग्लादेश, सिंगापुर, मॉरीशस, संयुक्त अरब अमीरात
- गैर G20 देश – आइसलैंड, केन्या, गुयाना, पैराग्वे, सेशेल्स, श्रीलंका, युगांडा और फिनलैंड
जैव ईंधन क्या हैं?
- अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के अनुसार – बायोमास से प्राप्त तरल ईंधन का उपयोग गैसोलीन, डीजल और विमानन ईंधन जैसे जीवाश्म ईंधन आधारित तरल परिवहन ईंधन के विकल्प के रूप में किया जाता है।
- पहली पीढ़ी का जैव ईंधन – गन्ना, मक्का, सोयाबीन आदि फसलें
- दूसरी पीढ़ी का जैव ईंधन – कृषि अपशिष्ट, प्रयुक्त खाना पकाने का तेल, संसाधित पशु अवशेष
इस गठबंधन की आवश्यकता
- जीवाश्म ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी का झटका।
- कार्बन उत्सर्जन में वृद्धि.
- लंबी दूरी के परिवहन, विमानन आदि के लिए विकल्पों की आवश्यकता।
- ऊर्जा के वैकल्पिक तरीके अभी भी प्रारंभिक चरण में हैं।
- कृषि आय में वृद्धि
- नौकरियों का सृजन
भारत के लिए लाभ
- वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति मजबूत होगी।
- भारतीय उद्योगों को अतिरिक्त अवसर प्रदान करेगा।
- यह भारत के मौजूदा जैव ईंधन कार्यक्रमों जैसे पीएम-जीवनयोजना, सतत (SATAT) और गोबरधन (GOBARdhan) योजना को गति देने में मदद करेगा।
- 2022 में वैश्विक इथेनॉल बाजार का मूल्य 99.06 बिलियन अमेरिकी डॉलर था और 2032 तक इसके 5.1% की CAGR से बढ़ने और 162.12 बिलियन अमेरिकी डॉलर को पार करने का अनुमान है।
आगे बढ़ते कदम
- संयुक्त राज्य अमेरिका (52%), ब्राज़ील (30%) और भारत (3%) इथेनॉल के उत्पादन में लगभग 85% और उपभोग में लगभग 81% का योगदान करते हैं।
- यह शुद्ध शून्य लक्ष्यों को पूरा करने के अनुरूप है।
सारांश: IEA का आकलन है कि वैश्विक जैव ईंधन मांग का लगभग दो-तिहाई हिस्सा तीन उभरती अर्थव्यवस्थाओं भारत, ब्राजील और इंडोनेशिया से आएगा, तथा उनके पास पर्याप्त घरेलू फीडस्टॉक, अतिरिक्त उत्पादन क्षमता, अपेक्षाकृत कम उत्पादन लागत और नीतियों का एक पैकेज है जिसका वे मांग बढाने में लाभ उठा सकते हैं। हालाँकि, यह देखना बाकी है कि क्या यह वास्तव में ऊर्जा क्षेत्र के डीकार्बोनाइजेशन में तेजी लाएगा।
वैश्विक शासन में परिवर्तन की बयार
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित
अंतर्राष्ट्रीय संबंध
विषय: विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियों एवं राजनीति का भारत के हितों पर प्रभाव
मुख्य परीक्षा: वैश्विक शासन में परिवर्तन
सन्दर्भ: पिछले साल हुए मिस्र में जलवायु परिवर्तन सम्मेलन से लेकर दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन तक, दुनिया की शक्तियों के बीच इस बात पर आम सहमति बन रही है कि विकासशील देशों के एजेंडे को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
ग्लोबल साउथ क्या है?
- ऐसा माना जाता है कि ‘ग्लोबल साउथ’ शब्द अमेरिका में 1969 में गढ़ा गया था। अमेरिकी युद्ध-विरोधी कार्यकर्ता कार्ल ओग्लेस्बी ने इसका प्रयोग किया था, उन्होंने उसके खिलाफ अभियान चलाया था जिसे वे ‘उत्तर’ (अमेरिका, यूरोप, रूस, आदि) द्वारा ‘ग्लोबल साउथ’ का उत्पीड़न कहते थे।
- 1970 के दशक की शुरुआत में, ग्लोबल साउथ के देशों को संगठित करने की चर्चा के परिणामस्वरूप 1974 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा दक्षिण-दक्षिण सहयोग के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय की स्थापना की गई।
- वर्तमान समय में वैश्विक संगठनों के साथ-साथ वैश्विक शक्तियां भी निर्णय लेने में ग्लोबल साउथ की भागीदारी के लिए अपनी भूमिका निभाती हैं।
स्रोत: ResearchGate
ग्लोबल साउथ के उद्भव की आवश्यकता
- इसमें वैश्विक आबादी का लगभग 3/4 हिस्सा आता है।
- आपूर्ति शृंखला बाधित होने से इस पर सबसे अधिक असर पड़ा।
- जलवायु परिवर्तन का सबसे ज्यादा असर इसी पर पड़ा है।
ग्लोबल साउथ का समूह – जी 77
- 15 जून 1964 को 77 विकासशील देशों द्वारा स्थापित।
- ये जिनेवा में व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCTAD) के पहले सत्र के अंत में घोषित “सतहत्तर देशों की संयुक्त घोषणा” के मूल हस्ताक्षरकर्ता थे।
- लक्ष्य– यह सुनिश्चित करना कि व्यापक संयुक्त राष्ट्र प्रणाली और अन्य अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अपनी बात रखने की क्षमताओं को बढ़ाने के साथ-साथ विकासशील दुनिया के सामूहिक हितों की रक्षा की जाए।
UNOSSC
- दक्षिण दक्षिण सहयोग के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय।
- 1974 में UNGA द्वारा स्थापित।
- उद्देश्य – बहुपक्षवाद में सुधार।
सारांश: यह भावना बढ़ रही है कि वैश्विक शासन के गुरुत्व का केंद्र अब दक्षिण की ओर स्थानांतरित हो गया है, क्योंकि जी7, जी-20, ब्रिक्स, ईयू, शंघाई सहयोग संगठन, क्वाड, इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फोरम और वैश्विक मंच जैसे संगठन निर्णय लेने में ग्लोबल साउथ की भागीदारी के लिए पहल कर रहे हैं।
प्रीलिम्स तथ्य:
1. अवैध शिकार पर अंकुश लगाने के लिए एआई कैमरे
स्रोत: The Hindu
- सुदूर क्षेत्रों में स्थापित कैमरे बाघों और हाथियों के सर्वेक्षण और आबादी गणना में महत्वपूर्ण उपकरण हैं।
- एक साल पहले मध्य प्रदेश के कान्हा-पेंच कॉरिडोर पर किए गए प्रयोग से शिकारी कैमरे में कैद हो गए। इससे वन अधिकारियों को शामिल एक व्यक्ति को दोषी ठहराने में मदद मिली।
- भारत में वन्यजीव अधिकारी संभावित शिकारियों की गतिविधियों पर नजर रखने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करके जंगली जानवरों की गिनती करने के लिए जंगलों में लगाए गए इन्फ्रारेड सेंसर के साथ नए कैमरे या कैमरा ट्रैप का प्रयोग कर रहे हैं।
चुनौतियां:
- ये भारी-भरकम होते हैं।
- फ़ोटो अपलोड करने के लिए कर्मियों को मशीन तक पहुंचने की आवश्यकता होती है।
2. 75% यूरोपीय बंबल बी आबादी संकटग्रस्त
स्रोत: EU Science Hub
- बंबल बी (बॉम्बस) मधुमक्खियों की एक प्रजाति है जिसे उत्तरी गोलार्ध के समशीतोष्ण और ठंडे क्षेत्रों में फसलों के परागण के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है।
- अधिकांश फसली पौधे और सभी जंगली पौधों में से 90% को जीवों द्वारा परागण की आवश्यकता होती है।
- नेचर में प्रकाशित एक पेपर के अनुसार अगले 40-60 वर्षों में 75% से अधिक यूरोपीय बंबल बी प्रजातियाँ खतरे में पड़ सकती हैं।
- इनकी आबादी में गिरावट मानवीय गतिविधि के कारण जलवायु में परिवर्तन और आवासों के क्षरण के कारण हुई है।
3. निक्षय पोषण योजना
- 2022 के एक अध्ययन में कहा गया है कि भारत में 45% लोग अल्पपोषित हैं, जिससे हर साल लगभग 1.2 मिलियन टीबी के मामले सामने आते हैं।
- अल्पपोषण टीबी रोग का प्रमुख जोखिम कारक है। 2019 में, स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक पत्र में कहा कि आबादी स्तर पर कुपोषण की मौजूदगी का भारत में वार्षिक टीबी के मामलों में 55% का योगदान होता है।
निक्षय पोषण योजना के बारे में
- इसकी शुरुआत 2018 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा की गई थी।
- इसका उद्देश्य प्रत्येक क्षय रोग (टीबी) रोगी को पोषण संबंधी जरूरतों के लिए 500 रुपये प्रति माह का प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) प्रदान करके सहायता करना है।
- इसकी शुरुआत के बाद से 5.73 मिलियन अधिसूचित लाभार्थियों को लगभग 1,488 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।
निक्षय मित्र के बारे में
- यह पहल त्रि-आयामी सहयोग सुनिश्चित करती है जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं: पोषण, अतिरिक्त निदान और व्यावसायिक सहयोग।
- यह कार्यक्रम 2025 तक टीबी को खत्म करने के उद्देश्य से प्रधान मंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान की दिशा में भारत की लड़ाई में महत्वपूर्ण “सामुदायिक” तत्वों को शामिल करने के लिए लाया गया था।
- इस कार्यक्रम के लिए नि-क्षय मित्र (दाता) में सहकारी समितियां, कॉर्पोरेट, निर्वाचित प्रतिनिधि, व्यक्ति, संस्थान, गैर-सरकारी संगठन आदि शामिल हैं जो स्वास्थ्य सुविधाओं (व्यक्तिगत दाताओं के लिए) को अपनाकर सहयोग कर सकते हैं।
4. सोंगबर्ड
स्रोत: The hindu
- एक अध्ययन के अनुसार ध्वनियों की नकल करने की क्षमता या स्वर ज्ञान की जटिलता (vocal learning complexity) सोंगबर्ड प्रजातियों में मौजूद बेहतर समस्या-समाधान क्षमताओं और वृहत बुद्धि से संबंधित होती है।
- जटिल स्वर सीखना, मानव द्वारा बोली जाने वाली भाषा का एक महत्वपूर्ण घटक है और इसे उन्नत संज्ञानात्मक क्षमताओं से संबंधित माना जाता है। मनुष्यों को छोड़कर, इसे सोंगबर्ड सहित बहुत कम संख्या में टैक्सा (taxa) में देखा गया है।
महत्वपूर्ण तथ्य:
आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
1. बंबल बी (बॉम्बस) और परागण में उनकी भूमिका के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
1. बंबल बी मधुमक्खियों की एक प्रजाति है, जो फसल परागण के लिए महत्वपूर्ण होती है।
2. ठंडे मौसम के दौरान उनकी कम गतिविधि के कारण ये ठंडे क्षेत्रों में प्रभावी परागणकर्ता (pollinators) नहीं होते हैं।
निम्नलिखित कूट का उपयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए:
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
उत्तर: a
व्याख्या: बंबल बी (बॉम्बस) मधुमक्खियों की एक प्रजाति है जिसे उत्तरी गोलार्ध के ठंडे और समशीतोष्ण क्षेत्रों में फसलों के परागण के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है।
2. निक्षय पोषण योजना के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. इसकी शुरुआत 2018 में क्षय (टीबी) रोगियों के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) योजना के रूप में की गई थी।
2. लाभार्थियों को 1000 रु. प्रति माह पोषण संबंधी सहायता के तौर पर मिलते हैं।
3. इस योजना का उद्देश्य उपचार की अवधि के दौरान वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
उपर्युक्त कथनों में से कितना/कितने सही है/हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: b
व्याख्या: यह टीबी रोगियों को पोषण संबंधी सहायता के लिए एक DBT योजना है जिसकी शुरुआत 2018 में की गई थी। इस कार्यक्रम के तहत, इलाज की अवधि के दौरान टीबी से पीड़ित व्यक्ति के खाते में प्रति माह 500 रुपये जमा किए जाते हैं।
3. ट्रेलगार्ड (TrailGuard) प्रणाली के सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. ट्रेलगार्ड प्रणाली में मनुष्यों या प्रजातियों की तस्वीरें खींचने के लिए डिज़ाइन किया गया सॉफ़्टवेयर सन्निहित होता है।
2. टिपिकल मोशन-ट्रिगर्ड कैमरों के विपरीत, ट्रेलगार्ड विभिन्न वस्तुओं के बीच अंतर कर सकता है और केवल चयनित प्रजातियों की ही तस्वीर ले सकता है।
3. यदि ट्रेलगार्ड कैमरा सेलफोन टावरों के पास है, तो यह 30 सेकंड के भीतर तस्वीरें आगे भेज सकता है।
उपर्युक्त कथनों में से कितना/कितने गलत है/हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: d
व्याख्या: ट्रेलगार्ड प्रणाली को संबंधित विशिष्ट प्रजातियों की तस्वीर लेने, वस्तुओं के बीच अंतर करने और सेलफोन टावरों के पास होने पर चित्रों को तुरंत आगे भेजने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
4. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
कथन-I: जटिल स्वर ज्ञान वाले सोंगबर्ड की बुद्धि वृहत होती है।
कथन-II: स्वर ज्ञान की जटिलता बेहतर समस्या-समाधान क्षमताओं से संबंधित है।
उपर्युक्त कथनों के सन्दर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा सही है?
(a) कथन-I और कथन-II दोनों सही हैं, तथा कथन-II कथन-I के लिए सही व्याख्या है।
(b) कथन-I और कथन-II दोनों सही हैं, तथा कथन-II कथन-I के लिए सही व्याख्या नहीं है।
(c) कथन-I सही है, लेकिन कथन-II गलत है।
(d) कथन-I गलत है, लेकिन कथन-II सही है।
उत्तर: a
व्याख्या: स्वर ज्ञान की जटिलता, या ध्वनियों की नकल करने की क्षमता, सोंगबर्ड प्रजातियों में बेहतर समस्या-समाधान क्षमताओं और वृहत बुद्धि से संबंधित है।
5. भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
1. इसमें दो गलियारों में रेलमार्ग, जहाज से रेल नेटवर्क और सड़क मार्ग शामिल होंगे। एक भारत को खाड़ी से जोड़ता है, दूसरा खाड़ी को यूरोप से जोड़ता है।
2. इससे पारगमन (transit) दक्षता बढ़ेगी, लागत कम होगी, रोजगार सृजन होगा और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कम होगा।
निम्नलिखित कूट का उपयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए:
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
उत्तर: c
व्याख्या: दोनों कथन सही हैं।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
1. वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन क्या है? भारत जैसे विकासशील देशों के लिए इसके महत्व पर चर्चा कीजिए। (What is the Global Biofuel Alliance? Discuss its importance for developing nations like India.) (10 अंक, 150 शब्द) (GS-2; अंतर्राष्ट्रीय संबंध)
2. बहुपक्षवाद के सिद्धांतों के मार्गनिर्देशन में ग्लोबल साउथ की भूमिका पर चर्चा कीजिए। (Discuss the role of the global south in steering the principles of multilateralism.) (15 अंक, 250 शब्द) (GS-2; अंतर्राष्ट्रीय संबंध)
(नोट: मुख्य परीक्षा के अंग्रेजी भाषा के प्रश्नों पर क्लिक कर के आप अपने उत्तर BYJU’S की वेव साइट पर अपलोड कर सकते हैं।)