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UPSC परीक्षा कम्प्रेहैन्सिव न्यूज़ एनालिसिस - 20 August, 2023 UPSC CNA in Hindi

A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

अर्थव्यवस्था:

  1. केंद्र ने प्याज निर्यात पर 40% शुल्क लगाया:

D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

E. संपादकीय:

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

  1. ब्रिक्स शिखर सम्मेलन भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

राजव्यवस्था:

  1. सर्वोच्च न्यायालय लैंगिक रूढ़िवादिता से कैसे निपट रहा है?

F. प्रीलिम्स तथ्य:

  1. सफेद पेट वाला समुद्री चील:
  2. केरल में पाइपलाइन के कार्य ने विशाल महापाषाण स्थल तक पहुँचा दिया:
  3. भारत के लिए हरित हाइड्रोजन मानक:

G. महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. भाषिणी

H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

केंद्र ने प्याज निर्यात पर 40% शुल्क लगाया

सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र 3 से संबंधित

भारतीय अर्थव्यवस्था

विषय: कृषि उत्पाद का भंडारण, परिवहन तथा विपणन, संबंधित विषय और बाधाएँ।

प्रारंभिक परीक्षा: सीमा शुल्क, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड, न्यूनतम निर्यात मूल्य।

मुख्य परीक्षा: कृषि निर्यात नीति, कृषि आय दोगुनी करना, खाद्य मुद्रास्फीति।

प्रसंग:

  • केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने शनिवार को प्याज के निर्यात पर 40% सीमा शुल्क लगाया। यह 31 दिसंबर 2023 तक लागू रहेगा।
  • भारत ने जुलाई 2023 में गैर-बासमती सफेद चावल पर निर्यात प्रतिबंध लगा दिया था।
  • सरकार खुदरा कीमतों को कम करने के लिए विभिन्न थोक बाजारों में प्याज के स्टॉक की आपूर्ति भी करेगी।

इसकी आवश्यकता क्यों है?

  • प्याज की राष्ट्रीय औसत कीमत पिछले साल की तुलना में कम से कम ₹5 बढ़ गई है।
  • खासतौर पर आने वाले त्योहारी सीजन को देखते हुए घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने के लिए यह फैसला लिया गया।
  • मौद्रिक नीति ढांचे के अनुसार, RBI द्वारा मुद्रास्फीति 4-6% के बीच रखे जाने की उम्मीद है। सब्जियों की ऊंची कीमतों के कारण जुलाई 2023 में CPI मुद्रास्फीति 7.4% तक पहुंच गई है।
  • इस कदम से उन निजी व्यापारियों को भी मदद मिलेगी जिन्होंने कीमतों में गिरावट के डर से अपने स्टॉक को बेच दिया था।
  • अशोक गुलाटी जैसे विशेषज्ञों ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि निर्यात शुल्क सरकार द्वारा खेती के लिए दी जाने वाली इनपुट सब्सिडी की भरपाई करने में मदद करेगा। उदाहरण के लिए कृषि में सहायता के लिए सरकार द्वारा, कृषि के लिए निःशुल्क बिजली और पानी, सब्सिडी वाले उर्वरक उपलब्ध कराए जाते हैं।

मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए व्यापार साधन:

  • भारत निर्यात को सीमित करके मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न व्यापार नीति साधनों का उपयोग करता है, जैसे न्यूनतम निर्यात मूल्य, निर्यात शुल्क, निर्यात प्रतिबंध, निर्यात कोटा, निर्यात कैपिंग, निर्यात परमिट।
  • न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP): यह वह कीमत है जिसके नीचे किसी निर्यातक को भारत से वस्तु निर्यात करने की अनुमति नहीं होती है। वाणिज्य विभाग द्वारा MEP पर अधिसूचना जारी किया गया है।

निर्यात पर सीमा से संबंधित मुद्दे?

  • किसानों के पास निर्यात करने और लाभकारी मूल्य प्राप्त करने की क्षमता होनी चाहिए। लेकिन तदर्थ सीमा और शुल्क निर्यात आपूर्ति श्रृंखला को प्रभावित करने वाली अस्थिर व्यापार नीति व्यवस्था को जन्म देंगे।
  • कृषि वस्तुओं के विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में भारत की छवि प्रभावित होगी। इससे भारत के लिए अपनी कृषि निर्यात नीति के लक्ष्यों को हासिल करना मुश्किल हो जाएगा।
  • यह गोदामों जैसे बुनियादी ढांचे में निवेश करने के लिए व्यापारियों की इच्छा को कम करता है। कृषि वस्तुओं की साल भर आपूर्ति के लिए व्यापारियों द्वारा कृषि भंडारण के कानूनी तरीकों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
  • खाद्य पदार्थों पर निर्यात प्रतिबंध से कमजोर देशों को नुकसान होता है। भारत चावल और सब्जियों का प्रमुख निर्यातक है, और निर्यात प्रतिबंधों का दुनिया भर में खाद्य सुरक्षा पर सीधा प्रभाव पड़ता है।

भावी कदम:

  • किसानों और उपभोक्ताओं के हितों के बीच संतुलन बनाना होगा। किसानों को लाभकारी मूल्य मिलना चाहिए। उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर प्याज मिलना चाहिए। लाभकारी स्थिति सुनिश्चित करना सरकार का कर्तव्य है।
  • सरकार को मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए अन्य उपायों पर ध्यान देना चाहिए, जैसे उत्पादन बढ़ाना और भोजन की बर्बादी को कम करना।
  • खराब होने वाली वस्तुओं के लिए कुशल मूल्य श्रृंखला की आवश्यकता है। उदाहरण के लिए, खराब होने वाली वस्तुओं को लंबी शेल्फ लाइफ वाले उत्पादों जैसे टमाटर प्यूरी और निर्जलित प्याज के फ्लैक्स, में बदलने के लिए प्रसंस्करण सुविधाओं को सरकार से सहयोग की आवश्यकता होती है।

सारांश:

  • भारत ने बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने और घरेलू बाजार में पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्याज के निर्यात पर 40% निर्यात शुल्क लगाया। भावी कदम किसानों और उपभोक्ताओं के हितों के बीच संतुलन बनाना है। सरकार को मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए अन्य उपायों पर ध्यान देना चाहिए, जैसे उत्पादन बढ़ाना और भोजन की बर्बादी को कम करना। खराब होने वाली वस्तुओं के लिए कुशल मूल्य श्रृंखला की भी आवश्यकता है।

संपादकीय-द हिन्दू

संपादकीय:

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।

प्रारंभिक परीक्षा: ब्रिक्स समूह, जोहान्सबर्ग घोषणा, अफ्रीकी संघ

मुख्य परीक्षा: ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के भारत के लिए निहितार्थ

प्रसंग:

  • 15वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में हो रहा है।

महत्त्व:

  • ब्रिक्स देशों में दुनिया की लगभग 42% आबादी निवास करती है और इसका दुनिया की जीडीपी में 23% का योगदान है।
  • यह समूह, उभरती अर्थव्यवस्थाओं के गठबंधन के रूप में, वैश्विक शासन की वर्तमान प्रणालियों में सुधार करने की आकांक्षा रखता है जिसकी स्थापना पश्चिम के नेतृत्व में हुई थी।
  • हाल ही में यूक्रेन में चल रहे संकट तथा अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव ने दुनिया का ध्यान ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की ओर खींचा है।
  • 15वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2019 के बाद पहला इन-पर्सन शिखर सम्मेलन है। कोविड-19 महामारी के कारण, पहले के शिखर सम्मेलन वर्चुअली आयोजित किए गए थे।
  • रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) द्वारा जारी वारंट के कारण वर्चुअली शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ यूक्रेन संकट को लेकर रूस को अलग-थलग करने की कोशिश कर रहे हैं, पश्चिमी देशों की नजर इस शिखर सम्मेलन से निकलने वाले किसी भी “पश्चिमी-विरोधी” विचारों पर है।
  • रूस इन उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए भोजन, ईंधन और उर्वरक सुरक्षा सुनिश्चित करने के मामले में भी महत्वपूर्ण है और इसलिए सामान्य रूप से वैश्विक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।

देशों के लिए मुख्य एजेंडा

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर 2020 में शुरू हुए सीमा संघर्ष के संदर्भ में व्यक्तिगत रूप से मुलाकात करेंगे। इसे LAC पर स्थिति को हल करने के अवसर के रूप में देखा जा सकता है।
  • भारत 2023 में G20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। सदस्यों की पूर्ण भागीदारी से शिखर सम्मेलन की सफलता सुनिश्चित करना, G20 से संयुक्त घोषणा के लिए चीन और रूस का सहयोग आदि भारत के एजेंडे में शीर्ष पर होंगे। यूक्रेन संकट, जलवायु परिवर्तन और देशों द्वारा ऋण वित्तपोषण (उदाहरण: चीन की बेल्ट और रोड पहल) पर मतभेद के कारण संयुक्त घोषणा की भाषा पर असहमति देखी गई है।
  • भारत ब्रिक्स आर्थिक रोडमैप के लिए चीन की प्रस्तावित भाषा से सावधान रहने की कोशिश करेगा और उसे बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव और ग्लोबल डेवलपमेंट इनिशिएटिव जैसी पहलों को बढ़ावा देने से रोकेगा जहां मतभेद प्रमुख तौर पर बने हुए हैं। भारत ने इन्हीं कारणों से 2023 में SCO के आर्थिक रोडमैप पर सहमति देने से इनकार कर दिया।
  • अफ्रीकी संघ के 55 देश भी विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसे ग्लोबल साउथ के देशों द्वारा विभिन्न आर्थिक मुद्दों पर एक साथ आने के प्रयास के रूप में देखा जा सकता है।
  • ब्रिक्स के विस्तार के विचार पर भी चर्चा होगी। ब्रिक्स की सदस्यता के लिए 19 से अधिक देशों ने आवेदन किया है तथा अर्जेंटीना, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और ईरान के समूह में शामिल होने पर सहमति बनती दिख रही है।
  • न्यू डेवलपमेंट बैंक, आकस्मिक रिजर्व व्यवस्था, टीकों और अन्य वैज्ञानिक खोजों के लिए अनुसंधान एवं विकास केंद्र जैसी पहलें विकासशील देशों के बीच रुचि आकर्षित कर रही हैं।
  • राष्ट्रीय मुद्राओं में अंतर-ब्रिक्स व्यापार के प्रस्ताव पर भी चर्चा होने की उम्मीद है।
  • जलवायु-सुनम्य अर्थव्यवस्था के लिए एक न्यायसंगत संक्रमण, अफ्रीकी महाद्वीपीय मुक्त व्यापार क्षेत्र के साथ व्यापार में वृद्धि और शांति प्रक्रियाओं में महिलाओं की सार्थक भागीदारी दक्षिण अफ्रीका के लिए रुचि के कुछ क्षेत्र हैं।

सारांश:

  • 15वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में हो रहा है। इस शिखर सम्मेलन में यूक्रेन में चल रहे संकट, ब्रिक्स के विस्तार तथा आर्थिक वृद्धि और विकास को बढ़ावा देने के लिए नई पहलों के विकास सहित कई मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।

सर्वोच्च न्यायालय लैंगिक रूढ़िवादिता से कैसे निपट रहा है?

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित

भारतीय राजव्यवस्था

विषय: कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्य

प्रारंभिक परीक्षा: लैंगिक रूढ़िवादिता से निपटने के लिए हैंडबुक

मुख्य परीक्षा: न्यायिक प्रणाली में लैंगिक रूढ़िवादिता का निराकरण करना

प्रसंग:

  • सर्वोच्च न्यायालय की “द हैंडबुक ऑन कॉम्बैटिंग जेंडर स्टीरियोटाइप्स” कानूनी प्रणाली के पूर्वाग्रहों को पहचानने और उसके निराकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

महत्व:

  • महिलाओं से जुड़ी रूढ़िवादिता को स्वीकार करके और उसे चुनौती देकर एवं वैकल्पिक शब्द और वाक्यांश प्रदान करके, न्यायालय ने कानूनी प्रणाली में भाषा की पितृसत्तात्मक धारणाओं को खारिज करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
  • वकीलों और न्यायाधीशों को भी इन लैंगिक-अन्यायपूर्ण शब्दों के प्रयोग को छोड़ने के लिए कहा गया है।
  • कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तन इस प्रकार हैं:
    • “अडल्टरनेस यानी व्यभिचार” शब्द को “शादी से बाहर किसी महिला का किसी के साथ शारीरिक संबंध बनाना” से प्रतिस्थापित किया जाना चाहिए।
    • “आज्ञाकारी” और “पवित्र” जैसे शब्दों का प्रयोग महिलाओं के लिए उपसर्ग के रूप में नहीं किया जाना चाहिए।
    • जिसने यौन हिंसा का अनुभव किया है, वह “सर्वाइवर” या “पीड़ित” के रूप में अपनी पहचान का चयन कर सकती है।
    • यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि किसी व्यक्ति के कपड़ों का चुनाव यौन गतिविधि के लिए सहमति को नहीं दर्शाता है, और किसी की अनुमति के बिना उसे छूना कभी भी ठीक नहीं है।
    • हैंडबुक में इसे स्वीकार किया गया है कि यौन अपराध की रिपोर्ट करने के लिए साहस की आवश्यकता होती है और यह स्वीकार किया गया है कि महिलाएं शिकायत दर्ज करने में तब तक देरी कर सकती हैं जब तक वे ऐसा करने में सक्षम न हो जाएं। यह उस रूढ़िवादिता को चुनौती है कि देरी से रिपोर्टिंग करने के पीछे का कारण महिला के मन में बेईमानी का भाव होना है।

नकारात्मक रूढ़िवादिता का प्रभाव:

  • रूढ़ियाँ हानिकारक हैं क्योंकि ये लिंग, नस्ल, जाति, धर्म और अन्य कारकों के बारे में पूर्वकल्पित धारणाओं के आधार पर असमान अवसर पैदा करती हैं। इसका शिक्षा, रोजगार और न्याय तक पहुंच जैसे क्षेत्रों पर सीधा प्रभाव पड़ता है।
  • उदाहरण के लिए, यह रूढ़िवादिता कि हाशिए पर मौजूद जातियों के लोग मेधावी नहीं हैं, इन समूहों के व्यक्तियों पर अतिरिक्त मानसिक दबाव पैदा कर सकता है, जिससे उनका प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है।
  • खराब प्रदर्शन और व्यक्तिगत मुद्दों जैसे कारणों का हवाला देते हुए पिछले पांच वर्षों में 25,000 से अधिक आरक्षित श्रेणी के छात्रों ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों और आईआईटी से पढ़ाई छोड़ दी है।
  • लिंग के संदर्भ में, “महिलाएं पालन-पोषण कर रही हैं” जैसे वाक्यांश इस विचार को कायम रख सकते हैं कि बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारियां विशेष रूप से महिलाओं पर आती हैं।
  • सर्वोच्च न्यायालय का हैंडबुक न्यायाधीशों और वकीलों को निर्णय लेने की प्रक्रिया में लैंगिक रूढ़िवादिता की पहचान करने और उससे बचने के लिए दिशानिर्देश प्रदान करके इन मुद्दों का समाधान करती है। इस बात पर जोर देकर कि लिंग से किसी व्यक्ति की तर्कसंगत विचार करने की क्षमता का निर्धारण नहीं होता है, न्यायालय ने लैंगिक पूर्वाग्रह से जुड़े भविष्य के मामलों के लिए एक मिसाल कायम की है।

ऐसे निर्णय जहां पितृसत्तात्मक धारणाओं को चुनौती दी गई?

  • जोसेफ शाइन बनाम भारत संघ मामले में, न्यायालय ने भारतीय दंड संहिता की धारा 497 के तहत व्यभिचार के अपराध को खारिज कर दिया, इसे “पितृसत्ता का संहिताबद्ध नियम” कहा जो महिलाओं के व्यवहार को प्रतिबंधित करता है और जहाँ उनके लिए असंभव नैतिक विशेषता का उल्लेख है।
  • झारखंड राज्य बनाम शैलेन्द्र कुमार राय मामले में, न्यायालय ने बलात्कार का निर्धारण करने में “टू-फिंगर टेस्ट” के उपयोग पर यह कहते हुए रोक लगा दी है कि यह बलात्कार सर्वाइवर या पीड़ितों की गरिमा का उल्लंघन करता है और जांच के लिए प्रासंगिक नहीं है।
  • पंजाब राज्य बनाम गुरमीत सिंह मामले में, न्यायालय ने फैसला सुनाया कि बलात्कार सर्वाइवर या पीड़िता की गवाही स्वाभाविक रूप से विश्वसनीय है।

भावी कदम:

  • जैसा कि आईएएस अधिकारी उमा महादेवन-दासगुप्ता ने सुझाव दिया है, हैंडबुक परिप्रेक्ष्य में क्रमिक बदलाव लाएगी, जिससे अंततः इन मुद्दों पर मानसिकता और जागरूकता में महत्वपूर्ण बदलाव आएगा।

सारांश:

  • लैंगिक रूढ़िवादिता से निपटने पर सर्वोच्च न्यायालय का हैंडबुक कानूनी प्रणाली के पूर्वाग्रहों की पहचान करने और उसके समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह हैंडबुक न्यायाधीशों और वकीलों को निर्णय लेने की प्रक्रिया में लैंगिक रूढ़िवादिता की पहचान करने और उससे बचने के लिए दिशानिर्देश प्रदान करती है। इससे कानूनी व्यवस्था में भाषा की पितृसत्तात्मक धारणाओं को भी चुनौती मिलती है तथा इसमें वैकल्पिक शब्द और वाक्यांश उपलब्ध कराए गए हैं।

प्रीलिम्स तथ्य:

  1. सफेद पेट वाला समुद्री चील:
    • IUCN लाल सूची: संकटमुक्त (Least Concern)।
    • निवास स्थान: भारत के समुद्री तट, बांग्लादेश के पूर्वी तट, श्रीलंका और दक्षिण पूर्व एशिया के तट से ऑस्ट्रेलिया तक।
    • ये रैप्टर (या शिकारी पक्षियों) की श्रेणी में आते हैं क्योंकि ये अन्य स्तनधारियों, छोटे पक्षियों आदि का शिकार करते हैं और उन्हें खाते हैं।
    • ये आमतौर पर समुद्री सांपों और मछलियों को खाते हैं।
    • पर्यावास की हानि एक बड़ा चिंता का विषय है और ये पक्षी हाई टेंशन बिजली तारों वाले टावरों पर अपना घोंसला बना रहे हैं। इसका कारण पेड़ों जैसे प्राकृतिक घोंसले बनाने के स्थलों की कमी है। ऊंचाई पर घोंसला बनाने से पक्षियों को भोजन के लिए समुद्री क्षेत्रों को स्कैन करने में मदद मिलती है।
  2. केरल में पाइपलाइन के कार्य ने विशाल महापाषाण स्थल तक पहुँचा दिया:
    • महापाषाण काल से संबंधित हैटस्टोन नागापारम्बा (केरल) में एक उत्खनन स्थल से बरामद किए गए थे।
    • हैटस्टोन को स्थानीय रूप से “थोप्पिककल्लू” (Thoppikkallu) कहा जाता है। ये लेटराइट से बने होते हैं और अंत्येष्टि कलशों पर ढक्कन के रूप में उपयोग किए जाते हैं।
    • महापाषाण काल
      • महापाषाण का उपयोग विशेष उद्देश्यों के लिए एक निश्चित आकार में तराशी गई एक या अधिक चट्टानों को दर्शाने के लिए किया जा सकता है। इसका उपयोग दुनिया के कई हिस्सों में कई अलग-अलग अवधियों में रहने वाले लोगों द्वारा बनाई गई संरचनाओं का वर्णन करने के लिए किया गया है।
      • भारत में महापाषाण 3000 ईसा पूर्व से पहले के हैं, हाल की खोजें दक्षिणी भारत में 5000 ईसा पूर्व की हैं।
      • महापाषाण दक्षिण भारत के लगभग सभी भागों में पाए जाते हैं। ये मध्य भारत और ऊपरी सिंधु घाटी में भी पाए जाते हैं।
      • इन संरचनाओं का एक बड़ा हिस्सा लोगों को दफनाने या दफनाने के बाद की रस्मों से जुड़ा है।
      • भारत में कुछ महत्वपूर्ण महापाषाण स्थल आदिचनल्लूर, त्रिशूर, नागार्जुनकोंडा, जूनापानी, मास्की, ब्रह्मगिरि, पिकलीहल, हल्लूर आदि हैं।
  3. भारत के लिए हरित हाइड्रोजन मानक:
    • नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने भारत के लिए हरित हाइड्रोजन मानक अधिसूचित किया है।
    • यह उन उत्सर्जन मानदंडों पर प्रकाश डालता है जिनकाअनुपालन उत्पादित हाइड्रोजन को हरित के रूप में वर्गीकृत करने के क्रम में किया जाना चाहिए।
    • जिस हाइड्रोजन का वेल-टू-गेट उत्सर्जन (अर्थात, जल उपचार, इलेक्ट्रोलिसिस, गैस शुद्धिकरण, सुखाने और हाइड्रोजन के संपीड़न सहित) 2 किलो CO2 समकक्ष / किग्रा H2 से अधिक नहीं है, उसे “हरित” माना जाएगा। वेल-टू-गेट उत्सर्जन उत्पादन के पूरे जीवनचक्र में उत्सर्जन को ट्रैक करता है।
    • ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) (ऊर्जा मंत्रालय) हरित हाइड्रोजन परियोजनाओं के सत्यापन और प्रमाणन के लिए नोडल प्राधिकरण होगा।
    • राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (2023 में घोषित) के हिस्से के रूप में, केंद्र सरकार का उद्देश्य 2030 तक देश में हरित हाइड्रोजन से 125 गीगावॉट ऊर्जा का उत्पादन करने का है।

महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. भाषिणी:
  • भाषा इन्टरफेस फॉर इंडिया (भाषिनी) भाषा अनुवाद मंच है जो स्थानीय भाषाओं में सार्वजनिक डोमेन में स्टार्टअप्स के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP) संसाधन उपलब्ध कराएगा।
  • इसे इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।

UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. डिजिटल इंडिया “भाषिणी” पहल का मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित में से क्या है?

  1. भारतीय भाषाओं में इंटरनेट और डिजिटल सेवाओं तक पहुंच को सीमित करना।
  2. विदेशी भाषाओं को बढ़ावा देना और भारतीय भाषाओं के ऑनलाइन उपयोग को हतोत्साहित करना।
  3. भारतीय भाषाओं में इंटरनेट और डिजिटल सेवाओं तक आसान पहुँच प्रदान करना, साथ ही इन भाषाओं में कंटेंट तैयार करने को प्रोत्साहित करना।
  4. डिजिटल सेवाओं और कंटेंट के लिए प्राथमिक भाषा के रूप में भारतीय भाषाओं के स्थान पर अंग्रेजी को लाना।

उत्तर: c

व्याख्या:

  • इसका उद्देश्य भारतीय भाषाओं में इंटरनेट और डिजिटल सेवाओं तक आसान पहुंच प्रदान करना है, साथ ही भारतीय नागरिकों को सशक्त बनाने और डिजिटल समावेशन प्राप्त करने के लिए इन भाषाओं में कंटेंट तैयार करने को प्रोत्साहित करना है।

प्रश्न 2. सफेद पेट वाले समुद्री चील (White-bellied sea eagles) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. इसका विशिष्ट काला सिर और सफेद पंख होते हैं।
  2. इसके आहार में मुख्य रूप से मछलियाँ और जलीय शिकार शामिल हैं।
  3. इसकी IUCN संरक्षण स्थिति “सुभेद्य” (Vulnerable) है।

उपर्युक्त कथनों में से कितना/कितने सही है/हैं?

  1. केवल एक
  2. केवल दो
  3. सभी तीनों
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर: a

व्याख्या:

  • इसका सिर, दुम और नीचे के हिस्से सफ़ेद होते हैं, तथा पीठ और पंख गहरे या स्लेटी रंग के होते हैं। इसकी IUCN संरक्षण स्थिति “संकटमुक्त (Least Concern)” है; इस प्रकार कथन 1 और 3 गलत हैं।

प्रश्न 3. ‘नमो 108’ कमल के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. इसमें 108 पंखुड़ियाँ हैं और इसकी खोज मणिपुर में हुई थी।
  2. इसकी फाइबर गुणवत्ता अन्य कमल किस्मों से बेहतर है।
  3. यह कमल की ऐसी पहली किस्म है जिसका जीनोम पूरी तरह से अनुक्रमित है।

उपर्युक्त कथनों में से कितना/कितने सही है/हैं?

  1. केवल एक
  2. केवल दो
  3. सभी तीनों
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर: b

व्याख्या:

  • कथन 2 ग़लत है: इसकी “फाइबर गुणवत्ता” वास्तव में अन्य कमल किस्मों की तुलना में निम्न है।

प्रश्न 4. भारत में हुए अजनाला नरसंहार के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा गलत है?

  1. अजनाला नरसंहार 1857 में प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान पंजाब में हुआ था।
  2. इसमें ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा भारतीय सैनिकों की सामूहिक हत्या शामिल थी।
  3. यह नरसंहार भारतीय सैनिकों के शांतिपूर्ण विरोध के प्रति प्रतिक्रिया थी।
  4. सैनिकों के शवों को एक कुएं में फेंक दिया गया, जिसे बाद में भर दिया गया।

उत्तर: c

व्याख्या:

  • इसमें ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा भारतीय सैनिकों की सामूहिक हत्या की गई थी। यह किसी शांतिपूर्ण विरोध के प्रति प्रतिक्रिया नहीं, अपितु 1857 के भारतीय विद्रोह के दौरान की दुखद घटना थी।

प्रश्न 5. हरित हाइड्रोजन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. हरित हाइड्रोजन का उत्पादन नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करके किया जाता है।
  2. हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिए उपयोग की जाने वाली प्रक्रिया इलेक्ट्रोलिसिस है।
  3. भारत में, हरित हाइड्रोजन को प्रति किलोग्राम हाइड्रोजन के बराबर अधिकतम दो किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड के वेल-टू-गेट उत्सर्जन के रूप में परिभाषित किया गया है।

उपर्युक्त कथनों में से कितना/कितने गलत है/हैं?

  1. केवल एक
  2. केवल दो
  3. सभी तीनों
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर: d

व्याख्या :

  • सभी तीनों कथन सही हैं।

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

  1. वर्तमान भू-राजनीतिक संदर्भ में ब्रिक्स समूह की भूमिका और महत्व पर चर्चा कीजिए।
  2. (250 शब्द, 15 अंक) (GS-2; अंतर्राष्ट्रीय संबंध)

  3. सर्वोच्च न्यायालय लैंगिक रूढ़िवादिता से कैसे निपट रहा है? विस्तार से परीक्षण कीजिए.

(250 शब्द, 15 अंक) (GS-2; भारतीय राजव्यवस्था)