20 मई 2023 : समाचार विश्लेषण

A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

राजव्यवस्था:

  1. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991

C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

पर्यावरण:

  1. गुजरात: भारत का हरित हाइड्रोजन हब

D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

E. संपादकीय:

अर्थव्यवस्था:

  1. भोपाल की तरह SDG प्रगति की दिशा में आगे बढ़ना

F. प्रीलिम्स तथ्य:

  1. आर्सेनिक के संपर्क में आना

G. महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. सर्वोच्च न्यायालय अब अपनी कुल क्षमता के साथ कार्य करेगा
  2. गोल्डन ग्लोब रेस

H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

राजव्यवस्था:

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991

विषय: संघीय ढांचे से संबंधित मुद्दे और चुनौतियाँ

मुख्य परीक्षा: दिल्ली सरकार और उप-राज्यपाल के बीच बेहतर सहयोग के लिए संस्थागत उपाय

संदर्भ:

  • दिल्ली में सेवाओं पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को पलटने के लिए केंद्र सरकार ने अध्यादेश प्रस्तुत किया।

भूमिका:

  • केंद्र सरकार ने 19 मई, 2023 को उप-राज्यपाल को दिल्ली के प्रशासक के रूप में नामित करने वाला एक अध्यादेश प्रस्तुत किया। अध्यादेश के अनुसार दिल्ली सरकार में सेवारत सभी नौकरशाहों की पोस्टिंग और स्थानांतरण पर अंतिम निर्णय लेने का अधिकार दिल्ली के उप-राज्यपाल के पास होगा।
  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा प्रख्यापित अध्यादेश, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली अधिनियम, 1991 में संशोधन पर केंद्रित है, और हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले को प्रभावी ढंग से नकारता है, जिसने दिल्ली सरकार को कानून बनाने और दिल्ली सरकार में प्रतिनियुक्त नौकरशाहों पर नियंत्रण रखने की शक्ति दी थी।

दिल्ली सरकार पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बारे में और पढ़ें: Supreme Court’s verdict on Delhi Government

मुख्य विवरण:

  • अध्यादेश के तहत दिल्ली में राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (NCCSA) नामक एक नए वैधानिक निकाय का गठन किया गया है, जिसका नेतृत्व मुख्यमंत्री करेंगे और इसमें मुख्य सचिव और प्रमुख गृह सचिव सदस्य के रूप में शामिल होंगे।
  • NCCSA दिल्ली में समूह क अधिकारियों और DANICS अधिकारियों के स्थानांतरण, पोस्टिंग और सतर्कता/निगरानी मुद्दों जैसे मामलों पर मतदान के द्वारा बहुमत से निर्णय लेगा।
  • उप-राज्यपाल NCCSA की सिफारिशों को लागू करेंगे, लेकिन दिल्ली सरकार में सेवारत अखिल भारतीय सेवाओं और DANICS से संबंधित अधिकारियों के बारे में प्रासंगिक जानकारी का अनुरोध कर सकते हैं। यदि उप-राज्यपाल सिफारिश से असहमत है, तो वह इसे पुनर्विचार के लिए प्राधिकरण को वापस भेज सकता है।
  • अंतत: अंतिम निर्णय दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा लिया जाएगा।
  • अध्यादेश यह सुनिश्चित करता है कि असहमति के मामलों में भी उप-राज्यपाल का निर्णय बाध्यकारी और अंतिम होगा।

NCT दिल्ली सरकार (संशोधन) अधिनियम, 2021 के बारे में और पढ़ें: Government of NCT Delhi (Amendment) Act, 2021

सारांश:

  • भारत के राष्ट्रपति ने उप-राज्यपाल को दिल्ली के प्रशासक के रूप में नामित करते हुए एक अध्यादेश पारित किया है, जो उन्हें नौकरशाहों की पोस्टिंग और स्थानांतरण पर अंतिम अधिकार प्रदान करता है। अध्यादेश राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण की स्थापना करता है और उप-राज्यपाल की निर्णय लेने की शक्ति को मजबूत करता है।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

पर्यावरण:

गुजरात: भारत का हरित हाइड्रोजन हब

विषय: पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण

मुख्य परीक्षा: हरित हाइड्रोजन उत्पादन शुरु करने के संभावित लाभ और चुनौतियाँ

संदर्भ:

  • हरित हाइड्रोजन उत्पादन को बढ़ावा देने और इसके लिए नीतिगत रूपरेखा तैयार करने हेतु गुजरात के प्रयास।

भूमिका:

  • गुजरात देश का अग्रणी हरित हाइड्रोजन उत्पादक केंद्र बनने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है।
  • रिलायंस, अडानी, आर्सेलर मित्तल और टोरेंट जैसे प्रमुख निगमों के साथ समझौता ज्ञापन (MoUs) पर हस्ताक्षर करने के साथ, गुजरात हरित ऊर्जा परियोजनाओं में पर्याप्त निवेश आकर्षित कर रहा है।
  • राज्य का लक्ष्य वर्ष 2035 तक हरित हाइड्रोजन की 8 मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MTPA) उत्पादन क्षमता स्थापित करना है।

गुजरात में हरित हाइड्रोजन उत्पादन नीति:

  • गुजरात एक नई नीति बनाने की प्रक्रिया में है जो हरित हाइड्रोजन उत्पादन की वृद्धि को प्राथमिकता देगी।
  • यह नीति राज्य में उद्योग के विकास के लिए आवश्यक ढांचा और दिशा-निर्देश प्रदान करेगी।
  • हरित हाइड्रोजन को “प्राथमिकता क्षेत्र” के रूप में नामित करके, गुजरात इस क्षेत्र में निवेश और नवाचार के लिए अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता का संकेत दे रहा है।

भूमि आवंटन और प्रोत्साहन:

  • हरित हाइड्रोजन परियोजनाओं की स्थापना की सुविधा के लिए, गुजरात राज्य मंत्रिमंडल ने कच्छ-बनासकांठा सीमा क्षेत्रों में 1.99 लाख हेक्टेयर भूमि के आवंटन को मंजूरी दी है।
  • यह कदम 3.26 लाख हेक्टेयर के कुल क्षेत्र को कवर करने वाले समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वाले कॉरपोरेट्स के प्रस्तावों को समायोजित करता है। प्रारंभ में, भूखंडों को 40 वर्षों की अवधि के लिए पट्टे पर दिया जाएगा।
  • राज्य सरकार भी हरित हाइड्रोजन परियोजनाओं में निवेश करने वाले उद्योगों को प्रोत्साहन की एक श्रृंखला के माध्यम से प्रोत्साहित करने की योजना बना रही है। इन प्रोत्साहनों का उद्देश्य गुजरात में उद्योग को आकर्षित करना और उनके विकास को मजबूती देना होगा।
  • इसके अतिरिक्त, भूमि आवंटन नीति में यह निर्धारित किया गया है कि कंपनियों को अपनी हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता का 50% संयंत्र चालू होने के पाँच वर्षों के भीतर और 100% आठ वर्षों के भीतर प्राप्त करना होगा।

अवसर और कॉर्पोरेट प्रतिबद्धताएँ:

  • रिलायंस और अडानी सहित कई प्रमुख निगमों ने गुजरात के हरित हाइड्रोजन क्षेत्र में बड़े स्तर पर निवेश का वादा किया है।
  • रिलायंस समूह अक्षय ऊर्जा पार्क और हरित हाइड्रोजन पार्क स्थापित करने के लिए 5.6 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बना रहा है।
  • अडानी समूह ने सालाना 3 मिलियन टन हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लक्ष्य के साथ हरित हाइड्रोजन और संबंधित पारिस्थितिक तंत्र में 4.13 लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है।
  • इन निवेशों में सौर फोटोवोल्टिक मॉड्यूल कारखानों, इलेक्ट्रोलाइज़र, ऊर्जा भंडारण बैटरी, ईंधन सेल और पवन तथा सौर परियोजनाओं की स्थापना शामिल है।

भारत का शुद्ध-शून्य उत्सर्जन लक्ष्य:

  • राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) के संरेखण में, भारत ने 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन वाला देश बनने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है।
  • इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, भारत का लक्ष्य 2030 तक अपने कार्बन उत्सर्जन को 45% तक कम करना है, जिसमें नवीकरणीय स्रोतों से अपनी ऊर्जा का 50% प्राप्त करने की योजना है।
  • हरित हाइड्रोजन के विकास को और अधिक मजबूती देने के लिए, भारत सरकार ने राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के लिए हाल के केंद्रीय बजट में 19,744 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं।
  • इस मिशन का उद्देश्य 2030 तक कम से कम 5 MMT प्रति वर्ष हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता और लगभग 125 GW नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता की स्थापना को बढ़ावा देना है। यह नीति वर्ष 2030 तक 8 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश को आकर्षित करने और 6 लाख से अधिक रोजगार सृजित करने का भी लक्ष्य रखती है।
  • गुजरात, अपनी अनुकूल नीति व्यवस्था और मजबूत बुनियादी ढांचे के साथ, भारत के हरित ऊर्जा पारिस्थितिकी तंत्र में एक प्रमुख भागीदार बनने का लक्ष्य रखता है, और यह अगले 15 वर्षों में लगभग 10 लाख करोड़ रुपए के निवेश की आशा कर रहा है।

सारांश:

  • गुजरात सरकार ने अपने नए नीतिगत ढांचे, भूमि आवंटन और प्रोत्साहनों के माध्यम से हरित हाइड्रोजन क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक ठोस नींव रखी है। प्रमुख निगमों द्वारा जताई गई प्रतिबद्धता और राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन का समर्थन गुजरात के हरित हाइड्रोजन उद्योग की अपार क्षमता को और अधिक मान्यता प्रदान करता है।

संपादकीय-द हिन्दू

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

अर्थव्यवस्था:

भोपाल की तरह SDG प्रगति की दिशा में आगे बढ़ना

विषय: सतत विकास लक्ष्य

प्रारंभिक परीक्षा: स्वैच्छिक स्थानीय समीक्षा और सतत विकास लक्ष्य

मुख्य परीक्षा: स्वैच्छिक स्थानीय समीक्षा

संदर्भ: भोपाल ने अपनी स्वैच्छिक स्थानीय समीक्षा जारी की।

विवरण:

  • संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों (193) ने 2015 में सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा को अपनाया था।
    • एजेंडा में 17 सतत विकास लक्ष्य (SDG) और 169 लक्ष्य ‘लोगों’, ‘ग्रह’ और ‘समृद्धि’ के लिए कार्य योजना के रूप में शामिल हैं।
    • सदस्य देशों को संयुक्त राष्ट्र के उच्च-स्तरीय राजनीतिक मंच (HLPF) के समक्ष एक स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा (VNR) प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
    • उप-राष्ट्रीय और शहर स्तरों पर SDG के स्थानीय कार्यान्वयन की रिपोर्टिंग के लिए हाल ही में स्वैच्छिक स्थानीय समीक्षा (VNR) शुरू की गई हैं।
  • SDG के स्थानीयकरण को लेकर वैश्विक आंदोलन गति पकड़ रहा है। इस लिहाज से भोपाल अपना VLR जारी करने के बाद इस आंदोलन में शामिल होने वाला पहला शहर बन गया।

SDG में भारत की प्रगति:

  • भारत का दूसरा VNR 2020 के HLPF में नीति आयोग द्वारा प्रस्तुत किया गया था।
  • सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने भारत की प्रगति की समीक्षा और निगरानी के लिए एक राष्ट्रीय संकेतक ढांचा (NIF) प्रकाशित किया।
    • NIF संयुक्त राष्ट्र के ग्लोबल इंडिकेटर फ्रेमवर्क को प्रासंगिक बनाता है।
  • इसके अलावा, लगभग 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने SDG के आधार पर एक विजन दस्तावेज तैयार किया है।

स्वैच्छिक स्थानीय समीक्षा का महत्व:

  • यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि शहर सबसे महत्वपूर्ण हितधारक हैं क्योंकि स्थानीय शहरी हितधारकों की भागीदारी के बिना 169 लक्ष्यों में से 65% को सफलतापूर्वक प्राप्त नहीं किया जा सकता है।
  • VLR स्थानीय कार्यों को प्रदर्शित करता है तथा लोगों के सतत और न्यायसंगत परिवर्तन को प्रोत्साहित करता है।
  • यह शहर की कार्रवाई को राज्य-स्तरीय कार्य योजना और देश के VNR के साथ संरेखित करता है।
  • शहरों को अपनी प्राथमिकता और तार्किक सुविधा के अनुसार अपना VLR दृष्टिकोण चुनने की स्वतंत्रता होगी।

भोपाल का केस स्टडी:

  • भोपाल नगर निगम, यूएन-हैबिटेट (UN-Habitat) और 23 से अधिक स्थानीय हितधारकों के एक समूह ने भोपाल में इसके VLR के लिए सहयोग किया है।
  • इसने SDG के लिए तीन स्तंभों पर 56 विकासात्मक परियोजनाओं की मैपिंग की है।
    • लोग: SDG 1,3,4,5।
    • ग्रह: SDG 6,13,15।
    • समृद्धि: SDG 7,8,11।
  • सतत शहर और समुदाय (SDG 11) के तहत शहर के संकेतकों का मात्रात्मक मूल्यांकन।
    • यह प्रति व्यक्ति ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रथाओं, सार्वजनिक परिवहन और खुले स्थानों की स्थिति का विश्लेषण करता है।
    • यह उन क्षेत्रों का भी विश्लेषण करता है जिनमें सुधार की आवश्यकता है जैसे आश्रय, प्रदूषण, नगर नियोजन आदि।
  • लोगों को भी इस प्रक्रिया से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।

स्वैच्छिक स्थानीय समीक्षा के अन्य उदाहरण:

  • यूनाइटेड किंगडम के कैंटरबरी शहर में, स्थानीय सरकार के बजाय, निवासियों और स्थानीय समूहों ने मिलकर एक गठबंधन बनाया जिसने स्वैच्छिक स्थानीय समीक्षा (VLR) का आयोजन किया।
    • इसने SDG को आगे बढ़ाने के लिए स्थानीय सरकार के सामने शहर-स्तरीय समूहों के साथ काम करने के लिए याचिका दायर की।
  • धूलिखेल (नेपाल), सिंगरा (बांग्लादेश), और अम्मान (जॉर्डन) की स्थानीय सरकार ने 2022 में अपने VLR प्रकाशित किए।

निष्कर्ष:

  • अन्य शहरों को भोपाल के उदाहरण का अनुसरण करना चाहिए तथा इस दिशा में अपने नवाचारों और उभरते सहयोगों को प्रदर्शित करना चाहिए।

संबंधित लिंक :

Gist of AIR Spotlight [NITI Aayog Sustainable Development Goals India Index]

सारांश:

  • स्वैच्छिक स्थानीय समीक्षा के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों का स्थानीयकरण एजेंडा 2030 की निगरानी और प्राप्ति की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस दिशा में भोपाल ने अपने लिए उपयुक्त दृष्टिकोण तैयार किया है। इसका राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनुकरण किया जाना चाहिए।

प्रीलिम्स तथ्य:

  1. आर्सेनिक के संपर्क में आना

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

विषय: पर्यावरण

प्रारंभिक परीक्षा: आर्सेनिक संदूषण

संदर्भ:

  • आर्सेनिक के उपभोग के प्रभाव पर अध्ययन

भूमिका:

  • हाल के एक शोध से संकेत मिलता है कि आर्सेनिक के उपभोग का निम्न स्तर (उच्च स्तर के ज्ञात स्वास्थ्य जोखिमों के अलावा) भी बच्चों, किशोरों और युवा वयस्कों में संज्ञानात्मक कार्य को प्रभावित कर सकता है।
  • अध्ययन में पाया गया कि आर्सेनिक के संपर्क में आने से मस्तिष्क के प्रमुख क्षेत्रों में ग्रे मैटर में कमी आ जाती है और जुड़ाव कम हो जाता है।
  • अध्ययन से यह भी पता चला है कि लंबे समय तक आर्सेनिक के संपर्क में रहने से आबादी के एक बड़े हिस्से को प्रभावित करने वाली एक वैश्विक “मूक महामारी” उत्पन्न हो सकती है।
  • आर्सेनिक संपर्क के कारण संज्ञान पर व्यक्तिगत रूप से पड़ने वाले प्रभाव सीमित थे, लेकिन सामूहिक प्रभाव अधिक स्पष्ट थे।
  • पिछले अध्ययनों के अनुसार, आर्सेनिक के संपर्क में आने से गरीब समुदायों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
  • आर्सेनिक और मस्तिष्क के कार्य के बीच संबंध खोजने के साथ-साथ वायु प्रदूषण जैसे अन्य पर्यावरणीय कारकों की खोज के लिए आगे की जांच आवश्यक है।
  • बिहार और पश्चिम बंगाल में सरकारों द्वारा पाइप से जल पहुंचाने और आर्सेनिक को पृथक करने वाले संयंत्रों के माध्यम से आर्सेनिक संदूषण का समाधान करने के प्रयास किए गए हैं।

आर्सेनिक संदूषण:

  • आर्सेनिक चट्टानों और खनिजों के अपक्षय के बाद निक्षालन और अपवाह के द्वारा मिट्टी और भूजल में प्रवेश कर जाता है।
  • कोयला चालित विद्युत संयंत्रों, वनस्पति जलने और ज्वालामुखीय घटना जैसी उच्च तापमान प्रक्रियाओं से आर्सेनिक वातावरण में उत्सर्जित होता है।
  • आर्सेनिक खाद्य श्रृंखला में भी प्रवेश कर चुका है – मुख्य रूप से चावल, गेहूं और आलू में।
    • देश के कई हिस्सों में भूजल में आर्सेनिक संदूषण एक बढ़ती चिंता का विषय रहा है।
  • भूजल में आर्सेनिक मौजूद है और इसी जल का उपयोग किसानों द्वारा बड़े पैमाने पर सिंचाई के लिए किया जाता है। इस प्रकार, यह खाद्य श्रृंखला में भी प्रवेश कर जाता है।
  • भारत में, पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, असम, मणिपुर और छत्तीसगढ़ भूजल के आर्सेनिक संदूषण से सबसे अधिक प्रभावित हैं। इन राज्यों में भूजल में आर्सेनिक का स्तर अनुमेय स्तर से अधिक है।

स्वास्थ्य पर प्रभाव:

  • आर्सेनिक कार्बनिक रूप में मौजूद हो सकता है। अकार्बनिक आर्सेनिक यौगिक (पानी में पाए जाने वाले) अत्यधिक विषैले होते हैं जबकि कार्बनिक आर्सेनिक यौगिक (समुद्री खाद्य में पाए जाने वाले) स्वास्थ्य के लिए कम हानिकारक होते हैं।
  • गंभीर आर्सेनिक विषाक्तता के तात्कालिक लक्षणों में उल्टी, पेट में दर्द और दस्त शामिल हैं। इसके बाद अत्यधिक गंभीर मामलों में सुन्नता और झुनझुनी, मांसपेशियों में ऐंठन और मृत्यु तक हो जाती है।
  • अकार्बनिक आर्सेनिक के उच्च स्तर के साथ लंबे समय तक संपर्क (उदाहरण के लिए, पीने के पानी और भोजन के माध्यम से) में रहने के लक्षण आमतौर पर त्वचा में देखे जाते हैं, और इसमें रंजकता परिवर्तन, त्वचा के घाव और हथेलियों और पैरों के तलवों पर बड़े धब्बे (हाइपरकेराटोसिस) शामिल हैं।
    • ये लक्षण लगभग पांच वर्षों के बाद दिखाई देते हैं और त्वचा कैंसर का कारण बन सकते हैं।
  • त्वचा कैंसर के अलावा, लंबे समय तक आर्सेनिक के संपर्क में रहने से मूत्राशय और फेफड़ों का कैंसर भी हो सकता है।
  • अन्य प्रतिकूल स्वास्थ्य प्रभाव जो अकार्बनिक आर्सेनिक के दीर्घकालिक अंतर्ग्रहण से जुड़े हो सकते हैं, उनमें विकासात्मक प्रभाव, मधुमेह, फुफ्फुसीय रोग और हृदय रोग शामिल हैं।
  • आर्सेनिक-प्रेरित रोधगलन अत्यधिक मृत्यु दर का एक महत्वपूर्ण कारण हो सकता है।
  • ताइवान में, आर्सेनिक के संपर्क को “ब्लैकफुट रोग” से जोड़ा गया है, जो रक्त वाहिकाओं की एक गंभीर बीमारी है जो गैंग्रीन का कारण बनती है।
    • हालाँकि, यह रोग दुनिया के अन्य भागों में नहीं देखा गया है, और यह संभव है कि कुपोषण इसके विकास में योगदान देता है।
  • आर्सेनिक प्रतिकूल गर्भावस्था के परिणामों और शिशु मृत्यु दर से भी जुड़ा हुआ है। बाल स्वास्थ्य, गर्भाशय और प्रारंभिक बचपन पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। यह कई प्रकार के कैंसर, फेफड़ों की बीमारी, दिल के दौरे और गुर्दे की विफलता के कारण युवा वयस्कों में मृत्यु दर में वृद्धि से जुड़ा हुआ है।

महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. सर्वोच्च न्यायालय अब अपनी कुल क्षमता के साथ कार्य करेगा:
  • भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा और न्यायाधीश के.वी. विश्वनाथन को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई और इसी के साथ भारत के सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या 34 हो गई है जो कि इसकी कुल क्षमता है।
  • भारत के सर्वोच्च न्यायालय में भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त मुख्य न्यायाधीश और 33 अन्य न्यायाधीश शामिल होते हैं।
  • न्यायाधीश मिश्रा और न्यायाधीश विश्वनाथन ने क्रमशः सेवानिवृत्त न्यायाधीश दिनेश माहेश्वरी और एम. आर. शाह का स्थान लिया।
  • शपथ ग्रहण समारोह पूर्ण अदालत और बार के सदस्यों की उपस्थिति में हुआ और सरकार द्वारा उनकी त्वरित नियुक्तियों को मंजूरी दी गई।
  • न्यायमूर्ति विश्वनाथन, जो अगस्त 2030 में भारत के 58वें मुख्य न्यायाधीश बन सकते हैं, सर्वोच्च न्यायालय की खंडपीठ में सीधे पदोन्नत होने वाले नौवें वकील हैं। न्यायमूर्ति मिश्रा ने इससे पहले आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया था।
  1. गोल्डन ग्लोब रेस:
  • कमांडर (सेवानिवृत्त) अभिलाष टॉमी ने गोल्डन ग्लोब रेस पूरी करके इतिहास रच दिया है। वे यह रेस पूरी करने वाले पहले भारतीय हैं।
    • वे 2022 के संस्करण में दक्षिण अफ्रीका के नाविक कर्स्टन न्यूसचफर के बाद दूसरे स्थान पर रहे।
  • गोल्डन ग्लोब रेस विश्व की एक नॉन-स्टॉप, सोलो, अनसिस्टेड यॉट रेस (non-stop, solo, unassisted yacht race) है जो 1968-69 में पहली बार आयोजित की गई थी।
  • इस रेस में किसी भी प्रकार की आधुनिक तकनीक का उपयोग नहीं किया जाता है और केवल 1968 से पहले के उपलब्ध नाव तथा प्रौद्योगिकी का उपयोग किये जाने की अनुमति है।
  • प्रतिभागियों को जीपीएस, उपग्रह संचार, या नौवहन सहायता का उपयोग करने की अनुमति नहीं होती है, लेकिन चिकित्सा आपात स्थिति के लिए एक सैटेलाइट फोन प्रदान किया जाता है।
  • सैटेलाइट फोन अत्यंत प्रतिबंधित उपयोग के लिए उपलब्ध होते हैं और इससे एक दिन में चार छोटे संदेश ही भेजे जा सकते हैं, और सीलबंद बॉक्स (आपातकाल के लिए) में रखे गए जीपीएस चार्ट प्लॉटर का उपयोग करने से प्रतिभागी अयोग्य हो जाता है।
  • नौकायन एक निर्धारित मार्ग के साथ की जाती है और प्रतिभागी को तीन केपों (cape) दक्षिण अफ्रीका के केप ऑफ गुड होप, ऑस्ट्रेलिया के केप लीउविन और चिली के केप हॉर्न का चक्कर लगाना होता है।
  • 1968 की रेस में, सर रॉबिन नॉक्स-जॉनस्टन बिना रुके यह जलयात्रा पूरी करने वाले पहले व्यक्ति बने थे।
    • सर नॉक्स-जॉनस्टन ने सुहैली (Suhaili) नामक नाव का इस्तेमाल किया था, जिसे 1963 में रॉयल बॉम्बे यॉट क्लब की सहायता से बॉम्बे में बनाया गया था।
  • गोल्डन ग्लोब रेस दुनिया का सबसे लंबा खेल आयोजन है।
  • इस रेस का 2022 संस्करण 4 सितंबर, 2022 को फ्रांस में लेस सैबल्स-डी’ओलोने से शुरू हुआ था।

UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. वैकल्पिक निवेश कोष (AIF) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं? (स्तर:मध्यम)

  1. AIF भारत में स्थापित ऐसा कोई भी कोष है जो एक निजी तौर पर पूल किया गया निवेश साधन है एवं निवेश के लिए भारतीय या विदेशी दोनों परिष्कृत निवेशकों से धन एकत्र करता है।
  2. AIF में भारतीय बाजार नियामक सेबी के म्यूचुअल फंड नियमों के तहत आने वाले कोष शामिल हैं।
  3. रियल एस्टेट फंड, डेब्ट फंड, प्राइवेट इक्विटी फंड, संकटग्रस्त (distressed) परिसंपत्तियों के लिए फंड आदि श्रेणी III AIF के रूप में पंजीकृत हैं।

विकल्प:

  1. केवल 1
  2. केवल 2 और 3
  3. केवल 1 और 3
  4. 1, 2 और 3

उत्तर: (a)

व्याख्या:

  • कथन 01 सही है, वैकल्पिक निवेश कोष (AIF) एक ट्रस्ट, एक कंपनी, एक निकाय कॉर्पोरेट, या एक सीमित देयता भागीदारी के रूप में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (वैकल्पिक निवेश निधि) विनियम, 2012 द्वारा परिभाषित कोई भी निजी रूप से जमा किया गया निवेश कोष (चाहे भारतीय या विदेशी स्रोतों से) है।
  • कथन 02 गलत है, AIF में ऐसे फंड शामिल नहीं हैं जो सेबी के कानूनों के अधीन हैं। पारिवारिक ट्रस्ट, कर्मचारी कल्याण ट्रस्ट और ग्रेच्युटी ट्रस्ट AIF के रूप में नहीं गिने जाते हैं।
  • कथन 03 गलत है, AIF दिन-प्रतिदिन की अपनी परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के अलावा अन्य लाभ या ऋण नहीं लेते हैं, जैसा कि सेबी (वैकल्पिक निवेश निधि) विनियम, 2012 में अनुमति है। विभिन्न प्रकार के फंड जैसे रियल एस्टेट फंड, प्राइवेट इक्विटी फंड (PE funds), संकटग्रस्त (distressed) परिसंपत्तियों के लिए फंड, आदि श्रेणी II AIF के रूप में पंजीकृत हैं।

प्रश्न 2. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर:सरल)

  1. एंजेल कर किसी सूचीबद्ध कंपनी द्वारा निवेशकों को उचित बाजार मूल्य से अधिक मूल्य पर शेयर बेचकर जुटाई गई पूंजी पर लगाया जाता है।
  2. एक इकाई को उसके निगमन और पंजीकरण की तिथि से 10 साल तक एक स्टार्टअप माना जाएगा, और एक इकाई को एक स्टार्टअप के रूप में पहचाना जाना जारी रहेगा यदि निगमन और पंजीकरण के बाद से किसी भी वित्तीय वर्ष में इसका कारोबार ₹100 करोड़ से अधिक नहीं है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?

  1. केवल 1
  2. केवल 2
  3. दोनों
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर: (b)

व्याख्या:

  • कथन 01 गलत है, एंजेल कर एक ऐसा शब्द है जिसका उपयोग असूचीबद्ध कंपनियों द्वारा शेयरों के निर्गम के माध्यम से जुटाई गई पूंजी पर देय आयकर को संदर्भित करने के लिए किया जाता है, जहां शेयर की कीमत बेचे गए शेयरों के उचित बाजार मूल्य से अधिक देखी जाती है।
    • अतिरिक्त प्राप्ति को आय के रूप में माना जाता है और तदनुसार उस पर कर लगाया जाता है।
  • कथन 02 सही है, DPIIT द्वारा स्टार्टअप मान्यता के लिए जिन मानदंडों पर विचार किया जाता है, वे इस प्रकार हैं,

चित्र स्रोत: Startupindia.gov

प्रश्न 3. हाल ही में चर्चा में रहा हर्शल द्वीप (Herschel Island) निम्नलिखित में से किस देश का हिस्सा है? (स्तर:कठिन)

  1. अर्जेंटीना
  2. ऑस्ट्रेलिया
  3. कनाडा
  4. मेक्सिको

उत्तर: (c)

व्याख्या: हर्शल द्वीप ब्यूफोर्ट सागर (आर्कटिक महासागर का हिस्सा) में स्थित एक द्वीप है, जो कनाडा स्थित युकोन जिसका प्रशासनिक रूप से यह एक हिस्सा है, के तट से 5 किमी. दूर स्थित है।

  • यह चर्चा में है क्योंकि एक अध्ययन से पता चला है कि हर्शल द्वीप में पर्माफ्रॉस्ट पिघलने से हजारों औद्योगिक स्थलों और आर्कटिक में मौजूद संबंधित दूषित क्षेत्रों के अस्थिर होने की संभावना है, जिसके परिणामस्वरूप पूरे क्षेत्र में जहरीले पदार्थ फैल सकते हैं।

प्रश्न 4. निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से गलत है/हैं? (स्तर:सरल)

  1. विरोध करने के अधिकार को मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता दी गई है।
  2. शांतिपूर्ण विरोध का अधिकार संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा में शामिल है।

विकल्प:

  1. केवल 1
  2. केवल 2
  3. दोनों
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर: (d)

व्याख्या:

  • कथन 01 गलत है, विरोध करने का अधिकार अनुच्छेद 19(1)(a), अनुच्छेद 19(1)(b) और अनुच्छेद 19(1)(c) के तहत प्राप्त है जो नागरिक को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और बिना शस्त्रों के शांतिपूर्वक सभा करने का अधिकार देता है तथा संघ या ट्रेड यूनियन बनाने का अधिकार प्रदान करता है।
  • कथन 02 गलत है, शांतिपूर्ण विरोध का अधिकार संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा में शामिल है। शांतिपूर्ण सभा के अधिकार में ऑफ़लाइन और ऑनलाइन दोनों तरह से बैठक, धरना, हड़ताल, रैली, आयोजन या विरोध करने का अधिकार शामिल है।

प्रश्न 5. दो महत्वपूर्ण नदियां- जिनमें से एक का स्रोत झारखंड में है (और जो उड़ीशा में किसी दूसरे नाम से जानी जाती है) तथा दूसरी जिसका स्रोत उड़ीशा में है-समुद्र में प्रवाह करने से पूर्व एक ऐसे स्थान पर संगम करती हैं जो बंगाल की खाड़ी से कुछ ही दूर है। यह वन्यजीवन तथा जैव विविधता का प्रमुख स्थल है और संरक्षित क्षेत्र है। यह निम्नलिखित में से कौन-सा हो सकता है? (स्तर-कठिन) (PYQ-CSE-2011)

(a) भितरकनिका

(b) चांदीपुर-ऑन-सी

(c) गोपालपुर-ऑन-सी

(d) सिमलीपाल

उत्तर: (a)

व्याख्या: ब्राह्मणी नदी झारखंड से निकलती है और उड़ीशा में बुरहाबलांग के नाम से जानी जाती है। वैतरणी नदी उड़ीशा से निकलती है। भितरकनिका वन्यजीव अभयारण्य ब्राह्मणी और वैतरणी नदियों के बंगाल की खाड़ी में गिरने से पहले निर्मित डेल्टा पर स्थित है।

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. विभिन्न सतत विकास लक्ष्यों पर भारत की प्रगति का मूल्यांकन कीजिए। इस संबंध में सरकार द्वारा की गई कुछ पहलों का उल्लेख कीजिए। (250 शब्द; 15 अंक) (GSIII-शासन)

प्रश्न 2. हरित हाइड्रोजन भारत के नवीकरणीय ऊर्जा मुद्दों के समाधान की कुंजी हो सकता है। चर्चा कीजिए। (250 शब्द; 15 अंक) (GSIII-पर्यावरण)