A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी
D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E. संपादकीय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
सामाजिक न्याय
F. प्रीलिम्स तथ्य:
G. महत्वपूर्ण तथ्य:
H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: |
कैप्टिव प्रजनित गिद्धों को वन में छोड़ा गया
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित
पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी
विषय: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण
प्रारंभिक परीक्षा: ओरिएंटल व्हाइट-बैक्ड गिद्ध, IUCN, गिद्ध संरक्षण केंद्र।
मुख्य परीक्षा: गिद्ध पुनर्प्रजनन कार्यक्रम की सफलता, भारत में गिद्ध संरक्षण के लिए कार्य योजना: 2020-2025
गिद्धों की सॉफ्ट रिलीज की सफलता:
- 2020 में पिंजौर से आठ ओरिएंटल व्हाइट-बैक्ड गिद्धों को जंगल में छोड़ा गया।
- इनमें से पाँच गिद्ध जीवित हैं, और दो ने जंगल में सफलतापूर्वक घोंसला बना लिया है।
- 2021 में छोड़े गए पक्षी भी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और अपना भोजन स्वयं ढूंढने में सक्षम हैं। 2021 में छोड़े गए 31 पक्षियों में से 29 अभी भी जीवित हैं।
- ट्रैकिंग उपकरणों से लैस गिद्धों में से एक गिद्ध नेपाल में उड़ गया और भारत में फिर से प्रवेश कर गया। इस गिद्ध को राजभटखावा गिद्ध केंद्र (पश्चिम बंगाल के बक्सा टाइगर रिजर्व का हिस्सा) से छोड़ा गया था।
गिद्धों का संरक्षण क्यों आवश्यक है?
- मवेशियों, जिन्हें ये गिद्ध खाते हैं, में डाइक्लोफेनाक जैसी गैर-स्टेरायडल सूजन-रोधी दवाओं (NSAIDs) के उपयोग के कारण 1990 के दशक से ये पक्षी विलुप्त होने के खतरे का सामना कर रहे हैं।
- बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (BNHS) के एक अध्ययन के अनुसार, 1993 में भारत में गिद्धों की अनुमानित आबादी लगभग 40 मिलियन थी। हालाँकि, तीन प्रजातियों – ओरिएंटल व्हाइट-बैक्ड, लॉन्ग-बिल्ड और स्लेंडर-बिल्ड की आबादी में 1990 के दशक के बाद से 97% से अधिक की गिरावट आई है।
- संरक्षण की स्थिति:
- अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) के अनुसार, ओरिएंटल व्हाइट-बैक्ड, लॉन्ग-बिल्ड और स्लेंडर-बिल्ड प्रजातियों को गंभीर रूप से लुप्तप्राय माना जाता है।
- इन्हें वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची I में शामिल किया गया है, जो उन्हें उच्चतम स्तर की सुरक्षा प्रदान करती है।
- BNHS और रॉयल सोसाइटी फॉर प्रोटेक्शन ऑफ बर्ड्स (RSPB) राज्य सरकारों के साथ साझेदारी में देश भर में चार जटायु संरक्षण प्रजनन केंद्रों का प्रबंधन कर रहे हैं। इस संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम के माध्यम से, 2004 से 700 से अधिक पक्षियों का कैप्टिव प्रजनन किया गया है।
भावी कदम:
- गिद्धों की रिलीज़ और घोंसले बनाने की सफलता ने संरक्षणवादियों को मध्य प्रदेश, असम, राजस्थान और महाराष्ट्र में तीन बाघ अभयारण्यों में सॉफ्ट रिलीज़ केंद्र स्थापित करने के लिए प्रेरित किया है।
- ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड (DTAB) ने हाल ही में जानवरों के उपयोग के लिए पशु चिकित्सा दवाओं एसेक्लोफेनेक और केटोप्रोफेन के उपयोग, बिक्री और निर्माण पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है, जिससे गिद्ध संरक्षण में मदद मिलेगी।
- भारत में गिद्ध संरक्षण के लिए कार्य योजना 2020-2025 के हिस्से के रूप में हासिल की जाने वाली कार्रवाइयां:
- गिद्धों के प्रमुख आहार मवेशियों के शवों के जहरीले होने की रोकथाम
- देश में संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम को बढ़ावा देना
- देशभर में गिद्धों की नियमित निगरानी
- प्रत्येक राज्य में कम से कम एक गिद्ध सुरक्षित ज़ोन (Vulture Safe Zone) बनाकर गिद्ध सुरक्षित ज़ोन नेटवर्क को बढ़ाना और गिद्ध सुरक्षित ज़ोन के मौजूदा प्रयासों पर काम करना जारी रखना।
- गिद्धों में मृत्यु के अन्य कारणों का पता लगाना और उन्हें रोकना।
सारांश:
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संपादकीय-द हिन्दू
संपादकीय:
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की असीमित क्षमता में, लाभ और जोखिम
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
विषय: सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो-टैक्नोलॉजी, बायो-टैक्नोलॉजी और बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित विषयों के संबंध में जागरुकता
प्रारंभिक परीक्षा: विश्व पर्यावरण स्थिति कक्ष (वर्ल्ड एनवायरमेंट सिचुएशन रूम), चैटजीपीटी (ChatGPT)
मुख्य परीक्षा: कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के अनुप्रयोग, अर्थव्यवस्था पर AI का प्रभाव
संदर्भ:
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता शिक्षा, उद्योग और अनुसंधान में मौलिक रूप से बदलाव ला रही है। कुछ अनुप्रयोग नीचे सूचीबद्ध हैं:
- जैव रसायन: गूगल के डीपमाइंड ने 200 मिलियन प्रोटीन की संरचना जारी की है। इसने चगास रोग और लीशमैनियासिस के उपचार की दिशा में ड्रग्स फॉर नेग्लेक्टेड डिजीज पहल (DNDi) को सहायता प्रदान की है। AI द्वारा हजारों अणुओं की त्वरित जांच से यह संभव है।
- रोबोटिक्स: रोबोट शोध पत्र पढ़ सकते हैं और उसमें वर्णित यौगिक बना सकते हैं। ये विशिष्ट कार्यों के लिए हजारों अणुओं या प्रक्रियाओं की तेजी से जांच कर सकते हैं और इष्टतम उत्पादन के लिए रणनीति तैयार कर सकते हैं।
- पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन: संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) का विश्व पर्यावरण स्थिति कक्ष (वर्ल्ड एनवायरमेंट सिचुएशन रूम – WESR) कार्बन डाइऑक्साइड सांद्रता, ग्लेशियर द्रव्यमान, समुद्र स्तर में वृद्धि, जैव विविधता हानि और भी बहुत कुछ का आकलन करने के लिए दुनिया भर के हजारों सेंसर से रियल-टाइम डेटा का संग्रह और विश्लेषण करता है।
- कला: चैटजीपीटी (ChatGPT) जैसे वृहद् भाषा मॉडल (लॉन्ग लैंग्वेज मॉडल – LLM) पाठ, संगीत और कला सृजन कर सकते हैं।
- अधिगम: अधिगम अक्षमता वाले लोगों के लिए विज़ुअलाइज़ेशन, संचार और ज्ञात तथ्यों को संकलित करने में मदद करने में AI एक महत्वपूर्ण सहायक माध्यम हो सकती है।
निहित समस्याएँ:
- बौद्धिक संपदा: वैज्ञानिक ज्ञान (बोध) सृजन में AI के उपयोग का नई खोजों के स्वामित्व पर प्रभाव पड़ता है। उदाहरण के लिए, क्या AI उपकरणों द्वारा अस्तित्व में आया ज्ञान बौद्धिक संपदा कानूनों के तहत कवर किया जाएगा?
- त्रुटियाँ: वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि AI उत्पादों का उपयोग सावधानी से किया जाना चाहिए, क्योंकि ये अक्सर आलेखों के मूल में निहित गहन अंतर्दृष्टि को नहीं समझ सकते हैं, जिससे दोषपूर्ण निष्कर्ष निकल सकते हैं।
- पूर्वाग्रह: वैज्ञानिक दुनिया में मौजूदा पूर्वाग्रह AI उपकरणों में जड़ें जमा सकतें हैं, जिससे अल्पमत की ओर से आए विचारों का प्रतिनिधित्व कम हो सकता है और रूढ़िवादिता का प्रसार हो सकता है।
- डीप फेक: AI जनित चित्रों और वीडियो का उपयोग पहले से ही दुष्प्रचार और राजनीतिक लक्ष्यीकरण के लिए किया जा रहा है।
- सामाजिक-आर्थिक: अधिशेष संसाधनों वाले अधिकांश समाज इससे जुड़ी बुनियादी ढांचे की लागत के कारण AI का उपयोग कर रहे हैं। इससे धन का संकेंद्रण हो सकता है, असमानता बढ़ सकती है तथा अमीर और गरीब के बीच डिजिटल विभाजन हो सकता है।
भावी कदम:
- सरकारी नीति जो संस्थानों, उद्योग के लिए AI शासी सिद्धांतों पर प्रकाश डालती है, उत्तरदायी AI विकास के लिए आवश्यक है।
- विज़ुअलाइज़ेशन, संचार और ज्ञात तथ्यों को संकलित करने में लेखकों की मदद करने में AI एक महत्वपूर्ण सहायक साधन हो सकती है, लेकिन इसका उपयोग विवेकपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए।
- AI के लोकतंत्रीकरण की दिशा में उस तक पहुंच के लिए बुनियादी ढांचे और संसाधनों को सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
सारांश:
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शून्य भूखमरी लक्ष्य को पाने के लिए क्या करना होगा?
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित
सामाजिक न्याय
विषय: गरीबी और भुखमरी से संबंधित विषय
प्रारंभिक परीक्षा: खाद्य संकट, वैश्विक भूखमरी, कुपोषण पर वैश्विक रिपोर्ट
मुख्य परीक्षा: सतत विकास लक्ष्य, भूखमरी के कारण
संदर्भ:
- खाद्य सुरक्षा सूचना नेटवर्क द्वारा जारी खाद्य संकट पर वैश्विक रिपोर्ट (GRFC) 2023 में पाया गया कि 2022 में दुनिया भर में 691 मिलियन से 783 मिलियन लोग भूखमरी से पीड़ित थे, जिसका स्तर महामारी से पहले यानी 2019 से अधिक था।
खाद्य सुरक्षा को परिभाषित करने की आवश्यकता?
- विश्व खाद्य शिखर सम्मेलन के अनुसार, खाद्य सुरक्षा को सक्रिय और स्वस्थ जीवन जीने के लिए पर्याप्त, सुरक्षित और पौष्टिक भोजन तक पहुंच के रूप में परिभाषित किया गया है।
- खाद्य असुरक्षा की सीमा को खाद्य असुरक्षा अनुभव पैमाने द्वारा परिभाषित किया गया है। यह एक विश्लेषण तकनीक है जहां आहार तक पहुंच में कठिनाइयों का आकलन करने के लिए लक्षित समूहों से सीधे 8 प्रश्न पूछे जाते हैं।
- वैश्विक भूखमरी का पता देश में अल्पपोषण की व्यापकता से लगाया जाता है।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष?
- जहाँ भूखमरी की व्यापकता साल-दर-साल बढ़ती नहीं दिख रही है, वहीं भूखमरी का स्तर अभी भी महामारी-पूर्व के स्तर से ऊपर है। इसका SDG लक्ष्य 2 (शून्य भूखमरी) की प्राप्ति पर बड़ा प्रभाव पड़ता है।
- GRFC रिपोर्ट में पाया गया कि 2022 में लगभग 2.4 बिलियन लोगों को भोजन तक पर्याप्त पहुंच प्राप्त नहीं थी (यानी खाद्य असुरक्षा)।
- 2022 में दुनिया की लगभग 9.2% आबादी भूखमरी से प्रभावित हुई। इसकी तुलना में, 2019 में लगभग 7.9% आबादी भूखमरी से त्रस्त थी।
- रिपोर्ट में 2000 की तुलना में पांच साल से कम उम्र के बच्चों में बौनेपन (उम्र के हिसाब से छोटा होना) और निर्बलता (लंबाई के हिसाब से बहुत पतला होना) में गिरावट देखी गई है।
- दुनिया भर में लगभग 3.2 बिलियन लोग 2020 में स्वस्थ आहार का खर्च वहन नहीं कर सके। 2019 और 2021 के बीच वैश्विक स्तर पर स्वस्थ आहार की लागत 6.7% बढ़ गई।
- ऐसा अनुमान लगाया गया है कि 2030 में लगभग 600 मिलियन लोग लंबे समय तक अल्पपोषित रहेंगे।
खाद्य असुरक्षा के प्रचालक?
- कोविड-19: महामारी के चलते लॉकडाउन के कारण खाद्य आपूर्ति में व्यवधान उत्पन्न हुआ। मंदी और उससे जुड़ी आर्थिक मंदी के कारण बेरोजगारी बढ़ी और व्यय योग्य आय में कमी आई।
- यूक्रेन संकट: संघर्ष से जुड़े वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला व्यवधानों के कारण कृषि वस्तुओं तक पहुंच कम हो गई है। खाद्य मुद्रास्फीति भी ऊंची है जिसका असर आहार की वहनीयता पर पड़ रहा है।
- सरकारी नीतियां: विश्व व्यापार में निर्यात और आयात प्रतिबंध, मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के लिए ब्याज दरों में वृद्धि आदि ने भी आहार तक पहुंच को प्रभावित किया है।
- शहरीकरण: शहरी क्षेत्रों में खाद्य असुरक्षा कम है क्योंकि उपलब्ध संसाधन बेहतर रिटर्न की तलाश में शहरी क्षेत्रों में भेजे जाते हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत सीमित खाद्य संसाधन रह जाते हैं।
संभव समाधान?
- लक्षित प्रतिक्रिया के लिए संवेदनशील आबादी की पहचान। सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के वितरण के लिए सरकार, नागरिक समाज के साथ बहु हितधारक दृष्टिकोण।
- ताजा और न्यूनतम प्रसंस्कृत स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने वाली दुकानों को राज्य का सहयोग।
- आहार की पोषण गुणवत्ता और सुरक्षा में सुधार के लिए स्ट्रीट फूड आउटलेट्स को बुनियादी ढांचा सहायता प्रदान करना।
- बेहतर खाद्य प्रबंधन और बर्बादी को कम करने के लिए ग्रामीण बुनियादी ढांचे, गोदाम और कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं का निर्माण।
- सभी के लिए स्वस्थ आहार उपलब्ध कराने और उन्हें किफायती बनाने के लिए नीतियों को लागू करने में स्थानीय सरकारों को सशक्त बनाना।
सारांश:
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प्रीलिम्स तथ्य:
- सुरक्षा नियंत्रण केंद्र का शुभारंभ:
- केंद्रीय गृह मंत्री ने नई दिल्ली में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के विमानन सुरक्षा नियंत्रण केंद्र (ASCC) का उद्घाटन किया।
- ASCC के चार घटक होंगे: संचार और निगरानी केंद्र, घटना प्रबंधन केंद्र, विमानन अनुसंधान केंद्र और डेटा सेंटर।
- संचार और निगरानी केंद्र धमकी भरे कॉल, VVIP मूवमेंट और अन्य प्रमुख घटनाओं की वास्तविक समय पर निगरानी करेगा।
- घटना प्रबंधन केंद्र में तकनीकी उपकरण, कर्मियों, आकस्मिक योजनाओं, मानचित्रों और हवाई अड्डों के मॉडल के बारे में जानकारी होगी।
- विमानन अनुसंधान केंद्र नई प्रौद्योगिकियों, उपकरणों की दक्षता, अन्य हवाई अड्डों से सर्वोत्तम प्रथाओं, घटित घटनाओं, प्रस्थान द्वारों पर भीड़ और हवाई अड्डे पर सुरक्षा का अध्ययन करेगा।
- डेटा सेंटर जो डेटा संग्रहीत करेगा और VPN सेवाएं, इंटरकॉम आदि जैसी तकनीकी सहायता प्रदान करेगा।
- सरकार द्वारा संचालित टेली मानस हेल्पलाइन पर दो लाख डिस्ट्रेस कॉल्स दर्ज की गई हैं:
- यह केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की एक पहल है और इसे 2022 में लॉन्च किया गया था।
- टेली-मानस को दो स्तरीय प्रणाली के रूप में व्यवस्थित किया गया है – राज्य टेली-मानस प्रकोष्ठ और जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (DMHP)/मेडिकल कॉलेज संसाधन क्रमशः टियर 1 और टियर 2 का निर्माण करते हैं।
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य अनुकूलित इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम (IVRS) के माध्यम से तत्काल मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना और टियर 1 प्रतिक्रिया के रूप में देखभाल की सुविधा प्रदान करना है। विशेषज्ञ देखभाल की आवश्यकता वाले कॉलर्स को जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम में उचित सेवाओं और नजदीकी स्वास्थ्य सुविधाओं से जोड़ा जाता है।
- टेली-मानस अंततः राष्ट्रीय टेली-परामर्श सेवा, ई-संजीवनी, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन, आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र और आपातकालीन मनोरोग सुविधाओं सहित विभिन्न मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं और पेशेवरों को एकीकृत करेगा।
- यह सेवा वर्तमान में 20 भाषाओं में उपलब्ध है और इसमें 1,900 से अधिक परामर्शदाता (काउंसलर) कार्यरत हैं।
टेली-मानस के बारे में:
महत्वपूर्ण तथ्य:
- आक्रामक खरपतवार से तमिलनाडु में हाथियों के आवास को खतरा है:
- “लुडविगिया पेरुवियाना” मध्य और दक्षिण अमेरिकी क्षेत्रों की स्थानीय आक्रामक प्रजाति है।
- ये प्रजातियाँ वायल के नाम से जाने जाने वाले हिल स्टेशनों के मौसमी जल-भराव वाले घास के मैदानों को प्रभावित कर रही हैं।
- आईएनएस कृपाण को भारतीय नौसेना से सेवामुक्त किया गया, उपहार के रूप में वियतनाम को सौंपा गया:
- आईएनएस कृपाण को 1991 में कमीशन किया गया था।
- यह गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स द्वारा निर्मित स्वदेश निर्मित खुकरी श्रेणी का कार्वेट है।
- ये कार्वेट डीजल इंजन द्वारा संचालित होते हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय समुद्री प्राधिकरण (ISA) ने समुद्र में निकल, कोबाल्ट जैसे खनिजों के खनन के लिए एक रूपरेखा पर सहमति व्यक्त की है:
- ISA की स्थापना संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि (UNCLOS) के तहत की गई है।
- मुख्यालय: किंग्स्टन, जमैका
- इसका अधिदेश समुद्र में जिम्मेदार खनन गतिविधि सुनिश्चित करना और गहरे समुद्र की गतिविधियों के कारण होने वाले किसी भी नुकसान से समुद्री पर्यावरण की रक्षा करना है।
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. लुडविगिया पेरुवियाना (Ludwigia Peruviana) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा सही है?
- यह पौधा भारत के लिए स्थानिक है।
- इसके हल्के गुलाबी रंग के फूल होते हैं और इसकी ऊंचाई 12 फीट तक होती है।
- यह एक जलीय पौधा और आक्रामक प्रजाति है जो दलदली भूमि को नुकसान पहुंचाती है।
- यह भारत में केवल तमिलनाडु में पाया जाता है।
उत्तर: (c)
व्याख्या: लुडविगिया पेरुवियाना गैर-स्थानिक आक्रामक प्रजाति है जो मध्य और दक्षिण अमेरिका के लिए स्थानिक है। यह एक आक्रामक जलीय पौधा है जो भारत के क्षेत्रों सहित विश्व स्तर पर विभिन्न दलदली क्षेत्रों में देखने को मिलता है।
प्रश्न 2. निम्नलिखित में से कौन सी केंद्रीकृत विमानन सुरक्षा नियंत्रण केंद्र की मुख्य जिम्मेदारी है?
- हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे का प्रबंधन
- यात्री यातायात पर रियल-टाइम डेटा एकत्र करना
- हवाई यातायात नियंत्रण संचालन का प्रबंधन
- एयरलाइन शेड्यूल बनाना
उत्तर: (b)
व्याख्या: केंद्रीकृत विमानन सुरक्षा नियंत्रण केंद्र की जिम्मेदारी में 66 हवाई अड्डों पर इष्टतम उपयोग के लिए यात्री यातायात और संसाधन जुटाव पर रियल-टाइम डेटा एकत्र करना शामिल है।
प्रश्न 3. प्रायः चर्चा में रहने वाला “टेली मानस” (Tele MANAS) शब्द निम्नलिखित में से किसके संदर्भ में प्रयोग होता है?
- स्वदेशी उपग्रह नेविगेशन प्रणाली
- जंगली जीव-जंतु की कैप्टिव ब्रीडिंग (बंदी प्रजनन)
- राष्ट्रीय राजमार्गों की सुरक्षा
- सरकार – संचालित राष्ट्रीय टेली-मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम
उत्तर: (d)
व्याख्या: “टेली मानस” शब्द सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय टेली-मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम को संदर्भित करता है, जो जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की डिजिटल शाखा है।
प्रश्न 4. बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (BNHS) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- यह पर्यावरण और वन मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संगठन है।
- यह कार्य-आधारित अनुसंधान, शिक्षा और जन जागरूकता के माध्यम से प्रकृति के संरक्षण का प्रयास करता है।
- यह आम जनता के लिए नेचर ट्रेल्स एवं शिविरों का प्रबंध और संचालन करता है।
उपर्युक्त कथनों में से कितना/कितने सही है/हैं?
- केवल एक
- केवल दो
- सभी तीनों
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (b)
व्याख्या: यह एक स्वतंत्र गैर-सरकारी संगठन (NGO) है जो प्रकृति के संरक्षण की दिशा में काम करता है।
प्रश्न 5. अंतर्राष्ट्रीय समुद्री प्राधिकरण (International Seabed Authority) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा सही है?
- ISA संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है जो अंतर्राष्ट्रीय जल-क्षेत्र में मछली पकड़ने की गतिविधियों को विनियमित करने के लिए उत्तरदायी है।
- ISA एक अंतरसरकारी संगठन है जो अंतर्राष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र में खनिज संसाधनों की खोज और दोहन की निगरानी करता है।
- ISA एक गैर-सरकारी संगठन है जो दुनिया भर में समुद्री संरक्षण प्रयासों को बढ़ावा देता है।
- ISA एक क्षेत्रीय संगठन है जो प्रशांत महासागर में प्रदूषण से संबंधित मुद्दों से निपटता है।
उत्तर: (b)
व्याख्या: ISA एक अंतरसरकारी संगठन है जो अंतर्राष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र जो राष्ट्रीय अधिकार क्षेत्र सीमा से परे क्षेत्र है, में खनिज संसाधनों की खोज और दोहन की निगरानी करता है।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) द्वारा उत्पन्न लाभों और जोखिमों का विस्तार से परीक्षण कीजिए।
(250 शब्द, 15 अंक) (GS-III; विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी)
- वैश्विक भूखमरी से निपटने के लिए किन उपायों की आवश्यकता है और संयुक्त राष्ट्र के SDG 2 को प्राप्त करने के संबंध में विश्व की वर्तमान स्थिति क्या है?
(250 शब्द, 15 अंक) (जीएस-II; सामाजिक न्याय)