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A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित समाचार उपलब्ध नहीं हैं। B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: अंतर्राष्ट्रीय संबंध
C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: आज इससे संबंधित समाचार उपलब्ध नहीं हैं। D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित समाचार उपलब्ध नहीं हैं। E. संपादकीय: अंतर्राष्ट्रीय संबंध
राजव्यवस्था
F. प्रीलिम्स तथ्य:
G. महत्वपूर्ण तथ्य: आज इससे संबंधित समाचार उपलब्ध नहीं हैं। H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: |
23 March 2024 Hindi CNA
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित
रूस, चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में गजा पर ‘युद्धविराम’ पर हुई अमेरिकी पहल पर वीटो किया
अंतर्राष्ट्रीय संबंध
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार
मुख्य परीक्षा: रूस, चीन और अमेरिका के संबंध
संदर्भ: रूस और चीन ने गजा में युद्धविराम के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिका के नेतृत्व वाले मसौदा प्रस्ताव पर वीटो कर दिया।
- इस प्रस्ताव में हमास के हमले की निंदा करते हुए स्पष्ट रूप से गजा में इजरायल के अभियान को तत्काल समाप्त करने की मांग नहीं की गई थी।
मुद्दे
- रूस और चीन द्वारा वीटो: रूस और चीन का वीटो मसौदा प्रस्ताव की भाषा के प्रति उनके असंतोष और इज़राइल पर दबाव की कमी को दर्शाता है।
- अमेरिका की स्थिति: अमेरिका ने संघर्ष के समाधान के लिए प्रस्ताव पेश किया, लेकिन इजरायल के प्रति कथित पूर्वाग्रह के कारण उसे विरोध का सामना करना पड़ा।
- नाजुक कूटनीति: हितों को संतुलित करने के उद्देश्य से मसौदा प्रस्ताव की शब्दावली, अपनी अस्पष्टता के कारण आम सहमति बनाने में विफल रही।
महत्त्व
- अंतर्राष्ट्रीय गतिरोध: प्रस्ताव पर वीटो करना गजा संघर्ष के संबंध में सुरक्षा परिषद के भीतर मौजूद गतिरोध को सामने लाता है।
- कूटनीतिक नतीजा: वीटो प्रमुख शक्तियों के बीच तनाव को बढ़ाता है और युद्धविराम के प्रयासों को जटिल बनाता है।
- मानवीय प्रभाव: गजा में निरंतर संघर्ष ने मानवीय संकट को बढ़ा दिया है, जिसमें नागरिक हताहत हुए हैं और बुनियादी ढांचे की क्षति बढ़ रही है।
समाधान
- संशोधित प्रस्ताव: तत्काल युद्धविराम की मांग करते हुए स्पष्ट भाषा के साथ एक वैकल्पिक प्रस्ताव पर विचार।
- व्यापक राजनयिक जुड़ाव: बातचीत और तनाव कम करने की सुविधा के लिए क्षेत्रीय हितधारकों को शामिल करने वाले बहुपक्षीय प्रयासों को प्रोत्साहित करना।
- मानवीय सहायता: संघर्ष के बीच पीड़ा को कम करने के लिए गजा को मानवीय सहायता वितरण को प्राथमिकता देना।
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सारांश: यह प्रस्ताव जिस पर वीटो किया गया, गजा संघर्ष के समाधान में राजनयिक पहलों की चुनौतियों को रेखांकित करता है। गोलीबारी में फंसे नागरिकों की कुशलता को प्राथमिकता देते हुए विभाजन को पाटने और शांतिपूर्ण समाधान के रास्ते तलाशने के प्रयास जारी रहने चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया संघर्ष की दिशा और क्षेत्रीय स्थिरता पर इसके प्रभाव को आकार देगी। |
संपादकीय-द हिन्दू
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित
दो युद्ध, अमेरिका की स्थिति के परिणाम
अंतर्राष्ट्रीय संबंध
विषय: विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियों एवं राजनीति का भारत के हितों पर प्रभाव
मुख्य परीक्षा: विश्व संबंधों पर अमेरिकी विदेश नीति का प्रभाव
संदर्भ: हाल की घटनाएं, जिनमें चक शूमर जैसी प्रमुख हस्तियों के बयान और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ संवाद शामिल हैं, अमेरिकी विदेश नीति को आकार देने वाली जटिल गतिशीलता को रेखांकित करती हैं।
- इज़राइल-हमास संघर्ष और यूक्रेन युद्ध जैसे वैश्विक संकटों का घरेलू राजनीति के साथ जुड़ना इन मुद्दों में अमेरिकी भागीदारी की भविष्य की स्थिति को लेकर चिंता पैदा करता है।
मुद्दे:
अमेरिका और यूक्रेन युद्ध:
- फरवरी 2022 से अमेरिका यूक्रेन को कुल $75 बिलियन की सैन्य और नागरिक सहायता प्रदान करने वाला महत्वपूर्ण प्रदाता रहा है।
- हालाँकि, कांग्रेस में $60 बिलियन की अतिरिक्त सहायता में देरी हुई है, जिससे यूक्रेन अनिश्चित स्थिति में है।
- रूसी विजय को रोकने की अमेरिकी आकांक्षा के बावजूद, अमेरिका को आंतरिक राजनीतिक विभाजनों को दूर करते हुए आगे सैन्य सहायता प्रदान करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
- यूक्रेन के लिए जमीनी स्तर पर स्थिति गंभीर बनी हुई है, सामरिक असफलताओं और कमियों के कारण संघर्ष बढ़ रहा है।
इज़राइल और उसकी गजा पर कार्रवाई:
- अमेरिका परंपरागत रूप से इज़राइल का समर्थन करता है, लेकिन राष्ट्रपति बाइडेन और अन्य लोगों की हालिया आलोचनाएँ बदलती भावनाओं को दर्शाती हैं।
- गजा में इजरायली कार्रवाई की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा हुई है, जिससे मानवीय प्रभाव और स्थायी राजनीतिक समाधान की कमी को लेकर चिंताएं पैदा हो गई हैं।
- प्रधान मंत्री नेतन्याहू की आकांक्षाएं शांति के लिए सामरिक दृष्टिकोण के बजाय राजनीतिक अस्तित्व से प्रेरित लगती हैं।
महत्त्व:
- इन संघर्षों के परिणाम वैश्विक मंच पर अमेरिका की स्थिति पर प्रभाव डालते हैं, भले ही आगामी राष्ट्रपति चुनाव का विजेता कोई भी हो।
- अमेरिकी विदेश नीति में बदलाव से संबंधों और क्षेत्रीय गतिशीलता पर असर पड़ सकता है, जिसका यूरोप, इंडो-पैसिफिक और उससे आगे संभावित असर हो सकता है।
समाधान:
- यूक्रेन युद्ध से निपटने हेतु राजनयिक समाधान तलाशते हुए सैन्य और मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए ठोस अंतरराष्ट्रीय प्रयासों की आवश्यकता है।
- इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष में, दीर्घकालिक स्थिरता के लिए संवाद को बढ़ावा देना और व्यवहार्य दो-राज्य समाधान पर जोर देना आवश्यक है।
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सारांश: वैश्विक संकटों और घरेलू राजनीति के बीच जटिल परस्पर क्रिया अमेरिकी विदेश नीति के सामने आने वाली चुनौतियों को रेखांकित करती है। चुनावी नतीजों के बावजूद, इन मुद्दों के समाधान के लिए सामरिक भागीदारी, राजनयिक प्रयासों और अंतरराष्ट्रीय मानदंडों और मूल्यों को बनाए रखने की प्रतिबद्धता की आवश्यकता है। |
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित
राजव्यवस्था
CAA, मुस्लिम बहिष्करण और दक्षिणपंथ का नजरिया
विषय: संवैधानिक संशोधन और महत्वपूर्ण प्रावधान
मुख्य परीक्षा: CAA 2019 से संबंधित मुद्दे
संदर्भ: CAA 2019 के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के मुसलमानों के बहिष्करण के संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की हालिया टिप्पणी से इस कानून को लेकर चर्चा फिर से शुरू कर हो गई है।
मुद्दे:
विभाजन और इसकी जटिलता:
- विभाजन के लिए सभी मुसलमानों को ज़िम्मेदार ठहराने वाला तर्क त्रुटिपूर्ण है, क्योंकि यह प्रक्रिया मुख्य रूप से मुस्लिम अभिजात वर्ग द्वारा संचालित थी, जो विभिन्न सामाजिक-राजनीतिक कारकों से प्रभावित थे।
- कई भारतीय मुसलमानों ने विभाजन का पुरजोर विरोध किया था, भारत में रहने और देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने का विकल्प चुना था।
- मुस्लिम बहिष्करण के आधार के रूप में हिंदू दक्षिणपंथ द्वारा विभाजन के चित्रण में इस बहिष्करण के खिलाफ सूक्ष्म प्रतिरोध को नजरअंदाज किया गया है और यह मुसलमानों के प्रति दंडात्मक दृष्टिकोण को दर्शाता है।
उत्पीड़न और धार्मिक अल्पसंख्यक:
- जहां पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अहमदिया और शियाओं सहित धार्मिक अल्पसंख्यकों को उत्पीड़न का सामना करना पडा है, वहीं यह तर्क कि विभाजन के लिए सभी मुसलमान जिम्मेदार हैं, अमान्य है।
- भारत की धर्मनिरपेक्ष सरकारों की पड़ोसी देशों में धार्मिक उत्पीड़न के समाधान में विफलता इस मुद्दे की तात्कालिकता को रेखांकित करती है।
- विभाजन के बाद की व्यापक समझ से सीमाओं के पार धार्मिक अल्पसंख्यकों द्वारा सामना किए जा रहे सांप्रदायिक तनाव और चुनौतियों का पता चलता है।
महत्त्व:
- CAA के बहिष्करण संबंधी प्रावधान और व्यापक हिंदू दक्षिणपंथी एजेंडा भारत में गैर-इस्लामीकरण की ओर बदलाव का संकेत देते हैं, जिससे धर्मनिरपेक्षता और धार्मिक बहुलवाद के लिए बड़ी चुनौतियां पैदा होती हैं।
- सरकार और विपक्ष दोनों के भीतर से राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ, धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों और भारत के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को आकार देने में महत्वपूर्ण हैं।.
समाधान:
- विभाजन के इतिहास की जटिलताओं के समाधान के लिए विविध दृष्टिकोणों को स्वीकार करने और सभी समुदायों के योगदान को स्वीकार करने वाले समावेशी विचारों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
- धार्मिक उत्पीड़न के प्रति प्रभावी प्रतिक्रिया के लिए घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों पक्षों की ओर से मानवाधिकारों और मानवीय सहायता पर जोर देते हुए सक्रिय उपायों की आवश्यकता होती है।
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सारांश: CAA 2019 के आसपास का विमर्श भारत में व्यापक सामाजिक-राजनीतिक तनाव और वैचारिक बदलाव को दर्शाता है। विविध समाज में धार्मिक पहचान और नागरिकता की जटिलताओं को दूर करने के लिए धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों को कायम रखना, अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा करना और समावेशी संवाद को बढ़ावा देना आवश्यक है। |
प्रीलिम्स तथ्य:
1. भारत अगले पांच वर्षों में भूटान को दी जाने वाली सहायता दोगुनी कर 10,000 करोड़ रुपये करेगा : मोदी
संदर्भ: भारत ने भूटान को 2019-2024 के ₹5,000 करोड़ से दोगुनी सहायता करते हुए पांच वर्षों में इसे ₹10,000 करोड़ करने का वादा किया है।
- प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने थिम्पू, भूटान की अपनी यात्रा के दौरान इस निर्णय की घोषणा की, जहां उन्हें भूटान के सर्वोच्च सम्मान, ‘ऑर्डर ऑफ द ड्रक ग्यालपो’ से सम्मानित किया गया।
विवरण:
- ऐतिहासिक मित्रता: भारत और भूटान के बीच दीर्घकालिक मित्रता है, जहां विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग है।
- आर्थिक सहायता: भूटान को बुनियादी ढांचे के विकास, कनेक्टिविटी और अन्य विकासात्मक परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता की आवश्यकता है।
- रणनीतिक संबंध: भूटान को भारत का सहयोग क्षेत्र में दोनों देशों के रणनीतिक हितों के लिए महत्वपूर्ण है।
महत्त्व
- द्विपक्षीय संबंध: सहायता को मजबूत करना भारत और भूटान के बीच द्विपक्षीय संबंधों की गहराई को दर्शाता है।
- क्षेत्रीय स्थिरता: बढ़ा हुआ सहयोग दक्षिण एशियाई क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा को बढ़ावा देता है।
- विकासात्मक प्रभाव: बढ़ी हुई सहायता से भूटान के आर्थिक विकास में मदद मिलेगी, जिससे सामाजिक विकास और गरीबी उन्मूलन होगा।
समाधान
- बुनियादी ढांचे का विकास: कनेक्टिविटी और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए ‘गेलेफू माइंडफुलनेस सिटी’ जैसी परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करना।
- कनेक्टिविटी: नए हवाई अड्डे, रेल लिंक और ब्रह्मपुत्र पर जलमार्ग नेविगेशन जैसी पहल कनेक्टिविटी को बढ़ाएगी।
- व्यापार अवसंरचना: एकीकृत चेक पोस्ट से व्यापार संचालन सुव्यवस्थित होंगे और आर्थिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देंगे।
2. चीनी तट रक्षक द्वारा दक्षिण चीन सागर में फिलीपिंस के जहाजों को रोकने की कोशिश
संदर्भ: चीनी तट रक्षक ने विवादित दक्षिण चीन सागर में फिलीपिंस के जहाजों को रोकने का प्रयास किया, जिससे क्षेत्र में तनाव बढ़ गया।
- यह घटना तब घटी जब फिलीपिंस के सरकारी जहाज, जिस पर वैज्ञानिक सवार थे, क्षेत्र में सैंडबार पर शोध करने की कोशिश कर रहे थे।
मुद्दे
- क्षेत्रीय विवाद: दक्षिण चीन सागर चीन, फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, ताइवान और ब्रुनेई द्वारा अधिव्यापित क्षेत्रीय दावों (overlapping territorial claims) के तहत आता है।
- बढ़ता तनाव: हाल के टकराव, जिनमें नाकाबंदी के प्रयास और छोटी-मोटी झड़पें शामिल हैं, चीन और फिलीपींस के बीच बढ़ती दुश्मनी को सामने लाते हैं।
- सामरिक महत्व: दक्षिण चीन सागर अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और वाणिज्य के लिए एक महत्वपूर्ण जलमार्ग है, जो क्षेत्रीय विवादों के खतरे को बढ़ाता है।
महत्त्व
- क्षेत्रीय स्थिरता: दक्षिण चीन सागर में बढ़े तनाव से क्षेत्र के अस्थिर होने का खतरा पैदा हो गया है, जिसमें संभावित रूप से चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसी प्रमुख शक्तियां शामिल हो सकती हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय संबंध: यह विवाद व्यापक भू-राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में प्रभाव के लिए संघर्ष को रेखांकित करता है।
- कानूनी निहितार्थ: यह घटना समुद्री विवादों को प्रशासित करने वाले अंतरराष्ट्रीय कानून और मानदंडों के अनुपालन पर सवाल उठाती है।
समाधान
- राजनयिक संवाद: क्षेत्रीय विवादों का समाधान करने और इसे आगे बढ़ने से रोकने के लिए दावेदार राज्यों के बीच शांतिपूर्ण बातचीत और संवाद को प्रोत्साहित किया जाना।
- बहुपक्षीय जुड़ाव: दक्षिण चीन सागर में सहयोग और विश्वास-निर्माण उपायों को बढ़ावा देने के लिए दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रो का संगठन (आसियान) जैसे बहुपक्षीय तंत्र को सुविधाजनक बनाना।
- कानूनी सहारा: विवादों को सुलझाने और समुद्री सीमाओं को स्पष्ट करने के लिए समुद्री कानून पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (UNCLOS) के तहत मध्यस्थता जैसे कानूनी रास्ते तलाशना।
3. आयरलैंड के सबसे युवा पीएम साइमन हैरिस
सन्दर्भ: साइमन हैरिस आयरलैंड के अब तक के सबसे युवा ताओसीच (प्रधानमंत्री) बनने की ओर अग्रसर हैं, जो इस भूमिका में एक नया चेहरा और मजबूत सोशल मीडिया उपस्थिति लाएंगे।
- “टिकटॉक ताओसीच” नाम से मशहूर हैरिस का नेतृत्व में आगे बढ़ना आयरिश राजनीति में युवा नेतृत्व और डिजिटल जुड़ाव की ओर बदलाव को दर्शाता है।
मुद्दे
- नेतृत्व परिवर्तन: लियो वराडकर के इस्तीफे के बाद, फाइन गेल आगामी चुनावों में पार्टी का नेतृत्व करने के लिए एक नए नेता की तलाश कर रहे हैं।
- युवा नेतृत्व: हैरिस की उम्मीदवारी पारंपरिक राजनीतिक मानदंडों से हटकर युवाओं और डिजिटल संचार पर जोर देती है।
- पार्टी की किस्मत: फाइन गेल को उम्मीद है कि हैरिस की लोकप्रियता और संवाद कौशल पार्टी की छवि और चुनावी संभावनाओं को फिर से जीवंत कर देंगे।
महत्त्व
- पीढ़ीगत परिवर्तन: हैरिस का चुनाव आयरिश राजनीति में पीढ़ीगत बदलाव का संकेत देता है, जिसमें युवा नेता प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं।
- डिजिटल राजनीति: “टिकटॉक ताओसीच” का उदय राजनीतिक चर्चा और जुड़ाव को आकार देने में सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव को रेखांकित करता है।
- पार्टी की गतिशीलता: फाइन गेल द्वारा हैरिस का चयन युवा मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए आधुनिकीकरण और अनुकूलन की आवश्यकता के बारे में पार्टी की स्वीकृति को दर्शाता है।
4. ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन AUKUS पनडुब्बी का निर्माण करेंगे
सन्दर्भ: डोनाल्ड ट्रम्प की वापसी सहित लागत, क्षमताओं और संभावित राजनीतिक बदलावों पर चिंताओं के बावजूद ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन ने AUKUS समझौते के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
- AUKUS का लक्ष्य चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए तीन देशों के बीच सैन्य क्षमताओं को बढ़ाना है।
मुद्दे
- लागत संबंधी चिंताएँ: AUKUS समझौते के तहत परमाणु-संचालित पनडुब्बियों के बेड़े को विकसित करने और इसे प्रयोग में लाने की वित्तीय व्यवहार्यता के बारे में प्रश्न उठते हैं।
- क्षमता चुनौतियाँ: इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा बढ़ाने में परमाणु-संचालित पनडुब्बियों की तकनीकी क्षमताओं और प्रभावशीलता को लेकर संदेह बना हुआ है।
- राजनीतिक अनिश्चितता: डोनाल्ड ट्रम्प की संभावित वापसी और उनका “अमेरिका फर्स्ट” दृष्टिकोण AUKUS जैसे अंतर्राष्ट्रीय समझौतों की स्थिरता और निरंतरता को लेकर चिंता पैदा करता है।
महत्त्व
- सामरिक गठबंधन: AUKUS ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच सैन्य सहयोग को गहरा करने में महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करता है, जिसका उद्देश्य क्षेत्र में चीन की मुखरता का मुकाबला करना है।
- तकनीकी उन्नति: परमाणु-संचालित पनडुब्बियों का विकास रक्षा क्षमताओं को आधुनिक बनाने और समुद्री क्षेत्रों में सैन्य श्रेष्ठता बनाए रखने की प्रतिबद्धता का संकेत देता है।
- राजनयिक निहितार्थ: AUKUS की सफलता या विफलता व्यापक भू-राजनीतिक गतिशीलता को प्रभावित कर सकती है, जिससे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में गठबंधन और शक्ति संतुलन प्रभावित हो सकता है।
5. वित्त मंत्रालय का संकेत, इस वित्तीय वर्ष में वास्तविक GDP वृद्धि 8% तक पहुंच सकती है
सन्दर्भ: वित्त मंत्रालय का सुझाव है कि वित्तीय वर्ष के लिए भारत की वास्तविक GDP वृद्धि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के 7.6% के अनुमान को पार करते हुए लगभग 8% तक पहुंच सकती है।
- मंत्रालय इस आशावादी दृष्टिकोण में योगदान देने वाले प्रमुख कारक के रूप में 2023-24 की अंतिम तिमाही में जारी आर्थिक गति का हवाला देता है।
विवरण:
- GDP वृद्धि अनुमान: वित्त मंत्रालय के लगभग 8% GDP वृद्धि के पूर्वानुमान और NSO के 7.6% के अनुमान के बीच विसंगति आर्थिक प्रदर्शन और अनुमान पद्धतियों पर सवाल उठाती है।
- जोखिम कारक: कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान जैसी चुनौतियाँ आगामी वित्तीय वर्ष में आर्थिक विकास और स्थिरता के लिए जोखिम पैदा करती हैं।
- क्षेत्रीय गतिशीलता: शहरी और ग्रामीण उपभोग मांग के बीच असमानताएं समग्र आर्थिक गतिविधि को प्रोत्साहित करने और क्षेत्रीय असमानताओं को दूर करने के लिए लक्षित नीतियों की आवश्यकता को रेखांकित करती हैं।
महत्त्व
- आर्थिक सुधार: NSO के अनुमान से अधिक होना भारत की आर्थिक सुधार में संभावित तेजी का संकेत देता है, निवेशकों का विश्वास बढ़ाता है और निरंतर वृद्धि का मार्ग प्रशस्त करता है।
- मुद्रास्फीति प्रबंधन: आरबीआई की टॉलरेंस सीमा (tolerance range) के भीतर स्थिर मुद्रास्फीति और आने वाले महीनों के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण क्रय शक्ति और लागत-प्रेरित मुद्रास्फीति दबावों को लेकर चिंताओं को कम करता है।
- बाहरी क्षेत्र: चालू खाता शेष और माल व्यापार घाटे (merchandise trade deficit) में सुधार भारत के बाहरी क्षेत्र में लचीलेपन को दर्शाता है, हालांकि संभावित जोखिमों पर चेतावनी भी हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य:
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UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
Q1) हेपेटाइटिस B के सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- हेपेटाइटिस B एक वायरल संक्रमण है जो लीवर पर हमला करता है तथा तीव्र और चिरकाली (chronic) दोनों तरह की बीमारियों का कारण बन सकता है।
- हेपेटाइटिस B वायरस संक्रमित व्यक्ति के रक्त या शरीर के अन्य तरल पदार्थों के संपर्क से फैलता है।
- हेपेटाइटिस B का कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसे एक टीके से रोका जा सकता है जो भारत में सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम का एक हिस्सा है।.
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
- केवल एक
- केवल दो
- सभी तीन
- इनमे से कोई भी नहीं
उत्तर: c
Q2) भारत में ई-कचरा (प्रबंधन) नियम, 2022 के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- ये नियम विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व (EPR) का विस्तार करते हुए इसमें न केवल निर्माताओं को बल्कि रीफर्बिशर और डिस्मेंटलर को भी शामिल करते हैं।
- 2022 नियमों के तहत सौर फोटोवोल्टिक मॉड्यूल या पैनल या सेल को शामिल करने के लिए ई-कचरे की परिभाषा का विस्तार किया गया है।
- ई-कचरे के उत्पादकों, रीफर्बिशर और पुनर्चक्रणकर्ताओं के पंजीकरण के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया गया था।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
a. केवल 1 और 2
b. केवल 2 और 3
c. 1, 2, और 3
d. केवल 1 और 3
उत्तर: c
Q3) निम्नलिखित देशों पर विचार कीजिए:
- ताइवान
- फिलिपींस
- ब्रुनेई
- वियतनाम
- लाओस
उपर्युक्त में से कितने देश दक्षिण चीन सागर से लगे हुए हैं?
- केवल दो
- केवल तीन
- केवल चार
- सभी पांच
उत्तर: c
Q4) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- जेम्स वेब टेलीस्कोप ने आकाशगंगा ‘शिव’ और ‘शक्ति’ के भीतर दो प्राचीन स्टार-थ्रेड (star threads) की खोज की।
- ऐसा माना जाता है कि इन स्टार-थ्रेड (star threads) ने आकाशगंगा के निर्माण और संरचना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं ?
- केवल 1
- केवल 2
- 1 और 2 दोनों
- न तो 1, न ही 2
उत्तर: b
Q5) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- बैलिस्टिक मिसाइल अपनी पूरी उड़ान में अवध्वनिक चाल पर प्रधार नोदित होती हैं, जबकि क्रूज़ मिसाइल केवल उड़ान के आरंभिक चरण में रॉकेट संचालित होती हैं।
- अग्नि-V मध्यम दूरी की पराध्वनिक क्रूज़ मिसाइल है, जबकि ब्रह्मोस ठोस ईंधन चालित अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
- केवल 1
- केवल 2
- 1 और 2 दोनों
- न तो 1, न ही 2
उत्तर: d
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
- मौजूदा वैश्विक व्यवस्था (world order) पर रूस-यूक्रेन संघर्ष के प्रभाव का विश्लेषण कीजिए। इस संघर्ष में प्रमुख वैश्विक शक्तियों की भूमिका और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर इसके निहितार्थ पर चर्चा कीजिए। प्रासंगिक उदाहरणों के साथ अपने उत्तर की पुष्टि कीजिए। (10 अंक 150 शब्द) (सामान्य अध्ययन – II, अंतर्राष्ट्रीय संबंध)
- आर्थिक प्रगति के माप के रूप में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की भूमिका का परीक्षण कीजिए। इसकी सीमाओं और सामाजिक-आर्थिक विकास पर GDP वृद्धि के प्रभाव पर चर्चा कीजिए। विकसित और विकासशील दोनों देशों के उदाहरण प्रदान कीजिए। (10 अंक 150 शब्द) (सामान्य अध्ययन – III, अर्थव्यवस्था)
(नोट: मुख्य परीक्षा के अंग्रेजी भाषा के प्रश्नों पर क्लिक कर के आप अपने उत्तर BYJU’S की वेव साइट पर अपलोड कर सकते हैं।)