A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित समाचार उपलब्ध नहीं हैं। B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: अंतर्राष्ट्रीय संबंध
सामाजिक न्याय
C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: अर्थव्यवस्था
D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित समाचार उपलब्ध नहीं हैं। E. संपादकीय: अंतर्राष्ट्रीय संबंध
F. प्रीलिम्स तथ्य:
G. महत्वपूर्ण तथ्य: आज इससे संबंधित समाचार उपलब्ध नहीं हैं। H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: |
24 February 2024 Hindi CNA
Download PDF Here
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित
युद्ध-शुरुआत के 2 वर्ष पूरे और अमेरिका ने रूस पर नये प्रतिबंध लगाए
अंतर्राष्ट्रीय संबंध
विषय: विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियों एवं राजनीति का भारत के हितों पर प्रभाव
मुख्य परीक्षा: अमेरिका-रूस संबंध
सन्दर्भ: संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के 2 वर्ष पूरे होने और एलेक्सी नवलनी की मौत के प्रत्युत्तर में कदम उठाते हुए रूस के खिलाफ अपने प्रतिबंध तेज कर दिए हैं। ये प्रतिबंध रूस के वित्तीय क्षेत्र, रक्षा औद्योगिक आधार और खरीद नेटवर्क सहित विभिन्न क्षेत्रों को लक्षित करते हैं।
मुद्दे
- रूसी आक्रमण: 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण और उसके बाद की कार्रवाइयों ने विश्व स्तर पर चिंताएँ बढ़ा दी हैं।
- नवलनी की मृत्यु: क्रेमलिन के एक प्रमुख आलोचक एलेक्सी नवलनी की आर्कटिक पैनल कॉलोनी में मृत्यु हो गई, जिसकी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर निंदा हुई।
- दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं का निर्यात: विदेशी कंपनियों पर रूस को दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं का निर्यात करने का आरोप है, जो संभावित रूप से उसके सैन्य प्रयासों में सहायता कर रही है।
महत्त्व
- वैश्विक स्थिरता: प्रतिबंधों का उद्देश्य रूसी आक्रामकता को रोकना और क्षेत्र में स्थिरता को बढ़ावा देना है।
- नवलनी के लिए न्याय: नवलनी की कैद से जुड़े व्यक्तियों को निशाना बनाने का उद्देश्य रूस को मानवाधिकारों के हनन के लिए जिम्मेदार ठहराना है।
- यूक्रेन के लिए समर्थन: ये उपाय यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए समर्थन प्रदर्शित करते हैं।
समाधान
- बहुपक्षीय कार्रवाई: अमेरिका और यूरोपीय संघ के बीच सहयोग से प्रतिबंधों की प्रभावशीलता बढ़ जाती है।
- वित्तीय दबाव: रूस के वित्तीय क्षेत्र को लक्षित करने का उद्देश्य देश पर आर्थिक लागत थोपना है।
- कानूनी उपाय: परिसंपत्ति को फ्रीज करना, यात्रा प्रतिबंध और अभियोगों के उपयोग का उद्देश्य प्रमुख व्यक्तियों और संस्थाओं की गतिविधियों को प्रतिबंधित करना है।
सारांश: अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा नए प्रतिबंध लगाना रूसी आक्रामकता और मानवाधिकार उल्लंघनों के प्रति एकीकृत प्रतिक्रिया को दर्शाता है। ये उपाय यूक्रेन में रूस के कार्यों पर लागत लगाने और मानवाधिकारों के हनन के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने का प्रयास हैं। |
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित
पश्चिमी देश रूस को चीन के करीब धकेल रहे हैं: जयशंकर
अंतर्राष्ट्रीय संबंध
विषय: विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियों एवं राजनीति का भारत के हितों पर प्रभाव
मुख्य परीक्षा: रूस का चीन के करीब आना और इसका भारत और विश्व पर प्रभाव
सन्दर्भ: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस को अलग-थलग करने जो अनजाने में उसे चीन के करीब धकेल सकता है, के बजाय अधिक विकल्प देने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने चीन के “माइंड गेम” और सीमा पर उसके व्यवहार के बारे में चिंताओं पर प्रकाश डाला और देशों से उसके रणनीतिक जाल में फंसने से बचने का आग्रह किया।
मुद्दे
- रूसी विकल्प: पश्चिमी देशों द्वारा रूस के लिए दरवाजे बंद करने की चिंता, संभावित रूप से इसे चीन के साथ घनिष्ठ संबंधों की ओर धकेल रही है।
- चीन का माइंड गेम्स: चीन पर देशों को अन्य साझेदारों के साथ जुड़ने से रोकने के लिए रणनीतिक माइंड गेम खेलने का आरोप है।
- सीमा तनाव: भारत-चीन सीमा गतिरोध और उसके बाद से चीन के बदलते व्यवहार का संदर्भ।
महत्त्व
- राजनयिक संतुलन: वैश्विक कूटनीति के लिए रूस और चीन के प्रति संतुलित दृष्टिकोण बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
- अलगाव से बचना: रूस को अलग-थलग करने से अनपेक्षित परिणाम हो सकते हैं, जिसमें चीन के साथ उसके संबंधों को मजबूत करना भी शामिल है।
- भारत की रणनीतिक स्वायत्तता: चीन सहित किसी भी देश को अपनी नीतिगत पसंद तय करने की अनुमति देने से भारत का इनकार रणनीतिक स्वायत्तता के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
समाधान
- विकल्पों की पेशकश: रूस को कई राजनयिक और आर्थिक विकल्प प्रदान करने से चीन पर उसकी अत्यधिक निर्भरता को रोका जा सकता है।
- लचीली कूटनीति: देशों को चीन द्वारा रणनीतिक हेरफेर के खिलाफ सतर्क रहना चाहिए और विविध भागीदारों के साथ सहयोग सुनिश्चित करना चाहिए।
- रूस के साथ जुड़ाव: रूस के साथ निरंतर जुड़ाव, उसकी राजनयिक परंपरा और क्षमताओं को पहचानते हुए, एक बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।
सारांश: उपरोक्त टिप्पणियाँ वैश्विक भू-राजनीति की जटिलताओं और सूक्ष्म कूटनीतिक रणनीतियों की आवश्यकता पर प्रकाश डालती हैं। राष्ट्रीय हितों की रक्षा करते हुए रूस और चीन दोनों के साथ संबंधों को संतुलित करना अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए अनिवार्य है। |
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित
रूसी सेना के सहायकों के रूप में काम करने वाले भारतीयों की शीघ्र मुक्ति के लिए भारत ने रूस से संपर्क किया
अंतर्राष्ट्रीय संबंध
विषय: विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियों एवं राजनीति का भारत के हितों पर प्रभाव
मुख्य परीक्षा: भारत और रूस के संबंध
सन्दर्भ: भारत के विदेश मंत्रालय ने रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष में रूसी सेना के साथ सहायक स्टाफ के रूप में काम करने वाले भारतीय नागरिकों की भागीदारी को लेकर कदम उठाया है। भारतीय नागरिकों को रूसी सेनाओं के साथ लड़ने के लिए मजबूर किए जाने को लेकर चिंताएं जताई गई हैं, जिसके चलते भारत ने राजनयिक कार्रवाई शुरू कर दी है।
मुद्दे
- भारतीय नागरिकों की भागीदारी: रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि रूसी सेना द्वारा सहायक कर्मचारियों के रूप में नियुक्त किए गए भारतीय नागरिकों को यूक्रेन सीमा पर युद्ध में भाग लेने के लिए मजबूर किया गया है।
- राजनयिक हस्तक्षेप: विदेश मंत्रालय ने सहायक भूमिकाओं में शामिल भारतीय नागरिकों की शीघ्र मुक्ति सुनिश्चित करने के लिए रूसी अधिकारियों के साथ काम किया है।
- सुरक्षा संबंधी चिंताएँ: रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते संघर्ष के बीच भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और कुशलता सर्वोपरि है।
महत्त्व
- कानूनी और नैतिक निहितार्थ: युद्ध में भारतीय नागरिकों की बलात भागीदारी अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत उनके अधिकारों और सुरक्षा के संबंध में कानूनी और नैतिक प्रश्न उठाती है।
- राजनयिक संबंध: अपने नागरिकों की मुक्ति सुनिश्चित करने के लिए भारत के राजनयिक प्रयास भारतीय नागरिकों के हितों की रक्षा करते हुए रूस के साथ द्विपक्षीय संबंध बनाए रखने के महत्व को दर्शाते हैं।
- मानवीय चिंताएँ: संघर्ष क्षेत्रों में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और स्वदेश वापसी सुनिश्चित करना विदेशों में अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
समाधान
- राजनयिक जुड़ाव: सहायक भूमिकाओं में शामिल भारतीय नागरिकों की शीघ्र मुक्ति और स्वदेश वापसी की सुविधा के लिए रूसी अधिकारियों के साथ निरंतर बातचीत और सहयोग आवश्यक है।
- कांसुलर सहायता: भारतीय दूतावास को प्रभावित भारतीय नागरिकों को कानूनी सहायता और कांसुलर सेवाओं सहित आवश्यक सहयोग और सहायता प्रदान करनी चाहिए।
- निवारक उपाय: भारतीय नागरिकों को सावधानी बरतनी चाहिए और उन गतिविधियों में शामिल होने से बचना चाहिए जो उन्हें संघर्ष क्षेत्रों में जोखिम में डाल सकती हैं। भारत सरकार के उन्नत जागरूकता अभियान और सलाह ऐसी स्थितियों को कम करने में मदद कर सकते हैं।
सारांश: रूसी सेना के साथ सहायक भूमिकाओं में भारतीय नागरिकों की भागीदारी पर भारत का सक्रिय दृष्टिकोण विदेशों में अपने नागरिकों के कल्याण और हितों की रक्षा करने की अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते संघर्ष के बीच उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनकी शीघ्र मुक्ति और स्वदेश वापसी के राजनयिक प्रयास महत्वपूर्ण हैं। |
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित
केंद्र ने सरोगेसी नियमों में संशोधन किया, युगलों को डोनर युग्मक का उपयोग करने की अनुमति दी
सामाजिक न्याय
विषय: केंद्र और राज्यों द्वारा आबादी के कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं
प्रारंभिक परीक्षा: सरोगेसी नियम
मुख्य परीक्षा: सरोगेसी अधिनियम के प्रावधान
सन्दर्भ: केंद्र सरकार ने सरोगेसी (विनियमन) नियम, 2022 में संशोधन किया है, जिससे चिकित्सीय स्थितियों का सामना करने वाले युगलों को सरोगेसी प्रक्रियाओं में डोनर युग्मक का उपयोग करने की सुविधा मिल गई है। इसके अतिरिक्त, सरोगेसी से गुजरने वाली एकल महिलाओं (विधवा या तलाकशुदा) को अब अपने अंडे और डोनर शुक्राणु का उपयोग करने की अनुमति है। यह संशोधन सरोगेसी में डोनर युग्मकों पर प्रतिबंध के संबंध में उच्चतम न्यायालय में दायर याचिकाओं और जांच-परीक्षण के बाद आया है।
मुद्दे
- डोनर युग्मक (Donor Gametes) पर प्रतिबंध: पिछले नियमों में कहा गया था कि सरोगेसी प्रक्रियाओं में दोनों युग्मक इच्छुक युगल के होने चाहिए, जिससे चिकित्सीय स्थितियों का सामना करने वाले युगलों के लिए चुनौतियाँ पैदा होती हैं।
- उच्चतम न्यायालय जांच: उच्चतम न्यायालय को डोनर युग्मकों पर प्रतिबंधों पर सवाल उठाने वाली याचिकाएं प्राप्त हुईं और केंद्र से सरोगेसी नियमों पर अपने रुख पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया गया।
- रोगी अधिकार: सरोगेसी से गुजरने वाले रोगियों के मौलिक अधिकारों और सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकियों तक उनकी पहुंच पर प्रतिबंधात्मक नियमों के प्रभाव को लेकर चिंताएं व्यक्त की गईं।
महत्त्व
- चिकित्सा लचीलापन: यह संशोधन चिकित्सा स्थितियों का सामना करने वाले युगलों को डोनर युग्मक का उपयोग करने की सुविधा प्रदान करता है, जिससे उन्हें सरोगेसी के लिए अधिक विकल्प मिलते हैं और उनकी विशिष्ट चिकित्सा आवश्यकताओं का समाधान होता है।
- लैंगिक समावेशिता: विधवाओं और तलाकशुदा सहित एकल महिलाएं, अब अपने अंडों और डोनर शुक्राणु का उपयोग करके सरोगेसी प्रक्रियाओं से गुजर सकती हैं, जो सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकियों में लैंगिक समावेशिता को बढ़ावा देती है।
- कानूनी स्पष्टता: यह संशोधन सरोगेसी नियमों को स्पष्ट करता है और उन्हें विकसित चिकित्सा पद्धतियों और रोगी अधिकारों के साथ संरेखित करता है, एक कानूनी ढांचा प्रदान करता है जिससे इसमें शामिल सभी पक्षों के हितों की रक्षा होती है।
समाधान
- सरोगेसी विनियमों में लचीलापन: चिकित्सा प्रौद्योगिकी में प्रगति को समायोजित करने और इच्छुक माता-पिता की विविध आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सरोगेसी नियमों की लगातार समीक्षा और उसे अद्यतन करना।
- परामर्श और हितधारक जुड़ाव: यह सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सा पेशेवरों, कानूनी विशेषज्ञों और हितधारकों के साथ जुड़ना कि सरोगेसी नियम से रोगी के अधिकारों, नैतिक विचारों और कानूनी आवश्यकताओं के बीच संतुलन हो।
- जागरूकता और शिक्षा: समुचित निर्णय लेने की सुविधा के लिए जनता, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और कानूनी पेशेवरों के बीच सरोगेसी नियमों, इच्छुक माता-पिता के अधिकारों और नैतिक विचारों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना।
सारांश: सरोगेसी (विनियमन) नियम, 2022 में संशोधन, चिकित्सीय स्थितियों (medical condition) का सामना करने वाले युगलों के लिए डोनर युग्मक के उपयोग की सुविधा प्रदान करता है और एकल महिलाओं को अपने अंडे और डोनर शुक्राणु का उपयोग करके सरोगेसी से गुजरने की सुविधा देता है, जो चिकित्सा पद्धतियों के विकास के साथ समावेशिता, रोगी अधिकारों और संरेखण की दिशा में एक कदम को दर्शाता है। |
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित
WTO में डेटा ट्रांसफर पर भारत के रुख ने सेमीकंडक्टर उद्योग के दिग्गजों को आशंकित कर दिया है
अर्थव्यवस्था
विषय: भारत में आर्थिक विकास और विनिर्माण क्षेत्र
मुख्य परीक्षा: WTO में डेटा ट्रांसफर पर भारत का रुख
सन्दर्भ: विश्व व्यापार संगठन (WTO) में डेटा ट्रांसफर पर भारत के रुख ने सेमीकंडक्टर उद्योग के दिग्गजों के बीच चिंता बढ़ा दी है, जिन्हें डर है कि सीमा पार डिजिटल ई-कॉमर्स और डेटा ट्रांसफर पर प्रस्तावित शुल्क भारत के चिप डिजाइन उद्योग को प्रभावित कर सकते हैं। जैसा कि दुनिया के मंत्री WTO की बैठक बुला रहे हैं, भारत, अन्य विकासशील देशों के साथ, इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन पर शुल्क लागू करने पर अधिस्थगन बढ़ाने के अमेरिका और यूरोप के प्रयासों का विरोध करता है।
मुद्दे
- अधिस्थगन विस्तार का विरोध: भारत, दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया जैसे विकासशील देश संभावित राजस्व घाटे और डिजिटल सेवाओं पर टैरिफ नियमों की आवश्यकता का हवाला देते हुए इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन पर शुल्क लागू करने पर अधिस्थगन का विस्तार करने का विरोध कर रहे हैं।
- चिप डिजाइन उद्योग पर प्रभाव: अधिस्थगन की असफलता से डिजिटल ई-कॉमर्स और डेटा ट्रांसफर पर टैरिफ बढ़ सकता है, चिप की कमी बढ़ सकती है और सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए लागत बढ़ सकती है।
- भारत का सेमीकंडक्टर विकास: भारत सेमीकंडक्टर क्षेत्र को आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण मानता है, जिसमें उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण निवेश और प्रोत्साहन शामिल हैं। हालाँकि, डेटा ट्रांसफर पर प्रस्तावित शुल्क भारत की सेमीकंडक्टर महत्वाकांक्षाओं को बाधित कर सकता है।
महत्त्व
- आर्थिक निहितार्थ: डेटा ट्रांसफर पर शुल्क लगाने से लागत बढ़ सकती है, प्रतिस्पर्धात्मकता कम हो सकती है और सेमीकंडक्टर उद्योग के विकास में बाधा आ सकती है, जिससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला और आर्थिक स्थिरता प्रभावित हो सकती है।
- निवेश का माहौल: अधिस्थगन विस्तार पर भारत का रुख सेमीकंडक्टर कंपनियों को देश के निवेश-अनुकूल माहौल और क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता के बारे में संकेत भेजता है।
- वैश्विक व्यापार गतिशीलता: WTO में डिजिटल टैरिफ पर बहस व्यापार नियमों और डिजिटल अर्थव्यवस्था के संबंध में विकसित और विकासशील देशों के बीच व्यापक तनाव को दर्शाती है।
समाधान
- संतुलित दृष्टिकोण: नवाचार, प्रतिस्पर्धात्मकता और आर्थिक विकास को बढ़ावा देते हुए विकसित और विकासशील दोनों देशों की जरूरतों पर विचार करते हुए डब्ल्यूटीओ में डिजिटल टैरिफ के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण पर जोर देना।
- सहयोगात्मक जुड़ाव: चिंताओं को दूर करने तथा वैश्विक व्यापार और सेमीकंडक्टर उद्योग के विकास के अनुकूल पारस्परिक रूप से लाभप्रद समाधान खोजने के लिए सेमीकंडक्टर उद्योग समूहों सहित हितधारकों के साथ रचनात्मक चर्चा में संलग्न होना।
- नीति संरेखण: निष्पक्ष और न्यायसंगत व्यापार प्रथाओं को सुनिश्चित करते हुए सेमीकंडक्टर उद्योग के विकास हेतु अनुकूल वातावरण बनाने के लिए घरेलू नीतियों को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मानदंडों और सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ संरेखित करना।
सारांश: WTO में डेटा ट्रांसफर पर भारत का रुख व्यापार नियमों, आर्थिक विकास और सेमीकंडक्टर उद्योग के विकास के बीच संतुलन के संबंध में महत्वपूर्ण मुद्दे उठाता है। जैसा कि दुनिया के मंत्री इन मामलों पर चर्चा करने के लिए साथ आते हैं, तो ऐसे समाधानों की तलाश करना अनिवार्य है जो टैरिफ और राजस्व घाटे के बारे में चिंताओं को दूर करते हुए नवाचार, प्रतिस्पर्धात्मकता और समावेशी विकास को बल प्रदान करे। |
संपादकीय-द हिन्दू
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित
NB8 की भारत यात्रा सहयोग और विश्वास पर केंद्रित है
अंतर्राष्ट्रीय संबंध
विषय: विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियों एवं राजनीति का भारत के हितों पर प्रभाव।
मुख्य परीक्षा: NB8 की भारत यात्रा का महत्व
सन्दर्भ: नॉर्डिक-बाल्टिक (NB8) प्रतिनिधिमंडल की भारत यात्रा वैश्विक उथल-पुथल और संघर्ष के बीच सहयोग और विश्वास के महत्व को रेखांकित करती है। आठ देशों का प्रतिनिधित्व करते हुए, यह प्रतिनिधिमंडल शांति, स्थिरता और नियम-आधारित विश्व व्यवस्था की रक्षा के लिए बातचीत, सहयोग और अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुपालन की आवश्यकता पर जोर देता है।
मुद्दे
- वैश्विक सहयोग: भू-राजनीतिक बदलावों और चुनौतियों के बीच, साझा चिंताओं को दूर करने के लिए राष्ट्रों के बीच सहयोग आवश्यक है।
- सुरक्षा संबंधित परस्पर निर्भरता: नॉर्डिक-बाल्टिक क्षेत्र और इंडो-पैसिफिक की सुरक्षा आपस में जुड़ी हुई है, जिससे पारंपरिक और गैर-पारंपरिक सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों की आवश्यकता होती है।
- संघर्ष का प्रभाव: यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध का वैश्विक खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, आपूर्ति श्रृंखला, स्थिरता और विकास पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है, जो सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
महत्त्व
- साझा मूल्य: NB8 देश लोकतंत्र, मानवाधिकार और बहुपक्षवाद के प्रति प्रतिबद्धता साझा करते हैं, साझा मूल्यों के आधार पर भारत के साथ उत्पादक साझेदारी को बढ़ावा देते हैं।
- विविध सहयोग: भारत और NB8 के बीच सहयोग नवाचार, हरित परिवर्तन, समुद्री, स्वास्थ्य, प्रौद्योगिकी, संस्कृति और व्यापार सहित विभिन्न क्षेत्रों तक फैला हुआ है, जो साझे लक्ष्यों में योगदान देता है।
- वैश्विक नेतृत्व: अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में भारत की बढ़ती भूमिका, जिसका उदाहरण जी-20 की अध्यक्षता है, वैश्विक चुनौतियों से निपटने तथा सुरक्षा और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है।
समाधान
- बेहतर सहयोग: विकास, स्वास्थ्य, हरित परिवर्तन और शांति जैसे सकारात्मक एजेंडे पर भारत और NB8 के बीच सहयोग को मजबूत करने से दोनों क्षेत्रों को ठोस लाभ मिल सकता है।
- अंतर्राष्ट्रीय कानून को कायम रखना: संघर्षों को संबोधित करने और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता जैसे अंतर्राष्ट्रीय कानून और सिद्धांतों को कायम रखना अनिवार्य है।
- शांति प्रयासों के लिए सहयोग: अंतर्राष्ट्रीय कानून और न्याय के आधार पर शांति के लिए यूक्रेन के राजनयिक प्रयासों का समर्थन करना, संघर्षों का समाधान करने और क्षेत्र में स्थिरता बहाल करने के लिए आवश्यक है।
सारांश: NB8 प्रतिनिधिमंडल की भारत यात्रा वैश्विक चुनौतियों से निपटने तथा शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने में साझेदारी, विश्वास और सहयोग के महत्व पर प्रकाश डालती है। भारत के साथ अपनी साझेदारी को गहरा करने और साझा एजेंडे पर बातचीत को बढ़ावा देकर, NB8 देशों का लक्ष्य सहयोग और विकास के लिए अधिक सकारात्मक वैश्विक एजेंडे में योगदान करना है। |
प्रीलिम्स तथ्य:
1. सुरक्षा गुट में भागीदारी ‘निलंबित’: आर्मेनिया
सन्दर्भ: आर्मेनिया के प्रधान मंत्री निकोल पशिनियन ने रूस के नेतृत्व वाले सुरक्षा समूह, सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (CSTO) में आर्मेनिया की भागीदारी को निलंबित करने की घोषणा की। यह निर्णय रूस के साथ आर्मेनिया के संबंधों में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है और विशेष रूप से नागोर्नो-काराबाख संघर्ष से निपटने के संबंध में दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाता है।
मुद्दे
- तनावपूर्ण संबंध: नागोर्नो-काराबाख संघर्ष के बाद रूस और आर्मेनिया के बीच संबंध खराब हो गए, जहां रूसी शांति सैनिकों ने अजरबैजान को अर्मेनियाई अलगाववादियों से क्षेत्र का नियंत्रण लेने से रोकने के लिए हस्तक्षेप नहीं किया।
- CSTO बहिष्कार: संघर्ष के दौरान आर्मेनिया के हितों की रक्षा में अपने उद्देश्यों को पूरा करने में इस ब्लॉक की विफलता का हवाला देते हुए, आर्मेनिया ने विरोध में CSTO शिखर सम्मेलन का बहिष्कार किया।
- दुष्प्रचार के आरोप: प्रधान मंत्री पशिनियन ने रूस पर उनकी सरकार के खिलाफ समन्वित दुष्प्रचार अभियान चलाने का आरोप लगाया, जिससे तनाव और बढ़ गया।
महत्त्व
- भू-राजनीतिक निहितार्थ: CSTO में आर्मेनिया की भागीदारी का निलंबन उसके भू-राजनीतिक संरेखण में बदलाव का संकेत देता है और रूसी प्रभाव से स्वतंत्रता का दावा करने के उसके प्रयासों को दर्शाता है।
- क्षेत्रीय सुरक्षा गतिशीलता: क्षेत्रीय सुरक्षा चिंताओं को संबोधित करने में CSTO की प्रभावकारिता, विशेष रूप से पूर्व सोवियत गणराज्यों से जुड़े संघर्षों में, आर्मेनिया के पीछे हटने के साथ जांच के दायरे में आती है।
- घरेलू राजनीति: CSTO और रूस से आर्मेनिया को दूर करने का प्रधान मंत्री पशिनियन का निर्णय घरेलू राजनीति को प्रभावित कर सकता है, संभावित रूप से उनके नेतृत्व और सरकार की नीतियों के बारे में जनता की धारणा को प्रभावित कर सकता है।
2. इसरो: PAPA ने कोरोनल मास इजेक्शन के सौर पवन प्रभाव का पता लगाया
सन्दर्भ: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अंतरिक्ष अनुसंधान में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है, जिसमें आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान पर लगे प्लाज्मा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्य (PAPA) ने कोरोनल मास इजेक्शन (CME) के प्रभाव का पता लगाया है। यह उपलब्धि सौर परिघटना को समझने और अंतरिक्ष मौसम की स्थिति की निगरानी में महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है।
मुद्दे
- सौर परिघटना का पता लगाना: उन्नत सेंसर से लैस PAPA ने एक विशिष्ट अवधि के दौरान कोरोनल मास इजेक्शन (CME) के प्रभाव का सफलतापूर्वक पता लगाया है, जो सौर गतिविधियों में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
- कार्यात्मक क्षमताएं: PAPA में सौर पवन इलेक्ट्रॉन एनर्जी प्रोब (SWEEP) और सौर पवन आयन संरचना विश्लेषक (SWICAR) शामिल हैं, जो अलग-अलग ऊर्जा श्रेणियों में सौर पवन इलेक्ट्रॉनों और आयनों के इन-सीटू माप को सक्षम करते हैं।
- परिचालन प्रदर्शन: PAPA दिसंबर 2023 से परिचालन में है, जो अंतरिक्ष मौसम की स्थिति की निगरानी में निरंतर प्रदर्शन और प्रभावशीलता का प्रदर्शन कर रहा है।
महत्त्व
- अंतरिक्ष अनुसंधान में प्रगति: PAPA द्वारा CME प्रभावों का सफल पता लगाना अंतरिक्ष अनुसंधान में भारत की बढ़ती क्षमताओं को सामने लाता है और सौर परिघटनाओं की वैश्विक समझ में योगदान देता है।
- अंतरिक्ष मौसम की निगरानी: PAPA के सौर पवन इलेक्ट्रॉनों और आयनों के निरंतर अवलोकन से अंतरिक्ष मौसम की स्थिति की निगरानी करना संभव हो जाता है, जो उपग्रह संचार, नेविगेशन सिस्टम और अन्य अंतरिक्ष-आधारित प्रौद्योगिकियों पर संभावित प्रभावों का आकलन करने के लिए महत्वपूर्ण है।
- उन्नत तैयारी: PAPA द्वारा प्रदान की गई अंतर्दृष्टि अंतरिक्ष मौसम की परिघटनाओं के विरुद्ध बेहतर तैयारी की सुविधा प्रदान करती है, समय पर शमन उपायों की सुविधा देती है और अंतरिक्ष में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा करती है।
महत्वपूर्ण तथ्य:
आज इससे संबंधित समाचार उपलब्ध नहीं हैं।
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
Q1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- असम में मौजूद काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और सिक्किम में मौजूद चितवन राष्ट्रीय उद्यान भारतीय गैंडों के दो महत्वपूर्ण केंद्र हैं।
- भारतीय राज्य असम एक सींग वाले गैंडों की सबसे बड़ी आबादी का घर है, जिनमें से 90% से अधिक काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में हैं।
निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सत्य है/हैं?
- केवल 1
- केवल 2
- 1 और 2
- इनमे से कोई भी नहीं
उत्तर: b
व्याख्या: भारतीय राज्य असम एक सींग वाले गैंडों की सबसे बड़ी आबादी का घर है, जिनमें से 90% से अधिक काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में हैं। वन में इनकी आबादी 2,000 से अधिक नहीं है, केवल दो जगह आबादी में 100 से अधिक गैंडे हैं: भारत के असम में मौजूद काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (1,200) और नेपाल के चितवन राष्ट्रीय उद्यान (CNP) (600)।
Q2. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- नाथपा झाकड़ी जलविद्युत संयंत्र देश की सबसे बड़ी भूमिगत जलविद्युत परियोजना है। यह हिमाचल प्रदेश में स्थित है।
- रिज़र्व और उत्पादन की दृष्टि से भारत की सबसे बड़ी कोयला खदान बिहार राज्य में स्थित झरिया कोयला क्षेत्र है।
निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सत्य है/हैं?
- केवल 1
- केवल 2
- 1 और 2
- इनमे से कोई भी नहीं
उत्तर: a
व्याख्या: नाथपा झाकड़ी जलविद्युत संयंत्र देश की सबसे बड़ी भूमिगत जलविद्युत परियोजना है। यह हिमाचल प्रदेश में स्थित है। झरिया कोयला क्षेत्र भारत के पूर्व में झारखंड के झरिया में स्थित एक बड़ा कोयला क्षेत्र है। झरिया भारत में सबसे बड़े कोयला भंडार का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें 19.4 बिलियन टन कोकिंग कोयले का अनुमानित भंडार है।
Q3. निम्नलिखित में से कौन सा भारतीय राज्य नीलगिरि बायोस्फीयर रिजर्व के दायरे में नहीं आता है?
- केरल
- कर्नाटक
- आंध्र प्रदेश
- तमिलनाडु
उत्तर: c
व्याख्या: नीलगिरि बायोस्फीयर रिजर्व के दायरे में आने वाले भारतीय राज्य केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु हैं। नीलगिरि बायोस्फीयर रिजर्व 1986 में स्थापित होने वाला पहला और सबसे पुराना बायोस्फीयर रिजर्व था। इसमें नागरहोल, काबिनी, बांदीपुर, मुदुमलाई और मुकुर्थी शामिल हैं। यह यूनेस्को द्वारा अनुमोदित एक विश्व धरोहर स्थल है। विविध पारिस्थितिकी तंत्र के कारण, यहां जानवरों और पौधों की प्रजातियों की विस्तृत विविधता है। इनमें से कई प्रजातियाँ दुर्लभ और लुप्तप्राय हैं।
Q4. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) एक अंतरसरकारी संगठन है जिसकी स्थापना 1989 में G7 की पहल पर वैश्विक मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण से निपटने के लिए की गई थी।
2. FATF ब्लैक लिस्ट में गैर-सहयोगात्मक देश या क्षेत्र (NCCT) शामिल हैं, जो आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों को प्रश्रय देते हैं।
निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सत्य है/हैं?
- केवल 1
- केवल 2
- 1 और 2
- इनमे से कोई भी नहीं
उत्तर: c
व्याख्या: वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) एक अंतरसरकारी संगठन है जिसकी स्थापना 1989 में G7 की पहल पर वैश्विक मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण से निपटने के लिए की गई थी। FATF ब्लैक लिस्ट में गैर-सहयोगात्मक देश या क्षेत्र (NCCT) शामिल होते हैं, जो आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों को प्रश्रय देते हैं।
Q5. मौलिक अधिकारों की निम्नलिखित श्रेणियों में से किसमें भेदभाव के एक रूप के रूप में अस्पृश्यता के विरुद्ध संरक्षा शामिल है?
(a) शोषण के विरुद्ध अधिकार
(b) स्वतंत्रता का अधिकार
(c) संवैधानिक उपचार का अधिकार
(d) समानता का अधिकार
उत्तर: d
व्याख्या: मौलिक अधिकारों में समानता के अधिकार में भेदभाव के एक रूप के रूप में अस्पृश्यता के विरुद्ध संरक्षा शामिल है।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
- सरोगेसी क्या है और भारत में इससे जुड़े मुद्दे क्या हैं? (10 अंक, 150 शब्द) (सामान्य अध्ययन – II, सामाजिक न्याय)
- रूस– यूक्रेन संकट ने भारत समेत दुनिया को कई मोर्चों पर नुकसान पहुंचाया है। टिप्पणी कीजिए। (15 अंक, 250 शब्द) (सामान्य अध्ययन – II, अंतर्राष्ट्रीय संबंध)
(नोट: मुख्य परीक्षा के अंग्रेजी भाषा के प्रश्नों पर क्लिक कर के आप अपने उत्तर BYJU’S की वेव साइट पर अपलोड कर सकते हैं।)