24 मार्च 2023 : समाचार विश्लेषण
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A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
पर्यावरण:
D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E. संपादकीय: इतिहास:
सामाजिक न्याय:
F. प्रीलिम्स तथ्य: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। G. महत्वपूर्ण तथ्य:
H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: |
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
सेमीकंडक्टर्स के लिए भारत का प्रोहत्साहन:
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
विषय: प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण।
मुख्य परीक्षा: सेमीकंडक्टर फैब इकाइयों को बढ़ावा देने की महत्ता, एवं भारत के लिए अवसर और इस दिशा में सरकार द्वारा किए गए प्रयास।
प्रसंग:
- केंद्र सरकार ने देश में इलेक्ट्रॉनिक्स आपूर्ति श्रृंखला को प्रोत्साहित करने के अपने प्रयासों के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माताओं के लिए प्रदर्शन से जुड़े प्रोत्साहन (PIL) के माध्यम से करीब ₹1,645 करोड़ का वितरण किया है।
देशों द्वारा सेमीकंडक्टर निर्माण को प्राथमिकता क्यों दी जा रही है?
- सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन यूनिट या फैब वे विनिर्माण संयंत्र हैं जो सिलिकॉन जैसे कच्चे माल को एकीकृत सर्किट (IC) में बदलने में मदद करते हैं जो लगभग सभी इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर का एक हिस्सा होते हैं।
- सेमीकंडक्टर निर्माण इकाइयां या फ़ैब्स अत्यधिक पूंजी-गहन उपक्रम हैं और इनके वृहद संयंत्रों की स्थापना करने में अरबों डॉलर की आवश्यकता होती है।
- फैब को पानी, बिजली, और तत्वों से इन्सुलेशन की अत्यधिक विश्वसनीय और उच्च गुणवत्ता वाली आपूर्ति की भी आवश्यकता होती है और इसके लिए अत्याधुनिक सर्किट बनाने के लिए उच्च स्तर की सटीकता, लागत और पूंजी की आवश्यकता होती है।
- दुनिया भर के देशों ने अब फ़ैब्स के लिए मूल्य श्रृंखला के खंडों से जुड़े रणनीतिक मूल्य को महसूस किया है।
- सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री एसोसिएशन (SIA) की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में चीन ने फ़ैब्स की वैश्विक बिक्री में हिस्सेदारी के मामले में ताइवान को पीछे छोड़ दिया था।
- अमेरिका ने अगस्त 2022 में CHIPS अधिनियम बनाया, जो निर्माताओं को अमेरिका में फैब स्थापित करने और सेमीकंडक्टर/अर्धचालक बनाने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु सब्सिडी और निवेश में लगभग 280 बिलियन डॉलर का विस्तार करता है।
- सरकार की इन्वेस्ट इंडिया एजेंसी का कहना है कि वित्त वर्ष 25-26 तक पूरे क्षेत्र के रूप में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण का मूल्य $300 बिलियन होगा।
- इसके अलावा, भारत में तैयार उत्पादों को असेंबल करने के उपक्रमों/सुविधाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है।
- हालांकि, चिपसेट और डिस्प्ले बनाने के लिए फैब की संख्या, जो देश में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के निर्माण की प्रक्रिया का अनिवार्य हिस्सा है, चिंता का कारण है।
- इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के अनुसार आने वाले भविष्य में पहले सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग फैब की घोषणा की जाएगी।
- भारत सेमीकंडक्टर मिशन से संबंधित अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए:India Semiconductor Mission
भारत के लिए अवसर:
- सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री एसोसिएशन (SIA) ने कहा है कि भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग वैल्यू चेन में अपनी ताकत पर भरोसा करना चाहिए।
- सेमीकंडक्टर निर्माण के एक महत्वपूर्ण हिस्से में डिजाइन और बौद्धिक श्रम शामिल है। कहा जाता है कि भारत को इससे एक फायदा है क्योंकि दुनिया भर में काम करने वाले सेमीकंडक्टर डिजाइन इंजीनियरों का एक बड़ा हिस्सा या तो भारतीय हैं या भारतीय मूल के हैं।
- इसके अलावा, इंटेल ( Intel) और एनवीडिया (NVIDIA) जैसी शीर्ष चिप बनाने वाली फर्मों ने पहले ही भारत में बड़ी सुविधाएं स्थापित कर ली हैं और इसने भारतीय प्रतिभाओं को आवश्यक प्रोहत्साहन/मंच प्रदान किया है।
- विशेषज्ञों का मानना है कि प्रतिबंधों और बढ़ती आबादी के कारण चीन इस तरह के लाभ पर नियंत्रण खो रहा है।
भावी कदम:
- डिस्प्ले और सेमीकंडक्टर फ़ैब्स की स्थापना को भारत के रणनीतिक और आर्थिक लक्ष्यों में से एक के रूप में देखा जाता है तथा केंद्र और राज्य सरकारें दोनों लोकप्रिय ब्रांडों जैसे कि ऐप्पल से जुड़ने के अवसरों की तलाश कर रही हैं।
- वहीं दूसरी ओर सरकार सेमीकंडक्टर के पारिस्थितिक तंत्र के विभिन्न हिस्सों को विकसित करने की भी तलाश कर रही है जिससे सतत विकास और राजकोषीय व्यवहार्यता का वादा पूरा होता है।
- SIA के अनुसार,”फाउंड्री कंपनियां” जो सिलिकॉन को सेमीकंडक्टर में बदल देती हैं, को स्थापित करने के बजाय भारत जैसे देशों को उन कंपनियों को प्रोत्साहित करने पर ध्यान देना चाहिए जो आउटसोर्स सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट (OSAT) में विशेषज्ञ हैं।
- फाउंड्री कंपनियों को भारी पूंजी निवेश की आवश्यकता होती है, जिसमें प्रवेश लागत ही अरबों डॉलर के करीब होती है।
- OSAT सेट-अप चिप बनाने की कम पूंजी-गहन प्रक्रियाओं में शामिल है जिसमें घटकों को जोड़ना और परीक्षण करना शामिल है।
- (OSAT सेट-अप इसलिए कम खर्चीले हैं और बेहतर मार्जिन उत्पन्न करते हैं।)
- इसके अलावा, समान विचारधारा वाले देशों को सेमीकंडक्टर निर्माण के विभिन्न पहलुओं में विशेषज्ञता हासिल करनी चाहिए और वितरण के लिए एक साथ आना चाहिए जो चीनी प्रभुत्व की भू-राजनीतिक समस्या को हल करने में मदद कर सकता है।
- संसद टीवी परिप्रेक्ष्य: सेमीकंडक्टर उद्योग और भारत में इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए: Sansad TV Perspective: Semiconductor Industry & India
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सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
IPCC की नई रिपोर्ट से भारत के CAMPA का विरोध क्यों हो रहा है?
पर्यावरण:
विषय: पर्यावरण संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और निम्नीकरण।
प्रारंभिक परीक्षा: IPCC रिपोर्ट और CAMPA फंड से संबंधित जानकारी।
मुख्य परीक्षा: प्रतिपूरक वनीकरण नीतियों का महत्वपूर्ण मूल्यांकन।
प्रसंग:
- जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल (Intergovernmental Panel on Climate Change (IPCC)) की सिंथेसिस/संश्लेषण रिपोर्ट जारी की गई हैं।
विवरण:
- IPCC की संश्लेषण रिपोर्ट में कहा गया है कि पहले से ही खराब हो चुके पारिस्थितिक तंत्र को बहाल करने के प्रयासों के बजाय मौजूदा पारिस्थितिक तंत्र की सुरक्षा और संरक्षण के प्रयास जलवायु संकट के प्रभाव को कम करने में बेहतर भूमिका निभाएंगे।
- IPCC की रिपोर्ट के इन निष्कर्षों ने “प्रतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण” (Compensatory Afforestation Fund Management & Planning Authority-CAMPA)) कानून पर ध्यान केंद्रित किया है, जो भारत में एक विवादास्पद नीति रही है।
- CAMPA देश के एक हिस्से में जंगलों को काटने की अनुमति देता है जिसे अन्य जगहों पर वनीकरण के माध्यम से प्रतिस्थापित किया जा सकता है या उसकी प्रतिपूर्ति की जा सकती है।
- “IPCC की संश्लेषण रिपोर्ट” पर अधिक जानकारी के लिए 23 मार्च 2023 का यूपीएससी परीक्षा विस्तृत समाचार विश्लेषण का लेख तथा 20 मार्च 2023 का हिंदी PIB विश्लेषण देखें।
प्रतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (CAMPA):
- सर्वोच्च न्यायालय के एक आदेश के आधार पर, पर्यावरण मंत्रालय ने प्रतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (CAMPA) की स्थापना की थी।
- CAMPA कानून का उद्देश्य समाप्त हुई वन भूमि की भरपाई के लिए उचित वनीकरण और पुनर्जनन गतिविधियों को सुनिश्चित करके गैर-वन उद्देश्यों के लिए वन भूमि के व्यपवर्तन के प्रभाव को कम करना है।
- CAMPA की स्थापना वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 (Forest (Conservation) Act, 1980) के तहत गैर-वन उद्देश्यों के लिए वन भूमि का उपयोग करने के लिए एजेंसियों द्वारा वसूले गए प्रतिपूरक वनीकरण (CA) के लिए एकत्रित धन के प्रबंधन के उद्देश्य से की गई थी।
- वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के अनुसार, वन भूमि डाइवर्ट करने वाली की परियोजनाओं के एवज में वनीकरण के लिए कहीं और भूमि की पहचान की जानी चाहिए, और उस भूमि के मूल्य और वनीकरण (पेड़ लगाने) के लिए धन का भुगतान करना होगा।
- इसके बाद, ऐसी भूमि को वन विभाग द्वारा संरक्षित किया जाएगा।
- CAMPA कानून से संबंधित अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए:CAMPA Law
CAMPA कानून से जुड़ी चिंताएँ:
- अन्यत्र या दूर के स्थानों में वनीकरण के बदले में प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र के विनाश की अनुमति देने के लिए CAMPA की आलोचना की गई है।
- उदाहरण के लिए, हरियाणा में एकल-प्रजाति के वृक्षारोपण से वास्तव में जैव विविधता, स्थानीय आजीविका और हाइड्रोलॉजिकल सेवाओं के संदर्भ में मध्य भारत के वनों में प्राकृतिक साल के वनों की कटाई की क्षतिपूर्ति नहीं होती है।
- विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं ने यह भी दिखाया है कि प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र अधिक कार्बन ग्रहण करते हैं।
- कार्यकर्ताओं ने यह भी दावा किया है कि जलवायु कार्रवाई जैसे जलवायु परिवर्तन को कम करने के विभिन्न साधन, नवीकरणीय ऊर्जा फार्म आदि प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र की कीमत पर नहीं होनी चाहिए।
- इसके अलावा, यह देखा गया है कि भुगतान किया गया पैसा केवल CAMPA द्वारा प्रबंधित किए जाने वाले कोष में पड़ा रहता है।
- वर्ष 2019 तक, CAMPA कोष के पास ₹47,000 करोड़ थे।
- IPCC की रिपोर्ट ने बताया है कि “प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र के रूपांतरण को कम करना” “पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली और वनीकरण” की तुलना में कम खर्चीला है।
IPCC संश्लेषण रिपोर्ट के अन्य प्रमुख निष्कर्ष:
- रिपोर्ट के अनुसार “प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र के रूपांतरण को कम करने” की तुलना में अधिक शमन क्षमता वाला एकमात्र विकल्प सौर ऊर्जा था और तीसरा उच्चतम विकल्प पवन ऊर्जा था।
- हालाँकि, भारत में सौर परियोजनाओं की भी आलोचना की गई है क्योंकि स्थानीय लोगों का मानना है कि ऐसी परियोजनाएँ भूमि-उपयोग को सीमित करती हैं और स्थानीय जल की खपत को भी बढ़ाती हैं।
- इसके अलावा अध्ययनों से पता चला है कि पश्चिमी घाटों में पवन ऊर्जा के फार्म्स वाले क्षेत्रों में शिकारी पक्षियों की बहुतायत और गतिविधियां प्रभावित हुईं हैं, जिसके कारण छिपकलियों के घनत्व में वृद्धि हुई है।
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सारांश:
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संपादकीय-द हिन्दू
संपादकीय:
स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ अपशब्द:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:
इतिहास:
विषय:स्वतंत्रता संग्राम।
मुख्य परीक्षा: भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता/योगदान।
प्रसंग:
- इस में लेख विरोधाभासी और परस्पर विरोधी पृष्ठभूमि और विचारधाराओं वाले विभिन्न स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान पर चर्चा की गई है।
भूमिका:
- भारत में स्वतंत्रता संग्राम का एक समृद्ध इतिहास रहा है, जो कई बहादुर व्यक्तियों के योगदान से भरा है, जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।
- हालाँकि, हाल के वर्षों में झूठी सूचनाएँ और अपमानजनक बातें फैलाकर इन स्वतंत्रता सेनानियों की छवि खराब करने के कई प्रयास किए गए हैं।
- वी.डी. सावरकर, जवाहरलाल नेहरू और सी. राजगोपालाचारी को इक्का-दुक्का घटनाओं के आधार पर नज़रअंदाज़ या खारिज नहीं किया जा सकता, क्योंकि आज़ादी के लिए संघर्ष दो शताब्दियों तक चला और इसमें विभिन्न दृष्टिकोण और परिपेक्ष्य शामिल थे।
निःस्वार्थ उत्साह:
- 1857 के विद्रोह को प्रथम स्वतंत्रता संग्राम कहा जाता है। लेकिन इससे पहले दक्षिण भारत में ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ कई उत्साही विद्रोह, जैसे कि एटिंगल विद्रोह, पोलिगार विद्रोह और वेल्लोर विद्रोह का शायद ही उल्लेख किया गया है।
- आजादी के 75 वर्ष का उत्सव मनाने और इसे चिन्हित करने के लिए केंद्र सरकार की ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ पहल ने ऐसी अनसुनी उपलब्धियों और हस्तियों को सम्मानित करने का प्रयास किया है।
- स्वतंत्रता आंदोलन विभिन्न पृष्ठभूमियों और विचारधाराओं के लोगों को एक साथ लाया, जिनमें नरमपंथी और चरमपंथी शामिल थे, जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपनी भूमिका निभाई।
- ब्रिटिश वायसराय की कार्यकारी परिषद में गोपाल कृष्ण गोखले और बी आर अम्बेडकर जैसे स्वतंत्रता सेनानियों की सेवा उनकी देशभक्ति और भारत की स्वतंत्रता में योगदान को कम नहीं करती है।
- इन स्वतंत्रता सेनानियों ने स्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ लड़ने के लिए देश भर में लाखों लोगों को प्रेरित और लामबंद किया था।
- उन्होंने अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए शांतिपूर्ण विरोध, सविनय अवज्ञा और सशस्त्र संघर्ष जैसे विभिन्न माध्यमों का इस्तेमाल किया। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनका योगदान अतुलनीय है, और वे भारत में राष्ट्रीय नायकों के रूप में पूजनीय हैं।
वर्तमान स्थिति:
- भारत में हालिया राजनीतिक विमर्श में स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी भूमिका या भूमिका में कमी के लिए नेताओं और संगठनों की आलोचना और निंदा की जा रही है।
- वी.डी. सावरकर एक ऐसी शख्सियत हैं जो इस तरह की आलोचनाओं के शिकार रहे हैं। हालाँकि, 30 मई, 1980 को लिखे एक पत्र में, प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में सावरकर के योगदान को स्वीकार किया और उनकी जन्म शताब्दी मनाने की योजना भी बनाई थी। तीखी आलोचना करने से पहले युग और संदर्भ को समझना महत्वपूर्ण है।
- हाल के वर्षों में, भगत सिंह को एक आतंकवादी के रूप में चित्रित करने का प्रयास किया गया है जिन्होंने अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए हिंसा का इस्तेमाल किया था। यह भगत सिंह की विरासत का अत्यंत ही गलत चित्रण है, क्योंकि वे अहिंसा में दृढ़ विश्वास रखते थे और हिंसा को केवल अंतिम उपाय के रूप में इस्तेमाल करते थे।
- महात्मा गांधी ने स्वयं पीड़ादायक बोअर युद्ध, या दक्षिण अफ्रीकी युद्ध में अंग्रेजों का समर्थन किया था, और बाद में दक्षिण अफ्रीका में उनके मानवीय कार्यों के लिए अंग्रेजों द्वारा उन्हें कैसर-ए-हिंद पदक से सम्मानित किया गया था, जिसे उन्होंने 1920 में वापस कर दिया था।
- कांग्रेस में नरमपंथियों ने जलियांवाला बाग हत्याकांड के तत्काल बाद 1919 के मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधारों का समर्थन किया।
- 1942 में, सी. राजगोपालाचारी भारत छोड़ो आंदोलन से दूर रहे क्योंकि उन्हें लगा कि यह भारत के सर्वोत्तम हितों की पूर्ती नहीं करेगा।
- हाल के वर्षों में, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाजियों के साथ सहयोग करने का आरोप लगाकर सुभाष चंद्र बोस की विरासत को धूमिल करने का प्रयास किया गया है।
- हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि बोस ने नाजियों के साथ सहयोग किया या उनकी विचारधारा का समर्थन किया। बोस एक कट्टर राष्ट्रवादी थे जो लोकतंत्र और स्वतंत्रता के सिद्धांतों में विश्वास करते थे।
समग्र दृष्टिकोण:
- लोगों को आज चयनात्मक निंदा में लिप्त हुए बिना इतिहास का एक समग्र दृष्टिकोण अपनाना चाहिए जो उन सभी के बलिदान और प्रयासों को स्वीकार करता है जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया।
- इसलिए, इतिहास और उस राजनीतिक संदर्भ की सूक्ष्म समझ होना महत्वपूर्ण है जिसमें घटनाएँ घटित हुई थीं।
- किसी विशेष समय के दौरान व्यापक तस्वीर या मौजूदा परिस्थितियों को ध्यान में रखे बिना उनके कार्यों के लिए नेताओं की आलोचना करना सही नहीं है।
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सारांश:
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भारत में आवारा कुत्तों का संकट:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित
सामाजिक न्याय:
विषय: सामाजिक क्षेत्र के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय – बच्चे और स्वास्थ्य।
मुख्य परीक्षा: भारत में आवारा कुत्तों के संकट से जुड़े विभिन्न मुद्दे।
प्रसंग:
- हाल के दिनों में आवारा कुत्तों ने लोगों पर जिनमे भी खासकर बच्चों पर कई हमले किए हैं।
भूमिका:
- भारत के शहरों और कस्बों में आवारा कुत्ते एक आम समस्या है। हाल के वर्षों में आवारा कुत्तों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है, जिससे एक संकट पैदा हो गया है जो न केवल कुत्तों को बल्कि मानव आबादी को भी प्रभावित करता है।
- अनुमानित 1.5-6 करोड़ आवारा कुत्ते भारत में सड़कों पर घूम रहे हैं।
- 2020 में 68 लाख से अधिक भारतीयों को आवारा कुत्तों ने काटा।
- आवारा कुत्ते बीमारियों के वाहक हो सकते हैं, दुर्घटनाओं का कारण बन सकते हैं और लोगों पर हमला कर सकते हैं, जिससे वे एक गंभीर समस्या बन सकते हैं जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।
आवारा कुत्तों के संकट के कारण:
- प्राथमिक कारणों में से एक देश का तेजी से शहरीकरण है। जैसे-जैसे अधिक लोग शहरों में जाते हैं, वे अपने पालतू जानवरों को छोड़ देते हैं या उन्हें स्वतंत्र रूप से घूमने देते हैं। इससे सड़कों पर आवारा कुत्तों की संख्या में इजाफा हुआ है।
- एक अन्य महत्वपूर्ण कारक जिम्मेदार पालतू स्वामित्व के बारे में जागरूकता और शिक्षा की कमी है, जिससे आवारा कुत्तों की संख्या में वृद्धि हो सकती है।
- इसके अतिरिक्त, प्रभावी पशु नियंत्रण उपायों की कमी ने समस्या को बढ़ाने में योगदान दिया है। कई नगर पालिकाओं के पास आवारा कुत्तों को पकड़ने और उनकी नसबंदी करने के लिए संसाधन नहीं हैं, जिससे वे खुलेआम घूमते रहते हैं।
- इसके अतिरिक्त, पालतू जानवरों को बधिया करने और नसबंदी करने के महत्व के बारे में जागरूकता की कमी है।
- अपर्याप्त अपशिष्ट प्रबंधन भी समस्या के लिए एक योगदान कारक है। कुत्ते अक्सर कचरे और फेंके गए भोजन को खाते रहते हैं, जिससे बीमारियां फैल सकती हैं और आवारा कुत्तों की आबादी बढ़ सकती है।
आवारा कुत्ते संकट का प्रभाव:
- यह मानव स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा है। आवारा कुत्ते रेबीज जैसी बीमारियों के वाहक हो सकते हैं, जो उपचार न मिलने पर घातक हो सकती है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया भर में रेबीज से होने वाली मौतों में से लगभग एक-तिहाई मौतें भारत में होती हैं।
- आवारा कुत्ते भी आक्रामक हो सकते हैं और मनुष्यों, विशेषकर बच्चों पर हमला कर सकते हैं। इससे गंभीर चोटें लग सकती हैं और मौत भी हो सकती है।
- भारत में आवारा कुत्तों की आबादी कुपोषण, बीमारी और उपेक्षा से ग्रस्त है। आवारा कुत्तों की आबादी के प्रबंधन के लिए प्रभावी और मानवीय रणनीतियों की कमी के परिणामस्वरूप जहर और बिजली के झटके जैसे क्रूर तरीके अपनाए जाते हैं।
- भारत में आवारा कुत्तों के संकट के आर्थिक परिणाम भी हुए हैं। उदाहरण के लिए, मनुष्यों में रेबीज के इलाज की लागत अधिक हो सकती है, और कुत्तों के हमलों के कारण पशुधन की हानि का ग्रामीण समुदायों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है।
भावी कदम:
- आवारा कुत्तों की आबादी के प्रबंधन के लिए एक प्रभावी तरीका बधियाकरण/नसबंदी कार्यक्रमों को लागू करना है। ये कार्यक्रम कुत्तों के अवांछित बच्चों की संख्या को कम करने में मदद कर सकते हैं, जो आवारा कुत्तों की कुल आबादी को कम कर सकते हैं।
- भारत में कई पशु कल्याण संगठन पहले से ही बधिया बनाने की सेवाएं प्रदान करते हैं, लेकिन अधिक धनराशि और समर्थन से इन कार्यक्रमों को अधिक समुदायों तक पहुंचाने में मदद मिल सकती है।
- आवारा कुत्तों का टीकाकरण इस घातक बीमारी के प्रसार को रोकने में मदद कर सकता है, जो मनुष्यों को संक्रमण से बचाने में भी मदद कर सकता है। WHO और भारत सरकार इस संबंध में पहले से ही कदम उठा रही है।
- आवारा कुत्तों की संख्या को कम करने के लिए जिम्मेदार पालतू स्वामित्व को प्रोत्साहित करना भी एक महत्वपूर्ण रणनीति है। इसमें पालतू जानवरों के मालिकों को उचित देखभाल, जैसे भोजन, आश्रय और चिकित्सा देखभाल पर शिक्षित करना शामिल हो सकता है।
- इसके अतिरिक्त, कुत्तों को पट्टे बाँधकर रखने और उचित रूप से परिरुद्ध रखने वाले कानूनों को लागू करने से कुत्तों के इधर-उधर घूमने और उन्हें आवारा बनने से रोकने में मदद मिल सकती है।
- पशु कल्याण के बारे में जागरूकता बढ़ाने और जिम्मेदार पालतू स्वामित्व को प्रोत्साहित करने के लिए स्थानीय समुदायों के साथ जुड़ने से आवारा कुत्तों की संख्या को कम करने में मदद मिल सकती है। इसके अतिरिक्त, समुदाय के सदस्य रिपोर्ट कर सकते हैं और आवारा कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।
- अंत में, पशु नियंत्रण नीतियों में सुधार से आवारा कुत्तों की आबादी को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में मदद मिल सकती है। इसमें कुत्तों को पकड़ने और स्थानांतरित करने के लिए बेहतर तरीके विकसित करना, साथ ही जनसंख्या के प्रबंधन के लिए अधिक मानवीय रणनीतियाँ, जैसे गोद लेने और पुनर्वास कार्यक्रम शामिल हो सकते हैं।
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सारांश:
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प्रीलिम्स तथ्य:
आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।
महत्वपूर्ण तथ्य:
1. भारत ने टीबी की दवा पर पेटेंट बढ़ाने के J&J के प्रयास को खारिज कर दिया:

चित्र स्रोत: The Hindu
- भारतीय पेटेंट कार्यालय ने अमेरिकी फार्मास्युटिकल दिग्गज जॉनसन एंड जॉनसन (J&J) के भारत में महत्वपूर्ण तपेदिक रोधी दवा बेडाक्वीलिन (Bedaquiline) के निर्माण पर अपने एकाधिकार का जुलाई 2023 से आगे विस्तार करने के प्रयास को खारिज कर दिया।
- बेडाक्वीलिन एक महत्वपूर्ण दवा है जिसका उपयोग मल्टी-ड्रग प्रतिरोधी टीबी के रोगियों के इलाज के लिए किया जाता है, इस बीमारी के लिए पहली पंक्ति की दवा ने असर करना बंद कर दिया है।
- चूंकि J&J का बेडाक्वीलिन पर पेटेंट जुलाई में समाप्त हो रहा है, इसलिए अन्य कंपनियों के बीच ल्यूपिन और मैकलियोड्स जैसे जेनेरिक दवा निर्माता बेडाक्वीलिन का उत्पादन कर सकते हैं जो दवा को सस्ता बना देगा और व्यापक पहुंच सुनिश्चित करेगा।
- वर्तमान में, छह महीने के इलाज के कोर्स के लिए बेडाक्वीलिन टैबलेट की कीमत 400 डॉलर है।
- ऐसा कहा जाता है कि वर्ष 2007 से जॉनसन एंड जॉनसन “एवरग्रीनिंग” में लिप्त था।
- एवरग्रीनिंग पेटेंट धारकों द्वारा समाप्त हो रहे पेटेंट को बढ़ाने के लिए एक नियोजित रणनीति है ताकि उनसे होने वाली कमाई को बरकरार रखा जा सके।
- J&J ने इस दावे के आधार पर पेटेंट विस्तार की मांग की थी कि उसने अपने साल्ट फॉर्म में क्विनोलिन का व्युत्पन्न बनाने की विधि का आविष्कार किया था।
- हालांकि पेटेंट अधिनियम की धारा 3(d) के अनुसार ज्ञात पदार्थों के सॉल्ट फॉर्म और डेरिवेटिव (यौगिक) पेटेंट योग्य नहीं हैं।
2. IAF हेतु रडार के लिए रक्षा मंत्रालय ने ₹3,700 करोड़ के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए:
- रक्षा मंत्रालय (MoD) ने भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) के साथ “अरुधरा” मध्यम शक्ति रडार (MPR) और भारतीय वायु सेना (IAF) के लिए रडार चेतावनी रिसीवर के लिए ₹3,700 करोड़ से अधिक की कुल लागत पर दो अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए हैं।
- “अरुधरा” मीडियम पावर रडार (MPR) को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है और इसका निर्माण BEL द्वारा किया जाएगा।
- “अरुधरा” राडार का अनुबंध ₹2,800 करोड़ का है।
- मंत्रालय ने ₹950 करोड़ की लागत से 129 DR-118 रडार चेतावनी रिसीवर के लिए एक और अनुबंध पर भी हस्ताक्षर किए हैं।
3. प्राचीन शास्त्रों को भविष्य में सुरक्षित करने के लिए सरकार प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रही है:
- केंद्रीय गृह मंत्री ने घोषणा की है कि सरकार उन्नत तकनीकों का उपयोग करके भारत के प्राचीन ग्रंथों और पांडुलिपियों के ज्ञान को भविष्य के लिए सुरक्षित करना चाहती है।
- केंद्रीय गृह मंत्री ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (Indira Gandhi National Centre for the Arts (IGNCA) ) द्वारा विकसित “वैदिक विरासत पोर्टल” का उद्घाटन किया जो युवा पीढ़ी को वेदों और उपनिषदों के ज्ञान और परंपरा को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।
- IGNCA संस्कृति मंत्रालय के तहत कार्य करता है।
- पोर्टल आम उपयोगकर्ताओं और वैदिक विरासत के बारे में किसी भी जानकारी की मांग करने वाले शोधकर्ताओं के लिए वन-स्टॉप समाधान है और मौखिक परंपराओं के साथ-साथ पुस्तकों/पांडुलिपियों में उल्लिखित शाब्दिक परंपराओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करता है।
- मंत्री ने 64 कलाओं पर आधारित “कला वैभव” नामक एक आभासी संग्रहालय का भी उद्घाटन किया, जो दुनिया भर के देशों को भारत की वास्तुकला, चित्रकला, नाटक, संगीत और देश की संस्कृति के समृद्ध इतिहास से परिचित कराने में मदद करेगा।
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. कोल बेड मीथेन (CBM) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – कठिन)
- यह प्राकृतिक गैस का एक अपरंपरागत रूप है जो कोयले के भंडार या कोयले की परतों में पाया जाता है। यह प्राकृतिक गैस का प्राथमिक स्वच्छ ऊर्जा स्रोत है।
- CNG के निष्कर्षण से भूमिगत कोयला खदानों में विस्फोट के खतरे कम हो जाते हैं।
- कोल बेड मीथेन में हाइड्रोजन सल्फाइड का उच्च स्तर पाया जाता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 3
(c) केवल 1 और 2
(d) कोई नहीं
उत्तर: c
व्याख्या:
- कथन 1 सही है: CBM प्राकृतिक गैस का एक अपरंपरागत रूप है जो कोयला निक्षेपों या कोयले की परतों/तहों में पाया जाता है।
- यह प्राकृतिक गैस का प्राथमिक स्वच्छ ऊर्जा स्रोत है।
- कथन 2 सही है: CNG का निष्कर्षण भूमिगत कोयला खदानों में विस्फोट के खतरों को कम करता है क्योंकि बड़ी मात्रा में मीथेन (CH4) अक्सर कुछ कोयला परतों/तहों से संबद्ध होती है।
- कथन 3 गलत है: CBM में लगभग नहीं के बराबर हाइड्रोजन सल्फाइड होता है। इसलिए, इसे “स्वीट गैस” (sweet gas) के रूप में जाना जाता है।
- हाइड्रोजन सल्फाइड की उच्च सांद्रता वाली प्राकृतिक गैस को “सोर गैस” (sour gas) कहा जाता है।
प्रश्न 2. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के संबंध में, निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं? (स्तर – कठिन)
- इस योजना के तहत, किसानों को वर्ष के किसी भी मौसम में किसी भी फसल के लिए दो प्रतिशत का एक समान प्रीमियम देना होगा।
- कीटों का संक्रमण एवं चोरी जिससे किसानो को हानि होती है, को PMFBY द्वारा कवर किया जाता है।
विकल्प:
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) दोनों
(d) कोई नहीं
उत्तर: d
व्याख्या:
- कथन 1 गलत है: PMFBY योजना के तहत, किसानों को निम्नलिखित के लिए एक समान प्रीमियम का भुगतान करना होगा:
- खरीफ खाद्य और तिलहन फसलों के लिए 2%
- रबी खाद्य और तिलहन फसलों के लिए 1.5%
- वार्षिक वाणिज्यिक/बागवानी फसलों के लिए 5%
- कथन 2 गलत है: इस योजना में ऐसी आपदाओं को कवर किया गया है जिनके कारण उपज का नुकसान होता है, जैसे बाढ़, शुष्क अवधि, सूखा, कीट संक्रमण, आदि।
- सेंधमारी/लूट/चोरी PMFBY के तहत कवर नहीं होते हैं।
प्रश्न 3. निम्नलिखित में से कौन-सा/से सुमेलित है/हैं? (स्तर – कठिन)
- सीखो और कमाओ (SAK) – 18-25 आयु वर्ग की अल्पसंख्यक महिलाओं के कौशल का उन्नयन।
- उस्ताद (USTTAD)- अल्पसंख्यकों की पारंपरिक कलाओं/शिल्पों की समृद्ध विरासत को संरक्षित करता है।
- नया सवेरा योजना-तकनीकी/व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु योग्यता परीक्षाओं और प्रतियोगी परीक्षा के लिए विशेष कोचिंग।
विकल्प:
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर: b
व्याख्या:
- कथन 1 गलत है: सीखो और कमाओ योजना का उद्देश्य 14-45 वर्ष के आयु वर्ग के अल्पसंख्यक युवाओं के कौशल को उनकी योग्यता के आधार पर विभिन्न आधुनिक पाठ्यक्रमों में उन्नत करना है।
- कथन 2 सही है: अल्पसंख्यकों की पारंपरिक कलाओं/शिल्पों की समृद्ध विरासत को संरक्षित करने के लिए 2015 में “विकास के लिये पारंपरिक कलाओं/शिल्पों में कौशलों का उन्नयन और प्रशिक्षण” (USTTAD) योजना शुरू की गई थी।
- कथन 3 सही है: नया सवेरा योजना (मुफ्त कोचिंग और संबद्ध योजना) छह अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित छात्रों/उम्मीदवारों की तकनीकी/व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु योग्यता परीक्षाओं और प्रतियोगी परीक्षा के लिए विशेष कोचिंग के माध्यम से सहायता करती है।
प्रश्न 4. एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं के संबंध में, निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं? (स्तर – मध्यम)
- भारत ने सभी एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं के निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।
- प्रतिबंधों की निगरानी CPCB और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (SPCBs) द्वारा की जाएगी, जो नियमित रूप से केंद्र को रिपोर्ट करेंगे।
- प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों को पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत दंडित किया जा सकता है।
विकल्प:
(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 2
(d) 1, 2 और 3
उत्तर: b
व्याख्या:
- कथन 1 गलत है: भारत ने उन चिन्हित एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं के निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिनकी उपयोगिता निम्न और कूड़ा उत्पन्न करने की क्षमता उच्च होती है।
- कथन 2 सही है: प्रतिबंधों की निगरानी CPCB और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (SPCBs) द्वारा की जाएगी, जो नियमित रूप से केंद्र को रिपोर्ट करेंगे।
- कथन 3 सही है: प्रतिबंध का उल्लंघन करने के लिए जुर्माना पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के प्रावधानों के अनुसार लगाया जाता है। दंड स्वरूप 1 लाख रुपये तक का जुर्माना या 5 साल तक का कारावास, या दोनों हो सकता है।
प्रश्न 5. निम्नलिखित युग्मों में से कौन-से सही सुमेलित हैं? PYQ (2008) (स्तर – सरल)
जल प्रपात नदी
- कपिलधारा जलप्रपात: गोदावरी
- जोग जलप्रपात: शरावती
- शिवसमुद्रम जलप्रपात: कावेरी
निम्नलिखित कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए:
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर: b
व्याख्या:
- युग्म 1 सही सुमेलित नहीं है: कपिलधारा जलप्रपात मध्य प्रदेश के अमरकंटक जिले में स्थित है।
- कपिलधारा नर्मदा नदी का जलप्रपात है।
- युग्म 2 सही सुमेलित है: जोग जलप्रपात कर्नाटक में स्थित शरावती नदी पर स्थित एक जलप्रपात है।
- युग्म 3 सही सुमेलित है: शिवनासमुद्रा/शिवसमुद्रम कर्नाटक में स्थित कावेरी नदी पर एक लोकप्रिय जलप्रपात है।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. भारत में सेमीकंडक्टर्स(अर्धचालक) उद्योग की संभावना पर चर्चा कीजिए? इसमें क्या-क्या चुनौतियां हैं? (150 शब्द, 10 अंक) [जीएस-3, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
प्रश्न 2. “CAMPA एक ऐसी व्यवस्था निर्मित करता है जो पारिस्थितिक तंत्र के अपूरणीय विनाश की अनुमति देता है” टिप्पणी कीजिए? (150 शब्द, 10 अंक) [जीएस-3, पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण]