25 जुलाई 2022 : समाचार विश्लेषण
A.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। B.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: शासन:
C.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
D.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E.सम्पादकीय: अर्थव्यवस्था:
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
F. प्रीलिम्स तथ्य:
G.महत्वपूर्ण तथ्य: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : |
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
भारत में 5जी के परिनियोजन से पहले फाइबराइजेशन (fiberization) की चुनौतियां:
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
विषय: प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण और नई तकनीक विकसित करना।
मुख्य परीक्षा : 5G का महत्व और उससे जुड़ी चुनौतियाँ।
संदर्भ:
- भारत में पहली बार 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी 26 जुलाई से शुरू होने जा रही है, लेकिन भारत द्वारा इसे लांच करने के लिए आवश्यक फाइबराइजेशन सम्बन्धी समस्या का समाधान करना अभी बाकी है।
5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी:
- केंद्रीय संचार मंत्रालय द्वारा 20 साल के लिए 72 गीगाहर्ट्ज़ स्पेक्ट्रम की नीलामी की जा रही है, जिसकी कीमत आधार मूल्य पर 4.3 लाख करोड़ रुपये है।
- फ़्रीक्वेंसी बैंड की बिक्री निम्न बैंड (600 मेगाहर्ट्ज, 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज, 2500 मेगाहर्ट्ज) और मध्य (3.3-3.67 गीगाहर्ट्ज़) से लेकर उच्च बैंड (26 गीगाहर्ट्ज़) तक की जाएगी।
- अधिकांश बोली C बैंड (3.3-3.67 गीगाहर्ट्ज) वायु तरंगों के आसपास होने की उम्मीद है- जिसके आस पास 5 जी पारिस्थितिकी तंत्र का अधिकांश विकास विश्व स्तर पर हुआ है।
- भारत के दूरसंचार विभाग ने इस नीलामी में अंतिम प्रतिभागियों के रूप में भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया, अदानी डेटा नेटवर्क और रिलायंस जियो को मंजूरी दी है।
- 5G तकनीक के बारे में अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए: 5G Technology
5G तकनीक के लिए ऑप्टिकल फाइबर केबल की आवश्यकता क्यों हैं?
- फाइबर-आधारित माध्यम लगभग अनंत बैंडविड्थ,आवर्ती क्षेत्र और कम देरी एवं किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप से उच्च रोधन क्षमता प्रदान करता है।
- 5G के तकनीकी में मोबाइल टावरों के घनत्व में वृद्धि के साथ-साथ फाइबराइजेशन की आवश्यकता भी बढ़ जाती है।
- फाइबराइजेशन ऑप्टिकल फाइबर केबल्स के माध्यम से रेडियो टावरों को एक दूसरे से जोड़ने की एक प्रक्रिया है जिसे फाइबराइजेशन कहा जाता है।
- यह प्रक्रिया नेटवर्क क्षमता के पूर्ण दोहन एवं उपयोग में सहायक होती है, और 5G शुरू होने के बाद बड़ी मात्रा में डेटा संचालित करने में मदद करती है।
- यह अतिरिक्त बैंडविड्थ प्राप्त करने एवं मजबूत बैकहॉल सहयोग प्राप्त करने में भी मददगार साबित होगा।
- बैकहॉल एक बड़े परिवहन का महत्वपूर्ण घटक है जो पूरे नेटवर्क में डेटासंचालित करने का कार्य करता है।
टावर फाइबराइजेशन के मामले में भारत कहां खड़ा है?
- एक अनुमान के मुताबिक, भारत को अपनी नेटवर्क क्षमता को 5जी में बदलने के लिए 16 गुना ज्यादा फाइबर की जरूरत है।
- वर्ष 2021 में इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर रिसर्च की एक रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में भारत में कुल टावरों में से केवल 33% फाइबरयुक्त हैं, जबकि जापान, चीन और अमेरिका में यह संख्या 80% -90% और दक्षिण कोरिया में 65% -70% है।
- भारत में प्रति व्यक्ति .09 किलोमीटर फाइबर (fkm) का जाल बिछा हुआ हैं हालाँकि अन्य देशों की तुलना में यह काफी कम है, जबकि वांछित फाइबर जाल प्रति व्यक्ति 1.3 किमी होना चाहिए ।
- वर्तमान में, फाइबर पॉइंट ऑफ प्रेजेंस के माध्यम से जुड़े मौजूदा फाइबराइज्ड टॉवर केवल 01 से 5 Gbps पर डेटा की क्षमता को ही वहन/हैंडल कर सकते हैं। जबकि 5G के इष्टतम उपयोग के लिए, इन टावरों की डेटा क्षमता बढ़ाई जानी चाहिए।
चुनौतियां क्या हैं?
- भारत को अगले 04 वर्षों में 70% टावरों को फाइबराइज़ करने के लिए लगभग ₹2.2 लाख करोड़ के निवेश की आवश्यकता है।
- गौरतलब हैं कि स्मार्ट सिटी और भारत नेट जैसी भारत सरकार की पहल से फाइबर के परिनियोजन की मांग में और इजाफा होगा, जिससे एक पूर्ण फाइबराइजेशन टॉवर की आवश्यकता होगी।
- मार्ग अधिकार (आरओडब्ल्यू) नियम, 2016 फाइबरसीऐशन (fibersiation) के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है।
- भारतीय टेलीग्राफ आरओडब्ल्यू नियम 2016 को वर्ष 2016 में संचार मंत्रालय द्वारा देश में कहीं भी ओवरग्राउंड टेलीग्राफ लाइन (ओटीएल) की स्थापना के लिए नाममात्र एकमुश्त मुआवजे और एक समान प्रक्रिया को राजपत्र में अधिसूचित किया गया था।
- RoW नियमों को सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को अपनाने की आवश्यकता है।
- लेकिन, राज्यों द्वारा इन नियमों पर असहमति, राज्य के नियमों को दरकिनार करते हुए स्थानीय अधिकारियों द्वारा अलग-अलग उपनियमों को लागु करने एवं विभिन्न मंत्रालयों द्वारा अलग-अलग विभागीय नियम बनाने जैसे मुद्दों के कारण, फाइबराइजेशन में देरी हो रही है।
समाधान:
- दूरसंचार विभाग (DoT) का गतिशक्ति संचार ऑनलाइन पोर्टल RoW अनुमोदन को सरल बनाने और 5G के लिए केबल लगाने में मदद कर सकता है।
- यह पोर्टल आरओडब्ल्यू (RoW) अनुमोदनों के केंद्रीकरण में सहायता करेगा और ऑपरेटरों को समय पर आवश्यक बुनियादी ढांचे को विकसित में मददगार साबित होगा।
- DoT ने अक्टूबर 2021 में RoW नियमों को संशोधित किया, जिससे हवाई (aerial) ऑप्टिकल फाइबर केबल को स्थापित करना आसान हो गया हैं।
- संशोधित नियमों में अब स्ट्रीट लाइट और ट्रैफिक लाइट पोल के ऊपर केबल बिछाने की अनुमति दी गई हैं।
- विस्तृत क्षेत्रों में बड़ी संख्या में एज सर्वरों को उच्च क्षमता बैकहॉल कनेक्टिविटी प्रदान करके उपग्रह संचार को क्षेत्रीय नेटवर्क का पूरक बनाया जा सकता है।
- सैटेलाइट संचार/कम्युनिकेशन 5G कनेक्टिविटी को उन क्षेत्रों में सुविधा प्रदान कर सकता है जहां दूर-दराज के गांवों, द्वीपों या पहाड़ी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को स्थापित करना व्यवहार्य नहीं है।
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
भारतीय खेल निकाय घोटाले और जांच के दायरे में:
शासन:
विषय: शासन, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्वपूर्ण पहलू।
मुख्य परीक्षा: खेल शासन में राज्य की भूमिका।
संदर्भ:
- हाल ही में भारत के कई खेल संगठन विभिन्न विवादों में आ गए हैं।
मुद्दे क्या हैं?
- अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) की कार्यकारी समिति को भारत सरकार की खेल संहिता के उल्लंघन के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भंग कर दिया गया था।
- अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) का शासन प्रबंधन या दिन प्रतिदिन का कामकाज प्रशासकों की अदालत-शासित समिति (CoA) द्वारा किया जाता है।
- गौरतलब हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने AIFF का कामकाज देखने के लिए तीन सदस्यीय प्रशासकों की समिति (CoA) का गठन किया गया था।इस समिति का काम महासंघ के दिन प्रतिदिन के काम को देखना और नेशनल स्पोर्ट्स कोड के तहत संविधान को लागू करना हैं।
- यह अनिवार्य किया गया था कि जुलाई के अंत तक, एआईएफएफ के संविधान में आवश्यक प्रावधानों के साथ संशोधन किया जाना चाहिए और इसके चुनाव 15 सितंबर तक पूरा हो जाने चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया गया तो भारत को फीफा प्रतिबंध का सामना करना पड़ेगा।
- अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) और भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के बीच हाल में हुई एक वार्ता में, IOC ने कई कानूनी कार्यवाहियों पर चिंता व्यक्त की है जिससे इन चुनावों में देरी हुई और अनावश्यक जटिलताएँ पैदा हुईं हैं।
- हॉकी इंडिया को भी प्रशासकों की समिति (COA) द्वारा प्रशासित किया जा रहा है क्योंकि दिल्ली उच्च न्यायालय ने हॉकी इंडिया के कार्यकारी बोर्ड को राष्ट्रीय खेल संहिता के उल्लंघन का दोषी पाया है।
- अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ ने हॉकी इंडिया को जनवरी में भारत द्वारा आयोजित 2023 विश्व कप से पहले भारत सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के आधार पर चुनाव कराने की सलाह दी है।
- इस साल फरवरी में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने गीता मित्तल को टेबल टेनिस फेडरेशन ऑफ इंडिया का संचालन करने के लिए सीओए के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया, जिसे (Table Tennis Federation of India) भारत के प्रमुख खिलाड़ियों में से एक द्वारा लगाए गए मैच फिक्सिंग के आरोपों की जांच के बाद निलंबित कर दिया गया था।
- सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2017 में न्यायमूर्ति आर.एम. लोढ़ा समिति (Justice R.M. Lodha committee) के सुझावों के आधार पर क्रिकेट प्रशासन में सुधारों के लिए बीसीसीआई के स्थान पर एक सीओए नियुक्त किया था।
- हाल ही में सीबीआई ने अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और आईओए पर हॉकी इंडिया के फंड में कथित हेराफेरी का मामला दर्ज किया हैं।
स्पोर्ट्स कोड (Sports Code) क्या है?
- भारत सरकार वर्ष 2011 ने राष्ट्रीय खेल निकायों की स्वायत्तता में हस्तक्षेप किए बिना राष्ट्रीय स्तर पर खेलों के प्रबंधन में सुशासन को सुनिश्चित करने के लिए भारत में राष्ट्रीय खेल विकास संहिता (National Sports Development Code of India) की शुरुआत की थी।
- राष्ट्रीय खेल संहिता ने प्रशासकों की आयु और कार्यकाल के संबंध में कुछ प्रतिबंध लगाए।
- यदि इन संहिताओं का उल्लंघन किया जाता हैं तो संबंधित खेल संघों को प्रशासकों की समिति (COA) के तहत लाया जा सकता है।
भावी कदम:
- प्रशासनिक निकायों के अधिकारों और कर्तव्यों को स्पष्ट रूप से रेखांकित कर, उचित जाँच और संतुलन स्थापित किया जाना चाहिए।
- इस व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए इन्हें आरटीआई के दायरे में लाया जाना चाहिए।
- वित्तीय अनियमितताओं और राजस्व प्रबंधन के मुद्दों को संबोधित करने के लिए एक अलग ‘कॉर्पोरेट कार्य’ (Corporate Functions) समूह का गठन किया जा सकता है।
- सरकारी एजेंसियों द्वारा इन निकायों की ऑडिटिंग इन्हे सार्वजनिक जांच के अधीन लाएगी और इन्हे अधिक जवाबदेही बनाएगी।
सारांश:
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संपादकीय-द हिन्दू
सम्पादकीय:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
अर्थव्यवस्था:
भारत के निवेश-आधारित पुनरुद्धार का महत्व:
विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था और योजना, संसाधन जुटाना, विकास और रोजगार से संबंधित मुद्दे।
मुख्य परीक्षा: भारतीय परिदृश्य में अर्थव्यवस्था में सकल अचल पूंजी निर्माण का महत्व।
संदर्भ:
- बाली में G-20 के तीसरे वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठक में बोलते हुए, भारतीय वित्त मंत्री, निर्मला सीतारमन ने भारत की दीर्घकालिक आर्थिक विकास संभावनाओं को सुनिश्चित करने में सार्वजनिक पूंजी व्यय के महत्व पर ध्यान केन्द्रित किया।
पृष्टभूमि:
सार्वजनिक निवेश आधारित आर्थिक वृद्धि की सफलता:
- भारत में सार्वजनिक निवेश आधारित आर्थिक वृद्धि देखी गई है।
- 1997 के एशियाई वित्तीय संकट से उत्पन्न आर्थिक संकुचन की चुनौती को दूर करने के लिए तत्कालीन सरकार ने बड़े पैमाने पर सड़क निर्माण की सार्वजनिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की शुरुआत की। इसने मेट्रो शहरों को उच्च गुणवत्ता वाली सड़कों से जोड़ने के उद्देश्य से स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना तथा ग्रामीण क्षेत्रों में ‘असंबद्ध बस्तियों के लिए बारहमासी सड़के बनाने के लिए प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना शुरू की।
- भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए उत्पादक संपत्ति बनाने में मदद करने के अलावा सार्वजनिक निवेश में वृद्धि ने भी निजी निवेश को बढ़ाने की मदद की।
- इन पहलों ने 2000 के दशक में भारत के आर्थिक पुनरुद्धार में मदद की, जिसमें सकल घरेलू उत्पाद में सालाना 8% -9% की वृद्धि हुई।
चिंता/चुनौतियां:
- इस लेख में निम्नलिखित तर्कों के आधार पर भारत में आर्थिक विकास में सार्वजनिक निवेश के महत्व पर गंभीर संदेह व्यक्त किया गया है।
निवेश की विस्तृत परिभाषा:
- यद्यपि सकल घरेलू उत्पाद अनुपात में निश्चित निवेश 2021-22 (वित्त मंत्रालय की मासिक आर्थिक समीक्षा) में प्रभावशाली रूप से 32% था, लेखक इस आंकड़े के खिलाफ तर्क देता है कि निवेश की बजटीय परिभाषा वित्तीय निवेश को संदर्भित करती है (जिसमें मौजूदा वित्तीय परिसंपत्तियों की खरीद, या राज्यों को दिए गए ऋण शामिल हैं) न केवल पूंजी निर्माण को जो अर्थव्यवस्था में उत्पादक क्षमता के विस्तार का एक बेहतर संकेतक है।
निवेश में पिछड़ापन:
- यद्यपि हाल के दिनों में सकल स्थिर पूंजी निर्माण में सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात में वृद्धि हुई है, फिर भी यह दर 2010 की शुरुआत की तुलना में कम है।
निवेश वितरण:
- हाल के वर्षों में भारत में सकल पूंजी निर्माण और निवेश में वृद्धि हुई है, जबकि इस तरह के निवेश का क्षेत्र, प्रकार और वित्तपोषण के तरीके ऐसे निवेशों की उत्पादक क्षमता के बेहतरी के संकेतक हैं।
- हाल के दिनों में, स्थिर पूंजी निर्माण/GDP में कृषि और उद्योगों की हिस्सेदारी में कमी आई है जबकि सेवा क्षेत्र की हिस्सेदारी में वृद्धि हुई है। इसके अलावा सेवा क्षेत्र के भीतर, परिवहन क्षेत्र में वृद्धि सबसे उल्लेखनीय रही है तथा परिवहन क्षेत्र में, यह ज्यादातर सड़कों से संबधित है। इस प्रकार जब क्षेत्रवार निवेश की बात आती है तो निवेश में एकतरफा वृद्धि हुई है।
- सेवा क्षेत्र बहुत अधिक रोजगार प्रधान नहीं है। यह भारत जैसी विकासशील अर्थव्यवस्था के लिए चिंता का विषय है जहां समावेशी विकास का बहुत महत्व है। इसके अलावा, स्वस्थ घरेलू उत्पादन वृद्धि के लिए, “सीधे उत्पादक निवेश” (खेतों और कारखानों में) और बुनियादी ढांचे में हुए निवेश के बीच संतुलन की आवश्यकता है।
- निवेश अनुपात में विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी में विगत कुछ वर्षों में भारी गिरावट देखी गई है। निवेश हिस्सेदारी में गिरावट के साथ, भारत में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर में भी गिरावट आई है। इसके परिणामस्वरूप भारत की आयात निर्भरता बढ़ रही है।
- सार्वजनिक क्षेत्र की हिस्सेदारी 20% है, जबकि निजी क्षेत्र के निवेश का हिस्सा अभी भी पर्याप्त है। यह सार्वजनिक व्यय के सीमित प्रभाव का संकेत है।
घरेलू क्षमता की कमी:
- आवश्यक कच्चे औद्योगिक माल और पूंजीगत वस्तुओं के लिए घरेलू क्षमता की कमी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है।
- यह अत्यधिक निर्भरता भारत को किसी भी वैश्विक और क्षेत्रीय आर्थिक व्यवधान के प्रति संवेदनशील बना देगी।
अन्य चुनौतियां:
- रुपये में गिरावट और बढ़ती मुद्रास्फीति के साथ निवेश को बनाए रखने की संभावनाएं कम है।
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
MC12, विकसित देशों के लिए ‘लाभदायक’:
विषय: महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, एजेंसियां और मंच उनकी संरचना, जनादेश।
प्रारंभिक परीक्षा: विश्व व्यापार संगठन तथा बाली शांति समूह।
मुख्य परीक्षा: MC12 के परिणाम और भारत के लिए चिंता।
संदर्भ:
- हाल ही में विश्व व्यापार संगठन (WTO) का 12वां मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (MC12) संपन्न हुआ।
MC12 में भारत के लिए नुकसान:
- इस लेख में इस तथ्य पर चिंता व्यक्त की गई है कि भारत विश्व व्यापार संगठन की 12वीं मंत्रिस्तरीय सम्मेलन वार्ता में कई मुद्दों पर सहमति बनाने में असफल रहा, जबकि यूरोपीय संघ (ईयू) और कुछ अन्य विकसित देश अपने कई मुद्दों पर सहमति बनाने में सफल रहे।
ट्रिप्स छूट:
- MC12 में व्यापक ट्रिप्स (TRIPS) छूट के विपरीत भारत और दक्षिण अफ्रीका द्वारा टीकों, चिकित्सा विज्ञान और निदान के लिए मांगी गई छूट पर यूरोपीय संघ (EU) के नेतृत्व में विकसित देशों के समूह द्वारा अंतिम समझौते के तहत अनिवार्य लाइसेंसिंग के कुछ प्रक्रियात्मक पहलुओं तथा पेटेंट नियम के कारण केवल सौंदर्य प्रसाधन के सुगमीकरण को मान्यता दी गई जबकि सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण एवं सस्ते टीकों, दवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने में मदद में कमी की गयी है। इसलिए यह निर्णय विकसित देशों के लिए लाभदायक और भारत जैसे विकासशील देशों के लिए नुकसानदेह हो सकता है।
- अक्टूबर 2020 में, भारत और दक्षिण अफ्रीका ने COVID-19 महामारी को दूर करने में मदद करने के लिए टीकों, चिकित्सीय और निदान में सहायता के लिए बौद्धिक संपदा अधिकारों के संरक्षण को अस्थायी रूप से निलंबित करने का प्रस्ताव रखा था।
इस मुद्दे पर विस्तृत जानकारी के लिए निम्नलिखित लेख पढ़े:
https://byjus.com/free-ias-prep/upsc-exam-comprehensive-news-analysis-may07-2021/
पर्यावरण के मुद्दे:
- यूरोपीय संघ के नेतृत्व में विकसित अर्थव्यवस्थाओं ने विश्व व्यापार संगठन में व्यापार और पर्यावरण से संबंधित मुद्दों पर वार्ता को आगे बढ़ाने हेतु एक खिड़की/मंच/माध्यम बनाने में कामयाबी हासिल की है। यह विकासशील देशों की आर्थिक विकास संभावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है इसलिए यह चिंता का एक प्रमुख कारण बना हुआ है।
स्टॉक होल्डिंग का मुद्दा:
- भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री, पीयूष गोयल ने सार्वजनिक स्टॉकहोल्डिंग के स्थायी समाधान के मुद्दे को भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता के रूप में निर्धारित किया था। 80 से अधिक विकासशील देशों के समर्थन के बावजूद, इस मुद्दे का अंतिम मंत्रिस्तरीय निर्णय में कहीं भी उल्लेख नहीं किया गया।
- विश्व व्यापार संगठन के सदस्यों ने खाद्य सुरक्षा मुद्दे को बहुआयामी बताया है और व्यापक समाधान की मांग की है। यह भारत जो कि बाली शांति व्यवस्था के रूप में राहत अर्जित करने में सफल रहा था, के लिए एक झटका है।
मत्स्य सब्सिडी मुद्दा:
- मत्स्य सब्सिडी के क्षेत्र में, भारत मछली पकड़ने तथा रिपोर्टिंग की निगरानी के लिए उपयुक्त नियामक तंत्र स्थापित करने के लिए केवल दो साल की राहत प्राप्त करने में सक्षम रहा है। ऐसी विफलता के कारण भारत में पारंपरिक मछुआरों की सब्सिडी ख़त्म कर दी जाएगी। इसका मछुआरों की आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन का कराधान:
- भारत इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन पर कर लगाकर राजस्व जुटाने का अधिकार हासिल करने में भी विफल रहा है। यह भारत की कर राजस्व बढ़ाने की क्षमता को कम करेगा ।
सुझाव:
- MC12 के परिणाम विश्व व्यापार संगठन वार्ता में भारत के लिए आगे के कठिन रास्ते के संकेत हैं। इस लेख में भारत के वार्ताकारों से MC12 की गतिशीलता से सबक सीखने और भारत के हितों की रक्षा के लिए छोटी और दीर्घ अवधि में सुधारों का आह्वान किया गया है।
सारांश:
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प्रीलिम्स तथ्य:
1. नीरज चोपड़ा: विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप:
- नीरज चोपड़ा ने विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाला फेंक प्रतियोगिता में रजत पदक जीता हैं।
- विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप विश्व एथलेटिक्स द्वारा आयोजित एक द्विवार्षिक एथलेटिक्स प्रतियोगिता है।
- चैंपियनशिप का 2022 संस्करण संयुक्त राज्य अमेरिका में आयोजित किया जा रहा है।
2. डिजिटल ज्योत (Digital Jyot):
- यह स्वतंत्रता के 75 वर्ष का जश्न मनाने की पहल के तहत स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने के लिए सेंट्रल पार्क, दिल्ली में केंद्र सरकार द्वारा स्थापित प्रकाश की किरण (beam of light) है।
- यह एक प्रबुद्ध धातुई पुष्प मूर्तिकला से घिरा हुआ है, जिसकी प्रेरणा हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों के दृढ़ संकल्प और साहस से ली गई हैं।
- आधिकारिक साइट के अनुसार, पुष्प मूर्तिकला के डिजाइन को आशा, सकारात्मकता और शक्ति के विचारों से जुडी प्रकृति और फूलों से इसको प्रेरणा मिलती है।
- वेबसाइट पर जनता द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने वाले अधिक संदेश पोस्ट किए जाने के साथ ही इस किरण की रोशनी तेज हो जाती है।
- यह रोशनी अपनी पूरी क्षमता से तब जगमगाएगी जब श्रद्धांजलि संदेशों की संख्या 1 करोड़ का आंकड़ा छू लेगी।
Image Source: Ministry of Culture
महत्वपूर्ण तथ्य:
आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. अनुशीलन समिति के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए। (स्तर- कठिन)
- सतीश चंद्र बसु के प्रयासों से 1902 में बंगाल में स्थानीय युवा समूहों के गठन की शरुआत हुई।
- संगठन में पूर्व और पश्चिम बंगाल में दो स्वतंत्र गुट, ढाका अनुशीलन समिति और जुगंतर समूह शामिल थे।
- पुलिन बिहारी दास के नेतृत्व में जुगंतर समूह ने 1908 में बररा/बारा डकैती को अंजाम दिया।
निम्नलिखित में से कौन से कथन सही हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर: a
व्याख्या:
- कथन 1 सही है: अनुशीलन समिति की स्थापना सतीश चंद्र बसु ने 24 मार्च 1902 को कलकत्ता में बैरिस्टर प्रमथनाथ मित्रा के संरक्षण में की थी।
- कथन 2 सही है: अनुशीलन समिति ने भारत में ब्रिटिश राज को समाप्त करने के लिए क्रांतिकारी हिंसा को प्रतिपादित किया। इसकी दो शाखाएँ ढाका में ढाका अनुशीलन समिति और कलकत्ता में जुगन्तर नाम से थी।
- कथन 3 गलत है: पुलिन बिहारी दास ढाका अनुशीलन समिति के संस्थापक और इसके सदस्य थे, न कि जुगंतर समूह के।
प्रश्न 2. केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) के संबंध में निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से गलत है/हैं? (स्तर- मध्यम)
- CAT का क्षेत्राधिकार अखिल भारतीय सेवाओं, केंद्रीय सिविल सेवाओं, केंद्र के तहत सिविल पदों और रक्षा सेवाओं के कर्मचारियों तक विस्तृत है।
- CAT के सदस्य न्यायिक और प्रशासनिक दोनों क्षेत्रों से आते तथा तथा इनकी नियुक्ती राष्ट्रपति द्वारा की जाती हैं।
- CAT के आदेश के खिलाफ अपील सिर्फ सुप्रीम कोर्ट में की जा सकती है, न कि हाई कोर्ट में।
विकल्प:
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 3
(d) केवल 2
उत्तर: c
व्याख्या:
- कथन 1 सही है: अनुच्छेद 323 के तहत स्थापित, कैट संघ या सरकार के अन्य प्राधिकरणों के नियंत्रण के तहत सार्वजनिक सेवाओं और पदों पर नियुक्त व्यक्तियों की भर्ती और सेवा की शर्तों के संबंध में विवादों और शिकायतों के निवारण का प्रावधान है।
- कथन 2 सही है: दोनों क्षेत्रों में विशेषज्ञता के लाभ के लिए कैट के सदस्यों को कानूनी और प्रशासनिक दोनों क्षेत्रों से चुना जाता है।
- कथन 3 गलत है: एक न्यायाधिकरण के आदेशों के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की जा सकती है (लेकिन सीधे सुप्रीम कोर्ट नहीं – चंद्र कुमार केस, 1997)।
प्रश्न 3. मोढेरा सूर्य मंदिर के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए। (स्तर- कठिन)
- 11वीं शताब्दी में चालुक्य वंश के भीम प्रथम के शासनकाल के दौरान निर्मित किया गया था।
- इसे मारू-गुर्जर शैली की वास्तुकला में निर्मित किया गया है।
निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
उत्तर: c
व्याख्या:
- कथन 1 सही है: सौर देवता सूर्य को समर्पित सूर्य मंदिर गुजरात के मोढेरा गांव में स्थित है। यह पुष्पावती नदी के तट पर स्थित है। इसे चालुक्य वंश के भीम प्रथम के शासन काल में 1026-27 ई. के बाद बनाया गया था।
- कथन 2 सही है: मंदिर परिसर मारू-गुर्जर शैली में बनाया गया है जिसे चालुक्य शैली भी कहा जाता है।
- मंदिर परिसर में तीन अक्षीय रूप से संरेखित घटक हैं; एक हॉल में गर्भगृह (गूढ़मंडप-gudhamandapa),बाहरी या सभा हॉल (सभामंडप-sabhamandapa) और एक पवित्र जलाशय (कुंड-kunda)।
Image source: Gujarat Tourism
प्रश्न 4. निम्नलिखित में से कौन सा देश विश्व में आम का सबसे बड़ा उत्पादक है? (स्तर-मध्यम)
(a) भारत
(b) चीन
(c) पाकिस्तान
(d) थाईलैंड
उत्तर: a
व्याख्या:
- भारत आम का सबसे बड़ा उत्पादक है, इसके बाद चीन और थाईलैंड का स्थान आता है। भारत में हर साल लगभग 20 मिलियन टन आम की खेती की जाती है।
प्रश्न 5. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए: (स्तर- कठिन)
वन्यजीव प्राकृतिक आवास
- ब्लू-फिन्ड महासीर (Blue-finned Mahseer): कावेरी नदी
- इरावदी डॉल्फिन (Irrawaddy Dolphin): चंबल नदी
- रस्टी-स्पोटेड बिल्ली (Rusty-spotted Cat): पूर्वी घाट
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा सुमेलित है?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर: c
व्याख्या:
- कथन 1 सही है: कावेरी बेसिन महासीर की दो किस्मों का घर है- ब्लू फिनेड महासीर और ऑरेंज-फिन्ड, हम्प-समर्थित महासीर।
- कथन 2 गलत है: इरावदी डॉल्फ़िन दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया के तटीय क्षेत्रों में और 3 नदियों में पाई जाती हैं: इंडोनेशिया के बोर्नियो में महाकम नदी, चीन में मेकांग नदी और म्यांमार में इरावदी नदी।
- कथन 3 सही है: रस्टी-स्पोटेड बिल्ली (Rusty-spotted Cat) आंध्र प्रदेश के पूर्वी घाट के जंगलों में रहती है।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
प्रश्न 1. फाइबराइजेशन से आप क्या समझते हैं? 5जी तकनीक के आलोक में इससे जुड़ी चुनौतियों की चर्चा कीजिए। (10 अंक, 150 शब्द) (जीएस III – अर्थव्यवस्था)
प्रश्न 2. रुपये में गिरावट और बढ़ती मुद्रास्फीति के कारण निवेश में सुधार की संभावनाओं का मार्ग और कठिन होता प्रतीत हो रहा है। विश्लेषण कीजिए। (10 अंक, 150 शब्द) (जीएस III – अर्थव्यवस्था)