28 जून 2022 : समाचार विश्लेषण

A.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

B.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

  1. पाकिस्तान में साजिद मीर की सजा का महत्व:

C.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

D.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

E.सम्पादकीय:

अर्थव्यवस्था:

  1. राज्य द्वारा मुफ्त उपहार और राजकोषीय अपव्यय:

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

  1. मोदी के दो शिखर सम्मेलन: UAE ने G7 को पछाड़ा:

F. प्रीलिम्स तथ्य:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

G.महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. ‘भारत का गिग वर्कफोर्स वर्ष 2030 तक 2.35 करोड़ तक पहुंचेगा’:
  2. प्रधानमंत्री ने स्वच्छ ऊर्जा में निवेश करने के लिए G7 देशों को आमंत्रित किया:
  3. भारत, मलेशिया ने रक्षा संबंधों पर चर्चा की:

H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

पाकिस्तान में साजिद मीर की सजा का महत्व:

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

विषय: महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, एजेंसियां और मंच – उनकी संरचना व जनादेश।

प्रारंभिक परीक्षा: FATF- संगठन और शक्तियां।

मुख्य परीक्षा: पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने में अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की प्रभावकारिता।

संदर्भ:

  • वर्ष 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड साजिद मीर को पाकिस्तान की आतंकवाद विरोधी अदालत ने आतंकवाद के वित्तपोषण के आरोप में दोषी ठहराया है।
  • साजिद मीर को दोषी ठहराना पाकिस्तान द्वारा मीर के खिलाफ की गई सबसे महत्वपूर्ण कार्रवाई है, क्योंकि मुंबई आतंकी हमलों में शामिल होने के सबूतों के बावजूद पाक उसके खिलाफ मुकदमा चलाने में आनाकानी करता रहा है।
  • जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के संस्थापक मसूद अजहर के मामले में भी पाकिस्तान ने ऐसा ही रवैया अपनाया है।

पाकिस्तान की कार्रवाई के पीछे के कारक:

  • पाकिस्तान का हालिया कदम,खुद को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स, अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी वित्तपोषण और धन शोधन विरोधी निकाय की ग्रे सूची से बाहर निकालने के कदम के रूप में देखा जा रहा है।
  • पाकिस्तान जून 2018 से FATF की “ग्रे” सूची (लिस्ट) में है।
  • पाकिस्तान द्वारा उठाये गए इस कदम का उद्देश्य FATF और उससे संबद्ध निकायों को यह विश्वास दिलाना है कि पाकिस्तान आतंकवाद के वित्तपोषण से संबंधित चिंताओं को दूर करने के प्रति गंभीर है।
  • ग्रे सूची (लिस्ट) में रहने पर पाकिस्तान के लिए गंभीर वित्तीय और आर्थिक निहितार्थ हैं,अर्थात उसे बहुत से आर्थिक प्रतिबंधों के कारण होने वाले नुक्सान को झेलना पड़ता हैं।

पाकिस्तान के दोहरे मापदंड:

  • पाकिस्तान ने नवंबर 2020 में लश्कर प्रमुख हाफिज सईद को आतंकी वित्त पोषण के आरोप में जेल की सजा सुनाई थी, जबकि लश्कर के सैन्य प्रमुख जकी-उर-रहमान लखवी पर 2008 के मुंबई हमलों में उसकी भूमिका के लिए कभी भी मुकदमा नहीं चलाया गया था।
  • यह इस बात का द्योतक है कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ काम करने वाले आतंकी संगठनों का बचाव करता रहा है और ये कदम भी उसने वैश्विक दवाब के कारण ही उठाए हैं।
  • तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) या जैश-ए-मोहम्मद (JeM) जैसे आतंकवादी समूहों की तरह लश्कर ने पाकिस्तान के अंदर कोई आतंकी हमला नहीं किया है।
  • भारत में आतंकवाद के कृत्यों को अंजाम देने के लिए गैर-राज्य अभिनेताओं का उपयोग करने की अपनी रणनीति के हिस्से के रूप में भारत के खिलाफ पाकिस्तानी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) निदेशालय द्वारा लश्कर का पोषण और उपयोग किया गया है।

सारांश:

  • 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड साजिद मीर को दोषी ठहराना पाकिस्तान के एफएटीएफ (FATF) की ग्रे सूची (लिस्ट) से बाहर निकलने के प्रयासों का हिस्सा है। यह एफएटीएफ (FATF) जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रभाव का परिणाम है जिन्होंने पाकिस्तान को आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मजबूर किया है।

संपादकीय-द हिन्दू

सम्पादकीय:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

अर्थव्यवस्था:

राज्य द्वारा मुफ्त उपहार और राजकोषीय अपव्यय:

विषय: सरकारी बजट।

प्रारंभिक परीक्षा- अतिरिक्त बजटीय उधार।

मुख्य परीक्षा: फ्रीबी राजनीतिक संस्कृति और इसे कम करने की सिफारिशें।

पृष्टभूमि:

  • बहुत से राजनीतिक दल मुफ्त उपहार (फ्रीबी) जैसी राजनीतिक संस्कृति का सहारा लेकर चुनाव जीतने में सफल रहे हैं।
  • इस मुद्दे को वरिष्ठ नौकरशाहों ने प्रधानमंत्री के साथ बैठक में उठाया है।

चिंता:

  • फ्रीबी संस्कृति से गंभीर वित्तीय अस्थिरता पैदा होती है। यह राज्य को ऋण जाल में फसा सकती है।
  • इस बात पर भी संदेह है कि क्या इस तरह के लोकलुभावन व्यय सार्वजनिक धन के सर्वोत्तम उपयोग हैं। चूंकि इस तरह का खर्च अक्सर भौतिक पूंजी, जो संभावित रूप से विकास में सुधार और रोजगार पैदा कर सकता है, को दरकिनार कर किए जातें है।
  • कुछ तर्कों के बावजूद कि राज्यों की वित्तीय स्थिति अच्छी है और राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन (FRBM) लक्ष्यों के अनुरूप हैं, यह पहलू भ्रामक है क्योंकि अधिकांश ऋण का कारण धन का मुफ्त आवंटन है (अतिरिक्त- बजटीय उधार)। इस पहलू को भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) ने भी संदर्भित किया है।

सुझाव:

  • फ्रीबी संस्कृति को कम करने के लिए संस्थागत जांच और संतुलन की आवश्यकता है। इस संबंध में विपक्ष जो सीमित भूमिका निभा सकता है, उसे देखते हुए CAG जैसे संवैधानिक निकायों को अपने ऑडिट के माध्यम से एक बड़ी भूमिका निभाने का अधिकार दिया जाना चाहिए। इस संबंध में लेखक निम्नलिखित सुझाव देता है।
    • केंद्र के साथ-साथ राज्यों के FRBM अधिनियमों में संशोधन करने की आवश्यकता है ताकि उनकी देनदारियों का अधिक पारदर्शी प्रकटीकरण सुनिश्चित किया जा सके। मौजूदा FRBM प्रावधानों के तहत प्रकटीकरण प्रावधान को व्यापक बनाया जाना चाहिए और इसमे उन सभी देनदारियों को शामिल किया जाना चाहिए जिनका प्रभाव बजट पर पड़ता है या उनके कारण बजट के गिरने की संभावना है।
    • केंद्र सरकार को राज्यों पर उनकी उधारी व्यवस्था पर शर्तें लगाने पर विचार करना चाहिए। यह अच्छी तरह से परिभाषित और वस्तुनिष्ठ मानदंडों पर आधारित होना चाहिए, ऐसा न हो कि इससे केंद्र और राज्यों के बीच राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो जाए।
      • भारतीय संविधान के प्रावधानों के अनुसार, राज्यों को उधार लेते समय केंद्र की अनुमति लेने की आवश्यकता होती है।
    • राज्यों को वित्तीय रूप से स्थायी व्यय के लिए राष्ट्रपति के माध्यम से केंद्र सरकार किसी भी राज्य में वित्तीय आपातकाल लगाने पर विचार कर सकती है यदि उस राज्य की वित्तीय स्थिरता को खतरा है।
  • सार्वजनिक धन को मुफ्त में खर्च करने के बजाय, सरकारों को आदर्श रूप से इस तरह के पैसे को भौतिक और सामाजिक बुनियादी ढांचे में निवेश करना चाहिए। इस तरह का खर्च भविष्य में उच्च विकास और उच्च राजस्व का सृजन करेगा तथा यह खर्च लोकलुभावन उपहारों के विपरीत पूजीं निर्माण करेगा।

सारांश:

  • राजनीतिक फ्रीबी संस्कृति आर्थिक रूप से टिकाऊ नहीं है और इसे कम करने के लिए सभी उपाय किए जाने की आवश्यकता है। इस संबंध में एफआरबीएम व्यवस्था के तहत अधिक पारदर्शी प्रकटीकरण और ऐसी प्रवृत्तियों को कम करने के लिए भारत के एक अधिकार प्राप्त नियंत्रक और महालेखा परीक्षक जैसी संस्थागत जांच की आवश्यकता है।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

मोदी के दो शिखर सम्मेलन: UAE ने G7 को पछाड़ा:

विषय: भारत के हितों को प्रभावित करने वाले तथा भारत से जुड़े द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समझौते।

मुख्य परीक्षा: भारत-यूएई द्विपक्षीय संबंधों का महत्व और इस संबंध को मजबूत करने के लिए सिफारिशें।

संदर्भ:

  • हाल ही में भारतीय प्रधान मंत्री दो शिखर सम्मेलनों – जर्मनी में होने वाले 48वें G7 शिखर सम्मेलन में और अबू धाबी में संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति के साथ होने वाले एक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले हैं। हालांकि जी7 शिखर सम्मेलन को मीडिया में उजागर किया जा रहा है। इस लेख में तर्क दिया गया है कि भारत-यूएई संबंधों के महत्व को देखते हुए संयुक्त अरब अमीरात के साथ होने वाला द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

भारत-यूएई द्विपक्षीय संबंधों का महत्व:

  • संयुक्त अरब अमीरात भारत का एक बड़ा व्यापारिक भागीदार है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2021-22 में 68% से बढ़कर 72.9 बिलियन डॉलर हो गया है, जो एक नया रिकॉर्ड है। भारत संयुक्त अरब अमीरात का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है तथा पर्यटकों एवं श्रमिकों का सबसे बड़ा स्रोत है। विशेष रूप से संयुक्त अरब अमीरात का बाजार भारतीय वस्तुओं और सेवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण निर्यात बाजार है।
  • यूएई भारत में एक बड़ा निवेशक है। वास्तव में संयुक्त अरब अमीरात ने 2021 में संयुक्त रूप से जर्मनी और फ्रांस के निवेश से भी अधिक भारत में निवेश किया है। विशेष रूप से, संयुक्त अरब अमीरात ने भारत के साथ एक द्विपक्षीय व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (CEPA) पर हस्ताक्षर किए हैं।
  • भारतीय प्रवासी का एक बड़ा संयुक्त अरब अमीरात में रहता है तथा इनका आवक विदेशी प्रेषण में सबसे बड़े हिस्सा हैं

भारत और यूएई संबंधों के लिए आगे का रास्ता:

  • अबू धाबी शिखर सम्मेलन का उपयोग भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच द्विपक्षीय संबंधों पुनर्विचार के लिए किया जाना चाहिए। इस संबंध में, लेखक निम्नलिखित सिफारिशें करता है।
  • आपसी लाभ के अवसरों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
    • भारत संयुक्त अरब अमीरात से निवेश के लिए एक आकर्षक बाजार प्रदान करता है। संयुक्त अरब अमीरात को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था, भारत में निवेश करना आर्थिक रूप से फायदेमंद है। यह दोनों देशों के लिए फायदे का सौदा होगा।
    • संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय प्रवासियों के लिए उपलब्ध रोजगार के बड़े अवसरों को देखते हुए, भारत को रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए ऐसे प्रवासियों को पर्याप्त रूप से कौशल और प्रशिक्षण देने पर विचार करना चाहिए।
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, भारत और संयुक्त अरब अमीरात को यमन, सीरिया, सोमालिया, इराक, लीबिया और अफगानिस्तान जैसे युद्धग्रस्त क्षेत्रीय देशों के पुनर्निर्माण के प्रयासों में सहयोग करना चाहिए। इससे दोनों देशों की क्षेत्रीय स्थिति को मजबूत करने में मदद मिलेगी और क्षेत्र में शांति और सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।
  • द्विपक्षीय स्तर पर, दोनों देशों को आंतरिक सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी क्षेत्रों में अधिक सहयोग की तलाश करनी चाहिए।

सारांश:

  • भारत-यूएई संबंधों में दोनों देशों के लिए अपार संभावनाएं हैं और इस संबंध को और मजबूत करने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए।

प्रीलिम्स तथ्य:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

महत्वपूर्ण तथ्य:

1. ‘भारत का गिग वर्कफोर्स वर्ष 2030 तक 2.35 करोड़ तक पहुंचेगा’:

  • नीति आयोग द्वारा जारी एक अध्ययन के अनुसार, वर्ष 2020-21 में भारत में गिग वर्कर्स की संख्या 77 लाख होने का अनुमान है और वर्ष 2029-30 तक यह बढ़कर 2.35 करोड़ तक पहुँच जाने की उम्मीद है।
  • श्रम के इस मंचीकरण से पैदा होने वाली प्रमुख चिंताओं में से एक यह है कि इस मंच से जुड़े श्रमिक औपचारिक और अनौपचारिक श्रम के पारंपरिक वर्गीकरण के दायरे से बहार हो जायँगे,जिससे वे कार्यस्थल सुरक्षा जैसे कई अधिकारों से वंचित रह जायँगे।
  • इस दिशा में, नीति आयोग ने एक संतुलित ढांचे की सिफारिश की है जो श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए प्लेटफार्मों के लचीलेपन को संतुलित करता है।
  • नीति आयोग ने सवैतनिक अवकाश, व्यावसायिक बीमारी और दुर्घटना बीमा, काम की अनियमितता के दौरान सहायता और पेंशन योजनाओं की सिफारिश की है।
  • नीति आयोग ने ‘स्टार्टअप इंडिया पहल’’ की तर्ज पर ‘प्लेटफॉर्म इंडिया पहल’ शुरू करने की भी सिफारिश की है।

2. प्रधानमंत्री ने स्वच्छ ऊर्जा में निवेश करने के लिए G7 देशों को आमंत्रित किया:

  • जर्मनी में G7 शिखर सम्मेलन के एक विशेष सत्र जिसका नाम ‘बेहतर भविष्य में निवेश: जलवायु, ऊर्जा, स्वास्थ्य’ विषय है, में भारतीय प्रधान मंत्री ने भारत में स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र के एक प्रमुख प्रभाव क्षेत्र के रूप में उभरने का उल्लेख किया।
  • भारतीय प्रधान मंत्री ने विकसित अर्थव्यवस्थाओं से इस क्षेत्र में अनुसंधान, नवाचार और विनिर्माण में निवेश करने के लिए आगे आने का आह्वान किया।

3. भारत, मलेशिया ने रक्षा संबंधों पर चर्चा की:

  • भारत और मलेशिया के रक्षा मंत्री के बीच बैठक में दोनों ने मौजूदा मलेशिया भारत रक्षा सहयोग बैठक (मिडकॉम) ढांचे के तहत रक्षा और आंतरिक सुरक्षा में दोनों देशों के बीच सामंजस्य और सहयोग की गुंजाइश पर चर्चा की।
  • भारत मलेशिया को मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) संचालन के लिए अपनी क्षमता को उन्नत करने में मदद करने के अलावा मलेशिया को महत्वपूर्ण रक्षा उपकरणों की आपूर्ति करने में सक्षम होगा।

UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. दलबदल विरोधी कानून के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – सरल)

  1. यह कानून मूल रूप से न्यायिक समीक्षा से अध्यक्ष के फैसले की रक्षा करता है।
  2. किहोतो होलोहन बनाम ज़ाचिल्हु और अन्य (1992) के मामले में इसे पलट दिया गया।
  3. दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य ठहराए गए सांसदों और विधायकों को 6 साल की अवधि के लिए चुनाव लड़ने से रोक दिया जाता है।

सही कथन का चयन कीजिए:

(a) केवल 1 और 2

(b) केवल 2 और 3

(c) केवल 1 और 3

(d) उपर्युक्त सभी

उत्तर: a

व्याख्या:

  • दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य सांसद या विधायक को चुनाव लड़ने से रोकने का कोई प्रावधान नहीं है।

प्रश्न 2. लघु बचत योजनाओं के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – सरल)

  1. सभी लघु बचत साधनों से संग्रह को राष्ट्रीय लघु बचत कोष (NSSF) में जमा किया जाता है।
  2. लघु बचत योजनाओं को तीन शीर्षकों के अंतर्गत वर्गीकृत किया जा सकता है: डाकघर जमा, बचत प्रमाणपत्र और सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ।
  3. सुकन्या समृद्धि योजना भी लघु बचत योजनाओं का एक हिस्सा है।

सही कथन का चयन कीजिए:

(a) केवल 1 और 2

(b) केवल 2 और 3

(c) केवल 1 और 3

(d) उपर्युक्त सभी

उत्तर: d

व्याख्या:

  • लघु बचत योजनाओं में 12 उपकरणों को शामिल किया गया हैं। लघु बचत उपकरणों को तीन शीर्षकों के अंतर्गत वर्गीकृत किया जा सकता है: डाक जमा (बचत खाता, आवर्ती जमा, अलग-अलग परिपक्वता की सावधि जमा और मासिक आय योजना शामिल है)।
  • बचत प्रमाण पत्र: राष्ट्रीय लघु बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) और किसान विकास पत्र (केवीपी)।
  • सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ: सुकन्या समृद्धि योजना, सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) और वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS)।
  • सभी लघु बचत साधनों से संग्रह को राष्ट्रीय लघु बचत कोष (NSSF) में जमा किया जाता है।

प्रश्न 3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – कठिन)

  1. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स (PGI) जारी करता है जिसका उपयोग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्कूली शिक्षा की स्थिति पर अंतर्दृष्टि प्रदान करने के लिए एक उपकरण के रूप में किया जाता है।
  2. यह स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग (DoSEL) द्वारा शुरू और कार्यान्वित किया जाता है।
  3. 2019 के PGI के अनुसार किसी भी राज्य का कोई भी जिला शीर्ष श्रेणी जिसे ‘दक्ष’ श्रेणी कहा जाता है ,में शामिल नहीं है अर्थात जिन्होंने 90% से अधिक अंक प्राप्त किए हों ।

सही कथन का चयन कीजिए:

(a) केवल 1 और 2

(b) केवल 2 और 3

(c) केवल 1 और 3

(d) ऊपर के सभी

उत्तर: d

व्याख्या:

  • केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स (PGI) जारी किया। यह स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग (DoSEL) द्वारा शुरू और कार्यान्वित किया गया है।
  • यह इंडेक्स व्यापक विश्लेषण के लिए एक सूचकांक बनाकर जिला स्तर पर स्कूली शिक्षा प्रणाली के प्रदर्शन का आकलन करता है।
  • इसका उपयोग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्कूली शिक्षा की स्थिति पर अंतर्दृष्टि प्रदान करने के लिए एक उपकरण के रूप में किया जाता है।
  • पीजीआई-डी जिलों को दस ग्रेड में वर्गीकृत करता है:
  1. दक्ष – उच्चतम प्राप्त करने योग्य ग्रेड – उस श्रेणी या समग्र में कुल अंकों के 90% से अधिक अंक प्राप्त करने वाले जिलों के लिए।
  2. आकांक्षा -3 – निम्नतम ग्रेड – कुल अंकों के 10% तक के स्कोर के लिए।
  3. 2019 के PGI के अनुसार किसी भी राज्य का कोई भी जिला शीर्ष श्रेणी जिसे ‘दक्ष’ श्रेणी कहा जाता है ,में शामिल नहीं है अर्थात जिन्होंने 90% से अधिक अंक प्राप्त किए हों।

प्रश्न 4. विश्व बैंक समूह के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – सरल)

  1. IDA,विश्व बैंक का वह हिस्सा है जो कम या बिना ब्याज वाले ऋण देकर दुनिया के सबसे गरीब देशों की मदद करता है।
  2. भारत विश्व बैंक समूह के सभी निकायों का सदस्य है।
  3. निवेश विवादों के निपटान के लिए अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (ICSID) की स्थापना 1966 में देशों के (ICSID कन्वेंशन) के बीच निवेश विवादों के निपटान पर आयोजित कन्वेंशन के तहत की गई थी।

सही कथन का चयन कीजिए:

(a) केवल 1 और 2

(b) केवल 2 और 3

(c) केवल 1 और 3

(d) उपर्युक्त सभी

उत्तर: c

व्याख्या:

  • भारत विश्व बैंक समूह के पांच घटकों में से चार का सदस्य है, अर्थात: पुनर्निर्माण और विकास के लिये अन्तरराष्ट्रीय बैंक (International Bank for Reconstruction and Development-IBRD), अन्तरराष्ट्रीय विकास संघ (International Development Association-IDA),अन्तरराष्ट्रीय वित्त निगम (International Finance Corporation-IFC),बहुपक्षीय निवेश गारण्टी एजेंसी (Multilateral Investment Guarantee Agency-MIGA)।
  • भारत निवेश विवादों के निपटारे के लिये अन्तरराष्ट्रीय केंद्र (International Centre for Settlement of Investment Disputes-ICSID) का सदस्य नहीं हैं।

प्रश्न 5. भारत के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – सरल)

  1. केवल एक नागरिकता और एक अधिवास है।
  2. नागरिक जन्म से ही किसी देश का राष्ट्राध्यक्ष बन सकता है।
  3. एक बार नागरिकता प्रदान करने के बाद विदेशीयों को किसी भी परिस्थिति में इससे वंचित नहीं किया जा सकता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(c) केवल 1 और 3

(d) केवल 2 और 3

उत्तर: a

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: भारतीय संविधान केवल एक ही नागरिकता, यानी भारतीय नागरिकता प्रदान करता है। भारत में नागरिक केवल संघ के प्रति निष्ठा रखते हैं। यहाँ राज्य द्वारा अलग से नागरिकता प्रदान नहीं की जाती है। भारत में केवल एक अधिवास (Domicile) की अनुमति है। अधिवास सर्टिफिकेट केवल एक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में ही बनाया जा सकता है।
  • वर्ष 2010 में, उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने घोषणा की कि प्रत्येक राज्य के लिए कोई अलग अधिवास (Domicile) नहीं होगा है और पूरे देश के लिए केवल एक अधिवासमान्य होगा।
  • कथन 2 गलत है: राष्ट्रपति भारतीय राज्य का प्रमुख होता है। भारत में जन्म से और साथ ही एक देशीय नागरिक दोनों राष्ट्रपति के पद के लिए पात्र हैं।
  • कथन 3 गलत है: एक विदेशी, जिसे पहले भारतीय नागरिकता प्रदान की गई है, उसे उसकी नागरिकता से वंचित किया जा सकता है।
  • उसकी भारतीय नागरिकता केंद्र सरकार द्वारा समाप्त की जा सकती है, यदि: उसने धोखाधड़ी से नागरिकता प्राप्त की है, उसने भारत के संविधान के प्रति असम्मान दिखाया हो, या उसने युद्ध के दौरान दुश्मन के साथ अवैध रूप से व्यापार या संचार किया है; एवं पंजीकरण या देशीयकरण के पांच साल के भीतर, उसे किसी भी देश में दो साल के लिए कैद किया गया है या वह सामान्यतया सात वर्षों से लगातार भारत से बाहर रह रहा है।

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :

प्रश्न 1. राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन (FRBM) के तहत प्रोटोकॉल की अनदेखी करते हुए, यदि राज्य राजकोषीय अपव्ययिता जारी रखते हैं, तो वे वृहद-आर्थिक स्थिरता के विनाशकारी परिणामों के साथ अस्थिर उच्च ऋण की ओर बढ़ेंगे। फ्रीबी कल्चर पर नियंत्रण रखने के लिए उपयुक्त सुधारों का सुझाव दीजिए। (15 अंक, 250 शब्द) (जीएस पेपर 3/अर्थव्यवस्था)

प्रश्न 2. भारत में डिजिटल यूनिवर्सिटी की स्थापना का विचार देश के शिक्षा परिदृश्य को बदल देगा। समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए। (10 अंक, 150 शब्द) (जीएस पेपर 2/शिक्षा)

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