A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।
C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E. संपादकीय: अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
भारतीय समाज:
F. प्रीलिम्स तथ्य:
G. महत्त्वपूर्ण तथ्य: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।
H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: |
संपादकीय-द हिन्दू
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित
भारत-चीन साझेदारी
अंतर्राष्ट्रीय संबंध
विषय: विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियों एवं राजनीति का भारत के हितों पर प्रभाव।
मुख्य परीक्षा: भारत-चीन साझेदारी
सन्दर्भ: दुनिया लगातार संकटों का सामना कर रही है, जिसमें यूक्रेन और पश्चिम एशिया में संघर्ष के साथ-साथ पारंपरिक और गैर-पारंपरिक सुरक्षा खतरे भी शामिल हैं। ये चुनौतियाँ इस बारे में गहरे सवाल उठाती हैं कि एक वैश्विक समुदाय के रूप में हमें कैसे प्रतिक्रिया देनी चाहिए, एवं सार्थक समाधान की आवश्यकता पर बल देती हैं।
चीन और भारत के लिए एक अवसर:
- साझे मूल्य: चीन और भारत, अपने समृद्ध इतिहास और प्राचीन सभ्यताओं के साथ, मानवता के भविष्य के लिए एक समान दृष्टिकोण साझा करते हैं। ये दोनों निष्पक्षता, न्याय और एकता के सिद्धांतों को महत्त्व देते हैं। 1950 के दशक में, उन्होंने संयुक्त रूप से अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के लिए मौलिक मानदंड स्थापित करते हुए शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के पांच सिद्धांतों की शुरुआत की।
- भारत-चीन: एक सभ्यता संबंध
- प्राचीन रेशम और मसाला मार्ग – बौद्ध धर्म एवं व्यापार
- महाभारत और अर्थशास्त्र में चीन का उल्लेख है
- बिहार का नालन्दा विश्वविद्यालय
- चोल और सांग राजवंश
- साझा जिम्मेदारी: दो सबसे अधिक आबादी वाले विकासशील देशों और उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं के रूप में, दोनों देश विकास के निर्णायक चरणों में हैं। ये अपने अनूठे प्राच्य ज्ञान का उपयोग करके दुनिया को आगे बढ़ने का मार्ग दिखाने की महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी, क्षमता और अवसर प्रदान करते हैं।
- साझा भविष्य का वैश्विक समुदाय: राष्ट्रपति शी जिनपिंग का दृष्टिकोण साझा भविष्य का वैश्विक समुदाय बनाना है। चीन का श्वेत पत्र जिसका शीर्षक है “ए ग्लोबल कम्युनिटी ऑफ़ शेयर्ड फ्यूचर: चाइनाज प्रपोजल्स एंड एक्शंस” इस अवधारणा की सैद्धांतिक नींव, प्रथाओं और विकास को रेखांकित करता है।
- यह स्थायी शांति प्राप्त करने, एक सुरक्षित वातावरण बनाने, साझे विकास के लिए आपसी विश्वास को बढ़ावा देने, अंतरसांस्कृतिक शिक्षा को प्रोत्साहित करने और पर्यावरण की रक्षा करने की आवश्यकता पर जोर देता है।
भारत-चीन संबंध
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दूरदर्शिता बिंदु:
- आर्थिक वैश्वीकरण: इस दृष्टिकोण में आर्थिक वैश्वीकरण की सही दिशा को बढ़ावा देना, एक खुली विश्व अर्थव्यवस्था का निर्माण करना शामिल है जो विकासशील देशों की जरूरतों और हितों को दर्शाता है। यह एकपक्षवाद, संरक्षणवाद और जीरो-सम गेम को अस्वीकार करता है।
- शांतिपूर्ण विकास: इस बात पर जोर देते हुए कि दुनिया को शांति की आवश्यकता है, यह दृष्टिकोण सहयोग, विकास और विन-विन वाले परिणामों को प्रोत्साहित करता है। यह उपनिवेशवाद और आधिपत्यवाद के पुराने रास्ते के खिलाफ सचेत करता है।
- नए अंतर्राष्ट्रीय संबंध: यह दृष्टिकोण एक नए प्रकार के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को बढ़ावा देता है जो थ्यूसीडाइड्स ट्रैप से परे है, विभिन्न सभ्यताओं और विभिन्न सामाजिक प्रणालियों वाले देशों के लिए आम आधार और विकास को बढ़ावा देता है। पारस्परिक सम्मान, समता और पारस्परिक रूप से लाभप्रद सहयोग प्रमुख सिद्धांत हैं।
- वास्तविक बहुपक्षवाद: यह दृष्टिकोण गुटों, वर्चस्व और चयनात्मक दृष्टिकोण को खारिज करते हुए वास्तविक बहुपक्षवाद का आह्वान करता है। यह निष्पक्षता, प्रभुत्व से मुक्त होने पर बल देता है और संयुक्त राष्ट्र को अपने मूल में रखते हुए अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली को कायम रखता है।
- साझा मूल्य: यह दृष्टिकोण सभ्यताओं की विविधता और राष्ट्रों के अपने सामाजिक प्रणालियों और विकास पथों को चुनने के अधिकार का सम्मान करते हुए शांति, विकास, समता, न्याय, लोकतंत्र और स्वतंत्रता के साझे मूल्यों को बढ़ावा देता है।
चीन का योगदान:
- बेल्ट एंड रोड पहल (BRI): चीन ने कई आयामों में वैश्विक चुनौतियों का समाधान करते हुए BRI को एक वैश्विक सार्वजनिक कुशलता और सहयोग मंच के रूप में प्रदान करके योगदान दिया है।
- वैश्विक पहल: वैश्विक विकास पहल, वैश्विक सुरक्षा पहल और वैश्विक सभ्यता पहल साझा भविष्य के वैश्विक समुदाय के निर्माण के लिए आधारशिला बन गए हैं, जो मानवता की चुनौतियों का व्यापक समाधान पेश करते हैं।
चीन-भारत साझेदारी:
- वैश्विक आबादी के एक-तिहाई हिस्से के साथ, चीन और भारत साझा भविष्य के वैश्विक समुदाय के निर्माण में स्वाभाविक भागीदार हैं।
- वैश्विक विकास, सुरक्षा और सभ्यता पहल पर एक साथ काम करके, ये एक खुली, समावेशी, शांतिपूर्ण और समृद्ध दुनिया बनाने के लिए ग्लोबल साउथ देशों की साझा इच्छा और प्रतिबद्धता का प्रदर्शन कर सकते हैं।
- भारत-चीन: वैश्विक सहयोग के रास्ते- संयुक्त राष्ट्र, ब्रिक्स और SCO।
- भारत और चीन ने बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग किया
- UNFCCC संवाद: BASIC समूह – क्योटो प्रोटोकॉल और CBDR सिद्धांत
- विश्व बैंक और IMF के सुधारों को आगे बढ़ाया
- G77 और ग्लोबल साउथ को नेतृत्व प्रदान किया
- WTO – विकसित बनाम विकासशील देश
सारांश: साझा भविष्य के वैश्विक समुदाय का दृष्टिकोण, अपने मूल सिद्धांतों और मूल्यों के साथ, दुनिया की वर्तमान चुनौतियों से निपटने के लिए एक मार्ग प्रदान करता है। चीन और भारत, अपनी महत्त्वपूर्ण आबादी और क्षमता के साथ, इस दृष्टिकोण को वास्तविकता बनाने और वैश्विक शांति, सुरक्षा और समृद्धि में योगदान देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। |
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित
भारत-कतर संबंध
अंतर्राष्ट्रीय संबंध
विषय: विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियों एवं राजनीति का भारत के हितों पर प्रभाव।
मुख्य परीक्षा: भारत-कतर संबंध
सन्दर्भ: हाल ही में कतर की एक अदालत द्वारा जासूसी के आरोप में आठ भारतीय नागरिकों को मृत्युदंड की सजा सुनाए जाने से भारत सरकार को गंभीर कूटनीतिक चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। गोपनीयता वाले इस रहस्यमय मुकदमे में आरोपी व्यक्तियों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए त्वरित और रणनीतिक प्रतिक्रिया की आवश्यकता है।
चिंताएं:
- गोपनीयता और पारदर्शिता का अभाव:
- कतर में आठ भारतीय नागरिकों का मुकदमा गोपनीयता से चलाया गया, जिसमें आरोपों और प्रस्तुत किए गए सबूतों के बारे में न्यूनतम जानकारी उपलब्ध थी।
- कतर सरकार ने इस मामले के बारे में कोई विवरण नहीं दिया है।
- जासूसी के गंभीर आरोप:
- लीक हुई रिपोर्टों से पता चलता है कि आरोपियों पर गुप्त पनडुब्बी कार्यक्रम पर अपने काम से संबंधित वर्गीकृत जानकारी किसी तीसरे देश के साथ साझा करने का आरोप लगाया गया था, लेकिन उनके परिवारों ने इन आरोपों से इनकार किया है।
- आरोपों की गंभीरता और मुकदमे में पारदर्शिता की कमी कानूनी प्रक्रिया की निष्पक्षता को लेकर चिंता पैदा करती है।
- भारत-कतर संबंध:
- पाकिस्तान में पूर्व नौसेना कमांडर जाधव के मामले के विपरीत, कतर के साथ भारत के संबंध अपेक्षाकृत बेहतर रहे हैं, जहां दोनों के बीच रणनीतिक और रक्षा सहयोग समझौते हैं।
- भारत अपनी 40% LNG जरूरतों के लिए कतर पर काफी निर्भर है और 2017 में कतर के खिलाफ खाड़ी नाकेबंदी के बावजूद दोनों देश पर्याप्त व्यापार में लगे हुए हैं।
- भारत कतर के आयात का तीसरा सबसे बड़ा स्रोत भी है, विशेष रूप से निर्माण के लिए कच्चे माल और ताजा खाद्य पदार्थों का आयात होता है।
- इसके अलावा, 7,00,000 भारतीय प्रवासी कतर के संस्थानों, उद्योग और कार्यबल का अभिन्न अंग हैं।
भावी कदम:
- राजनयिक और कानूनी अपील:
- भारत को तुरंत कतरी कानूनी प्रणाली के तहत आरोपियों की ओर से कानूनी अपील शुरू करनी चाहिए।
- उदारता और पारदर्शिता के लिए कूटनीतिक प्रयास जारी रहने चाहिए, जिसमें कतरी नेतृत्व के उच्चतम स्तर पर अपील भी शामिल है।
- मौजूदा समझौतों को अमल में लाना:
- भारत और कतर के बीच 2015 में हस्ताक्षरित “सजायाफ्ता व्यक्तियों के स्थानांतरण” समझौते को दोषी व्यक्तियों को भारत में अपनी सजा काटने हेतु स्वदेश भेजने की सुविधा प्रदान करने के लिए लागू किया जाना चाहिए।
- परदे के पीछे की कूटनीति:
- संवेदनशील दृष्टिकोण: विशेषज्ञ सार्वजनिक चर्चाओं से बचने और संवेदनशील दृष्टिकोण बनाए रखने के लिए वरिष्ठ स्तर पर विवेकपूर्ण, पर्दे के पीछे के राजनयिक परामर्श की सलाह देते हैं। कतर में काम करने वाले भारतीयों की बड़ी संख्या के कारण जोखिम बहुत अधिक है।
- शाही क्षमादान की संभावना: खाड़ी क्षेत्र में भारतीय जासूसी से जुड़े इस मामले की असाधारण प्रकृति को पहचानते हुए, विशेषज्ञ शाही क्षमादान की संभावना तलाशने का सुझाव देते हैं, क्योंकि कतर का शाही परिवार भारत के साथ अपने संबंधों को बहुत महत्त्व देता है।
- रणनीतिक संबंधों का लाभ उठाना:
- रक्षा सहयोग समझौता: भारत और कतर के बीच 2008 का रक्षा सहयोग समझौता, जिसे आखिरी बार नवंबर 2018 में बढ़ाया गया था, राजनयिक वार्ता के लिए एक संभावित अवसर प्रदान करता है। इसका नवीनीकरण न होना उच्च स्तरीय चर्चा के अवसर का संकेत देता है।
- सैन्य प्रशिक्षण और भागीदारी: भारत अपने रक्षा संस्थानों में कतर के सैन्य कर्मियों को प्रशिक्षण स्लॉट प्रदान करता है और रणनीतिक संबंधों को मजबूत करते हुए द्विवार्षिक दोहा अंतर्राष्ट्रीय समुद्री रक्षा प्रदर्शनी और सम्मेलन (DIMDEX) में भाग लेता है।
सारांश: कतर में आठ भारतीय नागरिकों को दी गई मौत की सजा भारत के लिए एक महत्त्वपूर्ण राजनयिक चुनौती प्रस्तुत करती है। राजनयिक संबंधों, मौजूदा समझौतों का लाभ उठाना, और उनकी रिहाई या सजा में कमी को सुनिश्चित करने के लिए विवेकशील, पर्दे के पीछे का दृष्टिकोण बनाए रखना आवश्यक है। |
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित
महिलाएं दुनिया को बेहतर बना सकती हैं
भारतीय समाज
विषय: महिला एवं महिला संगठन की भूमिका, जनसंख्या एवं संबद्ध मुद्दे
मुख्य परीक्षा: दुनिया को बेहतर बनाने में महिलाओं का योगदान
सन्दर्भ: आर्थिक इतिहास और अर्थशास्त्र के क्षेत्र को महिलाओं के योगदान को दरकिनार करते हुए मुख्य रूप से पुरुष प्रधान दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया गया है। अर्थशास्त्र में महिला नोबेल पुरस्कार विजेताओं की कमी इस लैंगिक असंतुलन को उजागर करती है। अधिक न्यायसंगत और सतत दुनिया बनाने के लिए, पारंपरिक आर्थिक ढांचे के भीतर और बाहर, दोनों जगह महिलाओं के काम के मूल्य को पहचाना और बढ़ाया जाना चाहिए।
मुद्दे:
- अर्थशास्त्र में लैंगिक असमानताएँ:
- आर्थिक विज्ञान में नोबेल मेमोरियल पुरस्कार 1969 से केवल तीन महिलाओं को प्रदान किया गया है।
- 2023 में क्लाउडिया गोल्डिन के नोबेल पुरस्कार ने लगातार लैंगिक वेतन अंतर और महिलाओं के काम को कम महत्त्व देने पर जोर दिया।
- महिलाओं के काम का मूल्य:
- परिवार और सामुदायिक कल्याण में महिलाओं का योगदान, जिसे अक्सर आर्थिक चर्चाओं में नजरअंदाज कर दिया जाता है, महत्त्वपूर्ण है लेकिन सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि में योगदान नहीं देता है।
- घरेलू सेवा और स्वास्थ्य देखभाल जैसी देखभाल भूमिकाओं में महिलाओं के लिए अपर्याप्त मुआवजा (Inadequate compensation) एक गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है।
- बदलते वैश्विक आर्थिक परिदृश्य:
- अधिक अनौपचारिक और गिग अर्थव्यवस्था वाली नौकरियों और कम दीर्घकालिक रोजगार के अवसरों के साथ, आर्थिक विकास पैटर्न बदल रहा है।
- बड़ी युवा आबादी वाला भारत इन आर्थिक बदलावों के बीच सम्मानजनक काम और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की चुनौती का सामना कर रहा है।
- सतत विकास लक्ष्य (SDG):
- 2030 तक SDG हासिल करने की दिशा में प्रगति अनुमान से धीमी रही है, केवल 12% लक्ष्य ही ट्रैक पर हैं।
- SDG को प्राप्त करने के लिए समस्या-समाधान में एक आदर्श बदलाव और बॉटम-अप, संदर्भ-विशिष्ट दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है।
समाधान:
- महिलाओं के कार्य को सशक्त बनाना:
- देखभाल, परिवार और समुदाय में महिलाओं के योगदान को महत्त्व दिया जाना चाहिए और आर्थिक चर्चाओं में एकीकृत किया जाना चाहिए।
- इन क्षेत्रों में महिला श्रमिकों हेतु देखभाल की भूमिकाओं के लिए पर्याप्त मुआवजा और बेहतर कार्य स्थितियों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
- नई आर्थिक वास्तविकताओं को अपनाना:
- नीति निर्माताओं को गिग अर्थव्यवस्था और विशेष रूप से भारत के युवाओं के लिए बदलते रोजगार चलन द्वारा प्रस्तुत चुनौतियों का समाधान करने की आवश्यकता है।
- मानव विकास को बढ़ाने के लिए देखभाल सेवाओं सहित सामाजिक बुनियादी ढांचे में निवेश आवश्यक है।
- अर्थशास्त्र में एक आदर्श बदलाव:
- पुरुष-संचालित संस्थानों और विचारधाराओं के प्रभुत्व वाले वर्तमान प्रतिमान का पुनर्मूल्यांकन करना।
- अधिक सहयोगी, न्यायसंगत और सतत प्रतिमान को बढ़ावा देना जो स्थानीय समुदायों को संदर्भ-विशिष्ट समाधान खोजने के लिए सशक्त बनाता है।
सारांश: भविष्य में बॉटम-अप समस्या-समाधान पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए और एक आदर्श बदलाव को अपनाया जाना चाहिए जो सहयोग, समानता और स्थिरता को महत्त्व देता हो। “एक परिवार, एक पृथ्वी, एक भविष्य” के दृष्टिकोण को प्राप्त करने हेतु अधिक समावेशी दुनिया बनाने के लिए पुरुषों और महिलाओं के सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। |
प्रीलिम्स तथ्य:
1. संसदीय स्थायी समितियाँ
सन्दर्भ: गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति ने मौजूदा आपराधिक कानूनों को बदलने के उद्देश्य से लाए गए तीन विधेयकों पर मसौदा रिपोर्ट को अपनाने को स्थगित कर दिया है। विपक्ष ने समीक्षा प्रक्रिया की गति और परामर्श की कमी पर चिंता जताई है।
मुद्दे:
- त्वरित समीक्षा: अंग्रेजी में मसौदा रिपोर्ट पिछले सप्ताह ही प्रसारित की गई थी, और हिंदी संस्करण इस रिपोर्ट को अपनाने के निर्धारित समय से कुछ घंटे पहले ही संसदीय पैनल के सदस्यों को भेजा गया था।
- असहमत सदस्य: तीन सदस्य, जिनमें कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी और दिग्विजय सिंह, साथ ही द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के सांसद एन.आर. एलांगो शामिल हैं, ने भारतीय न्याय संहिता, 2023 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 जो भारतीय दंड संहिता और आपराधिक प्रक्रिया संहिता को प्रतिस्थापित करने के लिए हैं, में महत्त्वपूर्ण बदलावों की मांग करते हुए असहमति नोट दायर किया है।
- पारिभाषिक शब्दावली विवाद: मसौदा रिपोर्ट विधेयकों के हिंदी पारिभाषिक शब्दावली को स्वीकार नहीं करती है। पैनल यह कहकर इसे उचित ठहराता है कि विधेयकों का विषय-वस्तु अंग्रेजी में है और यह संविधान के अनुच्छेद 348 के प्रावधानों का उल्लंघन नहीं करता है।
- अपर्याप्त परामर्श: पैनल ने 24 अगस्त को तीन विधेयकों पर परामर्श शुरू किया और 12 बैठकें कीं। विपक्षी सदस्यों का तर्क है कि प्रस्तावित परिवर्तनों के पैमाने और दायरे को देखते हुए यह अपर्याप्त है।
समाधान:
- विस्तारित परामर्श: चिंताओं को दूर करने और विधेयकों के लिए वृहत समर्थन सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकारों और हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श में संलग्न होना आवश्यक है।
- शब्दावली पर पुनर्विचार: देश में सभी भाषाई और सांस्कृतिक समूहों की समावेशिता को ध्यान में रखते हुए, हिंदी शब्दावली के विवाद को चर्चा के माध्यम से हल किया जाना चाहिए।
- पारदर्शी विधायी प्रक्रिया: विधेयकों के माध्यम से जल्दबाजी को रोकने के लिए, व्यापक मूल्यांकन और बहस की अनुमति देते हुए विधायी जांच के सिद्धांतों को बनाए रखना महत्त्वपूर्ण है।
स्रोत: The hindu
संसदीय समितियाँ:
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2. डार्क पैटर्न साइबर अपराध
सन्दर्भ:
- विमानन उद्योग में एक उभरता हुआ मुद्दा एयरलाइंस और ऑनलाइन ट्रैवल एजेंटों द्वारा उपभोक्ताओं को उड़ान टिकट बुक करते समय अनपेक्षित खरीदारी करने हेतु मजबूर करने के लिए भ्रामक रणनीति अपनाने से जुड़ा है।
- ‘डार्क पैटर्न’ के रूप में जानी जाने वाली इन अनैतिक व्यवस्थाओं ने चिंताएँ बढ़ा दी हैं, वहीं एक सरकारी अधिकारी ने इन्हें “साइबर अपराध” करार दिया है।
- नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कार्रवाई करते हुए मांग की है कि कम लागत वाली विमानन कंपनी इंडिगो अपनी वेबसाइट में सुधार करे।
- यह कदम हवाई यात्रियों की इन शिकायतों को दूर करने के लिए उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की एक निर्धारित बैठक के बाद आया है।
डार्क पैटर्न:
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मुद्दे:
- भ्रामक प्रथाएँ: एयरलाइंस और ऑनलाइन ट्रैवल एजेंट उपभोक्ताओं को उनकी स्पष्ट सहमति के बिना सीट चयन जैसी अतिरिक्त खरीदारी करने हेतु प्रेरित करने के लिए ‘डार्क पैटर्न’ का उपयोग कर रहे हैं।
- उपभोक्ता शिकायतें: नागरिक उड्डयन मंत्रालय को इन व्यवस्थाओं से संबंधित बड़ी संख्या में शिकायतें मिली हैं, जो इस मुद्दे की व्यापक प्रकृति का संकेत देती हैं। पिछले आठ से नौ महीनों में राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन के माध्यम से लगभग 10,000 शिकायतें दर्ज की गई हैं।
- पारदर्शिता की कमी: कई एयरलाइन वेबसाइटें, ऐप्स और ऑनलाइन पोर्टल महत्त्वपूर्ण जानकारी को अस्पष्ट करने और उपभोक्ताओं को अनपेक्षित खरीदारी हेतु प्रेरित करने के लिए इन डार्क पैटर्न का उपयोग करते हैं।
समाधान:
- नियामक निरीक्षण: सरकार को उद्योग हितधारकों के सहयोग से भ्रामक व्यवस्थाओं को रोकने और उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा के लिए स्पष्ट नियम निर्धारित करने चाहिए।
- पारदर्शिता: एयरलाइंस और ऑनलाइन ट्रैवल एजेंटों को उपभोक्ताओं को पारदर्शी और आसानी से सुलभ जानकारी प्रदान करना चाहिए। किसी भी अतिरिक्त शुल्क या खरीदारी को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया जाना चाहिए, और उपभोक्ताओं के पास बिना किसी बाधा के बाहर निकलने (ऑप्ट-आउट) का विकल्प होना चाहिए।
- उपभोक्ता शिक्षा: उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के बारे में शिक्षित करना एवं डार्क पैटर्न की पहचान करना और रिपोर्ट करना उन्हें सही विकल्प चुनने के लिए सशक्त बना सकता है।
3. पाकिस्तान ने सीजफायर तोड़ा
सन्दर्भ:
- जम्मू के अरनिया सेक्टर में जीरो लाइन के पास भारतीय और पाकिस्तानी सैनिकों के बीच आठ घंटे तक हुई झड़प ने तनाव बढ़ा दिया है और दोनों देशों के बीच 2021 के युद्धविराम समझौते को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।
- इस झड़प में पाकिस्तान रेंजर्स ने संघर्ष विराम समझौते का उल्लंघन करते हुए नागरिक घरों और फसलों को निशाना बनाया, जिससे सीमा सुरक्षा बल (BSF) का एक कांस्टेबल मामूली रूप से घायल हो गया।
मुद्दे:
- युद्धविराम उल्लंघन: इस झड़प में भारत और पाकिस्तान के बीच के 2021 युद्धविराम समझौते का उल्लंघन शामिल था, जो मूल रूप से 2003 में हुआ था। यह उल्लंघन युद्धविराम की स्थिरता और भविष्य की शत्रुता की संभावना के बारे में सवाल उठाता है।
- नागरिक प्रभाव: पाकिस्तानी गोलाबारी और मोर्टार के गोले ने नागरिक घरों और फसलों को निशाना बनाया, जिससे संपत्ति को नुकसान हुआ और रजनी देवी नामक एक नागरिक के घायल होने की खबर है। इससे सीमा के पास रहने वाले नागरिकों की सुरक्षा और कुशलता खतरे में पड़ गई है।
- क्षेत्र में अशांति: झड़प के कारण क्षेत्र तनावपूर्ण और हाई अलर्ट पर है। जम्मू में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर BSF को हाई अलर्ट पर रखा गया है और गोलाबारी के कारण निवासियों को स्कूलों और पंचायत घरों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
समाधान:
- राजनयिक प्रयास: भारत और पाकिस्तान दोनों को तनाव कम करने के लिए राजनयिक प्रयासों में शामिल होना चाहिए और युद्धविराम समझौते के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करनी चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता पर भी विचार किया जा सकता है।
- नागरिक सुरक्षा: सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। ऐसी घटनाओं के दौरान नागरिकों की सुरक्षा के लिए वहाँ से निकालने की योजनाओं, आश्रयों और संचार प्रणालियों में सुधार किया जाना चाहिए।
- पारदर्शिता और संचार: गलतफहमी को रोकने और युद्धविराम के किसी भी उल्लंघन के तुरंत समाधान के लिए दोनों देशों को संचार के खुले चैनल बनाए रखने चाहिए।
4. इंडिया मोबाइल कांग्रेस
सन्दर्भ: सातवें इंडिया मोबाइल कांग्रेस के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शहरी क्षेत्रों में 5जी सेवाओं के तेजी से कार्यान्वयन के लिए दूरसंचार ऑपरेटरों की सराहना की, और इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत की 80% से अधिक शहरी आबादी अब हाई-स्पीड इंटरनेट तक पहुंच का लाभ ले रही है। उन्होंने 6जी तकनीक में नेतृत्व करने की भारत की महत्त्वाकांक्षा भी व्यक्त की।
इंडिया मोबाइल कांग्रेस (IMC):
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विवरण:
- 5जी विस्तार: भारत ने 5जी कवरेज के विस्तार में पर्याप्त प्रगति की है, जहां इस प्रौद्योगिकी के लॉन्च के एक वर्ष के भीतर लगभग 4 लाख 5जी बेस स्टेशन स्थापित किए गए हैं।
- उन्नत इंटरनेट कनेक्टिविटी: पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी और स्पीड से जीवन के विभिन्न पहलुओं, जैसे शिक्षा, टेलीमेडिसिन और पर्यटन को लाभ मिलता है। यह जीवन की सुगमता को बढ़ाता है, जिससे छात्रों के लिए शिक्षकों से जुड़ना, मरीजों के लिए डॉक्टरों से ऑनलाइन परामर्श लेना और पर्यटकों के लिए ऑनलाइन मानचित्रों का उपयोग करना आसान हो जाता है।
- 6जी आकांक्षा: भारत 6जी प्रौद्योगिकी में अग्रणी बनने के लक्ष्य के साथ दूरसंचार की अगली पीढ़ी पर सक्रिय रूप से शोध और मानकीकरण कर रहा है।
- आर्थिक विकास: प्रधान मंत्री ने घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के विकास पर प्रकाश डाला, जिसमें ऐप्पल, सैमसंग और गूगल जैसी प्रमुख तकनीकी कंपनियां भारत में अपने उत्पादों को असेंबल कर रही हैं। इससे इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
- सुरक्षित आपूर्ति श्रृंखला: प्रधानमंत्री मोदी ने संभवतः चीनी इलेक्ट्रॉनिक्स असेंबल और विनिर्माण के प्रभुत्व के संदर्भ में, इलेक्ट्रॉनिक्स आपूर्ति श्रृंखला को सुरक्षित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने लोकतांत्रिक समाजों को संभावित खतरों से बचाने के महत्त्व को रेखांकित किया।
भावी कदम:
- निरंतर निवेश: सरकार और निजी क्षेत्र को हाई-स्पीड इंटरनेट पहुंच के विस्तार में निवेश जारी रखना चाहिए, विशेषकर ग्रामीण और कम सुविधा वाले क्षेत्रों में।
- अनुसंधान और विकास: 6जी और उससे आगे के क्षेत्र में नेतृत्व हासिल करने के लिए दूरसंचार प्रौद्योगिकी में अनुसंधान और विकास के लिए सहयोग महत्त्वपूर्ण है।
- इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को बढ़ावा देना: अधिक तकनीकी कंपनियों को भारत में अपने उत्पादों को असेंबल करने के लिए प्रोत्साहित करना, घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना और निर्यात को बढ़ावा देना।
- साइबर सुरक्षा उपाय: इलेक्ट्रॉनिक्स आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुरक्षित करने और लोकतांत्रिक समाजों को संभावित खतरों से बचाने के लिए मजबूत साइबर सुरक्षा उपायों को लागू करना।
5. म्यांमार के विद्रोही
सन्दर्भ: जातीय विद्रोहियों के गठबंधन ने उत्तरी म्यांमार में हमले शुरू कर दिए हैं।
विवरण:
- म्यांमार में जातीय विद्रोही समूहों के गठबंधन ने देश के उत्तर में सेना पर समन्वित हमले शुरू कर दिए हैं, जिससे जुंटा के लिए एक नई चुनौती पैदा हो गई है क्योंकि वह प्रतिरोध को कुचलने के लिए संघर्ष कर रही है।
- विद्रोही शान राज्य के लगभग 100 किमी दूर 12 शहरों पर हमला कर रहे थे।
स्रोत: aljazeera
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
1. निम्नलिखित में से कौन सा समूह म्यांमार के ‘थ्री ब्रदरहुड अलायंस’ का हिस्सा है?
1. म्यांमार नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस आर्मी
2. तांग नेशनल लिबरेशन आर्मी
3. अराकान आर्मी
4. ऑल बर्मा स्टूडेंट्स डेमोक्रेटिक फ्रंट
5. ज़ोमी रिवोल्यूशनरी आर्मी
निम्नलिखित कूट का उपयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए:
(a) केवल 1, 3 और 5
(b) केवल 1, 2 और 4
(c) केवल 1, 2 और 3
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर: c
व्याख्या: थ्री ब्रदरहुड एलायंस में म्यांमार में सक्रिय अराकान आर्मी, म्यांमार नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस आर्मी और तांग नेशनल लिबरेशन आर्मी शामिल हैं।
2. हाल ही में चर्चा में रहा ‘डार्क पैटर्न’ निम्नलिखित में से किसके मामलों से संबंधित है?
(a) ऑनलाइन उपभोक्ता मैनिपुलेशन
(b) नवीकरणीय ऊर्जा पहल
(c) अंतरिक्ष अन्वेषण
(d) जलवायु परिवर्तन वार्ता
उत्तर: a
व्याख्या: डार्क पैटर्न में ऑनलाइन उपभोक्ता व्यवहार को प्रभावित करने के लिए भ्रामक रणनीति शामिल होती है, जिसे अक्सर अनुचित व्यापारिक व्यवस्थाएं या यहां तक कि साइबर अपराध भी माना जाता है।
3. सीमा सुरक्षा बल (BSF) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से गलत है/हैं?
1. यह देश का एकमात्र अर्धसैनिक बल है जिसकी युद्धकाल के साथ-साथ शांतिकाल में भी भूमिका स्पष्ट रूप से परिभाषित है।
2. यह गृह मंत्रालय के अधीन संचालित होता है।
निम्नलिखित कूट का उपयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए:
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
उत्तर: d
व्याख्या: दोनों कथन सही हैं।
4. भारत में संसदीय स्थायी समितियों के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. ये समितियाँ विशिष्ट विधायी उद्देश्यों के लिए गठित एक प्रकार की तदर्थ समिति हैं।
2. इनके सदस्य लोकसभा और राज्यसभा दोनों से चुने जाते हैं।
3. वे प्रस्तावित कानून, सरकारी नीतियों की समीक्षा करते हैं एवं विभिन्न मंत्रालयों के कामकाज की जांच करते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कितना/कितने सही है/हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: b
व्याख्या: कथन 1 गलत है. संसदीय स्थायी समितियाँ प्रकृति में स्थायी होती हैं, और उनके सदस्य संसद के दोनों सदनों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
5. इंडिया मोबाइल कांग्रेस (IMC) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
1. IMC एशिया का सबसे बड़ा दूरसंचार, मीडिया और प्रौद्योगिकी मंच है।
2. यह भारत में इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा आयोजित किया जाता है।
निम्नलिखित कूट का उपयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए:
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
उत्तर: a
व्याख्या: इंडिया मोबाइल कांग्रेस का आयोजन दूरसंचार विभाग और सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
1. संबंधों में लगातार तनाव के बावजूद भारत और चीन के पास सहयोग के कई रास्ते हैं। विस्तार से चर्चा कीजिए। (250 शब्द, 15 अंक) (सामान्य अध्ययन – II, अंतर्राष्ट्रीय संबंध)
2. हाल ही में कतर में पूर्व भारतीय सैनिकों की गिरफ्तारी और मृत्युदंड की सजा भारत के लिए अनूठी कूटनीतिक चुनौती पैदा करती है। परीक्षण कीजिए कि भारत इन भारतीयों की कुशलता (wellbeing) किस प्रकार सुनिश्चित कर सकता है? (250 शब्द, 15 अंक) (सामान्य अध्ययन – II, अंतर्राष्ट्रीय संबंध)
(नोट: मुख्य परीक्षा के अंग्रेजी भाषा के प्रश्नों पर क्लिक कर के आप अपने उत्तर BYJU’S की वेव साइट पर अपलोड कर सकते हैं।)