विज्ञान संकाय के अभ्यर्थियों के लिए भौतिकी हमेशा से एक प्रमुख विकल्प रहा है | स्नातक स्तर पर भौतिकी पढने वाले या इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों को वैकल्पिक विषय के तौर पर भौतिकी चुनने की सलाह दी जाती है | सफल अभ्यर्थी इसे एक स्कोरिंग पेपर बताते हैं | यदि अभ्यर्थी ने मानक किताबों से पूरे पाठ्यक्रम को कवर किया है तो वे अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद कर सकते हैं | हलांकि कई बार यह कहा जाता है कि भौतिकी के अभ्यर्थियों को GS Paper में कोई लाभ नहीं मिलता , किंतु हम जानते हैं कि GS -3 (विज्ञान एवं तकनीक ) और प्रारंभिक परीक्षा में भौतिकी से भी सवाल पूछे जाते हैं |
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नीचे मुख्य परीक्षा के लिए भौतिकी का विस्तृत पाठ्यक्रम दिया गया है | भौतिकी के महत्वपूर्ण पुस्तकों की सूचि के लिए हमारे हिंदी पेज को देखें |
पाठक लिंक किए गए लेख में आईएएस हिंदी के बारे में जानकारी पा सकते हैं।
वैकल्पिक विषय भौतिकी का पाठ्यक्रम – प्रश्न पत्र -1
1. (क) कण यांत्रिकी:
गतिनियम, उर्जा एवं संवेग का संरक्षण, घूर्णी फ्रेम पर अनुप्रयोग, अपकेंद्री एवं कोरियालिस त्वरण; केंद्रीय बल के अंतर्गत गति; कोणीय संवेग का संरक्षण, केप्लर नियमः क्षेत्र एवं विभव, गोलीय पिंडों के कारण गुरुत्व क्षेत्र एवं विभव; गौस एवं प्वासों समीकरण, गुरुत्व स्वऊर्जा, द्विपिंड समस्या, समानीत द्रव्यमान; रदरफोर्ड प्रकीर्णन; द्रव्यमान केंद्र एवं प्रयोगशाला संदर्भ फ्रेम।
(ख) दृढ़ पिंडों की यांत्रिकी:
कणनिकाय; द्रव्यमान केंद्र, कोणीय संवेग, गति समीकरण, ऊर्जा संवेग एवं कोणीय संवेग के संरक्षण प्रमेयः प्रत्यास्थ एवं अप्रत्यास्थ संघटन; दृढ़ पिंड, स्वातंत्र्य कोटियां, आयलर प्रमेय कोणीय वेग, कोणीय संवेग, जड़त्व आघूर्ण, समांतर एवं अभिलंब अक्षों के प्रमेय घूर्णन हेतु गति का समीकरण; आण्विक घूर्णन (दृढ़ पिंडों के रूप में); द्वि एवं त्रि-परमाण्विक अणु, पुरस्सरण गति, भ्रमि घूर्णाक्षस्थापी।
(ग) संतत माध्यमों की यांत्रिकी:
प्रत्यास्थता, हुक का नियम एवं समदैशिक ठोसों के प्रत्यास्थतांक तथा उनके अंत:संबंध; प्रवाहरेखा (स्तरीय) प्रवाह, श्यानता, प्वाजय समीकरण, बरनूली समीकरण, स्टोक नियम एवं उसके अनुप्रयोग।
(घ) विशिष्ट आपेक्षिता :
माइकल्सन- मोर्ले प्रयोग एवं इसकी विवक्षाएं, लॉरेंज रूपांतरण- दैर्ध्य-संकुचन, कालवृद्धि, आपेक्षिकीय वेगों का योग, विपथन तथा डॉप्लर प्रभाव, द्रव्यमान-ऊर्जा संबंध, क्षय प्रक्रिया से सरल अनुप्रयोगः चतुर्विमीय संवेग सदिश; भौतिकी के समीकरणों से सहप्रसरण।
2. तरंग एवं प्रकाशिकी:
(क) तरंग :
सरल आवर्त गति, अवमंदित दोलन, प्रणोदित दोलन तथा अनुनाद: विस्पंद, तंतु में स्थिर तरंगे: स्पंदन तथा तरंग संचायिकाएं प्रावस्था तथा समूह वेग, हाईजन के सिद्धांत से परावर्तन तथा अपवर्तन।
(ख) ज्यामितीय प्रकाशिकी:
फरमैट के सिद्धांत से परावर्तन तथा अपवर्तन के नियम, उपाक्षीय प्रकाशिकी में आव्यूह पद्धति-पतले लैस के सूत्र, निस्पंद तल, दो पतले लेंसों की प्रणाली, वर्ण तथा गोलीय विपंथन |
(ग) व्यतिकरण:
प्रकाश का व्यतिकरण -यंत्र का प्रयोग, न्यूटन वलय, तनु फिल्मों द्वारा व्यतिकरण, माइकल्सन व्यतिकरणमापी; विविध किरणपुंज व्यतिकरण एवं फैब्रीपेरट-व्यतिकरणमापी।
(घ) विवर्तन:
फ्रानहोफर विवर्तन- एकल रेखाछिद्र, द्विरेखाछिद्र, विवर्तन ग्रेटिंग, विभेदन क्षमता; वित्तीय द्वारक द्वारा विवर्तन तथा वायवीय पैटर्न, फ्रेसनेल विवर्तन; अर्द्ध आवर्तन जोन एवं जोन प्लेट, वृत्तीय द्वारक
(ड) ध्रुवीकरण एवं आधुनिक प्रकाशिकी:
रेखीय तथा वृत्तीय ध्रुवित प्रकाश का उत्पादन तथा अभिज्ञान; द्विअपवर्तन, चतुर्थांश तरंग प्लेट; प्रकाशीय सक्रियता रेशा प्रकाशिकों के सिद्धांत क्षीणन; स्टेप इंडेक्स तथा परवलयिक इंडेक्स तंतुओं में स्पंद परिक्षेपण, पदार्थ परिक्षेपण, एकल रूप रेशा; लेसर आइनस्टाइन A तथा B गुणांक, रूबी एवं हीलियम नियॉन लेसर; लेसर प्रकाश की विशेषताएं- स्थानिक तथा कालिक संबद्धता; लेसर किरण पुंजो का फोकसन; लेसर क्रिया के लिए त्रि-स्तरीय योजना होलीग्राफी एवं सरल अनुप्रयोग।
3. विद्युत एवं चुंबकत्व:
(क) स्थिर वैद्युत एवं स्थिर चुंबकीय:
स्थिर वैद्युत में लाप्लास एवं प्वासों समीकरण एवं उनके अनुप्रयोग; आवेश निकाय की ऊर्जा, आदेश विभव का बहुध्रुव प्रसार; प्रतिबिम्ब विधि एवं उसका अनुप्रयोग; द्विध्रुव के कारण विभव एवं क्षेत्र, बाह्य क्षेत्र में द्विध्रुव पर बल एवं बल आघूर्ण, परावैद्युत ध्रुवण परिसीमा-मान समस्या का हल-एकसमान वैद्युत क्षेत्र में चालन एवं परवैद्युत गोलकः चुंबकीय कोश, एकसमान चुंबकित गोलक, लोह चुंबकीय पदार्थ, शैथिल्य, ऊर्जाहास।
(ख) धारा विद्युत :
किरचॉफ नियम एवं उनके अनुप्रयोग; बायोसवार्ट नियम, ऐम्पियर नियम, फराड़े नियम, लैज नियम, स्व एवं अन्योन्य प्रेरकत्वः प्रत्यावर्ती धारा (AC) परिपथ में माध्य एवं वर्गमाध्य मूल (rms) मान, RL एवं C घटक वाले DC एवं AC – परिपथ श्रेणीबद्ध एवं समांतर अनुनाद: गुणता कारकः परिणामित्र के सिद्धांत |
(ग) विद्युत चुंबकीय तरंगे एवं कृष्णिका विकिरणः
विस्थापन धारा एवं मैक्सवेल के समीकरण; निर्वात में तरंग समीकरण, प्वाइंटिंग प्रमेय, सदिश एवं अदिश विभवः विद्युत चुंबकीय क्षेत्र प्रदिश, मैक्सवेल समीकरणों का सहप्रसरण ,समदैशिक परावैद्युत में तरंग समीकरण, दो परावैद्युतों की परिसीमा पर परावर्तन तथा अपवर्तन; फ्रेसनल संबंध, पूर्ण आतंरिक परावर्तन; प्रसामान्य एवं असंगत वर्ण विक्षेपण; रेले प्रकीर्णन; कृष्णिका विकिरण एवं प्लैंक विकिरण नियम, स्टीफन बोल्ट्जमैन नियम, वियेन विस्थापन नियम एवं रेले जीन्स नियम |
4. तापीय एवं सांख्यिकी भौतिकी:
(क) ऊष्मागतिकी:
ऊष्मागतिकी का नियम, उत्क्रम्य तथा अप्रतिक्रम्य प्रक्रम, एन्ट्रॉपी, समतापी, रुद्धोष्म, समदाब, समआयतन प्रक्रम एवं एन्ट्रॉपी परिवर्तन: ऑटो एवं डीजल इंजिन, गिब्स प्रावस्था नियम एवं रासायनिक विभव, वास्तविक गैस अवस्था के लिए वांडरवाल समीकरण, क्रांतिक स्थिरांक, आण्विक वेग का मैक्सवेल बोल्ट्जमान वितरण, परिवहन परिघटना, समविभाजन एवं वीरियल प्रमेय; ठोसॉ की विशिष्ट ऊष्मा के ड्यूलां-पेती, आइंस्टाइन, एवं डेबी सिद्धांत; मैक्सवेल संबंध एवं अनुप्रयोग, क्लासियस क्लेपरॉन समीकरण, रूद्धोष्म विचुंबकन, जूल केल्विन प्रभाव एवं गैसों का द्रवण |
(ख) सांख्यिकीय भौतिकी:
स्थूल एवं सूक्ष्म अवस्थाएं, सांख्यिकीय बंटन, मैक्सवेल-बोल्ट्जमान, बोस-आइंस्टाइन एवं फर्मी-दिराक बंटन, गैसों की विशिष्ट ऊष्मा एवं कृष्णिका विकिरण में अनुप्रयोग नकारात्मक ताप की संकल्पना ।
वैकल्पिक विषय भौतिकी का पाठ्यक्रम – प्रश्न पत्र -2
1. क्वांटम यांत्रिकी :
कण तरंग द्वैतता; श्रीडिंगर समीकरण एवं प्रत्याशामान; अनिश्चितता सिद्धांत, मुक्तकण, बॉक्स में कण, परिमित कूप में कण के लिए एक विमीय श्रीडिंगर समीकरण का हल (गौसीय तरंग-वेस्टन), रैखिक आवर्ती लोलक ,पग-विभव द्वारा एवं आयताकार रोधिका द्वारा परावर्तन एवं संचरण; त्रिविमीय बॉक्स में कण, अवस्थाओं का घनत्व, धातुओं का मुक्त इलेक्ट्रान सिद्धांत, कोणीय संवेग, हाइड्रोजन परमाणुः अर्द्धप्रचक्रण कण, पाउली प्रचक्रण आव्यूहों के गुणधर्म |
2. परमाण्विक एवं आण्विक भौतिकी :
स्टर्न गर्लेक प्रयोग, इलेक्ट्रान प्रचक्रण, हाइड्रोजन परमाणु की सूक्ष्म संरचना; युग्मन, L- S, J -J युग्मन, परमाणु अवस्था का स्पेक्ट्रमी संकेतन, जीमान प्रभाव, फ्रैंक कंडोन सिद्धांत एवं अनुप्रयोग; द्विपरमाणुक अणु के घूर्णनी, कांपनिक एवं इलेक्ट्रानिक स्पेक्ट्रमों का प्राथमिक सिद्धांत, रमन प्रभाव एवं आण्विक संरचना; लेसर रमन स्पेक्ट्रमिकी, खगोलिकी में उदासीन हाइड्रोजन परमाणु आण्विक हाइड्रोजन एवं आण्विक हाइड्रोजन ऑयन का महत्व; प्रतिदिप्ति एवं स्फुरदीप्ति NMR एवं EPR का प्राथमिक सिद्धांत एवं अनुप्रयोग, लैम्बसृति की प्राथमिक धारणा एवं इसका महत्व।
3. नाभिकीय एवं कण भौतिकी :
मूलभूत नाभिकीय गुणधर्म आकार, बंधन, ऊर्जा, कोणीय संवेग, समता, चुंबकीय आघूर्ण; अर्द्ध-आंनुभाविक द्रव्यमान सूत्र एवं अनुप्रयोग, द्रव्यमान परवलय; ड्यूटेरॉन की मूल अवस्था, चुंबकीय आघूर्ण एवं अकेंद्रीय बल; नाभिकीय बलों का मेसॉन सिद्धांत, नाभिकीय बलों की प्रमुख विशेषताएं; नाशिक का कोश मॉडल-सफलताएं एवं सीमाएं; बीटाहास समता का उल्लंघन; गामा ह्रास एवं आंतरिक रूपांतरण, मासबौर स्टेक्ट्रमिकी की प्राथमिक धारणा; नाभिकीय अभिक्रियाओं का Q मान; नाभिकीय विखंडन एवं संलयन, तारों में ऊर्जा उत्पादन; नाभिकीय रियेक्टर। मूल कणों का वर्गीकरण एवं उनकी अन्योन्यक्रियाएं; संरक्षण नियम; हैड्रॉनों की क्वार्क संरचना; क्षीण वैद्युत एवं प्रबल अन्योन्य क्रिया का क्षेत्र-क्वांटा; बलों के एकीकरण की प्राथमिक धारणा; न्यूट्रिनों की भौतिकी।
4. ठोस अवस्था भौतिकी, यंत्र एवं इलेक्ट्रॉनिकी :
पदार्थ की क्रिस्टलीय एवं अक्रिस्टलीय संरचना, विभिन्न क्रिस्टल निकाय, आकाशी समूह; क्रिस्टल संरचना निर्धारण की विधियां X-किरण विवर्तन, क्रमवीक्षण एवं संचरण इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी; ठोसों का पट्ट सिद्धांत-चालक, विद्युतरोधी एवं अर्द्धचालक; ठोसों के तापीय गुणधर्म, विशिष्ट ऊष्मा, डेबी सिद्धांत; चुंबकत्वः प्रति, अनु एवं लोह चुंबकत्व; अतिचालकता के अवयव, माइसर प्रभाव, जोसेफसन संधि एवं अनुप्रयोग; उच्च तापक्रम अतिचालकता की प्राथमिकता धारणा।
नैज एवं बाह्य अर्द्धचालक; p-n-p एवं n-p-n ट्रांजिस्टर, प्रवर्धक एवं दोलित्र, संक्रियात्मक प्रवर्धक, FET, JFET एवं MOSFET : अंकीय इलेक्ट्रॉनिकी-बूलीय तत्समक, डीमॉर्गन नियम, तर्क द्वार एवं सत्य सारणियां; सरल तर्क परिपथः ऊष्म प्रतिरोधी, सौर सेल; माइक्रोप्रोसेसर एवं अंकीय कंप्यूटरों के मूल सिद्धांत |
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