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02 मई 2024 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव के बाद लाभार्थी-उन्मुख योजनाओं के लिए मतदाताओं का नामांकन/पंजीकरण बंद करने का निर्देश:
  2. भारत और न्यूजीलैंड फार्मा, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों सहित अन्य क्षेत्रों में गहन द्विपक्षीय सहयोग करेंगे:
  3. रक्षा सचिव और इंडोनेशिया के रक्षा महासचिव नई दिल्ली में 7वीं संयुक्त रक्षा सहयोग समिति की बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे:

02 May 2024 Hindi PIB
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1. निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव के बाद लाभार्थी-उन्मुख योजनाओं के लिए मतदाताओं का नामांकन/पंजीकरण बंद करने का निर्देश:

सामान्य अध्ययन: 2

राजव्यवस्था:

विषय:भारतीय संविधान- ऐतिहासिक आधार,विकास,विशेषताएँ संशोधन,महत्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना।

प्रारंभिक परीक्षा: लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951

प्रसंग:

  • भारत निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों द्वारा अपनी प्रस्तावित लाभार्थी योजनाओं के लिए विभिन्न सर्वेक्षणों की आड़ में मतदाताओं का विवरण प्राप्त करने से जुड़ी गतिविधियों को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123(1) के तहत रिश्वत देने का भ्रष्ट व्यवहार मानते हुए गंभीरता से लिया है।

उद्देश्य:

  • आयोग ने कहा है कि, “कुछ राजनीतिक दल और उम्मीदवार ऐसी गतिविधियों में लगे हुए हैं, जो वैध सर्वेक्षणों तथा चुनाव के बाद लाभार्थी-उन्मुख योजनाओं के लिए व्यक्तियों को पंजीकृत करने के पक्षपातपूर्ण प्रयासों के बीच की रेखा को धुंधला कर देती हैं।”
  • आयोग ने मौजूदा आम चुनाव 2024 में विभिन्न मामलों के मद्देनजर 02 मई 2024 को एक एडवाइजरी जारी की है।
  • इसमें सभी राष्ट्रीय और राज्यों के राजनीतिक दलों को निर्देश दिया गया है कि वे विज्ञापन/सर्वेक्षण/एप्प के जरिए चुनाव के बाद लाभार्थी-उन्मुख योजनाओं के लिए व्यक्तियों को पंजीकृत करने जैसी गतिविधियां बंद करें।

विवरण:

  • आयोग ने कहा है कि चुनाव के बाद लाभ पाने के लिए पंजीकरण करने हेतु व्यक्तिगत मतदाताओं को आमंत्रित करने/ उनका आह्वान करने का काम निर्वाचक और प्रस्तावित लाभ के बीच एक लेन-देन के रिश्ते की जरूरत का आभास पैदा कर सकता है, जिससे उन्हें एक विशेष तरीके से मतदान की व्यवस्था का प्रलोभन प्राप्त होगा।
  • आयोग ने ये माना है कि सामान्य चुनावी वादे जहां स्वीकार्यता के दायरे में आते हैं, वहीं आयोग ने ये भी कहा कि नीचे दी गई तालिका में उल्लिखित ऐसी गतिविधियां भरोसेमंद सर्वेक्षणों और राजनीतिक लाभ के लिए कार्यक्रमों में लोगों को नामांकित करने के पक्षपाती प्रयासों के बीच अंतर को अस्पष्ट करती हैं।
  • ये सब वैध सर्वेक्षणों का रूप लिए होती हैं कि वे संभावित व्यक्तिगत लाभों से जुड़े सरकारी कार्यक्रमों या पार्टियों के एजेंडा के बारे में सूचित करने की गतिविधियां या प्रयास हैं।
  • आयोग ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 127 ए, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 (1), और धारा 171 (बी) आईपीसी जैसे वैधानिक प्रावधानों के तहत ऐसे किसी भी विज्ञापन के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

    • अख़बार के विज्ञापन व्यक्तिगत मतदाताओं से मोबाइल पर मिस्ड कॉल देकर या टेलीफोन नंबर पर कॉल करके लाभ के लिए खुद को पंजीकृत करने को कहते हैं।
    • मतदाताओं के नाम, उम्र, पता, मोबाइल नंबर, बूथ संख्या, निर्वाचन क्षेत्र का नाम और संख्या आदि जैसे विवरण मांगने वाले एक संलग्न फॉर्म के साथ संभावित व्यक्तिगत लाभों का विवरण देने वाले पर्चे के रूप में गारंटी कार्ड का वितरण।
    • जारी सरकारी व्यक्तिगत लाभ योजना के विस्तार के लिए संभावित लाभार्थियों के सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण के नाम पर मतदाताओं का विवरण जैसे नाम, राशन कार्ड नंबर, पता, फोन नंबर, मतदान केंद्र संख्या, बैंक खाता संख्या, निर्वाचन क्षेत्र का नाम और उसकी संख्या आदि मांगने वाले फॉर्म का वितरण।
    • राजनीतिक दलों/उम्मीदवारों द्वारा मतदाताओं का विवरण जैसे नाम, पता, फोन नंबर, बूथ नंबर, निर्वाचन क्षेत्र का नाम और नंबर आदि मांगने के लिए वेब प्लेटफॉर्म या वेब/मोबाइल एप्लिकेशन का प्रसार या प्रसार।
    • इसमें व्यक्तिगत लाभ के लिए निमंत्रण हो भी सकता है और नहीं भी लाभ या उनकी मतदान प्राथमिकता का खुलासा करना।
    • मौजूदा व्यक्तिगत लाभ योजनाओं के बारे में समाचार पत्र के विज्ञापन या भौतिक फॉर्म के साथ-साथ पंजीकरण फॉर्म में मतदाता का विवरण जैसे नाम, पति/पिता का नाम, संपर्क नंबर, पता आदि मांगा जाता है।

2. भारत और न्यूजीलैंड फार्मा, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों सहित अन्य क्षेत्रों में गहन द्विपक्षीय सहयोग करेंगे:

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/ या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।

प्रारंभिक परीक्षा: भारत-न्यूजीलैंड संयुक्त व्यापार समिति (जेटीसी)।

मुख्य परीक्षा: भारत-न्यूजीलैंड सम्बन्ध।

प्रसंग:

  • वाणिज्य सचिव श्री सुनील बर्थवाल के नेतृत्व में 26-27 अप्रैल 2024 न्यूजीलैंड में 11वीं भारत-न्यूजीलैंड संयुक्त व्यापार समिति (जेटीसी) की बैठक द्विपक्षीय आयोजित की गई।

उद्देश्य:

  • भारत और न्यूजीलैंड ने दोनों अर्थव्यवस्थाओं और द्विपक्षीय व्यापार और दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी संपर्क बढ़ाने की पर्याप्त संभावनाओं पर चर्चा की।
  • इन बैठकों में द्विपक्षीय व्यापार और सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई प्रमुख क्षेत्रों पर विचार-विमर्श किया गया।
  • इनमें आर्थिक संबंधों को सुदृढ़ करने और दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने और मौजूदा घनिष्ठ संबंधों तथा व्यावसायिक संपर्कों को सुदृढ़ करने की संभावनाओं पर विचार किया गया।

विवरण:

  • बैठकों में बाजार पहुंच के मुद्दों, आर्थिक सहयोग परियोजनाओं पर प्रगति की समीक्षा की गई और नई पहलों के अवसरों की संभावनाएं खोजी गई।

    • दोनों पक्षों ने मजबूत द्विपक्षीय आर्थिक संवाद जारी रहने और कृषि जैसे क्षेत्रों पर कार्य समूहों के गठन पर चर्चा की।
    • इस दौरान खाद्य प्रसंस्करण, भंडारण एवं परिवहन; प्रमुख व्यापार और आर्थिक मुद्दों पर चल रहे सहयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए वानिकी और फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्रों पर बल दिया गया।
    • चर्चा में बागवानी क्षेत्र में सहयोग प्रमुख रहा, जिसमें कीवी फल क्षेत्र (गुणवत्ता और उत्पादकता, पैक हाउसों में उचित भंडारण और उनके उपयुक्त परिवहन) के साथ-साथ डेयरी क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं पर भी विचार-विमर्श हुआ।
    • एक बार कार्य समूह गठित हो जाने के बाद, भारत और न्यूजीलैंड नियमित अंतराल पर उन कार्य समूहों द्वारा की गई प्रगति और उनकी सिफारिशों की समीक्षा करेंगे।
  • बैठकों में आपसी हित के द्विपक्षीय व्यापार मामलों पर चर्चा की गई, जिनमें बाजार पहुंच, गैर-टैरिफ बाधाएं (एनटीबी) और अंगूर, भिंडी और आम जैसे उत्पादों पर स्वच्छता तथा फाइटोसैनिटरी (एसपीएस) उपाय, जैविक में पारस्परिक मान्यता व्यवस्था (एमआरए) से संबंधित मुद्दे शामिल थे।

    • उत्पाद आयात-निर्यात प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए सरल बनाने के लिए वाहन घरेलू मानकों की समरूपता की पारस्परिक मान्यता आदि शामिल है।
    • दोनों पक्षों ने मौजूदा तंत्र के तहत रचनात्मक बातचीत और सहयोग के माध्यम से इन मुद्दों को हल करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
  • विभिन्न स्तरों पर हुई चर्चाओं के दौरान सेवा क्षेत्र और द्विपक्षीय व्यापार के लिए इसके पैमाने को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया गया, जिसमें आपसी व्यापार के साथ-साथ दोनों देशों के बीच संपर्क बढ़ाने पर चर्चा हुई। दोनों देशों ने इसमें काफी रुचि दिखाई दी।
  • साहसिक पर्यटन, नर्सिंग, टेली-मेडिसिन, शिक्षा, हवाई कनेक्टिविटी, संयुक्त अनुसंधान एवं विकास (जहां भी संभव हो), स्टार्टअप आदि सहित आतिथ्य क्षेत्र पर चर्चा हुई।
  • फार्मास्यूटिकल्स और चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्र में सहयोग पर विस्तार से चर्चा की गई, जिसमें नियामक प्रक्रिया की फास्ट ट्रैकिंग को अपनाना और तुलनीय विदेशी नियामकों की निरीक्षण रिपोर्ट का उपयोग करके विनिर्माण सुविधाओं की गुणवत्ता का मूल्यांकन करना शामिल है।

    • भारत से दवाओं की अधिक सोर्सिंग और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में सहयोग पर भी विस्तार से चर्चा की गई।
  • दोनों पक्षों ने डिजिटल व्यापार, राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान, सीमा पार भुगतान प्रणाली आदि में सहयोग के अवसरों की संभावनाओं पर संक्षेप में चर्चा की।

    • इस दौरान जी20, इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी (आईपीईएफ) और अन्य बहुपक्षीय और बहुपक्षीय संघों जैसे प्लेटफार्मों के भीतर सहकारी भागीदारी और अनिवार्य आर्थिक चुनौतियों और अवसरों को कैसे संबोधित किया जाए, इस पर भी विचार-विमर्श हुआ।
    • दोनों पक्षों ने नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रणाली को बनाए रखने के लिए विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सिद्धांतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
  • बैठक इस बात पर सहमति बनी कि भारत और न्यूजीलैंड के बीच मौजूदा सहयोग को निरंतर बातचीत के जरिये आगे बढ़ाया जा सकता है।

    • इसलिए दोनों पक्षों ने मुद्दों को सुलझाने के लिए सभी स्तरों पर नियमित बैठकें आयोजित करने के साथ-साथ अनछुए क्षेत्रों में सहयोगात्मक और सहकारी गतिविधियों पर काम करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1. रक्षा सचिव और इंडोनेशिया के रक्षा महासचिव नई दिल्ली में 7वीं संयुक्त रक्षा सहयोग समिति की बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे:

  • भारत और इंडोनेशिया के बीच सातवीं संयुक्त रक्षा सहयोग समिति (जेडीसीसी) की बैठक 03 मई, 2024 को नई दिल्ली में होगी।

    • इस बैठक की सह-अध्यक्षता रक्षा सचिव श्री गिरिधर अरामाने और इंडोनेशिया के रक्षा महासचिव एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) डोनी एर्मावान टौफैंटो, एमडीएस करेंगे। दोनों पक्ष साझा हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर अपने-अपने विचार रखेंगे।
  • भारत-इंडोनेशिया मित्रता को 2018 में व्यापक रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाया गया था।
  • इस मित्रता ने रक्षा उद्योग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी आदि के क्षेत्र में नए सहयोग की अनुमति देने के लिए द्विपक्षीय संबंधों का दायरा बढ़ाया है। दोनों देशों के बीच रक्षा संबंध इस बढ़ती साझेदारी के लिए एक महत्वपूर्ण स्तंभ हैं।
  • दोनों देशों के बीच रक्षा गतिविधियों में विविधता आई है।

    • इनमें रक्षा सेवाओं के बीच व्यापक संपर्क, सैन्य आदान-प्रदान, उच्च-स्तरीय दौरे, क्षमता निर्माण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम, संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में सहयोग, जहाज यात्राएं और द्विपक्षीय अभ्यास शामिल हैं।
  • भारत और इंडोनेशिया के बीच 2001 में हस्ताक्षरित रक्षा सहयोग समझौते में सहयोग के संभावित क्षेत्रों और साझा हित के मामलों का पता लगाने एवं उन्हें चिन्हित करने, स्वीकृत सहकारी गतिविधियों को शुरू करने, समन्वय करने, निगरानी करने और उन्हें नियंत्रित करने के लिए जेडीसीसी की स्थापना की गई थी।
  • भारत की यात्रा पर आए इंडोनेशिया के रक्षा महासचिव 2 मई से 4 मई, 2024 तक रहेंगे। इस दौरान वे नई दिल्ली और पुणे में भारतीय रक्षा उद्योगों के साथ भी बातचीत करेंगे।

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