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03 अक्टूबर 2023 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. “श्रेयस” अम्ब्रेला योजना में केंद्रीय क्षेत्र की 4 उप-योजनाएं शामिल:
  2. भारत और बांग्लादेश ने संयुक्त अभ्यास संप्रति-XI शुरू किया:
  3. प्रधानमंत्री ने एनटीपीसी की तेलंगाना सुपर थर्मल पावर परियोजना के 800 मेगावाट के पहले संयंत्र का लोकार्पण किया:
  4. पीएम स्वनिधि योजना के अंतर्गत 50 लाख स्ट्रीट वेंडर शामिल:

1. “श्रेयस” अम्ब्रेला योजना में केंद्रीय क्षेत्र की 4 उप-योजनाएं शामिल:

सामान्य अध्ययन: 2

शासन:

विषय: केंद्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं एवं इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन ,इन अति संवेदन शील वर्गों की रक्षा एवं बहतरी के लिए गठित तंत्र,विधि ,संस्थान एवं निकाय।

प्रारंभिक परीक्षा: “श्रेयस” अम्ब्रेला योजना।

मुख्य परीक्षा: जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिए तकनीकी और व्यावसायिक उच्च शिक्षा प्रदान करने हेतु सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों का विवरण दीजिए।

प्रसंग:

  • “श्रेयस” अम्ब्रेला योजना में केंद्रीय क्षेत्र की 4 उप-योजनाएं – “अनुसूचित जाति के लिए शीर्ष श्रेणी की शिक्षा”, “अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए मुफ्त कोचिंग योजना”, “अनुसूचित जाति के लिए राष्ट्रीय प्रवासी योजना” और “अनुसूचित जाति के लिए राष्ट्रीय फैलोशिप” शामिल हैं।

उद्देश्य:

  • जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिए तकनीकी और व्यावसायिक उच्च शिक्षा प्रदान करने तथा रोजगार प्रदान करना।

विवरण:

  • चूंकि ये सभी उप-योजनाएं केंद्रीय क्षेत्र की योजनाएं हैं, इसलिए इन योजनाओं के लिए राज्य-वार डेटा नहीं रखा जाता है।
  • पिछले 9 वर्षों यानी 2014-15 से आवंटित बजट, व्यय विवरण और लाभार्थियों की संख्या के साथ श्रेयस के तहत उप-योजनाओं का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है:

अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए निःशुल्क कोचिंग योजना:

  • योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से वंचित अनुसूचित जाति (एससी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के उम्मीदवारों के लिए अच्छी गुणवत्ता की कोचिंग प्रदान करना है ताकि वे सार्वजनिक/निजी क्षेत्र में उचित नौकरियां प्राप्त करने के लिए प्रतिस्पर्धी और प्रवेश परीक्षाओं में शामिल हो पाने के साथ-साथ प्रतिष्ठित तकनीकी और व्यावसायिक उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश सुनिश्चित कर सकें।
    • योजना के तहत कुल पारिवारिक आय की सीमा 8 लाख प्रति वर्ष है।
    • प्रति वर्ष 3500 स्लॉट आवंटित किए जाते हैं।
    • अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों का अनुपात 70:30 है और प्रत्येक श्रेणी में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत स्लॉट आरक्षित हैं।
    • अनुसूचित जाति श्रेणी में पर्याप्त संख्या में उम्मीदवार उपलब्ध न होने की स्थिति में मंत्रालय इस अनुपात में छूट दे सकता है।
    • हालांकि, किसी भी स्थिति में, 50 प्रतिशत से कम अनुसूचित जाति के छात्रों को अनुमति नहीं दी जाएगी।

अनुसूचित जाति के लिए शीर्ष श्रेणी की शिक्षा:

  • इस योजना का उद्देश्य पूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान करके अनुसूचित जाति के छात्रों के बीच गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को पहचानना और बढ़ावा देना है।
    • यह योजना 12वीं कक्षा से आगे की पढ़ाई के लिए अनुसूचित जाति के छात्रों को कवर करेगी।
    • एक बार प्रदान की जाने वाली छात्रवृत्ति, छात्र के संतोषजनक प्रदर्शन की शर्त पर पाठ्यक्रम पूरा होने तक जारी रहेगी।
    • योजना के तहत कुल पारिवारिक आय की सीमा 8 लाख रुपये प्रति वर्ष है।
    • वर्तमान में, 266 उच्च शिक्षा संस्थान जिनमें सरकारी संस्थान और निजी संस्थान जैसे सभी आईआईएम, आईआईटी, एनआईटी, आईआईआईटी, एम्स, एनआईएफटी, एनआईडी, एनएलयू, आईएचएम, सीयू और राष्ट्रीय महत्व के संस्थान, एनएएसी ए++ मान्यताप्राप्त संस्थान और शीर्ष 100 राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) रैंकिंग संस्थान शामिल हैं।
  • योजना के तहत, (i) पूर्ण ट्यूशन शुल्क और गैर-वापसीयोग्य शुल्क (निजी क्षेत्र के संस्थानों के लिए प्रति छात्र प्रति वर्ष 2.00 लाख रुपये की सीमा होगी (ii) अध्ययन के पहले वर्ष में 86,000 रुपये का शैक्षणिक भत्ता और जीवन यापन और अन्य खर्चों की देखभाल के लिए हर अगले वर्ष 41,000 रुपये प्रदान किए जाते हैं।
  • 2014-15 से 2022-23 तक 21,988 लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने के लिए कुल 398.43 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।

अनुसूचित जाति के लिए राष्ट्रीय प्रवासी योजना:

  • इस योजना के तहत विदेश में स्नातकोत्तर और पीएचडी स्तर के पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए चयनित छात्रों – अनुसूचित जाति (115 स्लॉट); निर्दिष्ट, घुमंतू और अर्ध-घुमंतू जनजातियां (6 स्लॉट); भूमिहीन खेतिहर मजदूरों और पारंपरिक कारीगर श्रेणियों (4 स्लॉट) को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
  • वर्तमान में, योजना के तहत 125 स्लॉट आवंटित किए गए हैं।
  • योजना के अंतर्गत ऐसे छात्र लाभान्वित हो सकते हैं जिनकी अभ्यर्थी सहित परिवार की कुल आय 8 लाख रुपये प्रति वर्ष हो, योग्यता परीक्षा में 60 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किया हो, 35 वर्ष से कम आयु हो और शीर्ष 500 क्यूएस रैंकिंग वाले विदेशी संस्थानों/विश्वविद्यालयों में प्रवेश प्राप्त किया हो।
    • योजना के तहत, पुरस्कार विजेताओं को कुल ट्यूशन शुल्क, रखरखाव और आकस्मिकता भत्ता, वीजा शुल्क, आने-जाने का हवाई मार्ग का किराया आदि प्रदान किया जाता है।

अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए राष्ट्रीय फैलोशिप:

  • इस योजना के तहत अनुसूचित जाति के छात्रों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा मान्यताप्राप्त भारतीय विश्वविद्यालयों/संस्थानों/कॉलेजों में विज्ञान, मानविकी और सामाजिक विज्ञान में एम.फिल/पीएचडी डिग्री के लिए उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए फेलोशिप प्रदान की जाती है।
  • यह योजना प्रति वर्ष 2000 नए स्लॉट (विज्ञान स्ट्रीम के लिए 500 और मानविकी और सामाजिक विज्ञान के लिए 1500) प्रदान करती है, जिन्होंने यूजीसी की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा- जूनियर रिसर्च फेलोशिप (एनईटी-जेआरएफ) उत्तीर्ण की है और विज्ञान स्ट्रीम के लिए यूजीसी- वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (यूजीसी-सीएसआईआर) द्वारा आयोजित संयुक्त परीक्षा में जूनियर रिसर्च फेलो योग्यता प्राप्त की है।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1. भारत और बांग्लादेश ने संयुक्त अभ्यास संप्रति-XI शुरू किया:

  • भारत और बांग्लादेश ने 03 अक्टूबर 2023 को उमरोई, मेघालय में वार्षिक संयुक्त सैन्य अभ्यास, सम्प्रीति का 11वां संस्करण शुरू किया।
    • दोनों देशों द्वारा बारी-बारी से आयोजित यह अभ्यास मजबूत द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पहल का प्रतीक है।
    • 2009 में असम के जोरहाट में शुरुआत के साथ, इस अभ्यास के 2022 तक दस सफल संस्करण देखे गए हैं।
  • 14 दिनों के लिए निर्धारित संप्रति-XI में दोनों पक्षों के लगभग 350 जवान शामिल होंगे।
    • यह अभ्यास दोनों सेनाओं के बीच मिलकर काम करने की क्षमता बढ़ाने, सामरिक अभ्यास साझा करने और सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को बढ़ावा देने के महत्व को रेखांकित करता है।
  • बांग्लादेश की टुकड़ी में 170 जवान शामिल हैं। बांग्लादेश सेना की ओर से प्रमुख इकाई 27 बांग्लादेश इन्फैंट्री रेजिमेंट है। भारतीय दल में मुख्य रूप से राजपूत रेजिमेंट की एक बटालियन के सैनिक शामिल हैं।
    • इस अभ्यास में दोनों पक्षों की विभिन्न इकाइयों जैसे तोपखाने, इंजीनियरों और अन्य सहायक हथियारों और सेवाओं के कर्मी भी भाग लेंगे।
  • संयुक्त राष्ट्र के शासनादेश के अध्याय VII के अनुसार उप-पारंपरिक कार्य के संचालन पर केंद्रित, सम्प्रीति-XI में एक कमांड पोस्ट एक्सरसाइज (सीपीएक्स) और एक फील्ड ट्रेनिंग एक्सरसाइज (एफटभ्एक्स) शामिल होगी, जो समापन अभ्यास के साथ खत्म होगी।
  • प्रत्येक दल से 20 अधिकारी सीपीएक्स में भाग लेंगे और गहन विचार-विमर्श के बाद निर्णय लेने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
    • इसके बाद एफटीएक्स होगा जिसमें जमीनी स्तर के संचालन को मान्य किया जाएगा।
    • एफटीएक्स में आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए संयुक्त सामरिक अभ्यासों की एक श्रृंखला शामिल होगी जैसे बंधकों को छुड़ाना, भीड़ नियंत्रण उपाय और आतंकवाद विरोधी अभियानों में हेलीकॉप्टरों का उपयोग।
    • सत्यापन अभ्यास 14 और 15 अक्टूबर 2023 को दारांग फील्ड फायरिंग रेंज, असम में आयोजित किया जाएगा।
    • अभ्यास के दौरान, प्रतिभागियों को ‘आत्मनिर्भर भारत’ उपकरण की ताकत भी देखने को मिलेगी।
  • सम्प्रीति-XI भारत और बांग्लादेश के बीच रक्षा सहयोग को और बढ़ाने, गहरे द्विपक्षीय संबंधों, सांस्कृतिक समझ और उप पारंपरिक संचालन में साझा अनुभवों से पारस्परिक लाभ को बढ़ावा देने का वादा करता है।

2. प्रधानमंत्री ने एनटीपीसी की तेलंगाना सुपर थर्मल पावर परियोजना के 800 मेगावाट के पहले संयंत्र का लोकार्पण किया:

  • प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने तेलंगाना के निजामाबाद में एनटीपीसी की तेलंगाना सुपर थर्मल पावर परियोजना के पहले चरण के पहले 800 मेगावाट संयंत्र का लोकार्पण किया।
    • पेड्डापल्ली जिले में स्थित यह परियोजना तेलंगाना को कम लागत वाली बिजली प्रदान करेगी और राज्य के आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी।
    • यह परियोजना देश में पर्यावरण के मामले में सबसे अधिक हितेषी परियोजनाओं में से एक होगी।
  • किसी भी राष्ट्र या राज्य का विकास बिजली उत्पादन के लिए उसकी आत्मनिर्भर क्षमता पर आधारित होता है, क्योंकि इससे जीवन सुगमता और व्‍यापार सुगमता में सुधार होता है।
  • बिजली की सुचारु आपूर्ति से राज्य में उद्योगों के विकास को गति मिलती है।
    • परियोजना का दूसरा संयंत्र भी बहुत जल्द चालू हो जाएगा और इसके पूरा होने पर, बिजली संयंत्र की स्थापित क्षमता बढ़कर 4,000 मेगावाट हो जाएगी।
  • तेलंगाना सुपर थर्मल पावर प्लांट देश में एनटीपीसी के सभी बिजली संयंत्रों में से सबसे आधुनिक बिजली संयंत्र है।
    • इस बिजली संयंत्र में उत्पादित बिजली का बड़ा हिस्सा तेलंगाना के लोगों को मिलेगा।
  • इस परियोजना की आधारशिला 2016 में रखी गई थी।
  • एनटीपीसी की तेलंगाना सुपर थर्मल पावर परियोजना का चरण-I पेड्डापल्ली जिले में एनटीपीसी के मौजूदा रामागुंडम स्टेशन के परिसर में उपलब्ध भूमि पर 10,998 करोड़ रुपये की अनुमोदित लागत पर स्थापित किया जा रहा है।
    • यह तेलंगाना राज्य को अपनी 85 प्रतिशत बिजली की आपूर्ति करेगा।
  • अल्ट्रा सुपरक्रिटिकल तकनीक के साथ एक पिट-हेड पावर स्टेशन होने से, यह परियोजना तेलंगाना राज्य को कम लागत वाली बिजली उपलब्‍ध कराकर राज्‍य की सहायता करेगी।
    • इसके अलावा, यह भारत में एनटीपीसी का सबसे कुशल पावर स्टेशन होने के नाते, यह विशिष्ट कोयले की खपत (उत्पादित बिजली की प्रति इकाई कोयले की कुल खपत) और सीओ2 उत्सर्जन को कम करेगा, जिससे यह भारत में सबसे अधिक पर्यावरण के अनुरूप बिजली स्टेशनों में से एक बन जाएगा।
  • परियोजना का पहला संयंत्र के शुरु होने के साथ, तेलंगाना राज्य सहित देश में बिजली आपूर्ति परिदृश्य में सुधार हुआ है।
    • यह परियोजना क्षेत्र में समग्र आर्थिक विकास को मजबूत करने में मदद करेगी।
  • एनटीपीसी लिमिटेड भारत की सबसे बड़ी एकीकृत बिजली सुविधा है, जो देश की एक-चौथाई जरूरत को पूरा करती है।
    • 73 गीगावॉट से अधिक की स्थापित क्षमता और ताप, पनबिजली, सौर और पवन ऊर्जा संयंत्रों के विविध विकल्‍पों के साथ, एनटीपीसी देश को विश्वसनीय, सस्ती और टिकाऊ बिजली प्रदान करने के लिए समर्पित है।
    • कंपनी एक हरित भविष्य के लिए उत्‍कृष्‍ट व्‍यवहारों को अपनाने, नवाचार को बढ़ावा देने और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

3. पीएम स्वनिधि योजना के अंतर्गत 50 लाख स्ट्रीट वेंडर शामिल:

  • आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) के तत्वावधान में प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना एक पहल है, जिसने पूरे देश में 50 लाख से ज्यादा स्ट्रीट वेंडर्स को अपना समर्थन प्रदान कर एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है।
    • स्ट्रीट वेंडरों ने लंबे समय से शहरी अनौपचारिक अर्थव्यवस्था में एक अभिन्न भूमिका निभाई है, जो शहरी लोगों को आवश्यक वस्तुएं और सेवाएं प्रदान करते हैं।
    • पीएम स्वनिधि योजना ने उन्हें औपचारिक आर्थिक अर्थव्यवस्था के दायरे में लाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो उन्हें ऊपर की दिशा में आगे बढ़ने के लिए नया रास्ता प्रदान कर रहा है।
  • माइक्रो-क्रेडिट की सुविधा से परे, पीएम स्वनिधि योजना डिजिटल भुगतान के माध्यम से स्ट्रीट वेंडर्स को सशक्त बनाती है।
  • डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने, भागीदार ऋण प्रदाता संस्थान/बैंक और डिजिटल भुगतान एग्रीगेटर्स (डीपीए) ने डिजिटल ऑनबोर्डिंग और प्रशिक्षण की पेशकश की है।
  • योजना का प्रभाव माइक्रो-क्रेडिट प्रदान करने से परे है; इसने विक्रेताओं के परिवारों के लिए कल्याणकारी योजनाओं का सुरक्षा जाल तैयार के लिए मजबूत आधार भी तैयार किया है।
    • 04 जनवरी, 2021 को शुरू की गई “स्वनिधि से समृद्धि” पहल का उद्देश्य लाभार्थियों के परिवारों को भारत सरकार की आठ सामाजिक-आर्थिक कल्याण योजनाओं से जोड़ना है, जिससे उनके समग्र विकास को बढ़ावा मिल सके।
    • आज तक, लाभार्थी स्ट्रीट वेंडर्स परिवारों के उत्थान के लिए इन योजनाओं के अंतर्गत 51 लाख से ज्यादा स्वीकृतियां प्रदान की गई हैं।
  • 50 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की उपलब्धि भारत की अनौपचारिक अर्थव्यवस्था के लिए एक आशाजनक भविष्य का प्रतीक है।
    • आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय, देश की अर्थव्यवस्था के इस महत्वपूर्ण खंड को वित्तीय स्थिरता, मान्यता और विकास के अवसर प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ संकल्पित है।

पीएम स्वनिधि योजना के बारे में:

  • प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना, शहरी स्ट्रीट वेंडरों के लिए एक सूक्ष्म ऋण योजना है जिसकी शुरुआत 01 जून, 2020 को हुई थी और इसका उद्देश्य 50,000 रुपये तक बिना किसी गारंटी के कार्यशील पूंजी ऋण की सुविधा प्रदान करना है।
    • इस योजना के अंतर्गत, नियमित पुनर्भुगतान को 7 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी के साथ प्रोत्साहित किया जाता है और डिजिटल लेनदेन को प्रति वर्ष 1,200 रुपये तक के कैशबैक के साथ पुरस्कृत किया जाता है।
    • यह योजना आधार-आधारित ई-केवाईसी का उपयोग करती है, एक एंड-टू-एंड आईटी प्लेटफॉर्म का उपयोग करती है और आवेदन की स्थिति के बार में अपडेट प्रदान करने के लिए एसएमएस-आधारित सूचनाएं देती है।
    • भारत में एनबीएफसी/एमएफआई और डीपीए सहित सभी ऋणदाता संस्थानों ने देश की शहरी गरीबी में कमी लाने के उद्देश्य से इसमें अपनी भागीदारी की है।

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