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04 अप्रैल 2024 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. राष्ट्रपति ने कैंसर उपचार के लिए भारत की पहली घरेलू जीन थेरेपी का शुभारंभ किया:
  2. अभ्यास गगन शक्ति-24:
  3. आर्मी मेडिकल कोर:
  4. बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-प्राइम:

04 April 2024 Hindi PIB
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1. राष्ट्रपति ने कैंसर उपचार के लिए भारत की पहली घरेलू जीन थेरेपी का शुभारंभ किया:

सामान्य अध्ययन: 3

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:

विषय: विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी में भारत कि उपलब्धियां; देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास।

प्रारंभिक परीक्षा: कैंसर के लिए जीन थेरेपी।

मुख्य परीक्षा: जीन थेरेपी क्या है?

प्रसंग:

  • राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 4 अप्रैल, 2024 को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान- आईआईटी बॉम्बे में कैंसर उपचार के लिए भारत की पहली घरेलू जीन थेरेपी का शुभारंभ किया।

उद्देश्य:

  • भारत की पहली सीएआर-टी सेल थेरेपी उद्योग भागीदार इम्यूनोएसीटी के सहयोग से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे और टाटा मेमोरियल अस्पताल के समन्‍वय से विकसित की गई है।

विवरण:

  • भारत की पहली जीन थेरेपी की शुरूआत कैंसर के खिलाफ लड़ाई में बड़ी सफलता है। उपचार की इस श्रृंखला का नाम “सीएआर-टी सेल थेरेपी” है, जो कैंसर इम्यूनोथेरेपी उपचार है।
  • यह सुलभ और सस्ती है, इसलिए संपूर्ण मानव जाति के लिए आशा की नई किरण प्रदान करती है। उन्होंने विश्वास व्‍यक्‍त किया कि यह थेरेपी अनगिनत मरीजों को नवजीवन देने में सफल होगी।
  • राष्ट्रपति ने कहा कि सीएआर-टी सेल थेरेपी को चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति में से एक माना जाता है।
  • यह कुछ समय से विकसित देशों में उपलब्ध है, लेकिन यह बेहद महंगी है और दुनिया भर के अधिकांश रोगियों की पहुंच से बाहर है।
  • राष्ट्रपति द्वारा लॉन्च की जा रही थेरेपी दुनिया की सबसे सस्ती सीएआर-टी सेल थेरेपी है। यह ‘मेक इन इंडिया’ पहल ‘आत्मनिर्भर भारत’ का दीप्‍तिमान उदाहरण है।

पृष्ठ्भूमि:

  • आईआईटी बॉम्बे ने केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में प्रौद्योगिकी शिक्षा के मॉडल के रूप में विख्‍यात है।
  • सीएआर-टी सेल थेरेपी के विकास में न केवल प्रौद्योगिकी को मानवता की सेवा में लगाया जा रहा है, बल्कि उद्योग के साथ-साथ दूसरे क्षेत्र के एक प्रतिष्ठित संस्थान के साथ भी साझेदारी की गई है।
  • यह आईआईटी, बॉम्बे द्वारा पिछले तीन दशकों में अनुसंधान और विकास पर दिए गए फोकस से संभव हुआ है।
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2. अभ्यास गगन शक्ति-24:

सामान्य अध्ययन: 3

रक्षा और सुरक्षा:

विषय: सुरक्षा प्रौद्योगिकी।

प्रारंभिक परीक्षा: गगन शक्ति-24,आपातकालीन लैंडिंग सुविधा।

प्रसंग:

  • भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के चल रहे अभ्यास गगन शक्ति-24 के एक भाग के रूप में, विमानों ने हाल ही में कश्मीर घाटी के उत्तरी क्षेत्र में आपातकालीन लैंडिंग सुविधा (ईएलएफ) का संचालन किया।

उद्देश्य:

  • इस दौरान बड़ी संख्या में सैनिकों को एयरलिफ्ट किया गया और बाद में रात तक चिनूक, एमआई-17 वी5 और एएलएच एमके-III हेलीकॉप्टरों का उपयोग करके हवाई लैंडिंग की गई।

विवरण:

  • अभ्यास गगन शक्ति-24:
    • यह दस दिवसीय अभ्यास है जिसके दौरान भारतीय वायुसेना उच्च तीव्रता वाले अभियानों के लिए अपनी क्षमताओं और तैयारियों का परीक्षण करेगी।
    • अभ्यास के हिस्से के रूप में, IAF देश भर में अपने सभी ठिकानों और संपत्तियों को जुटाएगा।
    • भारतीय सेना मेगा अभ्यास के लिए रसद सहायता प्रदान करेगी, जिससे आईएएफ के ऑपरेशनल रेल मोबिलाइजेशन प्लान (ओआरएमपी) पहलुओं को मान्य करने के लिए लगभग 10,000 आईएएफ कर्मियों और गोला-बारूद की व्यापक अखिल भारतीय आवाजाही की सुविधा मिलेगी।
    • यह अभ्यास जैसलमेर में पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज सहित देश भर के विभिन्न स्थानों पर आयोजित किया जा रहा है।
    • यह आखिरी बार 2018 में आयोजित किया गया था, जिसके दौरान भारतीय वायुसेना ने दो चरण के हवाई युद्धाभ्यास के दौरान 11,000 से अधिक उड़ानें पूरी की थीं।
  • भारतीय वायुसेना अन्य क्षेत्रों में आपातकालीन लैंडिंग सुविधा को सक्रिय करने के लिए राज्य सरकारों के प्रशासन के साथ समन्वय करके इसी तरह के अभ्यास की योजना भी बना रही है।
  • भारतीय वायु सेना के विभिन्न फिक्स्ड और रोटरी विंग प्लेटफ़ॉर्म इन आपातकालीन लैंडिंग सुविधा पर समन्वित लैंडिंग और संचालन करेंगे।
  • इसके लिए संपूर्ण राष्ट्र-दृष्टिकोण (डब्‍ल्‍यूएनए) को नियोजित करने वाले नागरिक प्रशासन के साथ कुशल योजना और समन्वय की आवश्यकता होगी।
  • आपातकालीन लैंडिंग सुविधा ऑपरेशन भारतीय वायुसेना के विमानों को ऐसी प्रतिबंधित लैंडिंग सतहों से संचालन करने का अवसर प्रदान करते हैं।
  • इसके साथ ही प्राकृतिक आपदाओं के समय सहायता और राहत प्रदान करने के लिए आपदा राहत कार्यों में मानवीय सहायता में भी सक्षम होते हैं।
  • राजमार्गों के इन हिस्सों पर रात में संचालन करने की क्षमता और ऐसी सतहों से सैनिकों को स्थानांतरित करने की क्षमता भारतीय सशस्त्र बलों की परिचालन क्षमताओं में काफी वृद्धि करेगी।

3. आर्मी मेडिकल कोर:

सामान्य अध्ययन: 3

सुरक्षा एवं रक्षा:

विषय: विभिन्न सुरक्षा बल और संस्थाएं तथा उनके अधिदेश।

प्रारंभिक परीक्षा: आर्मी मेडिकल कोर।

प्रसंग:

  • आर्मी मेडिकल कोर ने 03 अप्रैल, 2024 को अपना 260वां संस्थापना दिवस मनाया।

उद्देश्य:

  • वर्ष 1764 में संस्थापित आर्मी मेडिकल कोर ने युद्ध और शांति दोनों ही समय में सदियों से प्रगति, विकास, समर्पण और बलिदान के माध्यम से राष्ट्र को निस्वार्थ सेवा प्रदान की है और कोर के आदर्श वाक्य ‘सर्वे सन्तु निरामया’ जिसका अर्थ है ‘सभी रोगमुक्त हों’ की कसौटी पर खरा उतरा है।

विवरण:

  • इसका आदर्श वाक्य ‘सर्वे सन्तु निरामया’ है जिसका अर्थ है ‘सभी रोग से मुक्त हों’।
  • भारतीय चिकित्सा सेवा, भारतीय चिकित्सा विभाग और भारतीय अस्पताल और नर्सिंग कोर के समामेलन द्वारा 3 अप्रैल 1943 को रॉयल आर्मी मेडिकल कोर की तर्ज पर अधिकारियों और पुरुषों की एक सजातीय कोर के रूप में आर्मी मेडिकल कोर अस्तित्व में आई।
  • युद्ध के समय चिकित्सा देखभाल को अधिकतम बनाने तथा उत्कृष्ट अत्याधुनिक शांति काल चिकित्सा देखभाल को बढ़ाने के अपने प्रयास में एएमसी ने अपने 260वें संस्थापना वर्ष में कर्तव्य पथ से आगे बढ़ कर व्यावसायिकता, साहस और करुणा के क्षेत्र में एक उच्च मानक स्थापित किया है और ‘स्वस्थ भारत, विकसित भारत’ के अंतिम लक्ष्य की दिशा में निरंतर आगे बढ़ता रहा है।

पृष्ठ्भूमि:

  • एएमसी संस्थापना दिवस आर्मी मेडिकल कोर के उन हजारों अधिकारियों, जेसीओ और अन्य रैंकों के योगदान का समारोह मनाता है जो सशस्त्र बल कर्मियों, परिवारों और पूर्व सैनिकों के जीवन को प्रभावित करने में सफल रहे हैं।
  • संयुक्त राष्ट्र शांति वाहिनी मिशनों और विदेशी भूमि पर एचएडीआर कार्यकलापों के हिस्से के रूप में, कोर ने चिकित्सा देखभाल के प्रत्येक क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।

4. बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-प्राइम:

सामान्य अध्ययन: 3

रक्षा एवं सुरक्षा:

विषय: सुरक्षा प्रौद्योगिकी।

प्रारंभिक परीक्षा: मिसाइल अग्नि-प्राइम।

प्रसंग:

  • नई पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-प्राइम का ओडिशा तट से रणनीतिक बल कमान और डीआरडीओ द्वारा सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।

उद्देश्य:

  • अग्नि प्राइम या अग्नि-पी एक दो चरणों वाली कनस्तरीकृत ठोस प्रणोदक बैलिस्टिक मिसाइल है जिसमें अतिरिक्त दोहरी नेविगेशन और मार्गदर्शक प्रणालियाँ हैं।

विवरण:

  • यह 1,000-2,000 किमी की रेंज क्षमता वाली एक कनस्तर से प्रक्षेपित सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है।
  • अग्नि-पी अग्नि वर्ग का उन्नत संस्करण है जिसे आईजीएमडीपी (एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम) के हिस्से के रूप में विकसित किया गया था।
  • अग्नि प्राइम मिसाइल से सम्बन्धित जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए:Agni Prime Missile

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

आज इससे सम्बंधित कुछ नहीं हैं।

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