विषयसूची:
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52वीं जीएसटी परिषद बैठक की सिफारिशें:
सामान्य अध्ययन: 3
अर्थव्यवस्था:
विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा संसाधनों को जुटाने से संबंधित विषय।।
प्रारंभिक परीक्षा: 52वीं जीएसटी परिषद बैठक की सिफारिशों से संबंधित जानकारी।
प्रसंग:
- केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आज 52वीं जीएसटी परिषद की बैठक नई दिल्ली में आयोजित हुई।
विवरण: जीएसटी परिषद ने अन्य बातों के साथ-साथ जीएसटी की टैक्स दरों में बदलाव, व्यापार की सुविधा के उपायों और जीएसटी में अनुपालन को सुव्यवस्थित करने के उपायों से संबंधित निम्नलिखित सिफारिशें कीं।
A. वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी दरों से संबंधित सिफारिशें
I. वस्तुओं की जीएसटी दरों में बदलाव
- एचएस 1901 के तहत आने वाले “पाउडर के रूप में मोटे अनाजों के आटे की खाद्य तैयारी, जिसमें वजन के अनुसार कम से कम 70% मोटे अनाज शामिल हो” पर जीएसटी दरें निम्नलिखित तरीके से निर्धारित की गई हैं, जो अधिसूचना की तारीख से प्रभावी होंगी:
- 0% – यदि पूर्व-पैक और लेबल किए गए फॉर्म के अलावा किसी अन्य रूप में बेचा जाता है,
- 5% – यदि पूर्व-पैक और लेबल किए गए रूप में बेचा जाता है
- यह स्पष्ट किया जाता है कि एचएस 5605 के अंतर्गत आने वाले धातुकृत पॉलिएस्टर फिल्म/प्लास्टिक फिल्म से बने नकली ज़री धागे या धागे, 5% जीएसटी दर को आकर्षित करने वाले नकल वाले ज़री धागे या धागे की प्रविष्टि के अंतर्गत आते हैं। हालांकि, विपरीत होने की स्थिति में पॉलिएस्टर फिल्म (धातुकृत)/प्लास्टिक फिल्म पर कोई रिफंड नहीं दिया जाएगा।
- यदि विदेश जाने वाले जहाज तटीय मार्ग पर परिवर्तित होते हैं तो उन्हें जहाज के मूल्य पर 5% आईजीएसटी का भुगतान करना पड़ेगा। जीएसटी परिषद ने विदेशी ध्वज वाले विदेशी जहाज को तटीय मार्ग में परिवर्तित होने पर सशर्त आईजीएसटी छूट की सिफारिश की है, यदि यह छह महीने में विदेश जाने वाले जहाज में परिवर्तित हो जाता है।
II. वस्तुओं से संबंधित अन्य बदलाव
- जीएसटी परिषद ने मानव उपभोग के लिए अल्कोहल शराब के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल (ईएनए) को जीएसटी से बाहर रखने की सिफारिश की है।
- गुड़ पर जीएसटी 28% से घटाकर 5%।
- इस कदम से मिलों के पास नकदी बढ़ेगी और गन्ना किसानों को गन्ना बकाया का तेजी से भुगतान हो सकेगा। इससे पशु आहार के निर्माण की लागत में भी कमी आएगी, क्योंकि इसके निर्माण में गुड़ भी एक सामग्री होती है।
- औद्योगिक उपयोग के लिए संशोधित स्पिरिट को कवर करने के क्रम में सीमा शुल्क टैरिफ अधिनियम में 8 अंकों के स्तर पर एक अलग टैरिफ एचएस कोड बनाया गया है। 18% जीएसटी को आकर्षित करने वाले औद्योगिक उपयोग के लिए ईएनए से जुड़ी एक प्रविष्टि बनाने के लिए जीएसटी दर अधिसूचना में संशोधन किया जाएगा।
III. सेवाओं की जीएसटी दरों में बदलाव
- अधिसूचना संख्या 12/2017-सीटीआर, दिनांक 28.06.2017 की क्रम संख्या 3 और 3ए की प्रविष्टियाँ; भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243जी और 243डब्ल्यू के तहत पंचायत/नगर पालिका को सौंपे गए किसी भी कार्य के संबंध में केंद्र/राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों और स्थानीय प्राधिकरणों को शुद्ध और समग्र सेवाओं को छूट देती है। जीएसटी परिषद ने मौजूदा छूट प्रविष्टियों को बिना किसी बदलाव के बरकरार रखने की सिफारिश की है।
- इसके अलावा, जीएसटी परिषद ने सरकारी प्राधिकरणों को आपूर्ति की जाने वाली जल आपूर्ति, सार्वजनिक स्वास्थ्य, स्वच्छता संरक्षण, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और स्लम सुधार और उन्नयन की सेवाओं को छूट देने की भी सिफारिश की है।
IV. सेवाओं से संबंधित अन्य बदलाव
- यह स्पष्ट किया जाता है कि जौ का प्रसंस्करण माल्ट में करने से संबंधित जॉब वर्क सेवाओं पर “खाद्य और खाद्य उत्पादों से संबंधित जॉब वर्क” के समान ही 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है, न कि 18 प्रतिशत की दर से।
- 1 जनवरी 2022 से, इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स ऑपरेटर्स (ईसीओ) के माध्यम से आपूर्ति की जाने वाली बस परिवहन सेवाओं पर जीएसटी का भुगतान करने का दायित्व सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 9(5) के तहत ईसीओ पर रखा गया है।
- यह स्पष्ट किया जाता है कि देशभर में खनिजों के खनन वाले क्षेत्रों में विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा स्थापित डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) सरकारी प्राधिकरण हैं और इसलिए वे जीएसटी से उसी प्रकार की छूट के पात्र हैं, जो किसी अन्य सरकारी प्राधिकरण को उपलब्ध हैं।
- भारतीय रेलवे द्वारा सभी वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति पर फॉरवर्ड चार्ज मैकेनिज्म के तहत कर लगाया जाएगा ताकि वे आईटीसी का लाभ उठा सकें। इससे भारतीय रेलवे की लागत कम हो जाएगी।
B. व्यापार को सुविधाजनक बनाने वाले उपाय:
- ऐसे मामलों में जहां स्वीकार्य समय अवधि के भीतर अपील दायर नहीं की जा सकी, मांग आदेशों के खिलाफ अपील दायर करने हेतु माफी योजना:
- परिषद ने वैसे कर योग्य व्यक्तियों के लिए सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 148 के तहत एक विशेष प्रक्रिया के माध्यम से एक माफी योजना प्रदान करने की सिफारिश की है, जो सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 73 या 74 के तहत 31 मार्च, 2023 को या उससे पहले पारित मांग आदेश के खिलाफ उक्त अधिनियम की धारा 107 के तहत अपील दायर नहीं कर सके या जिनकी उक्त आदेश के खिलाफ अपील केवल इस आधार पर खारिज कर दी गई थी कि उक्त अपील धारा 107 की उप-धारा (1) में निर्दिष्ट समय अवधि के भीतर दायर नहीं की गई थी।
- ऐसे सभी मामलों में, करदाताओं द्वारा 31 जनवरी 2024 तक ऐसे आदेशों के खिलाफ अपील दायर करने की अनुमति दी जाएगी, बशर्ते कि विवादित कर के 12.5 प्रतिशत की पूर्व-जमा राशि का भुगतान किया जाए, जिसमें से कम से कम 20 प्रतिशत (यानी विवादित कर का 2.5 प्रतिशत) इलेक्ट्रॉनिक कैश लेजर से डेबिट किया जाना चाहिए। इससे बड़ी संख्या में करदाताओं को सुविधा होगी, जो पूर्व में निर्धारित समयावधि के भीतर अपील दायर नहीं कर पाते थे।
- कंपनी को स्वीकृत की जा रही क्रेडिट सीमा/ऋण के विरुद्ध निदेशकों द्वारा बैंक को दी गई व्यक्तिगत गारंटी की करयोग्यता के संबंध में और होल्डिंग कंपनी द्वारा अपनी सहायक कंपनी को प्रदान की गई कॉरपोरेट गारंटी सहित संबंधित व्यक्तियों के लिए प्रदान की गई कॉरपोरेट गारंटी की करयोग्यता के संबंध में स्पष्टीकरण: परिषद ने अन्य बातों के साथ-साथ निम्नलिखित अनुशंसा की है:
- यह स्पष्ट करते हुए एक सर्कुलर जारी करें कि जब कंपनी द्वारा बैंक/वित्तीय संस्थानों को उनकी ओर से व्यक्तिगत गारंटी प्रदान करने के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी रूप में निदेशक को कोई भुगतान नहीं किया जाता है, तो उक्त लेनदेन/आपूर्ति का खुला बाजार मूल्य शून्य माना जाएगा और इसलिए, सेवाओं की ऐसी आपूर्ति के संबंध में कोई कर देय नहीं होगा।
- संबंधित पक्षों के बीच प्रदान की गई कॉरपोरेट गारंटी की आपूर्ति के कर योग्य मूल्य को ऐसी गारंटी की राशि का एक प्रतिशत या वास्तविक प्रतिफल, जो भी अधिक हो, प्रदान करने हेतु सीजीएसटी नियम, 2017 के नियम 28 में उप-नियम (2) को सम्मिलित करें।
- सर्कुलर के माध्यम से यह स्पष्ट करें कि उक्त उप-नियम के सम्मिलन के बाद, संबंधित पक्षों के बीच प्रदान की गई कॉरपोरेट गारंटी की सेवाओं की ऐसी आपूर्ति का मूल्य सीजीएसटी नियम, 2017 के नियम 28 के प्रस्तावित उप-नियम (2) द्वारा नियंत्रित किया जाएगा, भले ही सेवाओं के प्राप्तकर्ता को पूर्ण आईटीसी उपलब्ध हो या नहीं।
- एक वर्ष पूरा होने के बाद अनंतिम रूप से संलग्न संपत्ति की स्वतः बहाली का प्रावधान: परिषद ने सीजीएसटी नियम, 2017 के नियम 159 के उप-नियम (2) और फॉर्म जीएसटी डीआरसी-22 में संशोधन की सिफारिश की है ताकि यह प्रावधान किया जा सके कि उक्त आदेश की तिथि से एक वर्ष की समाप्ति के बाद फॉर्म जीएसटी डीआरसी-22 में अनंतिम संलग्न संपत्ति का आदेश मान्य नहीं होगा। इससे आयुक्त के अलग से लिखित आदेश की ज़रूरत के बिना ही, एक वर्ष की अवधि समाप्त होने के बाद अनंतिम रूप से संलग्न संपत्तियों की बहाली सुगम हो सकेगी।
- आपूर्ति के स्थान से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर स्पष्टीकरण: परिषद ने निम्नलिखित सेवाओं की आपूर्ति के संबंध में आपूर्ति के स्थान को स्पष्ट करने के लिए एक सर्कुलर जारी करने की सिफारिश की है:
- ऐसे मामलों में जहां आपूर्तिकर्ता का स्थान या सेवाएं प्राप्त करने वाले का स्थान भारत के बाहर है, वहां मेल या कूरियर सहित/द्वारा माल के परिवहन की सेवा की आपूर्ति;
- विज्ञापन सेवाओं की आपूर्ति;
- सह-स्थान सेवाओं की आपूर्ति।
- सेवाओं के निर्यात से संबंधित स्पष्टीकरण जारी करने के संबंध में: परिषद ने एक सर्कुलर जारी करने की सिफारिश की है ताकि आईजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 2 के खंड (6) के उप-खंड (iv) के प्रावधानों के अनुसार सेवाओं की आपूर्ति को, सेवाओं के निर्यात के रूप में अर्हता प्राप्ति के उद्देश्य से आरबीआई की अनुमति अनुसार विशेष आईएनआर वोस्ट्रो खाते में प्राप्त निर्यात प्रेषण की स्वीकार्यता को स्पष्ट किया जा सके।
- दिनांक 31.07.2023 की अधिसूचना संख्या 01/2023-एकीकृत कर में संशोधन के माध्यम से आईजीएसटी रिफंड मार्ग से अधिकृत परिचालनों के लिए एसईजेड इकाइयों/डेवलपर को आपूर्ति की अनुमति: परिषद ने दिनांक 31.07.2023 की अधिसूचना संख्या 1/2023-एकीकृत कर में संशोधन करने की सिफारिश की है जो 01.10.2023 से प्रभावी होगी, जिससे किसी विशेष आर्थिक क्षेत्र के डेवलपर या विशेष आर्थिक क्षेत्र की इकाई के आपूर्तिकर्ताओं को अधिकृत परिचालनों के लिए अनुमत किया जा सकेगा, ताकि एकीकृत टैक्स के भुगतान पर अधिकृत परिचालनों के लिए किसी विशेष आर्थिक क्षेत्र के डेवलपर या विशेष आर्थिक क्षेत्र की इकाई को वस्तुओं या सेवाओं (दिनांक 31.07.2023 की अधिसूचना संख्या 1/2023-एकीकृत कर में उल्लिखित पान मसाला, तंबाकू, गुटखा इत्यादि वस्तुओं को छोड़कर) की आपूर्ति की जा सके और वे भुगतान किए गए कर पर रिफंड का दावा कर सकें।
C. कानून और प्रक्रियाओं से संबंधित अन्य उपाय:
- प्रस्तावित जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरणों के अध्यक्ष और सदस्य की नियुक्ति के संबंध में सीजीएसटी अधिनियम, 2017 के प्रावधानों को न्यायाधिकरण सुधार अधिनियम, 2021 के प्रावधानों के अनुरूप करना: परिषद ने सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 110 में संशोधन की सिफारिश की है, जिसमें व्यवस्था होगी कि:
- दस वर्षों से वकील व्यक्ति जिसे अपीलीय न्यायाधिकरण, केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सेवा कर न्यायाधिकरण, राज्य वैट न्यायाधिकरणों, या अन्य नामों से ज्ञात न्यायाधिकरणों, उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय में अप्रत्यक्ष कर कानूनों में मुकदमेबाजी का पर्याप्त अनुभव है, वह न्यायिक सदस्य के रूप में नियुक्ति के लिए पात्र होगा;
- अध्यक्ष और सदस्य के रूप में नियुक्ति हेतु पात्रता हेतु न्यूनतम आयु 50 वर्ष होनी चाहिए;
- अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल क्रमशः अधिकतम 70 वर्ष और 67 वर्ष की आयु तक होगा।
- आईएसडी में कानून संशोधन, जैसा कि जीएसटी परिषद ने अपनी 50वीं बैठक में सिफारिश की थी: जीएसटी परिषद ने अपनी 50वीं बैठक में सिफारिश की थी कि सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 20 में निर्धारित आईएसडी (इनपुट सेवा वितरक) प्रक्रिया को भविष्य में अनिवार्य किया जाएगा, जो कि किसी तीसरे पक्ष से प्रधान कार्यालय (एचओ) द्वारा खरीदी गई इनपुट सेवाओं के संबंध में आईटीसी के वितरण के लिए होगी, लेकिन यह प्रधान कार्यालय (एचओ) और शाखा कार्यालय (बीओ) दोनों या विशेष रूप से एक या अधिक शाखा कार्यालयों की जिम्मेदारी में होगी। परिषद ने इस संबंध में अब सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 2(61) और धारा 20 में संशोधन के साथ-साथ सीजीएसटी नियम, 2017 के नियम 39 में भी संशोधन की सिफारिश की है।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- भारतीय वायु सेना का नया ध्वज:
- भारतीय वायुसेना के इतिहास में 8 अक्टूबर, 2023 एक महत्वपूर्ण दिन के रूप में दर्ज किया जाएगा। इस ऐतिहासिक दिन पर, वायुसेना प्रमुख नए वायुसेना ध्वज का अनावरण करेंगे।
- इतिहास में पीछे जाएं, तो आरआईएएफ ध्वज में ऊपरी बाएं कैंटन में यूनियन जैक और फ्लाई साइड पर आरआईएएफ राउंडेल (लाल, सफेद और नीला) शामिल था। स्वतंत्रता के बाद, निचले दाएं कैंटन में यूनियन जैक को भारतीय ट्राई कलर और आरएएफ राउंडल्स को आईएएफ ट्राई कलर राउंडेल के साथ प्रतिस्थापित करके भारतीय वायु सेना का ध्वज बनाया गया था।
- भारतीय वायु सेना के मूल्यों को बेहतर ढंग से प्रकट करने के लिए, अब एक नया आईएएफ ध्वज बनाया गया है। अब एनसाइन के ऊपरी दाएं कोने में फ्लाई साइड की ओर वायु सेना क्रेस्ट को शामिल करने से प्रतिबिंबित होगा।
- आईएएफ क्रेस्ट के शीर्ष पर राष्ट्रीय प्रतीक अशोक सिंह और उसके नीचे देवनागरी में “सत्यमेव जयते” शब्द हैं। अशोक सिंह के नीचे एक हिमालयी ईगल है जिसके पंख फैले हुए हैं, जो भारतीय वायुसेना के युद्ध के गुणों को दर्शाता है। हल्के नीले रंग का एक वलय हिमालयी ईगल को घेरे हुए है, जिस पर लिखा है “भारतीय वायु सेना”। भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य “नभः स्पृशं दीप्तम्” हिमालयी ईगल के नीचे देवनागरी के सुनहरे अक्षरों में अंकित है। आईएएफ का आदर्श वाक्य भगवद गीता के अध्याय 11 के श्लोक 24 से लिया गया है और इसका अर्थ है “वैभव के साथ आकाश को छूना”।
- भारतीय नौसेना में पहली 360 डिग्री मूल्यांकन प्रणाली
- सफेद वर्दी में महिलाएं और पुरुष भारतीय नौसेना के ‘शिप फर्स्ट’ दृष्टिकोण के केंद्र में हैं और निकट भविष्य में भी इसकी सबसे बड़ी परिसंपत्ति बने रहेंगे। अपने पेशेवर और व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देने की दिशा में, भारतीय नौसेना मानती है कि एक चुस्त, अनुकूल और उन्नत मानव संसाधन प्रबंधन अनिवार्य है।
- इस संबंध में, भारतीय नौसेना ने विभिन्न पदोन्नति बोर्डों के लिए ‘360 डिग्री मूल्यांकन प्रणाली’ की एक नई परिवर्तनकारी पहल को संस्थागत रूप दिया है।
- वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा आवधिक गोपनीय रिपोर्टों के वर्तमान मूल्यांकन तंत्र में ‘टॉप-डाउन’ दृष्टिकोण की अंतर्निहित सीमा है, क्योंकि यह अधीनस्थों पर किसी अग्रणी के प्रभाव को पूरा या निर्धारित नहीं करता है।
- भारतीय नौसेना के ‘360 डिग्री मूल्यांकन प्रणाली’ का उद्देश्य पदोन्नति के लिए विचार किए जा रहे प्रत्येक अधिकारी के लिए उपयुक्त रूप से चिन्हित सहयोगियों और अधीनस्थों से व्यापक स्तर पर सर्वेक्षण को शामिल करके इस कमी को दूर करना है।
- सर्वेक्षण में कई प्रकार के सवाल पूछे जाते हैं, जिसमें व्यवसायिक ज्ञान, नेतृत्व की विशेषताएं, युद्ध/संकट में उपयुक्तता और उच्च पद धारण करने की क्षमता जैसे पहलू शामिल होते हैं।
- इस प्रकार प्राप्त इनपुट को फ्लैग ऑफिसर की अध्यक्षता में नामित अधिकारियों के बोर्ड द्वारा स्वतंत्र विश्लेषण के लिए उपयुक्त रूप से निर्धारित किया जाता है।
- यह अधिकारियों को व्यवहार परिवर्तन और सुधार को प्रभावित करने के लिए फीडबैक के रूप में भी प्रदान किया जाएगा।
- इसी तरह की मूल्यांकन प्रणाली विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शिक्षण संगठनों में प्रचलन में है।
- भारतीय नौसेना इस तरह की ‘सर्वोत्तम प्रथाओं’ को आत्मसात करने में गर्व महसूस करती है और यह पहल ‘युद्ध के लिए तैयार, विश्वसनीय, एकजुट और भविष्य के लिए एक अभेद्य बल बने रहने की दिशा में अन्य प्रयासों की निरंतरता में है।
- 49वीं अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस
- केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज उत्तराखंड के देहरादून में 49वीं अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया।
- श्री शाह ने कहा कि इस पुलिस विज्ञान कांग्रेस के दौरान छह विषयों पर विचार विमर्श होगा- 5G युग में पुलिसिंग, नारकोटिक्स- एक गेम चेंजिंग दृष्टिकोण, सोशल मीडिया की चुनौतियां, सामुदायिक पुलिसिंग, आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियां और पुलिस और CAPFs के बीच समन्वय-सीमाओं की सुरक्षा।
- उन्होने कहा कि ये सभी विषय आंतरिक सुरक्षा, कानून-व्यवस्था और सीमाओं की सुरक्षा को In-toto कवर करने वाले विषय हैं।
- उन्होंने कहा कि Police Reform और Police Reforms, दोनों की अलग परिभाषा है।
- केन्द्रीय गृह मंत्री ने 49वीं अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस का कम्पेन्डियम, BPR&D की प्रतिष्ठित हिन्दी पत्रिका (पुलिस विज्ञान) और उत्तराखंड पुलिस- मार्चिंग विद द टाइम्स पत्रिका का विमोचन किया।
- उन्होंने कहा कि BPR&D को मज़बूत करने के लिए विगत 5 सालों में केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने कई कदम उठाए हैं। BPR&D के चार्टर में समुद्री सीमा प्रबंधन और CAPF का क्षमता निर्माण, आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियां, पुलिस की छवि और पुलिस समुदाय इंटरफेस के साथ और कई चीजों को जोड़ा गया है।
- केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि फॉरेंसिक साइंस के उपयोग, CCTNS व ICJS की भूमिका और IPC, CrPC तथा साक्ष्य अधिनियम को बदलने वाले तीन नए कानूनों से भारत का क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम अमृतकाल में एक नए युग में प्रवेश करने जा रहा है, जो देश के हर नागरिक को सुरक्षा भी प्रदान करेंगे और आंतरिक सुरक्षा को भी सुनिश्चित करेंगे।
- उन्होंने कहा कि तकनीक का उपयोग किए बिना ये संभव ही नहीं है। ICJS के तहत देश के 99.9%, यानी, 16733 पुलिस स्टेशनों को कंप्यूटराइज कर CCTNS के साथ जोड़ने का काम हो चुका है, ई- कोर्ट के साथ 22000 अदालतों को जोड़ा जा चुका है, ई-प्रिजन से दो करोड़ से ज्यादा कैदियों का डाटा उपलब्ध है, ई- प्रॉसीक्यूशन से एक करोड़ से ज्यादा प्रॉसीक्यूशन का डाटा उपलब्ध है और ई-फोरेंसिक के माध्यम से 17 लाख से अधिक फॉरेंसिक डाटा भी उपलब्ध है।
- नफीस के माध्यम से 90 लाख से ज्यादा फिंगरप्रिंट रिकॉर्ड्स उपलब्ध हैं, iMOT के माध्यम से UAPA के अंतर्गत रजिस्टर्ड सभी 22000 मामलों का डाटा भी उपलब्ध है और निदान के माध्यम से नार्को में 5 लाख से ज्यादा नार्को ऑफेंडर्स का डाटा भी हमारे पास उपलब्ध है।
- इसके अलावा मानव तस्करी के लिए NDHTO के तहत लगभग एक लाख मानव तस्करों का डाटा भी उपलब्ध है।
- CRIMAC में 14 लाख से अधिक अलर्ट्स का डाटा उपलब्ध है, नेशनल क्राईम रिर्पोटिंग पोर्टल में 28 लाख से अधिक कंप्लीट कंप्लेंट्स का डाटा उपलब्ध है और प्रिजन का भी पूर्ण कंप्यूटराइजेशन हम करने जा रहे हैं।
- जैव-ऊर्जा अनुसंधान में हालिया प्रगति पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन:
- “जैव-ऊर्जा अनुसंधान में हालिया प्रगति पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन – 2023” (ICRABR-2023) सरदार स्वर्ण सिंह राष्ट्रीय जैव-ऊर्जा संस्थान (SSS-NIBE) द्वारा 9 से 12 अक्टूबर, 2023 के दौरान आयोजित किया जा रहा है।
- यह संस्थान भारत सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के तहत एक स्वायत्त संस्थान है। पंजाब के कपूरथला में संस्थान परिसर में आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का चौथा संस्करण सरकार, उद्योग, शिक्षा और अनुसंधान से संबंधित जैव ऊर्जा क्षेत्र के हितधारकों को एक साथ लाता है।
- सम्मेलन के व्यापक विषय बायोमास संसाधन प्रबंधन, बायोमास/अपशिष्ट का ऊर्जा में रूपांतरण, बायोमास वैलराइजेशन/अपशिष्ट से मूल्यवर्धित सामग्री/उत्पाद, जैव-ऊर्जा प्रणाली की मॉडलिंग और बायोरिफाइनरी तथा बायोहाइड्रोजन हैं।
- वस्त्र मंत्रालय ने ‘विश्व कपास दिवस 2023’ मनाया:
- वस्त्र मंत्रालय ने “नीति, नवाचार और प्रौद्योगिकी उन्नयन के माध्यम से भारतीय कपास की गुणवत्ता और उत्पादकता बढ़ाना” विषय पर केंद्रित एक सम्मेलन की मेजबानी करके 07 अक्टूबर को विश्व कपास दिवस 2023 मनाया।
- कपास की गुणवत्ता, विविधता, उत्पत्ति और अन्य महत्वपूर्ण कसौटियों को भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों खरीदारों के लिए पारदर्शी बनाने को सुनिश्चित करने के लिए , सीसीआई ने ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके “बेल आइडेंटिफिकेशन एंड ट्रैसेबिलिटीसिस्टम” (BITS) लॉन्च किया। प्रत्येक कपास की गांठ में अब एक क्यूआरकोड होता है, जो उसके मूल स्रोत, प्रसंस्करण कारखाने, भंडारण विवरण और टाइम स्टैम्प सहित संबंधित कपास की गुणवत्ता की जानकारी को आसानी से ट्रैक करने की अनुमति देता है।
- इसके अतिरिक्त, वस्त्र मंत्रालय ने कस्तूरी कॉटन कार्यक्रम की शुरुआत की, जो ट्रैसेबिलिटी के साथ एक प्रीमियम गुणवत्ता वाला कपास है। वस्त्र मंत्रालय की ओर से CCI के सहयोग से टेक्स प्रोसिलइस कार्यक्रम के कार्यान्वयन की देखरेख कर रहा है। देश के सभी जिनर्स को गुणवत्ता नियमोंका पालन करते हुए कस्तूरी कॉटन का उत्पादन करने का अधिकार है।
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