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08 अक्टूबर 2023 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. विश्व हाइड्रोजन और ईंधन सेल दिवस समारोह
  2. भारत और सऊदी अरब ने विद्युतीय अंतर-संयोजन, हरित/स्वच्छ हाइड्रोजन और आपूर्ति श्रृंखला के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
  3. संस्कृति मंत्रालय ने इंडिया आर्ट आर्किटेक्चर डिजाइन द्वैवार्षिक (IAADB) के लिए पूर्वावलोकन और प्रतीक चिन्ह शुभारंभ कार्यक्रम का आयोजन किया
  4. सागर परिक्रमा: मछुआरों की समस्याओं को जमीनी स्तर पर सुलझाने की सफल यात्रा
  5. जम्मू-कश्मीर में 82 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 395 मीटर (2-लेन) मारोग सुरंग के साथ 250 मीटर सेतु (2-लेन) का निर्माण सफलतापूर्वक पूर्ण

विश्व हाइड्रोजन और ईंधन सेल दिवस समारोह:

सामान्य अध्ययन: 3

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:

विषय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव।।

प्रारंभिक परीक्षा: विश्व हाइड्रोजन और ईंधन सेल दिवस, हाइड्रोजन ईंधन से संबंधित जानकारी।

मुख्य परीक्षा: हाइड्रोजन सिर्फ एक ईंधन नहीं है, बल्कि एक गेम चेंजर और स्वच्छ और अधिक दीर्घकालिक भविष्य की कुंजी है। इस कथन के संदर्भ में भारत के भावी विकास में हाइड्रोजन की भूमिका पर चर्चा कीजिए।

प्रसंग:

  • हर वर्ष 8 अक्टूबर को मनाए जाने वाले विश्व हाइड्रोजन और ईंधन सेल दिवस की पूर्व संध्या (7 अक्‍टूबर) पर, भारत सरकार ने हरित और दीर्घकालिक ऊर्जा के स्रोत के रूप में हाइड्रोजन की असीमित संभावनाओं का पता लगाने और उनका लाभ उठाने के लिए आधे दिन का कार्यक्रम आयोजित किया।
  • केन्‍द्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के सहयोग से 7 अक्टूबर, 2023 को नई दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम में उद्योग, शिक्षा जगत और सरकार के हाइड्रोजन विशेषज्ञ एक साथ आए।

उद्देश्य:

  • विश्व हाइड्रोजन और ईंधन सेल दिवस एक वैश्विक पहल है, जिसका उद्देश्य ईंधन सेलों की बहुउपयोगी प्रोद्योगिकी के साथ-साथ स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा स्रोत के रूप में हाइड्रोजन के बारे में जागरूकता और समझ को बढ़ावा देना है। यह दिन जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरणीय स्थिरता की गंभीर चुनौतियों को संबोधित करने में हाइड्रोजन और ईंधन सेलों की क्षमता को स्वीकार करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है।

विवरण:

  • इस अवसर पर, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के लिए अनुसंधान एवं विकास रोडमैप का अनावरण किया गया।
  • यह रोडमैप 400 करोड़ रुपये का बजट प्रदान करता है जिसका लक्ष्य एक जीवंत अनुसंधान और विकास इकोसिस्‍टम विकसित करने के लिए मार्गदर्शन देना है, जो हरित हाइड्रोजन के व्यावसायीकरण में मदद कर सकता है और भारत के महत्वाकांक्षी जलवायु एवं ऊर्जा लक्ष्यों में योगदान कर सकता है।
  • यह हरित हाइड्रोजन उत्पादन, भंडारण और परिवहन की दक्षता, विश्वसनीयता एवं लागत-प्रभावशीलता में सुधार के लिए नई सामग्री, प्रौद्योगिकी और अवसंरचना को विकसित करने पर केंद्रित है।
  • यह अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रम सुरक्षा को भी प्राथमिकता देगा और एक हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था विकसित करने में तकनीकी बाधाओं एवं चुनौतियों का समाधान करेगा।
  • एक वीडियो संदेश में, केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री, श्री आर.के. सिंह ने कहा कि विश्व हाइड्रोजन और सेल दिवस एक ऐसा दिन है, जब हम ब्रह्मांड में एक परिवर्तनकारी तत्व का जश्न मनाते हैं जो एक उज्ज्वल और अधिक दीर्घकालिक भविष्य का वादा करता है।
  • “हाइड्रोजन सबसे प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाला तत्व है और इसमें हमारे ऊर्जा परिदृश्य में क्रांति लाने, जलवायु परिवर्तन को कम करने तथा स्वच्छ ऊर्जा के साथ हमारी अर्थव्यवस्थाओं को शक्ति प्रदान करने की क्षमता है।
  • मुख्य भाषण देते हुए प्रख्‍यात वैज्ञानिक और भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय कुमार सूद ने कहा कि हरित हाइड्रोजन डीकार्बोनाइजेशन के लिए स्विस नाइफ़ है।
  • अनुसंधान और विकास रोडमैप के बारे में बोलते हुए श्री सूद ने कहा कि पहले चरण में लक्ष्य मिशन मोड परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करना है, जो 2 – 3 वर्षों में परिणाम दे सकते हैं।
  • इस मिशन में घोषित अनुसंधान एवं विकास बजट 2-3 साल में 400 करोड़ रुपये है।
  • हमारी पहली प्राथमिकता मिशन-मोड परियोजनाएं होनी चाहिए, जिनके परिणाम 2-3 वर्षों में मिलेंगे।
  • श्री सूद ने बहुत कम समय में इलेक्ट्रोलाइज़र के उत्पादन के लिए घरेलू क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह एक लक्ष्य है, जिसे एसआईजीएचटी कार्यक्रम संबोधित करता है।
  • श्री सूद ने हाइड्रोजन भंडारण के लिए टाइप IV सिलेंडरों के लिए मानक लाने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। “हमारे मानक टाइप III सिलेंडर के लिए हैं। दुनिया भर में यह टाइप IV सिलेंडर हैं। इसलिए, भारत को टाइप IV सिलेंडरों के लिए मानक बनाने होंगे; इन सिलेंडरों के साथ, हम लाभ को तीन गुना कर सकते हैं और इन्हें भरने में भी लगभग दसवें हिस्से के बराबर समय लगता है।”
  • “आरएंडडी रोडमैप के तहत पुरस्‍कृत किए गए शोध से भारत इस क्षेत्र में अवश्‍य अग्रणी बन सकेगा”
  • हितधारकों को संबोधित करते हुए नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा सचिव श्री भूपिंदर सिंह भल्ला ने कहा कि भारत ने सही समय पर हरित हाइड्रोजन क्षेत्र में प्रवेश किया है और देश हरित हाइड्रोजन क्षेत्र में अग्रणी बनने के लिए तैयार है।
  • सचिव ने कहा कि अनुसंधान एवं विकास रोडमैप का उद्देश्य अनुसंधान का लाभ उठाना है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारत दुनिया में इस क्षेत्र में अग्रणी हो जाए।
  • “यदि आप वास्तव में सफल होना चाहते हैं, तो हमें कम से कम लागत पर, सर्वोत्तम संभव तरीके से हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करने की आवश्यकता है। इसके लिए, हम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी नेतृत्‍व करना चाहते हैं, बाकी दुनिया के बराबर या आगे रहना चाहते हैं।
  • राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के अनुसंधान एवं विकास रोडमैप का लक्ष्य इन सभी चीजों को हासिल करना है। इसमें उत्पादन, परिवहन, भंडारण और सुरक्षा के सभी पहलुओं को शामिल किया गया है।
  • आर एंड डी रोडमैप के अलावा, भारत सरकार के नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम (एनएसडब्ल्यूएस) पर हरित हाइड्रोजन पेज का अनावरण किया गया, जो राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत परियोजनाओं से संबंधित सभी अनुमोदन प्राप्त करने के लिए उद्योग को सिंगल विंडो प्रदान करेगा।
  • श्री भल्ला ने कहा कि हमें 2070 तक नेट जीरो तक पहुंचना है, जिसके लिए हमारे प्रमुख क्षेत्रों को पूरी तरह से डीकार्बोनाइज करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
  • उन्होंने भारत के हाइड्रोजन-संचालित भविष्य पर प्रकाश डाला और कहा कि हाइड्रोजन सिर्फ एक ईंधन नहीं है, बल्कि एक गेम चेंजर और स्वच्छ और अधिक दीर्घकालिक भविष्य की कुंजी है।
  • सचिव ने सभी से वाहनों में ईंधन भरने से लेकर नवीकरणीय ऊर्जा के भंडारण तक हाइड्रोजन की बहुउद्देशीय- इस्‍तेमाल को अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरणीय स्थिरता की गंभीर चुनौतियों से निपटने में हाइड्रोजन और ईंधन सेलों की क्षमता को स्वीकार किया।
  • भारतीय सौर ऊर्जा निगम के सीएमडी, श्री आर. पी. गुप्ता ने कहा कि ऊर्जा की भंडारण लागत एक प्रमुख मुद्दा है, जिसे हल करने की आवश्यकता है और यहीं पर हाइड्रोजन फिट बैठता है। “हरित अमोनिया के साथ हाइड्रोजन दीर्घकालिक भंडारण के लिए एक समाधान हो सकता है।
  • जीएचजी उत्सर्जन के मुद्दे को संबोधित करने के लिए सरकार द्वारा घोषित ‘कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग स्कीम’ पर अपनी प्रस्तुति में ऊर्जा मंत्रालय के ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के महानिदेशक ने भारतीय कार्बन बाजार के विकास और कामकाज के लिए आवश्यक ढांचे और विविध हितधारकों की भूमिकाओं को रेखांकित किया।
  • राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत सभी योजनाओं को अंतिम रूप दे दिया गया है और हाइड्रोजन हब की योजना शुरू होने के लिए तैयार है। इस्‍पात, शिपिंग और सड़क परिवहन क्षेत्रों में पायलट परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं और राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन का कार्यान्वयन देश को हाइड्रोजन संचालित भविष्य की ओर ले जा रहा है, जो ऊर्जा परिदृश्य में क्रांति लाने का वादा करता है।
  • कम लागत वाले वित्त तक पहुंच को आसान बनाने और इस प्रकार हरित हाइड्रोजन की लागत को कम करने के लिए, बैंकिंग प्रणाली और हरित हाइड्रोजन डेवलपर्स के बीच तालमेल बनाने के लिए वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सहयोग से मंत्रालय द्वारा एक गोलमेज बैठक आयोजित की गई थी।

भारत और सऊदी अरब ने विद्युतीय अंतर-संयोजन, हरित/स्वच्छ हाइड्रोजन और आपूर्ति श्रृंखला के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए:

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।

प्रारंभिक परीक्षा: विद्युतीय अंतर-संयोजन, हरित/स्वच्छ हाइड्रोजन और आपूर्ति श्रृंखला के क्षेत्र में एक समझौता ज्ञापन, मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका (MENA) जलवायु सप्ताह 2023 से संबंधित जानकारी।

प्रसंग:

  • भारत और सऊदी अरब ने 8 अक्टूबर को रियाद में विद्युतीय अंतर-संयोजन, हरित/स्वच्छ हाइड्रोजन और आपूर्ति श्रृंखला के क्षेत्र में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

उद्देश्य:

  • इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य विद्युत अंतर-संयोजन के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग; अत्यधिक मांग की अवधि और आपात स्थिति के दौरान बिजली का आदान-प्रदान; परियोजनाओं का सह-विकास; हरित/स्वच्छ हाइड्रोजन और नवीकरणीय ऊर्जा का सह-उत्पादन; और हरित/स्वच्छ हाइड्रोजन तथा नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में उपयोग की जाने वाली सामग्रियों की सुरक्षित, विश्वसनीय और सुदृढ़ आपूर्ति श्रृंखला बनाने के लिए एक सामान्य रूपरेखा स्थापित करना है।

विवरण:

  • इससे पहले एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका (MENA) जलवायु सप्ताह 2023, जो 8 – 12 अक्टूबर, 2023 के दौरान रियाद, सऊदी अरब में आयोजित किया जा रहा है, के उच्च-स्तरीय खंड में भाग लिया।
  • MENA जलवायु सप्ताह 2023 COP28 से पहले जलवायु समाधानों पर चर्चा करेगा। इसकी मेजबानी सऊदी अरब सरकार द्वारा की जा रही है।
  • यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम, वैश्विक स्टॉक आकलन और पेरिस समझौते के संदर्भ में जलवायु कार्रवाई के आर्थिक और ऊर्जा सुरक्षा पहलुओं सहित विभिन्न विषयों पर चर्चा करने के लिए हितधारकों के विविध समूह को एक मंच पर लाता है। यह अंतर्दृष्टि और सर्वोत्तम तौर-तरीकों को साझा करने और इस महत्वपूर्ण दशक के शेष समय के लिए महत्वाकांक्षी जलवायु रणनीतियों को विकसित करने का एक मूल्यवान अवसर प्रदान करता है।
  • 8 अक्टूबर को रियाद में MENA जलवायु सप्ताह के पहले दिन “ग्लोबल स्टॉकटेक (जीएसटी) ऑफ द पेरिस एग्रीमेंट रीजनल डायलाग: हाईलाइटिंग इनेबलर्स एंड टेक्नोलॉजीज फॉर एम्बिशन एंड जस्ट एंड इन्क्लूसिव ट्रांजीशन्स” विषय पर एक सत्र को संबोधित करते हुए, केन्द्रीय विद्युत तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि MENA जलवायु सप्ताह वैश्विक स्तर पर ऊर्जा के उत्पादन, उपभोग एवं स्थिरता के भविष्य को आकार देने के अवसरों की खोज करने तथा उन अवसरों को साझा करने की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि MENA जलवायु सप्ताह की यह सभा मध्य-पूर्व एवं उत्तरी अफ्रीका (MENA) क्षेत्र के लिए बेहद महत्व रखती है और सामूहिक रूप से ऊर्जा के क्षेत्र में होने वाले बदलावों के वर्तमान एवं भविष्य को प्रभावित करने की अपार क्षमता रखती है।
  • केन्द्रीय मंत्री ने वैश्विक समुदाय से कहा कि भारत आज ऊर्जा के परिदृश्य में दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण आवाजों में से एक है और वह ऊर्जा के क्षेत्र में बदलाव करने वाले एक अग्रणी देश के रूप में उभरा है।
  • “दुनिया की कुल आबादी का लगभग 17 प्रतिशत हिस्सा रखने वाला देश एवं दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के नाते, भारत वर्ष 2030 तक अपने सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता को 45 प्रतिशत तक कम करने और वर्ष 2070 तक शुद्ध शून्य के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है।”
  • उन्होंने याद दिलाया कि भारत में ऊर्जा के क्षेत्र में एक उल्लेखनीय बदलाव आया है और इस बदलाव का उद्देश्य अपने लोगों को विश्वसनीय, सस्ती और टिकाऊ ऊर्जा प्रदान करना है। “देश ने गैर-जीवाश्म ईंधन से बिजली उत्पादन की क्षमता बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है, एक एकीकृत राष्ट्रीय ग्रिड की स्थापना की है एवं वितरण नेटवर्क को मजबूत किया है, नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा दिया है, ऊर्जा की सुलभता का विस्तार किया है और शत-प्रतिशत घरों को विद्युतीकृत करने के लक्ष्य को हासिल किया है और रचनात्मक नीतियों को लागू किया है।”
  • श्री सिंह ने कहा कि भारत में ऊर्जा के क्षेत्र में बदलावों को तेज करने की दिशा में हरित हाइड्रोजन एक आशाजनक विकल्प है।
  • “मुझे आपको यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि भारत सरकार ने हाइड्रोजन ऊर्जा के दोहन के लिए राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन का शुभारंभ किया है और इस मिशन के लिए 2.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर के प्रारंभिक परिव्यय को मंजूरी दी है।”
  • श्री सिंह ने MENA देशों से वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन में शामिल होने का आह्वान किया, ताकि गठबंधन की पूरी क्षमता को प्राप्‍त करने के लिए टिकाऊ जैव ईंधनों के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि गठबंधन का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय जैव ईंधन संगठनों के सहयोग से टिकाऊ जैव ईंधन के विकास और उसका असरदार तरीके से इस्‍तेमाल बढ़ाने, जैव ईंधन में व्यापार को सुविधाजनक बनाने और अन्‍य उपयोग की सुविधा प्रदान करना है।
  • श्री सिंह ने जोर देकर कहा कि भारत का दृढ़ मत है कि सभी देशों को यह समझना चाहिए कि ऊर्जा परिवर्तन में विकासशील देशों और विशेष रूप से वैश्विक दक्षिण के लिए अलग-अलग चुनौतियाँ और अवसर होंगे। “इसलिए, यह जरूरी है कि हम इस परिवर्तन में एक-दूसरे का सहयोग करने के लिए मिलकर काम करें।
  • पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका (MENA) जलवायु सप्ताह में उच्च-स्तरीय जीएसटी (पेरिस समझौते का वैश्विक स्टॉकटेक) क्षेत्रीय संवाद जीएसटी परिणाम को आकार देने के उद्देश्‍य से क्षेत्र से प्राप्‍त प्रमुख सूचनाओं पर चर्चा करने के लिए अंतर-सरकारी प्रक्रिया में नीति निर्माताओं, प्रमुख हितधारकों और भागीदारों को एक साथ लाएगा।
  • यह जानकारियां MENA के संदर्भ में जलवायु कार्य और सहयोग और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ाने के लिए चुनौतियों, बाधाओं, समाधानों और अवसरों पर चर्चा करने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा।
  • जीएसटी पेरिस समझौते के लक्ष्यों और इसके दीर्घकालिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए सामूहिक प्रगति का आकलन करने के उद्देश्‍य से देशों को समझौते के कार्यान्वयन का समय-समय पर जायजा लेने की अनुमति देता है।
  • इसे व्यापक और सुविधाजनक तरीके से, शमन, अनुकूलन, कार्यान्वयन और सहयोग के साधनों, समानता और सर्वोत्तम उपलब्ध विज्ञान को ध्‍यान में रखकर किया जाता है।
  • पहला जीएसटी 2021 में ग्लासगो में शुरू हुआ और दुबई, संयुक्त अरब अमीरात में जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP 28 में) में समाप्त होगा।
  • जीएसटी के नतीजे पक्षकारों को उनके कार्य और सहायता को अपडेट करने और बढ़ाने के साथ-साथ जलवायु कार्य के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने में राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित तरीके से कार्य और जानकारी की सूचना देंगे।
  • पहले वैश्विक स्टॉकटेक का निष्कर्ष पेरिस समझौते के प्रावधानों और लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में विश्व स्तर पर हुई सामूहिक प्रगति को उजागर करने के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक क्षण है। यह चुनौतियों को रेखांकित करने का एक महत्वपूर्ण क्षण है, लेकिन विभिन्न क्षेत्रीय प्राथमिकताओं सहित जलवायु कार्य में तेजी लाने के अवसरों की प्रचुरता भी है। प्रभावी कार्यान्वयन के लिए परिणाम के स्वामित्व और बाद में खरीद-फरोख्त को सक्षम करने के लिए दुनिया को एकता और सहयोग का सकारात्मक संदेश देना भी महत्वपूर्ण होगा।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. संस्कृति मंत्रालय ने इंडिया आर्ट आर्किटेक्चर डिजाइन द्वैवार्षिक (IAADB) के लिए पूर्वावलोकन और प्रतीक चिन्ह शुभारंभ कार्यक्रम का आयोजन किया:
    • संस्कृति मंत्रालय ने 8 अक्टूबर को दिल्ली के राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय में इंडिया आर्ट वास्तुशिल्प डिजाइन (IAADB 23) पूर्वावलोकन कार्यक्रम के साथ द्वैवार्षिक के लिए प्रतीक चिन्ह शुभारंभ का आयोजन किया।
    • इसका उद्देश्य वैश्विक मंच पर देश की वास्तुकला और कलात्मक प्रतिभा को प्रदर्शित करना है। यह द्वैवार्षिक आयोजन अंतर्राष्ट्रीय समकक्षों की भव्यता को प्रतिबिंबित करता।
    • द्वैवार्षिक जमीनी स्तर के कारीगरों और समकालीन डिजाइनरों को एक साथ लाकर संवाद, नवाचार और सहयोग शुरू करेगा, जिससे रचनात्मक अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाया जाएगा।
    • द्वैवार्षिक का आयोजन भव्य लाल किले पर 9 से 15 दिसंबर 2023 तक होने जा रहा है। यह कार्यक्रम प्रदर्शनियों और पैनल चर्चाओं के माध्यम से विभिन्न विषयों के बारे में बताएगा, जिसमें प्रत्येक दिन एक विशिष्ट विषय के आसपास केंद्रित होगा, जिसे क्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा।
    • इसमें दरवाजे और प्रवेश द्वार, मंत्रमुग्ध करते उद्यान, विस्मयकारी बावड़ियां, राजसी मंदिर वास्तुकला, स्वतंत्र भारत के आधुनिक चमत्कार, स्वदेशी डिजाइन का समकालीन चेहरा और वास्तुकला में महिलाओं की भूमिका जैसे विषय शामिल हैं।
    • इसके अतिरिक्त, यह बताया गया कि इंडिया आर्ट आर्किटेक्चर डिज़ाइन द्वैवार्षिक 2023, वर्ष 2024 में आयोजित वेनिस द्वैवार्षिक में भारत की भागीदारी के अग्रदूत के रूप में काम करेगा, जो कला, वास्तुकला और डिजाइन के क्षेत्र में चिकित्सकों और पेशेवरों के बीच व्यापक संवाद को बढ़ावा देगा।
    • द्वैवार्षिक का उद्देश्य पारंपरिक जमीनी स्तर के कलाकारों और समकालीन डिजाइनरों, विशेषज्ञों, वास्तुकारों और विचारकों को उम्र, लिंग और शैली की सीमाओं से परे सबसे आगे लाना है। इसके अलावा, यह बताया गया कि द्वैवार्षिक प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के साथ संरेखित है और लाल किले में सांस्कृतिक स्थानों के विकास परियोजना के शुभारंभ को चिह्नित करेगा।
  2. सागर परिक्रमा: मछुआरों की समस्याओं को जमीनी स्तर पर सुलझाने की सफल यात्रा
    • केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री परशोत्तम रुपाला के नेतृत्व में मछुआरों और मछली किसानों से मिलने की एक परियोजना सागर परिक्रमा यात्रा, मार्च 2022 से गुजरात से पश्चिम बंगाल तक एक पूर्व-निर्धारित समुद्री मार्ग के माध्यम से शुरू किया गया है, जो भारत की लगभग 8000 किलोमीटर की तटरेखा को कवर करता है।
    • सागर परिक्रमा यात्रा का उद्देश्य मछुआरों से उनके घर पर मुलाकात कर उनकी चुनौतियों और शिकायतों को समझना, स्थायी मत्स्य पालन को बढ़ावा देना, सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों का प्रचार करना है और यह अब तक काफी महत्वपूर्ण रहा है।
    • सागर परिक्रमा के दौरान, मछुआरों को व्यक्तिगत रूप से केंद्रीय मंत्री श्री रूपाला और मत्स्य पालन विभाग, भारत सरकार, राज्य सरकार के प्रमुख अधिकारियों और मछली पालन व्यवसाय के अन्य हितधारकों के साथ बातचीत करने का अवसर मिलता है।
    • सागर परिक्रमा अपने कार्यों और प्रयासों से खुली बातचीत और फीडबैक प्राप्त करने के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के साथ-साथ मछुआरा समुदाय के बीच विश्वास का निर्माण और मछुआरों के मुद्दों को हल करने में भी उपयोगी साबित होगा।
  3. जम्मू-कश्मीर में 82 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 395 मीटर (2-लेन) मारोग सुरंग के साथ 250 मीटर सेतु (2-लेन) का निर्माण सफलतापूर्वक पूर्ण:
    • केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने एक पोस्ट में कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुमानित लागत पर 395 मीटर (2-लेन) मारोग सुरंग के साथ 250 मीटर सेतु (2-लेन) का 82 करोड़ रुपये का निर्माण कार्य सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है।
    • श्री गडकरी ने कहा कि यह अवसंरचना NH-44 के रामबन से बनिहाल खंड के साथ स्थित है।
    • बड़ी परियोजना के हिस्से के रूप में यह 645 मीटर का खंड, न केवल यात्रा की दूरी को 200 मीटर तक कम कर देगा, खड़ी ढलानों को कम करेगा, बल्कि प्रसिद्ध सीता राम पासी स्लाइड क्षेत्र के लिए एक वैकल्पिक मार्ग की सुविधा भी प्रदान करेगा।
    • उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्‍त, यह चुनौतीपूर्ण मार्गों, क्षेत्र की ढलानों को दरकिनार करते हुए वाहनों के सुचारू प्रवाह की सुविधा प्रदान करता है।
    • यह रूपांतरकारी विकास न केवल क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि में योगदान देता है बल्कि एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में इसके आकर्षण को भी बढ़ाता है।

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