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09 अप्रैल 2024 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. सरकार ने राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन पहल के अंतर्गत अनुसंधान और विकास प्रस्ताव प्रस्तुत करने की समय सीमा बढ़ाई:
  2. यूरोपीय संघ-भारत ई-वाहन बैटरियों के पुनर्चक्रण पर स्टार्ट-अप सहयोग को बढ़ावा देने के लिए साथ आए:
  3. इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी (आईपीईएफ):
  4. 61वां राष्ट्रीय समुद्री दिवस:
  5. एनटीपीसी ने बालिका सशक्तिकरण मिशन के नए संस्करण का शुभारंभ किया:

09 April 2024 Hindi PIB
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1. सरकार ने राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन पहल के अंतर्गत अनुसंधान और विकास प्रस्ताव प्रस्तुत करने की समय सीमा बढ़ाई:

सामान्य अध्ययन: 3

बुनियादी ढांचा:

विषय: बुनियादी ढांचा: ऊर्जा आदि।

प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन।

मुख्य परीक्षा: राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन पहल का महत्व।

प्रसंग:

  • भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के अंतर्गत अनुसंधान और विकास योजना के कार्यान्वयन के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं।

उद्देश्य:

  • अनुसंधान और विकास योजना हरित हाइड्रोजन के उत्पादन, भंडारण, परिवहन और उपयोग को और अधिक किफायती बनाने का प्रयास करती है।
  • इसका उद्देश्य हरित हाइड्रोजन मूल्य श्रृंखला में सम्मिलित प्रासंगिक प्रक्रियाओं और प्रौद्योगिकियों की दक्षता, सुरक्षा और विश्वसनीयता में सुधार करना भी है।

विवरण:

  • इस योजना का उद्देश्य हरित हाइड्रोजन प्रौद्योगिकियों के लिए एक नवाचार इकोसिस्टम स्थापित करने के लिए उद्योग, शिक्षा जगत और सरकार के बीच साझेदारी को प्रोत्साहन प्रदान करना भी है।
    • यह योजना आवश्यक नीति और नियामक सहायता प्रदान करके हरित हाइड्रोजन प्रौद्योगिकियों के विस्तार और व्यावसायीकरण में भी सहायता करेगी।
    • 15 मार्च, 2024 को योजना के दिशानिर्देशों को जारी किया गया था, जिसमें उल्लेख किया गया है कि अनुसंधान और विकास योजना वित्तीय वर्ष 2025-26 तक 400 करोड़ रुपये के कुल बजटीय परिव्यय के साथ लागू की जाएगी।
  • अनुसंधान और विकास कार्यक्रम के समर्थन में हरित हाइड्रोजन मूल्य श्रृंखला के सभी घटक, अर्थात् उत्पादन, भंडारण, संपीड़न, परिवहन और उपयोग सम्मिलित हैं।
    • मिशन के अंतर्गत समर्थित अनुसंधान और विकास परियोजनाएं लक्ष्य-केन्द्रित, समयबद्ध और वृद्धि करने के लिए उपयुक्त होंगी।
    • योजना के अंतर्गत औद्योगिक और संस्थागत अनुसंधान के अलावा, स्वदेशी प्रौद्योगिकी विकास पर काम करने वाले नवीन सूक्ष्म, लघु और माध्यम उद्यम (एमएसएमई) और स्टार्ट-अप को भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
  • दिशानिर्देशों के जारी होने के बाद, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने 16 मार्च, 2024 को प्रस्तावों के लिए मांग जारी की थी।

पृष्ठ्भूमि:

  • राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन 4 जनवरी, 2023 को वित्तीय वर्ष 2029-30 तक 19,744 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ शुरू किया गया था।

2.यूरोपीय संघ-भारत ई-वाहन बैटरियों के पुनर्चक्रण पर स्टार्ट-अप सहयोग को बढ़ावा देने के लिए साथ आए:

सामान्य अध्ययन: 3

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:

विषय: विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां;देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास।

प्रारंभिक परीक्षा: यूरोपीय संघ (ईयू), इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी), ।

मुख्य परीक्षा:भारत-यूरोपीय संघ व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद (टीटीसी)।

प्रसंग:

  • यूरोपीय संघ (ईयू) और भारत ने इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिए बैटरी पुनर्चक्रण प्रौद्योगिकी में काम करने वाले स्टार्टअप्स को एक कार्यक्रम के जरिये एक मंच पर लाने और उनके बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) जारी की है।

उद्देश्य:

  • इस मैचमेकिंग कार्यक्रम का उद्देश्य यूरोपीय और भारतीय लघु एवं मध्यम आकार के उद्यमों (एसएमई) और स्वच्छ एवं हरित प्रौद्योगिकी क्षेत्र में स्टार्टअप के बीच सहयोग को बढ़ाना है।

विवरण:

  • ज्ञान और विशेषज्ञता का अपेक्षित आदान-प्रदान दुर्लभ सामग्रियों की सहजता से उपलब्धता सुनिश्चित करेगा और भारत तथा यूरोपीय संघ दोनों में कार्बन उत्सर्जन को न्यूनतम रखने में मदद करेगा।
  • यह पहल 25 अप्रैल 2022 को नई दिल्ली में भारत और यूरोपीय आयोग द्वारा घोषित भारत-यूरोपीय संघ व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद (टीटीसी) के तहत शुरू की गई है।
  • यह आयोजन एक स्थायी एजेंडे को बढ़ावा देने, नवाचार को बढ़ावा देने और यूरोपीय संघ तथा भारत के बीच मजबूत आर्थिक संबंध बनाने के व्यापक प्रयास का भी हिस्सा है।
  • लॉन्च किए गए मैचमेकिंग कार्यक्रम के लिए रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) ईवी बैटरी पुनर्चक्रण प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारतीय और यूरोपीय संघ के स्टार्टअप/एसएमई को अपने अभिनव समाधान पेश करने और भारतीय/यूरोपीय उद्यम पूंजीपतियों और समाधान अपनाने वालों के साथ जुड़ने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
  • इस आयोजन की मुख्य विशेषताएं हैं: (i) ईवी के लिए बैटरी पुनर्चक्रण प्रौद्योगिकी क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित स्टार्टअप/एसएमई की पहचान करना, उनकी मदद करना और उन्हें बढ़ावा देना; और (ii) सहयोग को सुविधाजनक बनाने, संभावित व्यापार के रास्ते तलाशने, ग्राहक संबंधों को मजबूत करने और शॉर्टलिस्ट किए गए स्टार्टअप/एसएमई के लिए निवेश के रास्ते तलाशना है।
  • भारत-यूरोपीय संघ टीटीसी वर्किंग ग्रुप 2 के तहत यह मैचमेकिंग कार्यक्रम भारतीय स्टार्टअप/एसएमई को बैटरी पुनर्चक्रण प्रौद्योगिकियों में अपनी विशेषज्ञता प्रदर्शित करने के लिए एक विशेष मंच प्रदान करता है।
  • यह भारतीय अन्वेषकों को यूरोपीय संघ में अपने समकक्षों के साथ रणनीतिक गठबंधन स्थापित करने का मौका प्रदान करेगा,जिससे अपशिष्ट को कम करने और टिकाऊ संसाधन पर केंद्रित उन्नत बैटरी पुनर्चक्रण तकनीकों के विकास में तेजी आएगी।
  • यह मैचमेकिंग कार्यक्रम हरित एवं चक्रीय अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने वाली नई संभावनाओं की ओर अगला कदम है।
  • हम यूरोपीय संघ के अन्वेषकों को इस अवसर का लाभ उठाने और अपने भारतीय समकक्षों के साथ संभावित सहयोग तलाशने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

पृष्ठ्भूमि:

भारत व यूरोपीय संघ द्वारा स्थापित व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद के बारे में:

  • भारत-यूरोपीय संघ व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद (टीटीसी) की घोषणा पहली बार अप्रैल 2022 में यूरोपीय आयोग और भारत ने की थी।
    • 6 फरवरी 2023 को स्थापित यह रणनीतिक समन्वय व्यवस्था दोनों पक्षों को व्यापार, विश्वसनीय प्रौद्योगिकी और सुरक्षा के गठजोड़ में चुनौतियों से निपटने की सुविधा प्रदान करता है और इन क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करता है।
    • भारत-यूरोपीय संघ टीटीसी की स्थापना भारत और यूरोपीय संघ के लोगों के लिए मजबूत रणनीतिक साझेदारी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
  • टीटीसी दोनों भागीदारों के बीच व्यापार और प्रौद्योगिकी पर रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने के लिए एक प्रमुख मंच है।
    • भू-रणनीतिक चुनौतियों ने साझे मूल्यों के आधार पर सुरक्षा, समृद्धि और सतत विकास सुनिश्चित करने में यूरोपीय संघ व भारत के साझा हित को मजबूत किया है।
  • टीटीसी यूरोपीय संघ-भारत द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने में मदद करेगा। 2022 में 120 अरब यूरो मूल्य के सामानों के व्यापार के साथ दोनों साझेदारों के बीच द्विपक्षीय व्यापार ऐतिहासिक ऊंचाई पर है।
  • इनके बीच 2022 में, 17 अरब यूरो के डिजिटल उत्पादों और सेवाओं का व्यापार हुआ।

टीटीसी में तीन कार्य समूह शामिल हैं:

(1) रणनीतिक प्रौद्योगिकियों, डिजिटल प्रबंधन और डिजिटल कनेक्टिविटी पर कार्य समूह-1;

(2) हरित और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों पर कार्य समूह 2; और

(3) व्यापार, निवेश और ठोस मूल्य श्रृंखलाओं पर कार्य समूह-3

  • ये कार्य समूह अब संयुक्त रूप से चिन्हित किए गए उद्देश्यों और प्रमुख कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं।
  • शुरू किया गया मैचमेकिंग कार्यक्रम हरित और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों पर कार्य समूह-2 के तहत प्रमुख सहमत अल्पकालिक कार्यों में से एक है।
  • हरित और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों पर भारत-यूरोपीय संघ टीटीसी कार्य समूह-2 की सह-अध्यक्षता भारत की ओर से भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय और यूरोपीय संघ की ओर से यूरोपीय आयोग के अनुसंधान और नवाचार महानिदेशालय कर रहे हैं।

3. इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी (आईपीईएफ):

सामान्य अध्ययन: 3

अर्थव्यवस्था एवं पर्यावरण:

विषय: समावेशी विकास एवं इससे उत्पन्न विषय। संरक्षण, पर्यावरण प्रदुषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन।

प्रारंभिक परीक्षा: इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी (आईपीईएफ) ।

मुख्य परीक्षा: इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी (आईपीईएफ) फोरम के उद्देश्य।

प्रसंग:

  • इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी (आईपीईएफ) स्वच्छ अर्थव्यवस्था निवेशक फोरम का सिंगापुर में आयोजन करेगा।

उद्देश्य:

  • आईपीईएफ फोरम का उद्देश्य टिकाऊ बुनियादी ढांचे, जलवायु प्रौद्योगिकी और अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए निवेश जुटाना है।

विवरण:

  • आईपीईएफ फोरम ने प्रौद्योगिकी कंपनियों और स्टार्टअप्स से ईवी, सौर ऊर्जा पर भारतीय निवेश योग्य टिकाऊ बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को प्रदर्शित करने के लिए आवेदन मांगा हैं।
  • इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी (आईपीईएफ) मई 2022 में लॉन्च किया गया था और वर्तमान में इसमें 14 भागीदार ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई दारुस्सलाम, फिजी, भारत, इंडोनेशिया, जापान, कोरिया गणराज्य, मलेशिया, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, अमेरिका और वियतनाम शामिल हैं।
  • यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों को लचीले, टिकाऊ और समावेशी आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने में सहयोग करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
  • इसका उद्देश्य क्षेत्र में सहयोग, स्थिरता और समृद्धि में योगदान करना है। आईपीईएफ में सहयोग के चार स्तंभ व्यापार, आपूर्ति श्रृंखला, स्वच्छ अर्थव्यवस्था और निष्पक्ष अर्थव्यवस्था शामिल हैं।
  • आईपीईएफ स्वच्छ अर्थव्यवस्था निवेशक फोरम आईपीईएफ के तहत एक पहल है।
    • यह क्षेत्र के शीर्ष निवेशकों, परोपकारियों, वित्तीय संस्थानों, नई कंपनियों, स्टार्ट-अप और उद्यमियों को एक मंच पर लाता है।
    • इस फोरम का लक्ष्य टिकाऊ बुनियादी ढांचे, जलवायु प्रौद्योगिकी और अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश जुटाना है।
  • वाणिज्य विभाग आईपीईएफ से जुड़े कामकाज के लिए नोडल एजेंसी है। आईपीईएफ स्वच्छ अर्थव्यवस्था निवेशक फोरम का प्रबंधन भारत की राष्ट्रीय निवेश संवर्धन एजेंसी इन्वेस्ट इंडिया करता है।
  • भारत स्वच्छ अर्थव्यवस्था क्षेत्र में अपनी अग्रणी स्थिति और इसे संचालित करने वाले विभिन्न नवीन समाधानों को प्रदर्शित करने के अलावा, वैश्विक निवेशकों को निवेश के अवसरों के लिए स्वच्छ अर्थव्यवस्था में कुछ बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और शीर्ष जलवायु तकनीकी कंपनियों का प्रदर्शन करेगा।
  • इस फोरम में भारतीय उद्योग के लिए निम्नलिखित दो ट्रैक में अवसर होंगे। पीडब्ल्यूसी सिंगापुर और होलोनआईक्यूइन ट्रैकों के लिए ज्ञान भागीदार हैं।

जलवायु तकनीक ट्रैक:

  • इस ट्रैक के तहत, आईपीईएफ स्वच्छ अर्थव्यवस्था निवेशक फोरम एक ओपन कॉल आयोजित कर रहा है जिसका उद्देश्य सदस्य देशों के बीच शीर्ष जलवायु तकनीक कंपनियों और स्टार्ट-अप को पहचानना और उन्हें वैश्विक निवेशकों के सामने पेश करना है। भारत में जलवायु तकनीक उद्यमी और कंपनियां इस ट्रैक के तहत आवेदन कर सकती हैं।
  • आवेदनों का मूल्यांकन क्षेत्रीय और उद्योग विशेषज्ञ करेंगे। शीर्ष 100 कंपनियों की घोषणा मई 2024 की शुरुआत में की जाएगी और शॉर्टलिस्ट की गई कंपनियों को 5 से 6 जून 2024 को सिंगापुर में निवेशक फोरम में प्रदर्शन और प्रस्तुति के लिए आमंत्रित किया जाएगा।

इन्फ्रास्ट्रक्चर ट्रैक:

  • इस ट्रैक के तहत, भारत 2024 फोरम में चयनित निवेश योग्य टिकाऊ बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का प्रदर्शन करेगा।
  • फोकस के क्षेत्र हैं- ऊर्जा संक्रमण (उदाहरण के लिए इलेक्ट्रिक ग्रिड; सौर और तटवर्ती पवन सहित अक्षय ऊर्जा; टिकाऊ विमानन ईंधन; बैटरी भंडारण; हाइड्रोजन; हरित डेटा केंद्र), परिवहन और लॉजिस्टिक्स (जैसे इलेक्ट्रिक वाहन, ईवी चार्जिंग पॉइंट), अपशिष्ट प्रबंधन/अपशिष्ट से ऊर्जा।
  • अगले 18 महीनों के दौरान निजी निवेश के लिए जो परियोजनाएं तैयार हैं, या जिनके तैयार होने की उम्मीद है, उन्हें फोरम में प्रदर्शन के लिए प्राथमिकता दी जाएगी।
  • भारतीय निवेशक जो आईपीईएफ भागीदार देशों में ऊपर उल्लिखित किसी एक या दोनों ट्रैक में निवेश करने का लक्ष्य रखते हैं, उन्हें भी फोरम में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1. 61वां राष्ट्रीय समुद्री दिवस:

  • पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय (एमओपीएसडब्ल्यू) ने राष्ट्रीय समुद्री दिवस के उपलक्ष्य में खेल दिवस कार्यक्रम का आयोजन नई दिल्ली में 5 अप्रैल, 2024 को आयोजित किया गया था।
  • यह दिन 1919 में इसी दिन मुंबई से लंदन की अपनी पहली यात्रा पर पहले भारतीय स्वामित्व वाले जहाज “एसएस लॉयल्टी” की यात्रा की शुरुआत की याद में मनाया जाता है।
  • एसएस लॉयल्टी, समुद्री कौशल का प्रतीक है, जिसने न केवल ऊंचे समुद्रों के माध्यम से नेविगेट किया बल्कि इसने समुद्री समुदाय को परिभाषित करने वाली एकता और दृढ़ता की भावना का भी उदाहरण दिया।
  • इस दिन समुद्री क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान को स्वीकार करते हुए प्रतिष्ठित सागर सम्मान पुरस्कार भी प्रदान किए गए।
  • ये पुरस्कार समुद्री प्रशिक्षण और रोजगार क्षेत्र में इन संस्थानों व नियोक्ताओं द्वारा निर्धारित अनुकरणीय मानकों को दर्शाते हैं, जो उद्योग के विकास और उत्कृष्टता में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
  • पिछले 9 वर्षों में नाविकों की संख्या में 140 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2014 में, सक्रिय भारतीय नाविकों की कुल संख्या 117,090 थी जो 2023 में 280,000 हो गई है।
    • मैरीटाइम इंडिया विजन 2030 के तहत, भारत समुद्री क्षेत्र में शिक्षा, अनुसंधान और प्रशिक्षण में विश्व स्तरीय मानक स्थापित करके एक प्रमुख समुद्री नाविक देश के रूप में उभरने की आकांक्षा रखता है।
    • भारत एसटीसीडब्ल्यू कन्वेंशन और समुद्री श्रम कन्वेंशन (एमएलसी) दोनों का अहम अंग है।
    • भारतीय नाविक अंतर्राष्ट्रीय समुद्री यात्रा नौकरियों में 12 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखते हैं, और मैरीटाइम विजन 2030 की सिफारिश है कि यह आंकड़ा 2030 तक 20 प्रतिशत तक पहुंच सकता है।

2. एनटीपीसी ने बालिका सशक्तिकरण मिशन के नए संस्करण का शुभारंभ किया:

  • भारत की सबसे बड़ी एकीकृत बिजली कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड अपनी प्रमुख कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी पहल, बालिका सशक्तिकरण मिशन (जीईएम) का नया संस्करण लॉन्च करने की तैयारी कर रही है।
    • यह कार्यक्रम भारत सरकार की बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ पहल के अनुरूप है और इसका उद्देश्य लड़कियों की कल्पनाओं को पोषित करके और अवसरों का पता लगाने की उनकी क्षमता को बढ़ावा देकर लैंगिक असमानता को मिटाना है।
    • बालिका सशक्तिकरण मिशन गर्मी की छुट्टियों के दौरान युवा लड़कियों के लिए एक महीने की कार्यशाला के माध्यम से उन्हें उनके सर्वांगीण उत्थान और विकास के लिए एक मंच प्रदान करता है।
  • अप्रैल 2024 से शुरू जीईएम का यह नया संस्करण बिजली क्षेत्र के पीएसयू के 42 चिन्हित स्थानों पर समाज के वंचित वर्गों के लगभग 3,000 मेधावी बच्चों को जोड़ेगा।
    • इसके साथ ही मिशन से लाभान्वित होने वाले बच्चों की कुल संख्या 10,000 से अधिक हो जाएगी।
  • 2018 में केवल तीन स्थानों और 392 प्रतिभागियों के साथ एक प्रायोगिक परियोजना के रूप में शुरू किया गया यह जीईएम मिशन एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन के रूप में विकसित हुआ है।
    • 2020 और 2021 में कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद, इस कार्यक्रम ने अपनी पहुंच और प्रभाव का विस्तार जारी रखा है।
    • अब तक, इससे कुल 7,424 लड़कियों को लाभ हुआ है। इसमें हर साल प्रतिभागियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
    • अकेले 2023 में, भारत के 16 राज्यों में फैले एनटीपीसी के 40 स्थानों पर 2,707 लड़कियों ने कार्यशाला में भाग लिया।
  • यह मिशन विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से लड़कियों के सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित करता है और इसका उद्देश्य उनके नेतृत्व गुणों की पहचान करना और उनका पोषण करना है, ताकि वे भविष्य के लिए तैयार हो सकें।
  • इस साल की कार्यशाला स्वास्थ्य, स्वच्छता, सुरक्षा, फिटनेस, खेल और योग पर केंद्रित है।
  • बालिका सशक्तिकरण मिशन कार्यशाला में कौशल विकास, आत्मविश्वास-निर्माण और समग्र दृष्टिकोण के साथ परामर्श दिया जाता है जिसके लिए इसकी व्यापक प्रशंसा होती है।
    • लड़कियों को आवश्यक उपकरणों से लैस करके और उन्हें हर वक्त मदद मुहैया कराते हुए एनटीपीसी का लक्ष्य आने वाली पीढ़ियों के लिए उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करना है।
    • इसका उद्देश्य लड़कियों को बदलाव का वाहक बनने के लिए सशक्त बनाना है, जिससे वे न केवल खुद को बल्कि अपने परिवार, समुदाय और पूरे देश को भी प्रेरित कर सकें।

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