विषयसूची:
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1. आरईसी ने रेलटेल के साथ दूरसंचार, आईटी और रेलवे सिग्नलिंग में अवसंरचना परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए:
सामान्य अध्ययन: 3
बुनियादी ढांचा,सूचना प्रौद्योगिकी:
विषय: बुनियादी ढांचा: ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन, रेलवे आदि। सूचना प्रौद्योगिकी से सम्बन्धित विषयों में जागरूकता।
प्रारंभिक परीक्षा: आरईसी लिमिटेड,रेलटेल से सम्बन्धित तथ्यात्मक जानकारी,कवच ट्रेन टक्कर निवारण प्रणाली।
प्रसंग:
- आरईसी लिमिटेड ने अगले 5 वर्षों में रेलटेल की ओर से कार्यान्वित की जाने वाली अवसंरचना परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता के रूप में 30,000 करोड़ रुपये तक की बढ़ोतरी के संबंध में 9 नवंबर, 2023 को रेलटेल के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं।
उद्देश्य:
- इन परियोजनाओं में कई व्यापक क्षेत्र जैसे कि डेटा केंद्र उत्पाद व सेवाएं, दूरसंचार व आईटी उत्पाद और सेवाएं, रेलवे व मेट्रो परियोजनाएं और कवच ट्रेन टक्कर निवारण प्रणाली शामिल हैं।
विवरण:
- इसके अलावा इस समझौता ज्ञापन के तहत हाई-स्पीड रेल, मेट्रो, आईटी नेटवर्क और रेलवे नेटवर्क की प्रगति से संबंधित विदेशी उद्यमों के वित्तपोषण की संभावना भी शामिल है।
- देशों के बीच द्विपक्षीय चर्चाओं और बुनियादी ढांचे से संबंधित परियोजनाओं के एक हिस्से के रूप में रेलटेल दक्षिण पूर्व एशिया और पूर्वी अफ्रीका में अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है।
- इस समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद दोनों पक्षों ने आपसी सहयोग के अवसरों पर विस्तार से चर्चा की।
- इसके अलावा नए क्षेत्रों जैसे कि नवीकरणीय ऊर्जा, स्मार्ट मीटरिंग व अन्य परियोजनाओं में संभावना तलाशने पर सहमति व्यक्त की, जहां रेलटेल और आरईसी (अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी आरईसीपीडीसीएल के माध्यम से) सहभागिता कर सकती हैं।
पृष्ठ्भूमि:
- आरईसी लिमिटेड, विद्युत मंत्रालय के तहत साल 1969 में स्थापित सार्वजनिक क्षेत्र की एक महारत्न कंपनी है।
- यह विद्युत-बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक ऋण और अन्य वित्तीय सेवाएं प्रदान करती हैं, जिनमें विद्युत उत्पादन, ट्रांसमिशन, वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा व इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी भंडारण, हरित हाइड्रोजन आदि जैसी नई प्रौद्योगिकियां शामिल हैं।
- हाल ही में आरईसी गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी विविधता लाई है।
- इनमें सड़क व एक्सप्रेस-वे, मेट्रो रेल, हवाईअड्डे, आईटी संचार, सामाजिक व वाणिज्यिक अवसंरचना (शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल), पत्तन और इस्पात, तेल-शोधन जैसे अन्य क्षेत्रों में इलेक्ट्रो-मैकेनिकल (ईएंडएम) कार्य शामिल हैं।
- आरईसी की ऋण पुस्तिका (लोन बुक) 4,74,275 करोड़ रुपये से अधिक का है।
- रेलटेल, रेल मंत्रालय के अधीन एक “मिनी रत्न (श्रेणी-I)” केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम (सीपीएसई) है।
- यह देश में सबसे बड़े तटस्थ दूरसंचार अवसंरचना व आईसीटी समाधान और सेवा प्रदाताओं में से एक है, जिसके पास देश के कई कस्बों और शहरों व ग्रामीण क्षेत्रों को कवर करने वाला पैन-इंडिया ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क है।
- रेलटेल के पास ऑप्टिक फाइबर के 61,000 रेल किलोमीटर (आरकेएम) से अधिक के एक मजबूत विश्वसनीय नेटवर्क के साथ दो एमईआईटीवाई पैनलबद्ध टियर III डेटा सेंटर भी हैं।
- रेलटेल एमपीएलएस वीपीएन, टेलीप्रेजेंस, लीज्ड लाइन, टावर को-लोकेशन, डेटा सेंटर सेवाएं, परियोजना प्रबंधन, आईटी व आईसीटी परामर्श आदि जैसी कई सेवाएं प्रदान करती है।
2.कौशल विकास और भारत के युवाओं को सशक्त बनाने हेतु IIT, कानपुर, भारतीय कौशल संस्थान, कानपुर, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और डसॉल्ट एयरक्राफ्ट सर्विसेज इंडिया के बीच समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर:
सामान्य अध्ययन: 2
शासन:
विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।विकास प्रक्रिया तथा विकास उघोग में संस्थागत एवं अन्य पक्षों की भूमिका।
प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020,डसॉल्ट एयरक्राफ्ट सर्विसेज इंडिया (डीएएसआई)।
मुख्य परीक्षा: देश के युवाओं के कौशल विकास और युवाओं को सशक्त बनाने हेतु IIT, कानपुर, भारतीय कौशल संस्थान एवं हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और डसॉल्ट एयरक्राफ्ट सर्विसेज इंडिया के बीच किये गए समझौता ज्ञापन किस प्रकार इस साझेदारी के उदेश्यों को पूरा करने में अहम् भूमिका अदा करेंगे।
प्रसंग:
- भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) कानपुर ने कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के उद्देश्यों के अनुरूप भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और डसॉल्ट एयरक्राफ्ट सर्विसेज इंडिया (डीएएसआई) के साथ तीन प्रमुख साझेदारियों की घोषणा की है।
उद्देश्य:
- नई दिल्ली में भारत सरकार के केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान की सम्मानित उपस्थिति में समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया गया।
- इसका उद्देश्य विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में रक्षा औद्योगिक गलियारे का समर्थन करने के लिए एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र के लिए स्थानीय युवाओं को सशक्त बनाना और तैयार करना है।
- यह साझेदारी युवाओं के, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के युवाओं के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित करती है, जिससे उन्हें विमानन और रक्षा क्षेत्रों में नए-युग के पाठ्यक्रमों में गुणवत्तापूर्ण मॉड्यूल तक पहुंच प्राप्त हो सकेगी।
विवरण:
- यह पहली बार है कि जैसा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत परिकल्पना की गई है।
- इन आईआईएस की अवधारणा का विचार स्वयं प्रधानमंत्री ने सिंगापुर के तकनीकी शिक्षा संस्थान की अपनी यात्रा के दौरान दिया था, जो विद्यार्थियों को नौकरियों और करियर में उन्नति के लिए तैयार करने वाले अग्रणी संस्थानों में से एक है।
- इसी तरह, मौजूदा कौशल इकोसिस्टम में प्रशिक्षण मानकों को उन्नत करने के लिए देश में भारतीय कौशल संस्थानों की स्थापना की जा रही है।
- श्री प्रधान ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर, भारतीय कौशल संस्थान, कानपुर, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और डसॉल्ट एयरक्राफ्ट सर्विसेज इंडिया के बीच सहयोग, कौशल विकास के भविष्य को दिशा देने और भारत के युवाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण अध्याय है।
- पहली बार शैक्षणिक संस्थान, कौशल संस्थान और उद्योग युवाओं को प्रमाणित करने और उन्हें भविष्य के अनुरूप बनाने के प्रयासों में तालमेल बनाने के लिए मिलकर कार्य कर रहे हैं।
- यह सहयोग उत्तर प्रदेश के रक्षा गलियारे से पैदा होने वाले अवसरों का लाभ उठाने के साथ-साथ एयरोस्पेस, विमानन एवं रक्षा क्षेत्रों में कौशल, अप-स्किलिंग, रोजगार और उद्यमिता के नए अवसर पैदा करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
- भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) कानपुर के लिए तीन समझौता ज्ञापनों के आदान-प्रदान के साथ भारतीय कौशल संस्थान में क्षमताओं का निर्माण कर रहे हैं।
- इन साझेदारियों के साथ, हितधारक युवाओं, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए एक मजबूत नींव बनाने के लिए आधुनिक प्रशिक्षण पद्धति के साथ-साथ सर्वोत्तम श्रेणी के बुनियादी ढांचे की स्थापना की परिकल्पना की गई है।
- नए युग के पाठ्यक्रमों, रक्षा और विमानन क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और डसॉल्ट द्वारा प्रदर्शित प्रतिबद्धता से भारतीय कौशल संस्थान से जुड़े युवा कैडर को बहुत अधिक लाभ होगा।
- भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) की स्थापना का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध मौजूदा कौशल संस्थानों से सर्वोत्तम तौर-तरीकों को सीखकर और उन्हें आत्मसात करके विश्व स्तरीय कौशल प्रशिक्षण केंद्रों का निर्माण करना है।
- संस्थान के लिए डिज़ाइन किए गए पाठ्यक्रमों को देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थान भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), कानपुर के विषय विशेषज्ञों के परामर्श से तैयार किया गया है।
- नियोजित मॉड्यूल आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, क्लाउड कंप्यूटिंग, डेटा एनालिटिक्स, एडवांस मैन्युफैक्चरिंग, कृषि 2.0 स्मार्ट एग्रीकल्चर, रोबोटिक्स और ऑटोमेशन, उद्योग 4.0 जैसे और अन्य पाठ्यक्रमों के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे।
- हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ एक और महत्वपूर्ण साझेदारी के अंतर्गत, एचएएल अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के हिस्से के रूप में भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) कानपुर के नए भवन में एक सीएनसी प्रयोगशाला के लिए एक प्रशिक्षण बुनियादी ढांचा विकसित करेगा।
- इस पहल का उद्देश्य भारतीय कौशल संस्थान कानपुर के संकायों और प्रशिक्षुओं को उन्नत सीएनसी मशीनिंग तकनीक का अनुभव प्रदान करना है, साथ ही सुविधा भी प्रदान करना है।
- इसका लक्ष्य प्रशिक्षुओं के समूह के लिए प्रशिक्षण, पुनः कौशल और उन्नयन करके औद्योगिक नौकरियों के लिए बेहतर ढंग से तैयार करना है, इस प्रकार कौशल भारत पहल का समर्थन करना है।
- इसके अतिरिक्त, यह परियोजना एक सामान्य इंजीनियरिंग वातावरण बनाकर शिक्षा और उद्योग के बीच बेहतर सहयोग को प्रोत्साहन प्रदान करना चाहती है जो दोनों पक्षों से परिचित है, और अधिक प्रभावी जानकारी साझा करने में सक्षम है।
- कुल मिलाकर, बुनियादी ढांचे के विकास के दायरे में 12 प्रयोगशालाएं, 12 कक्षाएं, बहुउद्देशीय कक्ष, खुला थिएटर, आउटडोर प्रशिक्षण क्षेत्र, सम्मेलन और चर्चा कक्ष व एक कैफेटेरिया सम्मिलित है।
- इसके अलावा, डसॉल्ट एविएशन के साथ परिकल्पित साझेदारी से कानपुर में विमानन क्षेत्र में दीर्घकालिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) में वैमानिकी संरचना एवं उपकरण फिटर (एएस एंड ईएफ) में एक पाठ्यक्रम शुरू करने में सहायता मिलेगी।
- साझेदारी के एक हिस्से के रूप में, कानपुर परिसर में भारतीय कौशल संस्थान के नए भवन में वैमानिकी व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए डसॉल्ट वैमानिकी उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जा रहा है।
- भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) में नवीनतम प्रशिक्षण सुविधाओं में सुविधा प्रदान करने और अग्रणी उद्योगों के साथ नौकरी के दौरान प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करने के लिए इन सहयोगों के माध्यम से मजबूत उद्योग और नियोक्ता संपर्क की परिकल्पना की गई है।
- इसके अलावा, ये साझेदारियां स्थानीय इकोसिस्टम को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के अनुकूल बनाने में सक्षम बनाकर समाज के लाभ में योगदान दे रही हैं।
- भारत सरकार पहले ही देश में तीन स्थानों मुंबई, कानपुर और अहमदाबाद में भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) स्थापित कर चुकी है।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1.रक्षा मंत्री और अमेरिका के रक्षा सचिव भारत-अमेरिका 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता की सह-अध्यक्षता करेंगे और 10 नवंबर, 2023 को द्विपक्षीय वार्ता करेंगे:
- अमेरिकी रक्षा सचिव श्री लॉयड ऑस्टिन भारत-अमेरिका 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता की सह-अध्यक्षता करने और रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह के साथ द्विपक्षीय बैठक आयोजित करने के लिए 09 और 10 नवंबर, 2023 को भारत का दौरा कर रहे हैं।
- रक्षा सचिव ऑस्टिन 09 नवंबर को नई दिल्ली पहुंचेंगे, उनका पालम तकनीकी क्षेत्र में तीनों सेनाओं के गार्ड ऑफ ऑनर के साथ स्वागत किया।
- रक्षा सचिव ऑस्टिन और अमेरिकी विदेश मंत्री श्री एंटनी ब्लिंकन 10 नवंबर को रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के साथ मंत्रिस्तरीय 2+2 वार्ता की सह-अध्यक्षता करेंगे।
- इसके बाद रक्षा सचिव ऑस्टिन और रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह के बीच द्विपक्षीय बैठक का आयोजन किया जाएगा।
- 2+2 वार्ता और द्विपक्षीय बैठक के दौरान कई रणनीतिक, रक्षा और प्रौद्योगिकी मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है।
- अमेरिकी सचिव ऑस्टिन ने इससे पहले, जून 2023 में भारत का दौरा किया था और रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह के साथ मुलाकात की थी।
2. जल संसाधन सहयोग पर भारत-ऑस्ट्रेलिया संयुक्त कार्य समूह की 6वीं बैठक आयोजित:
- केंदीय जल शक्ति मंत्रालय और ऑस्ट्रेलिया सरकार जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा और जल विभाग के बीच जल सहयोग पर 6वीं भारत-ऑस्ट्रेलिया संयुक्त कार्य समूह की बैठक 8 नवंबर, 2023 को आयोजित की गई।
- जल क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने और और प्रस्तावित गतिविधियों के संबंध में भविष्य का मार्ग तैयार करने पर दोनों सरकारों के प्रतिनिधियों के बीच सफल बैठक चर्चा हुई।
- दोनों सह-अध्यक्षों ने जल क्षेत्र में भारत-ऑस्ट्रेलिया सहयोग के समृद्ध इतिहास और इस क्षेत्र में चुनौतियों का समाधान करने के उद्देश्य से विभिन्न तकनीकी और नीतिगत गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी के माध्यम से सहयोग को आगे बढ़ाने पर भी जोर दिया गया।
- इसके अतिरिक्त भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों पक्षों ने जल क्षेत्र की चुनौतियों का सामना करने के लिए संस्थागत क्षमता निर्माण के वास्ते तकनीकी आदान-प्रदान और प्रदर्शनीय परियोजनाओं के निष्पादन सहित कार्यान्वयन योजना की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।
- इसके अतिरिक्त भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों पक्षों ने जल क्षेत्र की चुनौतियों का सामना करने के लिए संस्थागत क्षमता निर्माण के वास्ते तकनीकी आदान-प्रदान और प्रदर्शनीय परियोजनाओं के निष्पादन सहित कार्यान्वयन योजना की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।
- विभिन्न गतिविधियों में राष्ट्रीय जल सूचना केंद्र के साथ माईवेल ऐप का एकीकरण, ऑस्ट्रेलिया-भारत जल सुरक्षा पहल (एवाईएएसआई), भारत युवा जल व्यवसायिक कार्यक्रम, अभ्यास और अनुप्रयोग में जल लेखांकन, बेसिन योजना सह-डिजाइन कार्यशाला, एक्वावॉच ऑस्ट्रेलिया, ग्राम भूजल सहकारी समितियां और अंतर्देशीय लवणता का उपचार शामिल है।
- प्रस्तुतियों और चर्चाओं के आधार पर, टियर -1, टियर -2 और टियर -3 गतिविधियों के लिए 2024-25 के वास्ते भारत-ऑस्ट्रेलिया कार्य योजना को अंतिम रूप दिया गया।
- इस पर दोनों पक्षों ने सहमति व्यक्त की।
- भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 10 नवम्बर, 2009 को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे और 5 सितम्बर, 2014 को इसका नवीकरण किया गया था।
- इसके बाद, जल संसाधन प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग के लिए 20 मई, 2020 को भारत सरकार और ऑस्ट्रेलिया सरकार के बीच पांच साल की अवधि के लिए एक नए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
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