विषयसूची:
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1. भारत-तंजानिया के बीच रणनीतिक साझेदारी का शुभारंभ:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/ या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
मुख्य परीक्षा: भारत-तंजानिया के बीच शरू हुई रणनीतिक साझेदारी के महत्व पर प्रकाश डालिये।
प्रसंग:
- भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के निमंत्रण पर तंजानिया की राष्ट्रपति महामहिम सामिया सुलुहू हसन 8 से 10 अक्टूबर 2023 तक भारत की राजकीय यात्रा पर आईं।
उद्देश्य:
- दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से भारत-तंजानिया रिश्तों को ‘रणनीतिक साझेदारी’ के स्तर पर ले जाने की घोषणा की।
- दोनों पक्षों ने कहा कि रणनीतिक साझेदारी से दोनों देशों को समुद्री सुरक्षा, रक्षा सहयोग, विकास साझेदारी, व्यापार और निवेश जैसे कई क्षेत्रों में संयुक्त रूप से काम करने में मदद मिलेगी।
विवरण:
इस यात्रा के दौरान कई क्षेत्रों को लेकर समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए:
एमओयू और समझौते, जिनका आदान-प्रदान हुआ:
1.डिजिटल बदलाव के लिए जनसंख्या के पैमाने पर कार्यान्वित सफल डिजिटल समाधानों को साझा करने के क्षेत्र में सहयोग पर भारत गणराज्य के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और तंजानिया संयुक्त गणराज्य के सूचना, संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन।
2.व्हाइट शिपिंग जानकारी साझा करने पर भारत गणराज्य की भारतीय नौसेना और तंजानिया संयुक्त गणराज्य की तंजानिया शिपिंग एजेंसीज कॉर्पोरेशन के बीच तकनीकी समझौता।
3.वर्ष 2023-2027 के लिए भारत गणराज्य की सरकार और तंजानिया संयुक्त गणराज्य की सरकार के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम।
4.खेल के क्षेत्र में सहयोग पर तंजानिया की नेशनल स्पोर्ट्स कौंसिल और भारतीय खेल प्राधिकरण के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू)।
5.तंजानिया में एक औद्योगिक पार्क की स्थापना के लिए भारत गणराज्य के पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के तहत जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह प्राधिकरण और तंजानिया संयुक्त गणराज्य के तंजानिया इन्वेस्टमेंट सेंटर के बीच समझौता ज्ञापन।
6.समुद्री उद्योग में सहयोग पर कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड और मरीन सर्विसेज कंपनी लिमिटेड के बीच समझौता ज्ञापन।
राजनीतिक संबंध:
- क्षेत्रीय एवं वैश्विक मसलों पर द्विपक्षीय राजनीतिक जुड़ाव और रणनीतिक बातचीत बढ़कर नए स्तर पर जा पहुंची है।
- वैश्विक मामलों में हिंद-प्रशांत के लिए दृष्टिकोण और हिंद-प्रशांत पर हिंद महासागर रिम एसोसिएशन के विजन का क्रियान्वयन शामिल है।
- भारत और तंजानिया समुद्री पड़ोसी हैं जिनके बीच व्यापार और लोगों के बीच संबंधों का लंबा इतिहास है।
- ऐसे में भारत के ‘सागर’ (एसएजीएआर, क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) दृष्टिकोण में तंजानिया का एक महत्वपूर्ण स्थान है।
- त्वरित आर्थिक विकास के लिए अफ्रीका में ब्लू/महासागरीय अर्थव्यवस्था के विकास पर ध्यान देने वाला एयू का शांति एवं सुरक्षा दृष्टिकोण सागर विजन से काफी मेल खाता है, दोनों पक्षों ने हिंद-प्रशांत पर सहयोग को प्रोत्साहित किया।
- बड़ी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान बचाव एवं राहत अभियान चलाने के अपने अनुभवों को साझा करने के लिए उन्होंने भारत में सालाना मानवीय सहायता आपदा राहत (एचएडीआर) अभ्यास में तंजानिया के शामिल होने का स्वागत किया।
- दोनों पक्ष विदेश मंत्रियों के स्तर पर संयुक्त आयोग और नेताओं के बीच द्विपक्षीय बैठकों के माध्यम से उच्च-स्तरीय राजनीतिक वार्ता जारी रखने पर सहमत हुए।
रक्षा सहयोग:
- दोनों नेताओं ने 28 और 29 जून 2023 को अरुषा में आयोजित दूसरी संयुक्त रक्षा सहयोग समिति की सफल बैठक को लेकर संतोष जाहिर किया। इसके परिणामस्वरूप दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग के लिए पांच साल का रोडमैप तैयार हुआ।
- दोनों पक्षों ने अगस्त 2022 और फरवरी 2023 में तंजानिया के रक्षा मंत्रियों की सफल भारत यात्रा को याद किया, इस दौरान दोनों पक्ष रक्षा सहयोग का विस्तार करने पर सहमत हुए थे।
- दोनों नेताओं ने तंजानिया बलों के साथ-साथ उद्योगों के क्षमता निर्माण की दिशा में दोनों पक्षों के बीच सहयोग बढ़ने पर भी प्रसन्नता जाहिर की।
समुद्री सुरक्षा:
- यह मानते हुए कि भारत और तंजानिया समुद्री पड़ोसी हैं जो समुद्री सुरक्षा संबंधी सामान्य चुनौतियों का सामना करते हैं, दोनों पक्ष हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए।
- उन्होंने जुलाई 2023 में आयोजित पहले भारत-तंजानिया संयुक्त विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) निगरानी अभ्यास पर संतोष व्यक्त किया, तब भारतीय नौसेना का जहाज त्रिशूल जंजीबार और दार ए सलाम पहुंचा था।
- उन्होंने अक्टूबर 2022 में भारतीय नौसेना के जहाज तरकश की यात्रा के दौरान भारत और तंजानिया के द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास का जिक्र किया।
- तंजानियाई पक्ष ने हाल के वर्षों में भारत की ओर से देश के प्रमुख बंदरगाहों के हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षणों की सराहना की। इस प्रकार दोनों पक्ष इस क्षेत्र में भी सहयोग जारी रखने पर सहमत हुए।
- दोनों नेता अपने सशस्त्र बलों के बीच जानकारी, उपकरणों के तालमेल के साथ सहयोग बढ़ाने पर तत्पर हैं। उन्होंने भारतीय जहाजों के लगातार तंजानिया बंदरगाहों पर जाने का जिक्र किया।
- साथ ही अक्टूबर 2022 में भारतीय नौसेना के जहाज तरकश की यात्रा के दौरान मोजाम्बिक चैनल में भारत, तंजानिया और मोजाम्बिक के त्रिपक्षीय समुद्रीय अभ्यास की सराहना की।
- दोनों नेताओं ने भारत और तंजानिया के बीच व्हाइट शिपिंग सूचना (असैन्य जहाज के मूवमेंट की पहले दी गई जानकारी) साझा करने को लेकर तकनीकी समझौते पर हस्ताक्षर होने की सराहना की।
नीली अर्थव्यवस्था:
- तंजानिया पक्ष ने पर्यटन, समुद्री व्यापार, सेवाओं और बुनियादी ढांचे, समुद्री वैज्ञानिक अनुसंधान, समुद्री खनन की क्षमता, महासागर संरक्षण, समुद्री सुरक्षा एवं संरक्षा सहित नीली अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में भारत सरकार के साथ सहयोग करने में रुचि जाहिर की।
- भारत और तंजानिया शांतिपूर्ण, समृद्ध और स्थिर हिंद महासागर क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (आईओआरए) के ढांचे के तहत सहयोग करने पर सहमत हुए।
व्यापार और निवेश:
- दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय व्यापार की मात्रा बढ़ाने को लेकर प्रतिबद्धता जताई और इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को व्यापार के नए क्षेत्रों में संभावनाएं तलाशने का निर्देश दिया।
- इस बात पर भी सहमति बनी कि दोनों पक्षों को व्यापार मात्रा के डेटा में सामंजस्य स्थापित करना चाहिए और व्यापार प्रतिनिधिमंडलों के दौरे, व्यापार प्रदर्शनियों और कारोबारी समुदायों के साथ संवाद के जरिए द्विपक्षीय व्यापार की मात्रा को और बढ़ाने की पहल करनी चाहिए।
- तंजानियाई पक्ष ने स्वीकार किया कि तंजानिया के लिए भारत शीर्ष पांच निवेश स्रोतों में से एक है, जिसके तहत 3.74 अरब डॉलर की 630 निवेश परियोजनाएं पंजीकृत हैं और इससे 60 हजार नई नौकरियां पैदा हुई हैं।
- दोनों पक्ष तंजानिया में एक निवेश पार्क स्थापित करने की संभावना तलाशने पर भी सहमत हुए।
- दोनों नेताओं ने स्थानीय मुद्राओं में द्विपक्षीय व्यापार का विस्तार करने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने गौर किया कि भारतीय रिजर्व बैंक (भारत का केंद्रीय बैंक) ने स्थानीय मुद्राओं यानी भारतीय रुपये और तंजानियाई शिलिंग का इस्तेमाल कर कारोबार करने का रास्ता साफ कर दिया है।
- इसके तहत भारत में अधिकृत बैंकों को तंजानिया के संबंधित बैंकों के विशेष रुपी वोस्ट्रो खाते (एसआरवीए) खोलने की अनुमति दे दी है और इस प्रक्रिया के जरिए लेनदेन पहले ही अमल में लाया जा चुका है।
- दोनों पक्षों ने माना कि कृषि क्षेत्र में सहयोग संबंधों में एक मजबूत स्तंभ बना हुआ है।
- इसमें भारत की शुल्क मुक्त टैरिफ वरीयता (डीएफटीपी) योजना का इस्तेमाल करके तंजानिया से 98 प्रतिशत उत्पाद लाइनें बिना टैरिफ के आयात की जाती हैं।
- भारत तंजानिया के काजू, मसाले, एवोकाडो और खेती संबंधित दूसरी चीजों के लिए प्रमुख गंतव्य बना हुआ है।
विकास साझेदारी:
- तंजानिया ने जल, स्वास्थ्य, शिक्षा, क्षमता निर्माण, छात्रवृत्ति और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) सहित अन्य क्षेत्रों में भारत की विकास साझेदारी सहायता की काफी सराहना की।
- दोनों पक्षों ने भारत की ओर से तंजानिया को दी गई 1.1 अरब डॉलर से ज्यादा की क्रेडिट लाइन (एलओसी) पर संतोष व्यक्त किया, जिसमें पेयजल बुनियादी ढांचे, कृषि और रक्षा क्षेत्र शामिल किए गए हैं।
- इस बात पर विशेष रूप से गौर किया गया कि तंजानिया के 24 शहरों में 500 मिलियन डॉलर की जल परियोजनाएं इस समय लाइन ऑफ क्रेडिट योजना के जरिए संचालित की जा रही हैं।
- एक बार पूरी होने पर इन क्षेत्रों में रहने वाले करीब 60 लाख लोगों को आसानी से सुरक्षित पेयजल उपलब्ध हो सकेगा।
- तंजानियाई पक्ष ने इस बात की सराहना की कि भारतीय छात्रवृत्ति और क्षमता निर्माण कार्यक्रम ने उसके मानव संसाधन विकास में जबरदस्त योगदान दिया है।
- भारत ने 2023-24 में दीर्घकालिक कार्यक्रमों के लिए 70 भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) छात्रवृत्तियां और क्षमता निर्माण के लिए 450 भारतीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग (आईटीईसी) छात्रवृत्तियां दी हैं।
- भारतीय पक्ष ने घोषणा की कि वर्ष 2023-24 के लिए दीर्घकालिक छात्रवृत्तियों (आईसीसीआर) की संख्या 70 से बढ़ाकर 85 की गई है।
- ग्लोबल साउथ को लेकर अपनी प्रतिबद्धता के रूप में भारत ने तंजानिया के लिए 1000 अतिरिक्त आईटीईसी स्लॉट्स की घोषणा की, जिसका उपयोग 5 साल की अवधि में स्मार्ट पोर्ट, अंतरिक्ष, बायोटेक्नोलॉजी, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, एविएशन मैनेजमेंट आदि जैसे नए और उभरते क्षेत्रों में किया जाएगा।
शिक्षा, कौशल विकास और आईसीटी का विकास:
- भारतीय पक्ष ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) और डिजिटल यूनिक आइडेंटिटी (आधार) सहित इंडिया स्टैक के तहत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों और डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्रों में सहयोग की पेशकश की।
- तंजानियाई पक्ष ने पेम्बा, जंजीबार में एक व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र (वीटीसी) स्थापित करने और स्थानीय बाजार की मांग के आधार पर पाठ्यक्रम डिजाइन करने के लिए भारत के सहयोग का स्वागत किया।
- भारतीय पक्ष ने तंजानिया के युवाओं के प्रशिक्षण और कौशल वृद्धि के लिए भारत के व्यावसायिक कौशल केंद्रों की तर्ज पर व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थान स्थापित करने की पेशकश की है।
- तंजानिया ने दार ए सलाम इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और अरुशा में नेल्सन मंडेला अफ्रीकन इंस्टिट्यूट फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एनएमएआईएसटी) में दो आईसीटी केंद्र स्थापित करने के भारत के फैसले की प्रशंसा की।
- तंजानियाई पक्ष ने एनएम-एआईएसटी में आईसीटी केंद्र को अपग्रेड करने के लिए भी भारत की सराहना की।
जंजीबार में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास कैंपस:
- दोनों नेताओं ने जंजीबार में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के पहले विदेशी परिसर की स्थापना के महत्व को रेखांकित किया।
- वे इस बात पर भी सहमत हुए कि जंजीबार में आईआईटी के पास अफ्रीकी महाद्वीप में तकनीकी शिक्षा का अग्रणी केंद्र बनने की क्षमता है।
अंतरिक्ष सहयोग:
- तंजानियाई पक्ष ने 23 अगस्त 2023 को चांद की सतह पर चंद्रयान-3 के लैंडर की सफलतापूर्वक लैंडिंग पर भारतीय पक्ष को बधाई दी।
- भारतीय पक्ष ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तंजानिया को सहयोग की पेशकश की, जिसका तंजानिया पक्ष ने स्वागत किया।
स्वास्थ्य:
- जुलाई 2023 में तंजानिया की स्वास्थ्य मंत्री माननीय उम्मी मवालिमु (एमपी) की भारत यात्रा और भारत-यूएई के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल के अगस्त 2022 में तंजानिया के दौरे का जिक्र करते हुए, दोनों पक्षों ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई।
- तंजानियाई पक्ष ने भारत सरकार की ओर से डोनेशन के तौर पर 10 एंबुलेंस देने की सराहना की जिसका उद्देश्य रोगियों को जल्द चिकित्सा देखभाल उपलब्ध कराना और अस्पताल के बुनियादी ढांचे में सहयोग करना है।
- दोनों पक्षों ने अनुदान परियोजनाओं के कार्यान्वयन में द्विपक्षीय सहयोग के उत्कृष्ट ट्रैक रेकॉर्ड को भी रेखांकित किया, जिसमें रेडिएशन थेरपी मशीन ‘भाभाट्रॉन II’, जरूरी दवाओं का दान और कृत्रिम अंग शिविर का आयोजन शामिल है।
लोगों से लोगों का संबंध और सांस्कृतिक आदान-प्रदान:
- दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच लोगों का लोगों से मजबूत संपर्क, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, शैक्षणिक संबंध और पर्यटन के महत्व को रेखांकित किया।
- दोनों पक्ष सांस्कृतिक आदान-प्रदान में सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए और 2023-27 की अवधि के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम पर हस्ताक्षर किए जाने की सराहना की।
- भारतीय पक्ष ने तंजानिया को फरवरी 2024 में एनसीआर के सूरजकुंड (फरीदाबाद) में होने वाले आगामी सूरजकुंड मेले में पार्टनर देश बनने का निमंत्रण दिया।
- तंजानियाई पक्ष ने अपने देश में खेल की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए भारत से दो कबड्डी कोच भेजने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया।
- दोनों नेता दोनों देशों के विश्वविद्यालयों और थिंक टैंक के बीच घनिष्ठ सहयोग पर भी सहमत हुए हैं।
क्षेत्रीय मुद्दे:
- भारतीय पक्ष ने जुलाई और सितंबर 2023 में दो प्रमुख शिखर सम्मेलनों- क्रमश: अफ्रीकन ह्यूमन कैपिटल हेड्स ऑफ स्टेट समिट और अफ्रीका फूड सिस्टम्स समिट की सफलतापूर्वक मेजबानी करने के लिए तंजानिया को बधाई दी।
अंतरराष्ट्रीय मुद्दे:
- भारतीय पक्ष ने पूर्व अफ्रीकी समुदाय (ईएसी) के साथ संवाद बढ़ाने में सहयोग के लिए तंजानिया को धन्यवाद दिया।
- दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर दोनों देशों का रुख एकसमान है।
- यह भी कहा गया कि दोनों पक्षों की संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में सक्रिय भागीदारी है और उन्होंने क्षेत्रीय सुरक्षा पहलों में योगदान दिया है।
- दोनों पक्षों ने दक्षिण अफ्रीकी विकास समुदाय (एसएडीसी) के तहत तैनात शांति अभियानों में तंजानिया के योगदान को भी याद किया।
- भारत और तंजानिया ने सदस्यता की दोनों श्रेणियों में विस्तार के जरिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की जरूरत पर बल दिया।
- भारतीय पक्ष ने 2021-22 के लिए यूएनएससी के गैर-स्थायी सदस्य के रूप में भारत के कार्यकाल के दौरान तंजानिया के समर्थन और 2028-29 में यूएनएससी की गैर-स्थायी सदस्यता के लिए भारतीय उम्मीदवारी के लिए तंजानिया के समर्थन की सराहना की।
- तंजानियाई पक्ष ने भारत को जी20 की सफलतापूर्वक अध्यक्षता और सितंबर 2023 में जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में स्वीकार किए गए ‘जी20 नई दिल्ली नेताओं का घोषणापत्र’ के लिए बधाई दी।
- समिट के दौरान ही जी20 के नेताओं ने स्थायी सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ (एयू) का स्वागत किया था।
- भारतीय पक्ष ने भारत की जी20 प्रेसीडेंसी को तंजानिया के समर्थन और जनवरी 2023 में वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट में उसकी भागीदारी की सराहना की।
- तंजानियाई पक्ष ने कहा कि जी-20 में एयू का प्रवेश बहुपक्षीय आर्थिक सहयोग के प्रमुख वैश्विक मंच पर अफ्रीका की आवाज के विस्तार की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे अफ्रीका को सकारात्मक रूप से लाभ होगा।
- समिट के दौरान ही जी20 के नेताओं ने स्थायी सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ (एयू) का स्वागत किया था।
- भारतीय पक्ष ने इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस (आईबीसीए) और ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस (जीबीए) में शामिल होने के तंजानिया के फैसले का स्वागत किया।
- साथ ही आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन (सीडीआरआई) में तंजानिया की सदस्यता की उम्मीद जताई।
- दोनों नेताओं ने आतंकवाद के सभी रूपों की कड़ी निंदा की, वे चाहे कभी भी, कहीं भी और किसी के द्वारा किया गया हो।
- साथ ही सीमा पार आतंकवाद के लिए आतंकी प्रॉक्सी के इस्तेमाल की भी घोर निंदा की गई।
- वे इस बात पर सहमत हुए कि आतंकवाद वैश्विक शांति, सुरक्षा और स्थिरता के सबसे गंभीर खतरों में से एक है और इससे गंभीरता से निपटा जाना चाहिए।
पृष्ठ्भूमि:
- राष्ट्रपति सामिया सुलुहू हसन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बेहद गर्मजोशी और सौहाद्रपूर्ण माहौल में आधिकारिक द्विपक्षीय वार्ता की और पारस्परिक हित के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मसलों पर विचार साझा किए।
- दोनों नेताओं ने मौजूदा घनिष्ठ, सौहाद्रपूर्ण और सहयोगात्मक संबंधों की सराहना की और यह भी कहा कि भारत और तंजानिया के संबंध समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं।
- दोनों देशों के साझा मूल्यों और आदर्शों का लंबा इतिहास रहा है।
- दोनों ने स्वीकार किया कि जुलाई 2016 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तंजानिया यात्रा से द्विपक्षीय संबंध और गहरे हुए, जिससे विकास संबंधी सहयोग को बढ़ावा मिला।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1. 8 अक्टूबर को विश्व डिस्लेक्सिया दिवस आयोजित किया गया:
- विश्व डिस्लेक्सिया दिवस का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है।
- यह एक सामान्य शिक्षण विकार है जो किसी व्यक्ति की ठीक से पढ़ने और लिखने की क्षमता को प्रभावित करता है।
- डिस्लेक्सिया से पीड़ित लोगों के लिए धाराप्रवाह पढ़ना और लिखना चुनौतीपूर्ण कार्य है। डिस्लेक्सिया से पीड़ित व्यक्ति अक्सर तेजी से पढ़ने और लिखने में असमर्थ होते हैं। इस कार्य में उनसे गलतियां हो जाती हैं।
- डिस्लेक्सिया से पीड़ित व्यक्तियों को पढ़ने, लिखने, शब्दावली और उन कार्यों में कठिनाई हो सकती है जिनमें हाथ-आँख के समन्वय की आवश्यकता होती है।
- विश्व डिस्लेक्सिया दिवस के आयोजन का उद्देश्य इन मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और इस तरह के विकार के प्रबंधन के लिए कार्यप्रणाली और कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है।
- इसका उद्देश्य समावेशिता, शिक्षा तक पहुंच और डिस्लेक्सिया से पीड़ित व्यक्तियों को उनके सीखने के प्रयासों में समर्थन देने के लिए प्रभावी रणनीतियों को कार्यरूप में परिणत करने हेतु बढ़ावा देना है।
- भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत दिव्यांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) देश के दिव्यांग व्यक्तियों के सभी विकास एजेंडे की देखभाल करने वाला नोडल विभाग है।
2. वार्षिक संयुक्त एचएडीआर अभ्यास 2023-(चक्रवात 2023):
- वार्षिक संयुक्त एचएडीआर अभ्यास (AJHE) संयुक्त कमांडरों के सम्मेलन-2015 के दौरान घोषित प्रधानमंत्री के निर्देश का परिणाम है।
- 2015 में अपने पहले संस्करण के बाद से वार्षिक संयुक्त एचएडीआर अभ्यास, चक्रवात ने खुद को एक बहु-एजेंसी प्रयास में बदल दिया है, जिसमें तीनों सेवाओं, अर्धसैनिक बलों के साथ-साथ अनेक आपदा प्रतिक्रिया संगठनों, गैर सरकारी संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों की भागीदारी शामिल है।
- 2023 संस्करण सभी हितधारकों के बीच राष्ट्रीय स्तर पर प्रयासों को और अधिक समन्वित करेगा, साथ ही हिंद महासागर क्षेत्र के आठ देशों की भागीदारी भी देखेगा।
- यह अभ्यास 2016 से भारतीय सेना, भारतीय नौसेना (आईएन) और भारतीय वायु सेना (आईएएफ) द्वारा बारी-बारी से आयोजित किया जाता है।
- अभ्यास का अंतिम संस्करण आईएएफ द्वारा आगरा में आयोजित किया गया था।
- अभ्यास का 2023 संस्करण 09 से 11 अक्टूबर 23 तक गोवा में भारतीय नौसेना द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
- मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) संचालन भारतीय नौसेना की सौम्य भूमिका में एक प्रमुख घटक है, क्योंकि जलवायु परिवर्तन ने प्राकृतिक आपदाओं के प्रति हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) की अतिसंवेदनशीलता में काफी वृद्धि की है।
- जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौती इस तेजी से बढ़ते खतरे से निपटने के लिए तटीय आईओआर राज्यों की सीमित क्षमता के कारण और भी बढ़ गई है।
- तीन दिन के लिए नियोजित एजेएचई-23 में एक सेमिनार, एक टेबल-टॉप अभ्यास और एक बहु-एजेंसी क्षमता प्रदर्शन शामिल है।
- इस अभ्यास में विभिन्न राष्ट्रीय एजेंसियों अर्थात् राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम), भारतीय सेना, भारतीय नौसेना, भारतीय वायु सेना, तटरक्षक बल, भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी), राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग एजेंसियां (एनआरएसए), राज्य आपदा प्रबंधन एजेंसी (एसडीएमए) और राज्य अग्निशमन सेवा, गोवा, उत्तर और दक्षिण की जिला आपदा प्रबंधन एजेंसी (डीडीएमए), गोवा, भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (आईएनसीओआईएस), केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी), रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) और मित्रवत विदेशी देशों के प्रतिनिधियों की भागीदारी देखी जाएगी।
- इस वर्ष के अभ्यास के प्रतीक चिन्ह में सभी भाग लेने वाली एजेंसियों के शिखर और प्रतीक चिन्ह और सभी देशों के झंडों को एक ही इकाई में दर्शाया गया है, जो दर्शाता है कि एचएडीआर सभी एजेंसियों द्वारा संयुक्त और एकीकृत कार्रवाई पर निर्भर करेगा।
3. डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन (डीएमएफ):
- डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन (डीएमएफ) 23 राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों के 644 जिलों में स्थापित किए गए हैं, जहां डीएमएफ संबंधी नियम लागू हैं।
- देश के सत्रह राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों ने इस साल अगस्त तक सभी जिलों में डीएमएफ का गठन कर लिया है।
- जिलों में डीएमएफ का गठन करने वाले राज्य हैं: आंध्र प्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश, केरल, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, छत्तीसगढ़, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, गोवा, असम और जम्मू एवं कश्मीर।
- डीएमएफ के तहत उच्च प्राथमिकता वाले कार्य (60 प्रतिशत) शिक्षा, पेयजल आपूर्ति, स्वास्थ्य, महिलाओं एवं बच्चों के कल्याण, पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण के उपाय, कौशल विकास, स्वच्छता आदि जैसे क्षेत्रों पर केन्द्रित हैं।
- वहीं, अन्य प्राथमिकता वाले कार्य के तहत (40 प्रतिशत), परियोजनाएं मुख्य रूप से भौतिक बुनियादी ढांचे, सिंचाई, ऊर्जा, वाटर शेड के विकास आदि जैसे क्षेत्रों से संबंधित हैं।
- ये योजनाएं विश्वविद्यालयों/प्रसिद्ध संगठनों/एजेंसियों या किसी विभाग द्वारा किए गए आधारभूत सर्वेक्षण या मूल्यांकन के माध्यम से पहचाने गए निष्कर्षों और अंतरालों पर आधारित होंगी।
- अप्रैल, 2021 में केन्द्र ने व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए राज्यों को डीएमएफ की गवर्निंग काउंसिल में सांसदों, विधायकों और विधान परिषद के सदस्यों (एमएलसी) को शामिल करने का आदेश जारी किया।
- एक गैर-लाभकारी संस्था के रूप में काम करने वाले डीएमएफ का उद्देश्य खनन से संबंधित गतिविधियों से प्रभावित व्यक्तियों और क्षेत्रों के हितों एवं लाभ के लिए राज्य सरकार द्वारा निर्धारित तरीके से काम करना है।
- सरकार ने खनन प्रभावित व्यक्तियों की स्थिति में सुधार लाने और सभी हितधारकों के लिए लाभकारी स्थिति बनाने हेतु संबंधित क्षेत्रों के डीएमएफ द्वारा कार्यान्वित की जाने वाली प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (पीएमकेकेकेवाई) का शुभारंभ किया।
4. भारत-पेरू व्यापार समझौते के लिए वार्ताओं का पहला चरण:
- भारत-पेरू व्यापार समझौते के लिए वार्ता का एक विशेष चरण वर्चुअल माध्यम से 10-11 अक्टूबर, 2023 को आयोजित होने जा रहा है।
- इस विशेष चरण के दौरान शुरुआती प्रावधान और सामान्य परिभाषाएं, ओरिजिन के नियम, माल में व्यापार, सीमा शुल्क प्रक्रियाएं और व्यापार सहूलियत, व्यापार में तकनीकी बाधाएं, स्वच्छता और पादप स्वच्छता संबंधी उपायों, सामान्य और सुरक्षा अपवाद, सहयोग और कानूनी एवं संस्थागत मुद्दों/ विवाद निपटान सहित विभिन्न अध्यायों पर चर्चाएं होने की उम्मीद है।
- भारत-पेरू व्यापार समझौते के लिए वार्ताएं वर्ष 2017 में शुरू हुई थीं और अगस्त, 2019 में इनके पांचवें चरण का समापन हुआ। कोविड के चलते, वार्ताओं पर रोक लग गई थी।
- यह अनुमान लगाया गया है कि व्यापार समझौते से व्यापार, निवेश को काफी प्रोत्साहन मिलेगा और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ेगा। अब वार्ता का छठा दौर दिसंबर, 2023 में पेरू के लीमा में आयोजित होने वाला है।
- भारत और पेरू के बीच व्यापार संबंधों में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान, द्विपक्षीय व्यापार 3.12 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया।
- भारत ने पेरू को 865.91 मिलियन डॉलर मूल्य का सामान निर्यात किया और पेरू से 2.25 बिलियन डॉलर सामान आयात किया।
- भारत से पेरू को होने वाले प्रमुख निर्यात में मोटर वाहन/ कारें, सूती धागा और फार्मास्यूटिकल्स शामिल हैं, जबकि पेरू मुख्य रूप से भारत को सोना, तांबा अयस्क और कंसंट्रेट्स का निर्यात करता है।
5. विदेश व्यापार नीति 2023 के तहत प्रणाली आधारित स्वचालित ‘अवस्था धारक’ (Status Holder) प्रमाणपत्र का अनावरण:
- केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण तथा वस्त्र मंत्री श्री पीयूष गोयल ने निर्यात संवर्धन परिषदों के साथ एक बैठक में, विदेश व्यापार नीति (एफ़टीपी) 2023 के तहत प्रणाली आधारित स्वचालित ‘अवस्था धारक’ (Status Holder) प्रमाणपत्र जारी करने की एक महत्वपूर्ण पहल का अनावरण किया।
- अब निर्यातक को अवस्था प्रमाणपत्र के लिए विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के कार्यालय में आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी और वाणिज्यिक खुफिया और सांख्यिकी महानिदेशालय (डीजीसीआईएस) के पास उपलब्ध माल निर्यात इलेक्ट्रॉनिक डेटा और अन्य जोखिम मानदंडों के आधार पर आईटी प्रणाली द्वारा निर्यात मान्यता प्रदान की जाएगी।
- यह परिप्रेक्ष्य कार्य करने का एक आदर्श बदलाव है, क्योंकि यह न केवल अनुपालन बोझ को कम करता है और व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देता है, बल्कि सरकार के भीतर सहयोग की आवश्यकता और महत्व की भी पहचान करता है।
- वर्तमान में, निर्यातक को अवस्था प्रमाणपत्र के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट से निर्यात प्रमाणपत्र के साथ एक ऑनलाइन आवेदन दाखिल करना आवश्यक है।
- नई व्यवस्था से एक सरल प्रक्रिया बनेगी, जहां निर्यातकों से कोई आवेदन आमंत्रित नहीं किया जाएगा और भागीदार सरकारी एजेंसी यानी डीजीसीआईएस के पास उपलब्ध वार्षिक निर्यात आंकड़ों के आधार पर हर साल अगस्त में प्रमाणपत्र दिया जाएगा।
- वर्तमान में, निर्यातक को अवस्था प्रमाणपत्र के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट से निर्यात प्रमाणपत्र के साथ एक ऑनलाइन आवेदन दाखिल करना आवश्यक है।
- अवस्था धारक प्रमाणन कार्यक्रम भारतीय निर्यातकों को अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में विश्वसनीयता प्रदान करता है।
- इस नई प्रणाली के लॉन्च के साथ, वाणिज्य विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय एफटीपी 2023 के तहत लगभग 20,000 निर्यातकों को अवस्था धारक के रूप में मान्यता देगा, जो 12,518 निर्यातकों की पिछली संख्या से एक बड़ी छलांग होगी।
- अवस्था प्रमाणन में सबसे बड़ी वृद्धि 1 स्टार श्रेणी में देखी गई है, जो सबसे निचली श्रेणी है और इस श्रेणी में पिछले 3 वित्तीय वर्षों और चालू वित्तीय वर्ष के 3 महीनों में कम से कम 3 मिलियन अमेरिकी डॉलर के निर्यात प्रदर्शन की आवश्यकता होती है।
- इससे सरकार को बड़ी संख्या में छोटी निर्यातक संस्थाओं को मार्गदर्शन व अन्य सहायता देने तथा एक जीवंत निर्यात इकोसिस्टम बनाने में और 2030 तक 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के हमारे निर्यात लक्ष्य तक पहुंचने में मदद मिलेगी।
- डिजिटल इंडिया पहलों के अनुरूप, विभिन्न ई-पहल पहले ही लागू की जा चुकी हैं, जहां किसी भौतिक परीक्षण या प्रसंस्करण की आवश्यकता नहीं है और जोखिम प्रबंधन प्रणाली और निर्यातक की स्व-घोषणा के आधार पर एफटीपी 2023 के तहत विभिन्न अनुमतियां/प्राधिकरण जारी किए जाते हैं, जिनमें आयातक निर्यातक कोड संख्या (आईईसी) को 24X7 ऑनलाइन जारी करना, अग्रिम प्राधिकरण जारी करना और इसका नवीनीकरण करना आदि शामिल हैं।
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