विषयसूची:
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11 April 2024 Hindi PIB
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1. राष्ट्रपति ने विश्व होम्योपैथी दिवस पर होम्योपैथी संगोष्ठी का उद्घाटन किया:
सामान्य अध्ययन: 2
स्वास्थ्य:
स्वास्थ्य,शिक्षा,मानव संसाधनों से सम्बंधित सामाजिक क्षेत्र /सेवाओं के विकास एवं उनसे प्रबंधन से सम्बंधित मुद्दे।
प्रारंभिक परीक्षा: विश्व होम्योपैथी दिवस।
प्रसंग:
- राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने विश्व होम्योपैथी दिवस के अवसर पर 10 अप्रैल, 2024 को नई दिल्ली में केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद की ओर से आयोजित दो दिवसीय होम्योपैथी संगोष्ठी का उद्घाटन किया।
उद्देश्य:
- दुनिया भर में होम्योपैथी की प्रभावकारिता और स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए वैश्विक सहयोग के आह्वान के साथ होम्योपैथी संगोष्ठी नई दिल्ली में संपन्न हुई।
- दो दिवसीय कार्यक्रम में भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु की उपस्थिति में होम्योपैथी और आयुष के क्षेत्र में सात पद्म पुरस्कार विजेताओं ने हिस्सा लिया।
- इस कार्यक्रम की थीम, “अनुसंधान को सशक्त बनाना, दक्षता बढ़ाना” थी।
विवरण:
- राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि होम्योपैथी को अनेक देशों में एक सरल और सुलभ उपचार पद्धति के रूप में अपनाया गया है।
- पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय तथा स्थानीय स्तर पर अनेक संस्थान होम्योपैथी को प्रोत्साहित कर रहे हैं।
- राष्ट्रपति ने भारत में होम्योपैथी को बढ़ावा देने में योगदान के लिए आयुष मंत्रालय, केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद, राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग, राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान तथा केंद्र सरकार के ऐसे सभी संस्थानों की सराहना की।
- राष्ट्रपति ने कहा कि 21वीं सदी में अनुसंधान का महत्व निरंतर बढ़ रहा है।
- इस दृष्टि से संगोष्ठी का विषय ‘अनुसंधान को सशक्त बनाना, प्रवीणता में वृद्धि’ बहुत प्रासंगिक है।
- होम्योपैथी की स्वीकार्यता और लोकप्रियता को और बढ़ाने में अनुसंधान और दक्षता महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
- राष्ट्रपति ने कहा कि अनेक लोग ऐसे व्यक्ति के साथ अनुभव साझा करते हैं जिसे विभिन्न तरीकों से इलाज किए जाने के बाद निराशा रही और उसे होम्योपैथी पद्धति के चमत्कार से लाभ हुआ।
- लेकिन,ऐसे अनुभवों को वैज्ञानिक समुदाय में केवल तभी माना जा सकता है जब तथ्यों और विश्लेषण के साथ प्रस्तुत किया जाए।
- व्यापक स्तर पर किए गए इस तरह के तथ्यात्मक विश्लेषण को प्रामाणिक चिकित्सा अनुसंधान (ऑथेंटिक मेडिकल रिसर्च) कहा जाता है।
पृष्ठ्भूमि:
- भारत में विश्व होम्योपैथी दिवस का मनाना न बस नैदानिक अनुभवों को साझा करने का एक मौका है,बल्कि होम्योपैथी के विकास के लिए नीतिगत मुद्दों पर चर्चा करने का भी।
- होम्योपैथी ने सरकारी संरक्षण के कारण एक व्यापक आधारभूत संरचना विकसित की है, और भारत इस चिकित्सा प्रणाली में एक वैश्विक अग्रणी बन गया है।
- सार्वजनिक लाभ में इसे परिवर्तित करने के लिए साक्ष्य-आधारित अनुसंधान होम्योपैथी की उपस्थिति को और बढ़ाएगा।
2. भारत-पेरू व्यापार समझौता वार्ता का 7वां दौर नई दिल्ली में संपन्न हुई:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/ या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
प्रारंभिक परीक्षा: भारत-पेरू व्यापार समझौता वार्ता।
मुख्य परीक्षा: भारत-पेरू सम्बन्ध।
प्रसंग:
- भारत-पेरू व्यापार समझौते के लिए सातवें दौर की वार्ता 8 अप्रैल से 11 अप्रैल, 2024 तक नई दिल्ली, भारत में आयोजित हुई।
उद्देश्य:
- चर्चा में एक-दूसरे की प्राथमिकताओं और चिंताओं को समझना और यह सुनिश्चित करना शामिल था कि बातचीत आपसी सम्मान और लाभ पर आधारित हो।
- सातवें दौर की वार्ता की शुरुआत में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग के वाणिज्य सचिव ने कहा कि भारत-पेरू राजनयिक संबंधों की शुरुआत 1960 के दशक में हुई थी।
- सुश्री टेरेसा स्टेला मेरा गोमेज़, विदेश व्यापार उप मंत्री, पेरू की भारत यात्रा और अगस्त, 2023 में 9वें सीआईआई भारत-एलएसी सम्मेलन के दौरान हुई द्विपक्षीय चर्चाओं का उल्लेख किया, जिन्होंने वार्ता को फिर से शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
विवरण:
- बातचीत का मूल सिद्धांत एक-दूसरे की ताकत को समझना और संवेदनशीलता का सम्मान करना होना चाहिए।
- दो महीने के भीतर दो दौर की बातचीत आयोजित होना ही अपने आप में दोनों देशों के बीच गहरे आर्थिक सहयोग की इच्छा का प्रमाण है। इसके लिए प्रभावी और फास्ट ट्रैक के साथ वार्ता की आवश्यकता पर जोर दिया।
- हाल की वार्ताओं ने एक मजबूत आधार के लिए जमीनी कार्य किया है।
- पेरू गणराज्य के विदेश व्यापार और पर्यटन मंत्रालय के तहत एशिया, ओशिनिया और अफ्रीका के निदेशक तथा पेरू के मुख्य वार्ताकार श्री गेरार्डो एंटोनियो मेजा ग्रिलो ने उल्लेख किया कि 2019 के बाद वार्ता फिर से शुरू होना महत्वपूर्ण है, जो दोनों पक्षों की प्रतिबद्धता और रुचि को दर्शाता है। इस बात पर जोर दिया कि बातचीत करने वाले पक्ष आपसी समाधान तक पहुंचने के लिए लचीला और व्यावहारिक रुख अपनाएंगे।
- वार्ता के इस दौर में, विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई, जिनमें वस्तुओं के व्यापार, सेवाओं में व्यापार, व्यक्तियों की आवाजाही, उत्पत्ति के नियम, स्वच्छता और पादप स्वच्छता उपाय, व्यापार में तकनीकी बाधाएं, सीमा शुल्क प्रक्रियाएं और व्यापार सुविधा, प्रारंभिक प्रावधान और सामान्य परिभाषाएँ, कानूनी और संस्थागत प्रावधान, अंतिम प्रावधान, व्यापार उपाय, सामान्य और सुरक्षा अपवाद, विवाद निपटान और सहयोग इत्यादि शामिल थे।
- दोनों पक्षों से लगभग साठ प्रतिनिधियों ने वार्ता में भाग लिया। पेरू के प्रतिनिधिमंडल में विदेश व्यापार और पर्यटन मंत्रालय तथा विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि शामिल थे।
- भारतीय प्रतिनिधियों में वाणिज्य विभाग, विदेश व्यापार महानिदेशालय, राजस्व विभाग, उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग के अधिकारी और कानूनी और आर्थिक विशेषज्ञ शामिल थे।
- वार्ता के दौरान दोनों पक्षों के बीच समझौते पर पर्याप्त सहमति बनी और आकांक्षाओं और संवेदनाओं पर विस्तृत चर्चा हुई।
- पेरू लैटिन अमेरिकी और कैरेबियाई क्षेत्र में भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बनकर उभरा है।
- पिछले दो दशकों में, भारत और पेरू के बीच व्यापार 2003 के 66 मिलियन डॉलर से बढ़कर 2023 में लगभग 3.68 बिलियन डॉलर हो गया है।
- वार्ता के तहत हुआ व्यापार समझौता, विभिन्न क्षेत्रों में भविष्य के सहयोग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिससे पारस्परिक लाभ और उन्नति के मार्ग खुलेंगे।
- अगले दौर की वार्ता जून, 2024 में संभावित है। इससे पहले, वीसी पर अंतर-सत्रीय वार्ता आयोजित होगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दोनों पक्षों के अगले दौर की वार्ता से पहले लंबित मुद्दों का समाधान हो जाए।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
आज इससे सम्बंधित कुछ नहीं हैं।
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