विषयसूची:
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1.आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए राष्ट्रीय मंच का तीसरा सत्र
सामान्य अध्ययन: 3
आपदा प्रबंधन:
विषय: आपदा और आपदा प्रबंधन
प्रारंभिक परीक्षा: आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर प्रधानमंत्री के 10 सूत्री एजेंडे और सेंदाई फ्रेमवर्क के बारे में
संदर्भ:
- प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव ने आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए राष्ट्रीय मंच के तीसरे सत्र के समापन कार्यक्रम को संबोधित किया।
विवरण:
- इस सत्र का विषय ‘बदलती जलवायु में स्थानीय स्तर पर मजबूती सुनिश्चित करना’ था।
- इस अवसर पर प्रधानमंत्री के 10-सूत्री एजेंडे का उल्लेख किया गया, जो आपदा जोखिम प्रबंधन में स्थानीय क्षमताओं और पहलों तथा विशेषकर महिलाओं के नेतृत्व के निर्माण की आवश्यकता पर बल देता है।
- प्रधान सचिव के अनुसार सत्र की कार्यवाहियों से प्राप्त सीख से प्रधानमंत्री के दस सूत्री एजेंडे और सेंडाई फ्रेमवर्क को लागू किया जाएगा।
- प्रमुख सचिव ने सेंडाई फ्रेमवर्क की धीमी प्रगति के बारे में हितधारकों को सचेत किया, जिसकी सप्ताह भर में आठवीं वर्षगांठ मनाई जाने वाली है।
- गौरतलब है कि इस 15-वर्ष के फ्रेमवर्क का आधे से अधिक समय बीत चुका है और दुनिया सेंडाई लक्ष्यों को हासिल करने से अभी तक दूर है।
- हमें आपदा जोखिम प्रबंधन की अधिक प्रभावी, अधिक प्रतिक्रियाशील प्रणाली बनाने के लिए खुद को फिर से समर्पित करना चाहिए ताकि अधिक मजबूत समुदायों के साथ सुरक्षित देश और सुरक्षित विश्व की दिशा में काम किया जा सके।
सेंडाई फ्रेमवर्क:
- आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए सेंडाई फ्रेमवर्क 2015-2030 (सेंडाई फ्रेमवर्क) 2015 के बाद के विकास एजेंडे का पहला बड़ा समझौता था जो सदस्य राज्यों को आपदा के जोखिम से विकास लाभ की रक्षा के लिए ठोस कार्यवाही प्रदान करता है।
- सेंडाई फ्रेमवर्क अन्य 2030 एजेंडा समझौतों के साथ काम करता है, जिसमें जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौता, विकास के लिए वित्त पोषण पर अदीस अबाबा एक्शन एजेंडा, नया शहरी एजेंडा और अंततः सतत विकास लक्ष्य शामिल हैं।
- आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर 2015 के तीसरे संयुक्त राष्ट्र विश्व सम्मेलन के बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा इसका समर्थन किया गया था, तथा जीवन, आजीविका और स्वास्थ्य और व्यक्तियों, व्यवसायों, समुदायों और देशों की आर्थिक, भौतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय संपत्ति में आपदा जोखिम और नुकसान में पर्याप्त कमी पर जोर दिया गया।
- यह मानता है कि आपदा जोखिम को कम करना राज्य की प्राथमिक भूमिका है लेकिन उस जिम्मेदारी को स्थानीय सरकार, निजी क्षेत्र और अन्य हितधारकों सहित अन्य हितधारकों के साथ साझा किया जाना चाहिए।
- सेंडाई फ्रेमवर्क एक प्रगतिशील ढाँचा है और इस महत्त्वपूर्ण फ्रेमवर्क का उद्देश्य 2030 तक आपदाओं के कारण महत्त्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे को होने वाले नुकसान और प्रभावित लोगों की संख्या को कम करना है।
- यह 15 वर्षों के लिये स्वैच्छिक और गैर-बाध्यकारी समझौता है, जिसके अंतर्गत आपदा जोखिम को कम करने के लिये राज्य की भूमिका को प्राथमिक माना जाता है, लेकिन यह ज़िम्मेदारी अन्य हितधारकों समेत स्थानीय सरकार और निजी क्षेत्र के साथ साझा की जानी चाहिए।
आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर प्रधानमंत्री का 10 सूत्री एजेंडा:
- सभी विकास क्षेत्र आपदा जोखिम प्रबंधन के सिद्धांतों को अपनाएं।
- गरीब परिवार से लेकर, एसएमई से लेकर एमएनसी तक रिस्क कवरेज की तरफ काम करें।
- आपदा जोखिम प्रबंधन में महिलाओं के नेतृत्व और अधिक से अधिक भागीदारी को बढ़ावा दिया जाए।
- विश्व स्तर पर रिस्क मैपिंग में निवेश किया जाए।
- आपदा जोखिम प्रबंधन के प्रयासों की दक्षता बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉजी का फायदा उठाया जाए।
- आपदा मुद्दों पर काम करने के लिए विश्वविद्यालयों का एक नेटवर्क तैयार किया जाए।
- सोशल मीडिया और मोबाइल टेक्नोलॉजी द्वारा दी गयी सुविधाओं का उपयोग किया जाए।
- स्थानीय क्षमता पर निर्माण और आपदा जोखिम न्यूनीकरण बढ़ाने की पहल करे।
- किसी भी आपदा से सीखने का मौका नहीं गवाना चाहिए।
- आपदाओं के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया में अधिक से अधिक सामंजस्य लाया जाए।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1.प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान (पीएम विकास):
- वित्तीय वर्ष 2023-24 बजट पेश करने के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना को आरंभ करने की घोषणा की गई है।
- इस योजना को देश के परिकल्पना पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए शुरू किया जा रहा है।
- प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान के माध्यम से सरकार द्वारा पारंपारिक कलाकारों और शिल्पकारों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
- पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान (पीएम विकास) का उद्देश्य कारीगरों/शिल्पकारों को घरेलू और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के साथ एकीकृत करके उत्पादों/सेवाओं की गुणवत्ता, पैमाने और पहुंच में सुधार करना है।
- छोटे कारीगर स्थानीय शिल्प के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और पीएम विश्वकर्मा योजना उन्हें सशक्त बनाने पर केंद्रित है।
2.भारत और ऑस्ट्रेलिया राष्ट्रीय चुनौतियों और साझा प्राथमिकताओं के क्षेत्रों में नवोन्मेषण को प्रेरित करने के लिए एकजुट होकर काम करेंगे:
- अटल इनोवेशन मिशन, नीति आयोग और ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय विज्ञान एजेंसी कॉमनवेल्थ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन ने दोनों देशों की राष्ट्रीय चुनौतियों और प्राथमिकताओं के क्षेत्रों में नवोन्मेषण गतिविधियों को प्रेरित करने के लिए संयुक्त सहयोग को प्रोत्साहित करने हेतु एक आशय पत्र पर हस्ताक्षर किया है।
- अटल इनोवेशन मिशन और कॉमनवेल्थ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन के बीच आशय पत्र में परस्पर हित और रणनीतिक प्राथमिकताओं के क्षेत्रों में अधिक सहयोग की अपील की गई है और यह अधिक कार्यक्रम विशिष्ट युक्तियों के विकास को सुगम बनाने के उद्देश्य से सहयोग के लिए एक सामान्य संरचना के रूप में कार्य करता है।
- द्विपक्षीय सहयोग का मूल भारत ऑस्ट्रेलिया नवोन्मेषण एवं प्रौद्योगिकी चुनौती (IA-ITC) है – जो एक ऐसा कार्यक्रम है जिसकी परिकल्पना भारत और ऑस्ट्रेलिया के नवोन्मेषण इकोसिस्टम को एक साथ लाने के लिए की गई है जिससे कि स्टार्ट-अप और SME के साथियों की उनके व्यावसायीकरण मार्गों पर सहायता करने और चक्रीय अर्थव्यवस्था, ऊर्जा पारगमन और खाद्य प्रणाली अनुकूलता आदि में फैले नवोन्मेषी तकनीक-आधारित समाधानों को बाजार में लाने के जरिए हमारी साझा पर्यावरणगत और आर्थिक चुनौतियों पर ध्यान दिया जा सके।
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य दोनों देशों के नवोन्मेषी इकोसिस्टम की पूरक क्षमताओं और संसाधनों का लाभ उठाना है।
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