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11 नवंबर 2023 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. ग्रामीण विकास मंत्रालय का जेंडर आधारित हिंसा के विरुद्ध राष्ट्रीय अभियान – ‘नई चेतना- 2.0’ का समर्थन करने के लिए नौ मंत्रालय एकजुट हुए
  2. वार्षिक नौसेना शिक्षा समिति सम्मेलन – 2023 का पोरबंदर में आयोजन
  3. रियर एडमिरल राजेश धनखड़ ने पूर्वी बेड़े की कमान संभाली
  4. 54वें इफ्फी महोत्सव 2023 में ‘गाला प्रीमियर’ केंद्र में होंगे

ग्रामीण विकास मंत्रालय का जेंडर आधारित हिंसा के विरुद्ध राष्ट्रीय अभियान – ‘नई चेतना- 2.0’ का समर्थन करने के लिए नौ मंत्रालय एकजुट हुए

सामान्य अध्ययन: 2

सामाजिक न्याय

विषय: केन्द्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिये कल्याणकारी योजनाएँ और इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन; इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिये गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय।

मुख्य परीक्षा: जेंडर आधारित हिंसा के खिलाफ राष्ट्रीय अभियान ‘नई चेतना – 2.0’

प्रसंग:

  • ग्रामीण विकास मंत्रालय ने जेंडर आधारित हिंसा के खिलाफ अपने राष्ट्रीय अभियान ‘नई चेतना – 2.0’ के दूसरे वर्ष के लिए अपनी योजनाओं की घोषणा की। इस संदर्भ में 10 अक्टूबर को एक अंतर- मंत्रालयी बैठक हुई, जिसमें नौ संबंधित मंत्रालयों [DAY-NRLM (दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन)] की भागीदारी देखी गई। इसका आयोजन जेंडर-आधारित हिंसा से बचे लोगों (उत्‍तरजीवियों) के लिए सामूहिक रूप से निवारण तंत्र को मजबूत करने के लिए समन्वय को बढ़ावा देने के लिए किया गया।

विवरण:

  • यह अभियान 25 नवंबर से शुरू किया जाना है, जो महिलाओं के खिलाफ हिंसा उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस है।
  • इस अभियान का 34 भारतीय राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में 23 दिसंबर तक आयोजन किया जाएगा। वार्षिक अभियान का नेतृत्व जन आंदोलन की भावना के साथ, 9.8 करोड़ से अधिक ग्रामीण महिला सदस्यों के DAY-NRLM के स्वयं सहायता समूहों के नेटवर्क द्वारा किया जाएगा।
  • NFHS-5 के आंकड़ों से पता चलता है कि 77 प्रतिशत से अधिक महिलाएं अभी भी हिंसा के अपने अनुभव के बारे में रिपोर्ट नहीं करती हैं, या उसके बारे में बात नहीं करती हैं। इस तरह के निष्कर्षों और देश भर में स्वयं-सहायता समूह की महिला सदस्यों की हिंसा के अनुभवों से इस पहल को प्रेरणा मिली है।
  • नई चेतना अभियान का उद्देश्य महिलाओं और विभिन्‍न जेंडरों के व्यक्तियों के अधिकारों को आगे बढ़ाना तथा उनके जीवन को भय और जेंडर-आधारित भेदभाव से मुक्‍त करना है।
  • इन अभियान गतिविधियों से स्वयं सहायता समूह के सदस्यों के बीच जेंडर- आधारित हिंसा (GBV) के बारे में जागरूकता बढ़ेगी और GBV रिपोर्टिंग को बढ़ावा मिलेगा।
  • यह अभियान उन सामाजिक मानदंडों पर भी ध्‍यान देगा (समाधान ढूंढने की कोशिश करना), जो हिंसा के ऐसे रूपों को मंजूरी देते हैं और उन्‍हें बढ़ाने में मदद करते हैं।
  • विभिन्न मंत्रालयों ने विचार-विमर्श के माध्यम से अपने हित साझा किए और प्रदान की जाने वाली सहायता के विशिष्ट क्षेत्रों को रेखांकित किया।
  • एक प्रमुख गतिविधि जेंडर आधारित हिंसा से बचे हुए लोगों (उत्तरजीवियों) की सहायता में उनकी भूमिका पर सेवा प्रदाताओं को संवेदनशील बनाने से जुड़ी होगी। इससे उत्तरजीवियों के लिए अपनी बात रखने, सहायता और न्याय पाने के लिए अत्यधिक अनुकूल माहौल बनाने में काफी सहायता मिलेगी।
  • प्रतिभागी मंत्रालयों में पंचायती राज, महिला एवं बाल विकास, गृह, कानून और न्याय, सूचना एवं प्रसारण, युवा और खेल, शिक्षा और साक्षरता, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, साथ ही स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भी शामिल थे।
  • यह अभियान GBV पर ध्यान देने के लिए DAY-NRLM के जारी प्रोग्रामिक प्रयासों में सहयोग करेगा। विविध लक्षित गतिविधियां, जो महिलाओं के निर्णय लेने की क्षमता बढ़ाती है, के अतिरिक्त DAY-NRLM ब्लॉक स्तर पर जेंडर रिसोर्स सेंटर (GRC) स्थापित कर रहा है। ये एक समुदाय प्रबंधित मंच प्रदान करेंगे जहां से जेंडर के आधार पर होने वाली असमानताओं और भेदभाव का विरोध किया जा सकता है और जहां उत्तरजीवी उन मुद्दों पर काम करने वाले अन्य विभागों और एजेंसियों की सहायता के माध्यम से निवारण प्राप्त कर सकते हैं।
    • अब तक देश भर में 3000 से अधिक GRC स्थापित किए जा चुके हैं तथा और अधिक GRC स्थापित करने के लिए उपाय किए जा रहे हैं।
  • यह अभियान जेंडर आधारित हिंसा के संबंध में समाजगत स्तर पर बदलाव को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सभी पहलों को एक साथ लाने और उन्हें बढ़ावा देने का एक प्रयास है।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. वार्षिक नौसेना शिक्षा समिति सम्मेलन – 2023 का पोरबंदर में आयोजन
    • वार्षिक नौसेना शिक्षा समिति (NES) सम्मेलन 2023 गुजरात के पोरबंदर में 09-10 नवंबर 2023 को गुजरात, दमण और दीव नौसेना क्षेत्र, मुख्यालय में आयोजित किया गया था।
    • इसकी अध्यक्षता कार्मिक प्रमुख और नौसेना शिक्षा समिति के अध्यक्ष वाइस एडमिरल कृष्णा स्वामीनाथन ने की थी।
    • सम्मेलन के हिस्से के रूप में आयोजित कार्यकारी समिति, प्रबंधन सलाहकार समिति और अकादमिक सलाहकार समिति की बैठकों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के कार्यान्वयन के लिए विशिष्ट प्रोत्साहन के साथ नौसेना स्कूलों के लिए नीतिगत ढांचे के बारे में विचार-विमर्श किया गया।
    • विभिन्न नौसेना स्टेशनों के नौसेना किंडरगार्टन के प्रतिनिधियों ने भी सम्मेलन में पहली बार भाग लिया।
    • अध्यक्ष वाइस एडमिरल कृष्णा स्वामीनाथन ने प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए नौसेना कर्मियों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में नौसेना शिक्षा समिति द्वारा निभाई गई भूमिका की प्रशंसा की।
  2. रियर एडमिरल राजेश धनखड़ ने पूर्वी बेड़े की कमान संभाली
    • रियर एडमिरल राजेश धनखड़ ने 10 नवंबर 2023 को रियर एडमिरल गुरचरण सिंह से पूर्वी नौसेना कमान की स्वॉर्ड आर्म यानी पूर्वी बेड़े की कमान संभाली। इस अवसर पर विशाखापत्तनम स्थित नौसेना डॉकयार्ड में एक पारम्परिक समारोह के दौरान चेंज ऑफ गार्ड का आयोजन किया गया।
    • रियर एडमिरल राजेश धनखड़ को 01 जुलाई 1990 को भारतीय नौसेना में नियुक्त किया था और वे नौसंचालन तथा प्रशासनिक निर्देशन के विशेषज्ञ हैं। फ्लैग ऑफिसर राजेश धनखड़ नौसेना की प्रतिष्ठित अकादमी, डिफेंस सर्विसेज स्टॉफ कॉलेज के पूर्व छात्र रहे हैं और उन्होंने अपना हायर कमांड कोर्स जापान में पूरा किया है।
    • रियर एडमिरल राजेश धनखड़ ने नौसेना में 33 वर्षों के अपने शानदार करियर के दौरान, युद्धपोत पांडिचेरी, गोदावरी, कोरा और मैसूर पर विशेष सेवाएं प्रदान की हैं। उन्होंने इससे पहले अनुदेशन का कार्य भी किया है और प्रोजेक्ट 15 के प्रशिक्षण दल, नेविगेशन एंड डायरेक्शन स्कूल तथा ऑफिसर कैडेट स्कूल, सिंगापुर में भी अपनी कार्य अवधि को पूरा किया है। उनकी कमान नियुक्तियों में आईएनएस दिल्ली पर कार्यकारी अधिकारी व आईएनएस घड़ियाल, मुंबई एवं विक्रमादित्य पर कमांडिंग ऑफिसर के रूप में भूमिका निभाना शामिल हैं। फ्लैग ऑफिसर राजेश धनखड़ ने उल्लेखनीय कार्मिक एवं परिचालन नियुक्तियों के दौरान नौसेना योजना निदेशालय में संयुक्त निदेशक और निदेशक, कार्मिक निदेशालय में प्रधान निदेशक/सीएमडीई (कार्मिक) के पद पर अपनी जिम्मेदारी को पूरा किया है। फ्लैग रैंक में कार्य करते हुए श्री धनखड़ ने मुख्य कार्मिक अधिकारी (प्रशिक्षण), फ्लैग ऑफिसर समुद्री प्रशिक्षण और नौसेना युद्ध कॉलेज के कमांडेंट के कर्तव्यों को निभाया है। इसके अलावा, उन्होंने आईएनएस विक्रांत के एक्सेप्टन्स ट्रायल्स की देखरेख के लिए कैरियर एक्सेप्टन्स ट्रायल्स टीम के अध्यक्ष का भी पदभार भी संभाला है।
    • फ्लैग ऑफिसर को यमन के अदन और ऑल-होदेइदाह से भारतीय नागरिकों के नॉन कॉम्बैटेंट इवैक्यूएशन ऑपरेशंस (NEO) के लिए 2015 में नाव सेना पदक (वीरता) प्रदान किया जा चुका है।
    • रियर एडमिरल गुरचरण सिंह की कमान के तहत पूर्वी बेड़े ने पिछले 11 महीनों में युद्ध की तैयारी और परिचालन गति का एक बहुत ही उच्च स्तर बनाए रखा हुआ है। इस बेड़े ने विभिन्न मिशन आधारित गतिविधियों और परिचालन तैनाती तथा मित्र विदेशी नौसेनाओं के साथ कई द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय अभ्यासों में भाग लिया है।
  3. 54वें इफ्फी महोत्सव 2023 में ‘गाला प्रीमियर’ केंद्र में होंगे
    • 20 से 28 नवंबर 2023 तक गोवा में होने जा रहे 54वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) में ब्लॉकबस्टर फ़िल्मों और वेब सीरीज़ का भव्य मेला दिखने वाला है।
    • 54वें इफ्फी महोत्सव के लिए राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम लिमिटेड (NFDC) “गाला प्रीमियरों” का बहुप्रतीक्षित दूसरा संस्करण प्रस्तुत करते हुए बेहद उत्साहित हैं। फिल्मी सितारों को दर्शकों के साथ जोड़ने, वैश्विक सिनेमाई कलात्मकता का उत्सव मनाने और इस महोत्सव के मूल सिद्धांतों को बरकरार रखते हुए फिल्मों की शानदार शृंखला सामने लाने के लिए इस सेगमेंट को बेहद सतर्कता से तैयार किया गया है।
    • इस इफ्फी में कई फीचर फ़िल्मों के वर्ल्ड प्रीमियर होंगे।
      • इनमें युवा अभिनेताओं से युक्त और सलमान खान द्वारा निर्मित ‘फर्रे’ (हिंदी);
      • अरविंद स्वामी, विजय सेतुपति और अदिति राव हैदरी अभिनीत और ए.आर. रहमान द्वारा संगीतबद्ध ‘गांधी टॉक्स’ (साइलेंट);
      • पंकज त्रिपाठी और पार्वती थिरुवोथु द्वारा अभिनीत ‘कड़क सिंह’ (हिंदी);
      • सिद्धार्थ रंधेरिया अभिनीत ‘हर्री ओम हर्री’ (गुजराती);
      • नवाजुद्दीन सिद्दीकी अभिनीत ‘रौतू की बेली’ (हिंदी);
      • विजय राघवेंद्र अभिनीत ‘ग्रे गेम्स’ (कन्नड़); और
      • अमेज़ॅन ओरिजिनल्स की दो सीरीज – नाग चैतन्य, पार्वती थिरुवोथु अभिनीत ‘दूता’ (तेलुगु) और आर्या अभिनीत ‘द विलेज’ (तमिल) शामिल हैं।
      • इसके अलावा अक्षय ओबेरॉय और उर्वशी रौतेला अभिनीत ‘दिल है ग्रे’ (हिंदी) और तरसेम सिंह की ‘डियर जस्सी’ (पंजाबी) का एशिया प्रीमियर भी होने वाला है।
    • फिल्म ‘ऐ वतन मेरे वतन’ का विशेष प्रदर्शन किया जाएगा, जहां करण जौहर और सारा अली खान के बीच बातचीत का सत्र होगा।
    • NFDC के MD और महोत्सव निदेशक श्री पृथुल कुमार ने कहा, ”हम दुनिया भर के सिनेमा की कला का जश्न मनाने के लिए इफ्फी में इकट्ठा हो रहे हैं और इस वक्त हमें स्मृति होती है कि फिल्म एक ऐसी सार्वभौमिक भाषा है जो सीमाओं और संस्कृतियों से भी परे जाती है। गाला प्रीमियर सेगमेंट स्टोरीटेलिंग की ताकत का एक प्रमाण है, और हम इन अनूठी फिल्मों को प्रस्तुत करते हुए सम्मानित महसूस कर रहे हैं जो दर्शकों को प्रेरित और भावुक करेंगी। हमारी कामना है कि सिल्वर स्क्रीन का यह जादू हमें स्टोरीटेलिंग के आनंद में एकजुट करे।”
    • सौमेंद्र पधी द्वारा निर्देशित “फर्रे” एक थ्रिल भरी यात्रा का वादा करती है, वहीं किशोर पांडुरंग बेलेकर की “गांधी टॉक्स” एक सामाजिक टिप्पणी करती है और व्यापक तौर पर पूंजीवाद, नस्लवाद और सामाजिक गहराइयों में गोता लगाती है। इसमें हिंदू पौराणिक कथाओं और समुद्र मंथन की कहानी के दिलचस्प संदर्भ भी हैं।
    • अनिरुद्ध रॉय चौधरी द्वारा निर्देशित फिल्म “कड़क सिंह” वित्तीय अपराध विभाग के एक अधिकारी ए. के. श्रीवास्तव की कहानी है जिसे भूलने की बीमारी ‘रेट्रोग्रेड एम्नीशिया’ हैं। अपनी इस हालत के बावजूद वह चिट फंड घोटाले के जटिल मामले को अलग-अलग दृष्टिकोण सुनकर सुलझाता है कि वह कौन था और अस्पताल में कैसे पहुंचा। मिलिंद राऊ द्वारा निर्देशित “द विलेज” दर्शकों को एक रोड ट्रिप पर ले जाती है, जो तब भयावह हो जाती है जब एक परिवार, म्यूटेंट्स के एक समूह का शिकार हो जाता है।
    • “हर्री ओम हर्री,” “डियर जस्सी,” “रौतू की बेली,” “दूता,” “दिल है ग्रे,” और “ग्रे गेम्स” जैसी कई उल्लेखनीय फिल्मों के साथ 54वें इफ्फी महोत्सव का गाला प्रीमियर सेक्शन ऐसा विविधता भरा और मनोरम सिनेमाई अनुभव प्रदान करता है जो तय धारणाओं को चुनौती देता है, मानवीय भावनाओं को टटोलता है और सस्पेंस तथा मिस्ट्री में गोते लगाता है।
    • 54वां भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण फिल्म महोत्सवों में से एक है जो विश्व सिनेमा की सर्वश्रेष्ठ फ़िल्मों का प्रदर्शन करता है। यह महोत्सव स्थापित और उभरते दोनों तरह के फिल्मकारों को मंच प्रदान करता है जहां वे अपना असाधारण काम वैश्विक दर्शकों के साथ साझा कर पाते हैं। विविध फिल्मों और कार्यक्रमों के साथ इफ्फी सिनेमा की कला का जश्न मनाने और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने को प्रतिबद्ध है। सीधे ओटीटी पर प्रदर्शित होने वाली सीरीज और अप्रदर्शित फिल्में इस महोत्सव के दर्शकों के लिए अपना कॉन्टेंट प्रीमियर करने को लेकर उत्साहित हैं। सबसे पहले इन्हें देखने के लिए पंजीकरण करवाने वाले दर्शकों का उत्साह एक ऐसी नवीनता है जिसे इफ्फी इस बार फिर से लाने जा रहा है।

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