विषयसूची:
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13 February 2024 Hindi PIB
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1. प्रधानमंत्री ने सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की घोषणा की:
सामान्य अध्ययन: 3
बुनियादी ढांचा:
विषय: बुनियादी ढांचा-ऊर्जा।
प्रारंभिक परीक्षा: पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना।
प्रसंग:
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मुफ्त बिजली के लिए छत पर सौर ऊर्जा योजना – पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना शुरू करने की आज घोषणा की।
उद्देश्य:
- निरंतर विकास और लोगों की भलाई के लिए, पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना शुरू की जा रही हैं।
- 75,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश वाली इस परियोजना का लक्ष्य हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान कर 1 करोड़ घरों को रोशन करना है।
विवरण:
- इस योजना के तहत वास्तविक सब्सिडी से लेकर, जो सीधे लोगों के बैंक खातों में दी जाएगी, भारी रियायती बैंक ऋण तक, केन्द्र सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि लोगों पर लागत का कोई बोझ न पड़े।
- सभी हितधारकों को एक राष्ट्रीय ऑनलाइन पोर्टल से जोड़ा जाएगा जो आगे सहूलियत प्रदान करेगा।
- इस योजना को जमीनी स्तर पर लोकप्रिय बनाने के लिए, शहरी स्थानीय निकायों और पंचायतों को अपने अधिकार क्षेत्र में छत पर सौर प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
- साथ ही, इस योजना से अधिक आय, कम बिजली बिल और लोगों के लिए रोजगार सृजन होगा।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1. राष्ट्रीय भू-स्थानिक नीति 2022 (एनजीपी):
- सरकार समावेशी विकास के प्रति प्रतिबद्धता दिखाते हुए राष्ट्रीय भू-स्थानिक नीति 2022 (एनजीपी) लागू कर रही है और स्थानिक डेटा की पहुंच और उपयोग में काफी विस्तार किया है, नागरिक सेवाओं में तेजी से सुधार किया है और देश के सुदूर कोनों तक इसकी पहुंच बढ़ाई है।
- 2022 में लॉन्च की गई राष्ट्रीय भू-स्थानिक नीति लागू करने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने भू-स्थानिक डेटा पहुंच को उदार बनाने के लिए गवर्नेंस संरचना को समेकित किया।
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग भू-स्थानिक डेटा अवसंरचना और उद्यम विकास को निरंतर मजबूत बना रहा है।
- यह आत्मनिर्भर भारत पर बल देते हुए स्थानीय कंपनियों को अपनी वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए अपने भू-स्थानिक डेटा उत्पन्न तथा उपयोग करने के लिए सशक्त बना रहा है।
- यह खुले मानकों, खुले डेटा और प्लेटफार्मों को प्रोत्साहित करता है।
- राष्ट्रीय भू-स्थानिक नीति (एनजीपी) के माध्यम से भू-स्थानिक डेटा पहुंच को उदार बनाना इस दिशा में बड़ा कदम रहा है। इसने लोगों तक इसका लाभ पहुंचाने के लिए स्थानिक डेटा के उपयोग के तरीके को बदल दिया है।
- डेटा पहुंच के उदारीकरण की नीति की घोषणा के बाद गवर्नेंस संचरना को समेकित किया गया है।
- भारत के भीतर भू-स्थानिक डेटा और मानचित्रों मानचित्रों की पूर्व स्वीकृति, सुरक्षा मंजूरी, लाइसेंस, अन्य प्रतिबंधों की आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है।
- पहले से मौजूद मंजूरी प्रणाली को स्व-प्रमाणन में बदल दिया गया है, जिससे पहुंच आसान हो गई है।
- डेटा आधारभूत अवसंचरना को मजबूत करने तथा संगठनों और क्षेत्रों में बेहतर स्थान डेटा की उपलब्धता और पहुंच में सुधार के लिए भारतीय सर्वेक्षण (एसओआई) द्वारा एक अखिल भारतीय सतत संचालन संदर्भ स्टेशन (सीओआरएस) नेटवर्क लॉन्च किया गया है।
- इसके अतिरिक्त भारतीय सर्वेक्षण ने स्वामित्व योजना के अंतर्गत ड्रोन फ्लाइंग से आंध्र प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक राज्यों को कवर करते हुए 2.8 लाख से अधिक गांवों का सर्वेक्षण और मैपिंग किया है।
- व्यक्ति, कंपनियां और सरकारी एजेंसियां अब प्राप्त भू-स्थानिक डेटा को संसाधित कर सकती हैं, एप्लिकेशन बना सकती हैं और उस पर समाधान विकसित कर सकती हैं।
- साथ ही ऐसे डेटा प्रोडक्ट, एप्लिकेशन और सॉल्यूशन का उपयोग कर सकती हैं।
- इसके साथ-साथ खुले मानकों, खुले डेटा और प्लेटफार्मों को बढ़ावा देकर राष्ट्रीय भू-स्थानिक नीति (एनजीपी) ने उद्यम विकास को प्रोत्साहित किया है।
- इससे निजी उद्यमों की सक्रिय भागीदारी के साथ देश में एक संपन्न भू-स्थानिक उद्योग को प्रोत्साहित करने में सहायता मिलेगी।
- नागरिक-केंद्रित नीति स्थानीय कंपनियों को अपने स्वयं के भू-स्थानिक डेटा को उत्पन्न करने और उपयोग करने, नवाचारों को सक्षम बनाने तथा इनक्यूबेशन सेंटरों, उद्योग उत्प्रेरक के साथ-साथ भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी पार्कों की स्थापना करके प्रौद्योगिकी नवाचार और अपनाने को बढ़ावा देने के लिए भी सशक्त बना रही है।
- यह नवाचार के लिए सर्वोत्तम श्रेणी के इको-सिस्टम के साथ वैश्विक भू-स्थानिक क्षेत्र में भारत को विश्व नेता बनाने के लिए तैयार है।
2. रक्षा मंत्रालय ने भारतीय नौसेना के लिए 11 शक्ति इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम्स को खरीदने के उद्देश्य से भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के साथ 2269.54 करोड़ रुपये का अनुबंध किया:
- रक्षा मंत्रालय ने 13 फरवरी 2024 को नई दिल्ली में हैदराबाद की भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के साथ खरीद (भारतीय-आईडीडीएम) श्रेणी के अंतर्गत एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।
- इस सौदे के तहत भारतीय नौसेना के लिए संबंधित उपकरण/सामान के साथ 11 शक्ति इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम्स की खरीद की जा रही है। इस अनुबंध की कुल लागत 2269.54 करोड़ रुपये है।
- आधुनिक युग में इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से युद्धक्षेत्र में राष्ट्र सुरक्षा हेतु उपयोग होनी वाली शक्ति युद्धक प्रणाली को स्वदेशी रूप से तैयार, विकसित और निर्मित किया गया है।
- शक्ति इलेक्ट्रॉनिक युद्धक प्रणाली इलेक्ट्रॉनिक उत्सर्जन को सटीकता के साथ रोकने और घने विद्युत चुम्बकीय वातावरण में इसके प्रतिकूल गतिविधियों को संचालित करने में सक्षम है।
- शक्ति इलेक्ट्रॉनिक युद्धक प्रणाली को भारतीय नौसेना के युद्धपोतों पर तैनात किया जाएगा।
- यह परियोजना सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम सहित 155 से अधिक औद्योगिक भागीदारों की साझेदारी के साथ चार वर्षों की अवधि में ढाई लाख मानव दिवस का रोजगार सृजित करेगी, इस प्रकार यह तकनीकी ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण को भी आगे लेकर जाएगी।
3. बिहार के बेगूसराय जिले की ग्राम पंचायतों में पीएम-वाणी सेवा का विस्तार:
- केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने बेगूसराय जिले के बरौनी ब्लॉक के पपरौर ग्राम पंचायत में एक ऐतिहासिक पहल ‘स्मार्ट ग्राम पंचायत: ग्राम पंचायत के डिजिटलीकरण की दिशा में क्रांति’ का उद्घाटन किया।
- यह पहल ग्रामीण भारत में डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण छलांग का संकेत देती है।
- ‘स्मार्ट ग्राम पंचायत: ग्राम पंचायत के डिजिटलीकरण की दिशा में क्रांति’ नामक यह पायलट प्रोजेक्ट बिहार के बेगूसराय जिले की सभी ग्राम पंचायतों में पीएम-वाणी (प्रधानमंत्री की वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस) सेवा का विस्तार करने के उद्देश्य से लॉन्च किया गया।
- बेगूसराय अब पीएम-वाणी योजना के तहत सभी ग्राम पंचायतों को वाई-फाई सेवाओं से लैस करने वाला बिहार का पहला जिला बन गया है।
- पीएम-वाणी (प्रधानमंत्री वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस) योजना के अंतर्गत सार्वजनिक वाई-फाई हॉटस्पॉट के माध्यम से निर्बाध और विश्वसनीय वाई-फाई इंटरनेट सेवाओं तक पहुंच के साथ ग्राम पंचायतें विभिन्न विकासात्मक पहलों को सुविधाजनक बना सकती हैं और शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, कृषि, ई-गवर्नेंस, कौशल विकास और आर्थिक अवसर जैसे कई तरीकों से अपने समुदायों को सशक्त बना सकती हैं।
- डिजिटल खाई को पाटने तथा समावेशी विकास को प्रोत्साहित करने में ग्राम पंचायतें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और एक विश्वसनीय वाई-फाई इंटरनेट सेवा अनकनेक्टेड लोगों को जोड़ने के इस जिम्मेदार और तेज़ तरीके का उपयोग करके ग्राम पंचायतों में सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए एक उत्प्रेरक है।
- पंचायती राज मंत्रालय ने निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करके ग्राम पंचायतों को विकसित भारत के विजन में सार्थक योगदान में सशक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जहां प्रत्येक व्यक्ति को डिजिटल युग में विकास और समृद्धि के अवसरों तक पहुंच प्राप्त है।
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