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17 अगस्त 2023 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. स्वच्छ और सुरक्षित डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए मोबाइल उपयोगकर्ता सुरक्षा के लिए दो सुधार पेश किए गए:
  2. भारत ने इंडिया स्टैक को साझा करने के लिए त्रिनिदाद और टोबैगो के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए:
  3. वाई-3024 (विंध्यगिरि) का लॉन्च:
  4. मोबाइल ऐप ‘फ्लड वॉच’ लॉन्च:
  5. 5जी नेटवर्क पर होने वाले हमलों की रोकथाम के लिए सॉफ्टवेयर समाधान:
  6. चंद्रयान-3:
  7. पारंपरिक चिकित्सा के पहले महाकुंभ में जुटे 75 से अधिक देशों के प्रतिनिधि:

1. स्वच्छ और सुरक्षित डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए मोबाइल उपयोगकर्ता सुरक्षा के लिए दो सुधार पेश किए गए:

सामान्य अध्ययन: 3

सुरक्षा:

विषय: संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा को चुनौती,आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों में मिडिया और सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की भूमिका,साइबर सुरक्षा की बुनियादी बातें।

मुख्य परीक्षा: स्वच्छ और सुरक्षित डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए मोबाइल उपयोगकर्ता सुरक्षा के लिए पेश किए गए सुधारों पर चर्चा कीजिए।

प्रसंग:

  • भारत सरकार ने सुरक्षा और उपभोक्ता संरक्षण के सर्वोच्च मानदंडों को बरकरार रखते हुये डिजिटल समावेशी समाज को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को मजबूती देते हुये उपभोक्ता सुरक्षा को बेहतर बनाने और डिजिटल बदलाव की दिशा में दो सुधारों की शुरुआत की हैं।

उद्देश्य:

  • सिम अदला-बदली/बदलने पर नये सिरे से केवाईसी करवाना होगा।
  • अंगूठे और आंखों की पुतली पर आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन के साथ ही अब चेहरे की पहचान आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन की भी अनुमति होगी।
  • व्यावसायिक कनेक्शन के लिए अंतिम उपयोगकर्ताओं का केवाईसी पूरी करनी होगी।
  • लाइसेंस धारक द्वारा पाइंट-आफ-सेल का पंजीकरण।
  • धोखाधड़ी वाले पीओएस को तीन साल के लिये काली सूची में डाल जाएगा।
  • प्रत्येक पीओएस के साथ ही फ्रेंजाइजी, एजेंट और वितरकों का निर्विवादित सत्यापन।
  • संचार साथी से 52 लाख संदिग्ध मोबाइल कनेक्शन बंद किए गए।
  • संचार साथी के साथ 3 लाख से अधिक मोबाइल हैंडसेट का पता लगाया गया।

विवरण:

1. केवाईसी रिफार्म

2. पांइट आफ सेल (पीओएस) पंजीकरण सुधार

  • ये दोनों सुधार इससे पहले संचार साथी के साथ शुरू किये गये सुधारों की दिशा में ही आगे बढ़ाये गये हैं।
    • एक नागरिक केन्द्रित पोर्टल शुरू किया गया जिसमें साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी के खिलाफ भारत की लड़ाई को मजबूती देने का प्रयास किया गया था।
  • पाइंट आफ सेल (पीओएस) पंजीकरण सुधार: इस सुधार में लाइसेंस धारक द्वारा फ्रेंचाइजी, एजेंट और वितरकों (पीओएस) के अनिवार्य पंजीकरण की शुरुआत की गई।
    • इससे ठगी करने वाले पीओएस को हटाने में मदद मिलेगी, ऐसे पीओएस जो कि धोखाधड़ी के माध्यम से अपनाकर असामाजिक/राष्ट्र-विरोधी तत्वों को मोबाइल सिम जारी कर देते हैं।
  • वहीं पीओएस पंजीकरण प्रक्रिया में लाइसेंस धारक द्वारा पीओएस का निर्विवाद सत्यापन शामिल है।
    • इस प्रक्रिया के माध्यम से पीओएस और लाइसेंस धारक के बीच लिखित समझौता अनिवार्य कर दिया गया है।
    • ऐसे में कोई भी पीओएस यदि किसी अवैध गतिविधि में लिप्त है तो उसे बंद कर दिया जाएगा साथ ही तीन वर्ष के लिये उसे काली सूची में डाल दिया जायेगा।
    • इस प्रक्रिया के तहत लाइसेंस धारक द्वारा सभी मौजूदा पीओएस को 12 माह में पंजीकृत कराया जायेगा।
  • इससे लाइसेंसधारी प्रणाली से धोखाधड़ी और ठगी करने वाले पीओएस की पहचान करने, उन्हें कालीसूची में डालने और कारोबार से हटाने में मदद मिलेगी दूसरी तरफ सही काम करने वाले पीओएस को प्रोत्साहन मिलेगा।
  • केवाईसी सुधार – केवाईसी यानी अपने ग्राहक को जानो एक ऐसी प्रक्रिया है जो कि ग्राहक की अलग तरीके से पहचान करता है और उसे दूरसंचार सेवायें देने से पहले उसकी पूरी जानकारी लेता है।
    • मौजूदा केवाईसी प्रक्रिया को और मजबूत बनाना दूरसंचार ग्राहकों को किसी भी संभावित धोखाधड़ी से बचाना है ताकि डिजिटल कारोबार के समूचे तंत्र में आम जनता का विश्वास और मजबूत हो सके।
  • प्रिंट किये आधार के दुरुपयोग को रोकने के लिये प्रिंट आधार के क्यूआर कोड की स्कैनिंग कर अनिवार्य तौर पर उसका जनसांख्यिकीय ब्यौरा लिया जायेगा।
    • इसमें यदि मोबाइल नंबर बंद कर दिया जाता है तो इसे 90 दिन की समाप्ति से पहले किसी नये ग्राहक को आवंटित नहीं किया जायेगा।
    • ग्राहक को अपने सिम को बदलने के लिए केवाईसी ब्यौरा देना होगा और उसमें आउटगोइंग और इनकमिंग एसएमएस सुविधा पर 24 घंटे की रोक होगी।
  • आधार ई-केवाईसी प्रक्रिया में अंगूठे के निशान और आंखों की पुतली के सत्यापन के साथ ही अब चेहरे की पहचान पर आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन की भी मंजूरी दी गई है।
  • उद्यमों, इकाइयों (उदाहरण के तौर पर कंपनियों, संगठनों, ट्रस्ट, सोसायटी आदि) को मोबाइल कनेक्शन जारी करने के लिये बिजनेस कनेक्शन की शुरुआत।
    • इकाइयां कितनी भी संख्या में मोबाइल कनेक्शन ले सकते हैं बशर्ते कि वह उनका इस्तेमाल करने वालों की पूरी केवाईसी उपलब्ध कराएं।
    • ऐसे ठोस और व्यापक उपायों के जरिये विभाग का उद्देश्य ग्राहकों की सुरक्षा को चाकचैबंद करना और दूरसंचार धोखाधड़ी के बढ़ते खतरे के समक्ष सुरक्षा को मजबूत बनाना है।
  • संचार- साथी का प्रभाव – मोबाइल उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिये एक नागरिक केन्द्रित पोर्टल
  • मोबाइल उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिये विश्व दूरसंचार दिवस (17 मई 2023) पर ‘संचार साथी’ पोर्टल शुरू किया गया था।
  • संचार साथी’ पोर्टल मोबाइल ग्राहकों को निम्न क्षेत्रों में सशक्त बनाता है।
  • ‘संचार साथी’ पोर्टल और एएसटीआर टूल की मदद से लगभीग 114 करोड़ सक्रिय मोबाइल कनेक्शन का विश्लेषण किया गया है।
  • उसका परिणाम इस प्रकार है –
    • 66 लाख से अधिक संदिग्ध मोबाइल कनेक्शनों का पता लगाया गया।
    • दोबारा सत्यापन न होने पर 52 लाख से अधिक मोबाइल कनेक्शन काटा दिये गये हैं।
    • 67,000 से अधिक पीओएस को काली सूची में डाल दिया गया है।
    • करीब 17,000 मोबाइल हैंडसेट बंद/ब्लाक कर दिये गये हैं।
    • 1,700 से अधिक पीओएस के खिलाफ 300 से अधिक एफआईआर दर्ज की गई हैं।
      • 66,000 से ज्यादा व्हाट्सएप अकाउंट ब्लॉक किये गये हैं।

2. भारत ने इंडिया स्टैक को साझा करने के लिए त्रिनिदाद और टोबैगो के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए:

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/ या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।

प्रारंभिक परीक्षा: इंडिया स्टैक ( INDIA STACK),डिजिटल इंडिया।

मुख्य परीक्षा: इंडिया स्टैक की सहायता से विभिन्न देशों द्वारा तेजी से डिजिटलीकरण और अर्थव्यवस्थाओं एवं शासन को बदला जा सकता हैं। टिप्पणी कीजिए।

प्रसंग:

  • भारत और त्रिनिदाद तथा टोबैगो ने इंडिया स्टैक को साझा करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।

उद्देश्य:

  • इंडिया स्टैक ओपन एपीआई और डिजिटल सार्वजनिक वस्तुओं का एक संग्रह है जिसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर पहचान, डेटा और भुगतान सेवाओं को सुविधाजनक बनाना है।
  • दोनों पक्षों ने क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण कार्यक्रमों, श्रेष्ठ व्यवहारों, सार्वजनिक अधिकारियों और विशेषज्ञों के आदान-प्रदान, पायलट या डेमो सॉल्यूशनों के विकास आदि के माध्यम से डिजिटल परिवर्तन के क्षेत्रों में सहयोग करने पर सहमति व्यक्त की।

विवरण:

इंडिया स्टैक क्या है?

  • इंडिया स्टैक एपीआई का एक सेट है जो सरकारों, व्यवसायों, स्टार्टअप और डेवलपर्स को उपस्थिति-रहित, कागज रहित और कैशलेस सेवा वितरण की दिशा में भारत की कठिन समस्याओं को हल करने के लिए एक विशिष्ट डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग करने की अनुमति देता है।
    • विश्व के साथ साझा की जाने वाली सभी भारतीय सरकारी डिजिटल परियोजनाओं के एकल भंडार का नाम इंडिया स्टैक हैं। जो इंडिया स्टैक पर सभी प्रमुख परियोजनाओं का एकल भंडार है।
    • इंडिया स्टैक की चार प्रमुख परतों में सहमति परत, कैशलेस परत, पेपरलेस परत और उपस्थिति-रहित परत शामिल हैं।
    • इसे संक्षेप में इस प्रकार समझाया जा सकता है: सहमति परत: यह परत एक खुले व्यक्तिगत डेटा स्टोर के साथ एक आधुनिक गोपनीयता डेटा-साझाकरण ढांचा है और इसका स्वामित्व भारतीय रिजर्व बैंक के पास है।
    • इंडिया स्टैक दुनिया का सबसे बड़ा ओपन एपीआई है ।
    • डिजिटल इंडिया के नौ स्तंभों में ब्रॉडबैंड हाईवे, मोबाइल कनेक्टिविटी तक सार्वभौमिक पहुंच, सार्वजनिक इंटरनेट एक्सेस, ई-गवर्नेंस, ई-क्रांति, सभी के लिए सूचना, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण, नौकरियों के लिए आईटी और अर्ली हार्वेस्ट कार्यक्रम शामिल हैं।
    • स्टैक के निर्माण में पहला कदम 2010 में बायोमेट्रिक डिजिटल आईडी सिस्टम के लॉन्च के साथ शुरू हुआ,इंडिया स्टैक वह नाम है जिसका उपयोग अलग-अलग प्रौद्योगिकी उत्पादों और रूपरेखाओं के संग्रह का वर्णन करने के लिए किया जाता है। इस संग्रह के घटकों का स्वामित्व और रखरखाव विभिन्न एजेंसियों द्वारा किया जाता है। ई-ऑथ और ई-केवाईसी जैसे आधार उत्पाद भारतीय विशिष्ट आईडी प्राधिकरण के स्वामित्व में हैं।
  • प्रधानमंत्री, जो वसुधैव कुटुंबकम (दुनिया एक परिवार है) के सिद्धांत में विश्वास करते हैं, हमेशा दुनिया भर के देशों को इंडिया स्टैक की पेशकश को प्रोत्साहित किया है, विशेषकर उन देशों के लिए जो अपने डिजिटलीकरण के प्रयासों में पीछे छूट गए हैं।
  • ये देश इंडिया स्टैक की सहायता से तेजी से डिजिटलीकरण की सीढ़ी चढ़ सकते हैं और अपनी अर्थव्यवस्थाओं एवं शासन को बदल सकते हैं।
  • यह अगली पीढ़ी के नवाचार पर काम करने वाले स्टार्टअप, डेवलपर्स और सिस्टम इंटीग्रेटर्स का एक मजबूत इकोसिस्टम बनाएगा।
  • भारत ने जून 2023 से पहले ही आर्मेनिया, सिएरा लियोन, सूरीनाम और एंटीगुआ तथा बारबुडा जैसे देशों के साथ इंडिया स्टैक साझा करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जबकि मॉरीशस, सऊदी अरब जैसे कई देशों ने रुचि दिखाई है और इंडिया स्टैक पर सहयोग को अंतिम रूप देने के उन्नत चरण में हैं।
  • पिछले महीने पापुआ न्यू गिनी के साथ भी इसी तरह के एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे, जो वैश्विक स्तर पर पहल की बढ़ती रुचि और स्वीकृति को दिखाता है।
  • यूपीआई, जो इंडिया स्टैक का भी एक हिस्सा है, को फ्रांस, संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर और श्रीलंका में स्वीकार किया गया है।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1. वाई-3024 (विंध्यगिरी) का लॉन्च:

  • जीआरएसई में बनाए जा रहे प्रोजेक्ट 17A के छठे स्टील्थ फ्रिगेट विंध्यगिरी को 17 अगस्त 2023 को माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू द्वारा शिपयार्ड में लॉन्च किया गया।
  • बीते समय में कई सफल पारंपरिक लॉन्च के रिकॉर्ड के साथ, मेसर्स जीआरएसई ने खुद को भारतीय नौसेना के एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में स्थापित किया है।
    • लॉन्च के बाद, ‘विंध्यगिरी’ अपनी कमीशनिंग से पहले शेष गतिविधियों और उपकरण परीक्षणों के लिए जीआरएसई आउटफिटिंग जेट्टी में अपने दो सहयोगी जहाजों के साथ शामिल होगा।
  • प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट्स प्रोजेक्ट 17 (शिवालिक क्लास) फ्रिगेट्स का अनुवर्ती वर्ग है, जिसमें बेहतर स्टील्थ फीचर्स, उन्नत हथियार, सेंसर और प्लेटफ़ॉर्म प्रबंधन सिस्टम हैं।
    • सात प्रोजेक्ट 17A फ्रिगेट एमडीएल और जीआरएसई में निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं।
    • एडवांस्ड स्टील्थ फ्रिगेट्स का डिज़ाइन भारतीय नौसेना के लिए तकनीकी रूप से उन्नत युद्धपोतों को डिजाइन करने में युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो की शक्ति को भी प्रदर्शित करता है।
    • लॉन्च के साथ, राष्ट्र की स्वदेशी विशेषज्ञता और इंजीनियरिंग क्षमताओं को बढ़ावा मिलता है, जिससे विदेश के आपूर्तिकर्ताओं पर भारत की निर्भरता कम हो जाती है, आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलता है और एक मजबूत रक्षा औद्योगिक आधार को बढ़ावा मिलता है।
    • सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, प्रोजेक्ट 17A के 75 प्रतिशत से अधिक ऑर्डर एमएसएमई सहित स्वदेशी फर्मों को दिए गए हैं।
    • आर्थिक विकास, रोजगार सृजन, देश में एमएसएमई और सहायक उद्योग की वृद्धि जहाज निर्माण परियोजना के सकारात्मक परिणाम हैं।
  • राष्ट्रपति ने युद्धपोत निर्माण में देश की आत्मनिर्भरता की आकांक्षा को पूरा करने के लिए युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो और नौसेना टीमों की उल्लेखनीय उपलब्धियों के पर गहरा संतोष व्यक्त करते हुए जीआरएसई की सराहना की।
    • नव नामित ‘विंध्यगिरी’ के महत्व पर जोर देते हुए, उन्होंने आशा व्यक्त की कि जैसे ही शक्तिशाली विंध्यगिरी पहली बार हुगली के पानी को छूता है, यह उन्हीं पहाड़ों से शक्ति प्राप्त करता है जिनके नाम पर इसका नाम रखा गया है, यह अटूट दृढ़ संकल्प के साथ जलयात्रा करेगा और हमारे आधारभूत मूल्यों को कायम रखेगा।

2. मोबाइल ऐप ‘फ्लड वॉच’ लॉन्च:

  • केंद्रीय जल आयोग (CWC) ने मोबाइल एप्लिकेशन “फ्लड वॉच” लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य वास्तविक समय के आधार पर जनता को 7 दिनों तक बाढ़ की स्थिति की जानकारी और पूर्वानुमान प्रदान करना है।
  • ऐप की मुख्य विशेषता में वास्तविक समय में बाढ़ की निगरानी शामिल है जहाँ उपयोगकर्ता पूरे देश में बाढ़ की नवीनतम स्थिति के बारे में पता लगा सकते हैं।
    • ऐप विभिन्न स्रोतों से वास्तविक समय के नदी प्रवाह के डेटा का उपयोग करता है। ऐप निकटतम स्थान पर बाढ़ का पूर्वानुमान भी प्रदान करता है, जहाँ उपयोगकर्ता होमपेज पर ही अपने निकटतम स्थान पर बाढ़ से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
  • ऐप की मुख्य विशेषता में वास्तविक समय में बाढ़ की निगरानी शामिल है जहाँ उपयोगकर्ता पूरे देश में बाढ़ की नवीनतम स्थिति के बारे में पता लगा सकते हैं।
    • ऐप विभिन्न स्रोतों से वास्तविक समय के नदी प्रवाह के डेटा का उपयोग करता है।
    • ऐप निकटतम स्थान पर बाढ़ का पूर्वानुमान भी प्रदान करता है, जहाँ उपयोगकर्ता होमपेज पर ही अपने निकटतम स्थान पर बाढ़ से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
  • “फ्लड वॉच” ऐप सटीक और समय पर बाढ़ पूर्वानुमान देने के लिए उपग्रह डेटा विश्लेषण, गणितीय मॉडलिंग और वास्तविक समय की निगरानी जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग करता है।
  • इस ऐप की मदद से यूजर्स देश में बाढ़ की स्थिति के बारे में जरूरी जानकारी हासिल कर सकते हैं।
  • उपयोगकर्ता के अनुकूल इंटरफेस से किसी के लिए भी सूचना पाना आसान होगा और बाढ़ के दौरान जोखिम को कम करेगा।

3. 5जी नेटवर्क पर होने वाले हमलों की रोकथाम के लिए सॉफ्टवेयर समाधान:

  • अब एक नया स्वदेशी सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी समाधान 5जी नेटवर्क पर होने वाले जीरो डे वल्नरेबिलिटी अटैक (या जीरो डे भेद्यता हमलों) का सक्रियता से पता लगाने और उनकी रोकथाम करने में सक्षम है और इस प्रकार नेटवर्क डाउन टाइम में भी कमी आ सकती है।
  • इससे देशव्यापी संचार को सुचारू बनाने में मदद मिल सकती है क्योंकि निकट भविष्य में 5जी नेटवर्क इसकी जीवन रेखा बन जाएगा।
  • आईआईटी मद्रास में सेंसर, नेटवर्किंग, एक्चुएटर्स और कंट्रोल सिस्टम (एसएनएसीएस) के लिए प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्र आईआईटीएम प्रवर्तक टेक्नोलॉजीज फाउंडेशन, अंत: विषयी साइबर भौतिक प्रणालियों पर राष्ट्रीय मिशन (इंटरडिसिप्लिनरी साइबर फिजिकल सिस्टम – एनएम – आईसीपीएस) के तहत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा अपने इनक्यूबेटेड स्टार्टअप के साथ समर्थित है और 5जी कोर नेटवर्क फ़ंक्शंस और रेडियो एक्सेस नेटवर्क (रैन) सॉफ़्टवेयर के लिए एक स्वदेशी सुरक्षा परीक्षण समाधान विकसित कर रहा है।
  • यह प्रौद्योगिकी समाधान फ़ज़िंग और टेस्‍ट ओरेकल जैसी तकनीकों का उपयोग करके स्वचालित रूप से नेटवर्क में जीरो डे वल्नरेबिलिटी की पहचान कर सकता है।
  • 5जी तकनीक का लगभग नब्बे प्रतिशत हिस्सा अनेक नवीनतम प्रौद्योगिकियों (एनएफवी, एसडीएन, कंट्रोल प्लेन/यूजर प्लेन सेग्रीगेशन) को एकीकृत करके सॉफ्टवेयर में लागू किया जाता है, जो प्रौद्योगिकी का आसानी से परीक्षण करने में सक्षम बनाता है।
  • लेकिन इस प्रक्रिया में हमले का सतह क्षेत्र (या सरफेस एरिया) कई गुना बढ़ जाता है और इसे मैन्युअल रूप से प्रबंधित करना असंभव हो जाता है।
  • इसका एकमात्र स्थायी समाधान संपूर्ण परीक्षण प्रक्रिया को स्वचालित करना और इसकी लगातार निगरानी करना है।
  • वर्तमान में अधिकांश रनटाइम शून्य-डे वल्नरेबिलिटी अटैक की पहचान हमले के बाद में ही हो पाती है, जिससे ब्रांड को नुकसान पहुंचता है और साथ ही पुनर्प्राप्ति की लागत भी बढ़ जाती है।
  • जीरो-डे वल्नरेबिलिटी में कमी लाने से सर्फेस एरिया के हमलों में कमी आएगी, जिसके परिणामस्वरूप फिरौती (या रैंसम) का भुगतान करने की आवश्यकता कम हो जाएगी और 5जी नेटवर्क के नेटवर्क डाउन टाइम में भी कमी आएगी जो संचार के लिए महत्वपूर्ण हैं।

4. चंद्रयान-3:

  • डॉ. जितेंद्र सिंह चंद्रयान-3 मिशन द्वारा एक और ऐतिहासिक उपलब्धि प्राप्त करने के बाद कहा की जब प्रज्ञान रोवर को ले जाने वाला अंतरिक्ष यान का “विक्रम” लैंडर मॉड्यूल अपनी आगे की चंद्र यात्रा में प्रोपल्सन मॉड्यूल से सफलतापूर्वक अलग हो गया था।
  • चंद्रयान-3 के विशेष निष्कर्षों और इनपुट्स से पूरे विश्व समुदाय को लाभ होगा।
  • चंद्रयान-3 मिशन को 14 जुलाई 2023 को दोपहर 2:35 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से जीएसएलवी मार्क 3 (एलवीएम 3) हेवी-लिफ्ट प्रक्षेपण (लॉन्च) वाहन के माध्यम से अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया था और उसके बाद चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक कक्षा में भेजा गया हैं।
  • अमेरिका और तत्कालीन सोवियत संघ (यूएसएसआर) ने भारत से बहुत पहले ही अपनी अंतरिक्ष यात्रा शुरू कर दी थी और अमेरिका ने 1969 में चंद्रमा की सतह पर एक मनुष्य को भी उतारा था, फिर भी यह हमारा चंद्रयान ही था जिसने चंद्रमा की सतह पर पानी की तस्वीरें खींच कर अमेरिका सहित विश्व में सभी को चौंका दिया।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन के बाद यह उपलब्धि प्राप्त करने वाला भारत विश्व का चौथा देश होगा लेकिन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला भारत विश्व का एकमात्र देश होगा।
  • इस मिशन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि 23 अगस्त 2023 को शाम 5.30 से 6.00 बजे के बीच चंद्रयान-3 की चन्द्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग होगीI
  • चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 का फॉलो-ऑन मिशन है और इसका उद्देश्य चंद्रमा या चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग और परिक्रमा करने की भारत की क्षमता का प्रदर्शन करना है।
    • अंतरिक्ष यान को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करने के लिए आवश्यक जटिल मिशन प्रोफ़ाइल को बहुत सटीक तरीके से क्रियान्वित किया गया है।
    • चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद छह पहियों वाला रोवर बाहर आएगा और उसके चंद्रमा पर 14 दिनों तक काम करने की सम्भावना है।
    • रोवर पर लगे कई कैमरों की मदद से हम तस्वीरें ले सकेंगे।
  • विकास की वर्तमान गति के आधार पर, भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र आने वाले वर्षों में 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था हो सकता है।
  • चंद्रयान की श्रृंखला में पहले, अर्थात् चंद्रयान-1 को चंद्रमा की सतह पर पानी की उपस्थिति की खोज करने का श्रेय दिया जाता है और जो विश्व, यहां तक कि सबसे प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसियों के लिए एक नयी खोज थी।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका का नासा भी इस खोज से हैरान था और उसने अपने आगे के प्रयोगों के लिए इन जानकारियों का उपयोग किया।
  • चंद्रयान-3 इससे अगले स्तर पर संचालित है। अंतरिक्ष यान अपने प्रक्षेपण के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा विकसित लॉन्च व्हीकल मार्क-3 का उपयोग किया है।
  • विकास की वर्तमान गति के आधार पर, भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र आने वाले वर्षों में 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था हो सकता है।

5. पारंपरिक चिकित्सा के पहले महाकुंभ में जुटे 75 से अधिक देशों के प्रतिनिधि:

  • दुनिया भर की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के धुरंधरों को एक मंच पर लाकर अनेक महत्वपूर्ण पहलुओं पर संवाद करने के लिए आयोजित पहली विश्व स्वास्थ्य संगठन की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों पर पहली ग्लोबल समिट का उद्घाटन डब्ल्यूएचओ के महासचिव डॉ. ट्रेडोस एधनोम घेब्रेयेसस ने गांधीनगर में किया।
  • अपने संबोधन में उन्होंने पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में भारत की ऐतिहासिक पहल की तारीफ की और कहा कि हम पारंपरिक, पूरक और एकीकृत चिकित्सा के जरिए दुनिया को स्वस्थ बना सकते हैं।
  • उल्लेखनीय है कि इस शिखर सम्मेलन में 75 से भी अधिक देशों के प्रतिनिधि और अनेक देशों के स्वास्थ्य मंत्री भाग ले रहे हैं।
  • डॉ. ट्रेडोस ने खास तौर पर भारत के घर-घर में पूजी जाने वाली तुलसी का जिक्र किया। उन्होंने तुलसी के गुणों का वर्णन किया एवं तुलसी पौधा लगाया ।
  • केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि पारंपरिक औषधियों की फार्मास्यूटिकल और कॉस्मेटिक उद्योग में जबरदस्त मांग है। दुनिया के 170 से भी अधिक देशों में इन औषधियों का किसी न किसी रूप में उपयोग हो रहा है।
  • पिछले साल गुजरात के जामनगर में ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन की स्थापना के बाद अब भारत में ही पारंपरिक चिकित्सा के पहले वैश्विक शिखर सम्मेलन का आयोजन भारत की बहुत बड़ी उपलब्धि है ।
  • आयुष मंत्रालय और डब्ल्यूएचओ की मेजबानी में इस दो दिवसीय सम्मेलन में देश विदेश के वैज्ञानिक, चिकित्सा विशेषज्ञ और सिविल सोसाइटी के सदस्य परंपरागत चिकित्सा के तमाम पहलुओं पर चर्चा कर रहे हैं।

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