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22 जून 2023 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. भारत अमेरिका रक्षा त्वरित पारिस्थितिक तंत्र (इंडस-एक्स) अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी में लांच किया गया:
  2. प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना:
  3. बीआईएस ने एग्री बाय-प्रोडक्‍ट से बने बर्तनों के लिए मानक आईएस 18267:2023 जारी किया
  4. राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार:
  5. डिजी यात्रा ऐप:
  6. फेस ऑथेंटिकेशन फीचर वाला पीएम किसान मोबाइल ऐप लांच:

1. भारत अमेरिका रक्षा त्वरित पारिस्थितिक तंत्र (इंडस-एक्स) अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी में लांच किया गया:

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय संबंधित:

विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/ या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।

प्रारंभिक परीक्षा:रक्षा त्वरित पारिस्थितिक तंत्र (इंडस-एक्स)।

मुख्य परीक्षा: भारत अमेरिका रक्षा त्वरित पारिस्थितिक तंत्र (इंडस-एक्स) के लाभ एवं महत्व का आकलन कीजिए।

प्रसंग:

  • भारत अमेरिका रक्षा त्वरित पारिस्थितिक तंत्र (इंडस-एक्स) 21 जून 2023 को वाशिंगटन डीसी, संयुक्त राज्य अमेरिका में एक कार्यक्रम में लांच किया गया।

उद्देश्य:

  • यह पहल दोनों देशों के रक्षा औद्योगिक सहयोग को सशक्त बनाने और टेक्नोलॉजी और मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में नए इनोवेशन को सुनिश्चित करने में मदद करेगी।

विवरण:

  • इंडस-एक्स कार्यक्रम का सह-आयोजन, रक्षा क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए नवाचार (आईडीईएक्स) और संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के रक्षा विभाग (डीओडी) द्वारा अमेरिका- भारत व्यापार परिषद (यूएसआईबीसी) की मेजबानी में किया गया।
  • इंडस-एक्स (INDUS-X) भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक और रक्षा साझेदारी को बढ़ाने हेतु की गई एक रक्षा पहल है।
    • यह पहल इनिशिएटिव ऑन क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज (iCET) के तहत आती है।
    • इंडस-एक्स के संबंध में चर्चा जून 2021 में की गई थी। भारतीय प्रधान मंत्री की वर्तमान अमेरिका यात्रा के समय वाशिंगटन में इसका शुभारंभ किया गया है।
  • इंडस-एक्स का मुख्य उद्देश्य अमेरिका और भारतीय रक्षा नवाचार क्षेत्रों के बीच साझेदारी को गहरा करना है।
    • इंडस-एक्स कार्यक्रम उच्च तकनीकी सहयोग को आगे बढ़ाने और रक्षा क्षेत्र में संयुक्त अनुसंधान, विकास और उत्पादन के अवसरों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
    • इस पहल का उद्देश्य सह-उत्पादन जेट इंजन, लंबी दूरी की तोपखाने और पैदल सेना के वाहनों के लिए संभावनाओं का पता लगाना भी है।
  • रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव, (रक्षा उद्योग संवर्धन) श्री अनुराग वाजपेयी ने 20-21 जून, 2023 को दो दिवसीय इंडस-एक्स कार्यक्रम में भारतीय प्रतिनिधिमण्डल का नेतृत्व किया।
  • अमेरिकी वायु सेना सचिव, श्री फ्रैंक कैंडल ने 21 जून को इंडस-एक्स कार्यक्रम में कहा कि भारत-अमेरिका संबंध तेजी से प्रगाढ हो रहे हैं।
    • उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि दोनों देशों के स्टार्टअप्स के लिए गहन तकनीकी नवाचार में ,खासकर अंतरिक्ष और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्षेत्र में सहयोग करने की अपार सम्भावनाएं हैं।
  • रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने अपने भाषण में ‘अमेरिका-भारत रक्षा संबंधों के भविष्य में निवेश’ विषय पर भारत-अमेरिका संबंधों में एक ऐतिहासिक घटना के रूप में आईसीईटी के लांच की सराहना करते हुए कहा कि जब दुनिया के दो सबसे बड़े और सबसे पुराने लोकतंत्र के नेता वाशिंगटन में मिल रहे हैं, तब इस आयोजन के लिए सबसे उपयुक्त अवसर है।
  • उन्होंने उद्योगों, शिक्षा-जगत और निवेशकों के बीच भविष्य में सहयोग के लिए तंत्र विकसित करने को कहा ।
    • संयुक्त सचिव ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड’ के दर्शन को केंद्र में रखते हुए ‘मेक इन इंडिया’ पहल का एक सिंहावलोकन भी प्रस्तुत किया।
  • इस कार्यक्रम में भारतीय और अमेरिकी स्टार्टअप द्वारा नवीन प्रौद्यौगीकियों का अपनी तरह का पहला संयुक्त प्रदर्शन भी देखा गया।
    • समुद्री, ए-आई, स्वायत-प्रणाली और अंतरिक्ष जैसे कई डोमेन में से 15 भारतीय स्टार्टअप्स और 10 अमेरिकी स्टार्टअप्स ने भारतीय और अमेरिकी हित धारकों को अपनी प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन किया।
  • कार्यक्रम में, सरकार, शिक्षा-जगत और उद्योग विशेषकर स्टार्टअप सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने पर केंद्रित, दो पैनल चर्चाएं और दो गोलमेज बैठकें आयोजित की गयी। साथ ही निर्यात नियंत्रण नियमों पर भी चर्चा हुई।
  • कार्यक्रम के दौरान एक इंडस-एक्स फैक्ट शीट भी जारी की गई।

2. प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना:

सामान्य अध्ययन: 3

कृषि:

विषय: केंद्र एवं राज्यों द्वारा संवेदनशील वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं एवं इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन, प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायता।

प्रारंभिक परीक्षा: प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना।

मुख्य परीक्षा: प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना की समीक्षा कीजिए।

प्रसंग:

  • पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना की समीक्षा बैठक आयोजित की गई हैं।

उद्देश्य:

  • यह समीक्षा बैठक राज्य की वार्षिक कार्य योजना 2023-24, केंद्रीय निधियों का उपयोग, राज्य का हिस्सा जारी करने, एसएनए से संबंधित मुद्दों पर केंद्रित हैं।

विवरण:

  • भारतीय अर्थव्यवस्था में मत्स्य पालन क्षेत्र एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
    • यह राष्ट्रीय आय, निर्यात, खाद्य और पोषण सुरक्षा के साथ-साथ रोजगार सृजन में योगदान देता है।
    • यह क्षेत्र प्राथमिक स्तर पर 2.8 करोड़ से अधिक मछुआरों और मछली किसानों तथा मत्स्य पालन मूल्य श्रृंखला के साथ कई अन्य लोगों को आजीविका प्रदान करता है।
    • यह देश की आर्थिक रूप से वंचित आबादी के एक बड़े हिस्से के लिए आय का एक प्रमुख स्रोत भी है।
  • व्यापार क्षेत्र के लाभ को मजबूत करने और मत्स्य पालन क्षेत्र की तीव्र वृद्धि को बनाए रखने के लिए, भारत सरकार ने 2014 से मछली उत्पादन और उत्पादकता, प्रौद्योगिकी समावेश, बुनियादी ढांचे का सुदृढ़ीकरण और आधुनिकीकरण, घरेलू खपत तथा निर्यात को बढ़ावा देना, उद्यमशीलता और रोजगार की वृद्धि आदि के क्षेत्रों में बहु-आयामी रणनीतियों और केंद्रित हस्तक्षेपों के माध्यम से परिवर्तनकारी परिवर्तन/सुधार की शुरुआत की है, जिसके मूल में मछुआरों और मछली किसानों का कल्याण है।
    • प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) (2020-21 से 2024-25) 20,050 करोड़ रुपये के निवेश पर शुरू की गई थी, जिसमें केंद्र सरकार का हिस्सा 9407 करोड़ रुपये था।
  • अब तक पीएमएमएसवाई के तहत 2020-21 से 2022-23 तक 14,654.67 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है।
    • अब तक परिकल्पित निवेश का लगभग ~73% हासिल किया जा चुका है।
    • इसी प्रकार, 2020-21 से 2022-23 तक केंद्रांश के कुल परिव्यय 9,407 करोड़ रुपये के मुकाबले 6,140.82 करोड़ रुपये का केंद्रीय हिस्सेदारी स्वीकृत की गई है।
  • जैसे ही पीएमएमएसवाई कार्यान्वयन के चौथे वर्ष में प्रवेश कर रही है, विभाग कार्यान्वयन की गति में तेजी लाने की योजना बना रहा है।
    • समीक्षा बैठक में चर्चा राज्य की वार्षिक कार्य योजना 2023-24, केंद्रीय निधियों के उपयोग, राज्य की हिस्सेदारी जारी करने, एसएनए से संबंधित मुद्दों और 1 जुलाई 2023 से 31 मार्च 2024 तक वर्गीकृत परियोजनाओं के लिए कार्यान्वयन रणनीति पर केंद्रित है।
  • बैठक के एजेंडे के अनुसार वित्तीय एवं भौतिक प्रगति पर चर्चा की गई।
  • इसके अलावा, एसएनए अनुपालन को पूरा करने के लिए, सभी राज्यों से मासिक प्रगति रिपोर्ट (एमपीआर), प्रयास और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) की महत्वपूर्ण रिपोर्ट नियमित रूप से प्रस्तुत करने के साथ-साथ राज्य के खजाने से घाटे की राशि को एसएनए में स्थानांतरित करने का आग्रह किया गया था।
  • मछुआरों और मछली किसानों को उनकी कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए संस्थागत ऋण तक पहुंच की सुविधा प्रदान करने के लिए, राज्यों को केसीसी आवेदन भरने के लिए लाभार्थियों को जुटाने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

3. बीआईएस ने एग्री बाय-प्रोडक्‍ट से बने बर्तनों के लिए मानक आईएस 18267:2023 जारी किया:

सामान्य अध्ययन: 2

शासन:

विषय: सरकार की नीतियां और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप,शासन व्यवस्था पारदर्शिता और अनुप्रयोग,मॉडल ,सफलताएं सीमाएं और संभावनाएं।

प्रारंभिक परीक्षा: भारतीय मानक ब्यूरो (BIS), बायोडिग्रेडेबल एग्री बाय-प्रोडक्‍ट।

मुख्य परीक्षा: बीआईएस द्वारा एग्री बाय-प्रोडक्‍ट से बने बर्तनों के लिए जारी किये गए मानक का लाभ बताइये।

प्रसंग:

  • भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने और सस्‍टेनेबिलिटी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एग्री बाय-प्रोडक्‍ट से बने भोजन परोसने वाले खास बर्तनों के लिए मानक आईएस 18267: 2023 को जारी किया है।

उद्देश्य:

  • यह मानक विनिर्माताओं और उपभोक्ताओं को व्यापक दिशानिर्देश प्रदान करता है ताकि देश भर में गुणवत्ता आवश्यकताओं में एकरूपता सुनिश्चित हो सके।

विवरण:

  • इस मानक के लागू होने के व्यापक फायदे हैं क्योंकि बायोडिग्रेडेबल एग्री बाय-प्रोडक्‍ट बर्तनों के उपयोग से पर्यावरण सुरक्षा, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और एक चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है।
    • इन बर्तनों में किसी नुकसानदेह पदार्थ का उपयोग नहीं किया गया है और इसलिए इनसे उपभोक्ताओं का कल्याण सुनिश्चित होता है।
    • यह मानक किसानों के लिए आर्थिक अवसर सृजित करता है और सस्‍टेनेबल कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देते हुए ग्रामीण विकास में योगदान करता है।
  • दुनिया भर में डिस्पोजेबल टेबलवेयर का उपयोग बढ़ रहा है।
    • इससे डिस्पोजेबल टेबलवेयर के वैश्विक बाजार का भी विस्‍तार हो रहा है।
    • डिस्पोजेबल प्लेट का बाजार 2020 में 4.26 अरब डॉलर था जो बढ़कर 2028 तक 6.73 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
    • इस प्रकार 2021 से 2028 के बीच इसमें 5.94 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक दर (सीएजीआर) से विस्‍तार होगा।
  • भारत में कई लार्ज-स्‍केल और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) स्तर के विनिर्माता बायोडिग्रेडेबल कटलरी के उत्पादन में सक्रिय योगदान कर रहे हैं।
    • उन्हें इस मानक के लागू होने से काफी फायदा होगा।
    • इन उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है और इसलिए इनके उत्पादन से जुड़े विनिर्माताओं की संख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही है।
  • इस मानक में बायोडिग्रेडेबल बर्तनों के उत्पादन के लिए कच्चे माल, विनिर्माण तकनीक, प्रदर्शन और स्वच्छता आवश्यकताओं सहित विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया है।
    • इसमें प्लेट, कप, कटोरे आदि वर्तन बनाने के लिए पसंदीदा सामग्री के तौर पर खास पत्तियों और आवरण जैसे कृषि बाय-प्रोडक्‍ट्स के उपयोग को निर्दिष्ट किया गया है।
    • यह मानक पौधों और पेड़ों के उपयुक्त हिस्सों का उपयोग करने का सुझाव देता है।
    • साथ ही यह हॉट प्रेसिंग, कोल्‍ड प्रेसिंग, मोल्डिंग और सिलाई जैसी विनिर्माण तकनीक प्रदान करता है।
    • यह चिकनी सतहों, बिना धारदार किनारों के उपयोग पर भी जोर देता है और रसायनों, रेजिन और चिपकने वाले पदार्थों के उपयोग को प्रतिबंधित करता है।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार:
  • भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति भवन में नर्सिंग पेशेवरों को वर्ष 2022 और 2023 के लिए राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार प्रदान किए।
    • तीस नर्सिंग पेशेवरों को समुदाय के प्रति उनके समर्पण, कर्तव्य और सेवा के लिए इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
  • राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कारों की स्थापना वर्ष 1973 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा नर्सों और नर्सिंग पेशेवरों द्वारा समाज को प्रदान की गई सराहनीय सेवाओं के सम्मान के रूप में की गई थी।
    • ये फ्लोरेंस नाइटिंगेल के सम्मान में दिए जाते हैं जिन्हें आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक माना जाता है।
  • इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को प्रधानमंत्री टीबी मुक्त अभियान की प्रगति के बारे में भी जानकारी दी।
  • प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 18 जून, 2023 को अपने मन की बात में इस अभियान और नि-क्षय मित्र पहल पर प्रकाश डाला था।
    • भारत ने 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा है।
    • नि-क्षय मित्र ने टीबी के खिलाफ इस आंदोलन की कमान संभाली है।
    • ग्रामीण इलाकों में हजारों लोग टीबी के मरीजों को गोद ले रहे हैं।
    • 2025 तक टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को हासिल करने में युवा भी योगदान दे रहे हैं।
  • डॉ. मनसुख मांडविया ने राष्ट्रपति को यह जानकारी भी दी कि भारत सरकार जल्द ही देश भर में सिकल सेल एनीमिया को खत्म करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू करेगी।
    • केंद्रीय बजट 2023-24 में सिकल सेल एनीमिया को 2047 तक खत्म करने के विशेष मिशन की घोषणा की।
    • इसमें प्रभावित जनजातीय क्षेत्रों में 0-40 वर्ष के आयु वर्ग के 7 करोड़ लोगों के बीच जागरूकता पैदा करना, सार्वभौमिक जांच और परामर्श शामिल होगा।

2.डिजी यात्रा ऐप:

  • इस सप्ताह अपने मोबाइल फोन पर डिजी यात्रा एप्लिकेशन इंस्टॉल करने वाले यात्रियों की संख्या एक मिलियन से अधिक हो गई है।
  • नागर विमानन और इस्पात मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया द्वारा 1 दिसंबर, 2022 को इसके उद्घाटन के बाद से 1.746 मिलियन लोगों ने इस सुविधा का उपयोग किया है।
  • डिजी यात्रा आरंभ में दिसंबर 2022 में तीन हवाई अड्डों-नई दिल्ली, बेंगलुरु और वाराणसी में शुरू की गई थी, जिसके बाद अप्रैल 2023 में विजयवाड़ा, कोलकाता, हैदराबाद और पुणे में शुरू की गई।
    • 1 अप्रैल, 2023 से सभी सात हवाई अड्डों पर डिजी यात्रा ऐप को यात्रियों द्वारा उपयोग किया जा रहा है।
  • डिजी यात्रा चेहरे की बायोमेट्रिक सत्यापन प्रौद्योगिकी का उपयोग कर बायोमेट्रिक बोर्डिंग प्रणाली के लिए नागर विमानन मंत्रालय की एक पहल है।
    • इसका उद्देश्य हवाई अड्डों पर यात्रियों को सहज और बाधामुक्‍त अनुभव प्रदान करना है।
    • इसका मुख्य उद्देश्य कई संपर्क बिंदुओं पर टिकटों एवं आईडी के मैन्युअल सत्यापन की आवश्यकता को समाप्त करके और डिजिटल फ्रेमवर्क का उपयोग करके मौजूदा अवसंरचना के माध्यम से बेहतर प्रवाह क्षमता (थ्रूपुट) अर्जित कर यात्रा के सुखद अनुभव में वृद्धि करना है।
  • डिजी यात्रा प्रक्रिया में, यात्रियों की व्यक्तिगत पहचान योग्य जानकारी (पीआईआई) डेटा का कोई केंद्रीय भंडारण नहीं है।
    • यात्रियों के सभी डेटा को एन्क्रिप्ट किया जाता है और यात्रियों के स्मार्टफोन के वॉलेट में स्‍टोर किया जाता है और यात्रा आरंभ होने के मूल हवाई अड्डे के साथ सीमित समय अवधि के लिए ही साझा किया जाता है, जहां यात्री की डिजी यात्रा आईडी को सत्‍यापित करने की आवश्यकता होती है।
    • उड़ान के 24 घंटों के भीतर सिस्टम से डेटा हटा दिया जाता है।
    • डेटा केवल मूल हवाई अड्डे पर सीधे यात्रियों द्वारा साझा किया जाता है और वह भी केवल तभी जब वे यात्रा करते हैं।
    • डेटा का उपयोग किसी अन्य निकाय द्वारा नहीं किया जा सकता क्योंकि यह एन्क्रिप्टेड है और इसे किसी भी हितधारक के साथ साझा नहीं किया जा सकता।

3. फेस ऑथेंटिकेशन फीचर वाला पीएम किसान मोबाइल ऐप लांच:

  • केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी व किसानों को आय सहायता के लिए लोकप्रिय योजना “प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि” के अंतर्गत फेस ऑथेंटिकेशन फीचर का पीएम-किसान मोबाइल ऐप केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा लांच किया गया।
    • आधुनिक टेक्नालॉजी के इस ऐप से फेस ऑथेंटिकेशन फीचर का उपयोग कर किसान दूरदराज, घर बैठे भी आसानी से बिना ओटीपी या फिंगरप्रिंट के ही फेस स्कैनकर ई-केवाईसी पूरा कर सकता है और 100 अन्य किसानों को भी उनके घर पर ई-केवाईसी करने में मदद कर सकता हैं।
  • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, भारत सरकार की बहुत ही व्यापक एवं महत्वाकांक्षी योजना है जिसके क्रियान्वयन में राज्य सरकारों ने अपनी भूमिका का निर्वहन किया है।
  • पीएम-किसान एक अभिनव योजना है जिसका लाभ बिना किसी बिचौलियों के केंद्र सरकार किसानों को दे पा रही है।
  • भारत सरकार ने टेक्नालॉजी का उपयोग करके यह जो ऐप बनाया है उससे कृषि क्षेत्र को लाभ हो रहा है ।
  • पीएम किसान दुनिया की सबसे बड़ी डीबीटी योजनाओं में एक है जिसमें किसानों को आधारकार्ड से जुड़े बैंक खातों में 6 हजार रु. सालाना राशि, तीन किस्तों में सीधे हस्तांतरित की जाती है।
    • 2.42 लाख करोड़ रु., 11 करोड़ से ज्यादा किसानों के खातों में शिफ्ट किए जा चुके हैं जिनमें 3 करोड़ से अधिक महिलाएं हैं।
    • कोविड के समय लॉकडाउन के दौरान भी किसानों के लिए पीएम किसान योजना एक मजबूत साथी साबित हुई थी।
    • योजना ने किसानों को सीधे वित्तीय सहायता प्रदान कर आवश्यक सुविधाओं को सुनिश्चित किया व कठिन समय में आत्मविश्वास प्रदान किया है।
    • अब पीएम किसान पोर्टल पर आधार सत्यापन व बैंक खाता विवरण अपडेशन से संबंधित कठिनाइयों का डिजिटल पब्लिक गुड्स के प्रभावी उपयोग से समाधान हो गया।
  • नया ऐप किसानों को योजना व पीएम किसान खातों से संबंधित बहुत-सी महत्वपूर्ण जानकारी भी प्रदान करेगा।
    • इसमें नो यूजर स्टेटस माड्यूल उपयोग कर किसान लैंडसीडिंग, आधार को बैंक खातों से जोड़ने व ई-केवाईसी का स्टेटस जान सकते है।
    • विभाग ने लाभार्थियों के लिए उनके आधार से जुड़े बैंक खाते खोलने हेतु इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (आईपीपीबी) को भी शामिल किया है और सीएससी को राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की मदद से ग्राम-स्तरीय ई-केवाईसी शिविर आयोजित करने को कहा है।

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