22 सितंबर 2022 : PIB विश्लेषण
विषयसूची:
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1.पुनीत सागर अभियान’ को मिला वैश्विक साझीदार:
सामान्य अध्ययन: 3
पर्यावरण:
विषय:भारत एवं विश्व में तटीय प्लास्टिक प्रदूषण सहित पर्यावरणीय हितों के लिए विभिन्न अंर्तष्ट्रीय संगठनों की नीतियां और समझौतों का प्रभाव।
प्रारंभिक परीक्षा: पुनीत सागर अभियान,संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP),राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) से सम्बंधित तथ्य।
प्रसंग:
- राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने प्लास्टिक प्रदूषण के मुद्दे से निपटने और ‘पुनीत सागर अभियान’ और ‘टाइड टर्नर्स प्लास्टिक चैलेंज प्रोग्राम’ के माध्यम से स्वच्छ जल निकायों का सार्वभौमिक लक्ष्य हासिल करने के लिए 22 सितंबर, 2022 को नई दिल्ली में रक्षा मंत्री की उपस्थिति में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
उद्देश्य:
- एनसीसी ने 01 दिसंबर, 2021 को, स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरूकता को प्रोत्साहन देते हुए, समुद्र तटों से प्लास्टिक और अन्य अपशिष्ट पदार्थों को निकालने के लिए ‘पुनीत सागर अभियान’ शुरू किया था जो शुरू में एक महीने के लिए था।
- बाद में इस अभियान में नदियों और अन्य जल निकायों को भी शामिल कर इसे वर्ष भर चलाया गया।
विवरण:
भारत के जलवायु परिवर्तन संकल्प का स्तंभ:
- ‘पुनीत सागर अभियान’ सरकार द्वारा की गई पहलों में से एक है, जिसे प्रधानमंत्री ने स्कॉटलैंड के ग्लासगो में आयोजित 26वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन, कॉप-26 के दौरान ‘पंचामृत’ के रूप में निर्दिष्ट किया था।
- 31 अक्टूबर से 13 नवंबर, 2021 के बीच प्रधानमंत्री ने पांच अमृत तत्वों को जलवायु परिवर्तन से निपटने में भारत के अभूतपूर्व योगदान के रूप में पेश किया था।
यह तत्व हैं:
- भारत वर्ष 2030 तक अपनी गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता को 500 गीगा वॉट तक ले जाएगा।
- भारत वर्ष 2030 तक अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं का 50 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा से पूरा करेगा।
- भारत अब से वर्ष 2030 तक कुल अनुमानित कार्बन उत्सर्जन में एक अरब टन की कमी करेगा।
- वर्ष 2030 तक भारत अपनी अर्थव्यवस्था की कार्बन तीव्रता को 45 प्रतिशत से अधिक कम कर देगा।
- वर्ष 2070 तक भारत नेट जीरो का लक्ष्य हासिल कर लेगा।
‘पुनीत सागर अभियान’ – एक टाइड टर्नर
- अभियान की सफलता के बाद यूएनईपी ने युवा संगठन की ताकत का लाभ उठाने के उद्देश्य से एनसीसी के साथ हाथ मिलाने का फैसला किया है।
- एनसीसी और यूएनईपी के बीच समझौता ज्ञापन का उद्देश्य स्वच्छ जल निकायों को बढ़ावा देने के लिए युवाओं को शामिल करने की दिशा में प्रयास करना और तालमेल बिठाना है।
- इसका उद्देश्य सूचना साझा करने और प्रशिक्षण पहल के माध्यम से क्षमता निर्माण और पर्यावरणीय स्थिरता पर जागरूकता पैदा करना; एनसीसी कैडेट्स के लिए पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन से संबंधित उपयुक्त राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्लेटफार्मों में भाग लेने के अवसरों को बढ़ावा देना एवं पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन से संबंधित पारस्परिक इरादे की संयुक्त पहल में शामिल होना है।
- तीन साल की अवधि वाले समझौता ज्ञापन का उद्देश्य पर्यावरण के क्षेत्र में सामान्य उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए उनके सहयोग और प्रभावशीलता को मजबूत करना, विकसित करना और विस्तृत करना है।
पृष्ठ्भूमि:
- विश्व के सबसे बड़े वर्दीधारी युवा संगठन एनसीसी ने अपने कैडेटों को प्लास्टिक और अन्य अपशिष्ट पदार्थ एकत्र करने के लिए प्रेरित किया।
- ‘पुनीत सागर अभियान’ के शुभारंभ के बाद से 12 लाख से अधिक एनसीसी कैडेटों, पूर्व छात्रों और स्वयंसेवकों द्वारा लगभग 1,900 स्थानों से 100 टन से अधिक प्लास्टिक कचरा एकत्र किया गया है, जिससे 1.5 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं।
- एकत्र किए गए लगभग 100 टन प्लास्टिक कचरे में से 60 टन से अधिक को पुनर्चक्रण के लिए सौंप दिया गया है।
2. यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतीकात्मक सूची में दुर्गा पूजा शामिल:
सामान्य अध्ययन: 1
भारतीय विरासत और संस्कृति:
विषय: भारत के सांस्कृतिक हितों पर विभिन्न अंर्तष्ट्रीय सांस्कृतिक संगठनों की नीतियां और संरक्षण का प्रभाव।
प्रारंभिक परीक्षा: यूनेस्को,अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (आईसीएच) से सम्बंधित तथ्य।
प्रसंग:
- दुर्गा पूजा को दुनिया भर के सबसे बड़े त्योहारों में से एक माना जाता है। इस वर्ष यह और खास हो गई है क्योंकि यूनेस्को ने यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतीकात्मक सूची में दुर्गा पूजा को शामिल किया है और यह ऐसा पहला भारतीय त्योहार है।
उद्देश्य:
- भारत को वर्ष 2022-26 के दौर में अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (ICH) की सुरक्षा के लिए यूनेस्को के 2003 के सम्मेलन की अंतर सरकारी समिति के लिए चुना गया है।
- इस उपलब्धि को हासिल करने के साथ, भारत ने यूनेस्को की अगली प्रतीकात्मक सूची पर विचार के लिए ‘गरबा’ का नाम भेजा है।
विवरण:
- शिक्षा मंत्रालय भारत में यूनेस्को की नोडल एजेंसी है,जबकि संस्कृति मंत्रालय यूनेस्को की सूची में उत्कीर्ण करने के लिए फाइल तैयार करता है,और विदेश मंत्रालय यूनेस्को में प्रस्ताव को सफलतापूर्वक पारित करवाता है।
पृष्ठ्भूमि:
- भारत की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के तहत, संस्कृति और विदेश राज्य मंत्री ने मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की यूनेस्को की प्रतीकात्मक सूची में अंकित दुर्गा पूजा के महत्व पर प्रकाश डाला और सभी से एकजुट होने का आग्रह करते हुए और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर त्योहार की मान्यता का जश्न मनाने को कहा।
3. आरईसी को ‘महारत्न’ कंपनी का दर्जा मिला:
सामान्य अध्ययन: 3
अर्थव्यवस्था:
विषय:आधारभूत संरचना के विकास हेतु सरकारी नीतियां और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के संबंधित हस्तक्षेप,उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न मुद्दे।
प्रारंभिक परीक्षा:आरईसी से सम्बंधित तथ्य।
प्रसंग:
- आरईसी को एक ‘महारत्न’ केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम का दर्जा दिया गया है।
उद्देश्य:
- इस प्रकार, आरईसी को संचालन और वित्तीय मामलों में अपेक्षाकृत अधिक स्वायत्तता मिल गई है।
- वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले लोक उद्यम विभाग की ओर से इस आशय का एक आदेश 22 सितम्बर को जारी किया गया।
विवरण:
- वर्ष 1969 में स्थापित,आरईसी एक गैर–बैंकिंग वित्तीय कंपनी (Non-Banking Financial Company (NBFC)) है, जो देश भर में बिजली क्षेत्र के वित्तपोषण और विकास पर ध्यान केंद्रित करती है।
- आरईसी को ‘महारत्न’ का दर्जा दिए जाने से कंपनी के बोर्ड को वित्तीय निर्णय लेने के दौरान बढ़ी हुई शक्तियां हासिल होंगी।
- एक ‘महारत्न’ कंपनी वित्तीय संयुक्त उद्यम और पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियों को शुरू करने के लिए इक्विटी निवेश कर सकता है और भारत एवं विदेशों में विलय तथा अधिग्रहण कर सकता है।
- इस विलय तथा अधिग्रहण की सीमा संबंधित सीपीएसई की शुद्ध संपत्ति (नेट वर्थ) के 15 प्रतिशत हिस्से और एक परियोजना में 5,000 करोड़ रुपये तक सीमित होती है।
- बोर्ड कार्मिक एवं मानव संसाधन प्रबंधन और प्रशिक्षण से संबंधित योजनाओं की संरचना और कार्यान्वयन भी कर सकता है।
- ‘महारत्न’ के इस दर्जे के साथ, आरईसी अन्य बातों के अलावा प्रौद्योगिकी आधारित संयुक्त उद्यम या अन्य रणनीतिक गठजोड़ में भी कदम रख सकता है।
- आरईसी ने वैश्विक कोविड-19 महामारी के दौरान भी अपनी अनुकूलन क्षमता, लचीलेपन और लगातार प्रदर्शन के कारण यह उपलब्धि हासिल की है।
- वित्तीय वर्ष 2022 में, आरईसी ने अपनी किफायती संसाधन प्रबंधन और मजबूत वित्तीय नीतियों के कारण, 10,046 करोड़ रुपये का अपना अब तक का सबसे अधिक शुद्ध लाभ कमाया और 50,986 करोड़ रुपये की शुद्ध संपत्ति (नेट वर्थ) अर्जित की।
- आरईसी ने डीडीयूजीजेवाई और सौभाग्य जैसी भारत सरकार की प्रमुख योजनाओं की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और देश में ग्रामीण एवं घरेलू विद्युतीकरण के लक्ष्य को हासिल करने में योगदान दिया है।
- आरईसी वर्तमान में वित्तीय और संचालन संबंधी समस्याओं को दूर करते हुए वितरण क्षेत्र में सुधार के लिए संशोधित वितरण क्षेत्र योजना (RDASS) के लिए नोडल एजेंसी की भूमिका निभा रहा है।
4. “ग्लोबल क्लीन एनर्जी एक्शन फोरम-2022”
सामान्य अध्ययन: 3
पर्यावरण:
विषय: भारत के पर्यावरणीय हितों पर विभिन्न विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियां,अंर्तष्ट्रीय संघठनों, सम्मेलनों और राजनीति का प्रभाव।
प्रारंभिक परीक्षा: ग्लोबल क्लीन एनर्जी एक्शन फोरम-2022 से सम्बंधित तथ्य।
प्रसंग:
- 22 सितम्बर को “ग्लोबल क्लीन एनर्जी एक्शन फोरम-2022” अमेरिका के पेंसिल्वेनिया स्थित पिट्सबर्ग में हाइन्ज हिस्ट्री सेंटर में उद्घाटन समारोह के साथ शुरू हुआ।
उद्देश्य:
- ग्लोबल क्लीन एनर्जी एक्शन फोरम की बैठक भारत को जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा की सोच को विश्व के सामने रखने का अवसर प्रदान करती है।
विवरण:
- अमेरिकी ऊर्जा विभाग और कार्नेगी मेलन विश्वविद्यालय संयुक्त रूप से पिट्सबर्ग में 21 से 23 सितंबर तक स्वच्छ ऊर्जा मंत्रिस्तरीय (सीईएम13) और मिशन नवाचार (एमआई-7) आयोजित कर रहा है।
- भारत ग्लोबल क्लीन एनर्जी एक्शन फोरम के पूर्ण और दो गोलमेज सम्मेलनों से काफी गहरे रूप से जुड़ा रहेगा।
- केंद्रीय मंत्री द्वारा टिकाऊ जैव ऊर्जा और बायो-रिफाइनरियों विषयवस्तु पर आयोजित पहले गोलमेज सम्मेलन में महत्वपूर्ण स्वच्छ ऊर्जा हिस्से के साथ ऊर्जा परिदृश्य को रूपांतरित करने की दिशा में काम करने की भारत की योजना के बारे में संबोधन की उम्मीद है।
- वहीं, कनेक्टेड कम्युनिटी के साथ नेट जीरो बिल्ट एनवायरनमेंट (वातावरण) पर आयोजित दूसरे गोलमेज सम्मेलन में डॉ. सिंह पिछले दशक के दौरान 3.43 करोड़ अमरीकी डॉलर के निवेश के साथ भारत समर्थित अनुसंधान विकास और प्रौद्योगिकियों की तैनाती के बारे में विस्तार से बताएंगे।
- इन दोनों गोलमेज सम्मेलन के बाद स्वच्छ ऊर्जा मंत्रिस्तरीय (सीईएम13) और मिशन नवाचार (एमआई-7) की संयुक्त मंत्रिस्तरीय पूर्ण बैठक होगी।
- इस बैठक में डॉ. जितेंद्र सिंह मंत्रियों और प्रतिनिधियों को इसकी जानकारी देंगे कि एमआई और सीईएम को शुरू किए जाने के बाद से ही दोनों का संस्थापक व सक्रिय सदस्य रहा है और अब विभिन्न मिशनों व प्लेटफॉर्म वर्क स्ट्रीम्स के माध्यम से एमआई 2.0 के साथ सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ है।
- इन आयोजनों के बाद डॉ जितेंद्र सिंह चुनिंदा प्रख्यात वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों, डॉक्टरों और परोपकारी लोगों के साथ निजी रात्रिभोज करेंगे।
पृष्ठ्भूमि
- डॉ. जितेंद्र सिंह, जो विद्युत, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय व विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एक उच्च स्तरीय संयुक्त भारतीय मंत्रिस्तरीय आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं, 30 अन्य देशों के ऊर्जा मंत्रियों के साथ डेविड एल लॉरेंस कन्वेंशन सेंटर डाउनटाउन में पर्यावरण शिखर सम्मेलन के लिए पिट्सबर्ग में उपस्थित हुए।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1.प्रधानमंत्री के चयनित भाषणों का संग्रह, “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास” का विमोचन:
- प्रधानमंत्री के चयनित भाषणों का संग्रह, “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास – प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संबोधन (मई 2019 – मई 2020)”, का विमोचन सूचना और प्रसारण मंत्रालय के प्रकाशन विभाग द्वारा 23 सितंबर, 2022 को एक समारोह में किया जाएगा।
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के चुनिंदा भाषणों का यह संकलन, 130 करोड़ भारतीयों की आशा और आकांक्षाओं के माध्यम से न्यू इंडिया के निर्माण का सारसंग्रह है।
- ‘जनभागीदारी-सब को साथ लेकर चलना’ – इस विजन को प्राप्त करने का मुख्य आधार है, सामूहिक विश्वास और संकल्प के माध्यम से समावेशी विकास।
- यह संग्रह विभिन्न विषयों पर मई 2019 से मई 2020 तक प्रधानमंत्री के 86 भाषणों पर केंद्रित है।
- दस विषयगत क्षेत्रों में विभाजित, ये भाषण प्रधानमंत्री के ‘न्यू इंडिया’ दृष्टिकोण को दर्शाते हैं।
- विभाजित किये गए खंड हैं – आत्मनिर्भर भारत: अर्थव्यवस्था, जन-प्रथम शासन, कोविड -19 के खिलाफ लड़ाई, उभरता भारत: विदेशी मामले, जय किसान, टेक इंडिया-न्यू इंडिया, हरित भारत-सहनशील भारत-स्वच्छ भारत (ग्रीन इंडिया-रेसिलिएंट इंडिया-क्लीन इंडिया), स्वस्थ भारत-सक्षम भारत (फिट इंडिया- एफिशिएंट इंडिया), सनातन भारत-आधुनिक भारत: सांस्कृतिक विरासत और मन की बात।
- हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी में भी यह पुस्तक प्रकाशित की गई हैं।
प्रकाशन विभाग के बारे में:
- प्रकाशन विभाग निदेशालय पुस्तकों और पत्रिकाओं का एक भंडार है, जो राष्ट्रीय महत्व के विषयों और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत पर केन्द्रित है।
- वर्ष 1941 में स्थापित, प्रकाशन विभाग भारत सरकार का एक प्रमुख प्रकाशन गृह है, जो विभिन्न भाषाओं में और विकास, भारतीय इतिहास, संस्कृति, साहित्य, जीवनी, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, पर्यावरण और रोजगार जैसे विविध विषयों पर पुस्तकों और पत्रिकाओं का प्रकाशन करता है।
- प्रभाग के प्रमुख प्रकाशनों में लोकप्रिय मासिक पत्रिकाएं जैसे योजना, कुरुक्षेत्र और आजकल के साथ-साथ साप्ताहिक रोजगार समाचार पत्र ‘रोजगार समाचार’ और ‘एम्प्लॉयमेंट न्यूज़’ शामिल हैं।
- इसके अलावा, प्रकाशन विभाग सरकार की प्रतिष्ठित संदर्भ वार्षिक पुस्तक ‘इंडिया ईयर बुक’ का भी प्रकाशन करता है।
2. रक्षा मंत्रालय ने सतह से सतह पर मार करने में सक्षम ब्रह्मोस मिसाइल के लिए ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए:
- रक्षा मंत्रालय (एमओडी) ने रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करते हुए “भारतीय-खरीदें” श्रेणी के तहत सतह से सतह पर मार करने में सक्षम अतिरिक्त दोहरी भूमिका वाली ब्रह्मोस मिसाइलों के अधिग्रहण के लिए मैसर्स ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (बीएपीएल) के साथ एक अनुबंधपत्र पर हस्ताक्षर किए।
- इसकी कुल अनुमानित लागत 1 हजार 700 करोड़ रुपये है। इन दोहरी भूमिका वाली आधुनिक मिसाइलों के भारतीय नौसेना (IN) में शामिल होने से बेड़े की मारक क्षमता और परिचालन गतिविधियों में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी।
- यह उल्लेखनीय है कि बीएपीएल भारत तथा रूस की साझेदारी में रक्षा मंत्रालय का एक संयुक्त उद्यम (JV) है, जो नई पीढ़ी की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों (SSM) के निर्माण और इन्हें अत्याधुनिक बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
- इन मिसाइलों में सतह के साथ-साथ पोत-रोधी हमलों के लिए उन्नत रेंज और दोहरी भूमिका क्षमता है।
- यह अनुबंध स्वदेशी उद्योग की सक्रिय भागीदारी के साथ ही महत्वपूर्ण हथियार प्रणाली एवं गोला-बारूद के स्वदेशी उत्पादन को और आगे बढ़ावा देने वाला है।