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23 जुलाई 2023 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. भारत की पहली कैनबिस मेडिसिन परियोजना का नेतृत्व जम्मू करेगा:
  2. 5वां हेलि‍कॉप्टर एवं लघु विमान शिखर सम्मेलन:
  3. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने JJM डिजिटल अकादमी की स्थापना की:

1. भारत की पहली कैनबिस मेडिसिन परियोजना का नेतृत्व जम्मू करेगा:

सामान्य अध्ययन: 2

स्वास्थ्य:

विषय: स्वास्थ्य से संबंधित सामाजिक क्षेत्र /सेवाओं के विकास एवं उनसे प्रबंधन से संबंधित मुद्दे।

प्रारंभिक परीक्षा: कैनबिस पौधा।

मुख्य परीक्षा: कैनबिस मेडिसिन परियोजना के महत्व पर प्रकाश डालिये।

प्रसंग:

  • जम्मू भारत की पहली कैनबिस मेडिसिन परियोजना का नेतृत्व करने जा रहा है।
  • CSIR-IIIM और इंडस स्कैन के बीच वैज्ञानिक समझौते पर हस्ताक्षर न केवल जम्मू-कश्मीर के लिए बल्कि पूरे भारत के लिए ऐतिहासिक था क्योंकि इसमें उन विविध दवाओं का उत्पादन करने की क्षमता है जिन्हें विदेशों से निर्यात किया जाना है।

उद्देश्य:

  • CSIR-IIIM और इंडस स्कैन के बीच वैज्ञानिक समझौते पर हस्ताक्षर न केवल जम्मू-कश्मीर के लिए बल्कि पूरे भारत के लिए ऐतिहासिक था क्योंकि इसमें उन विविध दवाओं का उत्पादन करने की क्षमता है जिन्हें विदेशों से निर्यात किया जाना है।
  • इस तरह की परियोजना से जम्मू-कश्मीर में बड़े निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
  • यद्यपि जम्मू-कश्मीर और पंजाब नशीली दवाओं के दुरुपयोग से प्रभावित हैं, इसलिए इस तरह की परियोजना से जागरूकता फैलेगी व असाध्‍य और अन्य बीमारियों से पीड़ित रोगियों के लिए इसके विविध औषधीय उपयोग हैं।

विवरण:

  • CSIR-IIIM जम्मू का ‘कैनबिस रिसर्च प्रोजेक्ट’ भारत में अपनी तरह का पहला प्रोजेक्ट है, जिसे एक कनाडाई फर्म के साथ निजी सार्वजनिक भागीदारी में शुरू किया गया है, जिसमें मानव जाति के कल्‍याण के लिए विशेष रूप से न्यूरोपैथी, कैंसर और मिर्गी से पीड़ित रोगियों के लिए कार्य करने की अपार क्षमता है।
  • CSIR-IIIM की यह परियोजना आत्म-निर्भर भारत के नजरिए से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सभी मंजूरी मिलके बाद, यह विभिन्न प्रकार की न्यूरोपैथी, मधुमेह रोग आदि के लिए निर्यात गुणवत्ता वाली दवाओं का उत्पादन करने में सक्षम होगी।
  • जम्मू के जलवायु नियंत्रण सुविधाओं वाले ग्लास हाउसों में जहां वांछित कैनाबिनोइड सामग्री के लिए किस्मों में सुधार पर शोध कार्य किया जा रहा है।
  • डॉ. जितेंद्र सिंह ने कैनबिस के चिकित्सीय गुणों की खोज में अग्रणी अनुसंधान के लिए CSIR-IIIM के प्रयास सराहनीय हैं।
    • यह पौधा अन्यथा प्रतिबंधित है और दुरुपयोग के लिए जाना जाता है।
  • उपज बढ़ाने के लिए नवीनतम तकनीक और खेती के तरीकों के उपयोग से किसानों को मदद मिलेगी।
  • कैनबिस एक अद्भुत पौधा है।
    • मतली और उल्टी के इलाज के लिए मेरिलनोल/नाबिलोन तथा सेसमेट, न्यूरोपैथिक दर्द एवं ऐंठन के लिए सेटिवेक्स, मिर्गी के लिए एपिडियोलेक्स, कैनबिडिओल जैसी दवाओं को एफडीए ने मंजूरी दे दी है और अन्य देशों में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।
    • जम्मू-कश्मीर में अनुसंधान और संरक्षित खेती के लिए CSIR-IIIM, जम्मू को लाइसेंस दिया गया था और GMP विनिर्माण की अनुमति के पश्‍चात, बाकी प्री-क्लिनिकल और क्लिनिकल अध्ययन पूरे किए जाएंगे।

पृष्ठ्भूमि:

  • CSIR-IIIM भारत का सबसे पुराना वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थान है, जिसका 1960 के दशक में बेहतरीन कार्य करने का इतिहास रहा है, जो “बैंगनी क्रांति” का केंद्र है और अब CSIR-IIIM की कैनबिस अनुसंधान परियोजना इसे भारत में वैज्ञानिक अनुसंधान के मामले में और अधिक प्रतिष्ठित बनाने जा रही है।
  • वर्तमान में CSIR-IIIM के पास देश के विभिन्न हिस्सों से एकत्र की गई 500 से अधिक सामग्री का भंडार है।
    • संस्थान के वैज्ञानिक कैनबिस की खेती, कैंसर और मिर्गी में दर्द प्रबंधन जैसी बीमारी की स्थितियों पर जोर देने के साथ दवा की खोज के लिए एंड-टू-एंड तकनीक प्रदान करने के लिए विभिन्न दिशाओं में काम कर रहे हैं।
    • जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के साथ CSIR के त्रिपक्षीय समझौते के अंतर्गत, जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा वैज्ञानिक उद्देश्य के साथ कैनबिस की खेती के लिए लाइसेंस दिए जाने के बाद CSIR-IIIM ने कैनबिस पर खोजपूर्ण अनुसंधान पूरा कर लिया है।
    • कैंसर दर्द और मिर्गी के प्रबंधन से संबंधित आगे के प्री-क्लिनिकल नियामक अध्ययनों के लिए,GMP विनिर्माण करना बहुत महत्वपूर्ण है जो नई चिकित्सीय दवाओं की खोज की अनिवार्य आवश्यकताएं हैं।
    • GMP के लिए विशेष रूप से वैज्ञानिक उद्देश्य के साथ कैनबिस सामग्री का निर्माण और परिवहन के लिए जम्मू-कश्मीर सरकार के उत्पाद शुल्क विभाग से लाइसेंस प्राप्त करने हेतु एक आवेदन बहुत पहले ही प्रस्तुत किया जा चुका है जो अभी भी प्रक्रियाधीन है।
  • प्रासंगिक रूप से सीएसआईआर-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन कैनबिस अनुसंधान में अग्रणी है और इसने देश में खेती के लिए पहला लाइसेंस प्राप्त किया है।
  • इसके बाद, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मणिपुर, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश जैसे कई अन्य राज्यों ने वैज्ञानिक उद्देश्यों के साथ कैनबिस (भांग) के उपयोग के लिए नीति और नियम बनाना शुरू कर दिया है।

2. 5वां हेलि‍कॉप्टर एवं लघु विमान शिखर सम्मेलन:

सामान्य अध्ययन: 3

आधारभूत संरचना:

विषय: बुनियादी ढांचा: उड्ड्यन।

प्रारंभिक परीक्षा: फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI)।

मुख्य परीक्षा: 5वें हेलि‍कॉप्टर एवं लघु विमान शिखर सम्मेलन के व्यापक उद्देश्यों पर चर्चा कीजिए।

प्रसंग:

  • 5वां हेलि‍कॉप्टर और लघु विमान शिखर सम्मेलन 25 जुलाई, 2023 को मध्य प्रदेश के खजुराहो में नागरिक उड्डयन मंत्रालय, मध्य प्रदेश सरकार, पवन हंस लिमिटेड और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जाएगा।

उद्देश्य:

  • शिखर सम्मेलन का उद्देश्य सुदूर और पहाड़ी क्षेत्रों में उड़ान योजना के विस्‍तार को बढ़ाना है।
  • कार्यक्रम का विषय ‘‘अंतिम मील तक पहुंचना: हेलि‍कॉप्टर और छोटे विमानों के माध्यम से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी’’ है।

विवरण:

शिखर सम्मेलन के व्यापक उद्देश्य हैं:

  • सभी उद्योग हितधारकों और नीति निर्माताओं के लिए भारतीय हेलिकॉप्टर और लघु विमान उद्योग के विकास की कहानी पर चर्चा करने के लिए एक साझा मंच प्रदान किया जाए।
  • सुदूर और पहाड़ी क्षेत्रों में उड़ान योजना का विस्‍तार बढ़ाएं और देश की ग्रामीण से शहरी कनेक्टिविटी का प्रसार करें।
  • वर्तमान व संभावित पर्यटन हॉटस्पॉट वाले स्‍थलों पर हेलिकॉप्टर और लघु विमान की कनेक्टिविटी को निर्बाध सेवाएं प्रदान करके बढ़ावा देना।
  • हेलि‍कॉप्टर और लघु विमान भारत के परिवहन पारिस्थितिकी तंत्र में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • नागरिक हेलि‍कॉप्टर विशेषत: दूरदराज के क्षेत्रों में बेहतर पहुंच में योगदान करते हैं, पर्यटन के लिए जबरदस्त संभावनाएं प्रदान करते हैं, जिससे यात्रियों को अद्वितीय तरीकों से सुंदर परिदृश्य और सांस्कृतिक स्थलों का अनुभव प्राप्‍त होता है।
  • हेलि‍कॉप्टर सेवा की अन्य भूमिकाओं में आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं और बाढ़ के दौरान आपदा प्रबंधन, बचाव अभियान आदि शामिल हैं।
  • इसी तरह लघु विमान, व्यवसाय और अवकाश यात्रियों के लिए कुशल और सुविधाजनक परिवहन का विकल्प प्रदान करते हैं, क्षेत्रीय हवाई कनेक्टिविटी को बढ़ाते हैं और अल्‍प-ज्ञात गंतव्यों की खोज को बढ़ावा देते हैं।
  • विमानन और पर्यटन उद्योग परस्पर एक-दूसरे से लाभान्वित होते हैं, रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देते हैं और पूरे देश में आर्थिक विकास को बढ़ावा देते हैं।
  • शिखर सम्मेलन ऐसे महत्वपूर्ण समय पर हो रहा है जब भारतीय नागरिक उड्डयन उद्योग एक आदर्श परिवर्तन के समय से गुजर रहा है।
  • यह क्षेत्र अब न केवल भारत के लिए बल्कि दुनिया भर में मानव जाति के लिए समय की मांग बन गया है क्योंकि यह हमेशा अपने साथ दो महत्वपूर्ण गुणक लाता है- आर्थिक गुणक और रोजगार गुणक।
  • 5वां हेलि‍ शिखर सम्मेलन उद्योग हितधारकों को नीति निर्माताओं के साथ जुड़ने और सहयोग करने के लिए एक साथ लाएगा जिससे सक्षम और विवेकपूर्ण निर्णयों को लागू किया जाए, जो भारत के नागरिक उड्डयन उद्योग को और अधिक विस्‍तार देगा।

3. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने JJM डिजिटल अकादमी की स्थापना की:

सामान्य अध्ययन: 2

शासन:

विषय: शिक्षा से संबंधित सामाजिक क्षेत्र /सेवाओं के विकास एवं उनसे प्रबंधन से संबंधित मुद्दे।

प्रारंभिक परीक्षा: JJM डिजिटल अकादमी, ECHO इंडिया।

प्रसंग:

  • नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 21 और 22 जुलाई को आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के अवसर पर JJM डिजिटल अकादमी की स्थापना के लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग और ECHO इंडिया के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) का आदान-प्रदान किया गया।

उद्देश्य:

  • केंद्रीय जल शक्ति ने जल और स्वच्छता कर्मियों की क्षमता निर्माण के लिए JJM डिजिटल अकादमी का उद्घाटन किया।
  • JJM और ECHO ने ज्ञान का लाभ उठाने और इसे JJM डिजिटल अकादमी के माध्यम से सभी हितधारकों के लिए लागत प्रभावी तरीके से सुलभ कराने के लिए हाथ मिलाया है।

विवरण:

  • इस अवसर पर JJM डिजिटल अकादमी के ऑनलाइन पोर्टल का शुभारंभ किया गया।
  • ECHO इंडिया, एक गैर-लाभकारी संगठन है जिसने JJM डिजिटल अकादमी की स्थापना में विभाग की सहायता की है।
    • अकादमी के माध्यम से, विभाग का लक्ष्य विभिन्‍न प्रशासकों, इंजीनियरों, पंचायत पदाधिकारियों, तकनीशियनों, स्वच्छता कार्यकर्ताओं और पैदल सैनिकों जैसे जल आपूर्ति कार्यक्रम से जुड़े विभिन्न हितधारकों की क्षमता का निर्माण करना है।
    • अकादमी इन्हें मिशन के उद्देश्यों को प्राप्त करने में अपना प्रभावी योगदान देने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल से सुसज्जित करेगी।
    • अकादमी ज्ञान साझा करने और भावी शिक्षार्थियों के भविष्‍य के संदर्भ के लिए सभी सत्रों की रिकॉर्डिंग के माध्‍यम से एक भंडार भी बनाएगी।
  • हितधारकों को प्रशिक्षण देने के लिए प्रमुख संसाधन केन्‍द्र (KRC) और कार्यान्‍वयन सहायता एजेंसियां (ISA) JJM डिजिटल अकादमी मंच पर ऑन बोर्ड होंगी।
    • राष्‍ट्रीय और राज्‍य सरकारें भी अपनी श्रेष्‍ठ प्रक्रियाओं को साझा करने के लिए सत्रों का आयोजन करेंगी।
    • इस कार्यक्रम के माध्‍यम से ज्ञान सामग्री उपलब्‍ध कराने के लिए कई संयुक्‍त राष्‍ट्र और द्विपक्षीय एजेंसियां आर डब्‍ल्‍यू पीएफ साझेदारों, ट्रस्‍ट फाउंडेशन और संस्‍थानों और नागरिक समाज संगठनों ने हाथ मिलाया है।
    • ये अपने-अपने कैलेंडर प्रकाशित करेंगे और उन्‍हें सही जगह और सही समय पर सही ज्ञान प्रदान करने के लिए फील्ड अधिकारियों, ग्राम पंचायत पदाधिकारियों को उपलब्‍ध कराएंगे।
  • JJM डिजिटल अकादमी इस ऊर्जा का लाभ उठाने के लिए एक मंच उपलब्‍ध कराती है।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

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