विषयसूची:
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23 March 2024 Hindi PIB
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सी-डॉट द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित “सेल ब्रॉडकास्ट आपातकालीन चेतावनी के माध्यम से मोबाइल-सक्षम आपदा लचीलापन” इंफॉर्मेशन सोसाइटी पुरस्कार 2024 पर संयुक्त राष्ट्र के विश्व शिखर सम्मेलन के अगले दौर के लिए अर्हता प्राप्त की
सामान्य अध्ययन: 3
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
विषय: देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास।
प्रारंभिक परीक्षा: सी-डॉट का स्वदेशी रूप से विकसित “सेल ब्रॉडकास्ट आपातकालीन चेतावनी के माध्यम से मोबाइल-सक्षम आपदा लचीलापन।”
प्रसंग
- सी-डॉट द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित “सेल ब्रॉडकास्ट आपातकालीन चेतावनी के माध्यम से मोबाइल-सक्षम आपदा लचीलापन” इंफॉर्मेशन सोसाइटी पुरस्कार 2024 पर संयुक्त राष्ट्र के विश्व शिखर सम्मेलन के अगले दौर के लिए अर्हता प्राप्त की
विवरण
- इंफॉर्मेशन सोसाइटी पर विश्व शिखर सम्मेलन (WSIS) संयुक्त राष्ट्र (UN) द्वारा आयोजित सम्मेलनों की एक श्रृंखला है और ITU और स्विस परिसंघ द्वारा सह-आयोजित है, जो सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT) और समाज पर इसके प्रभाव पर केंद्रित है।
- WSIS सम्मेलनों का उद्देश्य डिजिटल विभाजन के अंतर को पाटना तथा राष्ट्रीय, क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक संरचित और समावेशी दृष्टिकोण के माध्यम से सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए ICT के उपयोग को बढ़ावा देना है।
- WSIS पुरस्कार उन उत्कृष्ट परियोजनाओं/उपलब्धियों को सम्मानित करते हैं जो सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में तेजी लाने के लिए सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की क्षमता का लाभ उठाते हैं।
- सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट), दूरसंचार विभाग, संचार मंत्रालय, भारत सरकार का एक प्रमुख दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास केंद्र है जिसने रोमांचित होकर घोषणा की है कि इसकी परियोजना/उत्पाद “सेल ब्रॉडकास्ट आपातकालीन चेतावनी के माध्यम से मोबाइल-सक्षम आपदा लचीलापन” ने WSIS पुरस्कार 2024 के लिए 1000 से ज्यादा वैश्विक प्रविष्टियों के बीच, “जीवन के सभी पहलुओं में लाभ – ई-पर्यावरण” की श्रेणी में WSIS पुरस्कार 2024 के लिए अर्हता प्राप्त की है।
- सी-डॉट की “सेल ब्रॉडकास्ट आपातकालीन चेतावनी के माध्यम से मोबाइल-सक्षम आपदा लचीलापन” प्रणाली एक प्रसारण मोड में सेलुलर दूरसंचार नेटवर्क के माध्यम से मोबाइल फोन पर महत्वपूर्ण जीवन-रक्षक आपातकालीन जानकारी का तत्काल वितरण करने के लिए स्वदेशी रूप से विकसित एंड-टू-एंड अत्याधुनिक समाधान है।
- यह विशिष्ट टोन और पॉप-अप अधिसूचना के साथ हैंडसेट को संदेश प्रस्तुत करने में सक्षम बनाता है, इस प्रकार वास्तविक समय के आधार पर गंभीर पस्थितियों में उपयोगकर्ता का ध्यान आकर्षित करके प्रभावी चेतावनी प्रदान करता है। आपदा और आपातकालीन जानकारी के अलावा, यह समाधान विभिन्न अन्य उपयोगों के लिए भी अनुकूल है जो निम्नलिखित हैं:
- सरकारी निर्देश
- कानून-व्यवस्था
- रक्षा एवं रणनीति क्षेत्र
- औद्योगिक क्षेत्र
- सार्वजनिक सूचना
- यह समाधान भूकंप, विद्युत, सुनामी आदि जैसी कठिन आपदाओं के लिए समय पर अलर्ट जारी कर जीवन रक्षा करने में बहुत उपयोगी है, जहां तत्काल ध्यान देना बहुत आवश्यक होता है।
- WSIS से संबंधित परियोजनाओं को जमा करने की प्रक्रिया 10 अक्टूबर, 2023 से 15 फरवरी, 2024 तक चली, जिसके बाद नामांकन चरण (16 फरवरी, 24 से 10 मार्च, 2024 तक) हुआ, जहां सी-डॉट की परियोजना ने “सेल ब्रॉडकास्ट आपातकालीन चेतावनी के माध्यम से मोबाइल-सक्षम आपदा लचीलापन” 1000 से ज्यादा परियोजनाओं के बीच अगले दौर के लिए अर्हता प्राप्त की।
- सी-डॉट के “सेल ब्रॉडकास्ट आपातकालीन चेतावनी के माध्यम से मोबाइल-सक्षम आपदा लचीलापन” प्रणाली के साथ-साथ अन्य उत्पाद/ समाधान भी हैं जिन्हें उल्लिखित श्रेणी में अर्हता प्राप्त हैं, और मतदान प्रक्रिया के बाद, उच्च संख्या में वोट प्राप्त करने वाली परियोजनाएं अगले दौर में प्रवेश करेगी।
- यह देखते हुए कि समाधान का उपयोग जीवन रक्षा के लिए किया जा सकता है, सी-डॉट इसका समर्थन करने के लिए वोट डालने का अनुरोध करता है जिससे हमारा स्वदेशी मेक इन इंडिया समाधान अगले दौर में प्रवेश कर सके।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- भारतीय नौसेना द्वारा 14 दिसंबर, 2023 से 23 मार्च, 2024 तक संचालित किये जा रहे समुद्री सुरक्षा अभियान (‘ऑपरेशन संकल्प’) :
- भारतीय नौसेना ने 23 दिसंबर के मध्य से वर्तमान में चल रहे अपने समुद्री सुरक्षा अभियानों के दायरे को फिर से विस्तार देकर और महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाकर समुद्री क्षेत्र में इजरायल-हमास संघर्ष के बीच अपनी कार्रवाई को अंजाम दिया है। नौसेना ने 14 दिसंबर, 2023 को माल्टा के ध्वज वाले भारी मालवाहक जहाज एमवी रुएन के अपहरण के दौरान सक्रिय कार्रवाई की।
- ‘ऑपरेशन संकल्प’ के माध्यम से चल रहे समुद्री सुरक्षा अभियानों के 23 मार्च, 2024 को 100 दिन पूरे हो गए हैं। इस दौरान भारतीय नौसेना ने 18 समुद्री घटनाओं में कार्रवाई की है और हिंद महासागर क्षेत्र में ‘प्राथमिक प्रतिक्रियाकर्ता’ व ‘पसंदीदा सुरक्षा भागीदार’ के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- एमवी रुएन के अपहरण के खिलाफ की गई कार्रवाई की सफलता के साथ भारतीय नौसेना के योगदान के महत्व को और अधिक रेखांकित किया गया है।
- भारतीय नौसेना के जहाजों, विमानों एवं विशेष बलों ने पिछले 100 दिनों से ‘समुद्र को सुरक्षित करने’ और इस समुद्री क्षेत्र में मौजूद विभिन्न गैर-पारंपरिक खतरों से समुद्री समुदाय की रक्षा करने के लिए एक दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया है।
- भारतीय नौसेना भारत के समुद्री क्षेत्र में खतरे के आकलन के आधार पर तीन प्रमुख इलाकों जैसे अदन की खाड़ी और आसपास के हिस्सों, अरब सागर व सोमालिया के पूर्वी तट पर समुद्री सुरक्षा अभियान चला रही है।
- 23 दिसंबर से भारतीय नौसेना के कठिन प्रयासों में समुद्री क्षेत्र में खतरों से निपटने के लिए समुद्र में 5000 से अधिक कर्मियों की तैनाती, युद्धपोतों के 450 से अधिक कार्य दिवस (21 से अधिक जहाजों की तैनाती के साथ) और समुद्री निगरानी विमान द्वारा 900 घंटे की उड़ान शामिल हैं।
- हिंद महासागर क्षेत्र में साल 2008 से समुद्री डकैती की घटनाओं में बढ़ोतरी होने के साथ स्थानीय और अपर क्षेत्रीय नौसेनाओं के युद्धपोतों की उपस्थिति में लगातार वृद्धि देखी गई है, जो स्वतंत्र रूप से या फिर विभिन्न बहु-राष्ट्रीय संबंधों के दायरे में काम कर रहे हैं।
- वर्तमान सुरक्षा परिदृश्य में, भारतीय नौसेना ने इस क्षेत्र में अनेक खतरों से उत्पन्न सुरक्षा स्थितियों का मुकाबला करने हेतु प्रमुखता से ‘नेतृत्व’ किया है। भारतीय नौसेना की उपस्थिति में 110 से अधिक लोगों की जान बचाई गई (45 भारतीय नाविकों सहित), 15 लाख टन महत्वपूर्ण वस्तुओं (जैसे उर्वरक, कच्चा तेल और तैयार उत्पाद) को दुर्घटना का शिकार होने से बचाया गया, लगभग 1000 बोर्डिंग ऑपरेशन किए गए, 3000 किलोग्राम से अधिक नशीले पदार्थ जब्त किए गए और 450 से अधिक एमवी का आश्वासन दिया गया।
- वर्तमान में चल रहे समुद्री सुरक्षा अभियानों ने वास्तविक रूप से हिंद महासागर में एक सशक्त और जिम्मेदार समुद्री सैन्य विकल्प के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए भारतीय नौसेना की क्षमता को उजागर किया है।
- दिसंबर 2023 से चल रहे सराहनीय प्रयासों के चलते गुरुग्राम में भारतीय नौसेना के सूचना संलयन केंद्र – हिंद महासागर क्षेत्र (आईएफसी-आईओआर) ने भारतीय समुद्री इलाके में सूचना विनिमय को सक्षम करने के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में एक परिवर्तनकारी भूमिका निभाई है। इसके अलावा, इस अवधि के दौरान भारतीय वायुसेना और राष्ट्रीय एजेंसियों के साथ समन्वित मिशनों ने भी सेवाओं के तालमेल एवं सहभागिता बढ़ाने के प्रयासों पर प्रकाश डाला है।
- ‘ऑपरेशन संकल्प’ के अंतर्गत संचालित किये जा रहे समुद्री सुरक्षा अभियानों की प्रगति के दौरान भारतीय नौसेना द्वारा प्रदर्शित की गई नपी-तुली प्रतिक्रिया, सरलता व दृढ़ संकल्प ने भारत के समुद्री हितों की सुरक्षा, समुद्री खतरों का मुकाबला करने, हमलों को नाकाम करने से उत्पन्न प्रभावों के आधार पर अंतरराष्ट्रीय प्रशंसा हासिल की है। इससे समुद्री डकैती की घटनाओं में कमी और हिंद महासागर क्षेत्र में नशीले पदार्थों के व्यापार में उल्लेखनीय गिरावट आई है।
- विभिन्न सुरक्षा स्थितियों पर भारतीय नौसेना द्वारा दी गई प्रतिक्रिया ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि नाविकों की अलग-अलग राष्ट्रीयता के बावजूद ‘समुद्र में हरेक जीवन की सुरक्षा’ एक सर्वोपरि सिद्धांत बना हुआ है।
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