विषयसूची:
|
1. कैबिनेट ने सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और ओमान के बीच एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर को मंजूरी दी:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/ या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
मुख्य परीक्षा: सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और ओमान संबंधों पर चर्चा कीजिए।
प्रसंग:
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल को सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आपसी सहयोग पर भारत गणराज्य के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और ओमान की सल्तनत के परिवहन, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के बीच 15 दिसंबर, 2023 को हस्ताक्षरित एक सहमति पत्र (MoU) के बारे में जानकारी दी गई।
उद्देश्य:
- इस सहमति पत्र का उद्देश्य सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आपसी सहयोग, प्रौद्योगिकियों एवं सूचनाओं को साझा करने और निवेश के माध्यम से संबंधित पक्षों के बीच व्यापक सहयोग को बढ़ावा देना है।
- यह सहमति पत्र संबंधित पक्षों द्वारा हस्ताक्षर करने की तारीख से प्रभावी होगा और 3 साल की अवधि तक लागू रहेगा।
- सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में ‘जी2जी’ और ‘बी2बी’ दोनों ही तरह के द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाया जाएगा।
- इस एमओयू में बेहतर पारस्परिक सहयोग की परिकल्पना की गई है जिससे आईटी के क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
विवरण:
- एमईआईटीवाई को सहयोग की द्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय रूपरेखा के तहत सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) के उभरते एवं अग्रणी क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने का काम सौंपा गया है।
- आईसीटी के क्षेत्र में द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एमईआईटीवाई कई देशों और बहुपक्षीय एजेंसियों के साथ सहयोग कर रहा है।
- इस अवधि के दौरान एमईआईटीवाई ने आईसीटी क्षेत्र में सहयोग और सूचनाओं के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न देशों के अपने समकक्ष संगठनों/एजेंसियों के साथ एमओयू/समझौते किए हैं।
- यह देश को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में तब्दील करने के लिए भारत सरकार द्वारा की गई विभिन्न पहलों जैसे कि डिजिटल इंडिया, आत्मनिर्भर भारत, मेक इन इंडिया, इत्यादि के अनुरूप है।
- इस बदलते परिवेश में आपसी सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से कारोबारी अवसरों की तलाश करने, सर्वोत्तम प्रथाओं या तौर-तरीकों को साझा करने और डिजिटल क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने की तत्काल आवश्यकता है।
2. केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और डोमिनिकन गणराज्य के बीच संयुक्त आर्थिक एवं व्यापार समिति की स्थापना से संबंधित प्रोटोकॉल को मंजूरी दी:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/ या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
प्रारंभिक परीक्षा: संयुक्त आर्थिक एवं व्यापार समिति (जेईटीसीओ)।
मुख्य परीक्षा: भारत और डोमिनिकन गणराज्य के बीच संयुक्त आर्थिक एवं व्यापार समिति की स्थापना के निहितार्थ।
प्रसंग:
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत गणराज्य के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग और डोमिनिकन गणराज्य के विदेश मंत्रालय के बीच संयुक्त आर्थिक एवं व्यापार समिति (जेईटीसीओ) की स्थापना से संबंधित एक प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
उद्देश्य:
- भारत और डोमिनिकन गणराज्य के बीच द्विपक्षीय संबंध मैत्रीपूर्ण रहे हैं तथा ये संबंध सभी क्षेत्रों में लगातार गहरे होते जा रहे हैं।
- वर्तमान में, भारत और डोमिनिकन गणराज्य के बीच व्यापार एवं वाणिज्य से संबंधित कोई द्विपक्षीय संस्थागत तंत्र नहीं है।
- भारत मुख्य रूप से डोमिनिकन गणराज्य से सोना आयात करता है और उन्हें फार्मास्यूटिकल्स, समुद्री उत्पाद, मोटर वाहन, दोपहिया एवं तिपहिया वाहन आदि का निर्यात करता है।
विवरण:
- जेईटीसीओ की स्थापना से भारत और डोमिनिकन गणराज्य के बीच आर्थिक संबंध मजबूत होंगे और यह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा तथा चर्चा, सूचना, ज्ञान और विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक मंच प्रदान करेगा, जिससे व्यापार एवं उद्योग की जुड़ी गतिविधियां सुविधाजनक हो सकेंगी।
- यह प्रोटोकॉल वृहद लैटिन अमेरिकी एवं कैरेबियाई बाजारों के लिए एक प्रभावी प्रवेश द्वार बन सकता है।
- यह संयुक्त समिति विभिन्न प्राधिकारियों और उनके समकक्षों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान का एक मंच प्रदान करेगी।
- यह वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार को सुविधाजनक बनाने में मददगार साबित होगी, जिससे दोनों देशों में पेशेवरों को रोजगार के बेहतर अवसर मिल सकेंगे।
- जेईटीसीओ की स्थापना से आपसी बातचीत के जरिए भारतीय उत्पादों के निर्यात में आने वाली चुनौतियों को कम करने में मदद मिलेगी और भारत में निर्मित फार्मास्यूटिकल्स, ऑटोमोबाइल और इंजीनियरिंग के सामानों के निर्यात को बढ़ावा देने का मार्ग प्रशस्त होगा, जिससे आत्मनिर्भर भारत के लिए अधिक विदेशी मुद्रा की आय होगी।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1. श्री राम मंदिर अयोध्या धाम प्राण प्रतिष्ठा पर कैबिनेट का प्रस्ताव:
- 24 जनवरी 2024 को हुई कैबिनेट बैठक में श्री राम मंदिर अयोध्या की प्राण प्रतिष्ठा पर प्रस्ताव पारित किया गया।
- प्रधानमंत्री ने इसे ऐतिहासिक कहा और बताया कि यह अद्वितीय है क्योंकि इससे भारत में नियति ने आत्मा की प्राण-प्रतिष्ठा की है।
- उन्होंने भगवान राम के साथ भारतीय सभ्यता, स्वतंत्रता, और एकता के संकेत में दैहिक और आध्यात्मिक सहारा बताया।
- प्रधानमंत्री ने उद्बोधन में इसे नए युग के प्रवर्तन का संकेत माना और देशवासियों को इस ऐतिहासिक पल के लिए बधाई दी।
- कैबिनेट को “कैबिनेट ऑफ मिलेनियम” कहने का सुझाव दिया गया।
- प्रधानमंत्री ने श्री राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को देशवासियों के लिए अद्वितीय और साकारात्मक घटना के रूप में बताया, जो भारतीय समृद्धि और एकता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।
श्री राम मंदिर अयोध्या के प्राण प्रतिष्ठा पर कैबिनेट का प्रस्ताव के संदर्भ में ज्ञान के पहलुओं को ध्यान में रखने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बिंदुएं:
- भारतीय सभ्यता का महत्व: प्रधानमंत्री ने श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को भारतीय सभ्यता के महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में प्रमोट किया, जिससे देशवासियों को अपनी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धारोहर के प्रति जागरूकता हुई।
- धार्मिक एवं आध्यात्मिक महत्व: प्रधानमंत्री ने श्री राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के साथ जोड़ा, जिससे लोगों में आध्यात्मिकता और धार्मिक अभिवादन की भावना उत्तेजित हुई।
- ऐतिहासिक परंपरा का महत्व: इस कदम से प्रधानमंत्री ने भारतीय ऐतिहासिक परंपरा को महत्वपूर्णता दी, जिससे लोगों को इतिहास और सांस्कृतिक विवेचना में रुचि बढ़ी।
- राष्ट्रीय एकता और समृद्धि के साथ जुड़ाव: प्रधानमंत्री ने मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को एक ऐसे घटना के रूप में पेश किया जो राष्ट्रीय एकता और समृद्धि के साथ जुड़ा है, जिससे लोगों में राष्ट्रभक्ति की भावना उत्तेजित हुई।
- सांस्कृतिक एवं राष्ट्रीय अद्यतन: इस प्रस्ताव से प्रधानमंत्री ने सांस्कृतिक और राष्ट्रीय एकता को समर्थन दिया, जो एक अद्वितीय एवं सुसंगत समृद्धि का माध्यम हो सकता है।
- इन बिंदुओं से प्रतिष्ठित किए गए प्रस्ताव ने श्री राम मंदिर के महत्वपूर्ण समाज-सांस्कृतिक एवं आर्थिक पहलुओं को प्रमोट किया है।
2. मेसर्स सूर्यदीप्त प्रोजेक्ट्स ने बार्ज प्रोजेक्ट के 5वें बार्ज का शुभारंभ किया:
- मेसर्स सूर्यदीप्त प्रोजेक्ट्स ने बार्ज प्रोजेक्ट के 5वें बार्ज का शुभारंभ किया: ठाणे में स्थित मेसर्स सूर्यदीप्त प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने 24 जनवरी, 2024 को एम्युनिशन कम टॉरपीडो कम मिसाइल (एसीटीसीएम) बार्ज प्रोजेक्ट के 5वें बार्ज ‘एम्युनिशन कम टॉरपीडो कम मिसाइल बार्ज, एलएसएएम 19 (यार्ड 129)’ का शुभारंभ किया है।
- एसीटीसीएम बार्ज की विवरण: इस बार्ज का निर्माण भारतीय नौसेना के लिए हुआ है और इसमें 11 एक्स एसीटीसीएम बार्ज शामिल हैं।
- अनुबंध की तिथि और सहायकता: रक्षा मंत्रालय ने मेसर्स सूर्यदीप्त प्रोजेक्ट्स के साथ 05 मार्च, 2021 को इस बार्ज के निर्माण के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे।
- इससे भारतीय नौसेना को वस्तुओं और गोला-बारूद के परिवहन, चढ़ाने और उतारने की सुविधा मिलेगी।
- स्वदेशी निर्माण: ये बार्ज स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किए गए हैं, और इन्हें नौसेना नियमों और भारतीय शिपिंग रजिस्टर के तहत पुष्टि की गई है।
- मेक इन इंडिया पहल: इस बार्ज प्रोजेक्ट से भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा मिलेगा और इसे गौरवशाली ध्वजवाहक माना जा रहा है।
3. गणतंत्र दिवस परेड 2024 के दौरान डीआरडीओ नारी शक्ति और स्वदेशी महत्वपूर्ण प्रणालियों तथा प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन करेगा:
- गणतंत्र दिवस परेड 2024 में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा नारी शक्ति और स्वदेशी प्रणालियों और प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया जाएगा।
- महत्वपूर्ण प्रणालियाँ और प्रौद्योगिकियाँ: डीआरडीओ ने गणतंत्र दिवस परेड के माध्यम से ‘आत्मनिर्भरता’ के प्रवर्तक के रूप में महत्वपूर्ण प्रणालियों और प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित किया है।
- महिला शक्ति का योगदान: डीआरडीओ की महिला वैज्ञानिकों ने रक्षा अनुसंधान के प्रमुख क्षेत्रों में बहुमूल्य योगदान दिया है, जिसे गणतंत्र दिवस परेड के माध्यम से प्रमोट किया जाएगा।
- इस झांकी में रक्षा अनुसंधान एवं विकास में महिलाओं की भागीदारी को प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा। प्रसिद्ध वैज्ञानिक श्रीमती सुनीता देवी जेना दस्ते की कमांडर होंगी।
- डीआरडीओ का योगदान: डीआरडीओ भारतीय रक्षा इकोसिस्टम के सभी हितधारकों के साथ मिलकर रक्षा प्रणालियों को सुधारने और नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने में योगदान कर रहा है।
प्रमुख उत्पाद और प्रणालियाँ:
- एमपीटीजीएम (मैन पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल)
- एएसएटी मिसाइल (एंटी-सैटेलाइट)
- अग्नि-5 (बैलिस्टिक मिसाइल)
- वीएसएचओआरएडीएस (वायु रक्षा प्रणाली)
- एनएएसएम-एसआर (एंटी-शिप मिसाइल)
- ‘हेलिना’ (एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल)
- क्यूआरएसएएम (वायु-रक्षा प्रणाली)
- एस्ट्रा (अत्याधुनिक विमानों के खिलाफ)
- एलसीए तेजस (चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान)
- ‘शक्ति’ (इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम)
- आत्मनिर्भरता: डीआरडीओ भारतीय सेना के लिए आत्मनिर्भरता के सिद्धांत के अनुरूप रक्षा प्रणालियों की विकास और डिजाइन में सहायक बन रहा है।
- प्रदर्शनी का विषय: ‘पृथ्वी, वायु, समुद्र, साइबर और अंतरिक्ष जैसे पांचों आयामों में रक्षा कवच प्रदान करके राष्ट्र की सुरक्षा करने में महिला शक्ति’ पर आधारित है।
- मिशन शक्ति में प्रयोग की गई एंटी-सैटेलाइट (एएसएटी) मिसाइल देश की एंटी-सैटेलाइट तकनीक और सटीक स्ट्राइक क्षमता का प्रदर्शन करने वाली एक बड़ी सफलता रही। भारत ऐसी विशिष्ट एवं आधुनिक क्षमता हासिल करने वाला चौथा देश है। अग्नि-5 सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है जो उच्च स्तर की सटीकता के साथ लक्ष्य को भेदने में सक्षम है।
- स्वदेशी रूप से विकसित एमपीएटीजीएम ‘फायर एंड फॉरगेट’ ‘टॉप अटैक’ और रात्रि परिचालन क्षमता के साथ तीसरी पीढ़ी की एटीजीएम है।
- इसे थर्मल साइट सेएकीकृत एक मैन पोर्टेबल लॉन्चर से लॉन्च किया जाता है। एनएएसएम-एसआरपहली स्वदेशी एयर लांच की जाने वाली एंटी-शिप मिसाइल प्रणाली है।
- वीएसएचओआरएडीएस एक मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम है जो कम दूरी से कम ऊंचाई वाले हवाई खतरों को विफल करने में सक्षम है।
- हेलीकॉप्टर से लांच की जाने वाली नाग तीसरी पीढ़ी की, दागो और भूल जाओ एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल है, जो सीधे हिट मोड के साथ-साथ टॉप अटैक मोड में भी लक्ष्य पर हमला कर सकती है।
- इस प्रणाली में किसी भी मौसम में तथा दिन और रात मार करने की क्षमता है और यह पारंपरिक के साथ-साथ विस्फोटक प्रतिक्रियाशील कवच वाले युद्ध टैंकों पर भी हमला करने में सक्षम है।
- क्यूआरएसएएम सभी मौसम में काम करने वाली वायु-रक्षा प्रणाली है, जो सामरिक युद्ध क्षेत्र में भारतीय सेना की मशीनीकृत संपत्तियों को गतिशील वायु रक्षा कवर प्रदान करती है।
- एस्ट्रा, दृश्य सीमा से परे हवा से हवा में मार करने वाली एक अत्याधुनिक मिसाइल है, जो अत्यधिक पैंतरेबाज़ी वाले सुपरसोनिक हवाई लक्ष्यों को भेदने और उन्हें नष्ट करने में सक्षम है।
- एलसीए तेजस स्वदेशी रूप से विकसित हल्के वजनवाला और मल्टीरोल चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान है, जो स्टीक लक्ष्य को भेदने के लिए लेजर निर्देशित बम और आधुनिक मिसाइल ले जा सकता है।
- उत्तम एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे रडार (एईएसएआर) एक मल्टीमोड, स्केलेबल आर्किटेक्चर वाला सॉलिड-स्टेट सक्रिय चरणबद्ध ऐरे फायर कंट्रोल रडार है जिसे विभिन्न प्रकार के लड़ाकू विमानों की श्रेणी के लिए अनुकूलित किया जा सकता है।
- उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (ईडब्ल्यू) सिस्टम ‘शक्ति’ को पारंपरिक और आधुनिक राडार के अवरोधन, पता लगाने, वर्गीकरण, पहचान और जैमिंग के लिए भारतीय नौसेना के लिए डिजाइन और विकसित किया गया है।
- कर्तव्य पथ पर डीआरडीओ द्वारा विकसित कई अन्य प्रणालियों/प्रौद्योगिकियों का भी सशस्त्र बलों के विभिन्न दस्तों में प्रदर्शन किया जाएगा।
- इनमें पिनाका, नाग मिसाइल सिस्टम, मोबाइल ब्रिजिंग सिस्टम ‘सर्वत्र’, मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एमआरएसएएम), हथियार का पता लगाने वाला रडार ‘स्वाति’ आदि शामिल हैं।
- भारतीय वायु सेना के फ्लाई पास्ट में डीआरडीओ द्वारा विकसित एलसीए तेजस और एईडब्ल्यूएंडसी शामिल होंगे।
- डीआरडीओ सशस्त्र बलों के लिए एक डिजाइन और विकास एजेंसी है,जो’आत्मनिर्भर भारत’ की भावना को मजबूत बनाने के लिए अत्याधुनिक रक्षा प्रणालियां विकसित करने में शिक्षा जगत, उद्योग, एमएसएमई, स्टार्ट-अप और सेवाओं सहित रक्षा इकोसिस्टम के सभी हितधारकों के साथ साझेदारी कर रहा है।
4. अभ्यास डेजर्ट नाइट:
- भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने 23 जनवरी 2024 को अभ्यास डेजर्ट नाइट का आयोजन किया।
- इस अभ्यास में फ्रांसीसी वायु और अंतरिक्ष बल (एफएएसएफ) के साथ संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की वायु सेना ने भी भाग लिया।
- अभ्यास के दौरान जहां फ्रांस की तरफ से राफेल लड़ाकू विमान और एक मल्टी रोल टैंकर ट्रांसपोर्ट विमान शामिल हुए थे, वहीं संयुक्त अरब अमीरात की वायु सेना की ओर से एफ -16 लड़ाकू विमान ने हिस्सा लिया।
- इन विमानों ने संयुक्त अरब अमीरात के अल धफरा हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी। भारतीय वायु सेना के दल में सुखोई-30 एमकेआई, मिग-29, जगुआर, एडब्ल्यूएसीएस, सी-130-जे और हवा से हवा में ईंधन भरने वाला विमान शामिल थे।
- यह अभ्यास भारतीय क्षेत्र में अरब सागर के ऊपर संचालित किया गया था, जिसमें भारतीय वायुसेना के विमान भारत में स्थित वायु सेना के ठिकानों से उड़ान भर रहे थे।
- अभ्यास डेजर्ट नाइट का मुख्य उद्देश्य तीनों देशों की वायु सेनाओं के बीच तालमेल और पारस्परिकता बढ़ाने पर था।
- इस अभ्यास के दौरान हुए आपसी सहयोग से तीनों देशों की वायु सेनाओं के बीच परिचालन संबंधी गतिविधियों, अनुभव और सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों के आदान-प्रदान की सुविधा मिली।
- इस तरह के अभ्यास भारतीय वायुसेना की शक्ति को प्रदर्शित करने के अलावा, इस क्षेत्र में बढ़ती राजनयिक और सैन्य सामर्थ्य का संकेत देते हैं।
5. भोपाल ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में शीर्ष स्थान हासिल किया:
- भोपाल नगर निगम के सफल प्रयासों के परिणामस्वरूप, शहर ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में शीर्ष स्थान हासिल किया है, जो एक बड़ी उपलब्धि है।
- यह स्थानीय स्वच्छता के क्षेत्र में भोपाल के प्रयासों को पहचानता है। भोपाल ने सबसे स्वच्छ राज्यों की राजधानियों में शीर्ष स्थान और देशभर में शीर्ष 10 स्वच्छ शहरों में 5वें स्थान पर पहुंचकर अपनी स्थिति मजबूत की है।
- भोपाल की स्वच्छता में सुधार के लिए शहर ने कचरा प्रबंधन, सीवेज उपचार, और तरल अपशिष्ट प्रबंधन में नवाचार और प्रौद्योगिकी का सही उपयोग किया है।
- दैहिक और सामाजिक परियोजनाओं के माध्यम से भी शहर ने सार्वजनिक स्थलों को स्वच्छ और हरित बनाने का प्रयास किया है।
- भोपाल नगर निगम ने उपचारित पानी का पुनर्चक्रण, बायो-सीएनजी, और चारकोल संयंत्रों के माध्यम से कचरे को सही ढंग से प्रबंधित करने के लिए कई पहलुओं में वृद्धि की है।
- इस प्रकार की सफलता ने भोपाल को स्वच्छता के क्षेत्र में नेतृत्व का स्थान दिलाया है और यह दूसरे शहरों को भी प्रेरित कर सकता है।
- इस तरह के प्रयास सामाजिक और वातावरणीय सुधारों की सामाजिक परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
6. भारत में जलवायु अनुकूल कृषि खाद्य प्रणालियों को आगे बढ़ाने के लिए निवेश फोरम का शुभारंभ किया गया:
- नीति आयोग, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, और एफएओ ने भारत में जलवायु अनुकूल कृषि खाद्य प्रणालियों को बढ़ावा देने के लिए एक निवेश फोरम का शुभारंभ किया है।
- इस नए पहल का उद्देश्य सरकार, निजी क्षेत्र, किसान संगठनों, और वित्तीय संस्थानों के बीच जलवायु के अनुकूल कृषि खाद्य प्रणालियों को बढ़ावा देने के लिए निवेश और साझेदारी रणनीति विकसित करना है।
- इस अवसर पर विचार करते हुए, विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधिमंडलों ने चर्चा की और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं, निवेश के अवसरों, साझेदारी, तकनीकी सहायता, और सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया। इसमें जलवायु अनुकूलन, डिजिटल बुनियादी ढांचे, वित्तपोषण, जलवायु मूल्य श्रृंखला, उत्पादन प्रथाएं, और लैंगिक समावेशन के पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया।
- इस बैठक के माध्यम से भारत में जलवायु अनुकूल कृषि के क्षेत्र में सुधार की दिशा में नई पहल की शुरुआत की गई है।
- नीति आयोग, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और एफएओ ने ‘भारत में जलवायु अनुकूल कृषि खाद्य प्रणालियों को आगे बढ़ाने के लिए निवेश फोरम’ का शुभारंभ करके सरकार, निजी क्षेत्र, किसान संगठनों और वित्तीय संस्थानों के बीच एक साझेदारी रणनीति को बढ़ावा देने का उद्देश्य रखा है।
- इसमें ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के बारे में चर्चा, खेती योग्य भूमि पर वृक्षारोपण का महत्व, जलवायु परिवर्तन के आर्थिक प्रभाव, और कृषि उत्पादन के लिए नई दिशा की बात की गई। छह प्रमुख क्षेत्रों में चर्चा हुई, जिनमें जलवायु अनुकूल कृषि, डिजिटल बुनियादी ढांचे, और जलवायु अनुकूल खाद्य प्रणालियों का वित्तपोषण शामिल हैं।
7.केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सरकारी और निजी क्षेत्र की कोयला/लिग्नाइट गैसीकरण परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए परियोजनाओं को मंजूरी दी:
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने तीन श्रेणियों में कोयला गैसीकरण परियोजनाओं को प्रोत्साहन देने के लिए 8,500 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ सरकारी सार्वजनिक उपक्रमों और निजी क्षेत्र की कोयला/लिग्नाइट गैसीकरण परियोजनाओं को बढ़ावा देने की योजना को मंजूरी दी।
कैबिनेट ने इस योजना को इस प्रकार मंजूरी दी है:
- कोयला गैसीकरण परियोजनाएं: मंत्रिमंडल ने तीन श्रेणियों में कोयला गैसीकरण परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए 8,500 करोड़ रुपये का परिव्यय करने की योजना मंजूर की है।
- वित्तीय सहायता: यह योजना सरकारी सार्वजनिक उपक्रमों और निजी क्षेत्र को कोयला/लिग्नाइट गैसीकरण परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने का हिस्सा है।
- प्रोत्साहन राशि: श्रेणी 1 में, सरकारी सार्वजनिक उपक्रमों के लिए 4,050 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि का उल्लेख है।
- बोली प्रक्रिया: श्रेणी 2 और 3 के तहत संस्थाओं का चयन प्रतिस्पर्धी और पारदर्शी बोली प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा।
- ईजीओएस योजना: कोयला सचिव की अध्यक्षता में ईजीओएस योजना के तौर-तरीकों में किए जाने वाले बदलावों का उल्लेख है, जो कोयला गैसीकरण क्षेत्र में आवश्यक हैं।
Comments