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25 अक्टूबर 2023 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जापान-भारत सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला साझेदारी पर भारत और जापान के बीच सहयोग ज्ञापन को मंजूरी दी:
  2. आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (पीएमकेएसवाई-एआईबीपी) के तहत उत्तराखंड की जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना को शामिल करने की मंजूरी दी:
  3. केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने फॉस्फेट एवं पोटाशयुक्त (पीएंडके) उर्वरकों पर रबी सीजन 2023-24 के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरों को मंजूरी दी:
  4. ‘एक देश, एक चुनाव के लिए उच्च स्तरीय समिति’ की दूसरी बैठक संपन्न हुई:

1. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जापान-भारत सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला साझेदारी पर भारत और जापान के बीच सहयोग ज्ञापन को मंजूरी दी:

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/ या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।

प्रारंभिक परीक्षा: सेमीकंडक्टर,जी2जी और बी2बी,इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम)।

मुख्य परीक्षा: डिजिटल प्रौद्योगिकियों की उन्नति के लिए सेमीकंडक्टर के महत्व पर प्रकाश डालिये। भारत और जापान के बीच सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला साझेदारी पर चर्चा कीजिए।

प्रसंग:

  • प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल को इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार और जापान के अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग मंत्रालय के बीच जुलाई, 2023 में जापान-भारत सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला साझेदारी के लिए हस्ताक्षरित सहयोग ज्ञापन (एमओसी) से अवगत कराया गया।

उद्देश्य:

  • एमओसी का उद्देश्य उद्योगों और डिजिटल प्रौद्योगिकियों की उन्नति के लिए सेमीकंडक्टर के महत्व की पहचान करते हुए सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला को संवर्धित करने की दिशा में भारत और जापान के बीच सहयोग को मजबूत बनाना है।
  • यह एमओसी दोनों पक्षों के हस्ताक्षर की तारीख से प्रभावी होगा और पांच साल की अवधि तक लागू रहेगा।
  • लचीली सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला को आगे बढ़ाने और पूरक शक्तियों का लाभ उठाने के अवसरों पर जी2जी और बी2बी दोनों तरह के द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाए जाएंगे।
  • एमओसी बेहतर सहयोग की परिकल्पना करता है, जिससे आईटी के क्षेत्र में रोजगार के अवसरों का सृजन होगा।

विवरण:

  • इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए अनुकूल माहौल बनाने की दिशा में सक्रिय रूप से काम करता आ रहा है।
  • भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण इकोसिस्टम के विकास हेतु कार्यक्रम का आरंभ देश में मजबूत और टिकाऊ सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले इकोसिस्टम का विकास सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया था।
  • उक्त कार्यक्रम का उद्देश्य सेमीकंडक्टर फैब्स, डिस्प्ले फैब्स, कंपाउंड सेमीकंडक्टर/सिलिकॉन फोटोनिक्स/सेंसर/डिस्क्रीट सेमीकंडक्टर और सेमीकंडक्टर असेंबली, परीक्षण, मार्किंग एंड पैकेजिंग (एटीएमपी)/आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट (ओएसएटी) सुविधाओं के लिए फैब्स की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाना है।
  • इसके अलावा, देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण इकोसिस्‍टम के विकास के लिए भारत की रणनीतियों को संचालित करने के लिए डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन (डीआईसी) के तहत इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) की स्थापना की गई है।
  • इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को द्विपक्षीय और क्षेत्रीय ढांचे के तहत सूचना प्रौद्योगिकी के उभरते और अग्रणी क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भी अधिदेशित किया गया है।
  • इस उद्देश्य के साथ, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने द्विपक्षीय सहयोग और सूचना के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने और आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन सुनिश्चित करते हुए भारत को विश्वसनीय भागीदार के रूप में उभरने में सक्षम बनाने हेतु विभिन्न देशों के समकक्ष संगठनों/एजेंसियों के साथ एमओयू/एमओसी/समझौते किए हैं।
  • इस एमओयू के माध्यम से जापानी और भारतीय कंपनियों के बीच आपसी सहयोग को बढ़ाया जाना, भारत और जापान के बीच परस्पर लाभकारी सेमीकंडक्टर से संबंधित व्यावसायिक अवसरों और साझेदारी की दिशा में एक और कदम है।
  • दोनों देशों के बीच तालमेल और संपूरकता के मद्देनजर अक्टूबर 2018 में प्रधानमंत्री श्री मोदी की जापान यात्रा के दौरान सहयोग के मौजूदा क्षेत्रों के साथ-साथ “डिजिटल आईसीटी प्रौद्योगिकियों” पर अधिक ध्यान केंद्रित हुए एस एंड टी/आईसीटी में सहयोग के दायरे में नई पहलों को आगे बढ़ाते हुए “भारत-जापान डिजिटल साझेदारी” (आईजेडीपी) की शुरूआत की गई थी।
  • वर्तमान में जारी आईजेडीपी और भारत-जापान औद्योगिक प्रतिस्पर्धात्मकता साझेदारी (आईजेआईसीपी) पर आधारित जापान-भारत सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला साझेदारी पर यह एमओसी इलेक्ट्रॉनिक्स इकोसिस्टम के क्षेत्र में सहयोग को और व्यापक और गहन बनाएगा।
  • उद्योगों और डिजिटल प्रौद्योगिकियों की उन्नति के लिए सेमीकंडक्टर के महत्व की पहचान करते हुए यह एमओसी सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला लचीलेपन को संवर्धित करेगा।

2. आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (पीएमकेएसवाई-एआईबीपी) के तहत उत्तराखंड की जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना को शामिल करने की मंजूरी दी:

सामान्य अध्ययन: 2,3

शासन,कृषि:

विषय: केंद्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं एवं इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन। बुनियादी ढांचा: ऊर्जा। बहुउद्देशीय परियोजना। देश के विभिन्न भागों में फसलों का पैटर्न-सिंचाई के विभिन्न प्रकार एवं सिंचाईं प्रणाली।

प्रारंभिक परीक्षा: प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम,जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना।

मुख्य परीक्षा: प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (पीएमकेएसवाई-एआईबीपी) के तहत बांध बहुउद्देशीय परियोजना को शामिल करने के लाभों पर चर्चा कीजिए।

प्रसंग:

  • प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) ने जल संसाधन,नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग के प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना-त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (पीएमकेएसवाई-एआईबीपी) के तहत उत्तराखंड की जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना को शामिल करने की मंजूरी दे दी है।

उद्देश्य:

  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मार्च, 2028 तक ₹2,584.10 करोड़ की अनुमानित लागत वाली परियोजना को पूरा करने के लिए उत्तराखंड को ₹1,557.18 करोड़ की केंद्रीय सहायता को मंजूरी दे दी है।
  • इस परियोजना में उत्तराखंड के नैनीताल जिले में राम गंगा नदी की सहायक नदी गोला नदी पर जमरानी गांव के पास एक बांध के निर्माण की परिकल्पना की गई है।
  • यह बांध मौजूदा गोला बैराज को अपनी 40.5 किमी लंबी नहर प्रणाली और 244 किमी लंबी नहर प्रणाली के माध्यम से पानी देगा, जो 1981 में पूरा हुआ था।

विवरण:

  • इस परियोजना में उत्तराखंड के नैनीताल और उधम सिंह नगर जिलों और उत्तर प्रदेश के रामपुर और बरेली जिलों में 57,065 हेक्टेयर (उत्तराखंड में 9,458 हेक्टेयर और उत्तर प्रदेश में 47,607 हेक्टेयर) की अतिरिक्त सिंचाई की परिकल्पना की गई है।
  • दो नई फीडर नहरों के निर्माण के अलावा, 207 किमी मौजूदा नहरों का नवीनीकरण किया जाना है और परियोजना के तहत 278 किमी पक्के फील्ड चैनल भी क्रियान्वित किए जाने हैं।
  • इसके अलावा, इस परियोजना में 14 मेगावाट की जल विद्युत उत्पादन के साथ-साथ हल्द्वानी और आसपास के क्षेत्रों में 42.70 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) पीने के पानी के प्रावधान की भी परिकल्पना की गई है, जिससे 10.65 लाख से अधिक आबादी लाभान्वित होगी।
  • परियोजना के सिंचाई लाभों का एक बड़ा हिस्सा पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश को भी होगा, और दोनों राज्यों के बीच लागत/लाभ साझाकरण 2017 में हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन के अनुसार किया जाना है।
  • हालांकि, पीने का पानी और बिजली लाभ उपलब्ध होंगे पूरी तरह से उत्तराखंड के लिए ही परिकल्पित हैं।

पृष्ठ्भूमि:

  • प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) वर्ष 2015-16 के दौरान शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य खेत पर पानी की पहुंच को बढ़ाना और सुनिश्चित सिंचाई के तहत खेती योग्य क्षेत्र का विस्तार करना,खेत में पानी के उपयोग की दक्षता में सुधार करना,स्थायी जल संरक्षण पद्धितियों को लागू करना आदि है।
  • भारत सरकार ने दिसंबर 2021 में 2021-26 के दौरान पीएमकेएसवाई के कार्यान्वयन को रुपये 93,068.56 करोड़ (37,454 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता) के समग्र परिव्यय के साथ मंजूरी दी थी ।
  • पीएमकेएसवाई का त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (एआईबीपी) घटक प्रमुख और मध्यम सिंचाई परियोजनाओं के माध्यम से सिंचाई क्षमता के निर्माण से संबन्धित है।
  • पीएमकेएसवाई-एआईबीपी के तहत अब तक 53 परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं तथा 25.14 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई क्षमता सृजित हुई है।
  • 2021-22 के बाद पीएमकेएसवाई के एआईबीपी घटक के अंतर्गत अब तक छह परियोजनाओं को शामिल किया गया था।
  • जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना एआईबीपी के अंतर्गत शामिल होने वाली सातवीं परियोजना है।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1. केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने फॉस्फेट एवं पोटाशयुक्त (पीएंडके) उर्वरकों पर रबी सीजन 2023-24 के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरों को मंजूरी दी:

  • प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने रबी सीजन 2023-24 (01.10.2023 से 31.03.2024 तक) के लिए फॉस्फेट और पोटाशयुक्त (पीएंडके) उर्वरकों पर पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरें तय करने के लिए उर्वरक विभाग के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है।
  • आगामी रबी सीजन 2023-24 में पोषक तत्व आधारित सब्सिडी पर 22,303 करोड़ रुपये का व्यय होने की उम्मीद है।
  • फॉस्फेट और पोटाशयुक्त उर्वरकों पर यह सब्सिडी रबी सीजन 2023-24 (01.10.2023 से 31.03.2024 तक लागू) के लिए अनुमोदित दरों के आधार पर प्रदान की जाएगी ताकि किसानों को किफायती मूल्यों पर इन उर्वरकों की उपलब्धता सुचारू रूप से सुनिश्चित की जा सके।

लाभ:

  • किसानों को इन उर्वरकों की उपलब्धता रियायती, किफायती और उचित मूल्यों पर सुनिश्चित की जाएगी।
  • उर्वरकों और संबंधित सामग्रियों के अंतर्राष्ट्रीय मूल्यों में अभी हाल के रूझानों को ध्यान में रखते हुए फॉस्फेट और पोटाशयुक्त उर्वरकों पर सब्सिडी को युक्तिसंगत बनाना।

पृष्ठभूमि:

  • सरकार उर्वरक निर्माताओं/आयातकों के माध्यम से किसानों को रियायती कीमतों पर 25 ग्रेड का पीएंडके उर्वरक उपलब्ध करा रही है।
    • पीएंडके उर्वरकों पर सब्सिडी एनबीएस योजना के तहत 01.04.2010 से लागू है।
    • अपने किसान हितैषी सोच के अनुरूप, सरकार किसानों को किफायती मूल्यों पर पीएंडके उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
    • उर्वरकों और संबंधित सामग्रियों यानी यूरिया, डीएपी, एमओपी और सल्फर की अंतरराष्ट्रीय मूल्यों में हाल के रुझानों को देखते हुए सरकार ने रबी 2023-24 के लिए 01.10.23 से 31.03.24 तक फॉस्फेटिक और पोटाश (पीएंडके) उर्वरक पर प्रभावी एनबीएस दरों को मंजूरी देने का फैसला किया है।
    • उर्वरक कंपनियों को अनुमोदित और अधिसूचित दरों के अनुसार सब्सिडी प्रदान की जाएगी ताकि किसानों को किफायती मूल्यों पर उर्वरक उपलब्ध कराया जा सके।

2. ‘एक देश, एक चुनाव के लिए उच्च स्तरीय समिति’ की दूसरी बैठक संपन्न हुई:

  • देश में एक साथ चुनाव कराने से संबंधित मुद्दे की समीक्षा करने और उस पर सिफारिशें देने के लिए भारत के पूर्व राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता में सरकार द्वारा गठित उच्च-स्तरीय समिति की दूसरी बैठक हुई।
  • केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह, राज्यसभा के पूर्व नेता विपक्ष श्री गुलाम नबी आज़ाद, कानून और न्याय मंत्रालय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अर्जुन राम मेघवाल, 15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष श्री एन.के. सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव डॉ. सुभाष सी. कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता श्री हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त श्री संजय कोठारी ने बैठक में भाग लिया।
  • दूसरी बैठक में समिति के अध्यक्ष श्री राम नाथ कोविन्द ने सदस्यों के साथ 23 सितंबर को हुई पहली बैठक के मिनट्स और उसके निर्णयों पर की गई कार्रवाई की पुष्टि की।
  • समिति को सूचित किया गया कि पहले लिए गए निर्णय के अनुसार एचएलसी का नाम बदलकर ‘एक देश, एक चुनाव के लिए उच्च स्तरीय समिति’ कर दिया गया है।
  • समिति को यह भी बताया गया कि 6 (छह) राष्ट्रीय पार्टियों, 33 (तैंतीस) राज्य पार्टियों और 7 (सात) पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त पार्टियों को एक राष्ट्र एक चुनाव पर उनके सुझाव आमंत्रित करने के लिए पत्र भेजे गए हैं।
  • सचिव ने समिति को बताया कि एक राष्ट्र एक चुनाव के लिए एक वेबसाइट भी तैयार की गई है, जो इस विषय पर सभी प्रासंगिक जानकारी का भंडार होने के अलावा, सभी हितधारकों से बातचीत और सुझाव प्राप्त करने के लिए एक मंच प्रदान करेगी।
  • भारत के विधि आयोग ने बैठक के दौरान देश में एक साथ चुनाव के मुद्दे पर अपने सुझावों और दृष्टिकोणों को विस्तार से बताते हुए एक प्रस्तुति दी।
  • विधि आयोग का प्रतिनिधित्व इसके अध्यक्ष न्यायमूर्ति रितु राज अवस्थी, सदस्य प्रो. (डॉ.) आनंद पालीवाल और सदस्य सचिव श्री खेत्रबासी बिस्वाल ने किया।

समिति द्वारा सर्वसम्मति से निम्नलिखित निर्णय लिये गये:

  • चालू वित्त वर्ष-2023-24 के लिए एचएलसी के लिए बजटीय प्रावधान को मंजूरी दी गई।
  • लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी के नेता श्री अधीर रंजन चौधरी का एचएलसी की सदस्यता से इस्तीफा नोट किया गया।

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