25 सितंबर 2022 : PIB विश्लेषण
विषयसूची:
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1.आयुष्मान भारत-पीएमजेएवाई के 4 वर्ष और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का 1 वर्ष पूर्ण:
सामान्य अध्ययन: 2
शासन,स्वास्थ्य:
विषय: सरकार की कल्याणकारी पहलें एवं सामाजिक एवं स्वास्थ्य क्षेत्र से संबंधित सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित मुद्दे।
प्रारंभिक परीक्षा: आयुष्मान भारत-पीएमजेएवाई,आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन से सम्बंधित तथ्य।
प्रसंग:
- केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने आयुष्मान भारत-पीएमजेएवाई के 4 वर्ष और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का 1 वर्ष पूर्ण होने पर दो दिवसीय आरोग्य मंथन 2022 का उद्घाटन किया गया।
उद्देश्य:
- आरोग्य मंथन आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) के 4 साल और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के 1 साल पूरे होने का प्रतीक है।
विवरण:
- सबसे बड़ी वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य बीमा योजना में पीएम-जेएवाई लाभार्थियों को सबसे महत्वपूर्ण हितधारक के रूप में रेखांकित करते हुए देश में 33 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में 19 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं, और 24 करोड़ से अधिक एबीएचए नंबरों का सृजन किया गया है।
- यह देश में स्वास्थ्य रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
- प्रतिदिन 4.5 लाख कार्ड बनाने की वर्तमान दर को बढ़ाकर 10 लाख आयुष्मान कार्ड प्रतिदिन किया जाएगा।
- सूचना प्रौद्योगिकी और स्वास्थ्य की परस्पर क्रिया से देश में स्वास्थ्य सेवा को सुलभ बनाने के विजन को साकार किया जा सकता है।
- अगले कुछ वर्षों में देश के प्रत्येक गांव को हाई स्पीड ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ दिया जाएगा, जिससे सभी तक कनेक्टिविटी और निरंतर स्वास्थ्य पहुंच सुनिश्चित होगी।
- देश न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में प्रौद्योगिकी को अपनाने में अग्रणी है बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि इसे जमीनी स्तर पर लागू किया जाए।
- सरकार अपने नागरिकों को सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए समग्र रूप से काम कर रही है।
- पीएम-जेएवाई के 4 साल पूरे होने और एबीडीएम के 1 साल पूरे होने के अवसर पर यह सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
- एबीडीएम का देश में स्वास्थ्य ढांचे के डिजिटलीकरण में कई गुना प्रभाव पड़ेगा।
- नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल ने 2030 तक सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त करने के लिए मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली के महत्व और आवश्यकता को रेखांकित किया।
- केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य दावा विनिमय (एचसीएक्स), राष्ट्रीय ई-रूपी पोर्टल और डिजिटलीकरण की कई नई पहल की शुरुआत की।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1. ‘स्वच्छ टॉयकैथॉन’:
- भारत को वैश्विक खिलौना हब के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से पारंपरिक हस्तशिल्प और हस्तनिर्मित खिलौनों सहित भारतीय खिलौना उद्योग को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय खिलौना कार्य योजना (एनएपीटी) 2020 की शुरुआत की गई थी।
- केन्द्रीय सरकार के 14 मंत्रालयों के साथ उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) वर्तमान में एनएपीटी के विभिन्न पहलुओं को कार्यान्वित कर रहा है।
- विश्व में दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या वाला देश होने के अतिरिक्त, भारत में युवा आबादी में भी वृद्धि हो रही है जहां कुल आबादी का आधा हिस्सा 25 वर्ष से कम आयु का है।
- खिलौनों की मांग मजबूत आर्थिक विकास बढ़ती आय और युवा आबादी के लिए कई नवोन्मेषणों के कारण भी बढ़ रही है।
- लगातार बदलती उपभोग प्रवृत्तियां और ई-कॉमर्स के तेजी से बढ़ने के साथ, पिछले एक दशक में प्रति व्यक्ति अपशिष्ट उत्पादन में लगातार वृद्धि हुई है, जिससे शहरों में अपशिष्ट प्रबंधन शहरी स्थानीय निकायों के लिए एक चुनौती बन गया है।
- स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम 2.0) का दूसरा चरण 1 अक्टूबर, 2021 को प्रधानमंत्री द्वारा 2026 तक ‘कचरा मुक्त’ शहरों के विजन के साथ शुरू किया गया था।
- एक तरफ खिलौनों की बढ़ती मांग और दूसरी तरफ ठोस कचरे के प्रभाव के साथ, स्वच्छ टॉयकैथॉन एनएपीटी और एसबीएम 2.0 के बीच एक संयोजन है जो खिलौनों के सृजन या विनिर्माण में कचरे के उपयोग के लिए समाधान की खोज करने का प्रयास करता है।
- सूखे अपशिष्ट का उपयोग करके खिलौनों के डिजाइन में नवोन्मेषण लाने के लिए यह प्रतियोगिता खुली रहेगी।
- यह कुशल डिजाइनों पर ध्यान केन्द्रित करेगी। साथ ही, यह खिलौनों के सौंदर्यशास्त्र पर भी ध्यान केन्द्रित करेगी।
- आईआईटी गांधीनगर का सेंटर फॉर क्रिएटिव लर्निंग इस पहल के लिए ज्ञान साझेदार है।
- यह प्रतियोगिता ‘स्वच्छ अमृत महोत्सव’ के तहत शुरू की जा रही है, जो 17 सितम्बर 2022 के सेवा दिवस से लेकर 2 अक्टूबर 2022 के स्वच्छता दिवस तक स्वच्छता से संबंधित कदमों को बढ़ावा देने के लिए किए जाने वाले कार्यकलापों का एक पखवाड़ा है।