विषयसूची:
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1. पीएम गतिशक्ति ने अयोध्या बाईपास परियोजना की योजना और उसके कार्यान्वयन को बढ़ावा दिया है
सामान्य अध्ययन: 2,3
शासन, आर्थिक विकास
विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप। भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय।
प्रारंभिक परीक्षा: पीएम गतिशक्ति संबंधित तथ्य
प्रसंग:
- पिछले दो वर्षों में 131 से अधिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के व्यापक क्षेत्र-आधारित सामाजिक-आर्थिक विकास का आकलन करने के लिए पीएम गतिशक्ति के अंतर्गत नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप-एनपीजी की 64 बैठकें आयोजित की गई हैं। 52वीं एनपीजी बैठक के दौरान अयोध्या बाईपास परियोजना का मूल्यांकन एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजना के रूप में किया गया था।
उद्देश्य:
- इस परियोजना का उद्देश्य प्रमुख जिलों को समाहित करना है। यह परियोजना तीन जिलों में पर्यटक और तीर्थ स्थलों सहित आर्थिक, सामाजिक और आर्थिक आपूर्ति श्रृखंला प्रबन्धन के केन्द्रों के बीच सम्पर्क में सुधार की सुविधा प्रदान करेगी।
विवरण:
- अयोध्या दो आर्थिक केंद्रों (लखनऊ और गोरखपुर) के बीच स्थित है तथा चमड़ा, इंजीनियरिंग सामान, भवन निर्माण सामग्री, लोहा और इस्पात इत्यादि जैसी प्रमुख वस्तुएं इस नगर से होकर गुजरती हैं, इसलिए इस बाईपास मार्ग के निर्माण से निर्बाध माल प्रवाह की निर्बाध सुविधा मिलेगी और भीड़भाड़ भी कम होगी।
- यह परियोजना रेलवे स्टेशनों (अयोध्या रेलवे स्टेशन, सोहवाल रेलवे स्टेशन, एएन देव नगर रेलवे स्टेशन और अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन) और हवाई अड्डे (अयोध्या हवाई अड्डे पर) जैसे एकीकृत बुनियादी ढांचे के साथ बहु-विधता (मल्टी –मॉडलिटी) को बढ़ाएगी।
- इस परियोजना की परिकल्पना नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप बैठकों में मूल्यांकन की गई अन्य प्रस्तावित ऐसी परियोजनाओं के साथ पूरक और समन्वयन लाने के लिए की गई है।
- अयोध्या का क्षेत्रीय बुनियादी ढांचा महत्व इसके सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व से भी कहीं अधिक है, जो आसपास के क्षेत्रों के समग्र विकास और कनेक्टिविटी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- हाल ही में अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (महर्षि वाल्मिकी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे) के उद्घाटन ने एक ऐसे महत्वपूर्ण पड़ाव को चिह्नित किया है, जो आगंतुकों के लिए एक सुविधाजनक हवाई यात्रा विकल्प प्रदान करता है।
- यह न केवल पर्यटन को बढ़ावा देता है बल्कि अयोध्या को उस राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय परिवहन ग्रिड से भी जोड़ता है, जिससे आर्थिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलता है।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1. कार्यबल में महिलाओं को शामिल करने से भारत को विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में लाभ मिलेगा
- केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और वस्त्र मंत्री पीयूष गोयल ने 75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर नवप्रवर्तकों और उद्यमियों के साथ बातचीत की।
- औपचारिक श्रम शक्ति में महिलाओं को शामिल करने से भारत की विकसित राष्ट्र की यात्रा को भारी बढ़ावा मिलेगा क्योंकि इससे भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में मूल्य वृद्धि होगी।
- स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में अधिक महिलाओं के शामिल होने और नवीन विचारों के साथ 20 यूनिकॉर्न का नेतृत्व आज महिलाएं कर रही हैं और महिलाओं के बीच पेटेंट धारकों की संख्या बढ़ गई है।
- प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) ने उद्यमियों को आत्मनिर्भर बनने और देश की विकास गाथा का अंग बनने के लिए सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- पीएमजेडीवाई ने देश को ‘नाजुक पांच’ अर्थव्यवस्थाओं से निकालकर विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए प्रेरित किया है। विकसित देशों में अशांति के चलते बढ़ी हुई ब्याज दरों और बढ़ती मुद्रास्फीति कायम रहने के बावजूद भारत एक सुदृढ़ अर्थव्यवस्था बन गया है।
2. पत्तन,पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय की झांकी ने समुद्री क्षेत्र में नारी शक्ति और सागरमाला की शक्ति का अनावरण किया
- 75वें गणतंत्र दिवस परेड के दौरान पत्तन,पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय (एमओपीएसडब्ल्यू) ने गर्व से अपनी झांकी पेश की।
- इसमें दूरदर्शी सागरमाला कार्यक्रम को बखूबी दिखाने की कोशिश की गई जो बंदरगाह को आगे रखकर विकास में तेजी लाने को उत्प्रेरित करता है।
- इस प्रमुख कार्यक्रम ने टर्नअराउंड समय को काफी कम कर दिया है, जिससे बंदरगाहों पर कार्गो हैंडलिंग दक्षता में वृद्धि हुई है।
- लैंगिक समावेशिता के प्रति मंत्रालय की प्रतिबद्धता को उजागर करते हुए, झांकी का अगला भाग पिछले 9 वर्षों में महिला नाविकों की संख्या में उल्लेखनीय 1100% की वृद्धि को दर्शाता है।
- यह “सागर सम्मान” पहल का केंद्रीय विषय “ब्लू इकॉनमी के चलाती नारी शक्ति” का प्रतीक है।
- झांकी का सेंट्रल हिस्सा सागरमाला की आधुनिकीकरण पहल के माध्यम से बंदरगाह दक्षता और क्षमता वृद्धि में उपलब्धियों को गर्व से प्रदर्शित करता है।
- प्रमुख बंदरगाहों की क्षमता में पर्याप्त वृद्धि देखी गई है, जो 800 एमटीपीए से दोगुनी होकर 1617 एमटीपीए हो गई है।
- नई तकनीक और आधुनिकीकरण को अपनाते हुए, भारतीय बंदरगाह अब वैश्विक मानकों के अनुरूप 0.9 दिनों के उल्लेखनीय बदलाव का दावा करते हैं।
- ‘अमृतकाल विज़न 2047’ एक बंदरगाह-आधारित औद्योगीकरण पहल की शुरुआत करता है, जो बंदरगाहों के आसपास औद्योगिक क्लस्टर विकसित करने के लिए निर्धारित है, जो अंततः समग्र लॉजिस्टिक लागत को कम करेगा और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करेगा।
- झांकी का पिछला भाग भारत सरकार की ‘स्वदेश दर्शन’ और ‘देखो अपना देश’ योजना के अनुरूप, लाइटहाउस और क्रूज पर्यटन विकास में मंत्रालय के प्रयासों पर प्रकाश डालता है।
- इस पहल का उद्देश्य भारत की समृद्ध समुद्री विरासत को प्रदर्शित करना और क्रूज पर्यटन की अपार संभावनाओं को उजागर करना है।
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