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27 जुलाई 2023 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. रिसोर्स एफिशिएंसी सर्कुलर इकोनॉमी इंडस्ट्री कोएलिशन (RECEIC):
  2. एडीबी और भारत सरकार द्वारा 295 मिलियन डॉलर के ऋण के समझौते पर हस्ताक्षर:
  3. लोकसभा ने संसद में जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक, 2023 पारित किया:
  4. मौसम पूर्वानुमान एवं आपदा प्रबंधन में निजी क्षेत्र की भागीदारी:
  5. बैटरी अपशिष्ट प्रबंधन के लिए पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति निधि:
  6. प्रधानमंत्री ने राजस्थान में विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी:
  7. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने अपना 17वां स्थापना दिवस मनाया:
  8. ट्राई ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण निरसन विनियमन, 2023 जारी किया:

1. रिसोर्स एफिशिएंसी सर्कुलर इकोनॉमी इंडस्ट्री कोएलिशन (RECEIC):

सामान्य अध्ययन: 2,3

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध,पर्यावरण:

विषय: महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएं और जनादेश।

प्रारंभिक परीक्षा: जी-20,

मुख्य परीक्षा: रिसोर्स एफिशिएंसी सर्कुलर इकोनॉमी इंडस्ट्री कोलिशन के महत्व पर चर्चा कीजिए।

प्रसंग:

  • संसाधन दक्षता और चक्रीय अर्थव्यवस्था उद्योग गठबंधन/रिसोर्स एफिशिएंसी सर्कुलर इकोनॉमी इंडस्ट्री कोएलिशन (RECEIC) को चेन्नई, तमिलनाडु में चौथे पर्यावरण और जलवायु स्थिरता कार्य समूह और पर्यावरण एवं जलवायु मंत्रियों की बैठक के साथ-साथ आयोजित एक कार्यक्रम में लॉन्च करने की तैयारी चल रही है।

उद्देश्य:

  • भारत की जी-20 की अध्यक्षता के तहत संकल्पित, RECEIC एक उद्योग-संचालित पहल है जिसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर संसाधन दक्षता और चक्रीय अर्थव्यवस्था के तौर-तरीकों को बढ़ावा देना है।
  • गठबंधन की परिकल्पना एक आत्मनिर्भर इकाई के रूप में की गई है जो भारत की जी 20 की अध्यक्षता से आगे बढ़कर काम करना जारी रखेगी, जिससे पर्यावरणीय स्थिरता पर स्थायी प्रभाव पड़ेगा।

विवरण:

  • गठबंधन में 39 कंपनियां इसके संस्थापक सदस्यों के रूप में शामिल हुई हैं, जिनके मुख्यालय 11 विभिन्न देशों में स्थित हैं।
    • एक सहयोगी मंच के रूप में, RECEIC का लक्ष्य भागीदार उद्योगों के बीच ज्ञान आधारित साझेदारी, सर्वोत्तम तौर-तरीका की साझेदारी और टिकाऊ प्रचलनों को सुविधाजनक बनाना है।
    • गठबंधन के तीन मार्गदर्शक सिद्धांत – प्रभाव के लिए साझेदारी, प्रौद्योगिकी सहयोग और पर्याप्त वित्त हैं।
  • RECEIC में उद्योग के नेतृत्व वाले गठबंधन में आकांक्षाओं को ठोस कार्यों में बदलने की क्षमता है।
  • RECEIC गठबंधनों को बढ़ावा देने, तकनीकी सहयोग और नॉलेज शेयरिंग को प्रोत्साहित करने, नवोन्मेष को बढ़ावा देने और वित्त तक पहुंच बढ़ाने के लिए विचारों के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
  • भारत की जी 20 अध्यक्षता द्वारा संकल्पित RECEIC की परिकल्पना उद्योग संचालित और एक आत्मनिर्भर पहल के रूप में की गई है जो भारत की जी 20 अध्यक्षता से परे भी काम करती रहेगी।
  • इस गठबंधन का मिशन कंपनी-दर-कंपनी सहयोग को सुविधाजनक बनाना और बढ़ावा देना, विभिन्न क्षेत्रों और मूल्य श्रृंखलाओं में उन्नत क्षमताओं का निर्माण करना, गठबंधन के सदस्यों के विविध और वैश्विक अनुभवों से सीखना और रिसोर्स एफिशिएंसी बढ़ाने और चक्रीय अर्थव्यवस्था की तरफ संक्रमण में तेजी लाने के लिए जमीनी स्तर पर निजी क्षेत्र के प्रयासों को मजबूत करना है।
  • गठबंधन को प्रभाव, तकनीकी साझेदारी और स्केल के लिए फाइनेंस के तीन मजबूत स्तंभों पर तैयार किया गया है।
  • प्रभाव के लिए साझेदारी, प्रौद्योगिकी सहयोग और पैमाने के लिए वित्त के तीन मार्गदर्शक स्तंभों के आसपास संरचित किया गया है।
  • रिसोर्स एफिशिएंसी सर्कुलर इकोनॉमी इंडस्ट्री कोलिशन का लक्ष्य जी 20 और अन्य अंतर्राष्ट्रीय मंचों द्वारा निर्धारित प्रमुख वैश्विक लक्ष्यों और प्राथमिकताओं पर प्रगति में योगदान करना भी होगा।

2. एडीबी और भारत सरकार द्वारा 295 मिलियन डॉलर के ऋण के समझौते पर हस्ताक्षर:

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

विषय:महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान,संस्थाएं और मंच,उनकी संरचना,अधिदेश।

प्रारंभिक परीक्षा: एशियाई विकास बैंक (ADB)।

प्रसंग:

  • बिहार में लगभग 265 किलोमीटर राज्य राजमार्गों को जलवायु और आपदा प्रतिरोधी डिजाइन और सड़क सुरक्षा कारकों के साथ उन्नत बनाने के लिए एशियाई विकास बैंक (ADB) और भारत सरकार ने 295 मिलियन डॉलर के ऋण के समझौते पर हस्ताक्षर किए।

उद्देश्य:

  • यह परियोजना सभी राज्य राजमार्गों का मानक दो-लेन चौड़ाई में उन्नयन करने और सड़क सुरक्षा में सुधार लाने संबंधी बिहार सरकार के कार्यक्रम में सहायता करेगी।
    • उन्‍न्‍त सड़कें बिहार के कुछ सबसे गरीब ग्रामीण जिलों में कनेक्टिविटी बढ़ाएंगी और लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं और बाजारों तक पहुंच को बढ़ावा देंगी।

विवरण:

  • सड़कों का बेहतर करने के अलावा, एडीबी परियोजना राज्य सड़क एजेंसी के प्रबंधन और कार्यान्वयन क्षमता को बढ़ाने के पूर्व के प्रयासों पर आधारित होगी और योजना, सड़क सुरक्षा और स्थिरता के लिए प्रणालियों को मजबूती प्रदान करेगी।
  • राज्य सड़क एजेंसी, बिहार राज्य सड़क विकास निगम लिमिटेड को मजबूत बनाने संबंधी पहल में सड़क परिसंपत्ति प्रबंधन प्रणाली विकसित करना शामिल होगा जिसमें जलवायु परिवर्तन और आपदा जोखिम की जानकारी, पुन: प्रयोज्य और टिकाऊ सामग्री सहित सामग्रियों की जांच को सक्षम बनाने के लिए बिहार सड़क अनुसंधान संस्थान में अनुसंधान प्रयोगशालाएं स्थापित करना, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए, भीड़ भाड़ प्रबंधन और जलवायु अनुकूलन पर अध्ययन करना और सड़क सुरक्षा उपायों में जेंडर-समावेशी प्रथाओं के लिए दिशानिर्देश बनाना सम्मिलित होगा।
  • निर्माण कार्यों में महिला श्रमिकों को रोजगार प्रदान करके यह परियोजना महिलाओं की भागीदारी को भी प्रोत्साहित करेगी।
    • परियोजना क्षेत्रों में समुदायों की महिलाओं को आजीविका के साथ-साथ सड़क सुरक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, दुर्व्यवहार और उत्पीड़न के बारे में जागरूक बनाने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
  • 2008 से, एडीबी ने बिहार को लगभग 1,696 किलोमीटर राज्य राजमार्गों के उन्नयन और गंगा नदी पर एक नए पुल के निर्माण के लिए कुल 1.63 बिलियन डॉलर के पांच ऋण प्रदान किए हैं।

3. लोकसभा ने संसद में जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक, 2023 पारित किया:

सामान्य अध्ययन: 2

शासन:

विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।

प्रारंभिक परीक्षा: जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक, 2023

मुख्य परीक्षा: जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक, 2023 के लाभों पर चर्चा कीजिए।

प्रसंग:

  • जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक, 2023 27 जुलाई, 2023 को लोकसभा में पारित हो गया।

उद्देश्य:

  • इस विधेयक का उद्देश्य रहन-सहन और व्यापार करने में सुगमता को और बढ़ाना है।
  • विधेयक में 19 मंत्रालयों/विभागों द्वारा प्रशासित 42 केन्द्रीय अधिनियमों में 183 प्रावधानों को अपराध मुक्त करने का प्रस्ताव है।

विवरण:

  • विधेयक पहली बार 22 दिसंबर 2022 को लोकसभा में प्रस्तुत किया गया था।
    • इसके बाद, इसे संसद की संयुक्त समिति को भेजा गया था।
    • जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक, 2022 पर संयुक्त समिति ने विधायी विभाग और कानूनी मामलों के विभाग के साथ सभी 19 मंत्रालयों/विभागों के साथ विस्तृत चर्चा की।
  • समिति ने 13.03.2023 को आयोजित अंतिम बैठक में अपनी रिपोर्ट को स्वीकृत किया।
  • समिति की रिपोर्ट क्रमशः 17 मार्च 2023 और 20 मार्च 2023 को राज्यसभा और लोकसभा के समक्ष रखी गई है।
    • समिति ने विधेयक में कुछ और संशोधनों की अनुशंसा की। समिति ने 7 सामान्य अनुशंसा भी कीं, जिनमें से 6 अनुशंसा को सभी संबंधित मंत्रालयों/विभागों द्वारा स्वीकार कर लिया गया है।
  • जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक, 2023 के माध्यम से, 19 मंत्रालयों/विभागों द्वारा प्रशासित 42 केन्द्रीय अधिनियमों में कुल 183 प्रावधानों को अपराध मुक्त करने का प्रस्ताव किया जा रहा है। निम्नलिखित तरीके से गैर-अपराधीकरण हासिल करने का प्रस्ताव है: –

(i) कुछ प्रावधानों में कारावास और/या जुर्माना दोनों को हटाने का प्रस्ताव है।

(ii) कारावास को हटाने और कुछ प्रावधानों में जुर्माना बरकरार रखने का प्रस्ताव है।

(iii) कारावास को हटाने और कुछ प्रावधानों में जुर्माना बढ़ाने का प्रस्ताव है।

(iv) कुछ प्रावधानों में कारावास और जुर्माने को दंड में बदलने का प्रस्ताव है।

(v) अपराधों के शमन को कुछ प्रावधानों में शामिल करने का प्रस्ताव है।

  • उपरोक्त के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए, विधेयक ऐसे उपायों का प्रस्ताव करता है जैसे-

(a) किए गए अपराध के अनुरूप जुर्माने और जुर्माने का व्यावहारिक संशोधन;

(b) निर्णायक अधिकारियों की नियुक्ति;

(c) अपीलीय प्राधिकारियों की स्थापना; और

(d) जुर्माने और दंड की मात्रा में आवधिक वृद्धि

  • यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि सजा की डिग्री और प्रकृति अपराध की गंभीरता के अनुरूप हो।

संशोधन विधेयक के लाभ इस प्रकार हैं:

1. संशोधन विधेयक आपराधिक प्रावधानों को तर्कसंगत बनाने और यह सुनिश्चित करने में योगदान देगा कि नागरिक, व्यवसाय और सरकारी विभाग मामूली, तकनीकी या प्रक्रियात्मक कमी के लिए कारावास के डर के बिना काम करें।

2. किसी अपराध के दंडात्मक परिणाम की प्रकृति अपराध की गंभीरता के अनुरूप होनी चाहिए।

    • यह विधेयक किये गये अपराध/उल्लंघन की गंभीरता और निर्धारित सजा की गंभीरता के बीच संतुलन स्थापित करता है।
    • कानून की कठोरता को कम किए बिना, प्रस्तावित संशोधन व्यवसायों और नागरिकों द्वारा कानून का पालन सुनिश्चित करते हैं।

3. तकनीकी/प्रक्रियात्मक गलती और गौण दोष के लिए निर्धारित आपराधिक परिणाम, न्याय वितरण प्रणाली को अवरुद्ध करते हैं और गंभीर अपराधों पर निर्णय को ठंडे बस्ते में डाल देते हैं।

    • विधेयक में प्रस्तावित कुछ संशोधन, जहां भी लागू और व्यवहार्य हो, उपयुक्त प्रशासनिक न्यायनिर्णयन प्रणाली प्रस्तुत करने के लिए हैं।
    • इससे न्याय प्रणाली पर भारी दबाव को कम करने, लंबित मामलों को कम करने और अधिक कुशल और प्रभावी न्याय वितरण में मदद मिलेगी।

4. नागरिकों और कुछ श्रेणियों के सरकारी कर्मचारियों को प्रभावित करने वाले प्रावधानों को अपराध मुक्त करने से उन्हें मामूली उल्लंघनों के लिए कारावास से डरे बिना जीवन जीने में मदद मिलेगी।

5. इस कानून का अधिनियमन कानूनों को तर्कसंगत बनाने, बाधाओं को दूर करने और व्यवसायों के विकास को बढ़ावा देने की यात्रा में एक मील का पत्थर साबित होगा।

    • यह कानून विभिन्न कानूनों में भविष्य के संशोधनों के लिए एक मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में काम करेगा।
    • एक समान उद्देश्य के साथ विभिन्न कानूनों में समेकित संशोधन से सरकार और व्यवसायों दोनों के लिए समय और लागत की बचत होगी।

4. मौसम पूर्वानुमान एवं आपदा प्रबंधन में निजी क्षेत्र की भागीदारी:

सामान्य अध्ययन: 3

आपदा प्रबंधन:

विषय: आपदा और आपदा प्रबंधन।

प्रारंभिक परीक्षा: भारतीय मौसमविज्ञान विभाग (IMD),भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (आईएनसीओआईएस)।

मुख्य परीक्षा: मौसम पूर्वानुमान एवं आपदा प्रबंधन में निजी क्षेत्र की भागीदारी से होने वाले प्रभावों की चर्चा कीजिए।

प्रसंग:

  • भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आरए II क्षेत्र में चक्रवात से संबंधित चेतावनी साझा करने और स्थान विशिष्ट पर वर्षा के पूर्वानुमान के लिए ‍तत्‍काल प्रसार की तकनीक के विकास के लिए सितंबर-2021 में गूगल एशिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे।

विवरण:

उपरोक्त के अतिरिक्त:

  • कृषि सेवाओं से संबंधित पूर्वानुमान और चेतावनी संदेशों के प्रसार के लिए, भारतीय मौसम विज्ञान में सार्वजनिक निजी भागीदारी प्रचलन में है।
  • स्वदेशी रडार के विकास के लिए विभाग द्वारा निजी क्षेत्र से सहयोग लिया जाता है।
  • आंधी और बिजली से संबंधित मौसम सेवाओं के लिए, आईएमडी क्लाइमेट रेजिलिएंट ऑब्जर्विंग सिस्टम प्रमोशन काउंसिल (CROPC) के साथ मिलकर काम कर रहा है।
  • विभिन्न मौसम संबंधी एप्लीकेशन और सेवाओं के विकास में सहायता प्रदान करने के लिए, भारतीय स्टार्टअप से प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं।
  • “बैरोमेट्रिक प्रेशर सेंसर और इन्सैट संचार के साथ सेटेलाइट ट्रैक्ड लाग्रांजियन ड्रिफ्टर” को राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (NIOT) से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के साथ स्वदेशीकृत किया गया है।
  • भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (INCOIS) आवश्यकतानुसार इसकी खरीद इकाई है।
    • आईएमडी ने बेहतर सटीकता के साथ ऊपरी हवा का डेटा प्राप्त करने के लिए पुराने ऑप्टिकल, ओडेलाइट-आधारित पायलट बैलून सिस्टम को नवीनतम जीपीएस-आधारित पायलट साउंड सिस्टम के साथ बदलने की संभावना का पता लगाया है।
    • यह तकनीक डेटा के नुकसान को कम करने और मौसम पूर्वानुमान सेवाओं को और बेहतर बनाने की क्षमता रखती है।
    • इसके अलावा, देश में निर्मित कई अवलोकन संबंधी उपकरण (जैसे डॉपलर मौसम रडार, स्वचालित वर्षा गेज आदि) सरकार की मेक इन इंडिया नीति का समर्थन करने के लिए जरूरत के आधार पर खरीदे जाते हैं।

लू से मौतें:

  • हाल के वर्षों में लू से होने वाली मौतों में काफी कमी आई है।
    • हालाँकि, गृह मंत्रालय के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) द्वारा वर्ष 2023 के आंकड़े अभी तक अपडेट नहीं किए गए हैं।
  • यह एक तथ्य है कि, वैश्विक स्तर पर वार्षिक तापमान बढ़ रहा है और इसका प्रभाव भारत सहित दुनिया के विभिन्न हिस्सों में गर्मी की लहरों में वृद्धि के रूप में परिलक्षित होता है।
    • आईएमडी विभिन्न स्थानिक और लौकिक पैमानों पर गर्मी की लहरों सहित गंभीर मौसम की घटनाओं से संबंधित पूर्वानुमान और चेतावनियां जारी करता है और इसे जनता के साथ-साथ आपदा प्रबंधन अधिकारियों के साथ साझा करता है ताकि आवश्यक शमन उपाय शुरू किए जा सकें।
  • देश में अप्रैल, मई और जून के महीनों में अधिकतम तापमान में उल्लेखनीय वृद्धि के साथ-साथ गर्मी की लहरें भी अधिक पाई जाती हैं।
    • एक पहल के रूप में आईएमडी योजना के उद्देश्य से मार्च के अंतिम सप्ताह में अप्रैल, मई और जून के महीनों के तापमान के लिए मौसमी आउटलुक जारी कर रहा है।
    • यह दृष्टिकोण इस अवधि के दौरान गर्मी की लहरों के अपेक्षित परिदृश्य को भी सामने लाता है।
    • लू की चेतावनी सहित गंभीर मौसम के लिए पूर्वानुमान और रंग कोडित चेतावनियां अगले पांच दिनों के लिए दैनिक आधार पर और दो दिनों के लिए पूर्वानुमान के साथ जारी की जाती हैं।
  • एक अनुकूली उपाय के रूप में, आईएमडी ने NDMA और स्थानीय स्वास्थ्य विभागों के सहयोग से देश के कई हिस्सों में गर्मी की लहरों के बारे में चेतावनी देने और ऐसे अवसरों के दौरान उठाए जाने वाले कदमों की सलाह देने के लिए हीट एक्शन प्लान शुरू किया है।
  • वर्तमान में, 23 राज्य जो उच्च तापमान के कारण लू की स्थिति पैदा करते हैं, वे हीट एक्शन योजनाओं का हिस्सा हैं।
  • हाल ही में IMD ने हीट इंडेक्स लॉन्च किया है, जो उच्च तापमान पर आर्द्रता के प्रभाव के बारे में जानकारी प्रदान करता है और इस प्रकार मनुष्यों को तापमान जैसा अनुभव प्रदान करता है जिसका उपयोग मानव असुविधा के संकेत के रूप में किया जा सकता है।
  • यह असुविधा को कम करने के लिए लोगों द्वारा की जाने वाली अतिरिक्त देखभाल के बारे में मार्गदर्शन प्रदान करता है।
  • गर्मी की लहर से संबंधित सेवाओं के उद्देश्य के लिए कोई विशिष्ट निधि आवंटन नहीं है।
  • कई अन्य देशों की तरह, भारत भी जलवायु परिवर्तन के प्रति संवेदनशील है।
    • यह चरम मौसम की घटनाओं की आवृत्ति में वृद्धि के साथ परिलक्षित होता है जिसके कारण देश के कई हिस्से मौसम संबंधी खतरनाक घटनाओं से प्रभावित होते हैं।
    • भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) विभिन्न जलवायु संबंधी जोखिमों के अनुकूलन और शमन के लिए चरम मौसम की घटनाओं की तैयारी के लिए सार्वजनिक और आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों के लिए विभिन्न दृष्टिकोण/पूर्वानुमान/चेतावनी जारी करता है।
    • चेतावनी जारी करते समय संभावित गंभीर मौसम के प्रभाव को सामने लाने और आसन्न आपदा मौसम घटना के संबंध में की जाने वाली कार्रवाई के बारे में आपदा प्रबंधन को संकेत देने के लिए उपयुक्त रंग कोड का उपयोग किया जाता है।
    • हरा रंग किसी चेतावनी का प्रतीक नहीं है इसलिए किसी कार्रवाई की आवश्यकता नहीं है, पीला रंग सतर्क रहने और अद्यतन जानकारी प्राप्त करने का संकेत देता है, नारंगी रंग सतर्क रहने और कार्रवाई करने के लिए तैयार रहने का संकेत देता है जबकि लाल रंग कार्रवाई करने का संकेत देता है।
  • आईएमडी ने हाल ही में प्रभाव आधारित पूर्वानुमान (IBF) जारी करना शुरू किया है जो यह बताता है कि मौसम कैसा होगा, इसके बजाय मौसम क्या करेगा।
  • इसमें गंभीर मौसम तत्वों से अपेक्षित प्रभावों का विवरण और आम जनता के लिए गंभीर मौसम के संपर्क में आने पर क्या करें और क्या न करें के बारे में दिशानिर्देश शामिल हैं।
  • आईएमडी ने हाल ही में तेरह सबसे खतरनाक मौसम संबंधी घटनाओं के लिए एक वेब आधारित ऑनलाइन “क्लाइमेट हैज़र्ड एंड वल्नरेबिलिटी एटलस ऑफ़ इंडिया” तैयार किया है, जो व्यापक नुकसान, आर्थिक, मानवीय और पशु हानि का कारण बनता है।
    • जलवायु खतरा और भेद्यता एटलस राज्य सरकार के अधिकारियों और आपदा प्रबंधन एजेंसियों को विभिन्न चरम मौसम की घटनाओं से निपटने के लिए योजना बनाने और उचित कार्रवाई करने में मदद करेगा।
    • यह उत्पाद जलवायु परिवर्तन के अनुकूल बुनियादी ढांचे के निर्माण में उपयोगी है।
  • आईएमडी ने जनता के उपयोग के लिए ‘उमंग’ मोबाइल ऐप के साथ अपनी सात सेवाएं (वर्तमान मौसम, नाउकास्ट, शहर पूर्वानुमान, वर्षा सूचना, पर्यटन पूर्वानुमान, चेतावनियां और चक्रवात) लॉन्च की हैं।
  • इसके अलावा, आईएमडी ने मौसम पूर्वानुमान के लिए मोबाइल ऐप ‘मौसम’, एग्रोमेट सलाह प्रसार के लिए ‘मेघदूत’ और बिजली गिरने की चेतावनी के लिए ‘दामिनी’ विकसित किया है।
  • आईएमडी द्वारा चेतावनी के प्रसार के लिए NDMA द्वारा विकसित सामान्य अलर्ट प्रोटोकॉल (CAP) को भी लागू किया जा रहा है।
  • तैयारियों के लिए दिशानिर्देशों को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) और संबंधित राज्य सरकारों के सहयोग से अंतिम रूप दिया गया है और चक्रवात, लू, तूफान और भारी वर्षा जैसी चरम मौसम की घटनाओं के लिए पहले से ही सफलतापूर्वक लागू किया गया है।
  • आईएमडी तैयारियों और संभावित शमन के लिए पहले से ही पूरे देश में आवश्यक चेतावनियाँ और सलाह जारी करता है।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1. बैटरी अपशिष्ट प्रबंधन के लिए पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति निधि:

  • केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने अपशिष्ट बैटरियों के पर्यावरणीय रूप से अच्छे प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए 22.08.2022 को बैटरी अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2022 को अधिसूचित किया है।
    • ये नियम रिसाइक्लर्स और रीफर्बिशर्स को संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों/प्रदूषण नियंत्रण समितियों के साथ पंजीयन कराने के लिए अनिवार्य बनाते हैं।
    • रिसाइक्लर्स और नवीनीकरण-कर्ताओं की गतिविधियों के फलस्वरूप उत्पन्न खतरनाक कचरे का प्रबंधन खतरनाक एवं अन्य अपशिष्ट (प्रबंधन और सीमा पार आंदोलन) नियम, 2016 के प्रावधानों के अनुसार किया जाए।
  • बैटरी अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2022 के अंतर्गत एकत्र किए गए पर्यावरणीय मुआवजे का इस्तेमाल एकत्रित और गैर-पुनर्नवीनीकरण या गैर-नवीनीकृत अपशिष्ट बैटरियों के संग्रह और नवीनीकरण या पुनर्चक्रण में किया जाएगा।
    • अपशिष्ट बैटरी प्रबंधन के लिए धन के उपयोग के तौर-तरीकों की संस्तुति केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए नियमों के अंतर्गत गठित कार्यान्वयन समिति द्वारा की जाएगी।
    • बैटरी अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2022 को 22 अगस्त, 2022 को अधिसूचित किया गया था।

2. प्रधानमंत्री ने राजस्थान में विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी:

  • प्रधानमंत्री ने 27 जुलाई 2023 को राजस्थान के सीकर में विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया और राष्ट्र को समर्पित की।
  • प्रधानमंत्री ने किसानों को लाभान्वित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम में 1.25 लाख से अधिक पीएम किसान समृद्धि केंद्र (PMKSK) राष्ट्र को समर्पित किए।
    • सभी किसानों की जरूरतों के लिए वन-स्टॉप समाधान प्रदान करने के लिए PMKSK विकसित किए जा रहे हैं।
    • कृषि इनपुट (उर्वरकों, बीजों, उपकरणों) की जानकारी से लेकर मिट्टी, बीज और उर्वरकों के लिए परीक्षण सुविधाओं तक, विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी तक, PMKSK को देश में किसानों के लिए एक विश्वसनीय समर्थन प्रणाली बनाने की परिकल्पना की गई है। वे ब्लॉक/जिला स्तर के विक्रय केंद्रों पर उर्वरक खुदरा विक्रेताओं का नियमित क्षमता निर्माण भी सुनिश्चित करेंगे।
  • प्रधानमंत्री ने यूरिया गोल्ड की एक नई किस्म का शुभारंभ किया, जो सल्फर के साथ लेपित है।
    • सल्फर लेपित यूरिया की शुरुआत मिट्टी में सल्फर की कमी को दूर करेगी।
    • यह अभिनव उर्वरक नीम-लेपित यूरिया की तुलना में अधिक किफायती और कुशल है, पौधों में नाइट्रोजन उपयोग दक्षता में सुधार करता है, उर्वरक की खपत को कम करता है, और फसल की गुणवत्ता को बढ़ाता है।
  • प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क (ONDC) से 1600 किसान उत्पादक संगठनों (FPO) को जोड़ने की शुरुआत की।
    • ONDC एफपीओ को डिजिटल मार्केटिंग, ऑनलाइन भुगतान, बिजनेस-टू-बिजनेस (बी2बी) और बिजनेस-टू-कंज्यूमर लेनदेन तक सीधी पहुंच के साथ सशक्त बनाता है, और स्थानीय मूल्य वर्धन को प्रोत्साहित करता है, ग्रामीण क्षेत्रों में लॉजिस्टिक्स के विकास को उत्प्रेरित करता है।
  • किसानों के कल्याण के प्रति प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता का एक और उदाहरण पेश करने वाले एक कदम में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के अंतर्गत लगभग 17,000 करोड़ रुपये की 14वीं किस्त की राशि 8.5 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से जारी की गई।
  • प्रधानमंत्री ने चित्तौड़गढ़, धौलपुर, सिरोही, सीकर और श्रीगंगानगर में पांच नए मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया और बारां, बूंदी, करौली, झुंझुनू, सवाई माधोपुर, जैसलमेर और टोंक में सात मेडिकल कॉलेजों की आधारशिला केंद्र प्रायोजित योजना के तहत रखी।
  • प्रधानमंत्री ने इसके अतिरिक्त उदयपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ और डूंगरपुर जिलों में छह एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों का उद्घाटन किया, जिससे इन जिलों में रहने वाली जनजातीय आबादी लाभान्वित होगी।

3. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने अपना 17वां स्थापना दिवस मनाया:

  • पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MOES) ने 27 जुलाई 2023 को नई दिल्ली में पृथ्वी भवन स्थित मुख्यालय में अपना 17वां स्थापना दिवस मनाया।
  • पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय को मौसम और जलवायु, महासागर एवं समुद्र तटीय राज्य, जल विज्ञान, भूकंप विज्ञान तथा प्राकृतिक खतरों के लिए सेवाएं प्रदान करने; देश के लिए टिकाऊ तरीके से जीवित और निर्जीव समुद्री संसाधनों का पता लगाकर उनका दोहन करने; पृथ्वी के तीन ध्रुवों (आर्कटिक, अंटार्कटिक और हिमालय क्षेत्र) का पता लगाने एवं गहरे महासागरों के संसाधनों की खोज और उनका दोहन करने का उत्तरदायित्व सौंपा गया है।
    • पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय आधिकारिक रूप से 2008 में तत्कालीन महासागर विकास मंत्रालय को पुनर्गठित करके अस्तित्व में आया, जिसे पहले महासागर विकास विभाग (1981 में स्थापित) के रूप में जाना जाता था।
  • पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के विभिन्न संस्थानों जैसे राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ ओसियन टेक्नोलॉजी – एनआईओटी), भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ ट्रॉपिकल मैट्रोलोजी- आईआईटीएम), राष्ट्रीय ध्रुवीय और महासागर अनुसंधान केंद्र (नेशनल सेंटर फॉर पोलर एंड ओसियन रिसर्च- एनसीपीटीआर) और भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (इंडियन नेशनल सेंटर फॉर ओसियन इनफार्मेशन सर्विस – आईएनसीओआईएस) के निदेशकों ने विशेष रूप से गहरे महासागर मिशन, मानसून मिशन, आर्कटिक अन्वेषण और सहयोगात्मक अनुसंधान और बोरहोल भूभौतिकी अनुसंधान प्रयोगशाला (बीजीआरएल) द्वारा जलाशय-ट्रिगर भूकंप को समझने के लिए गहरी ड्रिलिंग के अंतर्गत मंत्रालय के दृष्टिकोण और गतिविधियों को विस्तार से बताते हुए लोकप्रिय विज्ञान व्याख्यान दिए।

4. ट्राई ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण निरसन विनियमन, 2023 जारी किया:

  • भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने डायल-अप और लीज्ड लाइन इंटरनेट एक्सेस सेवा, 2001 (2001 का 4) की सेवा की गुणवत्ता पर विनियमनों को रद्द करने के लिए 25 जुलाई, 2023 को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण निरसन विनियमन, 2023 (2023 का 02) को आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचित किया।
  • ट्राई ने 10 दिसम्बर, 2001 को डायल-अप और लीज्ड लाइन इंटरनेट अभिगम सेवा, 2001 (2001 का 4) की सेवा की गुणवत्ता संबंधी विनियमनों को अधिसूचित किया था।
  • यह विनियमन सभी बुनियादी सेवा प्रचालकों और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं पर लागू था, जिनमें मौजूदा प्रचालक बीएसएनएल, एमटीएनएल और वीएसएनएल भी शामिल थे।
    • सेवा की गुणवत्ता पैरामीटर निर्धारित करने का उद्देश्य नेटवर्क निष्पादन के मानदंडों को निर्धारित करके ग्राहकों की संतुष्टि सुनिश्चित करना था, जिसे सेवा प्रदाता को अपने नेटवर्क के उचित आयाम द्वारा प्राप्त करना आवश्यक है; समय-समय पर सेवा की गुणवत्ता को मापना और निर्दिष्ट मानदंडों के साथ इसकी तुलना करना, ताकि विभिन्न सेवा प्रदाताओं द्वारा प्रदान किए गए प्रदर्शन के स्तर की निगरानी की जा सके और इंटरनेट सेवाओं के ग्राहकों के हितों की रक्षा की जा सके।
  • ये नियम तब जारी किए गए थे, जब डायल अप सेवा कम गति के इंटरनेट तक पहुंचने के लिए उपलब्ध एकमात्र सेवा थी।
    • समय बीतने के साथ, दूरसंचार नेटवर्क, वायरलाइन के साथ-साथ वायरलेस दोनों, एक्सडीएसएल, एफटीटीएच, एलटीई और 5जी आदि प्रौद्योगिकियों पर उच्च गति ब्रॉडबैंड सेवा प्रदान करने के लिए विकसित हुए हैं।
    • यह एक सेवा स्तरीय समझौता (SLA) आधारित सेवा है। SLA आधारित सेवा होने के कारण अनुबंधित पार्टियों के बीच समझौते में सेवा की गुणवत्ता के बारे में चिंताओं को दूर करने के लिए पर्याप्त प्रावधान हैं।
    • लिहाजा, डायल-अप और लीज्ड लाइन इंटरनेट पहुंच सेवा, 2001 की सेवा की गुणवत्ता पर विनियमन मौजूदा प्रसंग में अधिक प्रासंगिक प्रतीत नहीं होता है।
  • उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए, प्राधिकरण ने 03 अप्रैल, 2023 को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण निरसन विनियमन, 2023 का प्रारूप जारी किया, जिसमें हितधारकों से 17 अप्रैल, 2023 तक टिप्पणियां आमंत्रित की गई थी।
  • हितधारकों की टिप्पणियों के आधार पर और कारोबार करने में सुगमता के पहलू को ध्यान में रखते हुए, प्राधिकरण ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण निरसन विनियमन, 2023 (2023 का 02) की तारीख से डायल-अप और लीज्ड लाइन इंटरनेट पहुंच सेवा, 2001 (2001 का 04) की सेवा की गुणवत्ता पर विनियमन को निरस्त करने का निर्णय लिया है।

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