विषयसूची:

  1. भारत ने ब्रासीलिया में दूसरी जी20 रोजगार कार्य समूह की बैठक में भाग लिया:
  2. सेना के कमांडर वैचारिक मुद्दों पर विचार-मंथन एवं सुरक्षा की समग्र स्थिति की समीक्षा और आकलन करेंगे:

27 March 2024 Hindi PIB
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1.भारत ने ब्रासीलिया में दूसरी जी20 रोजगार कार्य समूह की बैठक में भाग लिया:

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

विषय: महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, एजेंसियां एवं मंच- उनकी संरचना, और जनादेश।

प्रारंभिक परीक्षा: जी20

मुख्य परीक्षा: भारत द्वारा ब्रासीलिया में दूसरी जी20 रोजगार कार्य समूह की बैठक में उठाये गए मुद्दों पर चर्चा कीजिए।

प्रसंग:

  • ब्राजील की अध्यक्षता के तहत दो दिवसीय दूसरी रोजगार कार्य समूह (ईडब्ल्यूजी) की बैठक ब्रासीलिया में शुरू हुई।

उद्देश्य:

  • जी20 ईडब्ल्यूजी का काम सभी के लिए मजबूत, टिकाऊ, संतुलित और भरपूर नौकरियों से युक्त विकास के लिए श्रम, रोजगार और सामाजिक मुद्दों का समाधान करना है।

विवरण:

  • भारत जी20 ट्रोइका का सदस्य है, जिसका प्रतिनिधित्व श्रम और रोजगार सचिव सुश्री सुमिता डावरा कर रही हैं और ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के साथ भारत दूसरी ईडब्ल्यूजी बैठक की सह-अध्यक्षता कर रहा है।
  • अपनी शुरुआती टिप्पणी में,भारत ने कहा कि ब्रासीलिया में दूसरे ईडब्ल्यूजी के प्राथमिकता वाले क्षेत्र भारत की अध्यक्षता सहित पिछली जी20 अध्यक्षता के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों और परिणामों के साथ संरेखित हैं।
  • समावेशन, नवाचार और विकास को बढ़ावा देने के लिए दूसरी ईडब्ल्यूजी बैठक का जोर मुख्य रूप से (i) गुणवत्तापूर्ण रोजगार सृजित करना और उपयुक्त श्रम को बढ़ावा देना; (ii) डिजिटल और ऊर्जा परिवर्तनों के बीच एक उचित बदलाव सुनिश्चित करना; (iii) सभी के लिए जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रौद्योगिकियों का दोहन करना; (iv) रोजगार की दुनिया में लैंगिक समानता और विविधता को बढ़ावा देने पर है।
  • बैठक के पहले दिन, कार्यस्थल पर लैंगिक समानता और विविधता को बढ़ावा देने के एक समग्र विषय पर विचार-विमर्श किया गया।
  • भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने नस्ल, लिंग, जातीयता या सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि से इतर सभी के लिए समान प्रतिनिधित्व और सशक्तिकरण सुनिश्चित करके समावेशी वातावरण बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
  • इस संदर्भ में, भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने (i) कार्यस्थल और उससे बाहर लैंगिक समानता; (ii) प्रवासी श्रमिकों के लिए उठाए गए कदमों; (iii) वरिष्ठ नागरिकों के पुन: रोजगार को बढ़ावा देना, (iv) दिव्यांगों और कमजोर वर्ग के लोगों की कार्यबल में भागीदारी को बढ़ावा देने में भारत द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों पर प्रकाश डाला।

दूसरे ईडब्ल्यूजी के पहले दिन प्रदर्शित की गई इनमें से कुछ उपलब्धियां इस प्रकार हैं:

  • महिला श्रम बल भागीदारी को बढ़ाने के लिए, भारत ने व्यावसायिक सुरक्षा स्वास्थ्य और कार्य स्थिति संहिता (ऑक्यूपेशनल सेफ्टी हैल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस कोड), 2020 लागू किया है जो महिलाओं को रात के समय उनकी सहमति से सभी प्रतिष्ठानों में सभी प्रकार के कार्यों के लिए नियोजित करने का अधिकार देता है। यह प्रावधान भूमिगत खदानों में पहले ही लागू किया जा चुका है।
  • 2017 में, सरकार ने मातृत्व लाभ अधिनियम 1961 में संशोधन किया, जिसके तहत 10 या अधिक श्रमिकों को रोजगार देने वाले प्रतिष्ठानों में काम करने वाली सभी महिलाओं के लिए ‘वेतन सुरक्षा के साथ मातृत्व अवकाश’ को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया। इससे कामकाजी माताओं के बीच मातृत्व वेतन का अंतर कम होने की उम्मीद है।
  • प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए, भारत की अनूठी नीति ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ प्रवासियों को देश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली नेटवर्क में कहीं से भी अपनी पात्रता वाले खाद्यान्न तक पहुंचने की अनुमति देती है।
    • हमने राज्यों में पोर्टेबिलिटी सुनिश्चित करते हुए सामाजिक सुरक्षा और कल्याण लाभ प्रदान करने के लिए कई योजनाएं भी लागू की हैं।
    • ये योजनाएं ऐसे श्रमिकों को किफायती आवास, कौशल विकास के माध्यम से बढ़ी हुई रोजगार क्षमता और वृद्धावस्था पेंशन प्रदान करती हैं।
  • ई-श्रम पोर्टल कार्यबल में समावेशन को बढ़ावा देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है, जिसे असंगठित श्रमिकों, विशेष रूप से प्रवासी और निर्माण श्रमिकों का एक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने के लिए लॉन्च किया गया है।
    • ई-श्रम कार्ड प्रदान करने वाली यह पहल विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत लाभों तक पहुंच को सक्षम बनाती है।
      • पोर्टल एक असंगठित क्षेत्र के श्रमिक को 30 व्यापक व्यवसाय क्षेत्रों में 400 तरह के रोजगार के तहत स्व-घोषणा के आधार पर पोर्टल पर खुद को पंजीकृत करने की अनुमति देता है। इस पोर्टल पर अब तक 29 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिक पंजीकृत हो चुके हैं।
  • भारत ने श्रम बाजार में उम्रदराज लोगों की भागीदारी को बढ़ावा देने ; व्यावसायिक प्रशिक्षण, कौशल विकास और जॉब प्लेसमेंट सेवाओं सहित विकलांग व्यक्तियों के पुनर्वास; और पारंपरिक रूप से हाशिए पर रहने वाले और कमजोर समूहों के लिए भी कई कदम उठाए हैं।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1. सेना के कमांडर वैचारिक मुद्दों पर विचार-मंथन एवं सुरक्षा की समग्र स्थिति की समीक्षा और आकलन करेंगे:

  • वर्ष 2024 के लिए सेना के कमांडरों का पहला सम्मेलन हाइब्रिड मोड में आयोजित किया जाएगा।
  • यह सम्‍मेलन 28 मार्च, 2024 को आभासी रूप से और उसके बाद 01 और 02 अप्रैल 2024 को नई दिल्ली में वास्‍तविक रूप से आयोजित किया जाएगा।
  • इस सम्मेलन में रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह वरिष्ठ सैन्य नेतृत्व को संबोधित करेंगे और उनके साथ बातचीत भी करेंगे।
  • यह सम्मेलन भारतीय सेना के शीर्ष नेतृत्व के लिए वैचारिक मुद्दों पर विचार-मंथन करने, समीक्षा करने और सुरक्षा की समग्र स्थिति का आकलन करने के एक महत्वपूर्ण मंच का कार्य करता है।
  • यह भविष्य का रुख तय करने की दिशा में महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों को सुगम बनाने वाली प्रमुख प्राथमिकताओं को निर्धारित करेगा।
  • नई दिल्ली में 28 मार्च, 2024 से शुरू होने वाले इस सम्मेलन की अध्यक्षता थल सेनाध्यक्ष (सीओएएस) जनरल मनोज पांडे करेंगे।
  • इसमें सेना के कमांडर अपनी-अपनी कमान के मुख्यालय से आभासी रूप से भाग लेंगे। इसमें सेना और पूर्व सैनिकों के कल्याण को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण एजेंडों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
  • इस सम्मेलन में उभरते भू-राजनीतिक परिदृश्य और राष्ट्रीय सुरक्षा पर उसके प्रभाव के बारे में इस विषय से संबंधित विशिष्‍ट विशेषज्ञों द्वारा चर्चा भी की जाएगी।
  • 01 अप्रैल, 2024 को वास्‍तविक रूप से होने वाले इस आयोजन के दौरान सेना का शीर्ष नेतृत्व गहन विचार-मंथन सत्रों में शामिल होगा।
  • इन सत्रों का उद्देश्य परिचालन प्रभावशीलता को बढ़ाना, नवाचार और अनुकूलनशीलता की संस्कृति को बढ़ावा देने के महत्व और भविष्य की चुनौतियों से निपटने की तैयारी सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षण और विकास कार्यक्रमों में निवेश करना होगा।
  • विचार-मंथन सत्र में सैनिकों और उनके परिवारों के लिए जीवन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से सेवा कर्मियों के कल्याण से संबंधित मुद्दे भी शामिल होंगे।
  • इसके बाद सीओएएस की अध्यक्षता में सेना समूह बीमा की निवेश सलाहकार समिति की बैठक होगी, जिसमें वित्तीय प्रबंधन क्षेत्र के कई विशेषज्ञ भाग लेंगे।
  • यह समिति सेवारत सैनिकों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों की वित्तीय सुरक्षा के लिए विभिन्न कल्याणकारी उपायों और योजनाओं के बारे में विचार-विमर्श करेगी।

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