विषयसूची:
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29 April 2024 Hindi PIB
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1. खान मंत्रालय ने महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्र में ज्ञान आधारित सहयोग प्रदान करने के लिए शक्ति सस्टेनेबल एनर्जी फाउंडेशन के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए:
सामान्य अध्ययन: 2
शासन:
विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।
मुख्य परीक्षा: खनिज शिखर सम्मेलन का महत्व।
प्रसंग:
- नई दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में लाभकारी और प्रसंस्करण क्षमताओं के विस्तार को लेकर दो-दिवसीय ”महत्वपूर्ण खनिज शिखर सम्मेलन शुरू हुआ।
उद्देश्य:
- शिखर सम्मेलन में स्थलीय और समुद्री दोनों ही हिस्सों से प्राप्त खनिजों की एक विविध श्रृंखला को प्रदर्शित करने वाले प्रदर्शनी मंडप शामिल थे, जिससे उपस्थित लोगों को महत्वपूर्ण खनिज को लेकर व्यापक परिदृश्य के बारे में जानकारी मिली।
विवरण:
- इस शिखर सम्मेलन का उद्घाटन मंत्रालय के संरक्षण में किया गया। खान सचिव श्री वी एल कांता राव ने महत्वपूर्ण खनिजों के लाभ और प्रसंस्करण में सहयोग व नवाचार को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन किए गए इस शिखर सम्मेलन के उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता की।
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खान सचिव ने अपने देश की तीव्र आर्थिक वृद्धि और स्वच्छ ऊर्जा आकांक्षाओं का समर्थन करने के लिए महत्वपूर्ण खनिजों की कारगर खोज और उपयोग की भारत की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया।
- उन्होंने घरेलू खनिज अन्वेषण और उत्पादन में तेजी लाने के उद्देश्य से खनिज ब्लॉक की नीलामी सहित हालिया सरकारी पहलों पर प्रकाश डाला।
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शिखर सम्मेलन के मौके पर, खान मंत्रालय और शक्ति सस्टेनेबल एनर्जी फाउंडेशन के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
- यह समझौता ज्ञापन खान मंत्रालय, शक्ति सस्टेनेबल एनर्जी फाउंडेशन, ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद (सीईईडब्ल्यू) और टीईआरआई के बीच साझेदारी की शुरुआत करता है।
- यह साझेदारी महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्र में ज्ञान आधारित सहयोग प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करेगी, जो भारत के आर्थिक विकास, राष्ट्रीय सुरक्षा और कार्बन उत्सर्जन के न्यूनीकरण के लिए महत्वपूर्ण हैं।
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शिखर सम्मेलन ने भारत की प्रसंस्करण व लाभकारी क्षमताओं के निर्माण और घरेलू एवं वैश्विक बाजारों के लिए व्यापक बनाने की रणनीतियों जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर महत्वपूर्ण पैनल चर्चा की भी मेजबानी की।
- खनिज शिखर सम्मेलन में चर्चाएं आईआईटी हैदराबाद में इंडो-ऑस्ट्रेलियाई क्रिटिकल मिनरल्स रिसर्च हब जैसी पहल के साथ, खनिज प्रसंस्करण में अनुसंधान और विकास के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता के इर्द-गिर्द केंद्रित रहीं।
- इसके बाद, एक प्रौद्योगिकी सत्र आयोजित किया गया, जहां निजी कंपनियों, अनुसंधान एवं विकास संस्थानों, शिक्षाविदों के साथ-साथ जीएसआई और एनएफटीडीसी ने एक प्रस्तुति के माध्यम से भारत में महत्वपूर्ण खनिजों के प्रसंस्करण और लाभदायकता के लिए उपलब्ध भारत की खनिज क्षमता और प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन किया।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
आज इससे सम्बंधित कुछ नहीं हैं।
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