विषयसूची:
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29 June 2024 Hindi PIB
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18वां सांख्यिकी दिवस
सामान्य अध्ययन: 2
शासन
विषय: ई-गवर्नेंस- अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएँ, सीमाएँ और संभावनाएँ।
प्रारंभिक परीक्षा: 18वां सांख्यिकी दिवस; सांख्यिकी की भूमिका और महत्व।
प्रसंग:
- सांख्यिकी और आर्थिक नियोजन के क्षेत्र में प्रोफेसर (दिवंगत) प्रशांत चंद्र महालनोबिस की जयंती के अवसर पर उनके द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण योगदान के सम्मान में, भारत सरकार ने हर वर्ष 29 जून को राष्ट्रीय स्तर पर मनाए जाने वाले विशेष दिवसों की श्रेणी में “सांख्यिकी दिवस” के रूप में नामित किया है।
विवरण:
- सांख्यिकी दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य विशेष रूप से युवा पीढ़ी व जनमानस में देश के विकास के लिए सामाजिक-आर्थिक नियोजन और नीति निर्माण में सांख्यिकी की भूमिका और महत्व के बारे में जागरूकता लाना है।
- वर्ष 2007 से, सांख्यिकी दिवस समकालीन राष्ट्रीय महत्व की भावना के साथ मनाया जाता है। सांख्यिकी दिवस, वर्ष 2024 की विषय वस्तु “निर्णय लेने के लिए डेटा का उपयोग” है। डेटा संचालित निर्णय लेने की अवधारणा किसी भी क्षेत्र में सूचित निर्णय लेने के लिए महत्वपूर्ण है, और यह आधिकारिक सांख्यिकी से प्राप्त सांख्यिकीय जानकारी की उचित समझ और साक्ष्य-आधारित निर्णय लेने की सुविधा के लिए पहली आवश्यक शर्तों में से एक है।
- सांख्यिकी दिवस, वर्ष 2024 के मुख्य कार्यक्रम का आयोजन नई दिल्ली के दिल्ली कैंट में स्थित मानेकशॉ सेंटर में आयोजित किया गया।
- राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के अध्यक्ष प्रो. राजीव लक्ष्मण करंदीकर ने डेटा को अधिकतम सुलभ और उपयोगी बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया और सुझाव दिया कि डेटा तैयार करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी से लाभान्वित होने के मंत्रालय द्वारा किए जा रहे प्रयासों को जारी रखने की आवश्यकता है।
- उन्होंने हितधारकों के बीच समन्वय के माध्यम से विभिन्न एजेंसियों द्वारा तैयार किए गए डेटाबेस की इंटरऑपरेबिलिटी और लिंकिंग की आवश्यकता पर भी बल दिया।
- सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव ने दर्शकों को संबोधित करते हुए सर्वेक्षण डेटा में समय-अंतराल को कम करने के लिए मंत्रालय द्वारा की जा रही पहलों पर प्रकाश डाला जैसे कि कंप्यूटर-सहायता प्राप्त व्यक्तिगत साक्षात्कार (सीएपीआई), नए सर्वेक्षण, उपयोगकर्ता जुड़ाव अभ्यास और अभी लॉन्च किए गए ई-सांख्यिकी पोर्टल।
- इस आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों, राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों जैसे संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों, विश्व बैंक आदि के प्रतिनिधि और अन्य हितधारकों ने भी भाग लिया।
- विश्व बैंक समूह के गरीबी और समानता वैश्विक अभ्यास के वैश्विक निदेशक श्री लुइस फेलिप लोपेज़-कैल्वा द्वारा निर्णय लेने के लिए डेटा का उपयोग करने के वैश्विक अनुभव पर एक प्रस्तुति दी गई। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि डेटा प्रभावी नीति निर्माण के लिए एक आधारभूत सरंचना है, साथ ही उन्होंने प्रचलित वैश्विक पद्धतियों को साझा किया।
- ताजा सतत विकास लक्ष्य पर आधारित – राष्ट्रीय संकेतक रूपरेखा (एसडीजी- एनआईएफ), हर वर्ष 29 जून को सांख्यिकी दिवस के अवसर पर समय श्रृंखला डेटा के साथ एसडीजी पर प्रगति रिपोर्ट जारी करता है, साथ ही प्रगति रिपोर्ट से प्राप्त दो पुस्तिकाएँ भी जारी करता है।
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इस आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर निम्नलिखित तीन रिपोर्ट जारी की गईं:
- सतत विकास लक्ष्य – राष्ट्रीय संकेतक रूपरेखा प्रगति रिपोर्ट, 2024’
- ‘सतत विकास लक्ष्यों पर डेटा स्नैपशॉट- राष्ट्रीय संकेतक रूपरेखा, 2024’
- ‘सतत विकास लक्ष्य- राष्ट्रीय संकेतक रूपरेखा, 2024’
- इस अवसर पर सांख्यिकी मंत्रालय ने देश में आधिकारिक सांख्यिकी के प्रसार में सुलभता के लिए एक व्यापक डेटा प्रबंधन और साझाकरण प्रणाली स्थापित करने के उद्देश्य से एक ई सांख्यिकी पोर्टल (https://esankhyiki.mospi.gov.in) लॉन्च किया।
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इसका उद्देश्य योजनाकारों, नीति-निर्माताओं, शोधकर्ताओं और जनमानस के लिए समय पर इनपुट प्रदान करना है। ईसांख्यिकी पोर्टल में दो खंड हैं जो डेटा की आसान पहुँच और पुनः उपयोग की सुविधा प्रदान करते हैं। जिनके नाम हैं:
- डेटा कैटलॉग: कैटलॉग में मंत्रालय की प्रमुख डेटा संपत्तियाँ जैसे राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक, उद्योगों का वार्षिक सर्वेक्षण, सामयिक श्रम बल सर्वेक्षण और घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण एक ही स्थान पर सूचीबद्ध हैं।
- मैक्रो संकेतक: यह फ़िल्टरिंग और विज़ुअलाइज़ेशन के लिए सुविधाओं सहित प्रमुख मैक्रो संकेतकों का समय श्रृंखला डेटा प्रदान करता है। यह उपयोगकर्ताओं को कस्टम डेटासेट, विज़ुअलाइज़ेशन डाउनलोड करने और अप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) के माध्यम से वहां तक पहुँच की अनुमति प्रदान करता है, जिससे डेटा की पुनः उपयोगिता में वृद्धि होती है। वर्तमान समय में, इस खंड में सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के चार प्रमुख उत्पाद शामिल हैं: राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक और उद्योगों का वार्षिक सर्वेक्षण, इसमें पिछले दस वर्षों के डेटा शामिल हैं।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- आईएनएस शिवालिक रिम ऑफ द पैसिफिक अभ्यास (रिमपैक)-24 में भाग लेने के लिए पर्ल हार्बर पहुंचा
- दक्षिण चीन सागर और उत्तरी प्रशांत महासागर में तैनात भारत का बहुउद्देश्यीय भूमिकाओं वाला विभिन्न क्षमताओं एवं हथियार प्रणालियों से लैस आईएनएस शिवालिक रिम ऑफ द पैसिफिक (रिमपैक) अभ्यास में भाग लेने के लिए हवाई के पर्ल हार्बर पहुंच गया है, जो दुनिया का सबसे बड़ा नौसैनिक अभ्यास आयोजित कर रहा है। भारत और जापान के बीच द्विपक्षीय अभ्यास जिमेक्स 24 के पूरा होने के बाद बृहस्पतिवार को आईएनएस शिवालिक पर्ल हार्बर पहुंचा।
- 27 जून से 07 जुलाई 2024 तक संचालित होने वाले अभ्यास के बंदरगाह चरण में कई संगोष्ठियों, अभ्यास योजना चर्चाओं, खेल प्रतियोगिताओं और पारस्परिक डेक दौरों का आयोजन किया जाएगा।
- रिमपैक-24 के समुद्री चरण को तीन उप-चरणों में विभाजित किया गया है, जिसमें पहले दो उप-चरणों के दौरान युद्धपोत बुनियादी एवं उन्नत स्तर के एकीकरण अभ्यास पूरे करेंगे। इस कार्यक्रम का समापन युद्ध कौशल स्तर के बड़े बल आधारित सामरिक अभ्यास के साथ होगा। इस सहभागिता के दौरान विमान वाहक युद्ध समूह, पनडुब्बियां, समुद्री टोही विमान, मानव रहित हवाई वाहन, दूर से संचालित होने वाले सतह के जहाज और बहुराष्ट्रीय नौसेनाओं के विशेष बलों के साथ संयुक्त अभियानों सहित जल-थल-आकाश के बल लैंडिंग ऑपरेशन में शामिल होंगे।
- छह सप्ताह से अधिक समय तक चलने वाले गहन संचालन एवं प्रशिक्षण के अभ्यास रिमपैक-24 का उद्देश्य मित्र देशों की नौसेनाओं के बीच आपसी सहभागिता की क्षमताओं को बढ़ाना और साझा विश्वास का निर्माण करना है। लगभग 29 देश अमेरीका की नौसेना के नेतृत्व में इस बहुआयामी अभ्यास के वर्तमान संस्करण में भाग ले रहे हैं। दुनिया का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय समुद्री अभ्यास रिमपैक-24 प्रतिभागी देशों के बीच सहकारी संबंधों को बढ़ावा देने और विस्तार प्रदान करने के साथ-साथ एक अनूठा प्रशिक्षण अवसर उपलब्ध कराता है, जो समुद्री मार्गों की रक्षा व दुनिया के महासागरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
- भारतीय समुद्री तट से 9000 समुद्री मील दूर आयोजित किये गए रिमपैक-24 में आईएनएस शिवालिक की भागीदारी होना विश्व के किसी भी हिस्से में भारतीय नौसेना द्वारा संचालन करने की विशिष्ट क्षमता का प्रमाण देता है।
- आईएनएस शिवालिक स्वदेशी रूप से तैयार और निर्मित 6000 टन भार वाला मिसाइल प्रक्षेपित करने में सक्षम स्टील्थ फ्रिगेट जहाज है।
- देश की विभिन्न विशेषज्ञताओं में प्रतिष्ठित चिकित्सा पेशेवरों को “टाइम्स नाउ” डॉक्टर पुरस्कार प्रदान किए गए
- केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 29 जून को मुख्य अतिथि के रूप में देश की विभिन्न विशेषज्ञताओं में प्रतिष्ठित चिकित्सा पेशेवरों को “टाइम्स नाउ” डॉक्टर पुरस्कार प्रदान किए।
- इस कार्यक्रम का आयोजन डॉक्टर्स डे की पूर्व संध्या पर “टाइम्स नाउ” मीडिया समूह द्वारा किया गया था।
- इस अवसर पर बोलते हुए और तत्पश्चात “टाइम्स नाउ” के साथ एक विशेष मीडिया बातचीत में, डॉ. जितेंद्र सिंह ने युवाओं में निवारक स्वास्थ्य सेवा पर जोर दिया। उन्होंने कहा, कम उम्र में होने वाली बीमारियों जैसे टाइप 2 डायबिटीज मेलिटस, कम उम्र में दिल का दौरा, घातक रोग आदि में व्यापक वृद्धि न केवल एक स्वास्थ्य चुनौती है, बल्कि युवा ऊर्जा और युवा क्षमता के लिए भी खतरा है, जबकि यह राष्ट्र निर्माण और भारत 2047 के सपने को साकार करने के कार्य में योगदान दे सकते हैं।
- डॉ. जितेंद्र सिंह ने चिकित्सा पेशेवरों को सम्मानित करने और उन्हें मीडिया स्लॉट प्रदान करने की पद्धति की शुरूआत करने के लिए “टाइम्स नाउ” की सराहना की, जो आमतौर पर डॉक्टरों को उपलब्ध नहीं होता है।
- डॉ. जितेंद्र सिंह, जो स्वयं चिकित्सा और एंडोक्राइनोलॉजी के प्रोफेसर हैं, उन्होंने अपने शिक्षक डॉ. बीसी रॉय, पुरस्कार विजेता प्रोफेसर डॉ. वी. शेषैया से मिलने पर आभार व्यक्त किया, जो भारत के पहले मधुमेह विभाग के संस्थापक-प्रमुख हैं, जिसे मद्रास मेडिकल कॉलेज, चेन्नई में शुरू किया गया था। उन्हें इस आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया गया। उन्होंने डॉक्टरों की तीन पीढ़ियों को एक मंच पर एक साथ लाने के लिए आयोजकों की भी प्रशंसा की। केंद्रीय मंत्री ने ‘लीजेंड्स ऑफ मेडिसिन’ श्रेणी में डॉक्टरों को भी सम्मानित किया।
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि “भारत डॉक्टरों द्वारा किए गए त्याग व बलिदान को स्वीकार करता है, विशेषत: कोविड-19 महामारी जैसे चुनौतीपूर्ण समय के दौरान” और डॉक्टर्स डे का आयोजन हमारे डॉक्टरों और चिकित्सा पेशेवरों के अथक समर्पण और अमूल्य योगदान का सम्मान करने का एक विशेष अवसर है।
- स्वास्थ्य क्षेत्र में पिछले एक दशक में भारत की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि “भारत न केवल उपचारात्मक स्वास्थ्य सेवा में बल्कि निवारक स्वास्थ्य सेवा में भी वैश्विक नेतृत्व कर रहा है।” उन्होंने डिजिटल स्वास्थ्य सेवा की भूमिका और टेलीमेडिसिन के माध्यम से सुदूरवर्ती स्थानों तक पहुँचने में इसके प्रभाव का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया। उन्होंने यह भी साझा किया कि भारत ने हमारे पड़ोसी देशों में टीकों और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- उन्होंने साझा किया कि स्वास्थ्य देखभाल को एलोपैथिक चिकित्सा तक सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि इसे आयुष और अन्य प्रणालियों के एकीकरण के साथ समग्र रूप से देखा जाना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया किया कि सरकार चिकित्सा पेशेवरों के लिए बेहतर कामकाजी स्थितियां, निरंतर शिक्षा और अनुसंधान के अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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